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मापन के मात्रक और मीटरी पद्धति

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

मापन के मात्रक और मीटरी पद्धति के बीच अंतर

मापन के मात्रक vs. मीटरी पद्धति

चार मापन युक्तियाँ मापन के सन्दर्भ में मात्रक या इकाई (unit) किसी भौतिक राशि की एक निश्चित मात्रा को कहते हैं जो परिपाटी या/और नियम द्वारा पारिभाषिक एवं स्वीकृत की गई हो तथा जो उस भौतिक राशि के मापन के लिए मानक के रूप में प्रयुक्त होती हो। उस भौतिक राशि की कोई भी अन्य मात्रा इस 'इकाई' के एक गुणक के रूप में व्यक्त की जाती है। उदाहरण के लिए लम्बाई एक भौतिक राशि है। 'मीटर' लम्बाई का मात्रक है जो एक निश्चित पूर्वनिर्धारित दूरी के बराबर होता है। जब हम कहते हैं कि अमुक दूरी '४७ मीटर' है तो इसका अर्थ है कि उक्त दूरी १ मीटर के ४७ गुना है। प्राचीन काल से ही मात्रकों की परिभाषा करना, उन पर सहमति करना, उनका व्यावहारिक उपयोग करना आदि की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका रही है। विभिन्न स्थानों एवं कालों में मात्रकों की विभिन्न प्रणालियाँ होना एक सामान्य बात थी। किन्तु अब एक वैश्विक मानक प्रणाली अस्तित्व में है जिसे 'अन्तरराष्ट्रीय मात्रक प्रणाली' (International System of Units (SI)) कहते हैं। . विश्व में बहुत कम देश बचे हैं जहाँ अब भी मीटरी पद्धति लागू नहीं है। मीटरी पद्धति (metric unit system या metric system) भौतिक राशियों के मापन में प्रयुक्त मात्रकों की एक पद्धति है जिसमें मीटर लम्बाई की आधारभूत इकाई है। इस पद्धति की मुख्य विशेषता यह है कि किसी भौतिक राशि के छोटे-बड़े सभी मात्रकों का अनुपात १० या उसके किसी पूर्णांक घात (जैसे, १०-२, १०-५, १०७, १०९, १०८ आदि) होता है। उदाहरण के लिये, मीटर और सेन्टीमीटर दोनों लम्बाई (दूरी) के मात्रक हैं और एक मीटर १०० सेन्टीमीटर के बराबर होता है। इस प्रणाली का आरम्भ फ्रांस में सन १७९९ में हुआ। इसके पहले प्रचलित अधिकांश प्रणालियों में एक ही भौतिक राशि के विभिन्न मात्रकों में अनुपात १० या १० के किसी घात का होना जरूरी नहीं था। उदाहरण के लिये इंच और फुट दोनों लम्बाई के मात्रक हैं और १ फुट १२ इंच के बराबर होता है। इंच, फुट, सेर, मील आदि गैर-मीट्रिक इकाइयाँ थीं। इस प्रणाली का प्रयोग सर्वप्रथम फ्रांस की क्रांति के प्रारंभिक दिनों (१७९१) में हुआ था। पिछले लगभग दो सौ वर्षों में मीट्रिक पद्धति के कई रूप आये; जैसे मीटर-किलोग्राम-सेकेण्ड पद्धति और वर्तमान में अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत एसआई पद्धति आदि। इन सभी में केवल मूल मात्रकों (फण्डामेंटल यूनिट्स) का अन्तर है किन्तु वस्तुत: वे सभी दशांश पद्धति का ही पालन करतीं हैं। मीट्रिक पद्धति का वैज्ञानिक एवं तकनीकी कार्यों के लिये बहुतायत में उपयोग किया जा रहा है। वर्तमान में केवल यूएसए, म्यांमार और लाइबेरिया को छोड़कर विश्व के सभी देशों ने आधिकारिक रूप से मीट्रिक प्रणाली को अपना लिया है। .

मापन के मात्रक और मीटरी पद्धति के बीच समानता

मापन के मात्रक और मीटरी पद्धति आम में 2 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): मीटर, अन्तरराष्ट्रीय मात्रक प्रणाली

मीटर

मान (मीटर) लम्बाई के नाप/माप की इकाई है। यह अन्तर्राष्ट्रीय इकाई प्रणाली में एवं मीट्रिक प्रणाली में भी, लम्बाई के मापन की SI मूल इकाई है। इसका प्रयोग विश्वव्यापी स्तर पर वैज्ञानिक और सामान्य प्रयोगों हेतु होता है। ऐतिहासिक रूप से, मान को फ़्रांसीसी विज्ञान अकादमी ने परिभाषित किया था। यह परिभाषा थी:.

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अन्तरराष्ट्रीय मात्रक प्रणाली

अन्तर्राष्ट्रीय मात्रक प्रणाली (संक्षेप में SI; फ्रेंच Le Système International d'unités का संक्षिप्त रूप), मीटरी पद्धति का आधुनिक रूप है। इसे सामान्य रूप में दशमलव एवं दस के गुणांकों में बनाया गया है। यह विज्ञान एवं वाणिज्य के क्षेत्र में विश्व की सर्वाधिक प्रयोग की जाने वाली प्रणाली है। पुरानी मेट्रिक प्रणाली में कई इकाइयों के समूह प्रयोग किए जाते थे। SI को 1960 में पुरानी मीटर-किलोग्राम-सैकण्ड यानी (MKS) प्रणाली से विकसित किया गया था, बजाय सेंटीमीटर-ग्राम-सैकण्ड प्रणाली की, जिसमें कई कठिनाइयाँ थीं। SI प्रणाली स्थिर नहीं रहती, वरन इसमें निरंतर विकास होते रहते हैं, परंतु इकाइयां अन्तर्राष्ट्रीय समझौतों के द्वारा ही बनाई और बदली जाती हैं। यह प्रणाली लगभग विश्वव्यापक स्तर पर लागू है और अधिकांश देश इसके अलावा अन्य इकाइयों की आधिकारिक परिभाषाएं भी नहीं समझते हैं। परंतु इसके अपवाद संयुक्त राज्य अमरीका और ब्रिटेन हैं, जहाँ अभी भी गैर-SI इकाइयों उनकी पुरानी प्रणालियाँ लागू हैं।भारत मॆं यह प्रणाली 1 अप्रैल, 1957 मॆं लागू हुई। इसके साथ ही यहां नया पैसा भी लागू हुआ, जो कि स्वयं दशमलव प्रणाली पर आधारित था। इस प्रणाली में कई नई नामकरण की गई इकाइयाँ लागू हुई। इस प्रणाली में सात मूल इकाइयाँ (मीटर, किलोग्राम, सैकण्ड, एम्पीयर, कैल्विन, मोल, कैन्डेला, कूलम्ब) और अन्य कई व्युत्पन्न इकाइयाँ हैं। कुछ वैज्ञानिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों में एस आई प्रणाली के साथ अन्य इकाइयाँ भी प्रयोग में लाई जाती हैं। SI उपसर्गों के माध्यम से बहुत छोटी और बहुत बड़ी मात्राओं को व्यक्त करने में सरलता होती है। तीन राष्ट्रों ने आधिकारिक रूप से इस प्रणाली को अपनी पूर्ण या प्राथमिक मापन प्रणाली स्वीकार्य नहीं किया है। ये राष्ट्र हैं: लाइबेरिया, म्याँमार और संयुक्त राज्य अमरीका। .

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मापन के मात्रक और मीटरी पद्धति के बीच तुलना

मापन के मात्रक 8 संबंध है और मीटरी पद्धति 33 है। वे आम 2 में है, समानता सूचकांक 4.88% है = 2 / (8 + 33)।

संदर्भ

यह लेख मापन के मात्रक और मीटरी पद्धति के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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