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विलास आदिनाथ संगावे

सूची विलास आदिनाथ संगावे

विलास आदिनाथ संगावे एक समाजशास्त्री और जैनधर्मविद हैं। उनका जन्म 2 जून 1920 को एक सोलापुर, महाराष्ट्र के एक जैन परिवार में हुआ। 1 मार्च 2011 को उनका देहान्त हुआ था। .

6 संबंधों: पॉप्युलर प्रकाशन, भारतीय ज्ञानपीठ, महाराष्ट्र, समाजशास्त्र, सोलापुर, जैन धर्म

पॉप्युलर प्रकाशन

पॉप्युलर प्रकाशन (Popular Prakashan) भारत में स्थित एक स्वतंत्र प्रकाशन घर है जिसका मुख्यालय मुम्बई में है। .

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भारतीय ज्ञानपीठ

भारतीय ज्ञानपीठ भारत में साहित्य संबंधी गतिविधियों के संवर्धन और संरक्षण के लिए कार्यरत सबसे प्रमुख और प्रतिष्ठित संस्थान है। श्रीमती रमा जैन और श्री साहूशान्ति प्रसाद जैन द्वारा संस्थापित यह संस्थान साहित्यिक पुस्तकें प्रकाशित करता है तथा ज्ञानपीठ पुरस्कार और मूर्तिदेवी पुरस्कार नामक दो पुरस्कार प्रदान करता है, जो साहित्य के सर्वोच्च पुरस्कारों में से हैं। इसकी स्थापना 1944 में हुई। .

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महाराष्ट्र

महाराष्ट्र भारत का एक राज्य है जो भारत के दक्षिण मध्य में स्थित है। इसकी गिनती भारत के सबसे धनी राज्यों में की जाती है। इसकी राजधानी मुंबई है जो भारत का सबसे बड़ा शहर और देश की आर्थिक राजधानी के रूप में भी जानी जाती है। और यहाँ का पुणे शहर भी भारत के बड़े महानगरों में गिना जाता है। यहाँ का पुणे शहर भारत का छठवाँ सबसे बड़ा शहर है। महाराष्ट्र की जनसंख्या सन २०११ में ११,२३,७२,९७२ थी, विश्व में सिर्फ़ ग्यारह ऐसे देश हैं जिनकी जनसंख्या महाराष्ट्र से ज़्यादा है। इस राज्य का निर्माण १ मई, १९६० को मराठी भाषी लोगों की माँग पर की गयी थी। यहां मराठी ज्यादा बोली जाती है। मुबई अहमदनगर पुणे, औरंगाबाद, कोल्हापूर, नाशिक नागपुर ठाणे शिर्डी-अहमदनगर आैर महाराष्ट्र के अन्य मुख्य शहर हैं। .

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समाजशास्त्र

समाजशास्त्र मानव समाज का अध्ययन है। यह सामाजिक विज्ञान की एक शाखा है, जो मानवीय सामाजिक संरचना और गतिविधियों से संबंधित जानकारी को परिष्कृत करने और उनका विकास करने के लिए, अनुभवजन्य विवेचनगिडेंस, एंथोनी, डनेर, मिशेल, एप्पल बाम, रिचर्ड.

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सोलापुर

सोलापुर शहर दक्षिण-पश्चिमी भारत के महाराष्ट्र राज्य के सोलापुर ज़िले का प्रशासनिक मुख्यालय, सीना नदी के किनारे स्थित है। प्रारंभिक शताब्दियों में सोलापुर शहर हिंदू चालुक्यों और देवगिरि यादवों के शासन में था, किंतु बाद में यह बहमनी और बीजापुर साम्राज्य का हिस्सा बन गया। सोलापुर मुंबई-हैदराबाद सड़क व रेलमार्गों पर स्थित है, जो बीजापुर और गडग को जाने वाली छोटी लाइनों से भी जुड़ा है। सोलापुर कपास और अन्य कृषि उत्पादों के व्यावसायिक केंद्र के रूप में विकसित हुआ है। सोलापुर के सिद्धेश्वर मंदिर में पूजा-अर्चना के लिए श्रद्धालु दूर-दूर से बड़ी संख्या में आते हैं। सोलापुर एक औद्योगिक केंद्र भी है, सूती वस्त्र के क्षेत्र में यह मुंबई के बाद दूसरा केंद्र है। सोलापुर में एक पुराने मुस्लिम क़िले के भग्नावशेष हैं।सोलापूर मे मराठी से जादा तेलुगू और कन्नड़ भाषा बोलते है।भारत स्वतंत्र के बाद सोलापूर के लोग कर्नाटक मे जना चाहते थे। महादेवी लिगाडे नाम की कन्नड लिंगायत साहित्यिक महिला ने सोलापूर कर्नाटक मे जोडने के लीये आंदोलन किया था। इस विवाद के बीच सेंट्रल gov ने महाजन आयोग की स्थापना की। महाजन आयोग ने सोलापूर को कर्नाटक मे जोडने का अहवाल दिया। महाराष्ट्र सरकारने इस आदेश को नाकारा। फिलाल मामला सुप्रीम कोर्ट मे है। currently Solapur is also well known for manufacturing of all types of uniform.

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जैन धर्म

जैन ध्वज जैन धर्म भारत के सबसे प्राचीन धर्मों में से एक है। 'जैन धर्म' का अर्थ है - 'जिन द्वारा प्रवर्तित धर्म'। जो 'जिन' के अनुयायी हों उन्हें 'जैन' कहते हैं। 'जिन' शब्द बना है 'जि' धातु से। 'जि' माने - जीतना। 'जिन' माने जीतने वाला। जिन्होंने अपने मन को जीत लिया, अपनी वाणी को जीत लिया और अपनी काया को जीत लिया और विशिष्ट ज्ञान को पाकर सर्वज्ञ या पूर्णज्ञान प्राप्त किया उन आप्त पुरुष को जिनेश्वर या 'जिन' कहा जाता है'। जैन धर्म अर्थात 'जिन' भगवान्‌ का धर्म। अहिंसा जैन धर्म का मूल सिद्धान्त है। जैन दर्शन में सृष्टिकर्ता कण कण स्वतंत्र है इस सॄष्टि का या किसी जीव का कोई कर्ता धर्ता नही है।सभी जीव अपने अपने कर्मों का फल भोगते है।जैन धर्म के ईश्वर कर्ता नही भोगता नही वो तो जो है सो है।जैन धर्म मे ईश्वरसृष्टिकर्ता इश्वर को स्थान नहीं दिया गया है। जैन ग्रंथों के अनुसार इस काल के प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव आदिनाथ द्वारा जैन धर्म का प्रादुर्भाव हुआ था। जैन धर्म की अत्यंत प्राचीनता करने वाले अनेक उल्लेख अ-जैन साहित्य और विशेषकर वैदिक साहित्य में प्रचुर मात्रा में हैं। .

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