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मीटरी पद्धति

सूची मीटरी पद्धति

विश्व में बहुत कम देश बचे हैं जहाँ अब भी मीटरी पद्धति लागू नहीं है। मीटरी पद्धति (metric unit system या metric system) भौतिक राशियों के मापन में प्रयुक्त मात्रकों की एक पद्धति है जिसमें मीटर लम्बाई की आधारभूत इकाई है। इस पद्धति की मुख्य विशेषता यह है कि किसी भौतिक राशि के छोटे-बड़े सभी मात्रकों का अनुपात १० या उसके किसी पूर्णांक घात (जैसे, १०-२, १०-५, १०७, १०९, १०८ आदि) होता है। उदाहरण के लिये, मीटर और सेन्टीमीटर दोनों लम्बाई (दूरी) के मात्रक हैं और एक मीटर १०० सेन्टीमीटर के बराबर होता है। इस प्रणाली का आरम्भ फ्रांस में सन १७९९ में हुआ। इसके पहले प्रचलित अधिकांश प्रणालियों में एक ही भौतिक राशि के विभिन्न मात्रकों में अनुपात १० या १० के किसी घात का होना जरूरी नहीं था। उदाहरण के लिये इंच और फुट दोनों लम्बाई के मात्रक हैं और १ फुट १२ इंच के बराबर होता है। इंच, फुट, सेर, मील आदि गैर-मीट्रिक इकाइयाँ थीं। इस प्रणाली का प्रयोग सर्वप्रथम फ्रांस की क्रांति के प्रारंभिक दिनों (१७९१) में हुआ था। पिछले लगभग दो सौ वर्षों में मीट्रिक पद्धति के कई रूप आये; जैसे मीटर-किलोग्राम-सेकेण्ड पद्धति और वर्तमान में अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत एसआई पद्धति आदि। इन सभी में केवल मूल मात्रकों (फण्डामेंटल यूनिट्स) का अन्तर है किन्तु वस्तुत: वे सभी दशांश पद्धति का ही पालन करतीं हैं। मीट्रिक पद्धति का वैज्ञानिक एवं तकनीकी कार्यों के लिये बहुतायत में उपयोग किया जा रहा है। वर्तमान में केवल यूएसए, म्यांमार और लाइबेरिया को छोड़कर विश्व के सभी देशों ने आधिकारिक रूप से मीट्रिक प्रणाली को अपना लिया है। .

33 संबंधों: दशमलव पद्धति, द्रव, द्रव्यमान, नीदरलैण्ड, फ़्रान्स, फ़्रान्सीसी क्रान्ति, फुट (लम्बाई की ईकाई), बेल्जियम, भारत, मापन के मात्रक, मापिकी, म्यान्मार, मीटर, मील, रूस, लाइबेरिया, लीटर, संयुक्त राज्य, संस्कृत साहित्य, स्विट्ज़रलैण्ड, जर्मनी, घनमूल, वर्गमूल, व्युत्पन्न इकाइयाँ, ग्राम, आयतन, आर्यभट, इंच, किलोग्राम, क्षेत्रफल, अन्तरराष्ट्रीय मात्रक प्रणाली, अंक, अंकगणित

दशमलव पद्धति

दशमलव पद्धति या दाशमिक संख्या पद्धति या दशाधारी संख्या पद्धति (decimal system, "base ten" or "denary") वह संख्या पद्धति है जिसमें गिनती/गणना के लिये कुल दस संख्याओं (0, 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9) का सहारा लिया जाता है। यह मानव द्वारा सर्वाधिक प्रयुक्त संख्यापद्धति है। उदाहरण के लिये 645.7 दशमलव पद्धति में लिखी एक संख्या है। (गलतफहमी से बचने के लिये यहाँ दशमलव बिन्दु के स्थान पर 'कॉमा' का प्रयोग किया गया है।) इस पद्धति की सफलता के बहुत से कारण हैं-.

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द्रव

द्रव का कोई निश्चित आकार नहीं होता। द्रव जिस पात्र में रखा जाता है उसी का आकार ग्रहण कर लेता है। प्रकृति में सभी रासायनिक पदार्थ साधारणत: ठोस, द्रव और गैस तथा प्लाज्मा - इन चार अवस्थाओं में पाए जाते हैं। द्रव और गैस प्रवाहित हो सकते हैं, किंतु ठोस प्रवाहित नहीं होता। लचीले ठोस पदार्थों में आयतन अथवा आकार को विकृत करने से प्रतिबल उत्पन्न होता है। अल्प विकृतियों के लिए विकृति और प्रतिबल परस्पर समानुपाती होते हैं। इस गुण के कारण लचीले ठोस एक निश्चित मान तक के बाहरी बलों को सँभालने की क्षमता रखते हैं। प्रवाह का गुण होने के कारण द्रवों और गैसों को तरल पदार्थ (fluid) कहा जाता है। ये पदार्थ कर्तन (shear) बलों को सँभालने में अक्षम होते हैं और गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव के कारण प्रवाहित होकर जिस बरतन में रखे रहते हैं, उसी का आकार धारण कर लेते हैं। ठोस और तरल का यांत्रिक भेद बहुत स्पष्ट नहीं है। बहुत से पदार्थ, विशेषत: उच्च कोटि के बहुलक (polymer) के यांत्रिक गुण, श्यान तरल (viscous fluid) और लचीले ठोस के गुणों के मध्यवर्ती होते हैं। प्रत्येक पदार्थ के लिए एक ऐसा क्रांतिक ताप (critical temperature) पाया जाता है, जिससे अधिक होने पर पदार्थ केवल तरल अवस्था में रह सकता है। क्रांतिक ताप पर पदार्थ की द्रव और गैस अवस्था में विशेष अंतर नहीं रह जाता। इससे नीचे के प्रत्येक ताप पर द्रव के साथ उसका कुछ वाष्प भी उपस्थित रहता है और इस वाष्प का कुछ निश्चित दबाव भी होता है। इस दबाव को वाष्प दबाव कहते हैं। प्रत्येक ताप पर वाष्प दबाव का अधिकतम मान निश्चित होता है। इस अधिकतम दबाव को संपृक्त-वाष्प-दबाव के बराबर अथवा उससे अधिक हो, तो द्रव स्थायी रहता है। यदि ऊपरी दबाव द्रव के संपृक्तवाष्प-दबाव से कम हो, तो द्रव अस्थायी होता है। संपृक्त-वाष्प-दबाव ताप के बढ़ने से बढ़ता है। जिस ताप पर द्रव का संपृक्त-वाष्प-दबाव बाहरी वातावरण के दबाव के बराबर हो जाता है, उसपर द्रव बहुत तेजी से वाष्पित होने लगता है। इस ताप को द्रव का क्वथनांक (boiling point) कहते हैं। यदि बाहरी दबाव सर्वथा स्थायी हो तो क्वथनांक से नीचे द्रव स्थायी रहता है। क्वथनांक पर पहुँचने पर यह खौलने लगता है। इस दशा में यह ताप का शोषण करके द्रव अवस्था से गैस अवस्था में परिवर्तित होने लगता है। क्वथनांक पर द्रव के इकाई द्रव्यमान को द्रव से पूर्णत: गैस में परिवर्तित करने के लिए जितने कैलोरी ऊष्मा की आवश्यकता होती है, उसे द्रव के वाष्पीभवन की गुप्त ऊष्मा कहते हैं। विभिन्न द्रव पदार्थों के लिए इसका मान भिन्न होता है। एक नियत दबाव पर ठोस और द्रव दोनों रूप साथ साथ एक निश्चित ताप पर पाए जा सकते हैं। यह ताप द्रव का हिमबिंदु या ठोस का द्रवणांक कहलाता है। द्रवणांक पर पदार्थ के इकाई द्रव्यमान को ठोस से पूर्णत: द्रव में परिवर्तित करने में जितनी ऊष्मा की आवश्यकता होती है, उसे ठोस के गलन की गुप्त ऊष्मा कहते हैं। अक्रिस्टली पदार्थों के लिए कोई नियत गलनांक नहीं पाया जाता। वे गरम करने पर धीरे धीरे मुलायम होते जाते हैं और फिर द्रव अवस्था में आ जाते हैं। काँच तथा काँच जैसे अन्य पदार्थ इसी प्रकार का व्यवहार करते हैं। एक नियत ताप और नियत दबाव पर प्रत्येक द्रव्य की तीनों अवस्थाएँ एक साथ विद्यमान रह सकती हैं। दबाव और ताप के बीच खीचें गए आरेख (diagram) में ये नियत ताप और दबाव एक बिंदु द्वारा प्रदर्शित किए जाते हैं। इस बिंदु को द्रव का त्रिक् बिंदु (triple point) कहते हैं। त्रिक् विंदु की अपेक्षा निम्न दाबों पर द्रव अस्थायी रहता है। यदि किसी ठोस को त्रिक् विंदु की अपेक्षा निम्न दबाव पर रखकर गरम किया जाए तो वह बिना द्रव बने ही वाष्प में परिवर्तित हो जाता है, अर्थात् ऊर्ध्वपातित (sublime) हो जाता है। द्रव के मुक्त तल में, जो उस द्रव के वाष्प या सामान्य वायु के संपर्क में रहता है, एक विशेष गुण पाया जाता है, जिसके कारण यह तल तनी हुई महीन झिल्ली जैसा व्यवहार करता है। इस गुण को पृष्ठ तनाव (surface tension) कहते हैं। पृष्ठ तनाव के कारण द्रव के पृष्ठ का क्षेत्रफल यथासंभव न्यूनतम होता है। किसी दिए आयतन के लिए सबसे कम क्षेत्रफल एक गोले का होता है। अत: ऐसी स्थितियों में जब कि बाहरी बल नगण्य माने जा सकते हों द्रव की बूँदे गोल होती हैं। जब कोई द्रव किसी ठोस, या अन्य किसी अमिश्रय द्रव, के संपर्क में आता है तो भी संपर्क तल पर तनाव उत्पन्न होता है। साधारणत: कोई भी पदार्थ केवल एक ही प्रकार के द्रव रूप में प्राप्त होता है, किंतु इसके कुछ अपवाद भी मिलते हैं, जैसे हीलियम गैस को द्रवित करके दो प्रकार के हीलियम द्रव प्राप्त किए जा सकते हैं। उसी प्रकार पैरा-ऐज़ॉक्सी-ऐनिसोल (Para-azoxy-anisole) प्रकाशत: विषमदैशिक (anisotropic) द्रव के रूप में, क्रिस्टलीय अवस्था में तथा सामान्य द्रव के रूप में भी प्राप्त हो सकता है। .

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द्रव्यमान

द्रव्यमान किसी पदार्थ का वह मूल गुण है, जो उस पदार्थ के त्वरण का विरोध करता है। सरल भाषा में द्रव्यमान से हमें किसी वस्तु का वज़न और गुरुत्वाकर्षण के प्रति उसके आकर्षण या शक्ति का पता चलता है। श्रेणी:भौतिकी श्रेणी:भौतिक शब्दावली *.

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नीदरलैण्ड

नीदरलैण्ड नीदरलैंड युरोप महाद्वीप का एक प्रमुख देश है। यह उत्तरी-पूर्वी यूरोप में स्थित है। इसकी उत्तरी तथा पश्चिमी सीमा पर उत्तरी समुद्र स्थित है, दक्षिण में बेल्जियम एवं पूर्व में जर्मनी है। नीदरलैंड की राजधानी एम्सटर्डम है। "द हेग" को प्रशासनिक राजधानी का दर्जा दिया जाता है। नीदरलैंड को अक्सर हॉलैंड के नाम संबोधित किया जाता है एवं सामान्यतः नीदरलैंड के निवासियों तथा इसकी भाषा दोनों के लिए डच शब्द का उपयोग किया जाता है। .

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फ़्रान्स

फ़्रान्स,या फ्रांस (आधिकारिक तौर पर फ़्रान्स गणराज्य; फ़्रान्सीसी: République française) पश्चिम यूरोप में स्थित एक देश है किन्तु इसका कुछ भूभाग संसार के अन्य भागों में भी हैं। पेरिस इसकी राजधानी है। यह यूरोपीय संघ का सदस्य है। क्षेत्रफल की दृष्टि से यह यूरोप महाद्वीप का सबसे बड़ा देश है, जो उत्तर में बेल्जियम, लक्ज़मबर्ग, पूर्व में जर्मनी, स्विट्ज़रलैण्ड, इटली, दक्षिण-पश्चिम में स्पेन, पश्चिम में अटलांटिक महासागर, दक्षिण में भूमध्यसागर तथा उत्तर पश्चिम में इंग्लिश चैनल द्वारा घिरा है। इस प्रकार यह तीन ओर सागरों से घिरा है। सुरक्षा की दृष्टि से इसकी स्थिति उत्तम नहीं है। लौह युग के दौरान, अभी के महानगरीय फ्रांस को कैटलिक से आये गॉल्स ने अपना निवास स्थान बनाया। रोम ने 51 ईसा पूर्व में इस क्षेत्र पर कब्जा कर लिया गया। फ्रांस, गत मध्य युग में सौ वर्ष के युद्ध (1337 से 1453) में अपनी जीत के साथ राज्य निर्माण और राजनीतिक केंद्रीकरण को मजबूत करने के बाद एक प्रमुख यूरोपीय शक्ति के रूप में उभरा। पुनर्जागरण के दौरान, फ्रांसीसी संस्कृति विकसित हुई और एक वैश्विक औपनिवेशिक साम्राज्य स्थापित हुआ, जो 20 वीं सदी तक दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी थी। 16 वीं शताब्दी में यहाँ कैथोलिक और प्रोटेस्टैंट (ह्यूजेनॉट्स) के बीच धार्मिक नागरिक युद्धों का वर्चस्व रहा। फ्रांस, लुई चौदहवें के शासन में यूरोप की प्रमुख सांस्कृतिक, राजनीतिक और सैन्य शक्ति बन कर उभरा। 18 वीं शताब्दी के अंत में, फ्रेंच क्रांति ने पूर्ण राजशाही को उखाड़ दिया, और आधुनिक इतिहास के सबसे पुराने गणराज्यों में से एक को स्थापित किया, साथ ही मानव और नागरिकों के अधिकारों की घोषणा के प्रारूप का मसौदा तैयार किया, जोकि आज तक राष्ट्र के आदर्शों को व्यक्त करता है। 19वीं शताब्दी में नेपोलियन ने वहाँ की सत्ता हथियाँ कर पहले फ्रांसीसी साम्राज्य की स्थापना की, इसके बाद के नेपोलियन युद्धों ने ही वर्तमान यूरोप महाद्वीपीय के स्वरुप को आकार दिया। साम्राज्य के पतन के बाद, फ्रांस में 1870 में तृतीय फ्रांसीसी गणतंत्र की स्थापना हुई, हलाकि आने वाली सभी सरकार लचर अवस्था में ही रही। फ्रांस प्रथम विश्व युद्ध में एक प्रमुख भागीदार था, जहां वह विजयी हुआ, और द्वितीय विश्व युद्ध में मित्र राष्ट्र में से एक था, लेकिन 1940 में धुरी शक्तियों के कब्जे में आ गया। 1944 में अपनी मुक्ति के बाद, चौथे फ्रांसीसी गणतंत्र की स्थापना हुई जिसे बाद में अल्जीरिया युद्ध के दौरान पुनः भंग कर दिया गया। पांचवां फ्रांसीसी गणतंत्र, चार्ल्स डी गॉल के नेतृत्व में, 1958 में बनाई गई और आज भी यह कार्यरत है। अल्जीरिया और लगभग सभी अन्य उपनिवेश 1960 के दशक में स्वतंत्र हो गए पर फ्रांस के साथ इसके घनिष्ठ आर्थिक और सैन्य संबंध आज भी कायम हैं। फ्रांस लंबे समय से कला, विज्ञान और दर्शन का एक वैश्विक केंद्र रहा है। यहाँ पर यूरोप की चौथी सबसे ज्यादा सांस्कृतिक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल मौजूद है, और दुनिया में सबसे अधिक, सालाना लगभग 83 मिलियन विदेशी पर्यटकों की मेजबानी करता है। फ्रांस एक विकसित देश है जोकि जीडीपी में दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था तथा क्रय शक्ति समता में नौवीं सबसे बड़ा है। कुल घरेलू संपदा के संदर्भ में, यह दुनिया में चौथे स्थान पर है। फ्रांस का शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, जीवन प्रत्याशा और मानव विकास की अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में अच्छा प्रदर्शन है। फ्रांस, विश्व की महाशक्तियों में से एक है, वीटो का अधिकार और एक आधिकारिक परमाणु हथियार संपन्न देश के साथ ही यह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों में से एक है। यह यूरोपीय संघ और यूरोजोन का एक प्रमुख सदस्यीय राज्य है। यह समूह-8, उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो), आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी), विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) और ला फ्रैंकोफ़ोनी का भी सदस्य है। .

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फ़्रान्सीसी क्रान्ति

बेसिल दिवस: १४ जुलाई १७८९ फ्रांसीसी क्रांति (फ्रेंच: Révolution française / रेवोलुस्योँ फ़्राँसेज़; 1789-1799) फ्रांस के इतिहास की राजनैतिक और सामाजिक उथल-पुथल एवं आमूल परिवर्तन की अवधि थी जो 1789 से 1799 तक चली। बाद में, नेपोलियन बोनापार्ट ने फ्रांसीसी साम्राज्य के विस्तार द्वारा कुछ अंश तक इस क्रांति को आगे बढ़ाया। क्रांति के फलस्वरूप राजा को गद्दी से हटा दिया गया, एक गणतंत्र की स्थापना हुई, खूनी संघर्षों का दौर चला, और अन्ततः नेपोलियन की तानाशाही स्थापित हुई जिससे इस क्रांति के अनेकों मूल्यों का पश्चिमी यूरोप में तथा उसके बाहर प्रसार हुआ। इस क्रान्ति ने आधुनिक इतिहास की दिशा बदल दी। इससे विश्व भर में निरपेक्ष राजतन्त्र का ह्रास होना शुरू हुआ, नये गणतन्त्र एव्ं उदार प्रजातन्त्र बने। आधुनिक युग में जिन महापरिवर्तनों ने पाश्चात्य सभ्यता को हिला दिया उसमें फ्रांस की राज्यक्रांति सर्वाधिक नाटकीय और जटिल साबित हुई। इस क्रांति ने केवल फ्रांस को ही नहीं अपितु समस्त यूरोप के जन-जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया। फ्रांसीसी क्रांति को पूरे विश्व के इतिहास में मील का पत्थर कहा जाता है। इस क्रान्ति ने अन्य यूरोपीय देशों में भी स्वतन्त्रता की ललक कायम की और अन्य देश भी राजशाही से मुक्ति के लिए संघर्ष करने लगे। इसने यूरोपीय राष्ट्रों सहित एशियाई देशों में राजशाही और निरंकुशता के खिलाफ वातावरण तैयार किया। .

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फुट (लम्बाई की ईकाई)

पुत्फ्म्, ग्स म्, ग, म्फ्ह्द् फुट (लम्बाई की ईकाई) दूरी की एक इकाई है। 12 इंच मिलकर एक फुट बनाते हैं। श्रेणी:इकाई.

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बेल्जियम

किंगडम ऑफ़ बेल्जियम उत्तर-पश्चिमी यूरोप में एक देश है। यह यूरोपीय संघ का संस्थापक सदस्य है और उसके मुख्यालय का मेज़बान है, साथ ही, अन्य प्रमुख अंतरराष्ट्रीय संगठनों का, जिसमें NATO भी शामिल है। 10.7 मीलियन की जनसंख्या वाले बेल्जियम का क्षेत्रफल है। जर्मनिक और लैटिन यूरोप के मध्य अपनी सांस्कृतिक सीमा को विस्तृत किये हुए बेल्जियम, दो मुख्य भाषाई समूहों, फ्लेमिश और फ्रेंच-भाषी, मुख्यतः वलून्स सहित जर्मन भाषियों के एक छोटे समूह का आवास है। बेल्जियम के दो सबसे बड़े क्षेत्र हैं, उत्तर में 59% जनसंख्या सहित फ्लेंडर्स का डच भाषी क्षेत्र और वालोनिया का फ्रेंच भाषी दक्षिणी क्षेत्र, जहाँ 31% लोग बसे हैं। ब्रुसेल्स-राजधानी क्षेत्र, जो आधिकारिक तौर पर द्विभाषी है, मुख्यतः फ्लेमिश क्षेत्र के अंतर्गत एक फ्रेंच भाषी एन्क्लेव है और यहाँ 10% जनसंख्या बसी है। * * * * पूर्वी वालोनिया में एक छोटा जर्मन भाषी समुदाय मौजूद है। मूल (पहले ही) 71,500 निवासियों के बजाय 73,000 का उल्लेख करता है। बेल्जियम की भाषाई विविधता और संबंधित राजनीतिक तथा सांस्कृतिक संघर्ष, राजनीतिक इतिहास और एक जटिल शासन प्रणाली में प्रतिबिंबित होता है। बेल्जियम नाम, गॉल के उत्तरी भाग में एक रोमन प्रान्त, गैलिया बेल्जिका से लिया गया है, जो केल्टिक और जर्मन लोगों के एक मिश्रण बेल्जी का निवास स्थान था। ऐतिहासिक रूप से, बेल्जियम, नीदरलैंड और लक्ज़मबर्ग, निचले देश के रूप में जाने जाते थे, जो राज्यों के मौजूदा बेनेलक्स समूह की तुलना में अपेक्षाकृत कुछ बड़े क्षेत्र को आवृत किया करते थे। मध्य युग की समाप्ति से लेकर 17 वीं सदी तक, यह वाणिज्य और संस्कृति का एक समृद्ध केन्द्र था। 16वीं शताब्दी से लेकर 1830 में बेल्जियम की क्रांति तक, यूरोपीय शक्तियों के बीच बेल्जियम के क्षेत्र में कई लड़ाइयाँ लड़ी गईं, जिससे इसे यूरोप के युद्ध मैदान का तमगा मिला - एक छवि जिसे दोनों विश्व युद्ध ने और पुष्ट किया। अपनी स्वतंत्रता पर, बेल्जियम ने उत्सुकता के साथ औद्योगिक क्रांति में भाग लिया और उन्नीसवीं सदी के अंत में, अफ्रीका में कई उपनिवेशों पर अधिकार जमाया। 20वीं सदी के उत्तरार्ध को फ्लेमिंग्स और फ्रैंकोफ़ोन के बीच साँप्रदायिक संघर्ष की वृद्धि के लिए जाना जाता है, जिसे एक तरफ तो सांस्कृतिक मतभेद ने भड़काया, तो दूसरी तरफ फ्लेनडर्स और वालोनिया के विषम आर्थिक विकास ने. अब भी सक्रिय इन संघर्षों ने पूर्व में एक एकात्मक राज्य बेल्जियम को संघीय राज्य बनाने के दूरगामी सुधारों को प्रेरित किया। .

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भारत

भारत (आधिकारिक नाम: भारत गणराज्य, Republic of India) दक्षिण एशिया में स्थित भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा देश है। पूर्ण रूप से उत्तरी गोलार्ध में स्थित भारत, भौगोलिक दृष्टि से विश्व में सातवाँ सबसे बड़ा और जनसंख्या के दृष्टिकोण से दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत के पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर-पूर्व में चीन, नेपाल और भूटान, पूर्व में बांग्लादेश और म्यान्मार स्थित हैं। हिन्द महासागर में इसके दक्षिण पश्चिम में मालदीव, दक्षिण में श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व में इंडोनेशिया से भारत की सामुद्रिक सीमा लगती है। इसके उत्तर की भौतिक सीमा हिमालय पर्वत से और दक्षिण में हिन्द महासागर से लगी हुई है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी है तथा पश्चिम में अरब सागर हैं। प्राचीन सिन्धु घाटी सभ्यता, व्यापार मार्गों और बड़े-बड़े साम्राज्यों का विकास-स्थान रहे भारतीय उपमहाद्वीप को इसके सांस्कृतिक और आर्थिक सफलता के लंबे इतिहास के लिये जाना जाता रहा है। चार प्रमुख संप्रदायों: हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख धर्मों का यहां उदय हुआ, पारसी, यहूदी, ईसाई, और मुस्लिम धर्म प्रथम सहस्राब्दी में यहां पहुचे और यहां की विविध संस्कृति को नया रूप दिया। क्रमिक विजयों के परिणामस्वरूप ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कंपनी ने १८वीं और १९वीं सदी में भारत के ज़्यादतर हिस्सों को अपने राज्य में मिला लिया। १८५७ के विफल विद्रोह के बाद भारत के प्रशासन का भार ब्रिटिश सरकार ने अपने ऊपर ले लिया। ब्रिटिश भारत के रूप में ब्रिटिश साम्राज्य के प्रमुख अंग भारत ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में एक लम्बे और मुख्य रूप से अहिंसक स्वतन्त्रता संग्राम के बाद १५ अगस्त १९४७ को आज़ादी पाई। १९५० में लागू हुए नये संविधान में इसे सार्वजनिक वयस्क मताधिकार के आधार पर स्थापित संवैधानिक लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित कर दिया गया और युनाईटेड किंगडम की तर्ज़ पर वेस्टमिंस्टर शैली की संसदीय सरकार स्थापित की गयी। एक संघीय राष्ट्र, भारत को २९ राज्यों और ७ संघ शासित प्रदेशों में गठित किया गया है। लम्बे समय तक समाजवादी आर्थिक नीतियों का पालन करने के बाद 1991 के पश्चात् भारत ने उदारीकरण और वैश्वीकरण की नयी नीतियों के आधार पर सार्थक आर्थिक और सामाजिक प्रगति की है। ३३ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ भारत भौगोलिक क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा राष्ट्र है। वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था क्रय शक्ति समता के आधार पर विश्व की तीसरी और मानक मूल्यों के आधार पर विश्व की दसवीं सबसे बडी अर्थव्यवस्था है। १९९१ के बाज़ार-आधारित सुधारों के बाद भारत विश्व की सबसे तेज़ विकसित होती बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक हो गया है और इसे एक नव-औद्योगिकृत राष्ट्र माना जाता है। परंतु भारत के सामने अभी भी गरीबी, भ्रष्टाचार, कुपोषण, अपर्याप्त सार्वजनिक स्वास्थ्य-सेवा और आतंकवाद की चुनौतियां हैं। आज भारत एक विविध, बहुभाषी, और बहु-जातीय समाज है और भारतीय सेना एक क्षेत्रीय शक्ति है। .

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मापन के मात्रक

चार मापन युक्तियाँ मापन के सन्दर्भ में मात्रक या इकाई (unit) किसी भौतिक राशि की एक निश्चित मात्रा को कहते हैं जो परिपाटी या/और नियम द्वारा पारिभाषिक एवं स्वीकृत की गई हो तथा जो उस भौतिक राशि के मापन के लिए मानक के रूप में प्रयुक्त होती हो। उस भौतिक राशि की कोई भी अन्य मात्रा इस 'इकाई' के एक गुणक के रूप में व्यक्त की जाती है। उदाहरण के लिए लम्बाई एक भौतिक राशि है। 'मीटर' लम्बाई का मात्रक है जो एक निश्चित पूर्वनिर्धारित दूरी के बराबर होता है। जब हम कहते हैं कि अमुक दूरी '४७ मीटर' है तो इसका अर्थ है कि उक्त दूरी १ मीटर के ४७ गुना है। प्राचीन काल से ही मात्रकों की परिभाषा करना, उन पर सहमति करना, उनका व्यावहारिक उपयोग करना आदि की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका रही है। विभिन्न स्थानों एवं कालों में मात्रकों की विभिन्न प्रणालियाँ होना एक सामान्य बात थी। किन्तु अब एक वैश्विक मानक प्रणाली अस्तित्व में है जिसे 'अन्तरराष्ट्रीय मात्रक प्रणाली' (International System of Units (SI)) कहते हैं। .

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मापिकी

मापविद्या या मापविज्ञान (Metrology) में मापन के सभी सैद्धांतिक और व्यावहारिक पहलुओं का अध्ययन किया जाता है। यह मापन एवं उसके अनुप्रयोगों का विज्ञान है। मापविज्ञान (Metrology) भौतिकी की वह शाखा है जिसमें शुद्ध माप के बारे में हमें ज्ञान होता है। मापविज्ञान में मूल रूप से हम तीन रशियों, अर्थात्‌ द्रव्यमान, लंबाई एवं समय के बारे में चर्चा करते हैं और इन्हीं तीन राशियों के ज्ञान से हम अन्य राशियों, जैसे घनत्व, आयतन, बल तथा शक्ति आदि को मापते हैं। मापविज्ञान द्वारा अपरिवर्तनीय मानकों (standards) का निर्देश ही नहीं मिलता, वरन्‌ इन्हें कायम भी रखा जाता है। इन्हीं मानकों द्वारा हम वस्तुओं के गुणों की माप तथा तुलना भी करते हैं। दूसरा पक्ष यह है कि किसी कार्यविशेष को दृष्टि में रखकर मापविज्ञान से ऐसे तरीके प्राप्त होते हैं जिनसे तुलनाएँ काफी उच्च स्तर की शुद्धता तक की जा सकें। आधुनिक विज्ञान तथा उद्योगों में उपर्युक्त मौलिक तुलनाओं (fundamental comparisons) का अत्यंत शुद्ध होना आवश्यक है। माप पूर्णतया ठीक नहीं होती और निश्चित रूप से उसमें कुछ न कुछ प्रायोगिक गलती सदा ही रहती है। आजकल मापविज्ञान की अधिक मौलिक क्रियाओं में यथार्थता की निम्नलिखित सन्निकटताएँ प्राप्त है: अंतरराष्ट्रीय आदिरूप (prototype) किलोग्राम के दो प्लैटिनम इरीडियम नमूनों की तुलना में: 10,00,00,000 में एक भाग। साधारण रासायनिक बाटों की तुलना में: 10,00,000 में एक भाग। सूक्ष्ममापी तुला द्वारा छोटे छोटे भारों की तुलना में: 10,00,00,000 में एक भाग। दो गजों या मानक मीटरों की तुलना में: 1,00,00,000 में एक भाग। अंत्य मानक (End standard) की रेखामानक (Line standard) से तुलना में: 10,00,000 में एक भाग। साधारण आयतन तथा घनत्व के निर्धारण में: 10,000 में एक भाग। अंत्य मानक के कुलक के अंशांकन (calibration), 1 इंच की लंबाई से कम नहीं में 10,00,000 में एक भाग। चिह्नांकित गज या धातु पैमानों के उपविभागों के अंशाकन की पूरी लंबाई के पदों (terms) में 0.000005 इंच, या 0.0001 मिलीमीटर। .

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म्यान्मार

म्यांमार यो ब्रह्मदेश दक्षिण एशिया का एक देश है। इसका आधुनिक बर्मी नाम 'मयन्मा' (မြန်မာ .

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मीटर

मान (मीटर) लम्बाई के नाप/माप की इकाई है। यह अन्तर्राष्ट्रीय इकाई प्रणाली में एवं मीट्रिक प्रणाली में भी, लम्बाई के मापन की SI मूल इकाई है। इसका प्रयोग विश्वव्यापी स्तर पर वैज्ञानिक और सामान्य प्रयोगों हेतु होता है। ऐतिहासिक रूप से, मान को फ़्रांसीसी विज्ञान अकादमी ने परिभाषित किया था। यह परिभाषा थी:.

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मील

मील विभिन्न मापन प्रणालियों में लंबाई की एक इकाई है। मील प्रणाली मुख्यत: ब्रिटेन से संबंधित है जहां एक कानूनी मील, 5280 फुट या 1760 गज या 1609.344 मीटर के बराबर होता है। एक सर्वेक्षण मील 5280 फुट या 1609.3472 मीटर के बराबर होता है, जबकि एक समुद्री मील, 1852 मीटर (6076.12 फुट) के बराबर होता है। यह लंबाई की पुरातन इकाई लीग का लगभग एक तिहाई होता है। .

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रूस

रूस (रूसी: Росси́йская Федера́ция / रोस्सिज्स्काया फ़ेदेरात्सिया, Росси́я / रोस्सिया) पूर्वी यूरोप और उत्तर एशिया में स्थित एक विशाल आकार वाला देश। कुल १,७०,७५,४०० किमी२ के साथ यह विश्व का सब्से बड़ा देश है। आकार की दृष्टि से यह भारत से पाँच गुणा से भी अधिक है। इतना विशाल देश होने के बाद भी रूस की जनसंख्या विश्व में सातवें स्थान पर है जिसके कारण रूस का जनसंख्या घनत्व विश्व में सब्से कम में से है। रूस की अधिकान्श जनसंख्या इसके यूरोपीय भाग में बसी हुई है। इसकी राजधानी मॉस्को है। रूस की मुख्य और राजभाषा रूसी है। रूस के साथ जिन देशों की सीमाएँ मिलती हैं उनके नाम हैं - (वामावर्त) - नार्वे, फ़िनलैण्ड, एस्टोनिया, लातविया, लिथुआनिया, पोलैण्ड, बेलारूस, यूक्रेन, जॉर्जिया, अज़रबैजान, कजाकिस्तान, चीन, मंगोलिया और उत्तर कोरिया। रूसी साम्राज्य के दिनों से रूस ने विश्व में अपना स्थान एक प्रमुख शक्ति के रूप में किया था। प्रथम विश्वयुद्ध के बाद सोवियत संघ विश्व का सबसे बड़ा साम्यवादी देश बना। यहाँ के लेखकों ने साम्यवादी विचारधारा को विश्व भर में फैलाया। द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद सोवियत संघ एक प्रमुख सामरिक और राजनीतिक शक्ति बनकर उभरा। संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ इसकी वर्षों तक प्रतिस्पर्धा चली जिसमें सामरिक, आर्थिक, राजनैतिक और तकनीकी क्षेत्रों में एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ थी। १९८० के दशक से यह आर्थिक रूप से क्षीण होता चला गया और १९९१ में इसका विघटन हो गया जिसके फलस्वरूप रूस, सोवियत संघ का सबसे बड़ा राज्य बना। वर्तमान में रूस अपने सोवियत संघ काल के महाशक्ति पद को पुनः प्राप्त करने का प्रयास कर रहा है। यद्यपि रूस अभी भी एक प्रमुख देश है लेकिन यह सोवियत काल के पद से भी बहुत दूर है। .

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लाइबेरिया

लाइबेरिया, आधिकारिक तौर पर लाइबेरिया गणराज्य, अफ़्रीका के पश्चिमी तट पर स्थित एक देश है, जिसकी सीमाएं सियरा लिओन, गिनी, कोट द आइवोर और प्रशांत महासागर से मिलती है। लाइबेरिया का मौसम ऊष्णकटिबंधीय है, जहां ज्यादातर वर्षा ग्रीष्म ऋतु के दौरान होती है। लाइबेरिया का ज्यादा बसाहट वाला पीपर कोस्ट मेंग्रोव फारेस्ट से बना हुआ है, जबकि अंदरुनी कम बसाहट वाला क्षेत्र वनक्षेत्र है, आगे जाकर नज़र आने वाला पठारी क्षेत्र घास का मैदान है। लाइबेरिया का इतिहास संयुक्त राज्य अमेरिका से जुड़ाव की वजह से अन्य अफ्रीकी देशों से जुदा है। यह उन गिने-चुने देशों में और पश्चिमी अफ्रीका के इकलौता देश है, जिसके मूल में कोई यूरोपीय देश नहीं है। 1821-22 में अमेरिकन कालोनाइजेशन सोसायटी द्वारा स्थापित एक बस्ती के रूप में यहां संयुक्त राज्य में छुड़ाए गए दासों को लाकर रखा जाता था, इस उम्मीद से कि यहां उन्हें ज्यादा स्वतंत्रता और समानता मिलेगी। इन मुक्त दासों ने एक प्रबुद्ध समाज बनाकर 1847 में लाइबेरिया गणराज्य का गठन किया और संयुक्त राज्य अमेरिका की तर्ज पर सरकार बनाई। अमेरिका के पांचवें राष्ट्रपति जेम्स मोनरोई के नाम पर राजधानी मोनरोई बनाई। 1980 में सेना ने तख्ता पलट कर राष्ट्रपति विलियम आर.

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लीटर

लीटर लीटर आयतन की इकाई है। इसके दो आधिकारिक चिह्न हैं -- (l) और (L)। यह SI इकाई नहीं है, परंतु इसे SI में स्वीकृत किया गया है। इसकी SI इकाई है घन मीटर यानि (m3).

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संयुक्त राज्य

संयुक्त राज्य अमेरिका (United States of America) (यू एस ए), जिसे सामान्यतः संयुक्त राज्य (United States) (यू एस) या अमेरिका कहा जाता हैं, एक देश हैं, जिसमें राज्य, एक फ़ेडरल डिस्ट्रिक्ट, पाँच प्रमुख स्व-शासनीय क्षेत्र, और विभिन्न अधिनस्थ क्षेत्र सम्मिलित हैं। 48 संस्पर्शी राज्य और फ़ेडरल डिस्ट्रिक्ट, कनाडा और मेक्सिको के मध्य, केन्द्रीय उत्तर अमेरिका में हैं। अलास्का राज्य, उत्तर अमेरिका के उत्तर-पश्चिमी भाग में स्थित है, जिसके पूर्व में कनाडा की सीमा एवं पश्चिम मे बेरिंग जलसन्धि रूस से घिरा हुआ है। वहीं हवाई राज्य, मध्य-प्रशान्त में स्थित हैं। अमेरिकी स्व-शासित क्षेत्र प्रशान्त महासागर और कॅरीबीयन सागर में बिखरें हुएँ हैं। 38 लाख वर्ग मील (98 लाख किमी2)"", U.S. Census Bureau, database as of August 2010, excluding the U.S. Minor Outlying Islands.

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संस्कृत साहित्य

बिहार या नेपाल से प्राप्त देवीमाहात्म्य की यह पाण्डुलिपि संस्कृत की सबसे प्राचीन सुरक्षित बची पाण्डुलिपि है। (११वीं शताब्दी की) ऋग्वेदकाल से लेकर आज तक संस्कृत भाषा के माध्यम से सभी प्रकार के वाङ्मय का निर्माण होता आ रहा है। हिमालय से लेकर कन्याकुमारी के छोर तक किसी न किसी रूप में संस्कृत का अध्ययन अध्यापन अब तक होता चल रहा है। भारतीय संस्कृति और विचारधारा का माध्यम होकर भी यह भाषा अनेक दृष्टियों से धर्मनिरपेक्ष (सेक्यूलर) रही है। इस भाषा में धार्मिक, साहित्यिक, आध्यात्मिक, दार्शनिक, वैज्ञानिक और मानविकी (ह्यूमैनिटी) आदि प्राय: समस्त प्रकार के वाङ्मय की रचना हुई। संस्कृत भाषा का साहित्य अनेक अमूल्य ग्रंथरत्नों का सागर है, इतना समृद्ध साहित्य किसी भी दूसरी प्राचीन भाषा का नहीं है और न ही किसी अन्य भाषा की परम्परा अविच्छिन्न प्रवाह के रूप में इतने दीर्घ काल तक रहने पाई है। अति प्राचीन होने पर भी इस भाषा की सृजन-शक्ति कुण्ठित नहीं हुई, इसका धातुपाठ नित्य नये शब्दों को गढ़ने में समर्थ रहा है। संस्कृत साहित्य इतना विशाल और scientific है तो भारत से संस्कृत भाषा विलुप्तप्राय कैसे हो गया? .

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स्विट्ज़रलैण्ड

स्विट्जरलैंड (जर्मन: (die) Schweiz (डी) श्वाइत्स, फ़्रांसिसी: (la) Suisse (ला) सुईस, लातिनी: Helvetia हेल्वेतिया) मध्य यूरोप का एक देश है। इसकी 60 % सरज़मीन ऐल्प्स पहाड़ों से ढकी हुई है, सो इस देश में बहुत ही ख़ूबसूरत पर्वत, गाँव, सरोवर (झील) और चारागाह हैं। स्विस लोगों का जीवनस्तर दुनिया में सबसे ऊँचे जीवनस्तरों में से एक है। स्विस घड़ियाँ, चीज़, चॉकलेट, बहुत मशहूर हैं। इस देश की तीन राजभाषाएँ हैं: जर्मन (उत्तरी और मध्य भाग की मुख्य भाषा), फ़्रांसिसी (पश्चिमी भाग) और इतालवी (दक्षिणी भाग) और एक सह-राजभाषा है: रोमांश (पूर्वी भाग)। इसके प्रान्त कैण्टन कहे जाते हैं। स्विट्स़रलैण्ड एक लोकतन्त्र है जहाँ आज भी प्रत्यक्ष लोकतन्त्र देखने को मिल सकता है। यहाँ कई बॉलीवुड फ़िल्म के गानों की शूटिंग होती है। लगभग 20 % स्विस लोग विदेशी मूल के हैं। इसके मुख्य शहर और पर्यटक स्थल हैं: ज़्यूरिख, जनीवा, बर्न (राजधानी), बासल, इंटरलाकेन, लोज़ान, लूत्सर्न, इत्यादि। यहाँ एक तरफ बर्फ के सुंदर ग्लेशियर हैं। ये ग्लेशियर साल में आठ महीने बर्फ की सुंदर चादर से ठके रहते हैं। तो वहीँ दूसरी तरफ सुंदर वादियाँ हैं जो सुंदर फूलों और रंगीन पत्तियों वाले पेड़ों से ढकीं रहती हैं। भारतीय निर्देशक यश चोपड़ा की फिल्मों में इस खूबसूरत देश के कई नयनाभिराम दृश्य देखने को मिलते हैं। .

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जर्मनी

कोई विवरण नहीं।

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घनमूल

x \ge 0 के लिये ''y'' .

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वर्गमूल

संख्या के साथ उसके वर्गमूल का आलेख गणित में किसी संख्या x का वर्गमूल (square root (\sqrt) या x^) वह संख्या (r) होती है जिसका वर्ग करने पर x प्राप्त होता है; अर्थात् यदि r‍‍2 .

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व्युत्पन्न इकाइयाँ

SI व्युत्पन्न इकाइयाँ SI मापन प्रणाली का ही हिस्सा हैं। इन्हें मूल इकाइयों से व्युत्पन्न करके बनाया जाता है। .

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ग्राम

ग्राम (ब्रिटिश अंग्रेज़ी में इसे gramme भी लिखा जाता है; एस आई इकाई चिह्न: g) (यूनानी/लातिनी मूल grámma) द्रव्यमान की मीट्रिक इकाई प्रणाली की एक इकाई है। .

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आयतन

सभी पदार्थ स्थान (त्रि-बीमीय स्थान) घेरते हैं। इसी त्रि-बीमीय स्थान की मात्रा की माप को आयतन कहते हैं। एक-बीमीय आकृतियाँ (जैसे रेखा) एवं द्वि-बीमीय आकृतियाँ (जैसे त्रिभुज, चतुर्भुज, वर्ग आदि) का आयतन शून्य होता है। .

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आर्यभट

आर्यभट (४७६-५५०) प्राचीन भारत के एक महान ज्योतिषविद् और गणितज्ञ थे। इन्होंने आर्यभटीय ग्रंथ की रचना की जिसमें ज्योतिषशास्त्र के अनेक सिद्धांतों का प्रतिपादन है। इसी ग्रंथ में इन्होंने अपना जन्मस्थान कुसुमपुर और जन्मकाल शक संवत् 398 लिखा है। बिहार में वर्तमान पटना का प्राचीन नाम कुसुमपुर था लेकिन आर्यभट का कुसुमपुर दक्षिण में था, यह अब लगभग सिद्ध हो चुका है। एक अन्य मान्यता के अनुसार उनका जन्म महाराष्ट्र के अश्मक देश में हुआ था। उनके वैज्ञानिक कार्यों का समादर राजधानी में ही हो सकता था। अतः उन्होंने लम्बी यात्रा करके आधुनिक पटना के समीप कुसुमपुर में अवस्थित होकर राजसान्निध्य में अपनी रचनाएँ पूर्ण की। .

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इंच

इंच वाला फीता तथा उस पर प्रदर्शित इंच के निशान इंच (Inch) दूरी मपने की एक इकाई है। 12 इंच मिलकर एक फुट बनाते हैं। इंच को ″ संकेत द्वारा प्रदर्शित किया जाता है। जैसे, ८″ .

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किलोग्राम

एक किलोग्राम (साथ में क्रेडित कार्ड) यह चित्र, अन्तराष्ट्रीय मूलरूप किलोग्राम का एक कम्प्यूटर निर्मित चित्र है। इसके समीप रखा एक इंच का पैमाना है। इस भार को IPK भी कहते हैं। यह प्लैटिनम-इर्रीडियम मिश्रण का बना है और BIPM, सेवर्स, फ़्रांस में रखा है। किलोग्राम (चिन्ह: kg) भार की SI इकाई है। एक किलोग्राम की परिभाषानुसार,.

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क्षेत्रफल

किसी तल (समतल या वक्रतल) के द्वि-बीमीय (द्वि-आयामी) आकार के परिमाण (माप) को क्षेत्रफल कहते हैं। जिस क्षेत्र के क्षेत्रफल की बात की जाती है वह क्षेत्र प्रायः किसी बन्द वक्र (closed curve) से घिरा होता है। इसे प्राय: m2 (वर्ग मीटर) में मापा जाता है। .

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अन्तरराष्ट्रीय मात्रक प्रणाली

अन्तर्राष्ट्रीय मात्रक प्रणाली (संक्षेप में SI; फ्रेंच Le Système International d'unités का संक्षिप्त रूप), मीटरी पद्धति का आधुनिक रूप है। इसे सामान्य रूप में दशमलव एवं दस के गुणांकों में बनाया गया है। यह विज्ञान एवं वाणिज्य के क्षेत्र में विश्व की सर्वाधिक प्रयोग की जाने वाली प्रणाली है। पुरानी मेट्रिक प्रणाली में कई इकाइयों के समूह प्रयोग किए जाते थे। SI को 1960 में पुरानी मीटर-किलोग्राम-सैकण्ड यानी (MKS) प्रणाली से विकसित किया गया था, बजाय सेंटीमीटर-ग्राम-सैकण्ड प्रणाली की, जिसमें कई कठिनाइयाँ थीं। SI प्रणाली स्थिर नहीं रहती, वरन इसमें निरंतर विकास होते रहते हैं, परंतु इकाइयां अन्तर्राष्ट्रीय समझौतों के द्वारा ही बनाई और बदली जाती हैं। यह प्रणाली लगभग विश्वव्यापक स्तर पर लागू है और अधिकांश देश इसके अलावा अन्य इकाइयों की आधिकारिक परिभाषाएं भी नहीं समझते हैं। परंतु इसके अपवाद संयुक्त राज्य अमरीका और ब्रिटेन हैं, जहाँ अभी भी गैर-SI इकाइयों उनकी पुरानी प्रणालियाँ लागू हैं।भारत मॆं यह प्रणाली 1 अप्रैल, 1957 मॆं लागू हुई। इसके साथ ही यहां नया पैसा भी लागू हुआ, जो कि स्वयं दशमलव प्रणाली पर आधारित था। इस प्रणाली में कई नई नामकरण की गई इकाइयाँ लागू हुई। इस प्रणाली में सात मूल इकाइयाँ (मीटर, किलोग्राम, सैकण्ड, एम्पीयर, कैल्विन, मोल, कैन्डेला, कूलम्ब) और अन्य कई व्युत्पन्न इकाइयाँ हैं। कुछ वैज्ञानिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों में एस आई प्रणाली के साथ अन्य इकाइयाँ भी प्रयोग में लाई जाती हैं। SI उपसर्गों के माध्यम से बहुत छोटी और बहुत बड़ी मात्राओं को व्यक्त करने में सरलता होती है। तीन राष्ट्रों ने आधिकारिक रूप से इस प्रणाली को अपनी पूर्ण या प्राथमिक मापन प्रणाली स्वीकार्य नहीं किया है। ये राष्ट्र हैं: लाइबेरिया, म्याँमार और संयुक्त राज्य अमरीका। .

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अंक

हिन्दू-अरबी अंक पद्धति; प्रथम सहस्राब्दी ईसापूर्व के अशोक के शिलालेखों पर इन अंकों का प्रयोग देखने को मिलता है। अंक ऐसे चिह्न हैं जो संख्याओं लिखने के काम आते हैं। दासमिक पद्धति में शून्य से लेकर नौ तक (० से ९ तक) कुल दस अंक प्रयोग किये जाते हैं। इसी प्रकार षोडसी पद्धति (hexadecimal system) में शून्य से लेकर ९ तक एवं A से लेकर F कुल १६ अंक प्रयुक्त होते हैं। द्विक पद्धति में केवल ० और् १ से ही सारी संख्याएं अभिव्यक्त की जातीं हैं। हिन्दी भाषा में अंकों एवं बड़ी संख्याओं का उच्चारण नीचे दिया गया है।.

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अंकगणित

पुणे में आर्यभट की मूर्ति ४७६-५५० अंकगणित (ग्रीक मेंΑριθμητική, जर्मन मेंArithmetik, अंग्रेजी मेंArithmetic) गणित की तीन बड़ी शाखाओं में से एक है। अंकों तथा संख्याओं की गणनाओं से सम्बंधित गणित की शाखा को अंकगणित कहा जाता हैं। यह गणित की मौलिक शाखा है तथा इसी से गणित की प्रारम्भिक शिक्षा का आरम्भ होता है। प्रत्येक मनुष्य अपने दैनिक जीवन में प्रायः अंकगणित का उपयोग करता है। अंकगणित के अन्तर्गत जोड़, घटाना, गुणा, भाग, भिन्न, दशमलव आदि प्रक्रियाएँ आती हैं। .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

डेसीमीटर, मेट्रिक प्रणाली, मीट्रिक प्रणाली

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