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मंगल ग्रह के मिशन की सूची

सूची मंगल ग्रह के मिशन की सूची

| सोवियत संघ | आर्बिटर | | Failed to orbit | Proton-K/D |- | मैरीनर 7 | 27 March 1969 | नासासंयुक्त राज्य अमेरिका | फ्लाइब्य | | | Atlas SLV-3C Centaur-D |- | 2M No.522 | 2 April 1969 | सोवियत संघ | आर्बिटर | | Failed to orbit | Proton-K/D |- | मैरीनर 8 | 9 May 1971 | नासासंयुक्त राज्य अमेरिका | आर्बिटर | | Failed to orbit | Atlas SLV-3C Centaur-D |- | Kosmos 419(3MS No.170) | 10 May 1971 | सोवियत संघ | आर्बिटर | | Never left LEO; upper stage burn timer set incorrectly | Proton-K/D |- | मैरीनर 9 | 30 May 1971 | नासासंयुक्त राज्य अमेरिका | आर्बिटर | | Entered orbit on 14 November 1971, deactivated 516 days after entering orbit | Atlas SLV-3C Centaur-D |- | मंगल 2(4M No.171) | 19 May 1971 | सोवियत संघ | आर्बिटर | | Entered orbit 27 November 1971, operated for 362 orbits.

65 संबंधों: चीन, चीनी राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रशासन, एटलस 5, एरियन 5, एक्सोमार्स ट्रेस गैस आर्बिटर, एक्सोमार्स रोवर, डेल्टा 2, डॉन (अंतरिक्ष यान), डीप स्पेस 2, ध्रुवीय उपग्रह प्रमोचन वाहन, नासा, नोजोमी (अंतरिक्ष यान), प्रोटॉन (रॉकेट परिवार), फ़ीनिक्स (अंतरिक्ष यान), फोबोस 1, फोबोस 2, फोबोस-ग्रन्ट, ब्रिज (रॉकेट चरण), बीगल 2, भारत, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, मार्स 1एम नं.2, मार्स एक्सप्रेस, मार्स ग्लोबल सर्वेयर, मार्स ओडिसी, मावेन, मंगल 1एम सं.1, मंगल 2022 ऑर्बिटर, मंगल 2एमवी-3 सं.1, मंगल 2एमवी-4 सं.1, मंगल 6, मंगल 7, मंगल 96, मंगल टोही परिक्रमा यान, मंगल पाथफाइंडर, मंगल पोलर लैंडर, मंगल ऑब्जर्वर, मंगल क्लाइमेट आर्बिटर, मंगल २०२०, मंगलयान, मंगलयान-2, मैरीनर 3, मैरीनर 6, मैरीनर 7, मेरिनर ४, यिंगहुओ-1, यूरोप, यूरोपीय अंतरिक्ष अभिकरण, रूस, रूसी संघीय अंतरिक्ष अभिकरण, ..., रेड ड्रैगन (अंतरिक्ष यान), रोसेटा (अंतरिक्ष यान), श्चियापारेल्ली ईडीएम लैंडर, संयुक्त राज्य, स्पिरिट रोवर, सोजॉर्नर (रोवर), सोवियत संघ, जापान, वाइकिंग 1, वाइकिंग 2, ओप्रुच्युनिटी रोवर, इनसाइट, क्यूरोसिटी (रोवर), अमीरात मंगल मिशन, 2020 चीनी मंगल मिशन सूचकांक विस्तार (15 अधिक) »

चीन

---- right चीन विश्व की प्राचीन सभ्यताओं में से एक है जो एशियाई महाद्वीप के पू‍र्व में स्थित है। चीन की सभ्यता एवं संस्कृति छठी शताब्दी से भी पुरानी है। चीन की लिखित भाषा प्रणाली विश्व की सबसे पुरानी है जो आज तक उपयोग में लायी जा रही है और जो कई आविष्कारों का स्रोत भी है। ब्रिटिश विद्वान और जीव-रसायन शास्त्री जोसफ नीधम ने प्राचीन चीन के चार महान अविष्कार बताये जो हैं:- कागज़, कम्पास, बारूद और मुद्रण। ऐतिहासिक रूप से चीनी संस्कृति का प्रभाव पूर्वी और दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों पर रहा है और चीनी धर्म, रिवाज़ और लेखन प्रणाली को इन देशों में अलग-अलग स्तर तक अपनाया गया है। चीन में प्रथम मानवीय उपस्थिति के प्रमाण झोऊ कोऊ दियन गुफा के समीप मिलते हैं और जो होमो इरेक्टस के प्रथम नमूने भी है जिसे हम 'पेकिंग मानव' के नाम से जानते हैं। अनुमान है कि ये इस क्षेत्र में ३,००,००० से ५,००,००० वर्ष पूर्व यहाँ रहते थे और कुछ शोधों से ये महत्वपूर्ण जानकारी भी मिली है कि पेकिंग मानव आग जलाने की और उसे नियंत्रित करने की कला जानते थे। चीन के गृह युद्ध के कारण इसके दो भाग हो गये - (१) जनवादी गणराज्य चीन जो मुख्य चीनी भूभाग पर स्थापित समाजवादी सरकार द्वारा शासित क्षेत्रों को कहते हैं। इसके अन्तर्गत चीन का बहुतायत भाग आता है। (२) चीनी गणराज्य - जो मुख्य भूमि से हटकर ताईवान सहित कुछ अन्य द्वीपों से बना देश है। इसका मुख्यालय ताइवान है। चीन की आबादी दुनिया में सर्वाधिक है। प्राचीन चीन मानव सभ्यता के सबसे पुरानी शरणस्थलियों में से एक है। वैज्ञानिक कार्बन डेटिंग के अनुसार यहाँ पर मानव २२ लाख से २५ लाख वर्ष पहले आये थे। .

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चीनी राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रशासन

चीनी राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रशासन या चाइना नेशनल स्पेस एडमिनिसट्रेशन (सी एन एस ए) चीन की सरकारी अंतरिक्ष संस्था है जो की देश में अंतरिक्ष कार्यक्रमों का संचालन एवं विकास करती है। इसके वर्तमान स्वरूप का गठन सन १९९३ में हुआ था। इस संस्था की सबसे बड़ी उपलब्धि मानव को अंतरिक्ष में भेजना है। .

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एटलस 5

एटलस V (Atlas V या Atlas 5) रॉकेट एटलस परिवार में सक्रिय एक प्रक्षेपण यान रॉकेट परिवार है। एटलस V पूर्व में लॉकहीड मार्टिन द्वारा संचालित किया गया था। और अब लॉकहीड मार्टिन-बोइंग के संयुक्त उद्यम यूनाइटेड लांच अलायन्स (ULA) द्वारा संचालित है। प्रत्येक एटलस V रॉकेट अपने पहले चरण में एक रूस निर्मित आरडी-180 इंजन का उपयोग करता है। जो मिट्टी का तेल और तरल ऑक्सीजन को जला कर थ्रस्ट उत्पन करता है। .

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एरियन 5

एरियन 5 (Ariane 5) एक यूरोपीय प्रक्षेपण यान रॉकेट है। यह एरियन रॉकेट परिवार का हिस्सा है। एरियन-5 रॉकेट यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) और सिनेस के अधिकार के तहत निर्मित किये जाते हैं। एयरबस रक्षा और अंतरिक्ष एरियन 5 के लिए मुख्य ठेकेदार है। एरियन-5 का संचालन और व्यापार एरियन स्पेस द्वारा किया जाता है। एयरबस रक्षा और अंतरिक्ष यूरोप में रॉकेट बनाता है। तथा एरियन स्पेस उन्हें फ्रेंच गुयाना में गुयाना अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपण करता है। .

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एक्सोमार्स ट्रेस गैस आर्बिटर

एक्सोमार्स ट्रेस गैस आर्बिटर या टीजीओ (ExoMars Trace Gas Orbiter या TGO) यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) और रूसी संघीय अंतरिक्ष एजेंसी (रोसकॉस्मोस) के बीच एक सहयोगी परियोजना है। यूरोपीय नेतृत्व के हिस्से के रूप में एक वातावरण अनुसंधान ऑरबिटर और श्चियापारेल्ली प्रदर्शन लैंडर 2016 में एक्सोमार्स परियोजना के रूप में भेजा जाने वाला अभियान है। Author: Jack Mustard, MEPAG Chair.

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एक्सोमार्स रोवर

एक्सोमार्स रोवर (ExoMars rover) यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी और रोसकॉस्मोस के बीच एक साझा अंतरिक्ष परियोजना है। इसमे यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी द्वारा रोवेर को निर्मित किया जायेगा। इस अभियान में रूस द्वारा प्रोटोन रॉकेट तथा रूसी लैडर उपलब्ध कराया जायेगा। लैडर रोवर को सफलतापूर्वक मंगल की सतह पर उतरेगा। एक्सोमार्स रोवर को जुलाई 2020 में लांच करने की योजना है। .

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डेल्टा 2

श्रेणी:नासा के अंतरिक्ष प्रक्षेपण रॉकेट‎.

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डॉन (अंतरिक्ष यान)

वॅस्टा) के साथ दर्शाया गया है डॉन अमेरिकी अंतरिक्ष अनुसन्धान एजेंसी नासा का एक अंतरिक्ष यान है जिसे 27 सितम्बर 2007 को पृथ्वी से राकेट पर छोड़ा गया था और जिसका ध्येय हमारे सौर मंडल के क्षुद्रग्रह घेरे के दो प्रमुख सदस्यों पर शोध करना है। यह सीरीस नाम का बौना ग्रह है और वॅस्टा नाम का क्षुद्रग्रह है। 16 जुलाई 2011 को डॉन यान वॅस्टा पहुँच गया और उसके इर्द-गिर्द कक्षा (ऑर्बिट) में दाख़िल होकर उसकी परिक्रमा करने लगा। यह यान 2012 तक यहीं रहेगा और फिर सीरीस की तरफ़ रवाना हो जाएगा जहाँ यह 2015 में पहुँचेगा.

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डीप स्पेस 2

कोई विवरण नहीं।

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ध्रुवीय उपग्रह प्रमोचन वाहन

'''पी.एस.एल.वी सी8''' इटली के एक उपग्रह को लेकर सतीश धवन अन्तरिक्ष केन्द्र से उड़ान भरते समय ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान या पी.एस.एल.वी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन द्वारा संचालित एक उपभोजित प्रक्षेपण प्रणाली है। भारत ने इसे अपने सुदूर संवेदी उपग्रह को सूर्य समकालिक कक्षा में प्रक्षेपित करने के लिये विकसित किया है। पीएसएलवी के विकास से पूर्व यह सुविधा केवल रूस के पास थी। पीएसएलवी छोटे आकार के उपग्रहों को भू-स्थिर कक्षा में भी भेजने में सक्षम है। अब तक पीएसएलवी की सहायता से 70 अन्तरिक्षयान (30 भारतीय + 40 अन्तरराष्ट्रीय) विभिन्न कक्षाओं में प्रक्षेपित किये जा चुके हैं। इससे इस की विश्वसनीयता एवं विविध कार्य करने की क्षमता सिद्ध हो चुकी है। २२ जून, २०१६ में इस यान ने अपनी क्षमता की चरम सीमा को छुआ जब पीएसएलवी सी-34 के माध्यम से रिकॉर्ड २० उपग्रह एक साथ छोड़े गए।http://khabar.ndtv.com/news/file-facts/in-record-launch-isro-flies-20-satellites-into-space-10-facts-1421899?pfrom.

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नासा

नैशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (हिन्दी अनुवाद:राष्ट्रीय वैमानिकी और अन्तरिक्ष प्रबंधन; National Aeronautics and Space Administration) या जिसे संक्षेप में नासा (NASA) कहते हैं, संयुक्त राज्य अमेरिका की सरकार की शाखा है जो देश के सार्वजनिक अंतरिक्ष कार्यक्रमों व एरोनॉटिक्स व एरोस्पेस संशोधन के लिए जिम्मेदार है। फ़रवरी 2006 से नासा का लक्ष्य वाक्य "भविष्य में अंतरिक्ष अन्वेषण, वैज्ञानिक खोज और एरोनॉटिक्स संशोधन को बढ़ाना" है। 14 सितंबर 2011 में नासा ने घोषणा की कि उन्होंने एक नए स्पेस लॉन्च सिस्टम के डिज़ाइन का चुनाव किया है जिसके चलते संस्था के अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष में और दूर तक सफर करने में सक्षम होंगे और अमेरिका द्वारा मानव अंतरिक्ष अन्वेषण में एक नया कदम साबित होंगे। नासा का गठन नैशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस अधिनियम के अंतर्गत 19 जुलाई 1948 में इसके पूर्वाधिकारी संस्था नैशनल एडवाइज़री कमिटी फॉर एरोनॉटिक्स (एनसीए) के स्थान पर किया गया था। इस संस्था ने 1 अक्टूबर 1948 से कार्य करना शुरू किया। तब से आज तक अमेरिकी अंतरिक्ष अन्वेषण के सारे कार्यक्रम नासा द्वारा संचालित किए गए हैं जिनमे अपोलो चन्द्रमा अभियान, स्कायलैब अंतरिक्ष स्टेशन और बाद में अंतरिक्ष शटल शामिल है। वर्तमान में नासा अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन को समर्थन दे रही है और ओरायन बहु-उपयोगी कर्मीदल वाहन व व्यापारिक कर्मीदल वाहन के निर्माण व विकास पर ध्यान केंद्रित कर रही है। संस्था लॉन्च सेवा कार्यक्रम (एलएसपी) के लिए भी जिम्मेदार है जो लॉन्च कार्यों व नासा के मानवरहित लॉन्चों कि उलटी गिनती पर ध्यान रखता है। .

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नोजोमी (अंतरिक्ष यान)

कोई विवरण नहीं।

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प्रोटॉन (रॉकेट परिवार)

प्रोटॉन रॉकेट (Proton Rocket), एक प्रमोचन यान है जो की रूस की सरकारी एवं व्यावसायिक दोनों प्रकार की अंतरिक्ष उड़ानों में प्रयोग किया जता है। इसका प्रथम प्रक्षेपण सन १९६५ में हुआ था व तब से आज तक इसका प्रयोग जारी है। पृथ्वी की निचली कक्षा में यह यान २२ टन एवं भू स्थरीय कक्षा में ५-६ टन का उपग्रह स्थापित कर सकता है। .

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फ़ीनिक्स (अंतरिक्ष यान)

फ़ीनिक्स 'मार्स स्कॉउट' कार्यक्रम के तहत मंगल ग्रह के अंतरिक्ष की खोज अभियान पर निकला एक रोबोट अंतरिक्ष यान है। इस अभियान के अन्तर्गत वैज्ञानिक मंगल ग्रह सूक्ष्म जीवन के लिये उपयुक्त वातावरण की खोज और ग्रह पर पानी का इतिहास जानने के लिए अनुसंधान करेंगे। इस बहु एजेंसी कार्यक्रम का नेतृत्व नासा की जेट प्रणोदन प्रयोगशाला के निर्देशानुसार, एरिज़ोना विश्वविद्यालय की चंद्र और उपग्रह प्रयोगशाला, के द्वारा किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में कई विश्वविद्यालयों की भागीदारी है जिनमे संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, स्विटजरलैंड, फिलीपींस, डेनमार्क, जर्मनी और ब्रिटेन, नासा, कनाडा अंतरिक्ष एजेंसी, फ़िनिश मौसम विज्ञान संस्थान, लॉकहीड मार्टिन अंतरिक्ष प्रणाली और अन्य वायु अन्तरिक्ष कंपनियाँ शामिल हैं। मंगल पर उतरने के कुल बारह अंतरराष्ट्रीय प्रयासों में फ़ीनिक्स छठा सफल लैंडिंग प्रयास है (सात अमेरिकी प्रयासों में से यह छठा सफल लैंडिंग प्रयास है)। फ़ीनिक्स, वाइकिंग 2 से लेकर हाल में यानि 2008 तक मंगल की भूमि पर सफलतापूर्वक उतरने वाला तीसरा सफल अंतरिक्ष यान है। .

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फोबोस 1

श्रेणी:अंतरिक्ष यान.

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फोबोस 2

श्रेणी:अंतरिक्ष यान.

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फोबोस-ग्रन्ट

फोबोस-ग्रन्ट (Fobos-Grunt) .

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ब्रिज (रॉकेट चरण)

कोई विवरण नहीं।

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बीगल 2

बीगल 2 (Beagle 2) एक ब्रिटिश लैंडिंग अंतरिक्ष यान है। जो यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के 2003 के मार्स एक्सप्रेस मिशन का हिस्सा था। अंतरिक्ष यान ने अपने अंतिम अवतरण के दौरान पृथ्वी के साथ संपर्क खो दिया था। और यह बारह साल तक अज्ञात रहा था। बीगल 2 चार्ल्स डार्विन द्वारा इस्तेमाल जहाज एचएमएस बीगल के नाम पर नामित किया गया था। .

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भारत

भारत (आधिकारिक नाम: भारत गणराज्य, Republic of India) दक्षिण एशिया में स्थित भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा देश है। पूर्ण रूप से उत्तरी गोलार्ध में स्थित भारत, भौगोलिक दृष्टि से विश्व में सातवाँ सबसे बड़ा और जनसंख्या के दृष्टिकोण से दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत के पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर-पूर्व में चीन, नेपाल और भूटान, पूर्व में बांग्लादेश और म्यान्मार स्थित हैं। हिन्द महासागर में इसके दक्षिण पश्चिम में मालदीव, दक्षिण में श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व में इंडोनेशिया से भारत की सामुद्रिक सीमा लगती है। इसके उत्तर की भौतिक सीमा हिमालय पर्वत से और दक्षिण में हिन्द महासागर से लगी हुई है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी है तथा पश्चिम में अरब सागर हैं। प्राचीन सिन्धु घाटी सभ्यता, व्यापार मार्गों और बड़े-बड़े साम्राज्यों का विकास-स्थान रहे भारतीय उपमहाद्वीप को इसके सांस्कृतिक और आर्थिक सफलता के लंबे इतिहास के लिये जाना जाता रहा है। चार प्रमुख संप्रदायों: हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख धर्मों का यहां उदय हुआ, पारसी, यहूदी, ईसाई, और मुस्लिम धर्म प्रथम सहस्राब्दी में यहां पहुचे और यहां की विविध संस्कृति को नया रूप दिया। क्रमिक विजयों के परिणामस्वरूप ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कंपनी ने १८वीं और १९वीं सदी में भारत के ज़्यादतर हिस्सों को अपने राज्य में मिला लिया। १८५७ के विफल विद्रोह के बाद भारत के प्रशासन का भार ब्रिटिश सरकार ने अपने ऊपर ले लिया। ब्रिटिश भारत के रूप में ब्रिटिश साम्राज्य के प्रमुख अंग भारत ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में एक लम्बे और मुख्य रूप से अहिंसक स्वतन्त्रता संग्राम के बाद १५ अगस्त १९४७ को आज़ादी पाई। १९५० में लागू हुए नये संविधान में इसे सार्वजनिक वयस्क मताधिकार के आधार पर स्थापित संवैधानिक लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित कर दिया गया और युनाईटेड किंगडम की तर्ज़ पर वेस्टमिंस्टर शैली की संसदीय सरकार स्थापित की गयी। एक संघीय राष्ट्र, भारत को २९ राज्यों और ७ संघ शासित प्रदेशों में गठित किया गया है। लम्बे समय तक समाजवादी आर्थिक नीतियों का पालन करने के बाद 1991 के पश्चात् भारत ने उदारीकरण और वैश्वीकरण की नयी नीतियों के आधार पर सार्थक आर्थिक और सामाजिक प्रगति की है। ३३ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ भारत भौगोलिक क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा राष्ट्र है। वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था क्रय शक्ति समता के आधार पर विश्व की तीसरी और मानक मूल्यों के आधार पर विश्व की दसवीं सबसे बडी अर्थव्यवस्था है। १९९१ के बाज़ार-आधारित सुधारों के बाद भारत विश्व की सबसे तेज़ विकसित होती बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक हो गया है और इसे एक नव-औद्योगिकृत राष्ट्र माना जाता है। परंतु भारत के सामने अभी भी गरीबी, भ्रष्टाचार, कुपोषण, अपर्याप्त सार्वजनिक स्वास्थ्य-सेवा और आतंकवाद की चुनौतियां हैं। आज भारत एक विविध, बहुभाषी, और बहु-जातीय समाज है और भारतीय सेना एक क्षेत्रीय शक्ति है। .

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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, (संक्षेप में- इसरो) (Indian Space Research Organisation, ISRO) भारत का राष्ट्रीय अंतरिक्ष संस्थान है जिसका मुख्यालय बेंगलुरू कर्नाटक में है। संस्थान में लगभग सत्रह हजार कर्मचारी एवं वैज्ञानिक कार्यरत हैं। संस्थान का मुख्य कार्य भारत के लिये अंतरिक्ष संबधी तकनीक उपलब्ध करवाना है। अन्तरिक्ष कार्यक्रम के मुख्य उद्देश्यों में उपग्रहों, प्रमोचक यानों, परिज्ञापी राकेटों और भू-प्रणालियों का विकास शामिल है। 1969 में स्थापित, इसरो अंतरिक्ष अनुसंधान के लिए तत्कालीन भारतीय राष्ट्रीय समिति (INCOSPAR) स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और उनके करीबी सहयोगी और वैज्ञानिक विक्रम साराभाई के प्रयासों से 1962 में स्थापित किया गया। भारत का पहला उपग्रह, आर्यभट्ट, जो 19 अप्रैल 1975 सोवियत संघ द्वारा शुरू किया गया था यह गणितज्ञ आर्यभट्ट के नाम पर रखा गया था बनाया।इसने 5 दिन बाद काम करना बंद कर दिया था। लेकिन ये अपने आप में भारत के लिये एक बड़ी उपलब्धि थी। 7 जून 1979 को भारत ने दूसरा उपग्रह भास्कर 445 किलो का था, पृथ्वी की कक्षा में स्थापित किया गया। 1980 में रोहिणी उपग्रह पहला भारतीय-निर्मित प्रक्षेपण यान एसएलवी -3 बन गया जिस्से कक्षा में स्थापित किया गया। इसरो ने बाद में दो अन्य रॉकेट विकसित किये। ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान उपग्रहों शुरू करने के लिए ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी),भूस्थिर कक्षा में उपग्रहों को रखने के लिए ध्रुवीय कक्षाओं और भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान (जीएसएलवी) भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान। ये रॉकेट कई संचार उपग्रहों और पृथ्वी अवलोकन गगन और आईआरएनएसएस तरह सैटेलाइट नेविगेशन सिस्टम तैनात किया उपग्रह का शुभारंभ किया।जनवरी 2014 में इसरो सफलतापूर्वक जीसैट -14 का एक जीएसएलवी-डी 5 प्रक्षेपण में एक स्वदेशी क्रायोजेनिक इंजन का इस्तेमाल किया गया। इसरो के वर्तमान निदेशक ए एस किरण कुमार हैं। आज भारत न सिर्फ अपने अंतरिक्ष संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति करने में सक्षम है बल्कि दुनिया के बहुत से देशों को अपनी अंतरिक्ष क्षमता से व्यापारिक और अन्य स्तरों पर सहयोग कर रहा है। इसरो एक चंद्रमा की परिक्रमा, चंद्रयान -1 भेजा, 22 अक्टूबर 2008 और एक मंगल ग्रह की परिक्रमा, मंगलयान (मंगल आर्बिटर मिशन) है, जो सफलतापूर्वक मंगल ग्रह की कक्षा में प्रवेश पर 24 सितंबर 2014 को भारत ने अपने पहले ही प्रयास में सफल होने के लिए पहला राष्ट्र बना। दुनिया के साथ ही एशिया में पहली बार अंतरिक्ष एजेंसी में एजेंसी को सफलतापूर्वक मंगल ग्रह की कक्षा तक पहुंचने के लिए इसरो चौथे स्थान पर रहा। भविष्य की योजनाओं मे शामिल जीएसएलवी एमके III के विकास (भारी उपग्रहों के प्रक्षेपण के लिए) ULV, एक पुन: प्रयोज्य प्रक्षेपण यान, मानव अंतरिक्ष, आगे चंद्र अन्वेषण, ग्रहों के बीच जांच, एक सौर मिशन अंतरिक्ष यान के विकास आदि। इसरो को शांति, निरस्त्रीकरण और विकास के लिए साल 2014 के इंदिरा गांधी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। मंगलयान के सफल प्रक्षेपण के लगभग एक वर्ष बाद इसने 29 सितंबर 2015 को एस्ट्रोसैट के रूप में भारत की पहली अंतरिक्ष वेधशाला स्थापित किया। जून 2016 तक इसरो लगभग 20 अलग-अलग देशों के 57 उपग्रहों को लॉन्च कर चुका है, और इसके द्वारा उसने अब तक 10 करोड़ अमेरिकी डॉलर कमाए हैं।http://khabar.ndtv.com/news/file-facts/in-record-launch-isro-flies-20-satellites-into-space-10-facts-1421899?pfrom.

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मार्स 1एम नं.2

मंगल 1एम सं.2 (Mars 1M No.2) सोवियत संघ के मंगल कार्यक्रम के हिस्से के रूप में लांच किया गया अंतरिक्ष यान था। जो प्रक्षेपण की विफलता में 1960 में खो गया था। यह मंगल का फ्लाइब्य संचालन करने के उद्देश्य से किया गया था। हालांकि यह मिशन शुरू होने से पहले प्रक्षेपण विफलता के कारण यह असफल रहा। .

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मार्स एक्सप्रेस

मार्स एक्सप्रेस (Mars Express), एक अंतरिक्ष अन्वेषण अभियान है जिसे यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (इसा) के द्वारा संचालित किया जा रहा है। यह अभियान मंगल का अन्वेषण कर रहा है और इस एजेंसी द्वारा प्रयासरत पहला ग्रहीय अभियान है। "एक्सप्रेस" मूल रूप से गति और दक्षता को निर्दिष्ट करता है जिसके अनुसार अंतरिक्ष यान की रचना की गई और बनाया गया। बहरहाल "एक्सप्रेस" अंतरिक्ष यान की अपेक्षाकृत छोटी ग्रहीय यात्रा का भी वर्णन करता है, नतीजतन इसका प्रक्षेपण तब हुआ जब पृथ्वी और मंगल की कक्षा ने अपने को इतना करीब ला दिया, जितना वें लगभग ६०,००० वर्षों में हुई थी। .

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मार्स ग्लोबल सर्वेयर

श्रेणी:खगोलशास्त्र श्रेणी:मंगल ग्रह.

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मार्स ओडिसी

मार्स ओडिसी या २००१ मार्स ओडिसी (2001 Mars Odyssey) मंगल ग्रह की परिक्रमा करने वाला एक रोबोटिक अंतरिक्ष यान है। इस परियोजना को नासा द्वारा विकसित किया गया था। .

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मावेन

मार्स एटमोस्फेयर एंड वोलेटाइल एवोल्युसन (Mars Atmosphere and Volatile EvolutioN (MAVEN)) अर्थात मावेन मंगल ग्रह के परिवेश का अध्ययन के लिए बनाया गया अंतरिक्ष शोध यान है जो मंगल की कक्षा में परिक्रमा करता है। इसका लक्ष्य मंगल के वायुमण्डल और जल का पता लगाना है जिसके बारे में परिकल्पित है कि वहाँ पहले कुछ हुआ करता था जो समय के साथ खो गया।.

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मंगल 1एम सं.1

मंगल 1एम सं.1 (Mars 1M No.1) सोवियत संघ के मंगल कार्यक्रम के हिस्से के रूप में लांच किया गया पहला अंतरिक्ष यान था। मंगल 1एम अंतरिक्ष यान, यह मंगल का फ्लाइब्य संचालन करने के उद्देश्य से किया गया था। हालांकि यह मिशन शुरू होने से पहले प्रक्षेपण विफलता के कारण यह असफल रहा। .

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मंगल 2022 ऑर्बिटर

मंगल 2022 ऑर्बिटर (Mars 2022 orbiter) एक प्रस्तावित नासा का मंगल संचार उपग्रह है जिसमे उच्च-रिज़ॉल्यूशन इमेजिंग पेलोड और दो सौर-इलेक्ट्रिक आयन थ्रस्टर शामिल हैं। ऑर्बिटर को सितंबर 2022 में लॉन्च किए जाने की उम्मीद है यह उपग्रह लैंडर्स को ग्राउंड कंट्रोलर्स से जोड़ने में काम आयेगा। क्योकि मंगल रिकोन्सेंस ऑर्बिटर और मार्स ओडिसी 2020 तक काम करना बन्द कर सकते है। .

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मंगल 2एमवी-3 सं.1

मंगल 2एमवी-3 सं.1 (Mars 2MV-3 No.1) एक सोवियत अंतरिक्ष यान था। जिसे मंगल कार्यक्रम के हिस्से के रूप में 1962 में लांच किया गया था। और मंगल की सतह पर लैंड होने का इरादा रखता था रॉकेट लांच समस्या के कारण यह पृथ्वी की निचली कक्ष में ही ख़त्म हो गया था। यह लांच हुए मंगल 2एमवी-4 अंतरिक्ष यानों में केवल एक ही अंतरिक्ष यान था। .

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मंगल 2एमवी-4 सं.1

मंगल 2एमवी-4 सं.1 (Mars 2MV-4 No.1) एक सोवियत अंतरिक्ष यान था। जिसे मंगल कार्यक्रम के हिस्से के रूप में 1962 में लांच किया गया था। और इसका मंगल ग्रह का एक फ्लाइब्य बनाने का इरादा था। यह ग्रह से पृथ्वी पर चित्रों को भेजने का कार्य करता। रॉकेट लांच समस्या के कारण यह पृथ्वी की निचली कक्ष में ही ख़त्म हो गया था। यह लांच हुए दो मंगल 2एमवी-4 अंतरिक्ष यानों में से एक था। .

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मंगल 6

श्रेणी:मंगल के अंतरिक्ष यान.

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मंगल 7

श्रेणी:मंगल के अंतरिक्ष यान.

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मंगल 96

श्रेणी:मंगल के अंतरिक्ष यान.

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मंगल टोही परिक्रमा यान

मंगल टोही परिक्रमा यान मंगल टोही परिक्रमा यान (Mars Reconnaissance Orbiter (MRO)), नासा का एक बहुउद्देशीय अंतरिक्ष यान है जिसे कक्षा से मंगल के अन्वेषण और टोह के लिए रचा गया है। जैसे ही MRO ने कक्षा में प्रवेश किया यह, कक्षा में के या ग्रह पर के, पांच अन्य अंतरिक्ष यानों से जुड़ गया: मार्स ग्लोबल सर्वेयर, मार्स ओडिसी, मार्स एक्सप्रेस और दो ​​मार्स एक्सप्लोरेशन रोवर, यह मंगल के आसपास के क्षेत्र में सबसे अधिक अंतरिक्ष यान परिचालन के लिए एक कीर्तिमान है। इस ७२० मिलियन अमरीकी डॉलर के अंतरिक्ष यान को जेट प्रोपल्सन लेबोरेटरी के पर्यवेक्षण के अधीन लॉकहीड मार्टिन द्वारा बनाया गया था। यह १२ अगस्त २००५ को प्रक्षेपित किया गया और १० मार्च २००६ को इसने मंगल की कक्षा प्राप्त की। नवंबर २००६ में, पांच महीने की हवाई कलाबाजियों के बाद, इसने अपनी अंतिम विज्ञान कक्षा में प्रवेश किया और अपना प्राथमिक विज्ञान चरण शुरू किया। .

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मंगल पाथफाइंडर

श्रेणी:मंगल ग्रह.

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मंगल पोलर लैंडर

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मंगल ऑब्जर्वर

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मंगल क्लाइमेट आर्बिटर

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मंगल २०२०

मंगल २०२० (Mars 2020) नासा के द्वारा मंगल पर 2020 में भेजा जाने वाला रोवर है। यह रोवर क्यूरोसिटी रोवर के डिज़ाइन पर आधारित होगा। .

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मंगलयान

मंगलयान, (औपचारिक नाम- मंगल कक्षित्र मिशन, Mars Orbiter Mission; मार्स ऑर्बिटर मिशन), भारत का प्रथम मंगल अभियान है। यह भारत की प्रथम ग्रहों के बीच का मिशन है। वस्तुत: यह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन की एक महत्वाकांक्षी अन्तरिक्ष परियोजना है। इस परियोजना के अन्तर्गत 5 नवम्बर 2013 को 2 बजकर 38 मिनट पर मंगल ग्रह की परिक्रमा करने हेतु छोड़ा गया एक उपग्रह आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसऍलवी) सी-25 के द्वारा सफलतापूर्वक छोड़ा गया। इसके साथ ही भारत भी अब उन देशों में शामिल हो गया है जिन्होंने मंगल पर अपने यान भेजे हैं। वैसे अब तक मंगल को जानने के लिये शुरू किये गये दो तिहाई अभियान असफल भी रहे हैं परन्तु 24 सितंबर 2014 को मंगल पर पहुँचने के साथ ही भारत विश्व में अपने प्रथम प्रयास में ही सफल होने वाला पहला देश तथा सोवियत रूस, नासा और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के बाद दुनिया का चौथा देश बन गया है। इसके अतिरिक्त ये मंगल पर भेजा गया सबसे सस्ता मिशन भी है। भारत एशिया का भी ऐसा करने वाला प्रथम पहला देश बन गया। क्योंकि इससे पहले चीन और जापान अपने मंगल अभियान में असफल रहे थे। वस्तुतः यह एक प्रौद्योगिकी प्रदर्शन परियोजना है जिसका लक्ष्य अन्तरग्रहीय अन्तरिक्ष मिशनों के लिये आवश्यक डिजाइन, नियोजन, प्रबन्धन तथा क्रियान्वयन का विकास करना है। ऑर्बिटर अपने पांच उपकरणों के साथ मंगल की परिक्रमा करता रहेगा तथा वैज्ञानिक उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए आंकड़े व तस्वीरें पृथ्वी पर भेजेगा। अंतरिक्ष यान पर वर्तमान में इसरो टेलीमेट्री, ट्रैकिंग और कमांड नेटवर्क (इस्ट्रैक),बंगलौर के अंतरिक्षयान नियंत्रण केंद्र से भारतीय डीप स्पेस नेटवर्क एंटीना की सहायता से नजर रखी जा रही है प्रतिष्ठित 'टाइम' पत्रिका ने मंगलयान को 2014 के सर्वश्रेष्ठ आविष्कारों में शामिल किया। .

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मंगलयान-2

मंगलयान 2 (Mangalyaan 2) भारत का मंगलयान के बाद मंगल ग्रह के लिए दूसरा मिशन है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा मंगल ग्रह के लिए मिशन को 2020 में लांच किया जायेगा। यह मिशन अपने साथ ऑर्बिटर, लैंडर तथा रोवर ले के जाएगा। .

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मैरीनर 3

मैरीनर 3 (Mariner 3) नासा के मंगल ग्रह मैरीनर-1964 परियोजना के अन्तर्गत बनाया गया मंगल अंतरिक्ष यान था। जिसका निर्माण जेट प्रोपल्सन लेबोरेटरी (जेपीएल) ने था। परन्तु मिशन शुरू होने से पहले ही लांच विफलता के कारण असफल रहा। .

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मैरीनर 6

मैरीनर 6 (Mariner 6) .

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मैरीनर 7

श्रेणी:अमेरिका के मंगल अभियानों की सूची.

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मेरिनर ४

श्रेणी:अमेरिका के मंगल अभियानों की सूची.

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यिंगहुओ-1

यिंगहुओ-1 (Yinghuo-1) चीन का मंगल मिशन था। जो 8 नवंबर 2011 को हुआ था। यह यान फोबोस-ग्रन्ट के साथ लांच किया गया था। लेकिन फोबोस-ग्रन्ट की असफलता के कारण यह यान पृथ्वी की कक्षा में ही रहा। और 15 जनवरी 2012 को इस अभियान को असफल घोषित किया गया। .

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यूरोप

यूरोप पृथ्वी पर स्थित सात महाद्वीपों में से एक महाद्वीप है। यूरोप, एशिया से पूरी तरह जुड़ा हुआ है। यूरोप और एशिया वस्तुतः यूरेशिया के खण्ड हैं और यूरोप यूरेशिया का सबसे पश्चिमी प्रायद्वीपीय खंड है। एशिया से यूरोप का विभाजन इसके पूर्व में स्थित यूराल पर्वत के जल विभाजक जैसे यूराल नदी, कैस्पियन सागर, कॉकस पर्वत शृंखला और दक्षिण पश्चिम में स्थित काले सागर के द्वारा होता है। यूरोप के उत्तर में आर्कटिक महासागर और अन्य जल निकाय, पश्चिम में अटलांटिक महासागर, दक्षिण में भूमध्य सागर और दक्षिण पश्चिम में काला सागर और इससे जुड़े जलमार्ग स्थित हैं। इस सबके बावजूद यूरोप की सीमायें बहुत हद तक काल्पनिक हैं और इसे एक महाद्वीप की संज्ञा देना भौगोलिक आधार पर कम, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक आधार पर अधिक है। ब्रिटेन, आयरलैंड और आइसलैंड जैसे देश एक द्वीप होते हुए भी यूरोप का हिस्सा हैं, पर ग्रीनलैंड उत्तरी अमरीका का हिस्सा है। रूस सांस्कृतिक दृष्टिकोण से यूरोप में ही माना जाता है, हालाँकि इसका सारा साइबेरियाई इलाका एशिया का हिस्सा है। आज ज़्यादातर यूरोपीय देशों के लोग दुनिया के सबसे ऊँचे जीवनस्तर का आनन्द लेते हैं। यूरोप पृष्ठ क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का दूसरा सबसे छोटा महाद्वीप है, इसका क्षेत्रफल के १०,१८०,००० वर्ग किलोमीटर (३,९३०,००० वर्ग मील) है जो पृथ्वी की सतह का २% और इसके भूमि क्षेत्र का लगभग ६.८% है। यूरोप के ५० देशों में, रूस क्षेत्रफल और आबादी दोनों में ही सबसे बड़ा है, जबकि वैटिकन नगर सबसे छोटा देश है। जनसंख्या के हिसाब से यूरोप एशिया और अफ्रीका के बाद तीसरा सबसे अधिक आबादी वाला महाद्वीप है, ७३.१ करोड़ की जनसंख्या के साथ यह विश्व की जनसंख्या में लगभग ११% का योगदान करता है, तथापि, संयुक्त राष्ट्र के अनुसार (मध्यम अनुमान), २०५० तक विश्व जनसंख्या में यूरोप का योगदान घटकर ७% पर आ सकता है। १९०० में, विश्व की जनसंख्या में यूरोप का हिस्सा लगभग 25% था। पुरातन काल में यूरोप, विशेष रूप से यूनान पश्चिमी संस्कृति का जन्मस्थान है। मध्य काल में इसी ने ईसाईयत का पोषण किया है। यूरोप ने १६ वीं सदी के बाद से वैश्विक मामलों में एक प्रमुख भूमिका अदा की है, विशेष रूप से उपनिवेशवाद की शुरुआत के बाद.

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यूरोपीय अंतरिक्ष अभिकरण

यूरोपीय अंतरिक्ष अभिकरण या यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ईसा) १८ सदस्य देशों का एक मिला जुला समूह है, जो कि अंतरिक्ष से जुड़ी गतिविधियाँ संचालित करता है। इसकी स्थापना सन १९७५ में हुई थी। ईसा का मुख्यालय पेरिस में स्थित है। गुयाना अंतरिक्ष केंद्र मुख्य प्रक्षेपण स्थल है एवं एरियन-५ प्रमुख प्रक्षेपण यान है। एरियन-5 श्रेणी:विश्व के प्रमुख अंतरिक्ष संगठन श्रेणी:यूरोप श्रेणी:यूरोप में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी.

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रूस

रूस (रूसी: Росси́йская Федера́ция / रोस्सिज्स्काया फ़ेदेरात्सिया, Росси́я / रोस्सिया) पूर्वी यूरोप और उत्तर एशिया में स्थित एक विशाल आकार वाला देश। कुल १,७०,७५,४०० किमी२ के साथ यह विश्व का सब्से बड़ा देश है। आकार की दृष्टि से यह भारत से पाँच गुणा से भी अधिक है। इतना विशाल देश होने के बाद भी रूस की जनसंख्या विश्व में सातवें स्थान पर है जिसके कारण रूस का जनसंख्या घनत्व विश्व में सब्से कम में से है। रूस की अधिकान्श जनसंख्या इसके यूरोपीय भाग में बसी हुई है। इसकी राजधानी मॉस्को है। रूस की मुख्य और राजभाषा रूसी है। रूस के साथ जिन देशों की सीमाएँ मिलती हैं उनके नाम हैं - (वामावर्त) - नार्वे, फ़िनलैण्ड, एस्टोनिया, लातविया, लिथुआनिया, पोलैण्ड, बेलारूस, यूक्रेन, जॉर्जिया, अज़रबैजान, कजाकिस्तान, चीन, मंगोलिया और उत्तर कोरिया। रूसी साम्राज्य के दिनों से रूस ने विश्व में अपना स्थान एक प्रमुख शक्ति के रूप में किया था। प्रथम विश्वयुद्ध के बाद सोवियत संघ विश्व का सबसे बड़ा साम्यवादी देश बना। यहाँ के लेखकों ने साम्यवादी विचारधारा को विश्व भर में फैलाया। द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद सोवियत संघ एक प्रमुख सामरिक और राजनीतिक शक्ति बनकर उभरा। संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ इसकी वर्षों तक प्रतिस्पर्धा चली जिसमें सामरिक, आर्थिक, राजनैतिक और तकनीकी क्षेत्रों में एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ थी। १९८० के दशक से यह आर्थिक रूप से क्षीण होता चला गया और १९९१ में इसका विघटन हो गया जिसके फलस्वरूप रूस, सोवियत संघ का सबसे बड़ा राज्य बना। वर्तमान में रूस अपने सोवियत संघ काल के महाशक्ति पद को पुनः प्राप्त करने का प्रयास कर रहा है। यद्यपि रूस अभी भी एक प्रमुख देश है लेकिन यह सोवियत काल के पद से भी बहुत दूर है। .

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रूसी संघीय अंतरिक्ष अभिकरण

रूसी संघीय अंतरिक्ष अभिकरण या रशियन फेडरल स्पेस एजेंसी रूस का सरकारी अंतरिक्ष अभिकरण है जो की रूस में अंतरिक्ष से जुड़ी गतिविधियाँ संचालित करता है। इसे रॉसकॉसमॉस के नाम से भी जाना जाता है। रॉसकॉसमॉस का मुख्यालय मास्को में स्थित है। मुख्य मिशन नियंत्रण केंद्र कोरोलेव में है एवं कॉसमोनौट प्रशिक्षण केंद्र स्टार सिटी में स्थित है। कजाकस्तान स्थित बायकोनूर कॉसमोड्रोम में मानवीय एवं अमानवीय दोनों प्रकार की प्रक्षेपण सुविधा उपलब्ध है। उत्तरी रूस स्थित प्लेस्टेक कॉसमोड्रोम से ज्यादातर अमानवीय उड़ानों को संचालित किया जाता है। अन्तर्राष्ट्रीय अन्तरिक्ष स्टेशन में इस संगठन का महत्वपूर्ण योगदान है। सोयूज़ रॉकेट एवं प्रोटॉन रॉकेट प्रमुख प्रक्षेपण यान हैं। सोयूज़ रॉकेट श्रेणी:विश्व के प्रमुख अंतरिक्ष संगठन श्रेणी:रूस.

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रेड ड्रैगन (अंतरिक्ष यान)

लाल ड्रैगन (Red Dragon) कम लागत का मानव रहित मंगल ग्रह लैंडर मिशन है। इसे स्पेसएक्स के फाल्कन हैवी राकेट द्वारा लांच किया जायेगा। मंगल ग्रह मिशन की यह श्रृंखला सितंबर 2016 में स्पेसएक्स द्वारा घोषणा की गई मंगल ग्रह उपनिवेशन की स्थापना वास्तुकला के लिए प्रौद्योगिकी मार्गदर्शक है। .

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रोसेटा (अंतरिक्ष यान)

रोसेटा अंतरिक्ष यान रोसेटा (Rosetta) यूरोपीय अंतरिक्ष अभिकरण का एक अंतरिक्ष यान है जिसे २ मार्च २००४ को पृथ्वी से छोड़ा गया था। इसका ध्येय ६७पी/चुरयुमोव-गेरासिमेंको (67P/Churyumov–Gerasimenko) नामक धूमकेतु के समीप पहुँचकर उसका अध्ययन करना है। यह यान सन् २०१४ के मध्य में उस धूमकेतु तक पहुँचेगा और फिर उसके इर्द-गिर्द कक्षा में परिक्रमा करेगा। १० नवम्बर २०१४ को इस से एक छोटा-सा फाईले (Philae) नमक शोध-यान धूमकेतु की सतह पर उतारकर और क़रीब से उसका अध्ययन करेगा।, Kenneth R. Lang, Cambridge University Press, 2011, ISBN 978-0-521-19857-8,...

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श्चियापारेल्ली ईडीएम लैंडर

श्चियापारेल्ली ईडीएम लैंडर (Schiaparelli EDM lander) एक्सोमार्स परियोजना का एंट्री, डिसेंट और लैंडिंग प्रदर्शक मॉड्यूल (ईडीएम) है। यह मंगल ग्रह की सतह पर उतरने के लिए आवश्यक प्रौद्योगिकी विकसित करने में यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी और रूस की रोसकॉस्मोस मदद करेगा। इसे एक्सोमार्स ट्रेस गैस आर्बिटर के साथ 14 मार्च 2016, 09:31 यु.टी.सी पर लांच किया गया था। यह एक्सोमार्स ट्रेस गैस आर्बिटर से योजनानुसार 16 अक्टूबर 2016 14:42 जीएमटी पर मंगल पर पहुचने से 3 दिन पहले ही अलग हो गया तथा मंगल की सतह पर 19 अक्टूबर 2016 को पंहुचा। लैंडर अपने साथ एक बिना चार्ज होने वाली बैटरी ले के गया है। जिसके द्वारा यह मंगल पर 2 से 4 सोल्स तक गुजर सकता है। लेकिन यह 19 अक्टूबर 2016 को सॉफ्ट लैंड होने के बजाये मंगल पर क्रैश लैंड हुआ पंहुचा और इस अभियान का अंत हुआ। नासा ने इसकी क्रैश साइट की कुछ तस्वीर जारी की है। .

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संयुक्त राज्य

संयुक्त राज्य अमेरिका (United States of America) (यू एस ए), जिसे सामान्यतः संयुक्त राज्य (United States) (यू एस) या अमेरिका कहा जाता हैं, एक देश हैं, जिसमें राज्य, एक फ़ेडरल डिस्ट्रिक्ट, पाँच प्रमुख स्व-शासनीय क्षेत्र, और विभिन्न अधिनस्थ क्षेत्र सम्मिलित हैं। 48 संस्पर्शी राज्य और फ़ेडरल डिस्ट्रिक्ट, कनाडा और मेक्सिको के मध्य, केन्द्रीय उत्तर अमेरिका में हैं। अलास्का राज्य, उत्तर अमेरिका के उत्तर-पश्चिमी भाग में स्थित है, जिसके पूर्व में कनाडा की सीमा एवं पश्चिम मे बेरिंग जलसन्धि रूस से घिरा हुआ है। वहीं हवाई राज्य, मध्य-प्रशान्त में स्थित हैं। अमेरिकी स्व-शासित क्षेत्र प्रशान्त महासागर और कॅरीबीयन सागर में बिखरें हुएँ हैं। 38 लाख वर्ग मील (98 लाख किमी2)"", U.S. Census Bureau, database as of August 2010, excluding the U.S. Minor Outlying Islands.

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स्पिरिट रोवर

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सोजॉर्नर (रोवर)

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सोवियत संघ

सोवियत संघ (रूसी भाषा: Сове́тский Сою́з, सोवेत्स्की सोयूज़; अंग्रेज़ी: Soviet Union), जिसका औपचारिक नाम सोवियत समाजवादी गणतंत्रों का संघ (Сою́з Сове́тских Социалисти́ческих Респу́блик, Union of Soviet Socialist Republics) था, यूरेशिया के बड़े भूभाग पर विस्तृत एक देश था जो १९२२ से १९९१ तक अस्तित्व में रहा। यह अपनी स्थापना से १९९० तक साम्यवादी पार्टी (कोम्युनिस्ट पार्टी) द्वारा शासित रहा। संवैधानिक रूप से सोवियत संघ १५ स्वशासित गणतंत्रों का संघ था लेकिन वास्तव में पूरे देश के प्रशासन और अर्थव्यवस्था पर केन्द्रीय सरकार का कड़ा नियंत्रण रहा। रूसी सोवियत संघीय समाजवादी गणतंत्र (Russian Soviet Federative Socialist Republic) इस देश का सबसे बड़ा गणतंत्र और राजनैतिक, सांस्कृतिक और आर्थिक केंद्र था, इसलिए पूरे देश का गहरा रूसीकरण हुआ। यही कारण रहा कि विदेश में भी सोवियत संघ को अक्सर गलती से 'रूस' बोल दिया जाता था। .

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जापान

जापान, एशिया महाद्वीप में स्थित देश है। जापान चार बड़े और अनेक छोटे द्वीपों का एक समूह है। ये द्वीप एशिया के पूर्व समुद्रतट, यानि प्रशांत महासागर में स्थित हैं। इसके निकटतम पड़ोसी चीन, कोरिया तथा रूस हैं। जापान में वहाँ का मूल निवासियों की जनसंख्या ९८.५% है। बाकी 0.5% कोरियाई, 0.4 % चाइनीज़ तथा 0.6% अन्य लोग है। जापानी अपने देश को निप्पॉन कहते हैं, जिसका मतलब सूर्योदय है। जापान की राजधानी टोक्यो है और उसके अन्य बड़े महानगर योकोहामा, ओसाका और क्योटो हैं। बौद्ध धर्म देश का प्रमुख धर्म है और जापान की जनसंख्या में 96% बौद्ध अनुयायी है। .

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वाइकिंग 1

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वाइकिंग 2

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ओप्रुच्युनिटी रोवर

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इनसाइट

इनसाइट (InSight या Interior Exploration using Seismic Investigations, Geodesy and Heat Transport) एक रोबोट मंगल ग्रह लैंडर है। जो मूल रूप से मार्च 2016 में प्रक्षेपण के लिए योजना बनाई थी। इसके उपकरण की विफलता के कारण लांच करने से पहले दिसंबर 2015 में नासा ने मिशन स्थगित की घोषणा की। और मार्च 2016 में, लांच 5 मई 2018 के लिए पुनर्निर्धारित किया गया। .

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क्यूरोसिटी (रोवर)

क्यूरोसिटी (Curiosity) नासा के द्वारा मंगल पर मंगल विज्ञान प्रयोगशाला के साथ भेजा गया रोवर है। .

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अमीरात मंगल मिशन

अमीरात मंगल मिशन या होप मंगल मिशन (The Emirates Mars Mission या Hope Mars Mission) संयुक्त अरब अमीरात द्वारा मंगल ग्रह के लिए एक अंतरिक्ष अन्वेषण कार्यक्रम है। यह अरब या मुस्लिम देश से लाल ग्रह के लिए पहली बार मिशन बन जाएगा। इस मिशन की घोषणा जुलाई 2014 में महामहिम शेख खलीफा बिन जायद अल नाहयान, संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति ने की थी। .

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2020 चीनी मंगल मिशन

2020 चीनी मंगल मिशन (2020 Chinese Mars Mission) एक चीनी मंगल ऑर्बिटर, लैंडर और रोवर परियोजना है। इसे राष्ट्रीय अंतरिक्ष विज्ञान केन्द्र द्वारा संचालित किया जायेगा। मिशन को जुलाई या अगस्त 2020 में लांग मार्च 5 से लांच करने की योजना बनाई गयी है। .

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