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3 संबंधों: फ़िलिस्तीनी राज्यक्षेत्र, यासिर अराफ़ात (फिलिस्तीनी नेता), हमास।
फ़िलिस्तीनी राज्यक्षेत्र
फ़िलिस्तीन का ध्वज फ़िलिस्तीन (अरबी: فلسطين) दुनिया का एक राज्यक्षेत्र है। यह इस क्षेत्र का नाम है जो लेबनान और मिस्र के बीच था के अधिकांश हिस्से पर इसराइल के राज्य की स्थापना की गई है। १९४८ से पहले सभी क्षेत्र फ़िलिस्तीन कहलाता था। जो खिलाफ़त उस्मानिया में स्थापित रहा लेकिन बाद में अंग्रेजों और फ़्रांसीसियों ने इस पर कब्जा कर लिया। १९४८ में यहाँ के अधिकांश क्षेत्र पर इस्राइली राज्य की स्थापना की गई। इसका राजधानी बैतुल मुक़द्दस था पर १९६७ में इसराइल ने कब्जा कर लिया। बैतुल मुक़द्दस को इस्राइली येरुशलम कहते हैं और यह शहर यहूदियों, ईसाइयों और मुसलमानों तीनों के पास पवित्र है। मुसलमानों का क़िबला प्रथम यही है। .
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यासिर अराफ़ात (फिलिस्तीनी नेता)
thumb मोहम्मद अब्दुल रहमान अब्दुल रऊफ़ अराफ़ात अलकुव्दा अल हुसैनी (4 अगस्त, 1929 – 11 नवंबर, 2004), जिन्हें यासिर अराफ़ात के लोकप्रिय नाम से ज्यादा जाना जाता है एक फिलिस्तीनी नेता एवं फिल्स्तीनी मुक्ति संगठन के अध्यक्ष थे। अराफात ऐसे पहले शख्स थे, जिन्हें किसी राष्ट्र का नेतृत्व न करते हुए भी संयुक्त राष्ट्र में भाषण देने के लिए आमंत्रित किया गया था। अराफात के नेतृत्व में उनके संगठन ने शांति की जगह संघर्ष को बढ़ावा दिया और इजरायल हमेशा उनके निशाने पर रहा। शांति से दूर संघर्ष की पहल करने वाले अराफात की छवि 1988 में अचानक बदली हुई दिखी। वो संयुक्त राष्ट्र में शांति के दूत के रूप में नजर आए। बाद में उन्हें शांति के नोबेल पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया। नेहरू-गांधी परिवार के साथ इनकी बहुत करीबियां थीं। इंदिरा गांधी को वो अपनी बड़ी बहन मानते थे। इन्होंने भारत में 1991 के चुनाव अभियान के दौरान राजीव गांधी को जानलेवा हमले को लेकर आगाह किया था। .
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हमास
हमास (अरबी भाषा में حركة المقاومة الاسلامي, या हरकत अल-मुकावामा अल-इस्लामिया या "इस्लामिक प्रतिरोध आंदोलन") फ़िलिस्तीनी सुन्नी मुसलमानों की एक सशस्त्र संस्था है जो फ़िलिस्तीन राष्ट्रीय प्राधिकरण की मुख्य पार्टी है। हमास का गठन 1987 में मिस्र तथा फलस्तीन के मुसलमानों ने मिलकर किया था जिसका उद्धेश्य क्षेत्र में इसरायली प्रशासन के स्थान पर इस्लामिक शासन की स्थापना करनी थी। हमास का प्रभाव ग़ज़ा पट्टी में अधिक है। इसके सशस्त्र विभाग का गठन 1992 में हुआ था। 1993 में किए गए पहले आत्मघाती हमले के बाद से लेकर 2005 तक हमास ने इसरायली क्षेत्रों में कई आत्मघाती हमले किए। 2005 में हमास ने हिंसा से अपने आप को अलग किया और 2006 में फलीस्तीनी चुनावों में हमास को जीत मिली। इसके बाद 2006 से गज़ा से इसरायली क्षेत्रों में रॉकेट हमलों का सिलसिला आरंभ हुआ जिसके लिए हमास को जिम्मेवार माना जाता है। सन् 2008 के अंत में इसरायल द्वारा गज़ा पट्टी में हमास के खिलाफ की गई सैन्य कार्रवाई में कोई 1300 लोग मारे गए थे। इस अभियान का उद्देश्य इसरायली क्षेत्रों में रॉकेट हमले रोकना था। पर हमास ने इसरायल पर आम नागरिकों को मारने का आरोप लगाया। .
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