लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
इंस्टॉल करें
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

भारत के बाहर हिंदू मंदिरों की सूची

सूची भारत के बाहर हिंदू मंदिरों की सूची

हिंदू मंदिर दुनिया के कई देशों के साथ-साथ भारत में भी पाए जाते हैं। .

25 संबंधों: टोरोंटो, डार्विन, नॉर्थर्न टेरिटरी, दुर्गा, पुगं, ब्रिस्बेन, माण्डले मण्डल, यांगून, लक्ष्मी, लेगोस राज्य, शिरडी के सांई बाबा, शिव, सरस्वती देवी, सिडनी, सियोल, स्वामिनारायण, हिन्दू सांस्कृतिक केन्द्र, विष्णु, विक्टोरिया (ऑस्ट्रेलिया), वेंकटेश्वर, ख्मेर साम्राज्य, गणेश, कार्तिकेय, कृष्ण, अंतर्राष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ, अंकोरवाट मंदिर

टोरोंटो

टोरण्टो कनाडा का सबसे बड़ा नगर एवं ओण्टारियो प्रांत की राजधानी है। यह लेक ओंटारियो के उत्तर पश्चिम तट पर स्थित है एवं यहां की आबादी लगभग २.५ मिलियन है जो इसे उत्तरी अमरीका में आबादी के अनुसार पांचवा सबसे बड़ा शहर का दर्जा दिलवाता है। .

नई!!: भारत के बाहर हिंदू मंदिरों की सूची और टोरोंटो · और देखें »

डार्विन, नॉर्थर्न टेरिटरी

डार्विन ऑस्ट्रेलिया का एक शहर है तथा नॉर्थर्न टेरिटरी की राजधानी है। .

नई!!: भारत के बाहर हिंदू मंदिरों की सूची और डार्विन, नॉर्थर्न टेरिटरी · और देखें »

दुर्गा

दुर्गा हिन्दुओं की प्रमुख देवी हैं जिन्हें केवल देवी और शक्ति भी कहते हैं। शाक्त सम्प्रदाय की वह मुख्य देवी हैं जिनकी तुलना परम ब्रह्म से की जाती है। दुर्गा को आदि शक्ति, प्रधान प्रकृति, गुणवती माया, बुद्धितत्व की जननी तथा विकार रहित बताया गया है। वह अंधकार व अज्ञानता रुपी राक्षसों से रक्षा करने वाली तथा कल्याणकारी हैं। उनके बारे में मान्यता है कि वे शान्ति, समृद्धि तथा धर्म पर आघात करने वाली राक्षसी शक्तियों का विनाश करतीं हैं। देवी दुर्गा का निरूपण सिंह पर सवार एक निर्भय स्त्री के रूप में की जाती है। दुर्गा देवी आठ भुजाओं से युक्त हैं जिन सभी में कोई न कोई शस्त्रास्त्र होते है। उन्होने महिषासुर नामक असुर का वध किया। महिषासुर (.

नई!!: भारत के बाहर हिंदू मंदिरों की सूची और दुर्गा · और देखें »

पुगं

150px पुगं (बर्मी भाषा: ပုဂံ) या बगान, म्यांमार के माण्डले क्षेत्र में स्थित एक प्राचीन ऐतिहासिक नगर है। पालि भाषा में इसका नाम 'अरिमद्दन' (अरिमर्दन .

नई!!: भारत के बाहर हिंदू मंदिरों की सूची और पुगं · और देखें »

ब्रिस्बेन

ब्रिस्बेन ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड राज्य की राजधानी और सबसे बड़ा शहर है। लगभग 22.4 लाख की अनुमानित जनसंख्या के साथ यह ऑस्ट्रेलिया में तीसरा सबसे अधिक आबादी वाला शहर है। ब्रिस्बेन नदी पर बसा यह शहर क्वींसलैंड के दक्षिण-पूर्व में मारेटान बे और ग्रेट डिवाइडिंग रेंज के बीच कम ऊंचाई वाले जमीन पर स्थित है। ऑस्ट्रेलिया के मूल निवासी इसे 'मियान-जिन' के नाम से जानते हैं, जिसका अर्थ 'शूल के आकार की जगह' होता है। शहर का नामकरण १८२१ से १८२५ के बीच न्यू साउथ वेल्स के राज्यपाल रहे सर थॉमस ब्रिस्बेन के नाम पर किया गया है। ब्रिस्बेन के रहवासियों को ब्रिस्बेनाइट के नाम से जाना जाता है। .

नई!!: भारत के बाहर हिंदू मंदिरों की सूची और ब्रिस्बेन · और देखें »

माण्डले मण्डल

माण्डले मण्डल (बर्मी: မန္တလေးတိုင်းဒေသကြီး) बर्मा के मध्य में स्थित एक प्रशासनिक मण्डल है। यह मगवे मण्डल से पूर्व में है और इसमें बर्मा का दूसरा सबसे बड़ा नगर, माण्डले, स्थित है। आर्थिक रूप से माण्डले मण्डल बर्मा के लिये बहुत महत्व रखता है और राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था का १५% इसी एक क्षेत्र में निहित है। .

नई!!: भारत के बाहर हिंदू मंदिरों की सूची और माण्डले मण्डल · और देखें »

यांगून

रंगून का रेलवे स्टेशन यांगून म्यानमार देश की पुराना राजधानी है। इसका पुराना नाम रंगून था। (आधुनिक बर्मी में 'र' के स्थान पर 'य' का उच्चारण होता है।)। बहादुर शाह ज़फ़र यहीं दफ़न हैं। आजाद हिन्द फौज जिसके सर्वोच्च कमाण्डर नेताजी सुभाषचंद्र बोस थे उस फौज का मुख्यालय यहीं था। रंगून दक्षिणी वर्मा के मध्यवर्ती भाग में, रंगून नदी के किनारे, मर्तबान की खाड़ी तथा इरावदी नदी के मुहाने से ३० किमी उत्तर, सागरतल से केवल २० फुट की ऊँचाई पर स्थित है। यह बर्मा की राजधानी, सबसे बड़ा नगर तथा प्रमुख बंदरगाह है। यहाँ औसत वार्षिक वर्षा १०० इंच होती है। समीपवर्ती क्षेत्र में धान की कृषि अधिक होती है। बंदरगाह से चावल, टीक तथा अन्य लकड़ियाँ, खालें, पेट्रोलियम से निर्मित पदार्थ तथा चाँदी, सीसा, जस्ता, ताँबे की वस्तुओं का निर्यात होता है। वायुमार्ग, नदीमार्ग तथा रेलमार्ग यातायात के प्रमुख साधन हैं। विद्युत् संस्थान, रेशमी एवं ऊनी कपड़े, लकड़ी चिराई का काम, रेलवे के सामान, जलयाननिर्माण तथा मत्स्य उद्योग में काफी उन्नति हो गई है। यहाँ पर सभी आधुनिक वस्तुएँ जैसे बड़े बड़े होटल, सिनेमाघर, भंडार (storage), पगोडा, गिरजाघर, पार्क, वनस्पतिक उद्यान, अजायबघर तथा विश्वविद्यालय आदि हैं। यहाँ की सबसे प्रमुख इमारत श्वेड्रैगन पगोडा है, जो सागरतल से १६८ फुट की ऊँचाई पर बना है। यह पगोडा ३६८ फुट ऊँचा, ९०० फुट लंबा तथा ६८५ फुट चौड़ा है तथा इसके ऊपर सोने की पन्नी चढ़ी हुई है। नगर को युद्ध तथा ज्वालामुखी से काफी हानि उठानी पड़ी है। .

नई!!: भारत के बाहर हिंदू मंदिरों की सूची और यांगून · और देखें »

लक्ष्मी

लक्ष्मी हिन्दू धर्म की एक प्रमुख देवी हैं। वो भगवान विष्णु की पत्नी हैं और धन, सम्पदा, शान्ति और समृद्धि की देवी मानी जाती हैं। दीपावली के त्योहार में उनकी गणेश सहित पूजा की जाती है। गायत्री की कृपा से मिलने वाले वरदानों में एक लक्ष्मी भी है। जिस पर यह अनुग्रह उतरता है, वह दरिद्र, दुर्बल, कृपण, असंतुष्ट एवं पिछड़ेपन से ग्रसित नहीं रहता। स्वच्छता एवं सुव्यवस्था के स्वभाव को भी 'श्री' कहा गया है। यह सद्गुण जहाँ होंगे, वहाँ दरिद्रता, कुरुपता टिक नहीं सकेगी। पदार्थ को मनुष्य के लिए उपयोगी बनाने और उसकी अभीष्ट मात्रा उपलब्ध करने की क्षमता को लक्ष्मी कहते हैं। यों प्रचलन में तो 'लक्ष्मी' शब्द सम्पत्ति के लिए प्रयुक्त होता है, पर वस्तुतः वह चेतना का एक गुण है, जिसके आधार पर निरुपयोगी वस्तुओं को भी उपयोगी बनाया जा सकता है। मात्रा में स्वल्प होते हुए भी उनका भरपूर लाभ सत्प्रयोजनों के लिए उठा लेना एक विशिष्ट कला है। वह जिसे आती है उसे लक्ष्मीवान्, श्रीमान् कहते हैं। शेष अमीर लोगों को धनवान् भर कहा जाता है। गायत्री की एक किरण लक्ष्मी भी है। जो इसे प्राप्त करता है, उसे स्वल्प साधनों में भी अथर् उपयोग की कला आने के कारण सदा सुसम्पन्नों जैसी प्रसन्नता बनी रहती है। .

नई!!: भारत के बाहर हिंदू मंदिरों की सूची और लक्ष्मी · और देखें »

लेगोस राज्य

लेगोस राज्य (Lagos State) पश्चिमी अफ़्रीका में स्थित नाइजीरिया देश का एक राज्य है। यह देश के दक्षिणपश्चिम भाग में स्थित है और ध्यान दें कि यह नाइजीरिया की राजधानी लेगोस शहर से भिन्न है। पश्चिम में इसकी एक पतली सी सीमा बेनिन देश से लगती है और दक्षिण में यह अटलांटिक महासागर से तटस्थ है। .

नई!!: भारत के बाहर हिंदू मंदिरों की सूची और लेगोस राज्य · और देखें »

शिरडी के सांई बाबा

साईंबाबा (जन्म: 1838, मृत्यु: १५ अक्टूबर १९१८) जिन्हें शिरडी साईंबाबा भी कहा जाता है एक भारतीय गुरु, योगी और फकीर थे जिन्हें उनके भक्तों द्वारा संत कहा जाता है। वह मुस्लिम परिवार से थे। जब उन्हें उनके पूर्व जीवन के सन्दर्भ में पुछा जाता था तो टाल-मटोल उत्तर दिया करते थे। साईं शब्द उन्हें भारत के पश्चिमी भाग में स्थित प्रांत महाराष्ट्र के शिरडी नामक कस्बे में पहुंचने के बाद मिला था .

नई!!: भारत के बाहर हिंदू मंदिरों की सूची और शिरडी के सांई बाबा · और देखें »

शिव

शिव या महादेव हिंदू धर्म में सबसे महत्वपूर्ण देवताओं में से एक है। वह त्रिदेवों में एक देव हैं। इन्हें देवों के देव भी कहते हैं। इन्हें भोलेनाथ, शंकर, महेश, रुद्र, नीलकंठ,गंगाधार के नाम से भी जाना जाता है। तंत्र साधना में इन्हे भैरव के नाम से भी जाना जाता है। हिन्दू धर्म के प्रमुख देवताओं में से हैं। वेद में इनका नाम रुद्र है। यह व्यक्ति की चेतना के अन्तर्यामी हैं। इनकी अर्धांगिनी (शक्ति) का नाम पार्वती है। इनके पुत्र कार्तिकेय और गणेश हैं, तथा पुत्री अशोक सुंदरी हैं। शिव अधिक्तर चित्रों में योगी के रूप में देखे जाते हैं और उनकी पूजा शिवलिंग तथा मूर्ति दोनों रूपों में की जाती है। शिव के गले में नाग देवता विराजित हैं और हाथों में डमरू और त्रिशूल लिए हुए हैं। कैलाश में उनका वास है। यह शैव मत के आधार है। इस मत में शिव के साथ शक्ति सर्व रूप में पूजित है। भगवान शिव को संहार का देवता कहा जाता है। भगवान शिव सौम्य आकृति एवं रौद्ररूप दोनों के लिए विख्यात हैं। अन्य देवों से शिव को भिन्न माना गया है। सृष्टि की उत्पत्ति, स्थिति एवं संहार के अधिपति शिव हैं। त्रिदेवों में भगवान शिव संहार के देवता माने गए हैं। शिव अनादि तथा सृष्टि प्रक्रिया के आदिस्रोत हैं और यह काल महाकाल ही ज्योतिषशास्त्र के आधार हैं। शिव का अर्थ यद्यपि कल्याणकारी माना गया है, लेकिन वे हमेशा लय एवं प्रलय दोनों को अपने अधीन किए हुए हैं। राम, रावण, शनि, कश्यप ऋषि आदि इनके भक्त हुए है। शिव सभी को समान दृष्टि से देखते है इसलिये उन्हें महादेव कहा जाता है। .

नई!!: भारत के बाहर हिंदू मंदिरों की सूची और शिव · और देखें »

सरस्वती देवी

सरस्वती हिन्दू धर्म की प्रमुख देवियों में से एक हैं। वे ब्रह्मा की मानसपुत्री हैं जो विद्या की अधिष्ठात्री देवी मानी गई हैं। इनका नामांतर 'शतरूपा' भी है। इसके अन्य पर्याय हैं, वाणी, वाग्देवी, भारती, शारदा, वागेश्वरी इत्यादि। ये शुक्लवर्ण, श्वेत वस्त्रधारिणी, वीणावादनतत्परा तथा श्वेतपद्मासना कही गई हैं। इनकी उपासना करने से मूर्ख भी विद्वान् बन सकता है। माघ शुक्ल पंचमी को इनकी पूजा की परिपाटी चली आ रही है। देवी भागवत के अनुसार ये ब्रह्मा की स्त्री हैं। सरस्वती माँ के अन्य नामों में शारदा, शतरूपा, वीणावादिनी, वीणापाणि, वाग्देवी, वागेश्वरी, भारती आदि कई नामों से जाना जाता है। .

नई!!: भारत के बाहर हिंदू मंदिरों की सूची और सरस्वती देवी · और देखें »

सिडनी

सिडनी का दृश्य सिडनी का ओपेरा हाउस, हार्बर सेतु से दृश्य सिडनी ऑस्ट्रेलिया का सबसे बड़ा और सबसे पुराना शहर है। न्यू साउथ वेल्स का सबसे सुंदर माना जाने वाला यह शहर आधुनिक वास्तुकला और शहरी विकास का प्रतीक है। यह शहर मरे-डार्लिंग बेसिन का सबसे सुंदर नगर है। ब्राउन रेत के खूबसूरत बीच, सुहावना मौसम और डार्लिंग हार्बर के लिए प्रसिद्ध है सिडनी। दर्शनीय स्थलों में प्रमुख हैं- आस्ट्रेलियन म्यूजियम, रॉयल बोटेनिक गार्डन, बॉन्डी बीच, निल्सन पार्क इसके अलावा आस्ट्रेलियन नेशनल मैरिटाइम म्यूजियम, चाइनीज गार्डन, म्यूजियम ऑफ कंटैम्परेरी आर्ट, म्यूजियम ऑफ सिडनी, पॉवर हाउस म्यूजियम, सिडनी एक्वेरियम, सिडनी हार्बर ब्रिज पाइलोन लुक आउट, सिडनी ओपेरा हाउस, सिडनी ऑब्जरवेशन लेवल, राष्ट्रीय उद्यान के अलावा 40 से भी अधिक खूबसूरत रेतीले बीच हैं जिनमें से कूजी, क्रोन्यूला, कोलोरॉयल और पाम बीच प्रमुख हैं। सिडनी हार्बर को चारों तरफ से घेरे रहस्यमय सैंड स्टोन से बने क्लिफ और कव्स हैं। श्रेणी:ऑस्ट्रेलिया के शहर.

नई!!: भारत के बाहर हिंदू मंदिरों की सूची और सिडनी · और देखें »

सियोल

सियोल दक्षिण कोरिया की राजधानी है। यह शहर हान नदी के किनारे बसा है। सियोल दक्षिण कोरिया का सबसे बड़ा शहर है। .

नई!!: भारत के बाहर हिंदू मंदिरों की सूची और सियोल · और देखें »

स्वामिनारायण

घनश्याम पाण्डे या स्वामिनारायण या सहजानन्द स्वामी (२ अप्रैल १७८१ - १ जून १८३०), हिंदू धर्म के स्वामिनारायण संप्रदाय के संस्थापक थे। स्वामिनारायण संप्रदाय को मानने वाले उन्हे भगवान मानते हैं। भागवत पुराण और स्कंद पुराण स्वामिनारायण के अवतार का संकेत है। | स्वामिनारायण की शिक्षापत्री स्वामिनारायण सम्प्रदाय का मूल ग्रन्थ है। .

नई!!: भारत के बाहर हिंदू मंदिरों की सूची और स्वामिनारायण · और देखें »

हिन्दू सांस्कृतिक केन्द्र

हिन्दू सांस्कृतिक केन्द्र एक हिंदू मंदिर और हिन्दू सांस्कृतिक का केंद्र है जो mississauga canada में पड़ता है।  25 000 वर्ग फुट मंदिर कनाडा का एक प्रसिध मंदिर माना जाता है.

नई!!: भारत के बाहर हिंदू मंदिरों की सूची और हिन्दू सांस्कृतिक केन्द्र · और देखें »

विष्णु

वैदिक समय से ही विष्णु सम्पूर्ण विश्व की सर्वोच्च शक्ति तथा नियन्ता के रूप में मान्य रहे हैं। हिन्दू धर्म के आधारभूत ग्रन्थों में बहुमान्य पुराणानुसार विष्णु परमेश्वर के तीन मुख्य रूपों में से एक रूप हैं। पुराणों में त्रिमूर्ति विष्णु को विश्व का पालनहार कहा गया है। त्रिमूर्ति के अन्य दो रूप ब्रह्मा और शिव को माना जाता है। ब्रह्मा को जहाँ विश्व का सृजन करने वाला माना जाता है, वहीं शिव को संहारक माना गया है। मूलतः विष्णु और शिव तथा ब्रह्मा भी एक ही हैं यह मान्यता भी बहुशः स्वीकृत रही है। न्याय को प्रश्रय, अन्याय के विनाश तथा जीव (मानव) को परिस्थिति के अनुसार उचित मार्ग-ग्रहण के निर्देश हेतु विभिन्न रूपों में अवतार ग्रहण करनेवाले के रूप में विष्णु मान्य रहे हैं। पुराणानुसार विष्णु की पत्नी लक्ष्मी हैं। कामदेव विष्णु जी का पुत्र था। विष्णु का निवास क्षीर सागर है। उनका शयन शेषनाग के ऊपर है। उनकी नाभि से कमल उत्पन्न होता है जिसमें ब्रह्मा जी स्थित हैं। वह अपने नीचे वाले बाएँ हाथ में पद्म (कमल), अपने नीचे वाले दाहिने हाथ में गदा (कौमोदकी),ऊपर वाले बाएँ हाथ में शंख (पाञ्चजन्य) और अपने ऊपर वाले दाहिने हाथ में चक्र(सुदर्शन) धारण करते हैं। शेष शय्या पर आसीन विष्णु, लक्ष्मी व ब्रह्मा के साथ, छंब पहाड़ी शैली के एक लघुचित्र में। .

नई!!: भारत के बाहर हिंदू मंदिरों की सूची और विष्णु · और देखें »

विक्टोरिया (ऑस्ट्रेलिया)

SUBPAGENAME राज्य का ध्वज SUBPAGENAME, ऑस्ट्रेलिया का एक राज्य है। इसकी राजधानी मेलबॉर्न नगर है। .

नई!!: भारत के बाहर हिंदू मंदिरों की सूची और विक्टोरिया (ऑस्ट्रेलिया) · और देखें »

वेंकटेश्वर

वेंकटेश्वर (వెంకటేశ్వరుడు, வெங்கடேஸ்வரர், ವೆಂಕಟೇಶ್ವರ, वेंकटेश्वरः) भगवान विष्णु के अवतार माने जाते हैं। उन्हें गोविंदा, श्रीनिवास, बालाजी, वेंकट आदि नामों से भी जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि विष्णु ने कुछ समय के लिए स्वामी पुष्करणी नामक तालाब के किनारे निवास किया था। यह तालाब तिरुमला के पास स्थित है। तिरुमाला-तिरुपति के चारों ओर स्थित पहाड़ियाँ, शेषनाग के सात फनों के आधार पर बनीं 'सप्तगिर‍ि' कहलाती हैं। वैकुण्ठ एकादशी के अवसर पर लोग तिरुपति वेन्कटेशवर मन्दिर पर प्रभु के दर्शन के लिए आते हैं, जहाँ पर आने के पश्चात उनके सभी पाप धुल जाते हैं। मान्यता है कि यहाँ आने के पश्चात व्यक्ति को जन्म-मृत्यु के बंधन से मुक्ति मिल जाती है। .

नई!!: भारत के बाहर हिंदू मंदिरों की सूची और वेंकटेश्वर · और देखें »

ख्मेर साम्राज्य

ख्मेर साम्राज्य का स्वर्ण युग १२०० ख्मेर साम्राज्य का स्वर्ण युग १२०० ख्मेर साम्राज्य कम्बूजा में प्राचीन साम्राज्य था। इसके ही काल में अंगकोर वाट का विशाल मन्दिर बना। यह विश्व का सबसे बडा मन्दिर समूह है। इसको १२वीं शताब्दी में राजा सूर्यवर्मन् २ ने निर्मित किया। अंगकोर वाट का आकाशी दृश्य प्रवेश द्वार श्रेणी:साम्राज्य.

नई!!: भारत के बाहर हिंदू मंदिरों की सूची और ख्मेर साम्राज्य · और देखें »

गणेश

गणेश शिवजी और पार्वती के पुत्र हैं। उनका वाहन डिंक नामक मूषक है। गणों के स्वामी होने के कारण उनका एक नाम गणपति भी है। ज्योतिष में इनको केतु का देवता माना जाता है और जो भी संसार के साधन हैं, उनके स्वामी श्री गणेशजी हैं। हाथी जैसा सिर होने के कारण उन्हें गजानन भी कहते हैं। गणेश जी का नाम हिन्दू शास्त्रो के अनुसार किसी भी कार्य के लिये पहले पूज्य है। इसलिए इन्हें आदिपूज्य भी कहते है। गणेश कि उपसना करने वाला सम्प्रदाय गाणपतेय कहलाते है। .

नई!!: भारत के बाहर हिंदू मंदिरों की सूची और गणेश · और देखें »

कार्तिकेय

कार्तिकेय या मुरुगन (तमिल: முருகன்), एक लोकप्रिय हिन्दु देव हैं और इनके अधिकतर भक्त तमिल हिन्दू हैं। इनकी पूजा मुख्यत: भारत के दक्षिणी राज्यों और विशेषकर तमिल नाडु में की जाती है इसके अतिरिक्त विश्व में जहाँ कहीं भी तमिल निवासी/प्रवासी रहते हैं जैसे कि श्रीलंका, मलेशिया, सिंगापुर आदि में भी यह पूजे जाते हैं। इनके छ: सबसे प्रसिद्ध मंदिर तमिल नाडु में स्थित हैं। तमिल इन्हें तमिल कडवुल यानि कि तमिलों के देवता कह कर संबोधित करते हैं। यह भारत के तमिल नाडु राज्य के रक्षक देव भी हैं। कार्तिकेय जी भगवान शिव और भगवती पार्वती के पुत्र हैं तथा सदैव बालक रूप ही रहते हैं। परंतु उनके इस बालक स्वरूप का भी एक रहस्य है। भगवान कार्तिकेय छ: बालकों के रूप में जन्मे थे तथा इनकी देखभाल कृतिका (सप्त ऋषि की पत्निया) ने की थी, इसीलिए उन्हें कार्तिकेय धातृ भी कहते हैं। .

नई!!: भारत के बाहर हिंदू मंदिरों की सूची और कार्तिकेय · और देखें »

कृष्ण

बाल कृष्ण का लड्डू गोपाल रूप, जिनकी घर घर में पूजा सदियों से की जाती रही है। कृष्ण भारत में अवतरित हुये भगवान विष्णु के ८वें अवतार और हिन्दू धर्म के ईश्वर हैं। कन्हैया, श्याम, केशव, द्वारकेश या द्वारकाधीश, वासुदेव आदि नामों से भी उनको जाना जाता हैं। कृष्ण निष्काम कर्मयोगी, एक आदर्श दार्शनिक, स्थितप्रज्ञ एवं दैवी संपदाओं से सुसज्ज महान पुरुष थे। उनका जन्म द्वापरयुग में हुआ था। उनको इस युग के सर्वश्रेष्ठ पुरुष युगपुरुष या युगावतार का स्थान दिया गया है। कृष्ण के समकालीन महर्षि वेदव्यास द्वारा रचित श्रीमद्भागवत और महाभारत में कृष्ण का चरित्र विस्तुत रूप से लिखा गया है। भगवद्गीता कृष्ण और अर्जुन का संवाद है जो ग्रंथ आज भी पूरे विश्व में लोकप्रिय है। इस कृति के लिए कृष्ण को जगतगुरु का सम्मान भी दिया जाता है। कृष्ण वसुदेव और देवकी की ८वीं संतान थे। मथुरा के कारावास में उनका जन्म हुआ था और गोकुल में उनका लालन पालन हुआ था। यशोदा और नन्द उनके पालक माता पिता थे। उनका बचपन गोकुल में व्यतित हुआ। बाल्य अवस्था में ही उन्होंने बड़े बड़े कार्य किये जो किसी सामान्य मनुष्य के लिए सम्भव नहीं थे। मथुरा में मामा कंस का वध किया। सौराष्ट्र में द्वारका नगरी की स्थापना की और वहाँ अपना राज्य बसाया। पांडवों की मदद की और विभिन्न आपत्तियों में उनकी रक्षा की। महाभारत के युद्ध में उन्होंने अर्जुन के सारथी की भूमिका निभाई और भगवद्गीता का ज्ञान दिया जो उनके जीवन की सर्वश्रेष्ठ रचना मानी जाती है। १२५ वर्षों के जीवनकाल के बाद उन्होंने अपनी लीला समाप्त की। उनकी मृत्यु के तुरंत बाद ही कलियुग का आरंभ माना जाता है। .

नई!!: भारत के बाहर हिंदू मंदिरों की सूची और कृष्ण · और देखें »

अंतर्राष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ

भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद अंतर्राष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ या इस्कॉन(International Society for Krishna Consciousness - ISKCON; उच्चारण: इंटर्नैशनल् सोसाईटी फ़ॉर क्रिश्ना कॉनशियस्नेस् -इस्कॉन), को "हरे कृष्ण आन्दोलन" के नाम से भी जाना जाता है। इसे १९६६ में न्यूयॉर्क नगर में भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद ने प्रारंभ किया था। देश-विदेश में इसके अनेक मंदिर और विद्यालय है। .

नई!!: भारत के बाहर हिंदू मंदिरों की सूची और अंतर्राष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ · और देखें »

अंकोरवाट मंदिर

अंकोरवाट (खमेर भाषा: អង្គរវត្ត) कंबोडिया में एक मंदिर परिसर और दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक स्मारक है, 162.6 हेक्टेयर (1,626,000 एम 2; 402 एकड़) को मापने वाले एक साइट पर। यह मूल रूप से खमेर साम्राज्य के लिए भगवान विष्णु के एक हिंदू मंदिर के रूप में बनाया गया था, जो धीरे-धीरे 12 वीं शताब्दी के अंत में बौद्ध मंदिर में परिवर्तित हो गया था। यह कंबोडिया के अंकोर में है जिसका पुराना नाम 'यशोधरपुर' था। इसका निर्माण सम्राट सूर्यवर्मन द्वितीय (१११२-५३ई.) के शासनकाल में हुआ था। यह विष्णु मन्दिर है जबकि इसके पूर्ववर्ती शासकों ने प्रायः शिवमंदिरों का निर्माण किया था। मीकांग नदी के किनारे सिमरिप शहर में बना यह मंदिर आज भी संसार का सबसे बड़ा हिंदू मंदिर है जो सैकड़ों वर्ग मील में फैला हुआ है। राष्ट्र के लिए सम्मान के प्रतीक इस मंदिर को १९८३ से कंबोडिया के राष्ट्रध्वज में भी स्थान दिया गया है। यह मन्दिर मेरु पर्वत का भी प्रतीक है। इसकी दीवारों पर भारतीय धर्म ग्रंथों के प्रसंगों का चित्रण है। इन प्रसंगों में अप्सराएं बहुत सुंदर चित्रित की गई हैं, असुरों और देवताओं के बीच समुद्र मन्थन का दृश्य भी दिखाया गया है। विश्व के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थानों में से एक होने के साथ ही यह मंदिर यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थलों में से एक है। पर्यटक यहाँ केवल वास्तुशास्त्र का अनुपम सौंदर्य देखने ही नहीं आते बल्कि यहाँ का सूर्योदय और सूर्यास्त देखने भी आते हैं। सनातनी लोग इसे पवित्र तीर्थस्थान मानते हैं। .

नई!!: भारत के बाहर हिंदू मंदिरों की सूची और अंकोरवाट मंदिर · और देखें »

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »