लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
डाउनलोड
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

मांडलगढ़

सूची मांडलगढ़

मांडलगढ़ एक भारत के राजस्थान राज्य के भीलवाड़ा जिले का एक नगर है | .

27 संबंधों: तहसील, दक्षिण, नारी, परिवार, पर्वत, पहाड़ी भाषाएँ, पुरुष, पूर्व, भारत, भीलवाड़ा, भीलवाड़ा जिला, मन्दिर, महल, मुसलमान, मुग़ल साम्राज्य, मेवाड़, राजस्थान, शताब्दी, शाह जहाँ, शिव, समुद्र तल, साक्षरता, जनसंख्या, जनगणना, औरंगज़ेब, किला, किशनगढ़

तहसील

तहसील भारत की एक प्रशासनिक ईकाई है। एक राज्य कई जिलों से मिलकर बना होता है। एक जिले के अन्दर कई तालुक या तहसील या प्रखण्ड होते हैं।तहसील का प्रभाई अधिकारी तहसीलदार होता है। श्रेणी:प्रशासनिक विभाग श्रेणी:प्रशासन राजस्थान के करौली जिले मे ब्लॉक वाइज तहसील निम्न प्रकार है.

नई!!: मांडलगढ़ और तहसील · और देखें »

दक्षिण

कुतुबनुमा-दक्षिण को इंगित करता दिशाकमल दक्षिण कुतुबनुमा द्वारा दिखायी जाने वाली चार दिशाओं में से एक दिशा है। दक्षिण दिशा उत्तर दिशा के विपरीत (दूसरी तरफ) होती है और पूर्व एवं पश्चिम दिशाओं से ९० डिग्री (अंश) पर होती है। (उत्तर दक्षिण एक दूसरे के आमने सामने हैं और पूर्व पश्चिम भी एक दुसरे के आमने सामने हैं।) यदि आप सूर्य की तरफ मुख कर के खड़े होंगे तो आपका मुख पूर्व की ओर होगा, दक्षिण दिशा आपके दाएँ हाथ की तरफ होगी, बाएँ हाथ की तरफ उत्तर होगा और पश्चिम आपकी पीठ की ओर होगी। नक्शों में दक्षिण दिशा अधिकतर पन्ने के नीचे की तरफ दिखायी जाती है और उत्तर दिशा पन्ने के ऊपर की ओर। श्रेणी:दिशाएँ भारत उपमहाद्वीप के दक्षिण में समुद्र है.

नई!!: मांडलगढ़ और दक्षिण · और देखें »

नारी

नारी मानव की स्त्री को कहते हैं, जो नर का स्त्रीलिंग है। नारी शब्द मुख्यत: वयस्क स्त्रियों के लिए इस्तेमाल किया जाता है। कई संदर्भो में मगर यह शब्द संपूर्ण स्त्री वर्ग को दर्शाने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है, जैसे: नारी-अधिकार। .

नई!!: मांडलगढ़ और नारी · और देखें »

परिवार

सन् 1880 का एक मराठा परिवार परिवार (family) साधारणतया पति, पत्नी और बच्चों के समूह को कहते हैं, किंतु दुनिया के अधिकांश भागों में वह सम्मिलित वासवाले रक्त संबंधियों का समूह है जिसमें विवाह और दत्तक प्रथा द्वारा स्वीकृत व्यक्ति भी सम्मिलित हैं। .

नई!!: मांडलगढ़ और परिवार · और देखें »

पर्वत

माउंट एवरेस्ट, दुनिया का सबसे ऊँचा पर्वत (दाहिनी ओर)। बाएँ ओर की चोटी नुप्त्से है। पर्वत या पहाड़ पृथ्वी की भू-सतह पर प्राकृतिक रूप से ऊँचा उठा हुआ हिस्सा होता है, जो ज़्यादातर आकस्मिक तरीके से उभरा होता है और पहाड़ी से बड़ा होता है। पर्वत ज़्यादातर एक लगातार समूह में होते हैं। पर्वत ४ प्रकर के होते है.

नई!!: मांडलगढ़ और पर्वत · और देखें »

पहाड़ी भाषाएँ

हिमालय पर्वतश्रृंखलाओं के दक्षिणवर्ती भूभाग में कश्मीर के पूर्व से लेकर नेपाल तक पहाड़ी भाषाएँ बोली जाती हैं। ग्रियर्सन ने आधुनिक भारतीय आर्यभाषाओं का वर्गीकरण करते समय पहाड़ी भाषाओं का एक स्वतंत्र समुदाय माना है। चैटर्जी ने इन्हें पैशाची, दरद अथवा खस प्राकृत पर आधारित मानकर मध्यका में इनपर राजस्थान की प्राकृत एवं अपभ्रंश भाषाओं का प्रभाव घोषित किया है। एक नवीन मत के अनुसार कम से कम मध्य पहाड़ी भाषाओं का उद्गम शौरसेनी प्राकृत है, जो राजस्थानी का मूल भी है। पहाड़ी भाषाओं के शब्दसमूह, ध्वनिसमूह, व्याकरण आदि पर अनेक जातीय स्तरों की छाप पड़ी है। यक्ष, किन्नर, किरात, नाग, खस, शक, आर्य आदि विभिन्न जातियों की भाषागत विशेषताएँ प्रयत्न करने पर खोजी जा सकती हैं जिनमें अब यहाँ आर्य-आर्येतर तत्व परस्पर घुल मिल गए हैं। ऐतिहासिक दृष्टि से ऐसा विदित होता है कि प्राचीन काल में इनका कुछ पृथक् स्वरूप अधिकांश मौखिक था। मध्यकाल में यह भूभाग राजस्थानी भाषा भाषियों के अधिक संपर्क में आया और आधुनिक काल में आवागमन की सुविधा के कारण हिंदी भाषाई तत्व यहाँ प्रवेश करते जा रहे हैं। पहाड़ी भाषाओं का व्यवहार एक प्रकार से घरेलू बोलचाल, पत्रव्यवहार आदि तक ही सीमित हो चला है। पहाड़ी भाषाओं में दरद भाषाओं की कुछ ध्वन्यात्मक विशेषताएँ मिलती हैं जैसे घोष महाप्राण के स्थान पर अघोष अल्पप्राण ध्वनि हो जाना। पश्चिमी तथा मध्य पहाड़ी प्रदेश का नाम प्राचीन काल में संपादलक्ष था। यहाँ मध्यकाल में गुर्जरों एवं अन्य राजपूत लोगों का आवागमन होता रहा जिसका मुख्य कारण मुसलमानी आक्रमण था। अत: स्थानीय भाषाप्रयोगों में जो अधिकांश "न" के स्थान पर "ण" तथा अकारांत शब्दों की ओकारांत प्रवृत्ति लक्षित होती है, वह राजस्थानी प्रभाव का द्योतक है। पूर्वी हिंदी को भी एकाधिक प्रवृत्तियाँ मध्य पहाड़ी भाषाओं में विद्यमान हैं क्योंकि यहाँ का कत्यूर राजवंश सूर्यवंशी अयोध्या नरेशों से संबंध रखता था। इस आधार पर पहाड़ी भाषाओं का संबंध अर्ध-मागधी-क्षेत्र के साथ भी स्पष्ट हो जाता है। इनके वर्तमान स्वरूप पर विचार करते हुए दो तत्व मुख्यत: सामने आते हैं। एक तो यह कि पहाड़ी भाषाओं की एकाधिक विशेषता इन्हें हिंदी भाषा से भिन्न करती हैं। दूसरे कुछ तत्व दोनों के समान हैं। कहीं तो हिंदी शब्द स्थानीय शब्दों के साथ वैकल्पिक रूप से प्रयुक्त होते हैं और कहीं हिंदी शब्द ही स्थानीय शब्दों का स्थान ग्रहण करते जा रहे हैं। खड़ी बोली के माध्यम से कुछ विदेशी शब्द, जैसे "हजामत", "अस्पताल", "फीता", "सीप", "डागदर" आदि भी चल पड़े हैं। .

नई!!: मांडलगढ़ और पहाड़ी भाषाएँ · और देखें »

पुरुष

पुरुष शब्द का प्रयोग वैदिक साहित्य में कई जगह मिलता है। जीवात्मा (आत्मा) को कपिल मुनि कृत सांख्य शास्त्र में पुरुष कहा गया है - ध्यान दीजिये इसमें यह लिंग द्योतक न होकर आत्मा द्योतक है। वेदों में नर के लिए पुम् (पुंस, और पुमान) मूलों का इस्तेमाल मिलता है। इसके अलावे बृहदारण्यक उपनिषत में ईश्वर के लिए पुरुष शब्द का इस्तेमाल मिलता है। .

नई!!: मांडलगढ़ और पुरुष · और देखें »

पूर्व

east direction पूर्ण ब्रहामाण्ड को शुन्य माना गया है। शुन्या की आकृति ३६० अंश होकर गोलकार है। यहि नहीं इस अकाश म्ंड्ल में जितने भी गृह है वह लगभग गोल ही है। हमारी पृथ्वी भी गोलकार है। अगर गोलाकार है तो इसका आरम्भ कहां से होगा यह एक बहुत बड़ा प्रशन है जिसका उतर हितचिंतक एस्टरोलोजिकल इंस्टीयट के अनुसन्धान केन्द्र में प्रचार्या विकास ग्रोवर एव्ं डा;सनिया गर्ग के साथ अन्य सह्योगियो के मनन से मत इस प्रकार है कि- दिशा ग्यान को पुरातण वास्तु शास्त्रो में अति महत्वपूर्ण मान गया है।इसके बोध के बिना निर्माण को कुल्नाश तक घातक बताया गया है। अर्थात: श्ंडकु को स्थापित कर संक्राति के अनुसार इसकी छाया को राशि में प्रवेश के स्थान पर चिन्हित कर भुखन्ड पर भवन बनाने वालो के लिये भविषवानिययो का विवरण भी प्रपात होता है परन्तु समतय अनुसार इस विधि में कम्पास से धरती के चुम्वभकिया क्षेत्र प्रभाव का आंकलण आसान होने के कारण शंड्कु स्थपना क प्रचलण लगभग बन्द हो गया है। वास्तु में शंड्कु स्थापित कर दिशा क बेह्द विस्तृत एवं व्यापक अर्थ है।इन चिन्हो द्वारा भुमि के प्रभावित होने वाले खण्डोपर प्राभाव कर परीक्षण तथा शोधन करने के उपारान्त ही उसके ऊपर किये जाने वाले निर्माण आदि क निर्णय किय जात रहा है। Bold textपूर्व दिशा को अगर सधारण्त:देखे तो यह २२।५ अंश ईशान की ओर तथा २२।५ अंश अग्नेय की ओर कुल ४५ अंश होती है। एक कम्पास गुलाब पूर्व भूगोल में एक दिशा है।यह एक के चार प्रमुख दिशा में से एक है ओं या अंक, पश्चिम के विपरीत कम्पास और सही कोण उत्तर और दक्षिण के लिए हैं।पूर्व की ओर, जो पृथ्वी अपने अक्ष के बारे में rotates दिशा है और इसलिए जिसमें से सूर्य की वृद्धि करने के लिए प्रकट होता है जो सामान्य दिशा है। हालांकि, सूरज के खगोल विज्ञान में पूर्व की ओर विपरीत दिशा में रोटेशन के संबंध में है, तो यह जो से rotates दिशा है परिभाषित किया गया है। .

नई!!: मांडलगढ़ और पूर्व · और देखें »

भारत

भारत (आधिकारिक नाम: भारत गणराज्य, Republic of India) दक्षिण एशिया में स्थित भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा देश है। पूर्ण रूप से उत्तरी गोलार्ध में स्थित भारत, भौगोलिक दृष्टि से विश्व में सातवाँ सबसे बड़ा और जनसंख्या के दृष्टिकोण से दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत के पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर-पूर्व में चीन, नेपाल और भूटान, पूर्व में बांग्लादेश और म्यान्मार स्थित हैं। हिन्द महासागर में इसके दक्षिण पश्चिम में मालदीव, दक्षिण में श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व में इंडोनेशिया से भारत की सामुद्रिक सीमा लगती है। इसके उत्तर की भौतिक सीमा हिमालय पर्वत से और दक्षिण में हिन्द महासागर से लगी हुई है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी है तथा पश्चिम में अरब सागर हैं। प्राचीन सिन्धु घाटी सभ्यता, व्यापार मार्गों और बड़े-बड़े साम्राज्यों का विकास-स्थान रहे भारतीय उपमहाद्वीप को इसके सांस्कृतिक और आर्थिक सफलता के लंबे इतिहास के लिये जाना जाता रहा है। चार प्रमुख संप्रदायों: हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख धर्मों का यहां उदय हुआ, पारसी, यहूदी, ईसाई, और मुस्लिम धर्म प्रथम सहस्राब्दी में यहां पहुचे और यहां की विविध संस्कृति को नया रूप दिया। क्रमिक विजयों के परिणामस्वरूप ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कंपनी ने १८वीं और १९वीं सदी में भारत के ज़्यादतर हिस्सों को अपने राज्य में मिला लिया। १८५७ के विफल विद्रोह के बाद भारत के प्रशासन का भार ब्रिटिश सरकार ने अपने ऊपर ले लिया। ब्रिटिश भारत के रूप में ब्रिटिश साम्राज्य के प्रमुख अंग भारत ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में एक लम्बे और मुख्य रूप से अहिंसक स्वतन्त्रता संग्राम के बाद १५ अगस्त १९४७ को आज़ादी पाई। १९५० में लागू हुए नये संविधान में इसे सार्वजनिक वयस्क मताधिकार के आधार पर स्थापित संवैधानिक लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित कर दिया गया और युनाईटेड किंगडम की तर्ज़ पर वेस्टमिंस्टर शैली की संसदीय सरकार स्थापित की गयी। एक संघीय राष्ट्र, भारत को २९ राज्यों और ७ संघ शासित प्रदेशों में गठित किया गया है। लम्बे समय तक समाजवादी आर्थिक नीतियों का पालन करने के बाद 1991 के पश्चात् भारत ने उदारीकरण और वैश्वीकरण की नयी नीतियों के आधार पर सार्थक आर्थिक और सामाजिक प्रगति की है। ३३ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ भारत भौगोलिक क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा राष्ट्र है। वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था क्रय शक्ति समता के आधार पर विश्व की तीसरी और मानक मूल्यों के आधार पर विश्व की दसवीं सबसे बडी अर्थव्यवस्था है। १९९१ के बाज़ार-आधारित सुधारों के बाद भारत विश्व की सबसे तेज़ विकसित होती बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक हो गया है और इसे एक नव-औद्योगिकृत राष्ट्र माना जाता है। परंतु भारत के सामने अभी भी गरीबी, भ्रष्टाचार, कुपोषण, अपर्याप्त सार्वजनिक स्वास्थ्य-सेवा और आतंकवाद की चुनौतियां हैं। आज भारत एक विविध, बहुभाषी, और बहु-जातीय समाज है और भारतीय सेना एक क्षेत्रीय शक्ति है। .

नई!!: मांडलगढ़ और भारत · और देखें »

भीलवाड़ा

भीलवाड़ा सिटी, राजस्थान का एक नगर है। .

नई!!: मांडलगढ़ और भीलवाड़ा · और देखें »

भीलवाड़ा जिला

भीलवाड़ा भारतीय राज्य राजस्थान का एक जिला है। जिले का मुख्यालय भीलवाड़ा है। भीलवाड़ा को वस्त्रनगरी के नाम से भी जाना जाता है। क्षेत्रफल - वर्ग कि.मी.

नई!!: मांडलगढ़ और भीलवाड़ा जिला · और देखें »

मन्दिर

मन्दिर भारतीय धर्मों (सनातन धर्म, जैन धर्म, बौद्ध धर्म, सिख धर्म आदि) हिन्दुओं के उपासनास्थल को मन्दिर कहते हैं। यह अराधना और पूजा-अर्चना के लिए निश्चित की हुई जगह या देवस्थान है। यानी जिस जगह किसी आराध्य देव के प्रति ध्यान या चिंतन किया जाए या वहां मूर्ति इत्यादि रखकर पूजा-अर्चना की जाए उसे मन्दिर कहते हैं। मन्दिर का शाब्दिक अर्थ 'घर' है। वस्तुतः सही शब्द 'देवमन्दिर', 'शिवमन्दिर', 'कालीमन्दिर' आदि हैं। और मठ वह स्थान है जहां किसी सम्प्रदाय, धर्म या परंपरा विशेष में आस्था रखने वाले शिष्य आचार्य या धर्मगुरु अपने सम्प्रदाय के संरक्षण और संवर्द्धन के उद्देश्य से धर्म ग्रन्थों पर विचार विमर्श करते हैं या उनकी व्याख्या करते हैं जिससे उस सम्प्रदाय के मानने वालों का हित हो और उन्हें पता चल सके कि उनके धर्म में क्या है। उदाहरण के लिए बौद्ध विहारों की तुलना हिन्दू मठों या ईसाई मोनेस्ट्रीज़ से की जा सकती है। लेकिन 'मठ' शब्द का प्रयोग शंकराचार्य के काल यानी सातवीं या आठवीं शताब्दी से शुरु हुआ माना जाता है। तमिल भाषा में मन्दिर को कोईल या कोविल (கோவில்) कहते हैं। .

नई!!: मांडलगढ़ और मन्दिर · और देखें »

महल

जयपुर स्थित हवामहल का एक दृश्य महल का अर्थ होता है भव्य और शानदार भवन जो सामानयतः शासकों, राजाओं के आवास के लिये निर्मित किये जाते थे। भारत में मध्यकाल तक ऐसे भवन निर्मित किये जाते रहे जिन्हें महल की संज्ञा दी जाती है और ऐसे कई तरह के महल पाये जाते हैं। यह मूलतः अरबी शब्द है जिसका मतलब होता है भवन। राजस्थान प्रान्त तो राजा महाराजाओं के महलों के कारण ही जाना जाता है। राजस्थानी महलों मे शेखावती महल अपनी खूबसूरती के लिये जाना जाता है। .

नई!!: मांडलगढ़ और महल · और देखें »

मुसलमान

मिसरी (ईजिप्ट) मुस्लिमान नमाज़ पढ रहे हैं, एक तस्वीर। मुसलमान (अरबी: مسلم، مسلمة फ़ारसी: مسلمان،, अंग्रेजी: Muslim) का मतलब वह व्यक्ति है जो इस्लाम में विश्वास रखता हो। हालाँकि मुसलमानों के आस्था के अनुसार इस्लाम ईश्वर का धर्म है और धर्म हज़रत मुहम्मद से पहले मौजूद था और जो लोग अल्लाह के धर्म का पालन करते रहे वह मुसलमान हैं। जैसे कुरान के अनुसार हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम भी मुसलमान थे। मगर आजकल मुसलमान का मतलब उसे लिया जाता है जो हज़रत मुहम्मद लाए हुए दीन का पालन करता हो और विश्वास रखता हो। मध्यकालीन मुस्लिम इतिहासकारों ने भारत को हिन्द अथवा हिन्दुस्तान कहा है । .

नई!!: मांडलगढ़ और मुसलमान · और देखें »

मुग़ल साम्राज्य

मुग़ल साम्राज्य (फ़ारसी:, मुग़ल सलतनत-ए-हिंद; तुर्की: बाबर इम्परातोरलुग़ु), एक इस्लामी तुर्की-मंगोल साम्राज्य था जो 1526 में शुरू हुआ, जिसने 17 वीं शताब्दी के आखिर में और 18 वीं शताब्दी की शुरुआत तक भारतीय उपमहाद्वीप में शासन किया और 19 वीं शताब्दी के मध्य में समाप्त हुआ। मुग़ल सम्राट तुर्क-मंगोल पीढ़ी के तैमूरवंशी थे और इन्होंने अति परिष्कृत मिश्रित हिन्द-फारसी संस्कृति को विकसित किया। 1700 के आसपास, अपनी शक्ति की ऊँचाई पर, इसने भारतीय उपमहाद्वीप के अधिकांश भाग को नियंत्रित किया - इसका विस्तार पूर्व में वर्तमान बंगलादेश से पश्चिम में बलूचिस्तान तक और उत्तर में कश्मीर से दक्षिण में कावेरी घाटी तक था। उस समय 40 लाख किमी² (15 लाख मील²) के क्षेत्र पर फैले इस साम्राज्य की जनसंख्या का अनुमान 11 और 13 करोड़ के बीच लगाया गया था। 1725 के बाद इसकी शक्ति में तेज़ी से गिरावट आई। उत्तराधिकार के कलह, कृषि संकट की वजह से स्थानीय विद्रोह, धार्मिक असहिष्णुता का उत्कर्ष और ब्रिटिश उपनिवेशवाद से कमजोर हुए साम्राज्य का अंतिम सम्राट बहादुर ज़फ़र शाह था, जिसका शासन दिल्ली शहर तक सीमित रह गया था। अंग्रेजों ने उसे कैद में रखा और 1857 के भारतीय विद्रोह के बाद ब्रिटिश द्वारा म्यानमार निर्वासित कर दिया। 1556 में, जलालुद्दीन मोहम्मद अकबर, जो महान अकबर के नाम से प्रसिद्ध हुआ, के पदग्रहण के साथ इस साम्राज्य का उत्कृष्ट काल शुरू हुआ और सम्राट औरंगज़ेब के निधन के साथ समाप्त हुआ, हालाँकि यह साम्राज्य और 150 साल तक चला। इस समय के दौरान, विभिन्न क्षेत्रों को जोड़ने में एक उच्च केंद्रीकृत प्रशासन निर्मित किया गया था। मुग़लों के सभी महत्वपूर्ण स्मारक, उनके ज्यादातर दृश्य विरासत, इस अवधि के हैं। .

नई!!: मांडलगढ़ और मुग़ल साम्राज्य · और देखें »

मेवाड़

राजस्थान के अन्तर्गत मेवाड़ की स्थिति मेवाड़ राजस्थान के दक्षिण-मध्य में एक रियासत थी। इसे 'उदयपुर राज्य' के नाम से भी जाना जाता था। इसमें आधुनिक भारत के उदयपुर, भीलवाड़ा, राजसमंद, तथा चित्तौडगढ़ जिले थे। सैकड़ों सालों तक यहाँ रापपूतों का शासन रहा और इस पर गहलौत तथा सिसोदिया राजाओं ने १२०० साल तक राज किया। बाद में यह अंग्रेज़ों द्वारा शासित राज बना। १५५० के आसपास मेवाड़ की राजधानी थी चित्तौड़। राणा प्रताप सिंह यहीं का राजा था। अकबर की भारत विजय में केवल मेवाड़ का राणा प्रताप बाधक बना रहा। अकबर ने सन् 1576 से 1586 तक पूरी शक्ति के साथ मेवाड़ पर कई आक्रमण किए, पर उसका राणा प्रताप को अधीन करने का मनोरथ सिद्ध नहीं हुआ स्वयं अकबर, प्रताप की देश-भक्ति और दिलेरी से इतना प्रभावित हुआ कि प्रताप के मरने पर उसकी आँखों में आंसू भर आये। उसने स्वीकार किया कि विजय निश्चय ही राणा की हुई। यह एक ऐतिहासिक सत्य है कि देश के स्वतंत्रता संग्राम में प्रताप जैसे महान देशप्रेमियों के जीवन से ही प्रेरणा प्राप्त कर अनेक देशभक्त हँसते-हँसते बलिवेदी पर चढ़ गए। महाराणा प्रताप की मृत्यु पर उसके उत्तराधिकारी अमर सिंह ने मुगल सम्राट जहांगीर से संधि कर ली। उसने अपने पाटवी पुत्र को मुगल दरबार में भेजना स्वीकार कर लिया। इस प्रकार १०० वर्ष बाद मेवाड़ की स्वतंत्रता का भी अन्त हुआ। .

नई!!: मांडलगढ़ और मेवाड़ · और देखें »

राजस्थान

राजस्थान भारत गणराज्य का क्षेत्रफल के आधार पर सबसे बड़ा राज्य है। इसके पश्चिम में पाकिस्तान, दक्षिण-पश्चिम में गुजरात, दक्षिण-पूर्व में मध्यप्रदेश, उत्तर में पंजाब (भारत), उत्तर-पूर्व में उत्तरप्रदेश और हरियाणा है। राज्य का क्षेत्रफल 3,42,239 वर्ग कि॰मी॰ (132139 वर्ग मील) है। 2011 की गणना के अनुसार राजस्थान की साक्षरता दर 66.11% हैं। जयपुर राज्य की राजधानी है। भौगोलिक विशेषताओं में पश्चिम में थार मरुस्थल और घग्गर नदी का अंतिम छोर है। विश्व की पुरातन श्रेणियों में प्रमुख अरावली श्रेणी राजस्थान की एक मात्र पर्वत श्रेणी है, जो कि पर्यटन का केन्द्र है, माउंट आबू और विश्वविख्यात दिलवाड़ा मंदिर सम्मिलित करती है। पूर्वी राजस्थान में दो बाघ अभयारण्य, रणथम्भौर एवं सरिस्का हैं और भरतपुर के समीप केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान है, जो सुदूर साइबेरिया से आने वाले सारसों और बड़ी संख्या में स्थानीय प्रजाति के अनेकानेक पक्षियों के संरक्षित-आवास के रूप में विकसित किया गया है। .

नई!!: मांडलगढ़ और राजस्थान · और देखें »

शताब्दी

100 वर्षों के समय को शताब्दी (लैटिन के शब्द सेंटम से निकला है, जिसका अर्थ 'एक सौ' होता है) कहते हैं। शताब्दी.

नई!!: मांडलगढ़ और शताब्दी · और देखें »

शाह जहाँ

शाह जहाँ (उर्दू: شاہجہان)पांचवे मुग़ल शहंशाह था। शाह जहाँ अपनी न्यायप्रियता और वैभवविलास के कारण अपने काल में बड़े लोकप्रिय रहे। किन्तु इतिहास में उनका नाम केवल इस कारण नहीं लिया जाता। शाहजहाँ का नाम एक ऐसे आशिक के तौर पर लिया जाता है जिसने अपनी बेग़म मुमताज़ बेगम के लिये विश्व की सबसे ख़ूबसूरत इमारत ताज महल बनाने का यत्न किया। सम्राट जहाँगीर के मौत के बाद, छोटी उम्र में ही उन्हें मुगल सिंहासन के उत्तराधिकारी के रूप में चुन लिया गया था। 1627 में अपने पिता की मृत्यु होने के बाद वह गद्दी पर बैठे। उनके शासनकाल को मुग़ल शासन का स्वर्ण युग और भारतीय सभ्यता का सबसे समृद्ध काल बुलाया गया है। .

नई!!: मांडलगढ़ और शाह जहाँ · और देखें »

शिव

शिव या महादेव हिंदू धर्म में सबसे महत्वपूर्ण देवताओं में से एक है। वह त्रिदेवों में एक देव हैं। इन्हें देवों के देव भी कहते हैं। इन्हें भोलेनाथ, शंकर, महेश, रुद्र, नीलकंठ,गंगाधार के नाम से भी जाना जाता है। तंत्र साधना में इन्हे भैरव के नाम से भी जाना जाता है। हिन्दू धर्म के प्रमुख देवताओं में से हैं। वेद में इनका नाम रुद्र है। यह व्यक्ति की चेतना के अन्तर्यामी हैं। इनकी अर्धांगिनी (शक्ति) का नाम पार्वती है। इनके पुत्र कार्तिकेय और गणेश हैं, तथा पुत्री अशोक सुंदरी हैं। शिव अधिक्तर चित्रों में योगी के रूप में देखे जाते हैं और उनकी पूजा शिवलिंग तथा मूर्ति दोनों रूपों में की जाती है। शिव के गले में नाग देवता विराजित हैं और हाथों में डमरू और त्रिशूल लिए हुए हैं। कैलाश में उनका वास है। यह शैव मत के आधार है। इस मत में शिव के साथ शक्ति सर्व रूप में पूजित है। भगवान शिव को संहार का देवता कहा जाता है। भगवान शिव सौम्य आकृति एवं रौद्ररूप दोनों के लिए विख्यात हैं। अन्य देवों से शिव को भिन्न माना गया है। सृष्टि की उत्पत्ति, स्थिति एवं संहार के अधिपति शिव हैं। त्रिदेवों में भगवान शिव संहार के देवता माने गए हैं। शिव अनादि तथा सृष्टि प्रक्रिया के आदिस्रोत हैं और यह काल महाकाल ही ज्योतिषशास्त्र के आधार हैं। शिव का अर्थ यद्यपि कल्याणकारी माना गया है, लेकिन वे हमेशा लय एवं प्रलय दोनों को अपने अधीन किए हुए हैं। राम, रावण, शनि, कश्यप ऋषि आदि इनके भक्त हुए है। शिव सभी को समान दृष्टि से देखते है इसलिये उन्हें महादेव कहा जाता है। .

नई!!: मांडलगढ़ और शिव · और देखें »

समुद्र तल

समुद्र तल से ऊँचाई दिखाता एक बोर्ड समुद्र तल या औसत समुद्र तल (अंग्रेज़ी:Mean sea level) समुद्र के जल के उपरी सतह की औसत ऊँचाई का मान होता है। इसकी गणना ज्वार-भाटे के कारण होने वाले समुद्री सतह के उतार चढ़ाव का लंबे समय तक प्रेक्षण करके उसका औसत निकाल कर की जाती है। इसे समुद्र तल से ऊँचाई (MSL-Metres above sea level) में व्यक्त किया जाता है। इसका प्रयोग धरातल पर स्थित बिंदुओं की ऊँचाई मापने के लिये सन्दर्भ तल के रूप में किया जाता है। इसका उपयोग उड्डयन में भी होता है। उड्डयन में समुद्र की सतह पर वायुमण्डलीय दाब को वायुयानों के उड़ान की उँचाई के सन्दर्भ (डैटम) के रूप में उपयोग किया जाता है। .

नई!!: मांडलगढ़ और समुद्र तल · और देखें »

साक्षरता

साक्षरता का अर्थ है साक्षर होना अर्थात पढने और लिखने की क्षमता से संपन्न होना। अलग अलग देशों में साक्षरता के अलग अलग मानक हैं। भारत में राष्ट्रीय साक्षरता मिशन के अनुसार अगर कोई व्यक्ति अपना नाम लिखने और पढने की योग्यता हासिल कर लेता है तो उसे साक्षर माना जाता है। .

नई!!: मांडलगढ़ और साक्षरता · और देखें »

जनसंख्या

1994 में विश्व की जनसंख्या का वितरण. विश्व की कुल जनसँख्या में एक अरब लोगों के जुड़ने में लगने वाला समय. (जिसमें भविष्य की गणना भी शामिल है) वैकल्पिक चार्ट भी देखें. जीव विज्ञान में, विशेष प्रजाति के अंत: जीव प्रजनन के संग्रह को जनसंख्या कहते हैं; समाजशास्त्र में इसे मनुष्यों का संग्रह कहते हैं। जनसँख्या के अन्दर आने वाला प्रत्येक व्यक्ति कुछ पहलू एक दुसरे से बांटते हैं जो कि सांख्यिकीय रूप से अलग हो सकता है, लेकिन अगर आमतौर पर देखें तो ये अंतर इतने अस्पष्ट होते हैं कि इनके आधार पर कोई निर्धारण नहीं किया जा सकता.

नई!!: मांडलगढ़ और जनसंख्या · और देखें »

जनगणना

किसी देश अथवा किसी भी क्षेत्र में लोगों के बारे में विधिवत रूप से सूचना प्राप्त करना एवं उसे रेकार्ड करना जनगणना (census) कहलाती है। यह एक निश्चित समान्तराल के बाद की जाती है और शासकीय आदेश के तहत की जाती है। .

नई!!: मांडलगढ़ और जनगणना · और देखें »

औरंगज़ेब

अबुल मुज़फ़्फ़र मुहिउद्दीन मुहम्मद औरंगज़ेब आलमगीर (3 नवम्बर १६१८ – ३ मार्च १७०७) जिसे आमतौर पर औरंगज़ेब या आलमगीर (प्रजा द्वारा दिया हुआ शाही नाम जिसका अर्थ होता है विश्व विजेता) के नाम से जाना जाता था भारत पर राज्य करने वाला छठा मुग़ल शासक था। उसका शासन १६५८ से लेकर १७०७ में उसकी मृत्यु होने तक चला। औरंगज़ेब ने भारतीय उपमहाद्वीप पर आधी सदी से भी ज्यादा समय तक राज्य किया। वो अकबर के बाद सबसे ज्यादा समय तक शासन करने वाला मुग़ल शासक था। अपने जीवनकाल में उसने दक्षिणी भारत में मुग़ल साम्राज्य का विस्तार करने का भरसक प्रयास किया पर उसकी मृत्यु के पश्चात मुग़ल साम्राज्य सिकुड़ने लगा। औरंगज़ेब के शासन में मुग़ल साम्राज्य अपने विस्तार के चरमोत्कर्ष पर पहुंचा। वो अपने समय का शायद सबसे धनी और शातिशाली व्यक्ति था जिसने अपने जीवनकाल में दक्षिण भारत में प्राप्त विजयों के जरिये मुग़ल साम्राज्य को साढ़े बारह लाख वर्ग मील में फैलाया और १५ करोड़ लोगों पर शासन किया जो की दुनिया की आबादी का १/४ था। औरंगज़ेब ने पूरे साम्राज्य पर फ़तवा-ए-आलमगीरी (शरियत या इस्लामी क़ानून पर आधारित) लागू किया और कुछ समय के लिए ग़ैर-मुस्लिमों पर अतिरिक्त कर भी लगाया। ग़ैर-मुसलमान जनता पर शरियत लागू करने वाला वो पहला मुसलमान शासक था। मुग़ल शासनकाल में उनके शासन काल में उसके दरबारियों में सबसे ज्यादा हिन्दु थे। और सिखों के गुरु तेग़ बहादुर को दाराशिकोह के साथ मिलकर बग़ावत के जुर्म में मृत्युदंड दिया गया था। .

नई!!: मांडलगढ़ और औरंगज़ेब · और देखें »

किला

राजस्थान के '''कुम्भलगढ़ का किला''' - यह एशिया के सबसे बड़े किलों में से एक है। शत्रु से सुरक्षा के लिए बनाए जानेवाले वास्तु का नाम किला या दुर्ग है। इन्हें 'गढ़' और 'कोट' भी कहते हैं। दुर्ग, पत्थर आदि की चौड़ी दीवालों से घिरा हुआ वह स्थान है जिसके भीतर राजा, सरदार और सेना के सिपाही आदि रहते है। नगरों, सैनिक छावनियों और राजप्रासादों सुरक्षा के लिये किलों के निर्माण की परंपरा अति प्राचीन काल से चली आ रही है। आधुनिक युग में युद्ध के साधनों और रण-कौशल में वृद्धि तथा परिवर्तन हो जाने के कारण किलों का महत्व समाप्त हो गया है और इनकी कोई आवशकता नहीं रही। .

नई!!: मांडलगढ़ और किला · और देखें »

किशनगढ़

दिल्ली का एक आवासीय क्षेत्र है। श्रेणी:दिल्ली के आवासीय क्षेत्र.

नई!!: मांडलगढ़ और किशनगढ़ · और देखें »

यहां पुनर्निर्देश करता है:

मांडलगढ़ क़िला

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »