लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
मुक्त
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

भारतीय ज्ञानपीठ

सूची भारतीय ज्ञानपीठ

भारतीय ज्ञानपीठ भारत में साहित्य संबंधी गतिविधियों के संवर्धन और संरक्षण के लिए कार्यरत सबसे प्रमुख और प्रतिष्ठित संस्थान है। श्रीमती रमा जैन और श्री साहूशान्ति प्रसाद जैन द्वारा संस्थापित यह संस्थान साहित्यिक पुस्तकें प्रकाशित करता है तथा ज्ञानपीठ पुरस्कार और मूर्तिदेवी पुरस्कार नामक दो पुरस्कार प्रदान करता है, जो साहित्य के सर्वोच्च पुरस्कारों में से हैं। इसकी स्थापना 1944 में हुई। .

4 संबंधों: भारतीय ज्ञानपीठ, मूर्तिदेवी पुरस्कार, साहु शांति प्रसाद जैन, ज्ञानपीठ पुरस्कार

भारतीय ज्ञानपीठ

भारतीय ज्ञानपीठ भारत में साहित्य संबंधी गतिविधियों के संवर्धन और संरक्षण के लिए कार्यरत सबसे प्रमुख और प्रतिष्ठित संस्थान है। श्रीमती रमा जैन और श्री साहूशान्ति प्रसाद जैन द्वारा संस्थापित यह संस्थान साहित्यिक पुस्तकें प्रकाशित करता है तथा ज्ञानपीठ पुरस्कार और मूर्तिदेवी पुरस्कार नामक दो पुरस्कार प्रदान करता है, जो साहित्य के सर्वोच्च पुरस्कारों में से हैं। इसकी स्थापना 1944 में हुई। .

नई!!: भारतीय ज्ञानपीठ और भारतीय ज्ञानपीठ · और देखें »

मूर्तिदेवी पुरस्कार

मूर्तिदेवी पुरस्कार भारतीय ज्ञानपीठ समिति के द्वारा दिया जानेवाला प्रतिष्ठित साहित्य सम्मान है। पुरस्कार में दो लाख रूपए, प्रशस्ति पत्र, प्रतीक चिह्न और वाग्देवी की प्रतिमा दी जाती है। नीचे पुरस्कार प्राप्त करनेवालों की सूची है। इसके अतिरिक्त सी के नागराज राव, जयदेव तनेजा, कुबेरनाथ राय, शिवाजी सामन्त, श्यामाचरण दुबे, विद्यानिवास मिश्र, वीरेन्द्र जैन और विष्णु प्रभाकर को भी मूर्तिदेवी पुरस्कार प्रदान किया गया है। .

नई!!: भारतीय ज्ञानपीठ और मूर्तिदेवी पुरस्कार · और देखें »

साहु शांति प्रसाद जैन

साहु शांति प्रसाद (जन्म: मई 22, 1911; मृत्य: अक्टूबर 27, 1977) एक उद्यमी और समाज सेवी थे। वे भारतीय ज्ञानपीठ के संस्थापक हैं।Auletta.

नई!!: भारतीय ज्ञानपीठ और साहु शांति प्रसाद जैन · और देखें »

ज्ञानपीठ पुरस्कार

पुरस्कार-प्रतीकः वाग्देवी की कांस्य प्रतिमा ज्ञानपीठ पुरस्कार भारतीय ज्ञानपीठ न्यास द्वारा भारतीय साहित्य के लिए दिया जाने वाला सर्वोच्च पुरस्कार है। भारत का कोई भी नागरिक जो आठवीं अनुसूची में बताई गई २२ भाषाओं में से किसी भाषा में लिखता हो इस पुरस्कार के योग्य है। पुरस्कार में ग्यारह लाख रुपये की धनराशि, प्रशस्तिपत्र और वाग्देवी की कांस्य प्रतिमा दी जाती है। १९६५ में १ लाख रुपये की पुरस्कार राशि से प्रारंभ हुए इस पुरस्कार को २००५ में ७ लाख रुपए कर दिया गया जो वर्तमान में ग्यारह लाख रुपये हो चुका है। २००५ के लिए चुने गये हिन्दी साहित्यकार कुंवर नारायण पहले व्यक्ति थे जिन्हें ७ लाख रुपए का ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्त हुआ। प्रथम ज्ञानपीठ पुरस्कार १९६५ में मलयालम लेखक जी शंकर कुरुप को प्रदान किया गया था। उस समय पुरस्कार की धनराशि १ लाख रुपए थी। १९८२ तक यह पुरस्कार लेखक की एकल कृति के लिये दिया जाता था। लेकिन इसके बाद से यह लेखक के भारतीय साहित्य में संपूर्ण योगदान के लिये दिया जाने लगा। अब तक हिन्दी तथा कन्नड़ भाषा के लेखक सबसे अधिक सात बार यह पुरस्कार पा चुके हैं। यह पुरस्कार बांग्ला को ५ बार, मलयालम को ४ बार, उड़िया, उर्दू और गुजराती को तीन-तीन बार, असमिया, मराठी, तेलुगू, पंजाबी और तमिल को दो-दो बार मिल चुका है। .

नई!!: भारतीय ज्ञानपीठ और ज्ञानपीठ पुरस्कार · और देखें »

यहां पुनर्निर्देश करता है:

भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशन

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »