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ऋण

सूची ऋण

ऋण वह है, जो किसी से माँगा या लिया जाता है; सामान्यतः यह ली गयी संपत्ति को व्यक्त करता है, लेकिन यह शब्द धन की आवश्यकता के परे नैतिक दायित्व एवं अन्य पारस्परिक क्रियाओं को भी व्यक्त करता है। परिसंपत्तियों के मामले में, ऋण कुल जोड़ अर्जित होने के पूर्व वर्तमान में भविष्य की क्रय शक्ति के प्रयोग का माध्यम है। कुछ कंपनियां एवं निगम ऋण का प्रयोग अपनी संपूर्ण संगठित (कॉरपोरेट) वित्तीय योजनाओं के भाग के रूप में करते हैं। ऋण तब सृजित होता है जब एक ऋणदाता एक ऋण प्राप्तकर्ता या ऋणी को कुछ परिसंपत्ति प्रदान करता है। आधुनिक समाज में, सामान्यतः ऋण को अपेक्षित पुनर्भुगतान के साथ प्रदान किया जाता है; ज़्यादातर मामलों में, ब्याज सहित.

30 संबंधों: धन, निवेश, निगम, परिसम्पत्ति, बचत, बाज़ार, ब्याज, बैंक, मुद्रा (भाव भंगिमा), मुद्रा स्फीति, मूडीज़, समय, सम्पत्ति, संगठन, सुरक्षा, सूदखोरी, जोखिम, वर्ष, वर्जित, वस्तु, वित्त बाज़ार, इस्लाम, कंपनी, कैथोलिक गिरजाघर, अपराध, अपस्फीति, अर्थशास्त्री, अंग्रेजी विधि, उपभोग, ऋण

धन

धन कोई भी वस्तु या सत्यापन का रिकॉर्ड है जिसे सामान्यतः माल और सेवाओं के भुगतान के रूप में स्वीकार किया जाता है। साथ ही उससे किसी विशेष देश या सामाजिक-आर्थिक संदर्भ में ऋण का पुनर्भुगतान किया जा सकता है। धन का मुख्य कार्य है: विनिमय माध्यम, लेखा इकाई और मूल्य का संचय। इन कार्यों को पूरा करने वाली किसी भी वस्तु या प्रमाणित रिकॉर्ड को धन के रूप में माना जा सकता है। लगभग सभी समकालीन मुद्रा प्रणालियां अधिदिष्‍ट मुद्रा पर आधारित हैं। श्रेणी:मौद्रिक अर्थशास्त्र श्रेणी:आर्थिक मानवशास्त्र श्रेणी:धन.

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निवेश

निवेश या विनियोग (investment) का सामान्य आशय ऐसे व्ययों से है जो उत्पादन क्षमता में वृद्धि लायें। यह तात्कालिक उपभोग व्यय या ऐसे व्ययों संबंधित नहीं है जो उत्पादन के दौरान समाप्त हो जाए। निवेश शब्द का कई मिलते जुलते अर्थों में अर्थशास्त्र, वित्त तथा व्यापार-प्रबन्धन आदि क्षेत्रों में प्रयोग किया जाता है। यह पद बचत करने और उपभोग में कटौती या देरी के संदर्भ में प्रयुक्त होता है। निवेश के उदाहरण हैं- किसी बैंक में पूंजी जमा करना, या परिसंपत्ति खरीदने जैसे कार्य जो भविष्य में लाभ पाने की दृष्टि से किये जाते हैं। सामान्यतः इसे किसी वर्ष में पूँजी स्टॉक में होने वाली वृद्धि के रूप में परिभाषित करते हैं। संचित निवेश या विनियोग ही पूँजी है। .

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निगम

निगम एक विशेषाधिकार प्राप्त स्वतन्त्र कानूनी इकाई के रूप में पहचानी जाने वाली अलग संस्था है जिसके पास अपने सदस्यों से पृथक अपने अधिकार और दायित्व हैं। निगमों के कई प्रकार हैं, जिनमे से अधिकतर का उपयोग व्यापार करने के लिए किया जाता है। निगम कॉर्पोरेट कानून का एक उत्पाद हैं और इनके नियम उन प्रबंधकों के हितों को संतुलित करते हैं जो निगम, लेनदारों, शेयरधारकों तथा श्रम का योगदान करने वाले कर्मचारियों का संचालन करते हैं। आधुनिक समय में, निगम तेजी से आर्थिक जीवन का एक प्रमुख हिस्सा बन गए हैं। निगम की एक महत्वपूर्ण सुविधा सीमित देयता है। अगर एक निगम विफल होता है, तो शेयरधारक सामान्य रूप से केवल अपने निवेश को खोते हैं और कर्मचारी केवल अपनी नौकरी खो देंगे, किन्तु उन में से कोई भी निगम के लेनदारों के ऋणों के प्रति उत्तरदायी नहीं होगा.

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परिसम्पत्ति

वित्तीय लेखांकन में, परिसम्पत्ति (asset) एक आर्थिक संसाधन है। हर मूर्त या अमूर्त वस्तु जिसका मूल्योत्पादन के लिए स्वामी बना जा सके या नियन्त्रण किया जा सके और जिसके पास धनात्मक आर्थिक मूल्य हो, परिसम्पत्ति मानी जाती है। सरल शब्दों में, परिसम्पत्तियाँ स्वामित्व के मूल्य का प्रतिनिधित्व करती हैं, जो कैश में रूपान्तरित किये जा सकें (यद्यपि, कैश स्वयं एक परिसम्पत्ति मानी जाती है)। परिसम्पत्ति से आशय उद्यम के आर्थिक स्रोत से है जिन्हें मुद्रा में व्यक्त किया जा सकता है, जिनका मूल्य होता है और जिनका उपयोग व्यापर के संचालन व आय अर्जन के लिए किया जाता है। उदाहरण के लिए, मशीन, भूमि, भवन, ट्रक, आदि। .

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बचत

सामान्य अर्थों में बचत का अर्थ धन को संरक्षित करने यथा- बैंक में रखने, पेंशन फंड में निवेश करने इत्यादि से लगाया जाता है। लेकिन व्यापक अर्थ में 'बचत' शब्द खर्च घटाने, संसाधन बचाने जैसी आर्थिक गतिविधियों के लिए प्रयुक्त होता है। अर्थशास्त्र.

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बाज़ार

भारत की एक दुकान में मौजूद वस्तुओं का चित्र Wet market in Singapore बाज़ार ऐसी जगह को कहते हैं जहाँ पर किसी भी चीज़ का व्यापार होता है। आम बाज़ार और ख़ास चीज़ों के बाज़ार दोनों तरह के बाज़ार अस्तित्व में हैं। बाज़ार में कई बेचने वाले एक जगह पर होतें हैं ताकि जो उन चीज़ों को खरीदना चाहें वे उन्हें आसानी से ढूँढ सकें। बाजार जहां पर वस्तुओं और सेवाओं का क्रय व विक्रय होता है उसे बाजार कहते हैं.

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ब्याज

ब्याज एक ऐसा शुल्क है जो उधार ली गयी संपत्ति (ऋण) के लिए किया जाता है। यह उधार लिए गए पैसे के लिए अदा की गयी कीमत है, या, जमा धन से अर्जित किया गया पैसा है। जिन संपत्तियों को ब्याज के साथ उधार दिया जाता है उनमें शामिल हैं धन, शेयर, किराए पर खरीद द्वारा उपभोक्ता वस्तुएं, प्रमुख संपत्तियां जैसे विमान और कभी-कभी वित्त पट्टा व्यवस्था पर दिया गया पूरा कारखाना.

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बैंक

जर्मनी के फ्रैंकफुर्त में डश-बैंक बैंक (Bank) उस वित्तीय संस्था को कहते हैं जो जनता से धनराशि जमा करने तथा जनता को ऋण देने का काम करती है। लोग अपनी अपनी बचत राशि को सुरक्षा की दृष्टि से अथवा ब्याज कमाने के हेतु इन संस्थाओं में जमा करते और आवश्यकतानुसार समय समय पर निकालते रहते हैं। बैंक इस प्रकार जमा से प्राप्त राशि को व्यापारियों एवं व्यवसायियों को ऋण देकर ब्याज कमाते हैं। आर्थिक आयोजन के वर्तमान युग में कृषि, उद्योग एवं व्यापार के विकास के लिए बैंक एवं बैंकिंग व्यवस्था एक अनिवार्य आवश्यकता मानी जाती है। राशि जमा रखने तथा ऋण प्रदान करने के अतिरिक्त बैंक अन्य काम भी करते हैं जैसे, सुरक्षा के लिए लोगों से उनके आभूषणादि बहुमूल्य वस्तुएँ जमा रखना, अपने ग्राहकों के लिए उनके चेकों का संग्रहण करना, व्यापारिक बिलों की कटौती करना, एजेंसी का काम करना, गुप्त रीति से ग्राहकों की आर्थिक स्थिति की जानकारी लेना देना। अत: बैंक केवल मुद्रा का लेन देन ही नहीं करते वरन् साख का व्यवहार भी करते हैं। इसीलिए बैंक को साख का सृजनकर्ता भी कहा जाता है। बैंक देश की बिखरी और निठल्ली संपत्ति को केंद्रित करके देश में उत्पादन के कार्यों में लगाते हैं जिससे पूँजी निर्माण को प्रोत्साहन मिलता है और उत्पादन की प्रगति में सहायता मिलती है। भारतीय बैंकिग कंपनी कानून, १९४९ के अंतर्गत बैंक की परिभाषा निम्न शब्दों में दी गई हैं: एक ही बैंक के लिए व्यापार, वाणिज्य, उद्योग तथा कृषि की समुचित वित्तव्यवस्था करना असंभव नहीं तो कठिन अवश्य होता है। अतएव विशिष्ट कार्यों के लिए अलग अलग बैंक स्थापित किए जाते हैं जैसे व्यापारिक बैंक, कृषि बैंक, औद्योगिक बैंक, विदेशी विनिमय बैंक तथा बचत बैंक। इन सब प्रकार के बैंकों को नियमपूर्वक चलाने तथा उनमें पारस्परिक तालमेल बनाए रखने के लिए केंद्रीय बैंक होता है जो देश भर की बैंकिंग व्यवस्था का संचालन करता है। समय के साथ कई अन्य वित्तीय गतिविधियाँ जुड़ गईं। उदाहरण के लिए बैंक वित्तीय बाजारों में महत्वपूर्ण खिलाडी हैं और निवेश फंड जैसे वित्तीय सेवाओं की पेशकश कर रहे हैं। कुछ देशों (जैसे जर्मनी) में बैंक औद्योगिक निगमों के प्राथमिक मालिक हैं, जबकि अन्य देशों (जैसे संयुक्त राज्य अमेरिका) में बैंक गैर वित्तीय कंपनियों स्वक्मित्व से निषिद्ध रहे हैं। जापान में बैंक को आमतौर पर पार शेयर होल्डिंग इकाई (ज़ाइबत्सू) के रूप में पहचाना जाता है। फ़्रांस में अधिकांश बैंक अपने ग्राहकों को बिमा सेवा प्रदान करते हैं। .

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मुद्रा (भाव भंगिमा)

---- एक मुद्रा (संस्कृत: मुद्रा, (अंग्रेजी में: "seal", "mark," या "gesture")) हिंदू धर्म और बौद्ध धर्म में एक प्रतीकात्मक या आनुष्ठानिक भाव या भाव-भंगिमा है। जबकि कुछ मुद्राओं में पूरा शरीर शामिल रहता है, लेकिन ज्यादातर मुद्राएं हाथों और उंगलियों से की जाती हैं। एक मुद्रा एक आध्यात्मिक भाव-भंगिमा है और भारतीय धर्म तथा धर्म और ताओवाद की परंपराओं के प्रतिमा शास्त्र व आध्यात्मिक कर्म में नियोजित प्रामाणिकता की एक ऊर्जावान छाप है। नियमित तांत्रिक अनुष्ठानों में एक सौ आठ मुद्राओं का प्रयोग होता है। योग में, आम तौर पर जब वज्रासन की मुद्रा में बैठा जाता है, तब सांस के साथ शामिल शरीर के विभिन्न भागों को संतुलित रखने के लिए और शरीर में प्राण के प्रवाह को प्रभावित करने के लिए मुद्राओं का प्रयोग प्राणायाम (सांस लेने के योगिक व्यायाम) के संयोजन के साथ किया जाता है। नवंबर 2009 में राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी में प्रकाशित एक शोध आलेख में दिखाया गया है कि हाथ की मुद्राएं मस्तिष्क के उसी क्षेत्र को उत्तेजित या प्रोत्साहित करती हैं जो भाषा की हैं। .

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मुद्रा स्फीति

मुद्रा स्फीति (en:inflation) गणितीय आकलन पर आधारित एक अर्थशास्त्रीय अवधारणा है जिससे बाज़ार में मुद्रा का प्रसार व वस्तुओ की कीमतों में वृद्धि या कमी की गणना की जाती है। उदाहरण के लिएः १९९० में एक सौ रुपए में जितना सामान आता था, अगर २००० में उसे ख़रीदने के लिए दो सौ रुपए व्यय करने पड़े है तो माना जाएगा कि मुद्रा स्फीति शत-प्रतिशत बढ़ गई। चीज़ों की क़ीमतों में बढ़ोतरी और मुद्रा की क़ीमत में कमी को वैज्ञानिक ढंग से सूचीबद्ध करना मुद्रा स्फीति का काम होता है। इससे ब्याज दरें भी तय होती हैं। मुद्रा स्फीति समस्त अर्थशास्त्रीय शब्दों में संभवतः सर्वाधिक लोकप्रिय है। किंतु इसे पारिभाषित करना एक कठिन कार्य है। विभिन्न विद्वानों ने इसकी भिन्न-भिन्न परिभाषा दी हैं.

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मूडीज़

मूडीज़ इन्वेस्टर्स सर्विस (Moody's Investors Service) मूडीज कॉरपोरेशन की बॉण्ड-क्रेडिट की रेटिंग करने वाली कम्पनी है। इसको संक्षेप में केवल 'मूडीज़' कहा जाता है। मूडीज़ की निवेशक सेवा वाणिज्यिक और सरकारी संस्थाओं के द्वारा जारी किए गए बॉण्डों पर अंतरराष्ट्रीय वित्तीय अनुसंधान प्रदान करती है। मूडीज़ का नाम दुनिया की सबसे बड़ी तीन क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों में स्टैंडर्ड एंड पुअर्स और फिच समूह के साथ शामिल है। कंपनी एक मानकीकृत रेटिंग पैमाने का उपयोग करके उधारकर्ताओं की ऋणपात्रता को रैंक देती है। इस रेटिंग पैमाने में चूक की स्थिति में निवेशक के संभावित नुकसान की गणना की जाती है। मूडीज़ की निवेशक सेवा बॉण्ड बाज़ार के विभिन्न खंडों में ऋण प्रतिभूतियों को रेटिंग देती है। इनमें सरकारी, म्यूनिसिपल और कार्पोरेट बॉण्ड; मनी मार्केट फंडों तथा नियत-आय वाले फंंडों जैसे प्रबंधित निवेश; बैंकों तथा गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों सहित वित्तीय संस्थाएं; और संरचनागत वित्त मेंं आस्ति श्रेणियां शामिल हैं। मूडीज़ की निवेशक सेवा की रेटिंग में प्रतिभूतियों को एएए से सी तक की रेटिंंग दी जाती है जिसमें एएए उच्चतम गुणवत्ता और सी निम्नतम गुणवत्ता को दर्शाता है। मूडीज़ की स्थापना 1909 में जॉन मूडी ने स्टॉक और बॉण्ड तथा बॉण्ड और बॉण्ड रेटिंग से संबंधित सांख्यिकी का मैनुअल बनाने के लिए किया था। यू.एस.सेक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन के द्वारा वर्ष 1975 में कंपनी को राष्ट्रीय मान्यताप्राप्त सांख्यिकी रेटिंग संगठन (NRSRO) के रूप में चिह्नित किया गया था। कई दशकों तक डन एंड ब्राड्स्ट्रीट के स्वामित्व के बाद मूडीज़ निवेशक सेवा वर्ष 2000 में एक स्वतंत्र कंपनी बन गई। मूडीज़ की स्थापना एक होल्डिंग कंपनी के रूप में हुई। .

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समय

समय मापने की प्राचीन (किन्तु मेधापूर्ण) तरीका: '''रेतघड़ी''' समय (time) एक भौतिक राशि है। जब समय बीतता है, तब घटनाएँ घटित होती हैं तथा चलबिंदु स्थानांतरित होते हैं। इसलिए दो लगातार घटनाओं के होने अथवा किसी गतिशील बिंदु के एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक जाने के अंतराल (प्रतीक्षानुभूति) को समय कहते हैं। समय नापने के यंत्र को घड़ी अथवा घटीयंत्र कहते हैं। इस प्रकार हम यह भी कह सकते हैं कि समय वह भौतिक तत्व है जिसे घटीयंत्र से नापा जाता है। सापेक्षवाद के अनुसार समय दिग्देश (स्पेस) के सापेक्ष है। अत: इस लेख में समयमापन पृथ्वी की सूर्य के सापेक्ष गति से उत्पन्न दिग्देश के सापेक्ष समय से लिया जाएगा। समय को नापने के लिए सुलभ घटीयंत्र पृथ्वी ही है, जो अपने अक्ष तथा कक्ष में घूमकर हमें समय का बोध कराती है; किंतु पृथ्वी की गति हमें दृश्य नहीं है। पृथ्वी की गति के सापेक्ष हमें सूर्य की दो प्रकार की गतियाँ दृश्य होती हैं, एक तो पूर्व से पश्चिम की तरफ पृथ्वी की परिक्रमा तथा दूसरी पूर्व बिंदु से उत्तर की ओर और उत्तर से दक्षिण की ओर जाकर, कक्षा का भ्रमण। अतएव व्यावहारिक दृष्टि से हम सूर्य से ही काल का ज्ञान प्राप्त करते हैं। .

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सम्पत्ति

पूर्वी तथा पश्चिमी समाजों द्वारा संपत्ति का प्रयोग सामाजिक संगठन तथा सामाजिक रहन-सहन के लिए एक अत्यावश्यक वस्तु के रूप में होता रहा है। संपत्ति शब्द का आशय, इससे संबंधित अन्य विचारों से, जिन्हें "वस्तु" या "रेस" (res), "डोमस" (Domus) तथा "स्वामी" (प्रोप्रायटर) आदि शब्दों से व्यक्त किया गया, विकसित हुआ। .

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संगठन

संगठन (organisation) वह सामाजिक व्यवस्था या युक्ति है जिसका लक्ष्य एक होता है, जो अपने कार्यों की समीक्षा करते हुए स्वयं का नियन्त्रण करती है, तथा अपने पर्यावरण से जिसकी अलग सीमा होती है। संगठन तरह-तरह के हो सकते हैं - सामाजिक, राजनैतिक, आर्थिक, सैनिक, व्यावसायिक, वैज्ञानिक आदि। .

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सुरक्षा

सुरक्षा (security) हानि से बचाव करने की क्रिया और व्यवस्था को कहते हैं। यह व्यक्ति, स्थान, वस्तु, निर्माण, निवास, देश, संगठन या ऐसी किसी भी अन्य चीज़ के सन्दर्भ में प्रयोग हो सकती है जिसे नुकसान पहुँचाया जा सकता हो। .

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सूदखोरी

सूदखोरी वो व्यवस्था होती है जिसमें कर्ज़ अत्यधिक ब्याज पर या कोई अनैतिक तरीके से दिया जाता है। इस व्यवस्था में कर्ज़ लेने वाले का लाभ नहीं बल्कि कर्ज देने वाला का लाभ प्रधान होता है। ऐतिहासिक तौर पर और आज भी कई समाज में कर्ज पर ब्याज लेना ही सूदखोरी माना जाता था। ईसाई धर्म में ब्याज लेना गलत आचरण माना जाता था। इस कारण ईसाई समाजों में यहूदी ही कर्ज मुहैया कराते थे। प्राचीन हिन्दू ग्रंथों में भी सूदखोरी को गलत माना गया है। .

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जोखिम

जोखिम (risk) किसी मूल्य की चीज़ को पाने या खोने की सम्भावना को कहते हैं। जोखिम के कार्यों और प्रक्रियाओं में अनिश्चितता का तत्व उपस्थित होता है। जोखिम एक विस्तृत अवधारणा है जिसका विभिन्न परस्थितियों में विभिन्न प्रकार से विश्लेषण व प्रबंधन किया जाता है। .

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वर्ष

एक वर्ष या साल सूर्य की चारों ओर अपनी कक्षा में चलती पृथ्वी की कक्षीय अवधि है। पृथ्वी के अक्षीय झुकाव के कारण, एक वर्ष का कोर्स ऋतुओं के गुजरने को देखता है, और वह चिन्हित होता हैं मौसम में, दिवालोक के घंटों में, और परिणामस्वरूप, वनस्पति और मिट्टी उर्वरता में बदलावों द्वारा। ग्रह के शीतोष्ण और उपध्रुवीय क्षेत्रों में, चार ऋतु आमतौर पर पहचाने जाते हैं: वसंत, ग्रीष्म, शरद और शीत ऋतु। उष्णकटिबन्धीय और उपोष्णकटिबन्धीय क्षेत्रों में, कई भौगोलिक क्षेत्र परिभाषित मौसम प्रस्तुत नहीं करते हैं; लेकिन मौसमी उष्णकटिबन्ध में, वार्षिक आर्द्र (गीले) और शुष्क (सूखे) ऋतु पहचाने जाते हैं और ट्रैक किए जाते हैं। चालू वर्ष है। एक कालदर्शक वर्ष किसी प्रदत्त कालदर्शक में गिने हुएँ पृथ्वी की कक्षीय अवधि के दिनों की संख्या का अनुमान है। ग्रेगोरियन, या आधुनिक, कालदर्शक, अपने कालदर्शक के रूप में 365 दिनों के एक आम वर्ष या 366 दिनों के अधिवर्ष को प्रस्तुत करता है, जो जूलियन कालदर्शक भी करते हैं; नीचे देखो। .

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वर्जित

वर्जित एक हिन्दी शब्द है। .

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वस्तु

वस्तु एकनिर्जीव पदार्थ या उत्पाद है जिसे मुद्रा अथवा सेवाओं के बदले प्राप्त किया जा सकता है। श्रेणी:प्रारंभिक लेख.

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वित्त बाज़ार

अर्थ के संबंध में वित्त बाजार (financial market) वह व्यवस्था है जो लोगों को वित्तीय प्रतिभूतियों (जैसे शेयर, बांड आदि), वस्तुओं (जैसे मूल्यवान धातुएँ, कृषि उत्पाद आदि) एवं अन्य सामानों के क्रय-विक्रय (व्यापार) की सुविधा देता है ताकि वे कम खर्चे पर दक्षतापूर्वक क्रय-विक्रय कर सकें। .

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इस्लाम

इस्लाम (अरबी: الإسلام) एक एकेश्वरवादी धर्म है, जो इसके अनुयायियों के अनुसार, अल्लाह के अंतिम रसूल और नबी, मुहम्मद द्वारा मनुष्यों तक पहुंचाई गई अंतिम ईश्वरीय पुस्तक क़ुरआन की शिक्षा पर आधारित है। कुरान अरबी भाषा में रची गई और इसी भाषा में विश्व की कुल जनसंख्या के 25% हिस्से, यानी लगभग 1.6 से 1.8 अरब लोगों, द्वारा पढ़ी जाती है; इनमें से (स्रोतों के अनुसार) लगभग 20 से 30 करोड़ लोगों की यह मातृभाषा है। हजरत मुहम्मद साहब के मुँह से कथित होकर लिखी जाने वाली पुस्तक और पुस्तक का पालन करने के निर्देश प्रदान करने वाली शरीयत ही दो ऐसे संसाधन हैं जो इस्लाम की जानकारी स्रोत को सही करार दिये जाते हैं। .

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कंपनी

समवाय या कंपनी (Company), व्यापारिक संगठन का एक रूप है। संयुक्त राज्य अमेरिका में कंपनी एक निगम होता है- जिसका आशय एक संघ, संगठन, भागीदारी से हो सकता है और ये एक औद्योगिक उद्देश्य से जुड़ी होनी चाहिये। 'कम्पनी' शब्द लैटिन भाषा से लिया गया है जिसका अर्थ 'साथ-साथ' है। प्रारम्भ में कम्पनी, ऐसे व्यक्तियों के संघ को कहा जाता था जो अपना खाना साथ-साथ खाते थे। इस खाने पर व्यवसाय की बातें भी होती थी। आजकल कम्पनियों का आशय ऐसे संघ से हो गया जिसमें संयुक्त पूंजी होती है। कम्पनी का आशय कम्पनी अधिनियम के अधीन निर्मित एक 'कृत्रिम व्यक्ति' से है, जिसका अपने सदस्यों से पृथक अस्तित्व एवं अविच्छिन्न उत्तराधिकार होता है। साधारणतः ऐसी कम्पनी का निर्माण किसी विशेष उद्देश्य की प्राप्ति के लिए होता है और जिसकी एक सार्वमुद्रा (common seal) होती है। गौरव श्याम शुक्ल के अनुसार, .

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कैथोलिक गिरजाघर

कैथोलिक गिरजाघर, जिसे रोमन कैथोलिक गिरजाघर के रूप में भी जाना जाता है, दुनिया का सबसे बड़ा ईसाई गिरजाघर है, दावे के अनुसार इसके सौ करोड़ से अधिक सदस्य हैं।.

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अपराध

अपराध या दंडाभियोग (crime) की परिभाषा भिन्न-भिन्न रूपों में की गई है; यथा,.

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अपस्फीति

अर्थशास्त्र में, अपस्फीति वस्तुओं और सेवाओं के सामान्य मूल्य के स्तर में गिरावट है। अपस्फीति तभी होती है जब वार्षिक मुद्रास्फीति की दर शून्य प्रतिशत की दर से भी नीची गिर जाती है (नकारात्मक मुद्रास्फीति दर), जिसके फलस्वरूप मुद्रा के असली मूल्य में वृद्धि हो जाती है - इससे एक क्रेता उसी राशि से अधिक माल खरीदने की सुविधा पा जाता है। इसे अवस्फीति, मुद्रास्फीति के दर में कमी (अर्थात मुद्रास्फीति की दर घट तो जाती है, लेकिन फिर भी सकारात्मक ही बनी रहती है), समझने की भूल नहीं की जानी चाहिए। समय के साथ-साथ जैसे-जैसे मुद्रास्फीति मुद्रा के असली मूल्य में गिरावट लाती है, इसके ठीक विपरीत, अपस्फीति मुद्रा के वास्तविक मूल्य में- कार्यात्मक मुद्रा (एवं लेखा की मौद्रिक इकाई में) राष्ट्रीय अथवा क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था में वृद्धि लाती है। वर्तमान समय में, मुख्यधारा के अर्थशास्त्रियों का आमतौर पर मानना है कि अपस्फीतिकारी जटिलताओं के खतरे ((नीचे वर्णित)) के कारण आधुनिक अर्थव्यवस्था में अपस्फीति एक समस्या है। अपस्फीति को आर्थिक मंदी और विश्वव्यापी मंदी से भी जोड़ा जाता है, जैसे कि बैंक जमाकर्ताओं की अदायगी में चूक जाते हैं। इसके अतिरिक्त, अर्थव्यवस्था के स्थिरीकरण में अपस्फीति मौद्रिक नीति निर्धारण में एक ऐसी प्रक्रिया के तहत रूकावट पैदा करती है जिसे लिक्विडिटी ट्रैप कहते हैं। हालांकि, ऐतिहासिक रूप से अपस्फीति की सभी घटनाएं, कमजोर आर्थिक विकास के दौरे से जुड़ी नहीं हैं। .

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अर्थशास्त्री

अर्थशास्त्र के विद्वान को अर्थशास्त्री कहते हैं। श्रेणी:अर्थशास्त्र श्रेणी:चित्र जोड़ें.

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अंग्रेजी विधि

विश्व के वे क्षेत्र जहाँ पूर्णतः या आंशिक रूप से अंग्रेजी विधि चलती है इंग्लैण्ड और वेल्स की कानून प्रणाली को अंग्रेजी विधि (English law) कहा जाता है। अधिकांश राष्ट्रकुल देशों एवं संयुक्त राज्य अमेरिका की 'समान विधि' (common law) इसी प्रणाली पर आधारित है। जब वर्तमान राष्ट्रकुल देशों में ब्रितानी साम्राज्य था, उस समय ये कानून इन देशों में लागू किये गये और अब तक चल रहे हैं। .

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उपभोग

उपभोग के निम्नलिखित अर्थ हो सकते हैं.

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ऋण

ऋण वह है, जो किसी से माँगा या लिया जाता है; सामान्यतः यह ली गयी संपत्ति को व्यक्त करता है, लेकिन यह शब्द धन की आवश्यकता के परे नैतिक दायित्व एवं अन्य पारस्परिक क्रियाओं को भी व्यक्त करता है। परिसंपत्तियों के मामले में, ऋण कुल जोड़ अर्जित होने के पूर्व वर्तमान में भविष्य की क्रय शक्ति के प्रयोग का माध्यम है। कुछ कंपनियां एवं निगम ऋण का प्रयोग अपनी संपूर्ण संगठित (कॉरपोरेट) वित्तीय योजनाओं के भाग के रूप में करते हैं। ऋण तब सृजित होता है जब एक ऋणदाता एक ऋण प्राप्तकर्ता या ऋणी को कुछ परिसंपत्ति प्रदान करता है। आधुनिक समाज में, सामान्यतः ऋण को अपेक्षित पुनर्भुगतान के साथ प्रदान किया जाता है; ज़्यादातर मामलों में, ब्याज सहित.

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