सामग्री की तालिका
7 संबंधों: धनाग्र, प्रकाश, प्रकाश संसूचक, प्रकाश उत्सर्जक डायोड, सौर सेल, विद्युत धारा, कैथोड।
धनाग्र
ऐनोड धनाग्र (ऐनोड / anode) उस विद्युताग्र (इलेक्ट्रोड) को कहते हैं जिससे होकर किसी वैद्युत युक्ति में विद्युत धारा प्रवेश करती है। विद्युत धारा की दिशा इलेक्ट्रॉन के प्रवाह की दिशा के विपरीत होती है। श्रेणी:विद्युत.
देखें फोटोडायोड और धनाग्र
प्रकाश
सूर्य के प्रकाश से प्रकाशित एक मेघ प्रकाश एक विद्युतचुम्बकीय विकिरण है, जिसकी तरंगदैर्ध्य दृश्य सीमा के भीतर होती है। तकनीकी या वैज्ञानिक संदर्भ में किसी भी तरंगदैर्घ्य के विकिरण को प्रकाश कहते हैं। प्रकाश का मूल कण फ़ोटान होता है। प्रकाश की तीन प्रमुख विमायें निम्नवत है।.
देखें फोटोडायोड और प्रकाश
प्रकाश संसूचक
चित्र:Photomultiplier 6363 04.jpg|फोटोमल्टिप्लायर चित्र:Photomultiplier 6363 02.jpg|फोटोमल्टीप्लायर चित्र:Ccd-sensor.jpg|CCD-सेन्सर चित्र:Photodiode-closeup.jpg|फोटोडायोड चित्र:fototransb.jpg|फोटोट्रान्जिस्टर् चित्र:Fotocelda.jpg|फोटोरेजिस्टर प्रकाश संसूचक (Photosensors या photodetectors) एक युक्ति है जो प्रकाश या किसी अन्य विद्युतचुम्बकीय ऊर्जा (जैसे, ऊष्मा, एक्स-किरण आदि) की उपस्थिति/अनुपस्थिति की सूचना बताती है। .
देखें फोटोडायोड और प्रकाश संसूचक
प्रकाश उत्सर्जक डायोड
एल.ई.डी की आंतरिक संरचना प्रकाश उत्सर्जन डायोड (अंग्रेज़ी:लाइट एमिटिंग डायोड) एक अर्ध चालक-डायोड होता है, जिसमें विद्युत धारा प्रवाहित करने पर यह प्रकाश उत्सर्जित करता है। यह प्रकाश इसकी बनावट के अनुसार किसी भी रंग का हो सकता है। एल.ई.डी.
देखें फोटोडायोड और प्रकाश उत्सर्जक डायोड
सौर सेल
मोनोक्रिस्टलाइन सिलिकॉन वैफ़र से बना सौर सेल सौर बैटरी या सौर सेल फोटोवोल्टाइक प्रभाव के द्वारा सूर्य या प्रकाश के किसी अन्य स्रोत से ऊर्जा प्राप्त करता है। अधिकांश उपकरणों के साथ सौर बैटरी इस तरह से जोड़ी जाती है कि वह उस उपकरण का हिस्सा ही बन जाती जाती है और उससे अलग नहीं की जा सकती। सूर्य की रोशनी से एक या दो घंटे में यह पूरी तरह चार्ज हो जाती है। सौर बैटरी में लगे सेल प्रकाश को समाहित कर अर्धचालकों के इलेक्ट्रॉन को उस धातु के साथ क्रिया करने को प्रेरित करता है।। हिन्दुस्तान लाइव। ३१ मार्च २०१० एक बार यह क्रिया होने के बाद इलेक्ट्रॉन में उपस्थित ऊर्जा या तो बैटरी में भंडार हो जाती है या फिर सीधे प्रयोग में आती है। ऊर्जा के भंडारण होने के बाद सौर बैटरी अपने निश्चित समय पर डिस्चार्ज होती है। ये उपकरण में लगे हुए स्वचालित तरीके से पुनः चालू होती है, या उसे कोई व्यक्ति ऑन करता है। सौर सेल का चिह्न एक परिकलक में लगे सौर सेल अधिकांशतः जस्ता-अम्लीय (लेड एसिड) और निकल कैडमियम सौर बैटरियां प्रयोग होती हैं। लेड एसिड बैटरियों की कुछ सीमाएं होती हैं, जैसे कि वह पूरी तरह चार्ज नहीं हो पातीं, जबकि इसके विपरीत निकल कैडिमयम बैटरियों में यह कमी नहीं होती, लेकिन ये अपेक्षाकृत भी होती हैं। सौर बैटरियों को वैकल्पिक ऊर्जा स्रोत के रूप में भी प्रयोग करने हेतु भी गौर किया जा रहा है। अभी तक, इन्हें केवल छोटे इलैक्ट्रॉनिक उपकरणों में प्रयोगनीय समझा जा रहा है। पूरे घर को सौर बैटरी से चलाना चाहे संभव हो, लेकिन इसके लिए कई सौर बैटरियों की आवश्यकता होगी। इसकी विधियां तो उपलब्ध हैं, लेकिन यह अधिकांश लोगों के लिए अत्यधिक महंगा पड़ेगा। बहुत से सौर सेलों को मिलाकर (आवश्यकतानुसार श्रेणीक्रम या समानान्तरक्रम में जोड़कर) सौर पैनल, सौर मॉड्यूल, एवं सौर अर्रे बनाये जाते हैं। सौर सेलों द्वारा जनित उर्जा, सौर उर्जा का एक उदाहरण है। .
देखें फोटोडायोड और सौर सेल
विद्युत धारा
आवेशों के प्रवाह की दिशा से धारा की दिशा निर्धारित होती है। विद्युत आवेश के गति या प्रवाह में होने पर उसे विद्युत धारा (इलेक्ट्रिक करेण्ट) कहते हैं। इसकी SI इकाई एम्पीयर है। एक कूलांम प्रति सेकेण्ड की दर से प्रवाहित विद्युत आवेश को एक एम्पीयर धारा कहेंगे। .
देखें फोटोडायोड और विद्युत धारा
कैथोड
कैथोड कैथोड बिजली की ऋणात्मक छोर को कहते हैं। इलेक्ट्रॉन हमेशा एनोड से कैथोड की ओर आता है। .
देखें फोटोडायोड और कैथोड
प्रकाश चालकीय डायोड, प्रकाश ट्रांजिस्टर, फोटोट्रान्जिस्टर के रूप में भी जाना जाता है।