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यासीन वादी

सूची यासीन वादी

यासीन (Yasin) या वोरशीगूम (Worshigum) पाक-अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बलतिस्तान क्षेत्र के ग़िज़र ज़िले की एक घाटी है। प्रशासनिक दृष्टि से यह ग़िज़र ज़िले की एक तहसील भी है। यासीन वादी हिन्दु कुश पर्वतों में स्थित है और यहाँ से पूर्व में इश्कोमन वादी पहुँचने के लिए असम्बर दर्रे नामक एक पर्वतीय दर्रे से गुज़रना पड़ता है।, Robert W.

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सामग्री की तालिका

  1. 26 संबंधों: चित्राल, चित्राल ज़िला, तहसील, दरकोट दर्रा, दर्रा, पाक अधिकृत कश्मीर, बरोग़िल दर्रा, बुरुशस्की, ब्रिटिश राज, भारतीय उपमहाद्वीप, मध्य एशिया, रूसी साम्राज्य, शिया इस्लाम, सिन्धु नदी, हिन्दु कुश, वाख़ान, ख़ैबर पख़्तूनख़्वा, खोवार भाषा, ग़िज़र ज़िला, गिलगित-बल्तिस्तान, आमू दरिया, इश्कोमन, इस्माइली, इस्लाम, कुनर नदी, अफ़ग़ानिस्तान

  2. गिलगित-बल्तिस्तान की घाटियाँ

चित्राल

चित्राल शहर का अतालिक़ बाज़ार - चिह्न पर 'दी बैंक ऑफ़ ख़ैबर' लिखा है चित्राल शहर में मसालों का एक दुकानदार चित्राल (उर्दू:, अंग्रेज़ी: Chitral) या छेत्रार (खोवार) पश्चिमोत्तरी पाकिस्तान के ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा प्रान्त के चित्राल ज़िले की राजधानी और सबसे बड़ा शहर है। यह हिन्दु कुश पर्वतमाला के सबसे ऊँचे पहाड़ तिरिच मीर के चरणों में कुनर नदी के पश्चिमी किनारे पर बसा हुआ है। चित्राल ज़िले की कुल ३ लाख लोगों की आबादी में से लगभग २ लाख चित्राल शहर में रहतें हैं। शहर जिस वादी में स्थित है वह ३,७०० फ़ुट (१,१०० मीटर) की ऊँचाई पर स्थित है।, Brian Robson, Spellmount, 2004,...

देखें यासीन वादी और चित्राल

चित्राल ज़िला

चित्राल (उर्दू:, अंग्रेज़ी: Chitral) पाकिस्तान के ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा प्रांत के सबसे उत्तरी भाग में स्थित एक ज़िला है। यह उस प्रान्त का सबसे बड़ा ज़िला है। इसका क्षेत्रफल १४,८५० वर्ग किमी है और १९९८ की जनगणना में इसकी आबादी ३,१८,६८९ थी। ७,७०८ मीटर ऊँचा तिरिच मीर, जो दुनिया के सबसे ऊंचे पहाड़ों में से है, इस ज़िले में स्थित है। चित्राल ज़िले की राजधानी चित्राल शहर है।, Sarina Singh, Lindsay Brown, Paul Clammer, Rodney Cocks, John Mock, Lonely Planet, 2008, ISBN 978-1-74104-542-0 .

देखें यासीन वादी और चित्राल ज़िला

तहसील

तहसील भारत की एक प्रशासनिक ईकाई है। एक राज्य कई जिलों से मिलकर बना होता है। एक जिले के अन्दर कई तालुक या तहसील या प्रखण्ड होते हैं।तहसील का प्रभाई अधिकारी तहसीलदार होता है। श्रेणी:प्रशासनिक विभाग श्रेणी:प्रशासन राजस्थान के करौली जिले मे ब्लॉक वाइज तहसील निम्न प्रकार है.

देखें यासीन वादी और तहसील

दरकोट दर्रा

दरकोट दर्रा (Darkot Pass), जो दरकूट दर्रा भी कहलाता है, हिन्दु कुश पर्वतों की हिन्दु राज शृंखला का एक पहाड़ी दर्रा है जो पाकिस्तान के ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा प्रान्त के चित्राल ज़िले की बरोग़िल वादी को पाक अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बल्तिस्तान क्षेत्र के ग़िज़र ज़िले की रावत वादी से जोड़ता है। भौगोलिक दृष्टि से यह यरख़ुन नदी घाटी क्षेत्र को यासीन घाटी क्षेत्र से जोड़ता है।, Jason Neelis, pp.

देखें यासीन वादी और दरकोट दर्रा

दर्रा

पहाडियों एव पर्वतिय क्षेत्रों में पाए जाने वाले आवागमन के प्राकृतिक मार्गों को दर्रा कहा जाता हैं। .

देखें यासीन वादी और दर्रा

पाक अधिकृत कश्मीर

भारतीय कश्मीर है और अकसाई चिन चीन के अधिकार में है। इस क्षेत्र का अधिकार चीन को पाकिस्तान द्वारा सौंपा गया था। पाक अधिकृत कश्मीर मूल कश्मीर का वह भाग है, जिस पर पाकिस्तान ने १९४७ में हमला कर अधिकार कर लिया था। यह भारत और पाकिस्तान के बीच विवादित क्षेत्र है। इसकी सीमाएं पाकिस्तानी पंजाब एवं उत्तर पश्चिमी सीमांत प्रांत से पश्चिम में, उत्तर पश्चिम में अफ़गानिस्तान के वाखान गलियारे से, चीन के ज़िन्जियांग उयघूर स्वायत्त क्षेत्र से उत्तर और भारतीय कश्मीर से पूर्व में लगती हैं। इस क्षेत्र के पूर्व कश्मीर राज्य के कुछ भाग, ट्रांस-काराकोरम ट्रैक्ट को पाकिस्तान द्वारा चीन को दे दिया गया था व शेष क्षेत्र को दो भागों में विलय किया गया था: उत्तरी क्षेत्र एवं आजाद कश्मीर। इस विषय पर पाकिस्तान और भारत के बीच १९४७ में युद्ध भी हुआ था। भारत द्वारा इस क्षेत्र को पाक अधिकृत कश्मीर (पी.ओ.के) कहा जाता है।रीडिफ, २३ मई २००६ संयुक्त राष्ट्र सहित अधिकांश अंतर्राष्ट्रीय संस्थाएं एम.एस.एफ़, एवं रेड क्रॉस द्वारा इस क्षेत्र को पाक-अधिकृत कश्मीर ही कहा जाता है। .

देखें यासीन वादी और पाक अधिकृत कश्मीर

बरोग़िल दर्रा

बरोग़िल (Baroghil) या बोरोग़िल या ब्रोग़िल या ब्रोग़ोल (Broghol) हिन्दु कुश पर्वतमाला में स्थित एक पहाड़ी दर्रा है जो पाकिस्तान के ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा प्रान्त के चित्राल क्षेत्र की मस्तुज वादी को अफ़ग़ानिस्तान के वाख़ान गलियारे से जोड़ता है। अन्य क्षेत्रीय दर्रों की तुलना में इसकी ऊँचाई कम है। साल में तीन महीने बर्फ़ग्रस्त होने से यह बन्द रहता है लेकिन बाक़ी के नौ महीने खुला होता है।, Royal Geographical Society (Great Britain), pp.

देखें यासीन वादी और बरोग़िल दर्रा

बुरुशस्की

बुरुशस्की एक भाषा है जो पाक-अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बल्तिस्तान क्षेत्र के उत्तरी भागों में बुरुशो समुदाय द्वारा बोली जाती है। यह एक भाषा वियोजक है, यानि विश्व की किसी भी अन्य भाषा से कोई ज्ञात जातीय सम्बन्ध नहीं रखती और अपने भाषा-परिवार की एकमात्र ज्ञात भाषा है। सन् २००० में इसे हुन्ज़ा-नगर ज़िले, गिलगित ज़िले के उत्तरी भाग और ग़िज़र ज़िले की यासीन व इश्कोमन घाटियों में लगभग ८७,००० लोग बोलते थे। इसे जम्मू और कश्मीर राज्य के श्रीनगर क्षेत्र में भी लगभग ३०० लोग बोलते हैं। भारत में बुरुशस्की के अलावा केवल मध्य प्रदेश व महाराष्ट्र के सीमावर्ती बुलढाणा क्षेत्र की निहाली भाषा ही दूसरी ज्ञात भाषा वियोजक है। .

देखें यासीन वादी और बुरुशस्की

ब्रिटिश राज

ब्रिटिश राज 1858 और 1947 के बीच भारतीय उपमहाद्वीप पर ब्रिटिश द्वारा शासन था। क्षेत्र जो सीधे ब्रिटेन के नियंत्रण में था जिसे आम तौर पर समकालीन उपयोग में "इंडिया" कहा जाता था‌- उसमें वो क्षेत्र शामिल थे जिन पर ब्रिटेन का सीधा प्रशासन था (समकालीन, "ब्रिटिश इंडिया") और वो रियासतें जिन पर व्यक्तिगत शासक राज करते थे पर उन पर ब्रिटिश क्राउन की सर्वोपरिता थी। .

देखें यासीन वादी और ब्रिटिश राज

भारतीय उपमहाद्वीप

भारतीय उपमहाद्वीप का भौगोलिक मानचित्र भारतीय उपमहाद्वीप, एशिया के दक्षिणी भाग में स्थित एक उपमहाद्वीप है। इस उपमहाद्वीप को दक्षिण एशिया भी कहा जाता है भूवैज्ञानिक दृष्टि से भारतीय उपमहाद्वीप का अधिकांश भाग भारतीय प्रस्तर (या भारतीय प्लेट) पर स्थित है, हालाँकि इस के कुछ भाग इस प्रस्तर से हटकर यूरेशियाई प्रस्तर पर भी स्थित हैं। .

देखें यासीन वादी और भारतीय उपमहाद्वीप

मध्य एशिया

मध्य एशिया एशिया के महाद्वीप का मध्य भाग है। यह पूर्व में चीन से पश्चिम में कैस्पियन सागर तक और उत्तर में रूस से दक्षिण में अफ़ग़ानिस्तान तक विस्तृत है। भूवैज्ञानिकों द्वारा मध्य एशिया की हर परिभाषा में भूतपूर्व सोवियत संघ के पाँच देश हमेशा गिने जाते हैं - काज़ाख़स्तान, किरगिज़स्तान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज़बेकिस्तान। इसके अलावा मंगोलिया, अफ़ग़ानिस्तान, उत्तरी पाकिस्तान, भारत के लद्दाख़ प्रदेश, चीन के शिनजियांग और तिब्बत क्षेत्रों और रूस के साइबेरिया क्षेत्र के दक्षिणी भाग को भी अक्सर मध्य एशिया का हिस्सा समझा जाता है। इतिहास में मध्य एशिया रेशम मार्ग के व्यापारिक और सांस्कृतिक महत्व के लिए जाना जाता है। चीन, भारतीय उपमहाद्वीप, ईरान, मध्य पूर्व और यूरोप के बीच लोग, माल, सेनाएँ और विचार मध्य एशिया से गुज़रकर ही आते-जाते थे। इस इलाक़े का बड़ा भाग एक स्तेपी वाला घास से ढका मैदान है हालाँकि तियान शान जैसी पर्वत शृंखलाएँ, काराकुम जैसे रेगिस्तान और अरल सागर जैसी बड़ी झीलें भी इस भूभाग में आती हैं। ऐतिहासिक रूप मध्य एशिया में ख़ानाबदोश जातियों का ज़ोर रहा है। पहले इसपर पूर्वी ईरानी भाषाएँ बोलने वाली स्किथी, बैक्ट्रियाई और सोग़दाई लोगों का बोलबाला था लेकिन समय के साथ-साथ काज़ाख़, उज़बेक, किरगिज़ और उईग़ुर जैसी तुर्की जातियाँ अधिक शक्तिशाली बन गई।Encyclopædia Iranica, "CENTRAL ASIA: The Islamic period up to the Mongols", C.

देखें यासीन वादी और मध्य एशिया

रूसी साम्राज्य

सन् १८६६ में रूसी साम्राज्य (हरे रंग में) रूसी साम्राज्य (रूसी: Российская Империя, रोसिस्काया इम्पेरिया) सन् १७२१ से १९१७ तक की रूसी क्रांति तक अस्तित्व में रहने वाला एक साम्राज्य था। रूसी साम्राज्य से पहले रूस में रूसी त्सार-राज्य था और उसके बाद बहुत कम अवधि के लिए रूसी गणतंत्र चला और उसके उपरान्त सोवियत संघ स्थापित हुआ। रूसी साम्राज्य दुनिया के सब से बड़े साम्राज्यों में से एक था और केवल मंगोल और ब्रिटिश साम्राज्य ही क्षेत्रफल में उस से बड़े रहे हैं। सन् १८६६ में रूसी साम्राज्य पूर्वी यूरोप से लेकर सुदूर पूर्व एशिया तक और फिर समुद्र के पार उत्तर अमेरिका के कुछ इलाक़ों पर विस्तृत था। १८९७ में सामराज्य की जनसँख्या १२.५६ करोड़ थी।, Jane Burbank, David L.

देखें यासीन वादी और रूसी साम्राज्य

शिया इस्लाम

अरबी लिपि में लिखा शब्द-युग्म "मुहम्मद अली" इस शिया विश्वास को दिखाता है कि मुहम्मद और अली में निष्ठा दिखाना एक समान ही है। इसको उलटा घुमा देने पर यह "अली मुहम्मद" बन जाता है। शिया एक मुसलमान सम्प्रदाय है। सुन्नी सम्प्रदाय के बाद यह इस्लाम का दूसरा सबसे बड़ा सम्प्रदाय है जो पूरी मुस्लिम आबादी का केवल १५% है। सन् ६३२ में हजरत मुहम्मद की मृत्यु के पश्चात जिन लोगों ने अपनी भावना से हज़रत अली को अपना इमाम (धर्मगुरु) और ख़लीफा (नेता) चुना वो लोग शियाने अली (अली की टोली वाले) कहलाए जो आज शिया कहलाते हैं। लेकिन बहोत से सुन्नी इन्हें "शिया" या "शियाने अली" नहीं बल्कि "राफज़ी" (अस्वीकृत लोग) नाम से बुलाते हैं ! इस धार्मिक विचारधारा के अनुसार हज़रत अली, जो मुहम्मद साहब के चचेरे भाई और दामाद दोनों थे, ही हजरत मुहम्मद साहब के असली उत्तराधिकारी थे और उन्हें ही पहला ख़लीफ़ा (राजनैतिक प्रमुख) बनना चाहिए था। यद्यपि ऐसा हुआ नहीं और उनको तीन और लोगों के बाद ख़लीफ़ा, यानि प्रधान नेता, बनाया गया। अली और उनके बाद उनके वंशजों को इस्लाम का प्रमुख बनना चाहिए था, ऐसा विशवास रखने वाले शिया हैं। सुन्नी मुसलमान मानते हैं कि हज़रत अली सहित पहले चार खलीफ़ा (अबु बक़र, उमर, उस्मान तथा हज़रत अली) सतपथी (राशिदुन) थे जबकि शिया मुसलमानों का मानना है कि पहले तीन खलीफ़ा इस्लाम के गैर-वाजिब प्रधान थे और वे हज़रत अली से ही इमामों की गिनती आरंभ करते हैं और इस गिनती में ख़लीफ़ा शब्द का प्रयोग नहीं करते। सुन्नी मुस्लिम अली को (चौथा) ख़लीफ़ा भी मानते है और उनके पुत्र हुसैन को मरवाने वाले ख़लीफ़ा याजिद को कई जगहों पर पथभ्रष्ट मुस्लिम कहते हैं। इस सम्प्रदाय के अनुयायियों का बहुमत मुख्य रूप से इरान,इराक़,बहरीन और अज़रबैजान में रहते हैं। इसके अलावा सीरिया, कुवैत, तुर्की, अफ़ग़ानिस्तान, पाकिस्तान, ओमान, यमन तथा भारत में भी शिया आबादी एक प्रमुख अल्पसंख्यक के रूप में है। शिया इस्लाम के विश्वास के तीन उपखंड हैं - बारहवारी, इस्माइली और ज़ैदी। एक मशहूर हदीस मन्कुनतो मौला फ़ हा जा अली उन मौला, जो मुहम्मद साहब ने गदीर नामक जगह पर अपने आखरी हज पर खुत्बा दिया था, में स्पष्ट कह दिया था कि मुसलमान समुदाय को समुदाय अली के कहे का अनुसरण करना है। .

देखें यासीन वादी और शिया इस्लाम

सिन्धु नदी

पाकिस्तान में बहती सिन्घु सिन्धु नदी (Indus River) एशिया की सबसे लंबी नदियों में से एक है। यह पाकिस्तान, भारत (जम्मू और कश्मीर) और चीन (पश्चिमी तिब्बत) के माध्यम से बहती है। सिन्धु नदी का उद्गम स्थल, तिब्बत के मानसरोवर के निकट सिन-का-बाब नामक जलधारा माना जाता है। इस नदी की लंबाई प्रायः 2880 किलोमीटर है। यहां से यह नदी तिब्बत और कश्मीर के बीच बहती है। नंगा पर्वत के उत्तरी भाग से घूम कर यह दक्षिण पश्चिम में पाकिस्तान के बीच से गुजरती है और फिर जाकर अरब सागर में मिलती है। इस नदी का ज्यादातर अंश पाकिस्तान में प्रवाहित होता है। यह पाकिस्तान की सबसे लंबी नदी और राष्ट्रीय नदी है। सिंधु की पांच उपनदियां हैं। इनके नाम हैं: वितस्ता, चन्द्रभागा, ईरावती, विपासा एंव शतद्रु.

देखें यासीन वादी और सिन्धु नदी

हिन्दु कुश

हिन्दु कुश उत्तरी पाकिस्तान के विवादीत भाग से मध्य अफ़्ग़ानिस्तान तक विस्तृत एक ८०० किमी चलने वाली पर्वत शृंखला है। इसका सबसे ऊँचा पहाड़ पाकिस्तान के ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा प्रान्त के चित्राल ज़िले में स्थित ७,७०८ मीटर (२५,२८९ फ़ुट) लम्बा तिरिच मीर पर्वत है।, Michael Palin, Basil Pao, Macmillan, 2005, ISBN 978-0-312-34162-6,...

देखें यासीन वादी और हिन्दु कुश

वाख़ान

वाख़ान का एक नज़ारा वाख़ान, स्थानीय नक़्शे में वाख़ान (पश्तो और फ़ारसी) सुदूर उत्तर-पूर्वी अफ़्ग़ानिस्तान में एक अत्यंत पर्वतीय और दुर्गम क्षेत्र है जहाँ काराकोरम और पामीर पर्वत शृंखलाएं आकर मिलती हैं। वाख़ान अफ़्ग़ानिस्तान के बदख़्शान प्रांत में एक ज़िले का नाम भी है। नक़्शे पर वाख़ान अफ़्ग़ानिस्तान के मुख्य भाग से एक ऊँगली की तरह पूर्व को निकलकर चीन के शिनजियांग प्रान्त को छूता है। यह तंग सा इलाका प्राचीनकाल में तारिम द्रोणी जाने वाले यात्रियों का मार्ग हुआ करता था। इसी क्षेत्र में उन धाराओं की भी शुरुआत होती है जो आगे चलकर मशहूर आमू दरिया बन जाती हैं।, David Loyn, Macmillan, 2009, ISBN 978-0-230-61403-1,...

देखें यासीन वादी और वाख़ान

ख़ैबर पख़्तूनख़्वा

मकरा चोटी ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा (पहले:उत्तर पश्चिम सीमांत प्रान्त) पाकिस्तान का एक प्रान्त या सूबा है। इसे सूबा-ए-सरहद के नाम से भी जाना जाता है जो अफ़ग़ानिस्तान की सीमा पर स्थित है। यहाँ पर पश्तूनों की आबादी अधिक है जिन्हें स्थानीय रूप से पख़्तून भी कहते हैं। इनकी मातृभाषा पश्तो है। इस प्रांत की जनसंख्या करीब 2 करोड़ है जिसमें अफ़ग़ानिस्तान से आए शरणार्थियों की 15 लाख की आबादी सम्मिलित नहीं है। .

देखें यासीन वादी और ख़ैबर पख़्तूनख़्वा

खोवार भाषा

खोवार भाषा (Khowar), जिसे चित्राली भाषा भी कहते हैं, पाकिस्तान के ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा प्रांत के चित्राल ज़िले में और गिलगित-बालतिस्तान के कुछ पड़ोसी इलाकों में लगभग ४ लाख लोगों द्वारा बोली जाने वाली एक दार्दी भाषा है। शीना, कश्मीरी और कोहिस्तानी जैसी अन्य दार्दी भाषाओँ के मुक़ाबले में खोवार पर ईरानी भाषाओँ का प्रभाव ज़्यादा है और इसमें संस्कृत के तत्व कम हैं। खोवार बोलने वाले समुदाय को 'खो लोग' कहा जाता है। खोवार आम तौर पर अरबी-फ़ारसी लिपि की नस्तालीक़ शैली में लिखी जाती है।, Colin P.

देखें यासीन वादी और खोवार भाषा

ग़िज़र ज़िला

ग़िज़र ज़िले का नक़्शा जिसमें गाँव-बस्तियाँ दिखाएँ गए हैं ग़िज़र​ पाक-अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बलतिस्तान क्षेत्र का पश्चिमतम ज़िला है। इसकी राजधानी गाहकूच शहर है। यहाँ कई जातियाँ रहती हैं और तीन मुख्य भाषाएँ बोली जाती हैं - खोवार, शीना और बुरूशसकी। इनके अलावा इस ज़िले के इश्कोमन क्षेत्र में कुछ वाख़ी और ताजिक बोलने वाले भी यहाँ रहते हैं। कुछ गुज्जर लोग भी इस जिले में बसे हुए हैं। .

देखें यासीन वादी और ग़िज़र ज़िला

गिलगित-बल्तिस्तान

गिलगित-बल्तिस्तान (उर्दू:, बलती: གིལྒིཏ་བལྟིསྟན), पाक-अधिकृत कश्मीर के भीतर एक स्वायत्तशासी क्षेत्र है जिसे पहले उत्तरी क्षेत्र या शुमाली इलाक़े (शुमाली इलाक़ाजात) के नाम से जाना जाता था। यह पाकिस्तान की उत्तरतम राजनैतिक इकाई है। इसकी सीमायें पश्चिम में खैबर-पख़्तूनख्वा से, उत्तर में अफ़ग़ानिस्तान के वाख़ान गलियारे से, उत्तरपूर्व में चीन के शिन्जियांग प्रान्त से, दक्षिण में और दक्षिणपूर्व में भारतीय जम्मू व कश्मीर राज्य से लगती हैं। गिलगित-बल्तिस्तान का कुल क्षेत्रफल 72,971 वर्ग किमी (28,174 मील²) और अनुमानित जनसंख्या लगभग दस लाख है। इसका प्रशासनिक केन्द्र गिलगित शहर है, जिसकी जनसंख्या लगभग 2,50,000 है। 1970 में "उत्तरी क्षेत्र” नामक यह प्रशासनिक इकाई, गिलगित एजेंसी, लद्दाख़ वज़ारत का बल्तिस्तान ज़िला, हुन्ज़ा और नगर नामक राज्यों के विलय के पश्चात अस्तित्व में आई थी। पाकिस्तान इस क्षेत्र को विवादित कश्मीर के क्षेत्र से पृथक क्षेत्र मानता है जबकि भारत और यूरोपीय संघ के अनुसार यह कश्मीर के वृहत विवादित क्षेत्र का ही हिस्सा है। कश्मीर का यह वृहत क्षेत्र सन 1947 के बाद से ही भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद का विषय है। .

देखें यासीन वादी और गिलगित-बल्तिस्तान

आमू दरिया

आमू दरिया अफ़ग़ानिस्तान की उत्तरी सीमा के साथ-साथ चलकर फिर उत्तर की तरफ़ अरल सागर में विलीन होती है आमू दरिया (संस्कृत: वक्शु नदी, फ़ारसी: आमू दरिया, अरबी: ‎ जिहोन) मध्य एशिया की एक बड़ी नदी है जो वख़्श और पंज नदियों के संगम से बनती है।, Food & Agriculture Org., 1999, ISBN 978-92-5-104309-7,...

देखें यासीन वादी और आमू दरिया

इश्कोमन

इश्कोमन या इश्कुमन (Ishkoman) पाक-अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बलतिस्तान क्षेत्र के ग़िज़र ज़िले की एक घाटी है। प्रशासनिक दृष्टि से यह ग़िज़र ज़िले की एक तहसील है।, Amir Jan Haqqani, 11 मार्च 2012, Pamir Times,...

देखें यासीन वादी और इश्कोमन

इस्माइली

इस्माइली (अरबी: الإسماعيلية‎ अल-इस्माइलियः, फ़ारसी: اسماعیلیان एस्माइलियां) शिया इस्लाम का एक पंथ है जो अनुयायियों के हिसाब से दूसरा सबसे बड़ा शिया उप-संप्रदाय है। अन्य मुसलमानों की तरह ये भी मुहम्मद साहब को ईश्वर का दूत यानि पैग़म्बर मानते हैं और अन्य शिया मुस्लमानों की तरह ये भी मुहम्मद साहब के दामाद अली को पहला इमाम, यानि धार्मिक गुरु मानते हैं। लेकिन सबसे बड़े शिया संप्रदाय बारहवारी से अलग ये जफ़र अल-सादिक़ के उत्तराधिरकारी इस्माइल बिन जफ़र को मानते हैं जबकि बारहवारी मूसा अल काज़िम को। .

देखें यासीन वादी और इस्माइली

इस्लाम

इस्लाम (अरबी: الإسلام) एक एकेश्वरवादी धर्म है, जो इसके अनुयायियों के अनुसार, अल्लाह के अंतिम रसूल और नबी, मुहम्मद द्वारा मनुष्यों तक पहुंचाई गई अंतिम ईश्वरीय पुस्तक क़ुरआन की शिक्षा पर आधारित है। कुरान अरबी भाषा में रची गई और इसी भाषा में विश्व की कुल जनसंख्या के 25% हिस्से, यानी लगभग 1.6 से 1.8 अरब लोगों, द्वारा पढ़ी जाती है; इनमें से (स्रोतों के अनुसार) लगभग 20 से 30 करोड़ लोगों की यह मातृभाषा है। हजरत मुहम्मद साहब के मुँह से कथित होकर लिखी जाने वाली पुस्तक और पुस्तक का पालन करने के निर्देश प्रदान करने वाली शरीयत ही दो ऐसे संसाधन हैं जो इस्लाम की जानकारी स्रोत को सही करार दिये जाते हैं। .

देखें यासीन वादी और इस्लाम

कुनर नदी

अफ़्ग़ानिस्तान के नंगरहार प्रान्त के बर कश्कोट गाँव से गुज़रती कुनर नदी कुनर नदी (पश्तो:, कूनड़ सींद; Kunar) पूर्वी अफ़्ग़ानिस्तान और उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान की एक ४८० किमी लम्बी नदी है। यह पाकिस्तान के ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा प्रांत के चित्राल ज़िले में हिन्दु कुश पर्वतों की पिघलती हिमानियों (ग्लेशियरों) से शुरू होती है। यहाँ इसका नाम यरख़ुन नदी होता है और मस्तुज के बाद इसका विलय लुतख़ो नदी से होता है जिसके बाद इसे मस्तुज नदी के नाम से पुकारा जाता है। चित्राल शहर से गुजरने के बाद इसे चित्राल नदी बुलाया जाता है और फ़िर यह अफ़्ग़ानिस्तान की कुनर वादी में दाख़िल होती है, जहाँ बाश्गल नदी के साथ संगम के बाद इसका नाम कुनर नदी पड़ जाता है। फ़िर यह जलालाबाद शहर के पूर्व में काबुल नदी में विलय कर जाती है। यह नदी पूर्व में पाकिस्तान में दाख़िल होती है और इसका विलय अटक शहर के पास महान सिन्धु नदी में हो जाता है।, Sir Thomas Hungerford Holdich, Methuen and co., 1901,...

देखें यासीन वादी और कुनर नदी

अफ़ग़ानिस्तान

अफ़ग़ानिस्तान इस्लामी गणराज्य दक्षिणी मध्य एशिया में अवस्थित देश है, जो चारो ओर से जमीन से घिरा हुआ है। प्रायः इसकी गिनती मध्य एशिया के देशों में होती है पर देश में लगातार चल रहे संघर्षों ने इसे कभी मध्य पूर्व तो कभी दक्षिण एशिया से जोड़ दिया है। इसके पूर्व में पाकिस्तान, उत्तर पूर्व में भारत तथा चीन, उत्तर में ताजिकिस्तान, कज़ाकस्तान तथा तुर्कमेनिस्तान तथा पश्चिम में ईरान है। अफ़ग़ानिस्तान रेशम मार्ग और मानव प्रवास का8 एक प्राचीन केन्द्र बिन्दु रहा है। पुरातत्वविदों को मध्य पाषाण काल ​​के मानव बस्ती के साक्ष्य मिले हैं। इस क्षेत्र में नगरीय सभ्यता की शुरुआत 3000 से 2,000 ई.पू.

देखें यासीन वादी और अफ़ग़ानिस्तान

यह भी देखें

गिलगित-बल्तिस्तान की घाटियाँ