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अखाड़ा

सूची अखाड़ा

महाभारत में वर्णित राजगीर का जरासंध अखाड़ा इलाहाबाद में कुम्भ मेला के समय गंगा पुल को पार करता साधुओं का अखाड़ा अखाड़ा शब्द दो अलग-अलग अर्थों में प्रयुक्त होता है-.

5 संबंधों: राजगीर, साधु, जरासन्ध, कुम्भ मेला, कुश्ती

राजगीर

राजगीर, बिहार प्रांत में नालंदा जिले में स्थित एक शहर एवं अधिसूचीत क्षेत्र है। यह कभी मगध साम्राज्य की राजधानी हुआ करती थी, जिससे बाद में मौर्य साम्राज्य का उदय हुआ। राजगृह का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। वसुमतिपुर, वृहद्रथपुर, गिरिब्रज और कुशग्रपुर के नाम से भी प्रसिद्ध रहे राजगृह को आजकल राजगीर के नाम से जाना जाता है। पौराणिक साहित्य के अनुसार राजगीर बह्मा की पवित्र यज्ञ भूमि, संस्कृति और वैभव का केन्द्र तथा जैन धर्म के 20 वे तीर्थंकर मुनिसुव्रतनाथ स्वामी के गर्भ, जन्म, तप, ज्ञान कल्याणक एवं 24 वे तीर्थंकर महावीर स्वामी के प्रथम देशना स्थली भी रहा है साथ ही भगवान बुद्ध की साधनाभूमि राजगीर में ही है। इसका ज़िक्र ऋगवेद, अथर्ववेद, तैत्तिरीय उपनिषद, वायु पुराण, महाभारत, वाल्मीकि रामायण आदि में आता है। जैनग्रंथ विविध तीर्थकल्प के अनुसार राजगीर जरासंध, श्रेणिक, बिम्बसार, कनिक आदि प्रसिद्ध शासकों का निवास स्थान था। जरासंध ने यहीं श्रीकृष्ण को हराकर मथुरा से द्वारिका जाने को विवश किया था। पटना से 100 किमी दक्षिन-पूर्व में पहाड़ियों और घने जंगलों के बीच बसा राजगीर न केवल एक प्रसिद्ध धार्मिक तीर्थस्थल है बल्कि एक सुन्दर हेल्थ रेसॉर्ट के रूप में भी लोकप्रिय है। यहां हिन्दु, जैन और बौद्ध तीनों धर्मों के धार्मिक स्थल हैं। खासकर बौद्ध धर्म से इसका बहुत प्राचीन संबंध है। बुद्ध न केवल कई वर्षों तक यहां ठहरे थे बल्कि कई महत्वपूर्ण उपदेश भी यहाँ की धरती पर दिये थे। बुद्ध के उपदेशों को यहीं लिपिबद्ध किया गया गया था और पहली बौद्ध संगीति भी यहीं हुई थी। .

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साधु

साधु, संस्कृत शब्द है जिसका सामान्य अर्थ 'सज्जन व्यक्ति' से है। लघुसिद्धान्तकौमुदी में कहा है- 'साध्नोति परकार्यमिति साधुः' (जो दूसरे का कार्य कर देता है, वह साधु है।)। वर्तमान समय में साधु उनको कहते हैं जो सन्यास दीक्षा लेकर गेरुए वस्त्र धारण करते है उन्हें भी साधु कहा जाने लगा है। साधु(सन्यासी) का मूल उद्देश्य समाज का पथप्रदर्शन करते हुए धर्म के मार्ग पर चलकर मोक्ष प्राप्त करना है। साधु सन्यासी गण साधना, तपस्या करते हुए वेदोक्त ज्ञान को जगत को देते है और अपने जीवन को त्याग और वैराग्य से जीते हुए ईश्वर भक्ति में विलीन हो जाते है। .

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जरासन्ध

A painting from the Mahabharata Balabhadra fighting Jarasandha जरासंध महाभारत कालीन मगध राज्य का नरेश था। वह बहुत ही शक्तिशाली राजा था और उसका सपना चक्रवती सम्राट बनने का था। यद्यपि वह एक शक्तिशाली राजा तो था, लेकिन वह था बहुत क्रूर। अजेय हो क अपना सपना पूरा करने के लिए उसने बहुत से राजाओं को अपने कारागार में बंदी बनाकर रखा था। वह मथुरा के यदुवँशी नरेश कंस का ससुर एवं परम मित्र था उसकी दोनो पुत्रियो आसित एव्म प्रापित का विवाह कंस से हुआ था। श्रीकृष्ण से कंस वध का प्रतिशोध लेने के लिए उसने १७ बार मथुरा पर चढ़ाई की लेकिन हर बार उसे असफल होना पड़ा। जरासंध श्री कृष्ण का परम शत्रु और एक योद्धा था। .

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कुम्भ मेला

हरिद्वार के कुंभ मेले (2010) के दौरान गंगा किनारे स्नान घाट पर श्रद्धालु २००१ के प्रयाग कुम्भ मेले का दृष्य कुंभ पर्व हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जिसमें करोड़ों श्रद्धालु कुंभ पर्व स्थल हरिद्वार, प्रयाग, उज्जैन और नासिक में स्नान करते हैं। इनमें से प्रत्येक स्थान पर प्रति बारहवें वर्ष और प्रयाग में दो कुंभ पर्वों के बीच छह वर्ष के अंतराल में अर्धकुंभ भी होता है। २०१३ का कुम्भ प्रयाग में हुआ था। खगोल गणनाओं के अनुसार यह मेला मकर संक्रांति के दिन प्रारम्भ होता है, जब सूर्य और चन्द्रमा, वृश्चिक राशी में और वृहस्पति, मेष राशी में प्रवेश करते हैं। मकर संक्रांति के होने वाले इस योग को "कुम्भ स्नान-योग" कहते हैं और इस दिन को विशेष मंगलिक माना जाता है, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इस दिन पृथ्वी से उच्च लोकों के द्वार इस दिन खुलते हैं और इस प्रकार इस दिन स्नान करने से आत्मा को उच्च लोकों की प्राप्ति सहजता से हो जाती है। यहाँ स्नान करना साक्षात स्वर्ग दर्शन माना जाता है। .

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कुश्ती

पहलवान कुश्ती एक अति प्राचीन खेल, कला एवं मनोरंजन का साधन है। यह प्राय: दो व्यक्तियों के बीच होती है जिसमें खिलाड़ी अपने प्रतिद्वंदी को पकड़कर एक विशेष स्थिति में लाने का प्रयत्न करता है। .

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