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नारी

सूची नारी

नारी मानव की स्त्री को कहते हैं, जो नर का स्त्रीलिंग है। नारी शब्द मुख्यत: वयस्क स्त्रियों के लिए इस्तेमाल किया जाता है। कई संदर्भो में मगर यह शब्द संपूर्ण स्त्री वर्ग को दर्शाने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है, जैसे: नारी-अधिकार। .

19 संबंधों: एलिज़ाबेथ प्रथम, एवा पेरोन, तिब्बत, नर, मध्यम वर्ग, मर्लिन मुनरो, मेरी क्युरी, लावरीन कॉक्स, शबा की रानी, शुक्र, होमो सेपियन्स, जोन ऑफ़ आर्क, ईसिस, वंगारी मथाई, ग्रेस हूपर, गीशा, ओपरा विनफ़्रे, आंग सान सू की, इन्दिरा गांधी

एलिज़ाबेथ प्रथम

एलिज़ाबेथ प्रथम (Elizabeth I, जन्म: ७ सितम्बर १५३३, मृत्यु: २४ मार्च १६०३) इंग्लैंड और आयरलैंड की महारानी थीं, जिनका शासनकाल १७ नवम्बर १५५८ से उनकी मौत तक चला। यह ब्रिटेन के ट्युडर राजवंश की पाँचवी और आख़री सम्राट थीं। इन्होनें कभी शादी नहीं की और न ही इनकी कोई संतान हुई इसलिए इन्हें "कुंवारी रानी" (virgin queen, वर्जिन क्वीन) के नाम से भी जाना जाता था। यह ब्रिटेन के सम्राट हेनरी अष्टम की बेटी होने के नाते जन्म पर एक राजकुमारी थीं, लेकिन इनके जन्म के ढाई साल बाद ही इनकी माता, ऐन बोलिन (Anne Boleyn) को मार दिया गया और इन्हें नाजायज़ घोषित कर दिया गया। १५५३ तक इनके सौतेले भाई एडवर्ड ६ के शासनकाल के बाद इनकी बहन मैरी १ ने शासन संभाला। मैरी के संतानरहित होने के बाद एलिज़ाबेथ ने १७ नवंबर १५५८ को अंग्रेजी सिंहासन की बागडोर संभाली। इन्होने अपने इर्द-गिर्द बहुत से समझदार व्यक्तियों को मंत्री-परिषद में रखा जिस से ब्रिटेन सुव्यवस्थित हुआ। इन्होनें इंग्लैंड में "इंग्लिश प्रोटेस्टैंट चर्च" की नींव रखी और स्वयं को उसका अध्यक्ष बना लिया। इस से वे ब्रिटेन की राजनैतिक नेता और धार्मिक नेता दोनों बन गई। इस से रोमन कैथोलिक शाखा का पोप नाराज़ हो गया। वह ब्रिटेन को धार्मिक मामलों में अपने अधीन एक कैथोलिक राष्ट्र मानता था। उसने १५७० में यह आदेश दिया की ब्रिटेन के नागरिकों को एलिज़ाबेथ से वफ़ादारी करने की कोई आवश्यकता नहीं है। इस से ब्रिटेन के कैथोलिक समुदाय से एलिज़ाबेथ के ख़िलाफ़ बहुत से हमले हुए और कई विद्रोह भड़के, लेकिन एलिज़ाबेथ अपने मंत्रियों की गुप्तचर सेवा की मदद से सत्ता पर बनी रहीं। १५८८ में पोप के आग्रह पर स्पेन (जो एक कैथोलिक राष्ट्र था) ने ब्रिटेन पर एक समुद्री जहाज़ों का बड़ा लेकर आक्रमण करने की कोशिश करी। इस आक्रमण को "स्पेनी अर्माडा" कहा जाता है। एलिज़ाबेथ की नौसेना ने उसे हरा दिया और यह जीत इंग्लैण्ड की सब से ऐतिहासिक जीतों में से एक मानी जाती है। एलिज़ाबेथ के शासनकाल को एलिज़ाबेथेन एरा यानी एलिज़ाबेथ का युग के नाम से भी जाना जाता है। वो अपने शासन में अपने पिता व भाई बहन के मुकाबले ज्यादा उदार थीं। उनकी बहन मैरी ने सैकणों प्रोटेस्टैंटों को मरवा दिया था जिसकी वजह से उसे खूनी मैरी के नाम से भी जाना जाता है। एलिज़ाबेथ ने ऐसा कोई काम नहीं किया। वह लोकप्रिय शासक के रूप में जानी जाती थीं। एलिज़ाबेथ के काल में ब्रिटिश साहित्य और नाटककार फले-फूले, जिनमें विलियम शेक्सपीयर और क्रिस्टोफ़र मार्लोवे के नाम सब से नुमाया हैं। उनके दौर में ब्रिटेन के नौसैनिक दूर-दूर खोज-यात्राओं में निकले। फ़्रांसिस ड्रेक ने उत्तर अमेरिका की यात्रा करी। माना जाता है कि उनके ४४ साल के राज से ब्रिटेन में एक शक्तिशाली राष्ट्रीय भावना फैल गई जिसने आगे चलकर ब्रिटेन को विश्व का सब से शक्तिशाली देश बनने में योगदान दिया। वह ऐसे समय में अपना सिंहासन बचाते हुए लंबे समय तक एक सफल शासन दे सकीं जब पड़ोसी राज्यों के शासक अंदरूनी विवादों में उलझे रहे और अपनी सत्ता गंवाते रहे, जैसे कि उनकी भतीजी व स्कॉटलैंड की रानी मैरी जिसे उन्होंने अपने खिलाफ षडयंत्र रचने के अपराध में १५६८ में मृत्युदंड दे दिया। कुछ इतिहासकार उन्हें चिड़चिड़ा व जल्द कोई फैसला ना ले पाने वाला शासक मानते हैं और उन्हें उनकी काबिलियत से ज्यादा भाग्यशाली बताते हैं। .

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एवा पेरोन

एवा पेरोन एवा पेरोन (1919-1952) अर्जन्टीना के अधिनायक हुआन डोमिन्गो पेरान कि पत्नी थी। श्रेणी:व्यक्तिगत जीवन.

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तिब्बत

तिब्बत का भूक्षेत्र (पीले व नारंगी रंगों में) तिब्बत के खम प्रदेश में बच्चे तिब्बत का पठार तिब्बत (Tibet) एशिया का एक क्षेत्र है जिसकी भूमि मुख्यतः उच्च पठारी है। इसे पारम्परिक रूप से बोड या भोट भी कहा जाता है। इसके प्रायः सम्पूर्ण भाग पर चीनी जनवादी गणराज्य का अधिकार है जबकि तिब्बत सदियों से एक पृथक देश के रूप में रहा है। यहाँ के लोगों का धर्म बौद्ध धर्म की तिब्बती बौद्ध शाखा है तथा इनकी भाषा तिब्बती है। चीन द्वारा तिब्बत पर चढ़ाई के समय (1955) वहाँ के राजनैतिक व धार्मिक नेता दलाई लामा ने भारत में आकर शरण ली और वे अब तक भारत में सुरक्षित हैं। .

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नर

मानव के नरों को पुरुष (♂) कहा जाता है। एक जीव का लिंग है जो की छोटे मोबाइल गमेट्स पैदा करता हैं जिसे की स्पर्म या शुक्राणु भी कहते हैं। हर एक शुक्राणु एक मादा अंडे के साथ क्रिया कर एक गर्भ के रूप में विकास कर सकता हैं। हर कोई प्रजाति इस पुरुष और स्त्री के पहचान से नहीं जानी जा सकती है। इंसानों और जानवरों में लिंग जहाँ लिंग (अंग) से बताया जा सकता हैं वही अन्य जीवो में यह कई अन्य बातों पर निर्भर करता हैं। .

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मध्यम वर्ग

समाज का वर्गीकरण समाजशास्त्र का विषय है। यह वर्गीकरण अधिकतर आर्थिक और शैक्षिक पृष्ठभूमि के आधार पर होता है। समाज को उच्च मध्यम और निम्न तीन वर्गों में बाँटा जाता है। देश और काल के आधार पर इन वर्गों का लक्षण अलग अलग हो सकते हैं। सत्यजित राय ने जिस मध्यवर्ग की प्रस्तुति अपनी फ़िल्मों में की है वह आर्थिक दृष्टि से संपन्न न सही पर कमज़ोर नहीं है। वह शिक्षित भी है और विकासोन्मुख होना चाहता है लेकिन वह अपनी परंपराओं और रूढ़ियों से भी अपने को मुक्त नहीं कर सका है। .

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मर्लिन मुनरो

मर्लिन मुनरो (१ जून, १९२६-५ अगस्त, १९६२) अमरीका के हॉलीवुड फिल्म जगत की एक सुप्रसिद्ध अभिनेत्री थीं। वो लास एंजलौस मे जन्मी एवं पली-बढ़ीं। श्रेणी:1926 में जन्मे लोग श्रेणी:अमेरिकी अभिनेत्री श्रेणी:१९६२ में निधन.

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मेरी क्युरी

मेरी क्युरी मैरी स्क्लाडोवका क्यूरी (लघु नाम: मैरी क्यूरी) (७ नवम्बर १८६७ - ४ जुलाई १९३४) विख्यात भौतिकविद और रसायनशास्त्री थी। मेरी ने रेडियम की खोज की थी। विज्ञान की दो शाखाओं (भौतिकी एवं रसायन विज्ञान) में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित होने वाली वह पहली वैज्ञानिक हैं। वैज्ञानिक मां की दोनों बेटियों ने भी नोबल पुरस्कार प्राप्त किया। बडी बेटी आइरीन को १९३५ में रसायन विज्ञान में नोबेल पुरस्कार प्राप्त हुआ तो छोटी बेटी ईव को १९६५ में शांति के लिए नोबेल पुरस्कार मिला। .

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लावरीन कॉक्स

लावरीन कॉक्स (2014 में चित्रित) लावरीन कॉक्स (अंग्रेज़ी: Laverne Cox, जन्म: मोबाइल, अलबामा रोथरिक लावरीन कॉक्स) अमेरिकी अभिनेत्री, टेलीविझ़न निर्माता तथा एल०जी०बी०टी कार्यकर्ता हैं। .

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शबा की रानी

चित्रित: शबा की रानी शबा की महारानी (इब्रानी: ‏מלכת שְׁבָא‏‎‎‎, मलकत शवा, फ़ारसी: ملكة سبأ‎, मलिका-ए-शबा, इथियोपियाई: ንግሥተ ሳባ, निगिस्ता सबा) का उल्लेख क़ुरआन, बाइबिल तथा इथियोपियाई इतिहास में मिला जा सकता है। आधुनिक पुरातत्वविदों के अनुसार उनके राज्य 'शबा' इथियोपिया या यमन में स्थित थे। वे इथियोपियाई में माकेदा व इस्लामी समुदाय में बिलक़िस के नामों से जानी जाती हैं। श्रेणी:इस्लाम श्रेणी:सुलेमान.

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शुक्र

शुक्र (Venus), सूर्य से दूसरा ग्रह है और प्रत्येक 224.7 पृथ्वी दिनों मे सूर्य परिक्रमा करता है। ग्रह का नामकरण प्रेम और सौंदर्य की रोमन देवी पर हुआ है। चंद्रमा के बाद यह रात्रि आकाश में सबसे चमकीली प्राकृतिक वस्तु है। इसका आभासी परिमाण -4.6 के स्तर तक पहुँच जाता है और यह छाया डालने के लिए पर्याप्त उज्जवलता है। चूँकि शुक्र एक अवर ग्रह है इसलिए पृथ्वी से देखने पर यह कभी सूर्य से दूर नज़र नहीं आता है: इसका प्रसरकोण 47.8 डिग्री के अधिकतम तक पहुँचता है। शुक्र सूर्योदय से पहले या सूर्यास्त के बाद केवल थोड़ी देर के लए ही अपनी अधिकतम चमक पर पहुँचता है। यहीं कारण है जिसके लिए यह प्राचीन संस्कृतियों के द्वारा सुबह का तारा या शाम का तारा के रूप में संदर्भित किया गया है। शुक्र एक स्थलीय ग्रह के रूप में वर्गीकृत है और समान आकार, गुरुत्वाकर्षण और संरचना के कारण कभी कभी उसे पृथ्वी का "बहन ग्रह" कहा गया है। शुक्र आकार और दूरी दोनों मे पृथ्वी के निकटतम है। हालांकि अन्य मामलों में यह पृथ्वी से एकदम अलग नज़र आता है। शुक्र सल्फ्यूरिक एसिड युक्त अत्यधिक परावर्तक बादलों की एक अपारदर्शी परत से ढँका हुआ है। जिसने इसकी सतह को दृश्य प्रकाश में अंतरिक्ष से निहारने से बचा रखा है। इसका वायुमंडल चार स्थलीय ग्रहों मे सघनतम है और अधिकाँशतः कार्बन डाईऑक्साइड से बना है। ग्रह की सतह पर वायुमंडलीय दबाव पृथ्वी की तुलना मे 92 गुना है। 735° K (462°C,863°F) के औसत सतही तापमान के साथ शुक्र सौर मंडल मे अब तक का सबसे तप्त ग्रह है। कार्बन को चट्टानों और सतही भूआकृतियों में वापस जकड़ने के लिए यहाँ कोई कार्बन चक्र मौजूद नही है और ना ही ज़ीवद्रव्य को इसमे अवशोषित करने के लिए कोई कार्बनिक जीवन यहाँ नज़र आता है। शुक्र पर अतीत में महासागर हो सकते हैलेकिन अनवरत ग्रीनहाउस प्रभाव के कारण बढ़ते तापमान के साथ वह वाष्पीकृत होते गये होंगे |B.M. Jakosky, "Atmospheres of the Terrestrial Planets", in Beatty, Petersen and Chaikin (eds), The New Solar System, 4th edition 1999, Sky Publishing Company (Boston) and Cambridge University Press (Cambridge), pp.

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होमो सेपियन्स

होमो सेपियन्स/आधुनिक मानव स्तनपायी सर्वाहारी प्रधान जंतुओं की एक जाति, जो बात करने, अमूर्त्त सोचने, ऊर्ध्व चलने तथा परिश्रम के साधन बनाने योग्य है। मनुष्य की तात्विक प्रवीणताएँ हैं: तापीय संसाधन के द्वारा खाना बनाना और कपडों का उपयोग। मनुष्य प्राणी जगत का सर्वाधिक विकसित जीव है। जैव विवर्तन के फलस्वरूप मनुष्य ने जीव के सर्वोत्तम गुणों को पाया है। मनुष्य अपने साथ-साथ प्राकृतिक परिवेश को भी अपने अनुकूल बनाने की क्षमता रखता है। अपने इसी गुण के कारण हम मनुष्यों नें प्रकृति के साथ काफी खिलवाड़ किया है। आधुनिक मानव अफ़्रीका में 2 लाख साल पहले, सबके पूर्वज अफ़्रीकी थे। होमो इरेक्टस के बाद विकास दो शाखाओं में विभक्त हो गया। पहली शाखा का निएंडरथल मानव में अंत हो गया और दूसरी शाखा क्रोमैग्नॉन मानव अवस्था से गुजरकर वर्तमान मनुष्य तक पहुंच पाई है। संपूर्ण मानव विकास मस्तिष्क की वृद्धि पर ही केंद्रित है। यद्यपि मस्तिष्क की वृद्धि स्तनी वर्ग के अन्य बहुत से जंतुसमूहों में भी हुई, तथापि कुछ अज्ञात कारणों से यह वृद्धि प्राइमेटों में सबसे अधिक हुई। संभवत: उनका वृक्षीय जीवन मस्तिष्क की वृद्धि के अन्य कारणों में से एक हो सकता है। .

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जोन ऑफ़ आर्क

संत जोन ऑफ़ आर्क या ऑर्लियन्स की कन्या (फ्रांसीसी: Jeanne d'Arc, ज़ॉन द'आर्क); लगभग १४१२ – ३० मई १४३१) फ्रांस की वीरांगना थीं, जिन्हें रोमन कैथोलिक चर्च में संत माना जाता है। ये पूर्वी फ्रांस के एक किसान परिवार में जन्मी थीं। १२ वर्ष की आयु से इन्हें ईश्वरीय संदेश मिलने शुरु हुए कि किस तरह फ्रांस से अंग्रेजों को निकाल बाहर किया जाए। इन्हीं दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए इन्होंने फ्रांस की सेना का नेतृत्व किया और कई महत्वपूर्ण लड़ाइयाँ जीतीं, जिनके चलते चार्ल्स सप्तम फ्रांस की राजगद्दी पर बैठ पाए। ये फ्रांस के संरक्षक संतों में से एक हैँ। जोन का कहना था कि इन्हें ईश्वर से आदेश मिले कि वे अपनी जन्मभूमि को अंग्रेजों से मुक्त कराएँ। सौ वर्षों के युद्ध के अंतिम वर्षों में इंग्लैण्ड ने फ्रांस के काफी भूभाग पर कब्जा कर लिया था। फ्रांस के वैध राजा चार्ल्स सप्तम का राज्याभिषेक भी नहीं हो पाया था। जोन ने जब चार्ल्स को बताया कि ईश्वरीय संदेश के अनुसार ऑर्लियन्स में फ्रांस की जीत निश्चित है, तो चार्ल्स ने जोन को ऑर्लियन्स की घेराबंदी तोड़ने के लिए भेज दिया। ऑर्लियन्स पहुँच कर जोन ने हतोत्साहित सेनापतियों को उत्साह दिलाया और नौ दिन के अंदर-अंदर घेराबंदी को तोड़ डाला। इसके बाद इन्होंने फ्रांस की सेना की सावधानी से काम लेने की नीति को बदल दिया और अपने स्फूर्त नेतृत्व से कई और लड़ाइयाँ जीतीं। अंततः इनके कहे अनुसार रैम में चार्ल्स सप्तम का राज्याभिषेक हुआ। कॉम्पियैन में इन्हें अंग्रेजों ने पकड़ लिया और चुड़ैल करार देते हुए जीवित जला दिया। उस समय ये केवल १९ साल की थीं। २४ साल बाद चार्ल्स सप्तम के अनुरोध पर पोप कॅलिक्स्टस तृतीय ने इन्हें निर्दोष ठहराया और शहीद की उपाधि से सम्मानित किया। १९०९ में इन्हें धन्य घोषित किया गया और १९२० में संत की उपाधि प्रदान की गई। पाश्चात्य संस्कृति में जोन ऑफ़ आर्क की बहुत महत्ता है। नेपोलियन से लेकर आधुनिक नेताओं तक, सब फ्रांसीसी राजनेता जोन का आह्वान करते आए हैं। बहुत से लेखकों ने इनके जीवन से प्रेरित हो साहित्य रचा है, जिनमें शामिल हैं- विलियम शेक्सपियर, वोल्टेयर, फ्रेडरिक शिलर, जिसेप वर्दी, प्योत्र ईलिच चाइकौव्स्की, मार्क ट्वेन, बर्तोल्त ब्रैच्त और जॉर्ज बर्नार्ड शॉ। इसके अलावा इनपर बहुत सी फिल्में, वृत्तचित्र, वीडियो गेम और नृत्य भी बने हैं। .

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ईसिस

ईसिस चित्र १३६० ईपू ईसिस मिस्र के धर्म में ओसिरिस की पत्नी और होरस कि माता मानी जाती है। वह जादू, कपट, शक्ति और ज्ञान की प्रसिद्ध मिस्री देवी। केब (पृथ्वी) और नुत (आकाश) की कन्या, शक्तिमान देव ओसिरिस की भगिनीजाया और देव होरस (सूर्य) की माता। गाय उसकी पुनीत पशु थी और अपने मस्तक पर वह गोश्रृंण (गाय का सींग) भी धारण करती थी। फ़िली, बेहबेत आदि मिस्री नगरों के विशाल मंदिर इसी देवी ईसिस की मूर्तियों की प्रतिष्ठा के लिए बने थे। नए राजवंश के अंत्यकाल से विशेषत: ईसिस की महिमा बढ़ी ओर देश में सर्वत्र उसकी पूजा लोकप्रिय हो गई। मिस्र के समूचे देश में तो वह पूजी ही गई, उसकी महिमा का प्रचार धीरे धीरे ग्रीस ओर रोम में भी हुआ। स्वयं मिस्र में उसके मंदिरों में छठी सदी ईसवी के मध्य काल तक भक्तों की भीड़ लगी रहती थी। पर तभी उस मंदिर के कपाट सदा के लिए बंद कर दिए गए और ईसिस की पूजा संसार से उठ गई। प्राचीन मिस्री अभिलेखों में, ओसिरिस की पत्नी होने के नाते, उसके साथ ही उसका भी उल्लेख तो हुआ ही है, स्वयं अपने अधिकार से भी उस देश के धार्मिक इतिहास में ईसिस का जितना प्रभुत्व रहा है उतना अन्य देवियों का दूसरे देशों में नहीं रहा। श्रेणी:मिस्र का धर्म श्रेणी:धर्म श्रेणी:मिस्र के देवी-देवता.

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वंगारी मथाई

वंगारी मथाई (१ अप्रैल, १९४० - २५ सितंबर २०११) केन्याई पर्यावरणविद् और राजनीतिक कार्यकर्ता थीं। ये ग्रीन बेल्ट आंदोलन की संस्थापक और महिला अधिकारों के लिए लड़ने वाली प्रसिद्ध केन्याई राजनितिज्ञ और समाजसेवी थीं। उन्हें साल 2004 में नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया था। वे नोबेल पुरस्कार पाने वाली पहली अफ्रीकी महिला थी| .

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ग्रेस हूपर

रियर एडमिरल ग्रेस मरे हूपर ग्रेस मरे हूपर (अंग्रेज़ी: Grace Murray Hopper, जन्म: 9 दिसंबर 1906 – मृत्यु: 1 जनवरी 1992) अमेरिकी कंप्यूटर वैज्ञानिक तथा संयुक्त राज्य अमेरिका नौसेना हेतु अफ़सर थीं। .

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गीशा

गीशा का 'मेक-अप' गीशा एक चीनी-जापानी शब्द जिसका अर्थ है, 'सुखकर गुणयुक्ता'। जापान में गाने तथा नाचनेवाली ऐसी कुमारियों के लिए यह शब्द प्रयुक्त होता है जो सामाजिक अवसरों पर तथा चायघरों आदि में लोगों का मनोरंजन करती हैं। गीशा बनने की इच्छुक लड़कियों को बहुत कम अवस्था में ही गीत और नृत्य के साथ साथ उठने बैठने तथा शिष्टाचार की शिक्षा दी जाती है। इस संबंध में ध्यान देने योग्य बात यह है कि गीशा किसी भी अवस्था में पतिता नहीं समझी जातीं। भारत में देवदासियों को जो स्थान मिला था वही गीशाओं को मिला कहा जा सकता है। पर दोनों में कई स्पष्ट भेद हैं। देवदासियों का मुख्य कार्य देवता की सेवा था, जबकि गीशा का कार्य मंदिर आदि की सफाई तथा सज्जा में सहायता देने के अतिरिक्त स्पष्ट रूप से व्यक्तियों का मनोरंजन करना है, चाहे वे व्यक्ति भक्त हों या न हो। गीशाओं का प्रशिक्षण समाप्त होने के बाद उनके साथ उनको शर्तनामे पर हस्ताक्षर करवाकर नियुक्त किया जाता है, पर विवाह के अतिरिक्त वे अन्य किसी भी प्रकार से स्वतंत्रता नहीं प्राप्त कर सकतीं। राष्ट्र की ओर से गीशा-वृत्ति के लिए शिक्षार्थिणियों तथा गीशाओं दोनों पर कर लगा होता है। शिक्षाÌथणियों पर कर कम होता है। इसमें संदेह नहीं कि यह पुरुषप्रधान समाज की एक शोषक प्रथा है। अर्थव्यवस्था में स्त्रियों को समान भाग प्राप्त होने के साथ साथ यह प्रथा उठती जा रही है। .

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ओपरा विनफ़्रे

ओपरा विनफ़्रे (Oprah Winfrey) (जन्म ओर्पाह गैल विनफ्रे (Orpah Gail Winfrey, २९ जनवरी १९५४) एक अमरीकी मिडिया उद्योजक, वार्ता शो मेज़बान, अभिनेत्री, निर्माता व लिपिकार है। विनफ़्रे को उनके स्वयं के नाम के कई पुरस्कार विजेता शो के कारण जाना जाता है जो १९८६ से २०११ तक प्रसारित किया गया व इतिहास का सबसे अधिक रेटिंग वाला धारावाहिक बन गया। उन्हें २०वि सदी की अमेरिका की सबसे रइस अफ़्रीकी अमरीकी लिपिकार होने का सम्मान प्राप्त है और एक काल में वे विश्व की अकेली अश्वेत अरबपति थी। कुछ जानकारों के अनुसार वे विश्व की सबसे प्रभावकारी महिलाओं में से एक है। विनफ़्रे का जन्म मिसिसिप्पी के एक गरीब गाँव में कुवांरी माँ के यहाँ हुआ था व उनका बचपन मिल्वौकी में हुआ। अपने बचपन में उन्होंने उन्हें कई मुसीबतों का सामना करना पड़ा जिनमे उनके अनुसार नौ वर्ष की आयु में उनका बलात्कार किया गया था व चौदाह की उम्र में वे गर्भवती हो गई थीळ उनका बेटा गर्भ में ही मर गया था। टेंनेसी में एक हज्जाम के यहाँ उन्हें रहने के लिए छोड दिया गया जिन्हें वे अपना पिता कहती है। वहां रहते हुए उन्होंने एक रेडियो में कार्य करना प्रारंभ किया और साथ ही साथ १९ की उम्र में हाई स्कुल में पढ़ाई करते हुए घरेलु समाचार में सह-मेज़बान भी बन गई। उनकी भावनाओं से प्रेरित वक्तव्यों के चलते उन्हें दिन में प्रसारित होने वाले वार्ता शो का अधिकार प्रदान किया और इस शो को शिकागो के प्रथम क्रमांक का शो बनाने के बाद उन्होंने अपनी स्वयं की निर्माण कंपनी खोल दी व विश्वभर में प्रसारण करना शुरू कर दिया। श्रेणी:अमेरिकी लेखक श्रेणी:अभिनेत्री श्रेणी:1954 में जन्मे लोग श्रेणी:जीवित लोग.

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आंग सान सू की

आंग सान सू की (जन्म: 19 जून, 1945) म्यांमार (बर्मा) की एक राजनेता, राजनयिक तथा लेखक हैं। वे बर्मा के राष्ट्रपिता आंग सान की पुत्री हैं जिनकी १९४७ में राजनीतिक हत्या कर दी गयी थी। सू की ने बर्मा में लोकतन्त्र की स्थापना के लिए लम्बा संघर्ष किया। १९ जून १९४५ को रंगून में जन्मी आंग सान लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई प्रधानमंत्री, प्रमुख विपक्षी नेता और म्यांमार की नेशनल लीग फार डेमोक्रेसी की नेता हैं। आंग सान को १९९० में राफ्तो पुरस्कार व विचारों की स्वतंत्रता के लिए सखारोव पुरस्कार से और १९९१ में नोबेल शांति पुरस्कार प्रदान किया गया है। १९९२ में इन्हें अंतर्राष्ट्रीय सामंजस्य के लिए भारत सरकार द्वारा जवाहर लाल नेहरू पुरस्कार से सम्मानित किया गया। लोकतंत्र के लिए आंग सान के संघर्ष का प्रतीक बर्मा में पिछले २० वर्ष में कैद में बिताए गए १४ साल गवाह हैं। बर्मा की सैनिक सरकार ने उन्हें पिछले कई वर्षों से घर पर नजरबंद रखा हुआ था। इन्हें १३ नवम्बर २०१० को रिहा किया गया है। .

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इन्दिरा गांधी

युवा इन्दिरा नेहरू औरमहात्मा गांधी एक अनशन के दौरान इन्दिरा प्रियदर्शिनी गाँधी (जन्म उपनाम: नेहरू) (19 नवंबर 1917-31 अक्टूबर 1984) वर्ष 1966 से 1977 तक लगातार 3 पारी के लिए भारत गणराज्य की प्रधानमन्त्री रहीं और उसके बाद चौथी पारी में 1980 से लेकर 1984 में उनकी राजनैतिक हत्या तक भारत की प्रधानमंत्री रहीं। वे भारत की प्रथम और अब तक एकमात्र महिला प्रधानमंत्री रहीं। .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

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