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मुंडा विद्रोह

सूची मुंडा विद्रोह

मुंडा विद्रोह मुंडा जनजातियों ने 18वीं सदी से लेकर 20वीं सदी तक कई बार अंग्रेजी सरकार और भारतीय शासकों, जमींदारों के खिलाफ विद्रोह किये। बिरसा मुंडा के नेतृत्‍व में 19वीं सदी के आखिरी दशक में किया गया मुंडा विद्रोह उन्नीसवीं सदी के सर्वाधिक महत्वपूर्ण जनजातीय आंदोलनों में से एक है। इसे उलगुलान नाम से भी जाना जाता है। मुंडा विद्रोह झारखण्ड का सबसे बड़ा और अंतिम रक्ताप्लावित जनजातीय विप्लव था, जिसमे हजारों की संख्या में मुंडा आदिवासी शहीद हुए। मशहूर समाजशास्‍त्री और मानव विज्ञानी कुमार सुरेश सिंह ने बिरसा मुंडा के नेतृत्‍व में हुए इस आंदोलन पर 'बिरसा मुंडा और उनका आंदोलन' नाम से बडी महत्‍वपूर्ण पुस्‍तक लिखी है। .

10 संबंधों: बिरसा मुंडा, मुण्डा, राँची, संथाल विद्रोह, जनवरी, विद्रोह, खासी विद्रोह, कुमार सुरेश सिंह, कोल विद्रोह, १९००

बिरसा मुंडा

बिरसा मुंडा 19वीं सदी के एक प्रमुख आदिवासी जननायक थे। उनके नेतृत्‍व में मुंडा आदिवासियों ने 19वीं सदी के आखिरी वर्षों में मुंडाओं के महान आन्दोलन उलगुलान को अंजाम दिया। बिरसा को मुंडा समाज के लोग भगवान के रूप में पूजते हैं। .

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मुण्डा

मुंडा एक भारतीय आदिवासी समुदाय है, जो मुख्य रूप से झारखण्ड के छोटा नागपुर क्षेत्र में निवास करता है| झारखण्ड के अलावा ये बिहार, पश्चिम बंगाल, ओड़िसा आदि भारतीय राज्यों में भी रहते हैं| इनकी भाषा मुंडारी आस्ट्रो-एशियाटिक भाषा परिवार की एक प्रमुख भाषा है| उनका भोजन मुख्य रूप से धान, मड़ूआ, मक्का, जंगल के फल-फूल और कंध-मूल हैं | वे सूत्ती वस्त्र पहनते हैं | महिलाओं के लिए विशेष प्रकार की साड़ी होती है, जिसे बारह हथिया (बारकी लिजा) कहते हैं | पुरुष साधारण-सा धोती का प्रयोग करते हैं, जिसे तोलोंग कहते हैं | मुण्डा, भारत की एक प्रमुख जनजाति हैं | २० वीं सदी के अनुसार उनकी संख्या लगभग ९,०००,००० थी |Munda http://global.britannica.com/EBchecked/topic/397427/Munda .

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राँची

राँची भारत का एक प्रमुख नगर और झारखंड प्रदेश की राजधानी है। यह झारखंड का तीसरा सबसे प्रसिद्ध शहर है। इसे झरनों का शहर भी कहा जाता है। पहले जब यह बिहार राज्य का भाग था तब गर्मियों में अपने अपेक्षाकृत ठंडे मौसम के कारण प्रदेश की राजधानी हुआ करती थी। झारखंड आंदोलन के दौरान राँची इसका केन्द्र हुआ करता था। राँची एक प्रमुख औद्योगिक केन्द्र भी है। जहाँ मुख्य रूप से एच ई सी (हेवी इंजिनियरिंग कारपोरेशन), भारतीय इस्पात प्राधिकरण, मेकन इत्यादि के कारखाने हैं। राँची के साथ साथ जमशेदपुर और बोकारो इस प्रांत के दो अन्य प्रमुख औद्योगिक केन्द्र हैं। राँची को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्मार्ट सिटीज मिशन के अन्तर्गत एक स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किये जाने वाले सौ भारतीय शहरों में से एक के रूप में चुना गया है। राँची भारतीय क्रिकेट कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का गृहनगर होने के लिए प्रसिद्ध है। झारखंड की राजधानी राँची में प्रकृति ने अपने सौंदर्य को खुलकर लुटाया है। प्राकृतिक सुन्दरता के अलावा राँची ने अपने खूबसूरत पर्यटक स्थलों के दम पर विश्व के पर्यटक मानचित्र पर भी पुख्ता पहचान बनाई है। गोंडा हिल और रॉक गार्डन, मछली घर, बिरसा जैविक उद्यान, टैगोर हिल, मैक क्लुस्किगंज और आदिवासी संग्राहलय इसके प्रमुख पर्यटक स्थल हैं। इन पर्यटक स्थलों की सैर करने के अलावा यहां पर प्रकृति की बहुमूल्य देन झरनों के पास बेहतरीन पिकनिक भी मना सकते हैं। राँची के झरनों में पांच गाघ झरना सबसे खूबसूरत है क्योंकि यह पांच धाराओं में गिरता है। यह झरने और पर्यटक स्थल मिलकर राँची को पर्यटन का स्वर्ग बनाते हैं और पर्यटक शानदार छुट्टियां बिताने के लिए हर वर्ष यहां आते हैं। राँची का नाम उराँव गांव के पिछले नाम से एक ही स्थान पर, राची के नाम से लिया गया है। "राँची" उराँव शब्द 'रअयची' से निकला है जिसका मतलब है रहने दो। पौराणिक कथाओं के अनुसार, आत्मा के साथ विवाद के बाद,एक किसान ने अपने बांस के साथ आत्मा को हराया। आत्मा ने रअयची रअयची चिल्लाया और गायब हो गया। रअयची राची बन गई, जो राँची बन गई। राची के ऐतिहासिक रूप से एक महत्वपूर्ण पड़ोस में डोरांडा (दुरन "दुरङ" का अर्थ है गीत और दाह "दएः" का अर्थ मुंदारी भाषा में जल है)। डोरांडा हीनू (भुसूर) और हरमू नदियों के बीच स्थित है, जहां ब्रिटिश राज द्वारा स्थापित सिविल स्टेशन, ट्रेजरी और चर्च सिपाही विद्रोह के दौरान विद्रोही बलों द्वारा नष्ट किए गए थे। .

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संथाल विद्रोह

६०० संथालों का दल ४०वें रेजिमेण्ट के ५० सिपाहियों पर आक्रमण करता हुआ। वर्ष १८५५ में बंगाल के मुर्शिदाबाद तथा बिहार के भागलपुर जिलों में स्थानीय जमीनदार, महाजन और अंग्रेज कर्मचारियों के अन्याय अत्याचार के शिकार संताल जनता ने एकबद्ध होकर उनके विरुद्ध विद्रोह का बिगुल फूँक दिया था। इसे संथाल विद्रोह या संथाल हुल कहते हैं। संथाली भाषा में 'हूल' शब्द का शाब्दिक अर्थ है-'विद्रोह'। यह अंग्रेजों के विरुद्ध प्रथम सशस्त्र जनसंग्राम था। सिधु-कान्हू, चाँद-भैरो भाइयों और फूलो-झानो जुड़वा बहनों ने संथाल हल का नेतृत्व, शाम टुडू (परगना) के मार्गदर्शन में किया। 1793 में लॉर्ड कार्नवालिस द्वारा आरम्भ किए गए स्थाई बन्दोबस्त के कारण जनता के ऊपर बढ़े हुए अत्याचार इस विद्रोह का एक प्रमुख कारण था। .

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जनवरी

जनवरी ग्रेगोरी कैलंडर का पहला महीना है। यह उन सात महीनों में से एक है जिनके दिनों की संख्या ३१ होती है।.

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विद्रोह

विद्रोह या बगावत आज्ञाकारिता या आदेश का इनकार है। यह एक स्थापित प्राधिकरण के आदेश के खिलाफ खुले प्रतिरोध को संदर्भित करता है। विद्रोही या बागी वह व्यक्ति है जो विद्रोह या विद्रोही गतिविधियों में हिस्सा लेता है। कोई विद्रोह किसी उत्पीड़न की स्थिति और अस्वीकृति की भावना से उत्पन्न होता है। फिर इस स्थिति के लिए जिम्मेदार प्राधिकारी का न पालन करने द्वारा स्वयं प्रकट होता है। .

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खासी विद्रोह

खासी विद्रोह 1830-33 के बीच उत्तर-पूर्वी पहाड़ी पर हुआ। इस विद्रोह का प्रमुख कारण ब्रिटिशों द्वारा वहाँ की स्थानीय जनजातियों को जबरन सड़क निर्माण में लगाया जाना था जिसके विरोध में उन्होंने यह विद्रोह किया। इस विद्रोह का नेतृत्व तीरथ सिंह ने किया और अंततः 1833 में ब्रिटिश सेना द्वारा इस विद्रोह को कुचल दिया गया।।.

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कुमार सुरेश सिंह

'कुमार सुरेश सिंह' भारतीय प्रशासनिक सेवा के पूर्व अधिकारी व भारतीय पुरातत्‍व सर्वेक्षण विभाग के महानिदेशक रहे हैं। ये मुख्‍यतौर पर अपने शोधपूर्ण कार्य भारत के लोगके लिए जाने जाते हैं। इन्‍होंने पटना विश्‍वविद्यालय से बिरसा मुंडा और उनके आंदोलन पर पीएच.डी.

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कोल विद्रोह

कोल विद्रोह १८३१ ई. के लगभग हुआ था छोटा नागपुर के लोगो ने यह विद्रोह किया था I यह विद्रोह तब किया गया जब कोलो की भूमि उनसे छीनकर मुस्लिमो तथा सिक्खों को दे दी गई १८३१ ई. के लगभग यह विद्रोह लगभग पलामू, हजारीबाग, सिंहभूम आदि क्षेत्रो में व्यापक रूप से फैल गया विद्रोह का नेतृत्व-------सिगराय एवं सुरगा ने किया था कोल विद्रोह का दमन विलकिंसन ने किया था.

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१९००

१९०० ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है, जो सोमवार से प्रारंभ हुआ था। .

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