सामग्री की तालिका
4 संबंधों: बहुपद, लांबिक फलन, लजान्द्र बहुपद, गणित।
बहुपद
7 घात वाले एक बहुपद का कार्तीय निरेशांक प्रणाली में ग्राफ प्रारंभिक बीजगणित में धन (+) और ऋण (-) चिह्नों से संबंद्ध कई पदों के व्यंजक (expression) को बहुपद (Polynomial) कहते हैं, यथा (3a+2b-5c).
देखें लांबिक बहुपद और बहुपद
लांबिक फलन
गणित में दो फलन f तथा g परस्पर लम्बकोणीय (orthogonal) कहलाते हैं यदि उनका आन्तरिक गुणनफल (inner product) \langle f,g\rangle सभी f ≠ g के लिए शून्य हो। आन्तरिक गुणफल की परिभाषा भी सन्दर्भ के साथ बदलती रहती है। तथापि आन्तरिक गुणफल की निम्नलिखित परिभाषा दे सकते हैं: इसमें समाकलन की सीमा समुचित रूप से ली जा सकती है। यहाँ 'तारांकित f' का अर्थ f के समिश्र युग्म से है।; कुछ उदाहरण.
देखें लांबिक बहुपद और लांबिक फलन
लजान्द्र बहुपद
गणित में लजान्द्र बहुपद (Legendre Polynomial) वे बहुपद हैं जो लजान्द्र के अवकल समीकण के हल हैं: यह नामकरण आद्रियें मारि लजान्द्र के नाम पर किया गया है। ये बहुपद लांबिक फलन (आर्थोगोनल फलन) के सरलतम उदाहरण हैं। .
देखें लांबिक बहुपद और लजान्द्र बहुपद
गणित
पुणे में आर्यभट की मूर्ति ४७६-५५० गणित ऐसी विद्याओं का समूह है जो संख्याओं, मात्राओं, परिमाणों, रूपों और उनके आपसी रिश्तों, गुण, स्वभाव इत्यादि का अध्ययन करती हैं। गणित एक अमूर्त या निराकार (abstract) और निगमनात्मक प्रणाली है। गणित की कई शाखाएँ हैं: अंकगणित, रेखागणित, त्रिकोणमिति, सांख्यिकी, बीजगणित, कलन, इत्यादि। गणित में अभ्यस्त व्यक्ति या खोज करने वाले वैज्ञानिक को गणितज्ञ कहते हैं। बीसवीं शताब्दी के प्रख्यात ब्रिटिश गणितज्ञ और दार्शनिक बर्टेंड रसेल के अनुसार ‘‘गणित को एक ऐसे विषय के रूप में परिभाषित किया जा सकता है जिसमें हम जानते ही नहीं कि हम क्या कह रहे हैं, न ही हमें यह पता होता है कि जो हम कह रहे हैं वह सत्य भी है या नहीं।’’ गणित कुछ अमूर्त धारणाओं एवं नियमों का संकलन मात्र ही नहीं है, बल्कि दैनंदिन जीवन का मूलाधार है। .
देखें लांबिक बहुपद और गणित