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वीरेन्द्र सिंह (पहलवान)

सूची वीरेन्द्र सिंह (पहलवान)

वीरेन्द्र सिंह वीरेन्द्र ठाकरान (धीरज पहलवान; जन्म १९७०) भारतीय पहलवान हैं जिन्होने १९९२ में काली (Cali) में विश्व कुश्ती चम्पियनशिप में कांस्य पदक जीता था। १९९५ में कामनवेल्थ चम्पियनशिप में उन्होने रजत पदक जीता था (७४ किलो, फ्रीस्टाइल)। दक्षिण एशियाई चम्पियनशिप में उन्हें स्वर्ण पदक प्राप्त हुआ। ग्रामीण क्षेत्रों में होने वाले कुश्ती मुकाबलों में वे बहुत लोकप्रिय हैं और लोग उन्हें धीरज पहलवान के नाम से पुकारते हैं। वीरेन्द्र का जनम गुरुग्राम के निकट झाड़सा गाँव में श्री भरत सिंह ठाकरान के घर सं १९७० में हुआ। इन्होने सन १९९१ से लेकर १९९७ तक इस्लामपुर गाँव में गुगा नवमी पर होने वाले दंगल में हमेशा कुश्तिया जीती थी। .

सामग्री की तालिका

  1. 5 संबंधों: भारतीय रेल, हंसराम पहलवान, गुरु हनुमान, गुरुग्राम, अखाड़ा

भारतीय रेल

यार्ड में खड़ी एक जनशताब्दी रेल। भारतीय रेल (आईआर) एशिया का सबसे बड़ा रेल नेटवर्क तथा एकल सरकारी स्वामित्व वाला विश्व का दूसरा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है। यह १६० वर्षों से भी अधिक समय तक भारत के परिवहन क्षेत्र का मुख्य घटक रहा है। यह विश्व का सबसे बड़ा नियोक्ता है, जिसके १३ लाख से भी अधिक कर्मचारी हैं। यह न केवल देश की मूल संरचनात्‍मक आवश्यकताओं को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है अपितु बिखरे हुए क्षेत्रों को एक साथ जोड़ने में और देश राष्‍ट्रीय अखंडता का भी संवर्धन करता है। राष्‍ट्रीय आपात स्थिति के दौरान आपदाग्रस्त क्षेत्रों में राहत सामग्री पहुंचाने में भारतीय रेलवे अग्रणी रहा है। अर्थव्यस्था में अंतर्देशीय परिवहन का रेल मुख्य माध्यम है। यह ऊर्जा सक्षम परिवहन मोड, जो बड़ी मात्रा में जनशक्ति के आवागमन के लिए बड़ा ही आदर्श एवं उपयुक्त है, बड़ी मात्रा में वस्तुओं को लाने ले जाने तथा लंबी दूरी की यात्रा के लिए अत्यन्त उपयुक्त है। यह देश की जीवनधारा है और इसके सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए इनका महत्वपूर्ण स्थान है। सुस्थापित रेल प्रणाली देश के दूरतम स्‍थानों से लोगों को एक साथ मिलाती है और व्यापार करना, दृश्य दर्शन, तीर्थ और शिक्षा संभव बनाती है। यह जीवन स्तर सुधारती है और इस प्रकार से उद्योग और कृषि का विकासशील त्वरित करने में सहायता करता है। .

देखें वीरेन्द्र सिंह (पहलवान) और भारतीय रेल

हंसराम पहलवान

सन् 1932 में हंसराम पहलवान का जनम गुडगाँव के निकट झाड़सा गाँव में हुआ। उनके पिता श्री लेखराम सोनी झाड़सा गांव के एक लोकप्रिय स्वर्णकार थे। .

देखें वीरेन्द्र सिंह (पहलवान) और हंसराम पहलवान

गुरु हनुमान

गुरु हनुमान (अंग्रेजी: Guru Hanuman, जन्म: १९०१, मृत्यु: १९९९) भारत के प्रख्यात कुश्ती प्रशिक्षक (कोच) तो थे ही, स्वयं बहुत अच्छे पहलवान भी थे। उन्‍होंने सम्‍पूर्ण विश्‍व में भारतीय कुश्‍ती को महत्‍वपूर्ण स्‍थान दिलाया। कुश्‍ती के क्षेत्र में विशेष उपलब्धियों के लिये उन्हें १९८३ में पद्मश्री पुरस्कार.

देखें वीरेन्द्र सिंह (पहलवान) और गुरु हनुमान

गुरुग्राम

गुरुग्राम (पूर्व नाम: गुड़गाँव), हरियाणा का एक नगर है जो राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली से सटा हुआ है। यह दिल्ली से ३२ किमी.

देखें वीरेन्द्र सिंह (पहलवान) और गुरुग्राम

अखाड़ा

महाभारत में वर्णित राजगीर का जरासंध अखाड़ा इलाहाबाद में कुम्भ मेला के समय गंगा पुल को पार करता साधुओं का अखाड़ा अखाड़ा शब्द दो अलग-अलग अर्थों में प्रयुक्त होता है-.

देखें वीरेन्द्र सिंह (पहलवान) और अखाड़ा

धीरज पहलवान, विरेन्द्र ठाकरान, विरेन्द्र सिंह के रूप में भी जाना जाता है।