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विष्णु प्रभाकर

सूची विष्णु प्रभाकर

विष्णु प्रभाकर (२१ जून १९१२- ११ अप्रैल २००९) हिन्दी के सुप्रसिद्ध लेखक थे जिन्होने अनेकों लघु कथाएँ, उपन्यास, नाटक तथा यात्रा संस्मरण लिखे। उनकी कृतियों में देशप्रेम, राष्ट्रवाद, तथा सामाजिक विकास मुख्य भाव हैं। .

29 संबंधों: दिल्ली, नाटक, निबन्ध, नई दिल्ली, पद्म भूषण, पंजाब (भारत), प्रेमचंद, भारत, भारतीय ज्ञानपीठ, मुज़फ़्फ़र नगर जिला, यशपाल, राष्ट्रवाद, लघुकथा, शरत्चन्द्र चट्टोपाध्याय, साहित्य अकादमी पुरस्कार, हत्या के बाद, हिन्दी, हिसार, जैनेन्द्र कुमार, आधुनिक काल, आकाशवाणी, कहानी, अज्ञेय, उत्तर प्रदेश, उपन्यास, ११ अप्रैल, १९१२, २००९, २१ जून

दिल्ली

दिल्ली (IPA), आधिकारिक तौर पर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (अंग्रेज़ी: National Capital Territory of Delhi) भारत का एक केंद्र-शासित प्रदेश और महानगर है। इसमें नई दिल्ली सम्मिलित है जो भारत की राजधानी है। दिल्ली राजधानी होने के नाते केंद्र सरकार की तीनों इकाइयों - कार्यपालिका, संसद और न्यायपालिका के मुख्यालय नई दिल्ली और दिल्ली में स्थापित हैं १४८३ वर्ग किलोमीटर में फैला दिल्ली जनसंख्या के तौर पर भारत का दूसरा सबसे बड़ा महानगर है। यहाँ की जनसंख्या लगभग १ करोड़ ७० लाख है। यहाँ बोली जाने वाली मुख्य भाषाएँ हैं: हिन्दी, पंजाबी, उर्दू और अंग्रेज़ी। भारत में दिल्ली का ऐतिहासिक महत्त्व है। इसके दक्षिण पश्चिम में अरावली पहाड़ियां और पूर्व में यमुना नदी है, जिसके किनारे यह बसा है। यह प्राचीन समय में गंगा के मैदान से होकर जाने वाले वाणिज्य पथों के रास्ते में पड़ने वाला मुख्य पड़ाव था। यमुना नदी के किनारे स्थित इस नगर का गौरवशाली पौराणिक इतिहास है। यह भारत का अति प्राचीन नगर है। इसके इतिहास का प्रारम्भ सिन्धु घाटी सभ्यता से जुड़ा हुआ है। हरियाणा के आसपास के क्षेत्रों में हुई खुदाई से इस बात के प्रमाण मिले हैं। महाभारत काल में इसका नाम इन्द्रप्रस्थ था। दिल्ली सल्तनत के उत्थान के साथ ही दिल्ली एक प्रमुख राजनैतिक, सांस्कृतिक एवं वाणिज्यिक शहर के रूप में उभरी। यहाँ कई प्राचीन एवं मध्यकालीन इमारतों तथा उनके अवशेषों को देखा जा सकता हैं। १६३९ में मुगल बादशाह शाहजहाँ ने दिल्ली में ही एक चारदीवारी से घिरे शहर का निर्माण करवाया जो १६७९ से १८५७ तक मुगल साम्राज्य की राजधानी रही। १८वीं एवं १९वीं शताब्दी में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने लगभग पूरे भारत को अपने कब्जे में ले लिया। इन लोगों ने कोलकाता को अपनी राजधानी बनाया। १९११ में अंग्रेजी सरकार ने फैसला किया कि राजधानी को वापस दिल्ली लाया जाए। इसके लिए पुरानी दिल्ली के दक्षिण में एक नए नगर नई दिल्ली का निर्माण प्रारम्भ हुआ। अंग्रेजों से १९४७ में स्वतंत्रता प्राप्त कर नई दिल्ली को भारत की राजधानी घोषित किया गया। स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् दिल्ली में विभिन्न क्षेत्रों से लोगों का प्रवासन हुआ, इससे दिल्ली के स्वरूप में आमूल परिवर्तन हुआ। विभिन्न प्रान्तो, धर्मों एवं जातियों के लोगों के दिल्ली में बसने के कारण दिल्ली का शहरीकरण तो हुआ ही साथ ही यहाँ एक मिश्रित संस्कृति ने भी जन्म लिया। आज दिल्ली भारत का एक प्रमुख राजनैतिक, सांस्कृतिक एवं वाणिज्यिक केन्द्र है। .

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नाटक

नाटक, काव्य का एक रूप है। जो रचना श्रवण द्वारा ही नहीं अपितु दृष्टि द्वारा भी दर्शकों के हृदय में रसानुभूति कराती है उसे नाटक या दृश्य-काव्य कहते हैं। नाटक में श्रव्य काव्य से अधिक रमणीयता होती है। श्रव्य काव्य होने के कारण यह लोक चेतना से अपेक्षाकृत अधिक घनिष्ठ रूप से संबद्ध है। नाट्यशास्त्र में लोक चेतना को नाटक के लेखन और मंचन की मूल प्रेरणा माना गया है। .

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निबन्ध

निबन्ध (Essay) गद्य लेखन की एक विधा है। लेकिन इस शब्द का प्रयोग किसी विषय की तार्किक और बौद्धिक विवेचना करने वाले लेखों के लिए भी किया जाता है। निबंध के पर्याय रूप में सन्दर्भ, रचना और प्रस्ताव का भी उल्लेख किया जाता है। लेकिन साहित्यिक आलोचना में सर्वाधिक प्रचलित शब्द निबंध ही है। इसे अंग्रेजी के कम्पोज़ीशन और एस्से के अर्थ में ग्रहण किया जाता है। आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी के अनुसार संस्कृत में भी निबंध का साहित्य है। प्राचीन संस्कृत साहित्य के उन निबंधों में धर्मशास्त्रीय सिद्धांतों की तार्किक व्याख्या की जाती थी। उनमें व्यक्तित्व की विशेषता नहीं होती थी। किन्तु वर्तमान काल के निबंध संस्कृत के निबंधों से ठीक उलटे हैं। उनमें व्यक्तित्व या वैयक्तिकता का गुण सर्वप्रधान है। इतिहास-बोध परम्परा की रूढ़ियों से मनुष्य के व्यक्तित्व को मुक्त करता है। निबंध की विधा का संबंध इसी इतिहास-बोध से है। यही कारण है कि निबंध की प्रधान विशेषता व्यक्तित्व का प्रकाशन है। निबंध की सबसे अच्छी परिभाषा है- इस परिभाषा में अतिव्याप्ति दोष है। लेकिन निबंध का रूप साहित्य की अन्य विधाओं की अपेक्षा इतना स्वतंत्र है कि उसकी सटीक परिभाषा करना अत्यंत कठिन है। .

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नई दिल्ली

नई दिल्ली भारत की राजधानी है। यह भारत सरकार और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार के केंद्र के रूप में कार्य करता है। नई दिल्ली दिल्ली महानगर के भीतर स्थित है, और यह दिल्ली संघ राज्य क्षेत्र के ग्यारह ज़िलों में से एक है। भारत पर अंग्रेज शासनकाल के दौरान सन् 1911 तक भारत की राजधानी कलकत्ता (अब कोलकाता) था। अंग्रेज शासकों ने यह महसूस किया कि देश का शासन बेहतर तरीके से चलाने के लिए कलकत्ता की जगह यदि दिल्‍ली को राजधानी बनाया जाए तो बेहतर होगा क्‍योंकि य‍ह देश के उत्तर में है और यहां से शासन का संचालन अधिक प्रभावी होगा। इस पर विचार करने के बाद अंग्रेज महाराजा जॉर्ज पंचम ने देश की राजधानी को दिल्‍ली ले जाने के आदेश दे दिए। वर्ष 2011 में दिल्ली महानगर की जनसंख्या 22 लाख थी। दिल्ली की जनसंख्या उसे दुनिया में पाँचवीं सबसे अधिक आबादी वाला, और भारत का सबसे बड़ा महानगर बनाती है। क्षेत्रफल के अनुसार भी, दिल्ली दुनिया के बड़े महानगरों में से एक है। मुम्बई के बाद, वह देश का दूसरा सबसे अमीर शहर है, और दिल्ली का सकल घरेलू उत्पाद दक्षिण, पश्चिम और मध्य एशिया के शहरों में दूसरे नम्बर पर आता है। नई दिल्ली अपनी चौड़ी सड़कों, वृक्ष-अच्छादित मार्गों और देश के कई शीर्ष संस्थानो और स्थलचिह्नों के लिए जानी जाती है। 1911 के दिल्ली दरबार के दौरान, 15 दिसम्बर को शहर की नींव भारत के सम्राट, जॉर्ज पंचम ने रखी, और प्रमुख ब्रिटिश वास्तुकार सर एड्विन लुट्यन्स और सर हर्बर्ट बेकर ने इसकी रूपरेखा तैयार की। ब्रिटिश भारत के गवर्नर जनरल लॉर्ड इर्विन द्वारा 13 फ़रवरी 1931 को नई दिल्ली का उद्घाटन हुआ। बोलचाल की भाषा में हालाँकि दिल्ली और नयी दिल्ली यह दोनों नाम राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के अधिकार क्षेत्र को संदर्भित करने के लिए के प्रयोग किये जाते हैं, मगर यह दो अलग-अलग संस्था हैं और नयी दिल्ली, दिल्ली महानगर का छोटा सा हिस्सा है। .

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पद्म भूषण

पद्म भूषण सम्मान भारत सरकार द्वारा दिया जाने वाला तीसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान है, जो देश के लिये बहुमूल्य योगदान के लिये दिया जाता है। भारत सरकार द्वारा दिए जाने वाले अन्य प्रतिष्ठित पुरस्कारों में भारत रत्न, पद्म विभूषण और पद्मश्री का नाम लिया जा सकता है। पद्म भूषण रिबन .

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पंजाब (भारत)

पंजाब (पंजाबी: ਪੰਜਾਬ) उत्तर-पश्चिम भारत का एक राज्य है जो वृहद्तर पंजाब क्षेत्र का एक भाग है। इसका दूसरा भाग पाकिस्तान में है। पंजाब क्षेत्र के अन्य भाग (भारत के) हरियाणा और हिमाचल प्रदेश राज्यों में हैं। इसके पश्चिम में पाकिस्तानी पंजाब, उत्तर में जम्मू और कश्मीर, उत्तर-पूर्व में हिमाचल प्रदेश, दक्षिण और दक्षिण-पूर्व में हरियाणा, दक्षिण-पूर्व में केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ और दक्षिण-पश्चिम में राजस्थान राज्य हैं। राज्य की कुल जनसंख्या २,४२,८९,२९६ है एंव कुल क्षेत्रफल ५०,३६२ वर्ग किलोमीटर है। केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ पंजाब की राजधानी है जोकि हरियाणा राज्य की भी राजधानी है। पंजाब के प्रमुख नगरों में अमृतसर, लुधियाना, जालंधर, पटियाला और बठिंडा हैं। 1947 भारत का विभाजन के बाद बर्तानवी भारत के पंजाब सूबे को भारत और पाकिस्तान दरमियान विभाजन दिया गया था। 1966 में भारतीय पंजाब का विभाजन फिर से हो गया और नतीजे के तौर पर हरियाणा और हिमाचल प्रदेश वजूद में आए और पंजाब का मौजूदा राज बना। यह भारत का अकेला सूबा है जहाँ सिख बहुमत में हैं। युनानी लोग पंजाब को पैंटापोटाम्या नाम के साथ जानते थे जो कि पाँच इकठ्ठा होते दरियाओं का अंदरूनी डेल्टा है। पारसियों के पवित्र ग्रंथ अवैस्टा में पंजाब क्षेत्र को पुरातन हपता हेंदू या सप्त-सिंधु (सात दरियाओं की धरती) के साथ जोड़ा जाता है। बर्तानवी लोग इस को "हमारा प्रशिया" कह कर बुलाते थे। ऐतिहासिक तौर पर पंजाब युनानियों, मध्य एशियाईओं, अफ़ग़ानियों और ईरानियों के लिए भारतीय उपमहाद्वीप का प्रवेश-द्वार रहा है। कृषि पंजाब का सब से बड़ा उद्योग है; यह भारत का सब से बड़ा गेहूँ उत्पादक है। यहाँ के प्रमुख उद्योग हैं: वैज्ञानिक साज़ों सामान, कृषि, खेल और बिजली सम्बन्धित माल, सिलाई मशीनें, मशीन यंत्रों, स्टार्च, साइकिलों, खादों आदि का निर्माण, वित्तीय रोज़गार, सैर-सपाटा और देवदार के तेल और खंड का उत्पादन। पंजाब में भारत में से सब से अधिक इस्पात के लुढ़का हुआ मीलों के कारख़ाने हैं जो कि फ़तहगढ़ साहब की इस्पात नगरी मंडी गोबिन्दगढ़ में हैं। .

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प्रेमचंद

प्रेमचंद (३१ जुलाई १८८० – ८ अक्टूबर १९३६) हिन्दी और उर्दू के महानतम भारतीय लेखकों में से एक हैं। मूल नाम धनपत राय प्रेमचंद को नवाब राय और मुंशी प्रेमचंद के नाम से भी जाना जाता है। उपन्यास के क्षेत्र में उनके योगदान को देखकर बंगाल के विख्यात उपन्यासकार शरतचंद्र चट्टोपाध्याय ने उन्हें उपन्यास सम्राट कहकर संबोधित किया था। प्रेमचंद ने हिन्दी कहानी और उपन्यास की एक ऐसी परंपरा का विकास किया जिसने पूरी सदी के साहित्य का मार्गदर्शन किया। आगामी एक पूरी पीढ़ी को गहराई तक प्रभावित कर प्रेमचंद ने साहित्य की यथार्थवादी परंपरा की नींव रखी। उनका लेखन हिन्दी साहित्य की एक ऐसी विरासत है जिसके बिना हिन्दी के विकास का अध्ययन अधूरा होगा। वे एक संवेदनशील लेखक, सचेत नागरिक, कुशल वक्ता तथा सुधी (विद्वान) संपादक थे। बीसवीं शती के पूर्वार्द्ध में, जब हिन्दी में तकनीकी सुविधाओं का अभाव था, उनका योगदान अतुलनीय है। प्रेमचंद के बाद जिन लोगों ने साहित्‍य को सामाजिक सरोकारों और प्रगतिशील मूल्‍यों के साथ आगे बढ़ाने का काम किया, उनमें यशपाल से लेकर मुक्तिबोध तक शामिल हैं। .

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भारत

भारत (आधिकारिक नाम: भारत गणराज्य, Republic of India) दक्षिण एशिया में स्थित भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा देश है। पूर्ण रूप से उत्तरी गोलार्ध में स्थित भारत, भौगोलिक दृष्टि से विश्व में सातवाँ सबसे बड़ा और जनसंख्या के दृष्टिकोण से दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत के पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर-पूर्व में चीन, नेपाल और भूटान, पूर्व में बांग्लादेश और म्यान्मार स्थित हैं। हिन्द महासागर में इसके दक्षिण पश्चिम में मालदीव, दक्षिण में श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व में इंडोनेशिया से भारत की सामुद्रिक सीमा लगती है। इसके उत्तर की भौतिक सीमा हिमालय पर्वत से और दक्षिण में हिन्द महासागर से लगी हुई है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी है तथा पश्चिम में अरब सागर हैं। प्राचीन सिन्धु घाटी सभ्यता, व्यापार मार्गों और बड़े-बड़े साम्राज्यों का विकास-स्थान रहे भारतीय उपमहाद्वीप को इसके सांस्कृतिक और आर्थिक सफलता के लंबे इतिहास के लिये जाना जाता रहा है। चार प्रमुख संप्रदायों: हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख धर्मों का यहां उदय हुआ, पारसी, यहूदी, ईसाई, और मुस्लिम धर्म प्रथम सहस्राब्दी में यहां पहुचे और यहां की विविध संस्कृति को नया रूप दिया। क्रमिक विजयों के परिणामस्वरूप ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कंपनी ने १८वीं और १९वीं सदी में भारत के ज़्यादतर हिस्सों को अपने राज्य में मिला लिया। १८५७ के विफल विद्रोह के बाद भारत के प्रशासन का भार ब्रिटिश सरकार ने अपने ऊपर ले लिया। ब्रिटिश भारत के रूप में ब्रिटिश साम्राज्य के प्रमुख अंग भारत ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में एक लम्बे और मुख्य रूप से अहिंसक स्वतन्त्रता संग्राम के बाद १५ अगस्त १९४७ को आज़ादी पाई। १९५० में लागू हुए नये संविधान में इसे सार्वजनिक वयस्क मताधिकार के आधार पर स्थापित संवैधानिक लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित कर दिया गया और युनाईटेड किंगडम की तर्ज़ पर वेस्टमिंस्टर शैली की संसदीय सरकार स्थापित की गयी। एक संघीय राष्ट्र, भारत को २९ राज्यों और ७ संघ शासित प्रदेशों में गठित किया गया है। लम्बे समय तक समाजवादी आर्थिक नीतियों का पालन करने के बाद 1991 के पश्चात् भारत ने उदारीकरण और वैश्वीकरण की नयी नीतियों के आधार पर सार्थक आर्थिक और सामाजिक प्रगति की है। ३३ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ भारत भौगोलिक क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा राष्ट्र है। वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था क्रय शक्ति समता के आधार पर विश्व की तीसरी और मानक मूल्यों के आधार पर विश्व की दसवीं सबसे बडी अर्थव्यवस्था है। १९९१ के बाज़ार-आधारित सुधारों के बाद भारत विश्व की सबसे तेज़ विकसित होती बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक हो गया है और इसे एक नव-औद्योगिकृत राष्ट्र माना जाता है। परंतु भारत के सामने अभी भी गरीबी, भ्रष्टाचार, कुपोषण, अपर्याप्त सार्वजनिक स्वास्थ्य-सेवा और आतंकवाद की चुनौतियां हैं। आज भारत एक विविध, बहुभाषी, और बहु-जातीय समाज है और भारतीय सेना एक क्षेत्रीय शक्ति है। .

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भारतीय ज्ञानपीठ

भारतीय ज्ञानपीठ भारत में साहित्य संबंधी गतिविधियों के संवर्धन और संरक्षण के लिए कार्यरत सबसे प्रमुख और प्रतिष्ठित संस्थान है। श्रीमती रमा जैन और श्री साहूशान्ति प्रसाद जैन द्वारा संस्थापित यह संस्थान साहित्यिक पुस्तकें प्रकाशित करता है तथा ज्ञानपीठ पुरस्कार और मूर्तिदेवी पुरस्कार नामक दो पुरस्कार प्रदान करता है, जो साहित्य के सर्वोच्च पुरस्कारों में से हैं। इसकी स्थापना 1944 में हुई। .

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मुज़फ़्फ़र नगर जिला

मुज़फ़्फ़रनगर भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश का एक ज़िला है। ज़िले का मुख्यालय मुज़फ़्फ़रनगर है। जिला सहारनपुर मंडल का हिस्सा है। जिले का क्षेत्रफल 4008किमी है। मुज़फ़्फ़रनगर, बुढ़ाना,जानसठ,खतौली यहाँ के तहसील हैं। सन् 2011 की जनगणना में इसका साक्षरता दर 68.68% था। इसका एस.टी.डी (STD) कोड 0131 है। .

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यशपाल

---- यशपाल (३ दिसम्बर १९०३ - २६ दिसम्बर १९७६) का नाम आधुनिक हिन्दी साहित्य के कथाकारों में प्रमुख है। ये एक साथ ही क्रांतिकारी एवं लेखक दोनों रूपों में जाने जाते है। प्रेमचंद के बाद हिन्दी के सुप्रसिद्ध प्रगतिशील कथाकारों में इनका नाम लिया जाता है। अपने विद्यार्थी जीवन से ही यशपाल क्रांतिकारी आन्दोलन से जुड़े, इसके परिणामस्वरुप लम्बी फरारी और जेल में व्यतीत करना पड़ा। इसके बाद इन्होने साहित्य को अपना जीवन बनाया, जो काम कभी इन्होने बंदूक के माध्यम से किया था, अब वही काम इन्होने बुलेटिन के माध्यम से जनजागरण का काम शुरु किया। यशपाल को साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९७० में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। .

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राष्ट्रवाद

राष्ट्रवाद एक जटिल, बहुआयामी अवधारणा है, जिसमें अपने राष्ट्र से एक साझी साम्प्रदायिक पहचान समावेशित है। यह एक राजनीतिक विचारधारा के रूप में अभिव्यक्त होता है, जो किसी समूह के लिए ऐतिहासिक महत्व वाले किसी क्षेत्र पर साम्प्रदायिक स्वायत्तता, और कभी-कभी सम्प्रभुता हासिल करने और बनाए रखने की ओर उन्मुख हैं। इसके अतिरिक्त, साझी विशेषताओं, जिनमें आम तौर पर संस्कृति, भाषा, धर्म, राजनीतिक लक्ष्य और/अथवा आम पितरावली में एक आस्था सम्मिलित हैं, पर आधारित एक आम साम्प्रदायिक पहचान के विकास और रखरखाव की ओर, यह और उन्मुख हैं। एक व्यक्ति की राष्ट्र के भीतर सदस्यता, और सम्बन्धित राष्ट्रवाद का उसका समर्थन, उसके सहगामी राष्ट्रीय पहचान द्वारा चित्रित होता हैं। किसी राजनीतिक या समाजशास्त्रीय दृष्टिकोण से, राष्ट्रवाद के उद्गमों और आधारों को समझने के लिए लगभग तीन मुख्य रूपावलियाँ हैं। पहली, जो वैकल्पिक रूप से आदिमवाद या स्थायित्ववाद जानी जाती हैं, एक दृष्टिकोण है जो राष्ट्रवाद को एक प्राकृतिक दृग्विषय के रूप में वर्णित करता है। इस मत की यह धारणा है कि यद्यपि राष्ट्रत्व अवधारणा का औपचारिक ग्रंथन आधुनिक हो, पर राष्ट्र हमेशा से अस्तित्व में रहें हैं। दूसरी रूपावली संजातिप्रतीकवाद की है जो एक जटिल दृष्टिकोण हैं जो, राष्ट्रवाद को पूरे इतिहास में एक गत्यात्मक, उत्क्रन्तिकारी दृग्विषय के रूप में प्रसंगीकृत करके, और एक सामूहिक राष्ट्र के, ऐतिहासिक अर्थ से ओतप्रोत राष्ट्रीय प्रतीकों से, व्यक्तिपरक सम्बन्धों के एक परिणाम के रूप में राष्ट्रवाद की ताक़त का आगे परिक्षण करके, राष्ट्रवाद को समझाने का प्रयास करता हैं। तीसरी, और सबसे हावी रूपावली हैं आधुनिकतावाद, जो राष्ट्रवाद को एक हाल के दृग्विषय के रूप में वर्णित करती हैं, जिसे अस्तित्व के लिए आधुनिक समाज की संरचनात्मक परिस्थितियों की आवश्यकता होती हैं। क्या गठित करता हैं एक राष्ट्र को, इसके लिए कई परिभाषाएँ हैं, हालाँकि, जो राष्ट्रवाद की अनेक विभिन्न किस्मों की ओर ले जाती हैं। यह वह आस्था हो सकती हैं कि एक राज्य में नागरिकता किसी एक संजातीय, सांस्कृतिक, धार्मिक या पहचान समूह तक सीमित होनी चाहिएँ, या वह हो सकती हैं कि किसी अकेले राज्य में बहुराष्ट्रीयता में आवश्यक रूप से अल्पसंख्यकों द्वारा भी राष्ट्रीय पहचान को अभिव्यक्त करने और प्रयोग करने का अधिकार सम्मिलित होना चाहिएँ। The adoption of national identity in terms of historical development has commonly been the result of a response by influential groups unsatisfied with traditional identities due to inconsistency between their defined social order and the experience of that social order by its members, resulting in a situation of anomie that nationalists seek to resolve.

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लघुकथा

लघुकथा का मतलब छोटी कहानी से नहीं है, छोटी कहानी लघु कथा होती है जिसमें लघु और कथा के बीच में एक खाली स्थान होता है। .

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शरत्चन्द्र चट्टोपाध्याय

शरत्चन्द्र चट्टोपाध्याय (१५ सितंबर, १८७६ - १६ जनवरी, १९३८) बांग्ला के सुप्रसिद्ध उपन्यासकार थे। उनका जन्म हुगली जिले के देवानंदपुर में हुआ। वे अपने माता-पिता की नौ संतानों में से एक थे। अठारह साल की अवस्था में उन्होंने इंट्रेंस पास किया। इन्हीं दिनों उन्होंने "बासा" (घर) नाम से एक उपन्यास लिख डाला, पर यह रचना प्रकाशित नहीं हुई। रवींद्रनाथ ठाकुर और बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय का उन पर गहरा प्रभाव पड़ा। शरतचन्द्र ललित कला के छात्र थे लेकिन आर्थिक तंगी के चलते वह इस विषय की पढ़ाई नहीं कर सके। रोजगार के तलाश में शरतचन्द्र बर्मा गए और लोक निर्माण विभाग में क्लर्क के रूप में काम किया। कुछ समय बर्मा रहकर कलकत्ता लौटने के बाद उन्होंने गंभीरता के साथ लेखन शुरू कर दिया। बर्मा से लौटने के बाद उन्होंने अपना प्रसिद्ध उपन्यास श्रीकांत लिखना शुरू किया। बर्मा में उनका संपर्क बंगचंद्र नामक एक व्यक्ति से हुआ जो था तो बड़ा विद्वान पर शराबी और उछृंखल था। यहीं से चरित्रहीन का बीज पड़ा, जिसमें मेस जीवन के वर्णन के साथ मेस की नौकरानी से प्रेम की कहानी है। जब वह एक बार बर्मा से कलकत्ता आए तो अपनी कुछ रचनाएँ कलकत्ते में एक मित्र के पास छोड़ गए। शरत को बिना बताए उनमें से एक रचना "बड़ी दीदी" का १९०७ में धारावाहिक प्रकाशन शुरु हो गया। दो एक किश्त निकलते ही लोगों में सनसनी फैल गई और वे कहने लगे कि शायद रवींद्रनाथ नाम बदलकर लिख रहे हैं। शरत को इसकी खबर साढ़े पाँच साल बाद मिली। कुछ भी हो ख्याति तो हो ही गई, फिर भी "चरित्रहीन" के छपने में बड़ी दिक्कत हुई। भारतवर्ष के संपादक कविवर द्विजेंद्रलाल राय ने इसे यह कहकर छापने से मना कर दिया किया कि यह सदाचार के विरुद्ध है। विष्णु प्रभाकर द्वारा आवारा मसीहा शीर्षक रचित से उनका प्रामाणिक जीवन परिचय बहुत प्रसिद्ध है। .

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साहित्य अकादमी पुरस्कार

साहित्य अकादमी पुरस्कार भारत में एक साहित्यिक सम्मान है, जो साहित्य अकादमी प्रतिवर्ष भारत की अपने द्वारा मान्यता प्रदत्त प्रमुख भाषाओं में से प्रत्येक में प्रकाशित सर्वोत्कृष्ट साहित्यिक कृति को पुरस्कार प्रदान करती है। भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल २२ भारतीय भाषाओं के अलावा ये राजस्थानी और अंग्रेज़ी भाषा; याने कुल २४ भाषाओं में प्रदान किया जाता हैं। पहली बार ये पुरस्कार सन् 1955 में दिए गए। पुरस्कार की स्थापना के समय पुरस्कार राशि 5,000/- रुपए थी, जो सन् 1983 में ब़ढा कर 10,000/- रुपए कर दी गई और सन् 1988 में ब़ढा कर इसे 25,000/- रुपए कर दिया गया। सन् 2001 से यह राशि 40,000/- रुपए की गई थी। सन् 2003 से यह राशि 50,000/- रुपए कर दी गई है। .

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हत्या के बाद

विष्णु प्रभाकर द्वारा लिखा नाटक। श्रेणी:साहित्य.

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हिन्दी

हिन्दी या भारतीय विश्व की एक प्रमुख भाषा है एवं भारत की राजभाषा है। केंद्रीय स्तर पर दूसरी आधिकारिक भाषा अंग्रेजी है। यह हिन्दुस्तानी भाषा की एक मानकीकृत रूप है जिसमें संस्कृत के तत्सम तथा तद्भव शब्द का प्रयोग अधिक हैं और अरबी-फ़ारसी शब्द कम हैं। हिन्दी संवैधानिक रूप से भारत की प्रथम राजभाषा और भारत की सबसे अधिक बोली और समझी जाने वाली भाषा है। हालांकि, हिन्दी भारत की राष्ट्रभाषा नहीं है क्योंकि भारत का संविधान में कोई भी भाषा को ऐसा दर्जा नहीं दिया गया था। चीनी के बाद यह विश्व में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा भी है। विश्व आर्थिक मंच की गणना के अनुसार यह विश्व की दस शक्तिशाली भाषाओं में से एक है। हिन्दी और इसकी बोलियाँ सम्पूर्ण भारत के विविध राज्यों में बोली जाती हैं। भारत और अन्य देशों में भी लोग हिन्दी बोलते, पढ़ते और लिखते हैं। फ़िजी, मॉरिशस, गयाना, सूरीनाम की और नेपाल की जनता भी हिन्दी बोलती है।http://www.ethnologue.com/language/hin 2001 की भारतीय जनगणना में भारत में ४२ करोड़ २० लाख लोगों ने हिन्दी को अपनी मूल भाषा बताया। भारत के बाहर, हिन्दी बोलने वाले संयुक्त राज्य अमेरिका में 648,983; मॉरीशस में ६,८५,१७०; दक्षिण अफ्रीका में ८,९०,२९२; यमन में २,३२,७६०; युगांडा में १,४७,०००; सिंगापुर में ५,०००; नेपाल में ८ लाख; जर्मनी में ३०,००० हैं। न्यूजीलैंड में हिन्दी चौथी सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है। इसके अलावा भारत, पाकिस्तान और अन्य देशों में १४ करोड़ १० लाख लोगों द्वारा बोली जाने वाली उर्दू, मौखिक रूप से हिन्दी के काफी सामान है। लोगों का एक विशाल बहुमत हिन्दी और उर्दू दोनों को ही समझता है। भारत में हिन्दी, विभिन्न भारतीय राज्यों की १४ आधिकारिक भाषाओं और क्षेत्र की बोलियों का उपयोग करने वाले लगभग १ अरब लोगों में से अधिकांश की दूसरी भाषा है। हिंदी हिंदी बेल्ट का लिंगुआ फ़्रैंका है, और कुछ हद तक पूरे भारत (आमतौर पर एक सरल या पिज्जाइज्ड किस्म जैसे बाजार हिंदुस्तान या हाफ्लोंग हिंदी में)। भाषा विकास क्षेत्र से जुड़े वैज्ञानिकों की भविष्यवाणी हिन्दी प्रेमियों के लिए बड़ी सन्तोषजनक है कि आने वाले समय में विश्वस्तर पर अन्तर्राष्ट्रीय महत्त्व की जो चन्द भाषाएँ होंगी उनमें हिन्दी भी प्रमुख होगी। 'देशी', 'भाखा' (भाषा), 'देशना वचन' (विद्यापति), 'हिन्दवी', 'दक्खिनी', 'रेखता', 'आर्यभाषा' (स्वामी दयानन्द सरस्वती), 'हिन्दुस्तानी', 'खड़ी बोली', 'भारती' आदि हिन्दी के अन्य नाम हैं जो विभिन्न ऐतिहासिक कालखण्डों में एवं विभिन्न सन्दर्भों में प्रयुक्त हुए हैं। .

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हिसार

हिसार भारत के उत्तर पश्चिम में स्थित हरियाणा प्रान्त के हिसार जिले का प्रशासनिक मुख्यालय है। यह भारत की राजधानी नई दिल्ली के १६४ किमी पश्चिम में राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक १० एवं राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक ६५ पर पड़ता है। यह भारत का सबसे बड़ा जस्ती लोहा उत्पादक है। इसीलिए इसे इस्पात का शहर के नाम से भी जाना जाता है। पश्चिमी यमुना नहर पर स्थित हिसार राजकीय पशु फार्म के लिए विशेष विख्यात है। अनिश्चित रूप से जल आपूर्ति करनेवाली घाघर एकमात्र नदी है। यमुना नहर हिसार जिला से होकर जाती है। जलवायु शुष्क है। कपास पर आधारित उद्योग हैं। भिवानी, हिसार, हाँसी तथा सिरसा मुख्य व्यापारिक केंद्र है। अच्छी नस्ल के साँड़ों के लिए हिसार विख्यात है। हिसार की स्थापना सन १३५४ ई. में तुगलक वंश के शासक फ़िरोज़ शाह तुग़लक ने की थी। घग्गर एवं दृषद्वती नदियां एक समय हिसार से गुजरती थी। हिसार में महाद्वीपीय जलवायु देखने को मिलती है जिसमें ग्रीष्म ऋतु में बहुत गर्मी होती है तथा शीत ऋतु में बहुत ठंड होती है। यहाँ हिन्दी एवं अंग्रेज़ी सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषाएँ हैं। यहाँ की औसत साक्षरता दर ८१.०४ प्रतिशत है। १९६० के दशक में हिसार की प्रति व्यक्ति आय भारत में सर्वाधिक थी। .

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जैनेन्द्र कुमार

प्रेमचंदोत्तर उपन्यासकारों में जैनेंद्रकुमार (२ जनवरी, १९०५- २४ दिसंबर, १९८८) का विशिष्ट स्थान है। वह हिंदी उपन्यास के इतिहास में मनोविश्लेषणात्मक परंपरा के प्रवर्तक के रूप में मान्य हैं। जैनेंद्र अपने पात्रों की सामान्यगति में सूक्ष्म संकेतों की निहिति की खोज करके उन्हें बड़े कौशल से प्रस्तुत करते हैं। उनके पात्रों की चारित्रिक विशेषताएँ इसी कारण से संयुक्त होकर उभरती हैं। जैनेंद्र के उपन्यासों में घटनाओं की संघटनात्मकता पर बहुत कम बल दिया गया मिलता है। चरित्रों की प्रतिक्रियात्मक संभावनाओं के निर्देशक सूत्र ही मनोविज्ञान और दर्शन का आश्रय लेकर विकास को प्राप्त होते हैं। .

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आधुनिक काल

हिंदी साहित्य का आधुनिक काल तत्कालीन राजनैतिक गतिविधियों से प्रभावित हुआ। इसको हिंदी साहित्य का सर्वश्रेष्ठ युग माना जा सकता है, जिसमें पद्य के साथ-साथ गद्य, समालोचना, कहानी, नाटक व पत्रकारिता का भी विकास हुआ। सं 1800 वि.

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आकाशवाणी

आकाशवाणी (All India Radio) भारत के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अधीन संचालित सार्वजनिक क्षेत्र की रेडियो प्रसारण सेवा है। भारत में रेडियो प्रसारण की शुरुआत मुंबई और कोलकाता में सन १९२७ में दो निजी ट्रांसमीटरों से हुई। १९३० में इसका राष्ट्रीयकरण हुआ और तब इसका नाम भारतीय प्रसारण सेवा या (इंडियन ब्राडकास्टिंग कारपोरेशन) रखा गया। बाद में १९५७ में इसका नाम बदल कर आकाशवाणी रखा गया। .

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कहानी

कथाकार (एक प्राचीन कलाकृति)कहानी हिन्दी में गद्य लेखन की एक विधा है। उन्नीसवीं सदी में गद्य में एक नई विधा का विकास हुआ जिसे कहानी के नाम से जाना गया। बंगला में इसे गल्प कहा जाता है। कहानी ने अंग्रेजी से हिंदी तक की यात्रा बंगला के माध्यम से की। कहानी गद्य कथा साहित्य का एक अन्यतम भेद तथा उपन्यास से भी अधिक लोकप्रिय साहित्य का रूप है। मनुष्य के जन्म के साथ ही साथ कहानी का भी जन्म हुआ और कहानी कहना तथा सुनना मानव का आदिम स्वभाव बन गया। इसी कारण से प्रत्येक सभ्य तथा असभ्य समाज में कहानियाँ पाई जाती हैं। हमारे देश में कहानियों की बड़ी लंबी और सम्पन्न परंपरा रही है। वेदों, उपनिषदों तथा ब्राह्मणों में वर्णित 'यम-यमी', 'पुरुरवा-उर्वशी', 'सौपणीं-काद्रव', 'सनत्कुमार- नारद', 'गंगावतरण', 'श्रृंग', 'नहुष', 'ययाति', 'शकुन्तला', 'नल-दमयन्ती' जैसे आख्यान कहानी के ही प्राचीन रूप हैं। प्राचीनकाल में सदियों तक प्रचलित वीरों तथा राजाओं के शौर्य, प्रेम, न्याय, ज्ञान, वैराग्य, साहस, समुद्री यात्रा, अगम्य पर्वतीय प्रदेशों में प्राणियों का अस्तित्व आदि की कथाएँ, जिनकी कथानक घटना प्रधान हुआ करती थीं, भी कहानी के ही रूप हैं। 'गुणढ्य' की "वृहत्कथा" को, जिसमें 'उदयन', 'वासवदत्ता', समुद्री व्यापारियों, राजकुमार तथा राजकुमारियों के पराक्रम की घटना प्रधान कथाओं का बाहुल्य है, प्राचीनतम रचना कहा जा सकता है। वृहत्कथा का प्रभाव 'दण्डी' के "दशकुमार चरित", 'बाणभट्ट' की "कादम्बरी", 'सुबन्धु' की "वासवदत्ता", 'धनपाल' की "तिलकमंजरी", 'सोमदेव' के "यशस्तिलक" तथा "मालतीमाधव", "अभिज्ञान शाकुन्तलम्", "मालविकाग्निमित्र", "विक्रमोर्वशीय", "रत्नावली", "मृच्छकटिकम्" जैसे अन्य काव्यग्रंथों पर साफ-साफ परिलक्षित होता है। इसके पश्‍चात् छोटे आकार वाली "पंचतंत्र", "हितोपदेश", "बेताल पच्चीसी", "सिंहासन बत्तीसी", "शुक सप्तति", "कथा सरित्सागर", "भोजप्रबन्ध" जैसी साहित्यिक एवं कलात्मक कहानियों का युग आया। इन कहानियों से श्रोताओं को मनोरंजन के साथ ही साथ नीति का उपदेश भी प्राप्त होता है। प्रायः कहानियों में असत्य पर सत्य की, अन्याय पर न्याय की और अधर्म पर धर्म की विजय दिखाई गई हैं। .

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अज्ञेय

सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन "अज्ञेय" (7 मार्च, 1911 - 4 अप्रैल, 1987) को कवि, शैलीकार, कथा-साहित्य को एक महत्त्वपूर्ण मोड़ देने वाले कथाकार, ललित-निबन्धकार, सम्पादक और अध्यापक के रूप में जाना जाता है। इनका जन्म 7 मार्च 1911 को उत्तर प्रदेश के कसया, पुरातत्व-खुदाई शिविर में हुआ। बचपन लखनऊ, कश्मीर, बिहार और मद्रास में बीता। बी.एससी.

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उत्तर प्रदेश

आगरा और अवध संयुक्त प्रांत 1903 उत्तर प्रदेश सरकार का राजचिन्ह उत्तर प्रदेश भारत का सबसे बड़ा (जनसंख्या के आधार पर) राज्य है। लखनऊ प्रदेश की प्रशासनिक व विधायिक राजधानी है और इलाहाबाद न्यायिक राजधानी है। आगरा, अयोध्या, कानपुर, झाँसी, बरेली, मेरठ, वाराणसी, गोरखपुर, मथुरा, मुरादाबाद तथा आज़मगढ़ प्रदेश के अन्य महत्त्वपूर्ण शहर हैं। राज्य के उत्तर में उत्तराखण्ड तथा हिमाचल प्रदेश, पश्चिम में हरियाणा, दिल्ली तथा राजस्थान, दक्षिण में मध्य प्रदेश तथा छत्तीसगढ़ और पूर्व में बिहार तथा झारखंड राज्य स्थित हैं। इनके अतिरिक्त राज्य की की पूर्वोत्तर दिशा में नेपाल देश है। सन २००० में भारतीय संसद ने उत्तर प्रदेश के उत्तर पश्चिमी (मुख्यतः पहाड़ी) भाग से उत्तरांचल (वर्तमान में उत्तराखंड) राज्य का निर्माण किया। उत्तर प्रदेश का अधिकतर हिस्सा सघन आबादी वाले गंगा और यमुना। विश्व में केवल पाँच राष्ट्र चीन, स्वयं भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका, इंडोनिशिया और ब्राज़ील की जनसंख्या उत्तर प्रदेश की जनसंख्या से अधिक है। उत्तर प्रदेश भारत के उत्तर में स्थित है। यह राज्य उत्तर में नेपाल व उत्तराखण्ड, दक्षिण में मध्य प्रदेश, पश्चिम में हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान तथा पूर्व में बिहार तथा दक्षिण-पूर्व में झारखण्ड व छत्तीसगढ़ से घिरा हुआ है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ है। यह राज्य २,३८,५६६ वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला हुआ है। यहाँ का मुख्य न्यायालय इलाहाबाद में है। कानपुर, झाँसी, बाँदा, हमीरपुर, चित्रकूट, जालौन, महोबा, ललितपुर, लखीमपुर खीरी, वाराणसी, इलाहाबाद, मेरठ, गोरखपुर, नोएडा, मथुरा, मुरादाबाद, गाजियाबाद, अलीगढ़, सुल्तानपुर, फैजाबाद, बरेली, आज़मगढ़, मुज़फ्फरनगर, सहारनपुर यहाँ के मुख्य शहर हैं। .

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उपन्यास

उपन्यास गद्य लेखन की एक विधा है। .

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११ अप्रैल

11 अप्रैल ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 101वॉ (लीप वर्ष मे 102 वॉ) दिन है। साल मे अभी और 264 दिन बाकी है। .

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१९१२

१९१२ ग्रेगोरी कैलंडर का एक अधिवर्ष है। .

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२००९

२००९ ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। वर्ष २००९ बृहस्पतिवार से प्रारम्भ होने वाला वर्ष है। संयुक्त राष्ट्र संघ, यूनेस्को एवं आइएयू ने १६०९ में गैलीलियो गैलिली द्वारा खगोलीय प्रेक्षण आरंभ करने की घटना की ४००वीं जयंती के उपलक्ष्य में इसे अंतर्राष्ट्रीय खगोलिकी वर्ष घोषित किया है। .

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२१ जून

21 जून ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 172वाँ (लीप वर्ष में 173 वाँ) दिन है। साल में अभी और 193 दिन बाकी हैं। २१जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस भी भी मनाया जाता है जिसकी पहल भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र दामोदर दास मोदी ने संयुक्त राष्ट्र में रखकर की जिसकी स्वीकृति संयुक्त राष्ट्र ने ११ दिसंबर २०१४ को दे दी। भारत में योग का प्रतिनिधित्व योगगुरु बाबा रामदेव करते है जिन्होंने लाखो गरीब लोगो को निशुल्क योग शिविर लगा कर कई गंभीर बीमारियों से निजात दिलाई है। योग मन की शांति का एक मार्ग है। .

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