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वैज्ञानिक यन्त्र

सूची वैज्ञानिक यन्त्र

ऑल्टीमीटर - इससे विमानोँ की ऊँचाई नापी जाती हैं। अमीटर - इससे विद्युत धारा को नापा जाता हैं। एनिमोमीटर - इससे वायु की शक्ति तथा गति को नापा जाता हैं। आडियोमीटर - यह मनुष्य द्वारा ध्वनि के सुनने की क्षमता को मापने वाला यंत्र हैं। ओडियोफोन - इसे लोग सुनने में सहायता के लिए कान में लगाते हैं। बैरोग्राफ - यह वायुमण्डल के दाब में होने वाले परिवर्तन को नापता है और स्वतः ही इसका ग्राफ बना देता हैं। बाइनोकुलर्स - इससे दूर स्थित वस्तुयें स्पष्ट देखी जा सकती हैं। कैलीपर्स - इससे गोल वस्तुओँ के भीतरी तथा बाहरी व्यास नापा जा सकता है। इससे मोटाई भी नापी जा सकती हैं। कैलोरीमीटर - इससे ऊष्मा की मात्रा मापी जाती हैं। कारडियोग्राम - इससे हृदय रोग से ग्रसित व्यक्ति की हृदय गति की जाँच की जाती हैं। सिनेमोटोग्राफ - इस यंत्र के द्वारा छोटी-छोटी फिल्म के चित्रोँ को बड़ा करके दिखाया जाता हैं। इसमें अनेक लैंसोँ को इस प्रकार लगाया जाता है कि चित्र गतिमय दिखाई देते हैं। दिक्सूचक सुई (कम्पास नीडिल) - इसके द्वारा किसी स्थान की दिशा ज्ञात की जाती हैं। एपीडायस्कोप - इस यंत्र के द्वारा अपारदर्शक चित्र पर्दे पर दिखाये जा सकते हैं। यूडिओमीटर - इसके द्वारा गैसोँ में रासायनिक क्रिया के कारण होने वाले आयतन के परिवर्तनोँ को नापा जाता हैं। फेदोमीटर - इससे समुद्र की गहराई नापी जाती हैं। ग्रामोफोन - इस उपकरण के द्वारा रिकॉर्ड पर अंकित ध्वनि तंरगोँ को पुनः उत्पादित किया जा सकता है और सुना जा सकता हैं। ग्रेवोमीटर - इससे पानी की सतह पर तेल की उपस्थिति ज्ञात की जाती हैं। आर्द्रतामापी (हाइग्रोमीटर) - इससे वायुमण्डल में व्याप्त आर्द्रता नापी जाती हैं। हाइड्रोफोन - इससे पानी में ध्वनि को अंकित किया जाता हैं। लैक्टोमीटर - इससे दूध की शुद्धता ज्ञात की जाती हैं। मैनोमीटर - इससे गैसोँ का दाब ज्ञात करते हैं। सूक्षमदर्शी (माइक्रोस्कोप) - बहुत ही सूक्ष्म वस्तुओँ को इस उपकरण द्वारा आवर्धन करके (Magnify) देखा जाता हैं। माइक्रोटोम - इसे किसी वस्तु को बहुत पतले-पतले भागोँ में काटने के काम में लाया जाता हैं। ओडोमीटर - इससे मोटर गाड़ी की गति को ज्ञात किया जाता हैं। पैराशूट - यह छाते के समान उपकरण है जिससे युद्ध या आपात स्थिति के समय वायुयान से नीचे कूदा जा सकता हैं। परिदर्शी (पेरिस्कोप) - इसके द्वारा जब पनडुब्बी पानी के अंदर होती है तो पानी की सतह का अवलोकन कर सकती है और इसमें बैठे लोग बिना किसी के जाने हुए बिना किसी बाधा के बाहरी हलचल ज्ञात कर सकते हैं। फोनोग्राफ - इससे ध्वनि की तरगोँ को पुनः ध्वनि में परिवर्तित किया जाता हैं। फोटो कैमरा - इससे फोटोग्राफ लेकर कैमीकल्स की सहायता से इसे डेवलप किया जाता है ताकि सही चित्र बनकर निकलें। पिपेट - इसकी सहायता से द्रव की मापी गई मात्रा दूसरे बर्तन में डाली जा सकती हैं। विभवमापी (पोटेन्शियोमीटर) - इससे किसी सेल के विद्युत वाहक बल तथा तार के दो सिरोँ के विभवान्तर की नाप होती हैं। पायरोमीटर - उच्च तापोँ को मापने का उपकरण हैं। रेडियेटर - यह कारोँ तथा गाड़ियोँ के इंजनो को ठण्डा करने वाला उपकरण हैं। वर्षामापी (रेन गेज) - इससे किसी विशेष स्थान पर हुई वर्षा की मात्रा नापी जाती हैं। रेडियोमीटर - इस यंत्र द्वारा विकीर्ण ऊर्जा की तीव्रता को नापा जाता हैं। शर्करामापी - यह यंत्र किसी घोल में शक्कर की मात्रा नापने के काम आता हैं। भूकम्पमापी (सिस्मोग्राफ) - इस यंत्र से पृथ्वी सतह पर आने वाले भूकम्प के झटकोँ का स्वतः ही ग्राफ चित्रित होता हैं। स्पेक्ट्रोमीटर - इस यंत्र के माध्यम से स्पेक्ट्रम की उत्पत्ति की जाती है जिससे कि विभिन्न किरणोँ के तरंग दैर्ध्य को नापा जा सकें। वेगमापी (स्पीडोमीटर) - इससे किसी मोटर गाड़ी की चालन गति ज्ञात की जाती हैं। स्फैरोमीटर - इससे धरातल की वक्रता नापी जाती हैं। स्फिग्मोमेनोमीटर - इससे धमनियोँ में बहने वाले रक्त का दाब नापा जाता हैं। स्फिग्मोफोन - इससे नाड़ी धड़कन को तेज ध्वनि में सुना जा सकता हैं। स्टीरियोस्कोप - यह एक प्रकार का उत्तम वाइनोकुलर है। इससे किसी द्विविमीय चित्र को भली-भांति देखा जा सकता हैं। स्टेथिस्कोप - इससे हृदय तथा फेफड़ोँ की आवाज को सुना जा सकता है और रोग के लक्षण ज्ञात किये जा सकते हैं। स्टोप वॉच - इससे किसी कार्य या क्रिया की समय अवधि (यदि वह 30 मिनट से अधिक नहीं है) सही रूप में नापी जा सकती हैं। स्ट्रोवोस्कोप - इससे उन वस्तुओँ को जो तेज गति से घूम रही है रूकी हुई अवस्था में उनकी जाँच की जाती हैं। टैकोमीटर - इससे वायुयानोँ तथा मोटर वोटोँ की गति नापी जाती हैं। टेलीफोन - इसके द्वारा दो व्यक्ति, जो एक दूसरे से दूर होते हैं, आपस में बातचीत कर सकते हैं। दूरदर्शी (टेलिस्कोप) - इसकी सहायता से दूर स्थित वस्तुयें स्पष्ट देखी जा सकती हैं। टेलस्टार - 10 जुलाई 1962 को कैप कैनडी से छोड़ा गया यह अंतरिक्ष का संचार उपग्रह है इसके द्वारा एक देश के निवासी दूसरे देश के निवासियोँ से टेलिफोन द्वारा बातचीत कर सकते हैं इसके अतिरिक्त टेलिविजन संचार भी विभिन्न देशोँ में इसके द्वारा संभव हो सका हैं। थ्योडोलाइट - यह सर्वेक्षण करने का यंत्र है जो क्षैतिज तथा ऊर्ध्वाधर कोणोँ को नापकर दूरी को ज्ञात कराता हैं। तापयुग्म (थर्मोकपल) - जब भिन्न-भिन्न धातुओँ के तारोँ को सिरोँ पर जोड़ा जाय और उनमें से एक ओर के सिरोँ को गर्म किया जाये तथा दूसरी ओर के सिरोँ को एक कम स्थिर ताप पर रखा जाये तो परिपथ में एक विधुत धारा बहने लगती हैं इस प्रकार भिन्न धातुओँ के जोड़े को थर्मोकपल कहते हैं। थर्मोस्टेट - इस यंत्र के द्वारा उष्मा अपूर्ति पर नियंन्नण करके किसी वस्तु या पदार्थ का तापमान किसी बिन्दु पर नियत कर दिया जाता हैं। विस्कोमीटर - इस यंत्र से द्रवोँ की श्यानता नापी जाती हैं। लाइफ बोट तथा लाइफ वेस्ट - जब कोई जहाज डूबता है तो इनको उपयोग में लाकर यात्रियोँ को बचाया जाता हैं। .

19 संबंधों: ऊष्मा, ऊष्मामापी, तापयुग्म, दूरदर्शी, दूरभाष, पनडुब्बी, परिदर्शी, पैराशूट, फोनोग्राफ, भूकम्पमापी, वर्णक्रममापी, वर्षामापी, विद्युत धारा, विभवमापी, विकिरक, वैज्ञानिक उपकरण, ग्रामोफ़ोन, आर्द्रतामापी, अमीटर

ऊष्मा

इस उपशाखा में ऊष्मा ताप और उनके प्रभाव का वर्णन किया जाता है। प्राय: सभी द्रव्यों का आयतन तापवृद्धि से बढ़ जाता है। इसी गुण का उपयोग करते हुए तापमापी बनाए जाते हैं। ऊष्मा या ऊष्मीय ऊर्जा ऊर्जा का एक रूप है जो ताप के कारण होता है। ऊर्जा के अन्य रूपों की तरह ऊष्मा का भी प्रवाह होता है। किसी पदार्थ के गर्म या ठंढे होने के कारण उसमें जो ऊर्जा होती है उसे उसकी ऊष्मीय ऊर्जा कहते हैं। अन्य ऊर्जा की तरह इसका मात्रक भी जूल (Joule) होता है पर इसे कैलोरी (Calorie) में भी व्यक्त करते हैं। .

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ऊष्मामापी

ऊष्मामापी की संरचना: 1. तापमापी2. विडोलक (stirrer) 3. ढक्कन 4. अन्दर वाला पात्र 5. बाहरी पात्र 6. ऊष्मा के कुचालक के बने सपोर्ट (आधार) ऊष्मामापी या कैलोरीमीटर एक वैज्ञानिक उपकरण है जो ऊष्मामिति में सहायक है। इसका उपयोग रासायनिक अभिक्रियाओं की ऊष्मा मापने, या भौतिक परिवर्तनों की ऊष्मा मापने या ऊष्मा धारिता मापने के लिये किया जाता है। डिफरेंशियल स्कैनिंग कैलोरीमीटर, आइसोथर्मल माइक्रोकैलोरीमीटर, टाइट्रेशन कैलोरीमीटर तथा त्वरित दर कैलोरीमीटर आदि प्रमुख ऊष्मामापी हैं। किसी धातु के एक बर्तन में निश्चित द्रव्यमान का जल भरकर तथा एक तापमापी लगाकर दहन कक्ष के ऊपर लगा देने से एक सरल ऊष्मामापी बन जाता है। में आता है। .

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तापयुग्म

डिजिटल मल्टीमीटर से जुड़ा एक तापयुगम: कमरे का ताप सीधे डिग्री सेल्सियस में प्रदर्शित कर रहा है। दो भिन्न धातुओं के जोड़ (junction) को तापयुग्म (thermocouple) कहते हैं। यह जंक्शन जितना ही अधिक ताप पर होता है उन दो धातुओं के खुले सिरों के बीच उतना ही अधिक विभवान्तर प्राप्त होता है। यही इसके कार्य करने का आधारभूत सिद्धान्त है। तापमापन एवं ताप नियंत्रण के लिये इसका खूब प्रयोग किया जाता है। इसका उपयोग उष्मा को विद्युत उर्जा में बदलने के लिये भी किया जा सकता है। तापयुग्म बहुत सस्ते होते है। ये विस्तृत परास (रेंज) के ताप मापने के लिये उपयुक्त हैं। इनके द्वारा लगभग १ डिग्री सेल्सियस तक परिशुद्धता से ताप मापा जा सकता है। .

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दूरदर्शी

न्यूटनीय दूरदर्शी का आरेख दूरदर्शी वह प्रकाशीय उपकरण है जिसका प्रयोग दूर स्थित वस्तुओं को देख्नने के लिये किया जाता है। दूरदर्शी से सामान्यत: लोग प्रकाशीय दूरदर्शी का अर्थ ग्रहण करते हैं, परन्तु दूरदर्शी विद्युतचुंबकीय वर्णक्रम के अन्य भागों मै भी काम करता है जैसे X-रे दूरदर्शी जो कि X-रे के प्रति संवेदनशील होता है, रेडियो दूरदर्शी जो कि अधिक तरंगदैर्घ्य की विद्युत चुंबकीय तरंगे ग्रहण करता है। दूरदर्शी साधारणतया उस प्रकाशीय तंत्र (optical system) को कहते हैं जिससे देखने पर दूर की वस्तुएँ बड़े आकार की और स्पष्ट दिखाई देती हैं, अथवा जिसकी सहायता से दूरवर्ती वस्तुओं के साधारण और वर्णक्रमचित्र (spectrograms) प्राप्त किए जाते हैं। दूरवर्ती वस्तुओं का ज्ञान प्राप्त करने के लिए आजकल रेडियो तरंगों का भी उपयोग किया जाने लगा है। इस प्रकार का यंत्र रेडियो दूरदर्शी (radio telescope) कहलाता है। बोलचाल की भाषा में दूरदर्शी को दूरबीन भी कहते हैं। दूरबीन के आविष्कार ने मनुष्य की सीमित दृष्टि को अत्यधिक विस्तृत बना दिया है। ज्योतिर्विद के लिए दूरदर्शी की उपलब्धि अंधे व्यक्ति को मिली आँखों के सदृश वरदान सिद्ध हुई है। इसकी सहायता से उसने विश्व के उन रहस्यमय ज्योतिष्पिंडों तक का साक्षात्कार किया है जिन्हें हम सर्पिल नीहारिकाएँ (spiral nebulae) कहते हैं। ये नीहारिकाएँ हमसे करोड़ों प्रकाशवर्ष की दूरी पर हैं। आधुनिक ज्योतिर्विज्ञान (astronomy) और ताराभौतिकी (astrophysics) के विकास में दूरदर्शी का महत्वपूर्ण योग है। दूरदर्शी ने एक ओर जहाँ मनुष्य की दृष्टि को विस्तृत बनाया है, वहाँ दूसरी ओर उसने मानव को उन भौतिक तथ्यों और नियमों को समझने में सहायता भी दी है जो भौतिक विश्व के गत्यात्मक संतुलन (dynamic equilibirium) के आधार हैं। .

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दूरभाष

टच टोन, एकल लाइन, व्यापारिक दूरभाष दूरभाष या टेलीफोन, दूरसंचार का एक उपकरण है। यह दो या कभी-कभी अधिक व्यक्तियों के बीच बातचीत करने के काम आता है। विश्व भर में आजकल यह सर्वाधिक प्रचलित घरेलू उपकरण है। .

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पनडुब्बी

सन् १९७८ में ''एल्विन'' प्रथम विश्व युद्ध में प्रयुक्त जर्मनी की यूसी-१ श्रेणी की पनडुब्बी पनडुब्बी(अंग्रेज़ी:सबमैरीन) एक प्रकार का जलयान (वॉटरक्राफ़्ट) है जो पानी के अन्दर रहकर काम कर सकता है। यह एक बहुत बड़ा, मानव-सहित, आत्मनिर्भर डिब्बा होता है। पनडुब्बियों के उपयोग ने विश्व का राजनैतिक मानचित्र बदलने में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। पनडुब्बियों का सर्वाधिक उपयोग सेना में किया जाता रहा है और ये किसी भी देश की नौसेना का विशिष्ट हथियार बन गई हैं। यद्यपि पनडुब्बियाँ पहले भी बनायी गयीं थीं, किन्तु ये उन्नीसवीं शताब्दी में लोकप्रिय हुईं तथा सबसे पहले प्रथम विश्व युद्ध में इनका जमकर प्रयोग हुआ। विश्व की पहली पनडुब्बी एक डच वैज्ञानिक द्वारा सन १६०२ में और पहली सैनिक पनडुब्बी टर्टल १७७५ में बनाई गई। यह पानी के भीतर रहते हुए समस्त सैनिक कार्य करने में सक्षम थी और इसलिए इसके बनने के १ वर्ष बाद ही इसे अमेरिकी क्रान्ति में प्रयोग में लाया गया था। सन १६२० से लेकर अब तक पनडुब्बियों की तकनीक और निर्माण में आमूलचूल बदलाव आया। १९५० में परमाणु शक्ति से चलने वाली पनडुब्बियों ने डीज़ल चलित पनडुब्बियों का स्थान ले लिया। इसके बाद समुद्री जल से आक्सीजन ग्रहण करने वाली पनडुब्बियों का भी निर्माण कर लिया गया। इन दो महत्वपूर्ण आविष्कारों से पनडुब्बी निर्माण क्षेत्र में क्रांति सी आ गई। आधुनिक पनडुब्बियाँ कई सप्ताह या महिनों तक पानी के भीतर रहने में सक्षम हो गई है। द्वितीय विश्व युद्ध के समय भी पनडुब्बियों का उपयोग परिवहन के लिये सामान को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने के लिए किया जाता था। आजकल इनका प्रयोग पर्यटन के लिये भी किया जाने लगा है। कालपनिक साहित्य संसार और फंतासी चलचित्रों के लिये पनडुब्बियों का कच्चे माल के रूप मे प्रयोग किया गया है। पनडुब्बियों पर कई लेखकों ने पुस्तकें भी लिखी हैं। इन पर कई उपन्यास भी लिखे जा चुके हैं। पनडुब्बियों की दुनिया को छोटे परदे पर कई धारावाहिको में दिखाया गया है। हॉलीवुड के कुछ चलचित्रों जैसे आक्टोपस १, आक्टोपस २, द कोर में समुद्री दुनिया के मिथकों को दिखाने के लिये भी पनडुब्बियो को दिखाया गया है। .

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परिदर्शी

Zeiss submarine periscope optical design. Submarine monocular attack periscope. परिदर्शी (Periscope) एक प्रकाशिक यंत्र है जिसके द्वारा प्रेक्षक छिपा रहकर भी अपने चारों ओर के वातावरण को देख सकता है। इसका उपयोग पनडुब्बी, युद्धपोत, क्रूज़र युद्धक्षेत्र में छिपे सैनिकों द्वारा, एवं तोपखाने के तोपची अफसर द्वारा लक्ष्य को देखने और शत्रु की गतिविधि का ज्ञान करने के लिए होता है। प्रथम विश्वयुद्ध के समय में खाइयों से शत्रु पर नजर रखने के लिये इसका उपयोग हुआ था। कुछ प्रकार की बन्दूकों एवं तोपधारी गाड़ियों (armored vehicle) में भी इसका प्रयोग होता है। .

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पैराशूट

पैराशूट की सहायता से जमीन पर उतरता एक सैनिक दुनिया में पहला व्यावहारिक रूप से सफल पैराशूट बनाने का श्रेय फ्रांसीसी नागरिक लुइ सेबास्तियन लेनोर्मां को जाता है, जिन्होंने वर्ष १७८३ में इसका पहली बार सार्वजनिक प्रदर्शन किया था। हालांकि पंद्रहवीं सदी के दौरान लिओनार्दो दा विंची ने सबसे पहले पैराशूट की कल्पना करते हुए इसका रेखाचित्र भी तैयार किया था। दा विंची की इस डिजाइन से प्रेरणा लेकर फॉस्ट ब्रांसिस ने वर्ष १६१७ में एक सख्त फ्रेम वाला पैराशूट पहनकर वेनिस टॉवर से छलांग लगाई थी। उन्होंने अपने इस पैराशूट को होमो वोलंस नाम दिया था। हालांकि आपातकाल में पैराशूट के इस्तेमाल का पहला प्रयोग १७८५ में फ्रांसीसी नागरिक ज्यां पियरे ब्लांचार्ड ने किया था, जिन्होंने ऊंचाई पर तैर रहे एक हॉट एयर बैलून से एक कुत्ते को पैराशूट बंधी टोकरी के जरिए नीचे गिराया था। ब्लांचार्ड ने ही पहली बार सिल्क के कपड़े से तह करने लायक पैराशूट तैयार किया था। इसे इस्तेमाल करना भी आसान था। १७९७ में फ्रांस के आंद्रे गार्नेरिन ने पहली बार इसी तरह के पैराशूट के जरिए सफल जंप को अंजाम दिया था। गार्नेरिन ने कंपन कम करने के इरादे से इसमें कुछ और सुधार किया और इस तरह पहला छिद्रित पैराशूट अस्तित्व में आया। श्रेणी:सैन्य उपकरण श्रेणी:खेल के उपकरण.

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फोनोग्राफ

फोनोग्राफ ध्वनि के अभिलेखन के लिए काम में लिया जाने वाला एक उपकरण है जिसका आविष्कार १८७७ में हुआ। वर्तमान में इसे ग्रामोफोन अथवा रिकॉर्ड प्लेयर के रूप में भी जाना जाता है। इसका आविष्कार थॉमस एडीसन ने किया था। .

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भूकम्पमापी

भूकम्पमापी के आन्तरिक भाग एक सरल भूकम्पमापी भूकंपमापी (Seismometer) भूगति के एक घटक को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष विधि से अधिक यथार्थतापूर्वक अभिलिखित करने वाला उपकरण है। सुपरिचित प्राकृतिक भूकंपों, भूमिगत परमाणु परीक्षण एवं पेट्रोलियम अन्वेषण आदि में मनुष्यकृत विस्फोटों तथा तेज हवा, समुद्री तरंग, तेज मानसून एवं समुद्री क्षेत्र में तूफान या अवनमन आदि से उत्पन्न सूक्ष्मकंपों (microseism) के कारण भूगति उत्पन्न हो सकती है। उचित रीति से अनुस्थापित (oriented), क्षैतिज भूकंपमापी भूगति के पूर्व पश्चिम या उत्तर दक्षिण के घटक को अभिलिखित करता है और ऊर्ध्वाधर भूकंपमापी ऊर्ध्वाधर गति, अर्थात भूगति के ऊर्ध्वाधर घटक को अभिलिखित करता है। .

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वर्णक्रममापी

वर्णक्रममापी (स्पेक्ट्रोमीटर, स्पेक्ट्रोफोटोमीटर, स्पेक्ट्रोग्राफ या स्पेक्ट्रोस्कोप) विद्युत चुम्बकीय वर्णक्रम के एक विशिष्ट भाग के लिए प्रकाश की विशेषतायों के मापन हेतु उपयोग किया जाना वाला यंत्र है जो आम तौर पर सामग्री की पहचान के लिए स्पेक्ट्रोस्कोपी विश्लेषण में इस्तेमाल किया जाता है। मापित चर अक्सर प्रकाश की तीव्रता होता है, लेकिन उदाहरण के लिए यह ध्रुवीकरण स्थिति भी हो सकती है। स्वतंत्र चर आमतौर पर या तो प्रकाश की तरंग दैर्ध्य या फोटोन उर्जा के लिए सीधे आनुपातिक एक इकाई होता है जैसे वेवनंबर या इलेक्ट्रॉन वोल्ट जिसका तरंग दैर्ध्य के साथ व्युत्क्रम संबंध होता है। स्पेक्ट्रोमीटर स्पेक्ट्रोस्कोपी में वर्णक्रमीय पंक्तियों के उत्पादन तथा तरंगदैर्य और तीव्रता के मापन हेतु प्रयोग किया जाता है। स्पेक्ट्रोमीटर एक शब्दावली है जो गामा रेज़ और एक्स रेज़ से लेकर फार इन्फ्रारेड की व्यापक रेंज के तरंग दैर्ध्य पर संचालित होने वाले उपकरणों पर लागू की जाती है। अगर रूचि का क्षेत्र विजिबिल स्पेक्ट्रम के पास प्रतिबंधित है, तो अध्ययन को स्पेक्ट्रोफोटोमेट्री कहा जाता है। सामान्यत: कोई भी विशेष उपकरण इस पूर्ण रेंज के एक छोटे से हिस्से पर संचालित हो सकता है ऐसा स्पेक्ट्रम के विभिन्न भागों को मापने के लिए इस्तेमाल की जानी वाली तकनीक की वजह से होता है। ऑप्टिकल आवृत्तियों के नीचे (जैसे माइक्रोवेव और रेडियो आवृत्तियों में), स्पेक्ट्रम विश्लेषक एक निकटीय संबंधित इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है। .

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वर्षामापी

मानक '''वर्षामापी''' वर्षामापी का रेकार्ड (Tipping Bucket Rain Gauge Recorder) वर्षा रिकार्डर के चार्ट का पास से लिया गया दृष्य वर्षामापी (rain gauge या udometer या pluviometer) एक ऐसी युक्ति है जो वर्षा की मात्रा की माप करता है। मौसमविज्ञानी इसका बहुत उपयोग करते हैं। .

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विद्युत धारा

आवेशों के प्रवाह की दिशा से धारा की दिशा निर्धारित होती है। विद्युत आवेश के गति या प्रवाह में होने पर उसे विद्युत धारा (इलेक्ट्रिक करेण्ट) कहते हैं। इसकी SI इकाई एम्पीयर है। एक कूलांम प्रति सेकेण्ड की दर से प्रवाहित विद्युत आवेश को एक एम्पीयर धारा कहेंगे। .

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विभवमापी

आमतौर पर प्रयोग किया जाने वाला एक विभवमापी (१ चक्कर वाला) पीसीबी पर लगाये जाने योग्य भिन्न-भिन्न प्रकार के १२ विभवमापी विभवमापी या पोटैन्शियोमीटर (potentiometer) तीन सिरे वाला एक प्रतिरोध होता है जिसमें दो सिरे नियत (fixed) होते हैं और इन सिरों के बीच का तीसरा सिरा परिवर्ती (sliding contact) होता है। इसका प्रयोग विद्युत परिपथ अथवा सेल का विभव मापने में किया जाता है। इसकी इस रचना के कारण इसे परिवर्ती प्रतिरोध (variable resistor या Rheostat) के रूप में या विभव-विभाजक (Potential divider) के रूप में उपयोग में लाया जा सकता है। आकार, रूप एवं कार्य की दृष्टि से तरह-तरह के विभवमापी प्रयोग किए जाते हैं। .

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विकिरक

जल-वायु संवहन शीतलन पर आधारित स्वचालित गाड़ी का विकिरक विकिरक या रेडियेटर (Radiators) एक माध्यम से दूसरे माध्यम में उष्मीय उर्जा का विनिमय करने वाली युक्ति है। इसकी सहायता से किसी चीज को गरम या ठण्डा किया जा सकता है। इनका उपयोग वाहनों, घरों, एवं विद्युतीय (एलेक्ट्रानिक) उपकरणों आदि के तापमान को सुरक्षित सीमा में बनाये रखने के लिये किया जाता है। श्रेणी:उष्मा bg:Радиатор da:Radiator de:Radiator fi:Lämpöpatteri he:מקרן nl:Radiator pl:Radiator ru:Радиатор sk:Radiátor sl:Radiator sv:Radiator.

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वैज्ञानिक उपकरण

वैज्ञानिक उपकरण से हमारे काम आसानी से हो जाते हैं। वैज्ञानिक उपकरण किसी विज्ञान के कार्य को करने में सुविधा या सरलता या आसानी प्रदान करते हैं। यह उन वैज्ञानिक कार्यों को भी सहज से कर सकते हैं जो उनके बिना सम्भव ही नहीं होता। .

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ग्रामोफ़ोन

एडिसन का बेलन फोनोग्राफ (cylinder phonograph; सन् 1899) ग्रामोफोन (gramophone) ध्वनि उत्पन्न करनेवाला एक यंत्र है, जो एक सूई के दोलनों को वायु में संचारित कर ध्वनि उत्पन्न करता है। सूई एक घूमते हुए रिकार्ड में बने घुमावदार खाँचे के संपर्क में होती है। ग्रामोफोनयूनानी भाषा में "ग्रामो" का अर्थ है अक्षर और "फोन" का अर्थ है ध्वनि। व्यापक अर्थ में किसी भी ऐसे यंत्र को ग्रामोफोन कहते हैं जिससे ध्वनि का अभिलेखन और बाद में पुनरुत्पादन होता है। .

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आर्द्रतामापी

डायल वाला आर्द्रतामापी वायुमंडल की आर्द्रता नापने के साधनों को आर्द्रतामापी (हाइग्रोमीटर / Hygrometer) कहते हैं। .

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अमीटर

अमीटर जिस धारा को नापना है, उसे वहन करने वाला तारस्प्रिंग रोटर की गति का विरोध करते हुए बल लगाती है अमीटर, जिसका शून्य बीच में है। ऐमीटर या 'एम्मापी' (ammeter या AmpereMeter) किसी परिपथ की किसी शाखा में बहने वाली विद्युत धारा को मापने वाला यन्त्र है। बहुत कम मात्रा वाली धाराओं को मापने के लिये प्रयुक्त युक्तियोंको "मिलिअमीटर" (milliameter) या "माइक्रोअमीटर" (microammeter) कहते हैं। अमीटर की सबसे पुरानी डिजाइन डी'अर्सोनल (D'Arsonval) का धारामापी या चलित कुण्डली धारामापी था। .

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