सामग्री की तालिका
दिक्
तीन आयाम या डिमॅनशन वाली दिक् में तीन निर्देशांकों से किसी भी बिंदु के स्थान का पता चल जाता है दिक् जगह के उस विस्तार या फैलाव को कहते हैं जिसमें वस्तुओं का अस्तित्व होता है और घटनाएँ घटती हैं। मनुष्यों के नज़रिए से दिक् के तीन पहलू होते हैं, जिन्हें आयाम या डिमॅनशन भी कहते हैं - ऊपर-नीचे, आगे-पीछे और दाएँ-बाएँ। .
देखें परिप्रेक्ष्य (दृश्य) और दिक्
दृश्य बोध
मानव मस्तिष्क का का प्रमस्तिष्क प्रांतस्था (सरीब्रल कोर्टेक्स) वाला हिस्सा दृष्टि बोध के लिए इस्तेमाल होता है - कुछ वैज्ञानिकों का मानना है के जामुनी रंग का बहाव उन संकेतों के बारे में होता है जो यह बातें के देखी गई चीजें कहाँ हैं जबकि हरा रंग का प्रवाह यह अर्थ निकलता है के क्या देखा जा रहा है दृश्य बोध आँखों में पहुँचने वाले प्रकाश में निहित जानकारी से देखी गई चीज़ों के बारे में बोध उत्पन्न होने की प्रक्रिया को कहते हैं। सामान्य हिन्दी में दृश्य बोध को दृष्टि और नज़र भी बुलाया जाता है। दृश्य बोध के लिए शरीर के बहुत से अंगों का प्रयोग होता है, जैसे की आँखें और मस्तिष्क का प्रमस्तिष्क प्रांतस्था (सरीब्रल कोर्टेक्स).
देखें परिप्रेक्ष्य (दृश्य) और दृश्य बोध
दृष्टि
स्तनपोषी प्राणियों का दृकतंत्र: इसमें आँखें, आँखों और मस्तिष्क को जोडने वाली तंत्रिकाएँ तथा मस्तिष्क सम्मिलित हैं। दृष्टि (Vision) केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र का भाग है। इसमें प्रकाशिक संकेतों को ग्रहण करने, उन्हें प्रसंस्कृत करने और उनके आधार पर क्रिया या प्रतिक्रिया करने की क्षमता प्रदान करती है। दृष्टि का मनुष्य के जीवन में बहुत बड़ा महत्व है। यह चारों ओर के पदार्थों के प्रत्यक्ष ज्ञान का साधन ही नहीं है वरन् मनुष्य के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करती है। .
देखें परिप्रेक्ष्य (दृश्य) और दृष्टि
आयाम
किसी आवर्ती फलन में चर आयाम एक पूर्ण आवर्ती में इसके अधिकतम परिवर्तन का माप है। आयाम को विभिन्न परिभाषाओं से परिभाषित किया जा सकता है जो प्रत्येक इष्टतम मानों में अन्तर के परिमाण के फलन के रूप में होते हैं। पुराने कला को भी आयाम बोला जाता था। .