3 संबंधों: भारत सरकार, राष्ट्रीय प्रशिक्षुता संवर्धन योजना, ऋण।
भारत सरकार
भारत सरकार, जो आधिकारिक तौर से संघीय सरकार व आमतौर से केन्द्रीय सरकार के नाम से जाना जाता है, 29 राज्यों तथा सात केन्द्र शासित प्रदेशों के संघीय इकाई जो संयुक्त रूप से भारतीय गणराज्य कहलाता है, की नियंत्रक प्राधिकारी है। भारतीय संविधान द्वारा स्थापित भारत सरकार नई दिल्ली, दिल्ली से कार्य करती है। भारत के नागरिकों से संबंधित बुनियादी दीवानी और फौजदारी कानून जैसे नागरिक प्रक्रिया संहिता, भारतीय दंड संहिता, अपराध प्रक्रिया संहिता, आदि मुख्यतः संसद द्वारा बनाया जाता है। संघ और हरेक राज्य सरकार तीन अंगो कार्यपालिका, विधायिका व न्यायपालिका के अन्तर्गत काम करती है। संघीय और राज्य सरकारों पर लागू कानूनी प्रणाली मुख्यतः अंग्रेजी साझा और वैधानिक कानून (English Common and Statutory Law) पर आधारित है। भारत कुछ अपवादों के साथ अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के न्याय अधिकारिता को स्वीकार करता है। स्थानीय स्तर पर पंचायती राज प्रणाली द्वारा शासन का विकेन्द्रीकरण किया गया है। भारत का संविधान भारत को एक सार्वभौमिक, समाजवादी गणराज्य की उपाधि देता है। भारत एक लोकतांत्रिक गणराज्य है, जिसका द्विसदनात्मक संसद वेस्टमिन्स्टर शैली के संसदीय प्रणाली द्वारा संचालित है। इसके शासन में तीन मुख्य अंग हैं: न्यायपालिका, कार्यपालिका और व्यवस्थापिका। .
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राष्ट्रीय प्रशिक्षुता संवर्धन योजना
राष्ट्रीय प्रशिक्षुता संवर्धन योजना (National Apprenticeship Promotion Scheme /NAPS) भारत सरकार की एक योजना है जो भारत में प्रशिक्षुता को बढ़ावा देने के लिए उद्देश्य से लागू की गयी है। यह योजना 19 दिसंबर, 2016 को कानपुर में भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आरम्भ की गयी और इसके तहत 15 प्रतिष्ठानों को प्रतिपूर्ति चेक का वितरण किया गया। यह योजना 19 अगस्त, 2016 से प्रभावी है। इस योजना ने पहले से चल रही प्रशिक्षु प्रोत्साहन योजना (Apprenticeship Incentive Plan-AIP) का स्थान लिया है। योजना का परिव्यय 10,000 करोड़ रुपये है। योजना का लक्ष्य वर्ष 2019-2020 तक 50 लाख प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षित करना है। यह पहली योजना है जिसमें प्रशिक्षुओं के प्रशिक्षण में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए नियोक्ताओं को वित्तीय प्रोत्साहन देने की व्यवस्था है। केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और चार या अधिक राज्यों में सक्रिय निजी प्रतिष्ठानों के लिए इस योजना योजना का क्रियान्वयन ‘क्षेत्रीय प्रशिक्षुता प्रशिक्षण निदेशालयों’ (RDATs) द्वारा किया जाएगा। जबकि राज्यों के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और निजी क्षेत्र के प्रतिष्ठानों हेतु योजना का क्रियान्वयन राज्य प्रशिक्षुता सलाहकारों द्वारा अपने संबंधित राज्यों में किया जाएगा। .
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ऋण
ऋण वह है, जो किसी से माँगा या लिया जाता है; सामान्यतः यह ली गयी संपत्ति को व्यक्त करता है, लेकिन यह शब्द धन की आवश्यकता के परे नैतिक दायित्व एवं अन्य पारस्परिक क्रियाओं को भी व्यक्त करता है। परिसंपत्तियों के मामले में, ऋण कुल जोड़ अर्जित होने के पूर्व वर्तमान में भविष्य की क्रय शक्ति के प्रयोग का माध्यम है। कुछ कंपनियां एवं निगम ऋण का प्रयोग अपनी संपूर्ण संगठित (कॉरपोरेट) वित्तीय योजनाओं के भाग के रूप में करते हैं। ऋण तब सृजित होता है जब एक ऋणदाता एक ऋण प्राप्तकर्ता या ऋणी को कुछ परिसंपत्ति प्रदान करता है। आधुनिक समाज में, सामान्यतः ऋण को अपेक्षित पुनर्भुगतान के साथ प्रदान किया जाता है; ज़्यादातर मामलों में, ब्याज सहित.