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4 संबंधों: पीसोलिम, भारतीय, भारतीय साहित्य अकादमी, कोंकणी भाषा।
- साहित्य अकादमी द्वारा पुरस्कृत कोंकणी भाषा के साहित्यकार
पीसोलिम
पीसोलिम कोंकणी भाषा के विख्यात साहित्यकार मनोहर सरदेसाई द्वारा रचित एक कविता–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1980 में कोंकणी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .
देखें मनोहर सरदेसाई और पीसोलिम
भारतीय
भारत देश के निवासियों को भारतीय कहा जाता है। भारत को हिन्दुस्तान नाम से भी पुकारा जाता है और इसीलिये भारतीयों को हिन्दुस्तानी भी कहतें है।.
देखें मनोहर सरदेसाई और भारतीय
भारतीय साहित्य अकादमी
भारत की साहित्य अकादमी भारतीय साहित्य के विकास के लिये सक्रिय कार्य करने वाली राष्ट्रीय संस्था है। इसका गठन १२ मार्च १९५४ को भारत सरकार द्वारा किया गया था। इसका उद्देश्य उच्च साहित्यिक मानदंड स्थापित करना, भारतीय भाषाओं और भारत में होनेवाली साहित्यिक गतिविधियों का पोषण और समन्वय करना है। .
देखें मनोहर सरदेसाई और भारतीय साहित्य अकादमी
कोंकणी भाषा
कोंकणी गोवा, महाराष्ट्र के दक्षिणी भाग, कर्नाटक के उत्तरी भाग, केरल के कुछ क्षेत्रों में बोली जाती है। भाषायी तौर पर यह 'आर्य' भाषा परिवार से संबंधित है और मराठी से इसका काफी निकट का संबंध है। राजनैतिक तौर पर इस भाषा को अपनी पहचान के लिये मराठी भाषा से काफी संघर्ष करना पड़ा है। अब भारतीय संविधान के तहत कोंकणी को आठवीं अनुसूची में स्थान प्राप्त है। १९८७ में गोवा में कोंकणी को मराठी के बराबर राजभाषा का दर्जा दिया गया किन्तु लिपि पर असहमति के कारण आजतक इस पर अमल नहीं किया जा सका। कोंकणी अनेक लिपियों में लिखी जाती रही है; जैसे - देवनागरी, कन्नड, मलयालम और रोमन। गोवा को राज्य का दर्जा मिलने के बाद दवनागरी लिपि में कोंकणी को वहाँ की राजभाषा घोषित किया गया है। .
देखें मनोहर सरदेसाई और कोंकणी भाषा