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रुडाल्फ़ फिर्खो

सूची रुडाल्फ़ फिर्खो

रुडोल्फ फिर्खो रुडाल्फ़ फिर्खो (Rudolf Virchow, जर्मन उच्चारण:; सन् १८२१ - १९०२) जर्मन विकृतिविज्ञानी तथा राजनीतिज्ञ थे। इनका जन्म पोरेनिया प्रदेश के शिवेल्बीन (Schivelbein) नामक स्थान में हुआ था। शिक्षा पूर्ण होने पर सन् १८४३ में ये चैरिटी अस्पताल में सहायक सर्जन, सन् १८४६ में रेक्टर तथा सन् १८४७ में युनिविर्सिटी के अध्यापक नियुक्त हुए। इसी समय इन्होंने राइनहार्ट (Reinhardh) के सहयोग से शरीररचना तथा क्रियाविज्ञान और विकृतिविज्ञान पर एक प्रसिद्ध प्रकाशन आरंभ किया। राइनहार्ट की मृत्यु के पश्चात् ये इसे अकेले प्रकाशित करते रहे। सन् १८४८ में टाइफ़स की महामारी के कारणों की जाँच के लिए नियुक्त कमीशन के आप सदस्य थे, किन्तु राजनीति में उग्र विचारों के कारण बर्लिन से निकाल दिए गए। तब वुर्जवर्गे मेडिकल स्कूल में इन्होंने शरीररचनाविज्ञान (anatomy) की शिक्षा देनी आरंभ की, जिससे इस स्कूल को बहुत लाभ हुआ। सन् १८५६ में आप बर्लिन में पुन: बुलाए गए। यहाँ विकृति-संबंधी संस्थान (Pathological Institute) के निर्देशक के पद पर आपके रहने के फलस्वरूप मौलिक अनुसंधानों की एक निरंतर धारा निकलती रही। इनके विस्तृत अध्ययनों में रोगवज्ञान संबंधी अनुसंधान प्रमुख थे। औतिकी (Histology), विकृत शरीर तथा विशिष्ट रोगों से संबंधित आपने महत्व की खोजे कीं। इन्होंने कोशिका विज्ञान तथा कोश-विकृति-विज्ञान की स्थापना की। सन् १८५८ में 'सेलुलर पैथोलाजी' नामक आपकी प्रसिद्ध पुस्तक प्रकाशित हुई। इन्होंने महत्व की अनेक वैज्ञानिक तथा अन्य विषयक पुस्तकें भी लिखीं है। फिखों ने मानव विज्ञान तथा प्रागैतिहासिक वास्तुकला संबंधी अनुसंधान किए तथा इन विषयों पर प्रभावशाली लेख लिखे। सन् १८६२ में आप प्रशिया की संसद (Lower House) के सदस्य चुने गए। यहाँ इन्होंने फोर्टश्रिट्स पार्टी की स्थापना की। कई वर्ष तक वित्त कमेटी के ये अध्यक्ष रहे तथा प्रशियन बजेट प्रणाली के प्रमुख संस्थापक थे। सन् १८८० में इन्होंने राइखस्टैग में प्रवेश किया। यहाँ ये विरोधी दल के नेता हो गए तथा बिस्मार्क के प्रबल विरोधी थे। इन्होंने बर्लिन की नगरमहापालिका के सदस्य के रूप में ३० वर्ष तक नगर की सेवा की। इन्हीं की चेष्टाओं से वहाँ वाहित मल का फार्म, जलसंभरण तथा जल निकासी के समुचित प्रबंध हुए। इस परोपकारी वैज्ञानिक की मृत्यु ८१ वर्ष की आयु में हुई। श्रेणी:जर्मन वैज्ञानिक श्रेणी:जर्मन राजनीतिज्ञ.

सामग्री की तालिका

  1. 11 संबंधों: ऊतक विज्ञान, प्रशिया, बर्लिन, बिस्मार्क, मानवशास्त्र, शारीरिकी, जर्मन भाषा, वाहितमल, विकृतिविज्ञान, कोशिका विज्ञान, कोशिकारोगविज्ञान

ऊतक विज्ञान

प्रकाश सूक्ष्मदर्शी की सहायता से ऊतक स्लाइड का अध्ययन ऊतक विज्ञान या ऊतिकी (Histology) की परिभाषा देते हुए स्टोरर ने लिखा है: ऊतक विज्ञान या सूक्ष्म शरीर (microscopic anatomy) अंगों के भीतर ऊतकों की संरचना तथा उनके विन्यास (arrangement) के अध्ययन को कहते हैं। अँगरेजी का हिस्टोलॉजी शब्द यूनानी भाषा के शब्द हिस्टोस्‌ (histos) तथा लॉजिया (logia) से मिलकर बना है, जिनका अर्थ होता है ऊतकों (tissues) का अध्ययन। अत: ऊतक विज्ञान वह विज्ञान है, जिसके अंतर्गत ऊतकों की सूक्ष्म संरचना तथा उनकी व्यवस्था अथवा विन्यास का अध्ययन किया जाता है। 'ऊतक' शब्द फ्रांसीसी भाषा के शब्द टिशू (tissu) से निकला है, जिसका अर्थ होता है संरचना या बनावट (texture)। इस शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम फ्रांसीसी शारीर वैज्ञानिक (anatomist) बिशैट (Bichat) ने 18वीं शताब्दी के अंत में शारीर या शरीर-रचना विज्ञान के प्रसंग में किया था। उन्होंने अपनी पुस्तक में लगभग बी प्रकार के ऊतकों का उल्लेख किया है। किंतु, आजकल केवल चार प्रकार के मुख्य ऊतकों को मान्यता प्राप्त है, जिनके नाम हैं: इपीथिलियमी (epithelial), संयोजक (connective), पेशीय (musclar) और तंत्रिकीय ऊतक (nervous tissues)। .

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प्रशिया

अपने चरम पर प्रशा प्रशिया, प्रुशिया या प्रशा, (Preußen), उत्तरी यूरोप का एक जर्मन ऐतिहासिक राज्य था। प्रशिया, अपनी राजधानी कोइनिजबर्ग और 1701 से बर्लिन के साथ, जर्मनी के इतिहास को निर्णायक रूप से आकार दिया है। 18वीं और 19वीं शताब्दियों में यह राज्य अपने चरम पर था। .

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बर्लिन

ब्रांडेनबर्ग गेट, जर्मनी के एक मील का पत्थर बर्लिन टीवी टावर, शहर के लिए मील का पत्थर बर्लिन-मिटे के क्षितिज भालू मेरा साथी: बर् लन की शांती और स्वतंत्रता का प्रतीक बर्लिन जर्मनी की राजधानी और इसके 16 राज्यों में से एक है। यह बर्लिन-ब्रैन्डनबर्ग मेट्रोपोलिटन क्षेत्र के मध्य में, जर्मनी के उत्तर-पूर्वी भाग में स्थित है। इसकी जनसंख्या 34 लाख है। यह जर्मनी का सबसे बड़ा और यूरोपीय संघ का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। बर्लिन यूरोप की राजनीति, संस्कृति और विज्ञान का महत्त्वपूर्ण केन्द्र है। यूरोप के यातायात के लिए यह एक धुरी के समान है। यहाँ कई महत्त्वपूर्ण विश्वविद्यालय, संग्रहालय और शोध केन्द्र हैं। यह शहर बहुत तेजी से विकास कर रहा है और यहाँ के समारोह, उत्सव, अग्रणी कलाएँ, वास्तुशिल्प और रात्रि-जीवन काफी प्रसिद्ध हैं। बर्लिन 13वीं शताब्दी में स्थापित हुआ और इस क्षेत्र के कई राज्यों और साम्राज्यों की राजधानी रहा- प्रुशिया राज्य (1701 से), जर्मन साम्राज्य (1871-1918), वेइमार गणतंत्र (1919-1932) और तीसरी राइख (1933-1945).

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बिस्मार्क

250px ओटो एडुअर्ड लिओपोल्ड बिस्मार्क (1 अप्रैल 1815 - 30 जुलाई 1898), जर्मन साम्राज्य का प्रथम चांसलर तथा तत्कालीन यूरोप का प्रभावी राजनेता था। वह 'ओटो फॉन बिस्मार्क' के नाम से अधिक प्रसिद्ध है। उसने अनेक जर्मनभाषी राज्यों का एकीकरण करके शक्तिशाली जर्मन साम्राज्य स्थापित किया। वह द्वितीय जर्मन साम्राज्य का प्रथम चांसलर बना। वह "रीअलपालिटिक" की नीति के लिये प्रसिद्ध है जिसके कारण उसे "लौह चांसलर" के उपनाम से जाना जाता है। वह अपने युग का बहुत बड़ा कूटनीतिज्ञ था। अपने कूटनीतिक सन्धियों के तहत फ्रांस को मित्रविहीन कर जर्मनी को यूरोप की सर्वप्रमुख शक्ति बना दिया। बिस्मार्क ने एक नवीन वैदेशिक नीति का सूत्रपात किया जिसके तहत शान्तिकाल में युद्ध को रोकने और शान्ति को बनाए रखने के लिए गुटों का निर्माण किया। उसकी इस 'सन्धि प्रणाली' ने समस्त यूरोप को दो गुटों में बांट दिया। .

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मानवशास्त्र

बैंकाक के फोरेंसिक विज्ञान संग्रहालय में मानवशास्त्रीय वस्तुएँ मानवशास्त्र या नृविज्ञान (en:Anthropology) मानव, उसके जेनेटिक्स, संस्कृति और समाज की वैज्ञानिक और समाजशास्त्रीय दृष्टिकोण से अध्ययन है। इसके अंतर्गत मनुष्य के समाज के अतीत और वर्तमान के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन किया जाता है। सामाजिक नृविज्ञान और सांस्कृतिक नृविज्ञान के तहत मानदंडों और समाज के मूल्यों का अध्ययन किया जाता है। भाषाई नृविज्ञान में पढ़ा जाता है कि कैसे भाषा, सामाजिक जीवन को प्रभावित करती है। जैविक या शारीरिक नृविज्ञान में मनुष्य के जैविक विकास का अध्ययन किया जाता है। नृविज्ञान एक वैश्विक अनुशासन है, जिसमे मानविकी, सामाजिक और प्राकृतिक विज्ञान को एक दूसरे का सामना करने के लिए मजबूर किया जाता है। मानव विज्ञान, प्राकृतिक विज्ञान के समेत मनुष्य उत्पत्ति, मानव शारीरिक लक्षण, मानव शरीर में बदलाव, मनुष्य प्रजातियों में आये बदलावों इत्यादि से ज्ञान की रचना करता है। सामाजिक-सांस्कृतिक नृविज्ञान, संरचनात्मक और उत्तर आधुनिक सिद्धांतों से बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। .

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शारीरिकी

अंगूठाकार शारीरिकी, शारीर या शरीररचना-विज्ञान (अंग्रेजी:Anatomy), जीव विज्ञान और आयुर्विज्ञान की एक शाखा है जिसके अंतर्गत किसी जीवित (चल या अचल) वस्तु का विच्छेदन कर, उसके अंग प्रत्यंग की रचना का अध्ययन किया जाता है। अचल में वनस्पतिजगत तथा चल में प्राणीजगत का समावेश होता है और वनस्पति और प्राणी के संदर्भ में इसे क्रमश: पादप शारीरिकी और जीव शारीरिकी कहा जाता है। जब किसी विशेष प्राणी अथवा वनस्पति की शरीररचना का अध्ययन किया जाता है, तब इसे विशेष शारीरिकी (अंग्रेजी:Special Anatomy) अध्ययन कहते हैं। जब किसी प्राणी या वनस्पति की शरीररचना की तुलना किसी दूसरे प्राणी अथवा वनस्पति की शरीररचना से की जाती है उस स्थिति में यह अध्ययन तुलनात्मक शारीरिकी (अंग्रेजी:Comparative Anatomy) कहलाता है। जब किसी प्राणी के अंगों की रचना का अध्ययन किया जाता है, तब यह आंगिक शारीरिकी (अंग्रेजी:Regional Anatomy) कहलाती है। .

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जर्मन भाषा

विश्व के जर्मन भाषी क्षेत्र जर्मन भाषा (डॉयट्श) संख्या के अनुसार यूरोप की सब से अधिक बोली जाने वाली भाषा है। ये जर्मनी, स्विट्ज़रलैंड और ऑस्ट्रिया की मुख्य- और राजभाषा है। ये रोमन लिपि में लिखी जाती है (अतिरिक्त चिन्हों के साथ)। ये हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार में जर्मनिक शाखा में आती है। अंग्रेज़ी से इसका करीबी रिश्ता है। लेकिन रोमन लिपि के अक्षरों का इसकी ध्वनियों के साथ मेल अंग्रेज़ी के मुक़ाबले कहीं बेहतर है। आधुनिक मानकीकृत जर्मन को उच्च जर्मन कहते हैं। जर्मन भाषा भारोपीय परिवार के जर्मेनिक वर्ग की भाषा, सामान्यत: उच्च जर्मन का वह रूप है जो जर्मनी में सरकारी, शिक्षा, प्रेस आदि का माध्यम है। यह आस्ट्रिया में भी बोली जाती है। इसका उच्चारण १८९८ ई.

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वाहितमल

जल द्वारा वाहित (carried) अपशिष्ट वाहितमल या जलमल (Sewage) कहा जाता है। इसमें मल विलयन या निलंबन रूप में हो सकता है। मल में जल मिलाने से उसे गुरुत्व द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने में आसानी होती है। मलजल में प्रायः ९९% से अधिक जल होता है। 'मल' के अन्तर्गत मानव विष्टा, मूत्र, रसोईघर का गन्दा पानी, तथा स्नान और धुलाई का गन्दा जल आदि शामिल हैं। .

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विकृतिविज्ञान

जिन कारणों से शरीर के विभिन्न अंगों की साम्यावस्था, या स्वास्थ्यावस्था, नष्ट होकर उनमें विकृतियाँ उत्पन्न होती हैं, उनको हेतुकीकारक (Etiological factors) और उनके शास्त्र को हेतुविज्ञान (Etiology) कहते हैं। ये कारण अनेक हैं। इन्हें निम्नलिखित भागों में विभक्त किया गया है.

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कोशिका विज्ञान

घटक अणुओं के रूप में कोशिकाओं की समझ कोशिका की सामान्यीकृत संरचना तथा कोशिका के आणविक घटक कोशिका विज्ञान (Cytology) या कोशिका जैविकी (Cell biology) में कोशिकाओं के शरीरक्रियात्मक गुणों (physiological properties), संरचना, कोशिकांगों (organelles), वाह्य पर्यावरण के साथ क्रियाओं, जीवनचक्र, विभाजन तथा मृत्यु का वैज्ञानिक अध्यन किया जाता है। यह अध्ययन सूक्ष्म तथा आणविक स्तरों पर किया जाता है। कोशिकाओं के घटकों तथा उनके कार्य करने की विधि का ज्ञान सभी जैविक विज्ञानों के लिये मूलभूत तथा महत्व का विषय है। विशेषतः विभिन्न प्रकार की कोशिकाओं के बीच समानता और अन्तर की बारीक समझ कोशिकाविज्ञान, अणुजैविकी (molecular biology) तथा जैवचिकित्सीय क्षेत्रों के लिये महत्वपूर्ण है। .

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कोशिकारोगविज्ञान

कोशिकारोगविज्ञान (Cytopathology) या कोशिका विकृतिविज्ञान विकृतिविज्ञान (पैथोलोजी) की एक शाखा है जिसमें कोशिका के स्तर पर रोगों का अध्ययन एवं निदान किया जाता है। .

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