मीन तारामंडल का मानचित्र, औ उसमें दिखता रेवती नक्षत्र यह एक नक्षत्र है और ३२ तारों का एक समूह है। यह मृदु मॅत्र संज्ञक नक्षत्र है। इस नक्षत्र में विद्या का आरंभ, गृह प्रवेश, विवाह, सम्मान प्राप्ति, देव प्रतिष्ठा, वस्त्र निर्माण इत्यादि कार्य संपन्न किए जाते हैं। इसमें दक्षिण दिशा की यात्रा तथा शव दाह से कार्य नहीं किए जाते। इस नक्षत्र के देवता पूषा हैं। यह मीन राशि का अंतिम नक्षत्र है। इसके स्वामी ग्रहों में बुध हैं। इस नक्षत्र पर गुरू एवं बुध का संयुक्त प्रभाव होता है। जन्म जिन जातकों क जन्म इस नक्षत्र में होता है वह बुध महादसा में जन्म लेते हैं। तथा तेजस्वी, सुंदर, चतुर, विद्द्वान होते हैं। धन धान्य से युक्त होते हैं। नामाक्षर दे, दो, च, ची अक्षरों पर चरणानुसार। रोग इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोगों को वायु विकार, ज्वर, पीठ दर्द जैसी समस्याएं रहती हैं। .
1 संबंध: नक्षत्र।
आकाश में तारा-समूह को नक्षत्र कहते हैं। साधारणतः यह चन्द्रमा के पथ से जुड़े हैं, पर वास्तव में किसी भी तारा-समूह को नक्षत्र कहना उचित है। ऋग्वेद में एक स्थान पर सूर्य को भी नक्षत्र कहा गया है। अन्य नक्षत्रों में सप्तर्षि और अगस्त्य हैं। नक्षत्र सूची अथर्ववेद, तैत्तिरीय संहिता, शतपथ ब्राह्मण और लगध के वेदांग ज्योतिष में मिलती है। भागवत पुराण के अनुसार ये नक्षत्रों की अधिष्ठात्री देवियाँ प्रचेतापुत्र दक्ष की पुत्रियाँ तथा चन्द्रमा की पत्नियाँ हैं। .
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