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उदय भेंब्रे

सूची उदय भेंब्रे

उदय भेंब्रे कोंकणी भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक नाटक कर्ण पर्व के लिये उन्हें सन् 2015 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

सामग्री की तालिका

  1. 5 संबंधों: नाटक, भारतीय, भारतीय साहित्य अकादमी, कर्ण पर्व, कोंकणी भाषा

  2. कोंकणी लोग
  3. साहित्य अकादमी द्वारा पुरस्कृत अंग्रेज़ी भाषा के साहित्यकार
  4. साहित्य अकादमी द्वारा पुरस्कृत कोंकणी भाषा के साहित्यकार

नाटक

नाटक, काव्य का एक रूप है। जो रचना श्रवण द्वारा ही नहीं अपितु दृष्टि द्वारा भी दर्शकों के हृदय में रसानुभूति कराती है उसे नाटक या दृश्य-काव्य कहते हैं। नाटक में श्रव्य काव्य से अधिक रमणीयता होती है। श्रव्य काव्य होने के कारण यह लोक चेतना से अपेक्षाकृत अधिक घनिष्ठ रूप से संबद्ध है। नाट्यशास्त्र में लोक चेतना को नाटक के लेखन और मंचन की मूल प्रेरणा माना गया है। .

देखें उदय भेंब्रे और नाटक

भारतीय

भारत देश के निवासियों को भारतीय कहा जाता है। भारत को हिन्दुस्तान नाम से भी पुकारा जाता है और इसीलिये भारतीयों को हिन्दुस्तानी भी कहतें है।.

देखें उदय भेंब्रे और भारतीय

भारतीय साहित्य अकादमी

भारत की साहित्य अकादमी भारतीय साहित्य के विकास के लिये सक्रिय कार्य करने वाली राष्ट्रीय संस्था है। इसका गठन १२ मार्च १९५४ को भारत सरकार द्वारा किया गया था। इसका उद्देश्य उच्च साहित्यिक मानदंड स्थापित करना, भारतीय भाषाओं और भारत में होनेवाली साहित्यिक गतिविधियों का पोषण और समन्वय करना है। .

देखें उदय भेंब्रे और भारतीय साहित्य अकादमी

कर्ण पर्व

कर्ण पर्व कोंकणी भाषा के विख्यात साहित्यकार उदय भेंब्रे द्वारा रचित एक नाटक है जिसके लिये उन्हें सन् 2015 में कोंकणी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

देखें उदय भेंब्रे और कर्ण पर्व

कोंकणी भाषा

कोंकणी गोवा, महाराष्ट्र के दक्षिणी भाग, कर्नाटक के उत्तरी भाग, केरल के कुछ क्षेत्रों में बोली जाती है। भाषायी तौर पर यह 'आर्य' भाषा परिवार से संबंधित है और मराठी से इसका काफी निकट का संबंध है। राजनैतिक तौर पर इस भाषा को अपनी पहचान के लिये मराठी भाषा से काफी संघर्ष करना पड़ा है। अब भारतीय संविधान के तहत कोंकणी को आठवीं अनुसूची में स्थान प्राप्त है। १९८७ में गोवा में कोंकणी को मराठी के बराबर राजभाषा का दर्जा दिया गया किन्तु लिपि पर असहमति के कारण आजतक इस पर अमल नहीं किया जा सका। कोंकणी अनेक लिपियों में लिखी जाती रही है; जैसे - देवनागरी, कन्नड, मलयालम और रोमन। गोवा को राज्य का दर्जा मिलने के बाद दवनागरी लिपि में कोंकणी को वहाँ की राजभाषा घोषित किया गया है। .

देखें उदय भेंब्रे और कोंकणी भाषा

यह भी देखें

कोंकणी लोग

साहित्य अकादमी द्वारा पुरस्कृत अंग्रेज़ी भाषा के साहित्यकार

साहित्य अकादमी द्वारा पुरस्कृत कोंकणी भाषा के साहित्यकार