सामग्री की तालिका
14 संबंधों: नरेन्द्र मोदी, नीति आयोग, प्रशासन, भारत सरकार, भारत की पंचवर्षीय योजनाएँ, भारतीय आर्थिक सेवा, मनमोहन सिंह, संसाधन, जवाहरलाल नेहरू, विचारक समूह, विशेषज्ञ, विज्ञान, अर्थशास्त्र, उद्योग।
- भारत में आर्थिक नियोजन
नरेन्द्र मोदी
नरेन्द्र दामोदरदास मोदी (નરેંદ્ર દામોદરદાસ મોદી Narendra Damodardas Modi; जन्म: 17 सितम्बर 1950) भारत के वर्तमान प्रधानमन्त्री हैं। भारत के राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने उन्हें 26 मई 2014 को भारत के प्रधानमन्त्री पद की शपथ दिलायी। वे स्वतन्त्र भारत के 15वें प्रधानमन्त्री हैं तथा इस पद पर आसीन होने वाले स्वतंत्र भारत में जन्मे प्रथम व्यक्ति हैं। वडनगर के एक गुजराती परिवार में पैदा हुए, मोदी ने अपने बचपन में चाय बेचने में अपने पिता की मदद की, और बाद में अपना खुद का स्टाल चलाया। आठ साल की उम्र में वे आरएसएस से जुड़े, जिसके साथ एक लंबे समय तक सम्बंधित रहे । स्नातक होने के बाद उन्होंने अपने घर छोड़ दिया। मोदी ने दो साल तक भारत भर में यात्रा की, और कई धार्मिक केंद्रों का दौरा किया। गुजरात लौटने के बाद और 1969 या 1970 में अहमदाबाद चले गए। 1971 में वह आरएसएस के लिए पूर्णकालिक कार्यकर्ता बन गए। 1975 में देश भर में आपातकाल की स्थिति के दौरान उन्हें कुछ समय के लिए छिपना पड़ा। 1985 में वे बीजेपी से जुड़े और 2001 तक पार्टी पदानुक्रम के भीतर कई पदों पर कार्य किया, जहाँ से वे धीरे धीरे वे सचिव के पद पर पहुंचे। गुजरात भूकंप २००१, (भुज में भूकंप) के बाद गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल के असफल स्वास्थ्य और ख़राब सार्वजनिक छवि के कारण नरेंद्र मोदी को 2001 में गुजरात के मुख्यमंत्री नियुक्त किया गया। मोदी जल्द ही विधायी विधानसभा के लिए चुने गए। 2002 के गुजरात दंगों में उनके प्रशासन को कठोर माना गया है, की आलोचना भी हुई। हालांकि सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त विशेष जांच दल (एसआईटी) को अभियोजन पक्ष की कार्यवाही शुरू करने के लिए कोई है। मुख्यमंत्री के तौर पर उनकी नीतियों को आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने के लिए । उनके नेतृत्व में भारत की प्रमुख विपक्षी पार्टी भारतीय जनता पार्टी ने 2014 का लोकसभा चुनाव लड़ा और 282 सीटें जीतकर अभूतपूर्व सफलता प्राप्त की। एक सांसद के रूप में उन्होंने उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक नगरी वाराणसी एवं अपने गृहराज्य गुजरात के वडोदरा संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ा और दोनों जगह से जीत दर्ज़ की। इससे पूर्व वे गुजरात राज्य के 14वें मुख्यमन्त्री रहे। उन्हें उनके काम के कारण गुजरात की जनता ने लगातार 4 बार (2001 से 2014 तक) मुख्यमन्त्री चुना। गुजरात विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर डिग्री प्राप्त नरेन्द्र मोदी विकास पुरुष के नाम से जाने जाते हैं और वर्तमान समय में देश के सबसे लोकप्रिय नेताओं में से हैं।। माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर भी वे सबसे ज्यादा फॉलोअर वाले भारतीय नेता हैं। उन्हें 'नमो' नाम से भी जाना जाता है। टाइम पत्रिका ने मोदी को पर्सन ऑफ़ द ईयर 2013 के 42 उम्मीदवारों की सूची में शामिल किया है। अटल बिहारी वाजपेयी की तरह नरेन्द्र मोदी एक राजनेता और कवि हैं। वे गुजराती भाषा के अलावा हिन्दी में भी देशप्रेम से ओतप्रोत कविताएँ लिखते हैं। .
देखें भारत का योजना आयोग और नरेन्द्र मोदी
नीति आयोग
नीति आयोग (राष्ट्रीय भारत परिवर्तन संस्थान) भारत सरकार द्वारा गठित एक नया संस्थान है जिसे योजना आयोग के स्थान पर बनाया गया है। 1 जनवरी 2015 को इस नए संस्थान के संबंध में जानकारी देने वाला मंत्रिमंडल का प्रस्ताव जारी किया गया।http://pib.nic.in/newsite/hindirelease.aspx?relid.
देखें भारत का योजना आयोग और नीति आयोग
प्रशासन
किसी क्षेत्र में विशिष्ट शासन या किन्ही मानव प्रबंधन गतिविधियों को प्रशासन (administration) कहा जा सकता है। प्रशासन से निम्नलिखित का बोध हो सकता है-.
देखें भारत का योजना आयोग और प्रशासन
भारत सरकार
भारत सरकार, जो आधिकारिक तौर से संघीय सरकार व आमतौर से केन्द्रीय सरकार के नाम से जाना जाता है, 29 राज्यों तथा सात केन्द्र शासित प्रदेशों के संघीय इकाई जो संयुक्त रूप से भारतीय गणराज्य कहलाता है, की नियंत्रक प्राधिकारी है। भारतीय संविधान द्वारा स्थापित भारत सरकार नई दिल्ली, दिल्ली से कार्य करती है। भारत के नागरिकों से संबंधित बुनियादी दीवानी और फौजदारी कानून जैसे नागरिक प्रक्रिया संहिता, भारतीय दंड संहिता, अपराध प्रक्रिया संहिता, आदि मुख्यतः संसद द्वारा बनाया जाता है। संघ और हरेक राज्य सरकार तीन अंगो कार्यपालिका, विधायिका व न्यायपालिका के अन्तर्गत काम करती है। संघीय और राज्य सरकारों पर लागू कानूनी प्रणाली मुख्यतः अंग्रेजी साझा और वैधानिक कानून (English Common and Statutory Law) पर आधारित है। भारत कुछ अपवादों के साथ अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के न्याय अधिकारिता को स्वीकार करता है। स्थानीय स्तर पर पंचायती राज प्रणाली द्वारा शासन का विकेन्द्रीकरण किया गया है। भारत का संविधान भारत को एक सार्वभौमिक, समाजवादी गणराज्य की उपाधि देता है। भारत एक लोकतांत्रिक गणराज्य है, जिसका द्विसदनात्मक संसद वेस्टमिन्स्टर शैली के संसदीय प्रणाली द्वारा संचालित है। इसके शासन में तीन मुख्य अंग हैं: न्यायपालिका, कार्यपालिका और व्यवस्थापिका। .
देखें भारत का योजना आयोग और भारत सरकार
भारत की पंचवर्षीय योजनाएँ
भारत की अर्थव्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा, भारत के योजना आयोग द्वारा विकसित, कार्यान्वित और इसकी देख रेख में चलने वाली पंचवर्षीय योजनाओं पर आधारित है। प्रधानमंत्री के योजना आयोग का पदेन अध्यक्ष पद के साथ, आयोग का एक मनोनीत उपाध्यक्ष भी होता है जिसका ओहदा, एक कैबिनेट मंत्री के बराबर होता है। पंचवर्षीय योजना का कार्यकाल मार्च 2012 में पूरा हो गया है और बारह्वी योजना इस समय चल रही है। .
देखें भारत का योजना आयोग और भारत की पंचवर्षीय योजनाएँ
भारतीय आर्थिक सेवा
भारतीय आर्थिक सेवा (आईईएस) का गठन आर्थिक विश्लेषण, नीति निर्माण और इसके कार्यान्वयन में प्रशिक्षित अधिकारियों के विशिष्ट संवर्ग वाली संगठित समूह ‘’क’’ सेवा के निर्माण के उद्देश्यर से 1961 में किया गया था। आईईएस की भूमिका को मोटे तौर पर आर्थिक सुधार, विनियमन, मूल्यग निर्धारण तथा अनुवीक्षण और मूल्यांआकन जैसे क्षेत्रों में कार्य करने के अतिरिक्त1 आर्थिक सलाह, आर्थिक प्रशासन, विकास कार्यक्रमों के कार्यान्वायन के संदर्भ में वर्गीकृत किया जा सकता है। इस सेवा का गठन मूलत: विकास नीति के मुद्दों पर आर्थिक सलाह देने के लिए और आर्थिक प्रशासन के क्षेत्र में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए सरकार के भीतर क्षमता निर्मित करने के लिए किया गया था। वर्ष 1991 के आंरभ किए गए आर्थिक सुधार व सरकार की विनियामक भूमिका के विस्ताषर से इस प्रकार की सलाह की अधिक आवश्य कता हुई। भारतीय आर्थिक सेवा के अधिकारी आर्थिक क्रियाकलापों के सभी क्षेत्रों से संबंधित अपेक्षित राय-मशविरा प्रदान करते हैं। इस सेवा का प्रबंधन भारतीय आर्थिक सेवा नियमावली पर आधारित है जो सबसे पहले 1961 में अधिसूचित की गई थी। इन सेवा नियमों में अन्य बातों के साथ-साथ सेवा का गठन, विभिन्नस ग्रेडों का उल्ले ख, उनके अन्तेर्गत मंजूर की गई कर्मचारियों की संख्यात, सेवा का भावी रखरखाव, नियुक्ति, परिवीक्षा, वरिष्ठमता और सेवा की शर्तों की जानकारी दी गई है। व्याोपक रूप से संशोधित भारतीय आर्थिक सेवा नियमावली 2008 दिनांक 6.6.2008 की अधिसूचना के तहत लाई गई थी। आईईएस की प्रबंध-व्यवस्था आर्थिक कार्य विभाग के संवर्ग नियंत्रण प्राधिकरण द्वारा की जाती है। संवर्ग नियंत्रण प्राधिकरण को उच्चवस्तथरीय भारतीय आर्थिक सेवा बोर्ड द्वारा सलाह दी जाती है जिसकी अध्यरक्षता मंत्रिमंडल सचिव करते हैं। तेजी से बढ़ते वैश्वी करण के परिवेश में निर्णय लेने की प्रक्रिया अब अधिकाधिक आर्थिक तर्कों से निर्देशित होती जा रही है। भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे मौजूदा सुधार कार्यक्रम को देखते हुए, भारतीय आर्थिक सेवा के अधिकारियों की भूमिका अधिक महत्वापूर्ण हो गई है। भारतीय आर्थिक सेवा के अधिकारी विशुद्ध आर्थिक क्षेत्रों के अलावा, अब सामाजिक क्षेत्र में भी नीति निर्माण की प्रक्रिया में निर्णायक योगदान कर रहे हैं। आज भारतीय अर्थव्य वस्थाे में चल रही सुधारों की प्रक्रिया में भारतीय आर्थिक सेवा से और भी अधिक महत्व्पूर्ण भूमिका निभाने की उम्मीपद की जाती है। बढ़ती जरूरतों के अनुसार ढलने के लिए, समय-समय पर भारतीय आर्थिक सेवा की समीक्षा तथा पुनर्संरचना के लिए कदम उठाए जाते रहे हैं। भारतीय आर्थिक सेवा की संवर्ग संख्या की समय-समय पर भारतीय आर्थिक सेवा बोर्ड द्वारा समीक्षा की जाती है जिसकी अध्यसक्षता मंत्रिमंडल सचिव करते हैं और मंत्रिमंडल द्वारा संवर्ग संख्याा का अनुमोदन किया जाता है। वर्ष 1991 में आईईएस संवर्ग की समीक्षा की गई थी। बाद में, वर्ष 2000 और 2005 में संवर्ग की समीक्षा की गई। भारतीय आर्थिक सेवा की संवर्ग समीक्षा करने और सेवा की पुनर्संरचना पर विचार करने के लिए दिनांक 4.8.2005 को आयोजित बैठक में मंत्रिमंडल ने सेवा के विभिन्नच ग्रेडों में इसकी वर्तमान संवर्ग संख्या को अनुमोदित किया था। उपर्युक्तं के अनुसरण में, वर्तमान में आईईएस संवर्ग की अनुमोदित संख्याक 501 है जिसमें 461 तैनाती पद और 40 ड्यूटी रिजर्व पद हैं। ये ड्यूटी पद भारत सरकार के 35 मंत्रालयों/विभागों में हैं। .
देखें भारत का योजना आयोग और भारतीय आर्थिक सेवा
मनमोहन सिंह
मनमोहन सिंह (ਮਨਮੋਹਨ ਸਿੰਘ; जन्म: २६ सितंबर १९३२) भारत गणराज्य के १३वें प्रधानमन्त्री थे। साथ ही साथ वे एक अर्थशास्त्री भी हैं। लोकसभा चुनाव २००९ में मिली जीत के बाद वे जवाहरलाल नेहरू के बाद भारत के पहले ऐसे प्रधानमन्त्री बन गये हैं, जिनको पाँच वर्षों का कार्यकाल सफलता पूर्वक पूरा करने के बाद लगातार दूसरी बार प्रधानमंत्री बनने का अवसर मिला है। इन्हें २१ जून १९९१ से १६ मई १९९६ तक पी वी नरसिंह राव के प्रधानमंत्रित्व काल में वित्त मन्त्री के रूप में किए गए आर्थिक सुधारों के लिए भी श्रेय दिया जाता है। .
देखें भारत का योजना आयोग और मनमोहन सिंह
संसाधन
संसाधन एक ऐसा स्रोत है जिसका उपयोग मनुष्य अपने लाभ के लिये करता है। कोई वस्तु प्रकृति में हो सकता है हमेशा से मौज़ूद रही हो लेकिन वह संसाधन तब बनती है जब मनुष्य को उसके लाभप्रद उपयोग के बारे में ज्ञात होता है और वह यह लाभ प्राप्त करना शुरू करता है। जिम्मरमैन के अनुसार "संसाधन होते नहीं, बन जात .
देखें भारत का योजना आयोग और संसाधन
जवाहरलाल नेहरू
जवाहरलाल नेहरू (नवंबर १४, १८८९ - मई २७, १९६४) भारत के प्रथम प्रधानमन्त्री थे और स्वतन्त्रता के पूर्व और पश्चात् की भारतीय राजनीति में केन्द्रीय व्यक्तित्व थे। महात्मा गांधी के संरक्षण में, वे भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन के सर्वोच्च नेता के रूप में उभरे और उन्होंने १९४७ में भारत के एक स्वतन्त्र राष्ट्र के रूप में स्थापना से लेकर १९६४ तक अपने निधन तक, भारत का शासन किया। वे आधुनिक भारतीय राष्ट्र-राज्य – एक सम्प्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, और लोकतान्त्रिक गणतन्त्र - के वास्तुकार मानें जाते हैं। कश्मीरी पण्डित समुदाय के साथ उनके मूल की वजह से वे पण्डित नेहरू भी बुलाएँ जाते थे, जबकि भारतीय बच्चे उन्हें चाचा नेहरू के रूप में जानते हैं। स्वतन्त्र भारत के प्रथम प्रधानमन्त्री का पद सँभालने के लिए कांग्रेस द्वारा नेहरू निर्वाचित हुएँ, यद्यपि नेतृत्व का प्रश्न बहुत पहले 1941 में ही सुलझ चुका था, जब गांधीजी ने नेहरू को उनके राजनीतिक वारिस और उत्तराधिकारी के रूप में अभिस्वीकार किया। प्रधानमन्त्री के रूप में, वे भारत के सपने को साकार करने के लिए चल पड़े। भारत का संविधान 1950 में अधिनियमित हुआ, जिसके बाद उन्होंने आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक सुधारों के एक महत्त्वाकांक्षी योजना की शुरुआत की। मुख्यतः, एक बहुवचनी, बहु-दलीय लोकतन्त्र को पोषित करते हुएँ, उन्होंने भारत के एक उपनिवेश से गणराज्य में परिवर्तन होने का पर्यवेक्षण किया। विदेश नीति में, भारत को दक्षिण एशिया में एक क्षेत्रीय नायक के रूप में प्रदर्शित करते हुएँ, उन्होंने गैर-निरपेक्ष आन्दोलन में एक अग्रणी भूमिका निभाई। नेहरू के नेतृत्व में, कांग्रेस राष्ट्रीय और राज्य-स्तरीय चुनावों में प्रभुत्व दिखाते हुएँ और 1951, 1957, और 1962 के लगातार चुनाव जीतते हुएँ, एक सर्व-ग्रहण पार्टी के रूप में उभरी। उनके अन्तिम वर्षों में राजनीतिक मुसीबतों और 1962 के चीनी-भारत युद्ध में उनके नेतृत्व की असफलता के बावजूद, वे भारत के लोगों के बीच लोकप्रिय बने रहें। भारत में, उनका जन्मदिन बाल दिवस के रूप में मनाया जाता हैं। .
देखें भारत का योजना आयोग और जवाहरलाल नेहरू
विचारक समूह
विचारक समूह या थिंक टैंक उस संस्था को कहते हैं जो सामाजिक नीति, राजनैतिक रणनीति, अर्थनीति, सैन्य नीति, प्रौद्योगिकी और संस्कृति जैसे विषयों पर गम्भीर व्यावहारिक चिन्तन करतीं हैं। इन्हें अनुसंधान संस्थान या नीति संस्थान भी कहते हैं। अधिकांश थिंक टैंक प्रायः लाभ-निरपेक्ष संस्थाएँ होतीं हैं और इन संस्थानों को यूएसए आदि देशों में कर से छूट भी दी जाती है। कुछ अन्य विचारक समूहों को सरकारें फण्ड देतीं हैं, कुछ को बड़े व्यवसाय फण्ड देते हें, कुछ को ऐडवोकेसी समूह पैसे देते हैं। .
देखें भारत का योजना आयोग और विचारक समूह
विशेषज्ञ
भौतिक साक्ष्यों के परिक्षण एवम प्रतिवेदन को जो व्यक्ति न्यायालय के समक्ष तथ्यों को लेकर जाता है, उस मुख्य व्यक्ति को विशेषज्ञ कहते हैं। विशेषज्ञ प्रमाणित किए गए सभी परिक्षणों को अच्छे तरीक़े से जानकारी एकत्रित करने के अलावा सम्भंदित साहित्य में अपने से वरिष्ठ सहयोगियों की सहायता लेकर भी रिपोर्ट तैयार कर सकता है। विशेषज्ञ अपनी शैश्निक योग्यता, परीक्षण का प्रकार एवम अवधि, सम्बन्धी विषय में परिक्षण कार्य का अनुभव आदि के बल पर न्यायालय में अपनी योग्यता सिद्ध करता है। .
देखें भारत का योजना आयोग और विशेषज्ञ
विज्ञान
संक्षेप में, प्रकृति के क्रमबद्ध ज्ञान को विज्ञान (Science) कहते हैं। विज्ञान वह व्यवस्थित ज्ञान या विद्या है जो विचार, अवलोकन, अध्ययन और प्रयोग से मिलती है, जो किसी अध्ययन के विषय की प्रकृति या सिद्धान्तों को जानने के लिये किये जाते हैं। विज्ञान शब्द का प्रयोग ज्ञान की ऐसी शाखा के लिये भी करते हैं, जो तथ्य, सिद्धान्त और तरीकों को प्रयोग और परिकल्पना से स्थापित और व्यवस्थित करती है। इस प्रकार कह सकते हैं कि किसी भी विषय के क्रमबद्ध ज्ञान को विज्ञान कह सकते है। ऐसा कहा जाता है कि विज्ञान के 'ज्ञान-भण्डार' के बजाय वैज्ञानिक विधि विज्ञान की असली कसौटी है। .
देखें भारत का योजना आयोग और विज्ञान
अर्थशास्त्र
---- विश्व के विभिन्न देशों की वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर (सन २०१४) अर्थशास्त्र सामाजिक विज्ञान की वह शाखा है, जिसके अन्तर्गत वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन, वितरण, विनिमय और उपभोग का अध्ययन किया जाता है। 'अर्थशास्त्र' शब्द संस्कृत शब्दों अर्थ (धन) और शास्त्र की संधि से बना है, जिसका शाब्दिक अर्थ है - 'धन का अध्ययन'। किसी विषय के संबंध में मनुष्यों के कार्यो के क्रमबद्ध ज्ञान को उस विषय का शास्त्र कहते हैं, इसलिए अर्थशास्त्र में मनुष्यों के अर्थसंबंधी कायों का क्रमबद्ध ज्ञान होना आवश्यक है। अर्थशास्त्र का प्रयोग यह समझने के लिये भी किया जाता है कि अर्थव्यवस्था किस तरह से कार्य करती है और समाज में विभिन्न वर्गों का आर्थिक सम्बन्ध कैसा है। अर्थशास्त्रीय विवेचना का प्रयोग समाज से सम्बन्धित विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता है, जैसे:- अपराध, शिक्षा, परिवार, स्वास्थ्य, कानून, राजनीति, धर्म, सामाजिक संस्थान और युद्ध इत्यदि। प्रो.
देखें भारत का योजना आयोग और अर्थशास्त्र
उद्योग
एक औद्योगिक क्षेत्र का दृश्य किसी विशेष क्षेत्र में भारी मात्रा में सामान का निर्माण/उत्पादन या वृहद रूप से सेवा प्रदान करने के मानवीय कर्म को उद्योग (industry) कहते हैं। उद्योगों के कारण गुणवत्ता वाले उत्पाद सस्ते दामों पर प्राप्त होते है जिससे लोगों का रहन-सहन के स्तर में सुधार होता है और जीवन सुविधाजनक होता चला जाता है। औद्योगिक क्रांति के परिणामस्वरूप यूरोप एवं उत्तरी अमेरिका में नये-नये उद्योग-धन्धे आरम्भ हुए। इसके बाद आधुनिक औद्योगीकरण ने पैर पसारना अरम्भ किया। इस काल में नयी-नयी तकनीकें एवं उर्जा के नये साधनों के आगमन ने उद्योगों को जबर्दस्त बढावा दिया। उद्योगों के दो मुख्य पक्ष हैं: १) भारी मात्रा में उत्पादन (मॉस प्रोडक्सन) उद्योगों में मानक डिजाइन के उत्पाद भारी मात्रा में उत्पन्न किये जाते हैं। इसके लिये स्वतः-चालित मशीनें एवं असेम्बली-लाइन आदि का प्रयोग किया जाता है। २) कार्य का विभाजन (डिविजन ऑफ् लेबर) उद्योगों में डिजाइन, उत्पादन, मार्कटिंग, प्रबन्धन आदि कार्य अलग-अलग लोगों या समूहों द्वारा किये जाते हैं जबकि परम्परागत कारीगर द्वारा निर्माण में एक ही व्यक्ति सब कुछ करता था/है। इतना ही नहीं, एक ही काम (जैसे उत्पादन) को छोटे-छोटे अनेक कार्यों में बांट दिया जाता है। सकल घरेलू उत्पाद (Gross domestic product/GDP) हरा - कृषि, लाल - उद्योग, नीला - सेवा क्षेत्र .
देखें भारत का योजना आयोग और उद्योग
यह भी देखें
भारत में आर्थिक नियोजन
- गाडगिल योजना
- नीति आयोग
- भारत का योजना आयोग
- भारत की पंचवर्षीय योजनाएँ
- सामुदायिक विकास खंड
योजना आयोग, योजना आयोग (भारत) के रूप में भी जाना जाता है।