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परकोइडेई

सूची परकोइडेई

परकोइडेई (Percoidei) हड्डीदार मछलियों के पर्सिफ़ोर्मेज़ गण के १८ उपगणों में से एक है। विश्वभर के मत्स्योद्योगों में पकड़ी जाने वाली मछलियों में इस उपगण की कई जातियाँ आती हैं, मसलन स्नैपर, जैक, ग्रूपर, पर्च और पोर्गी। .

17 संबंधों: ऐक्टिनोप्टरिजियाए, परकोइडेई, पर्च, पर्सिफ़ोर्मेज़, पर्कोइडेआ, प्राणी, मत्स्योद्योग, मछली, रज्जुकी, लूटजैनिडाए, स्पारिडाए, वंश (जीवविज्ञान), गण (जीवविज्ञान), ग्रूपर मछली, ओस्टीइक्थीज़​, करैंजिडाए, कुल (जीवविज्ञान)

ऐक्टिनोप्टरिजियाए

ऐक्टिनोप्टरिजियाए (Actinopterygii) या किरण-फ़िन मछलियाँ (ray-finned fishes) वह हड्डीदार मछलियाँ होती हैं जिनके फ़िन (पर) का ढांचा उनके धड़ से किरणों की तरह निकलती कई हड्डियों से बना होता है जिसके ऊपर मांस और त्वचा लगी होती है। इनके विपरीत हड्डीदार मछलियों की दूसरी मुख्य श्रेणी है, जिसे सार्कोप्टरिजियाए (Sarcopterygii) या लोब-फ़िन मछलियाँ (lobe-finned fishes) कहते हैं, जिनमें फ़िन केवल एक मुख्य हड्डी से उनके धड़ से जुड़े होते है और उस हड्डी के इर्द-गिर्द फ़िन एक लोब (पालि) की तरह बना होता है।, Reed Wicander, James S. Monroe, pp.

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परकोइडेई

परकोइडेई (Percoidei) हड्डीदार मछलियों के पर्सिफ़ोर्मेज़ गण के १८ उपगणों में से एक है। विश्वभर के मत्स्योद्योगों में पकड़ी जाने वाली मछलियों में इस उपगण की कई जातियाँ आती हैं, मसलन स्नैपर, जैक, ग्रूपर, पर्च और पोर्गी। .

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पर्च

पर्च (perch) मीठे पानी में रहने वाली एक हड्डीदार मछली है जो विश्व के बहुत स्थानों में मिलती है। इसकी तीन जातियाँ हैं। किरण-फ़िन वाली हड्डीदार मछलियों के एक कुल को इन्ही मछलियों के नाम पर 'पर्सिडाए' (Percidae) कहा जाता है। बहुत सी ऐसी भी मछलियाँ हैं जो दिखने में पर्च जैसी लगती हैं इसलिए कभी-कभी उन्हें भी 'पर्च' कह दिया जाता हैं हालांकि उनका जीववैज्ञानिक कुल अलग होता है। ऐसी मछलियों को 'पर्सिफ़ोर्म' (Perciform) कहा जाता है। इनमें भारतीय उपमहाद्वीप में मिलने वाली 'कवई' मछली भी शामिल है जो पर्सिफ़ोर्म तो है लेकिन जीववैज्ञानिक दृष्टि से पर्च नहीं है।, Kamil Bulcke, pp.

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पर्सिफ़ोर्मेज़

पर्सिफ़ोर्मेज़ (Perciformes) कशेरुकी जन्तुओं (रीढ़ की हड्डी वाले) का सबसे बड़ा जीववैज्ञानिक गण है जिसमें लगभग ४०% हड्डीदार मछलियाँ आती हैं। लातिनी भाषा में 'पर्सिफ़ोर्मेज़' का मतलब 'पर्च-जैसी' होता है। यह मछलियाँ किरण-फ़िन मछलियों के जीववैज्ञानिक वर्ग का भाग हैं और इसमें लगभग सभी जलीय वातावरणों में मिलने वाली लगभग १०,००० मछलियों की जातियाँ आती हैं। पर्सिफ़ोर्मेज़ मछलियों के आकार में भी किसी भी अन्य कशेरुकी गण से अधिक विवधता है: कुछ जातियाँ केवल ७ मिलीमीटर और कुछ १६ फ़ुट (५ मीटर​) तक लम्बी होती हैं।, Thomas Scott, pp.

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पर्कोइडेआ

पर्कोइडेआ (Percoidea) मछलियों के पर्सिफ़ोर्मेज़ गण का एक अधिकुल है। इसमें लगभग ३,४०० जीववैज्ञानिक जातियाँ गिनी गई हैं। .

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प्राणी

प्राणी या जंतु या जानवर 'ऐनिमेलिया' (Animalia) या मेटाज़ोआ (Metazoa) जगत के बहुकोशिकीय और सुकेंद्रिक जीवों का एक मुख्य समूह है। पैदा होने के बाद जैसे-जैसे कोई प्राणी बड़ा होता है उसकी शारीरिक योजना निर्धारित रूप से विकसित होती जाती है, हालांकि कुछ प्राणी जीवन में आगे जाकर कायान्तरण (metamorphosis) की प्रकिया से गुज़रते हैं। अधिकांश जंतु गतिशील होते हैं, अर्थात अपने आप और स्वतंत्र रूप से गति कर सकते हैं। ज्यादातर जंतु परपोषी भी होते हैं, अर्थात वे जीने के लिए दूसरे जंतु पर निर्भर रहते हैं। अधिकतम ज्ञात जंतु संघ 542 करोड़ साल पहले कैम्ब्रियन विस्फोट के दौरान जीवाश्म रिकॉर्ड में समुद्री प्रजातियों के रूप में प्रकट हुए। .

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मत्स्योद्योग

मत्स्योद्योग (fisheries) आर्थिक लाभ के लिये मछली पालने, पकड़ने व उनसे खाद्य और अन्य उत्पादन बनाने के उद्योग को कहते हैं। यह अक्सर समुद्री तटवर्ती क्षेत्रों की अर्थव्यवस्थाओं में बहुत महत्व रखता है। मत्स्योद्योग कई प्रकार के होते हैं और उसकी गतिविधियाँ स्थान, मछली के प्रकार, मछली पालने व पकड़ने के उपकरणों और नौकाओं के अनुसार भिन्न होती हैं। .

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मछली

अमरीकी प्रान्त जॉर्जिया के मछलीघर में एक विशालकाय ग्रूपर अन्य मछलियों के साथ तिरती हुई। मछली शल्कों वाला एक जलचर है जो कि कम से कम एक जोडा़ पंखों से युक्त होती है। मछलियाँ मीठे पानी के स्त्रोतों और समुद्र में बहुतायत में पाई जाती हैं। समुद्र तट के आसपास के इलाकों में मछलियाँ खाने और पोषण का एक प्रमुख स्रोत हैं। कई सभ्यताओं के साहित्य, इतिहास एवं उनकी संस्कृति में मछलियों का विशेष स्थान है। इस दुनिया में मछलियों की कम से कम 28,500 प्रजातियां पाई जाती हैं जिन्हें अलग अलग स्थानों पर कोई 2,18,000 भिन्न नामों से जाना जाता है। इसकी परिभाषा कई मछलियों को अन्य जलीय प्रणी से अलग करती है, यथा ह्वेल एक मछली नहीं है। परिभाषा के मुताबिक़, मछली एक ऐसी जलीय प्राणी है जिसकी रीढ़ की हड्डी होती है (कशेरुकी जन्तु), तथा आजीवन गलफड़े (गिल्स) से युक्त होती हैं तथा अगर कोई डालीनुमा अंग होते हैं (लिंब) तो वे फ़िन के रूप में होते हैं। alt.

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रज्जुकी

रज्जुकी (संघ कॉर्डेटा) जीवों का एक समूह है जिसमें कशेरुकी (वर्टिब्रेट) और कई निकट रूप से संबंधित अकशेरुकी (इनवर्टिब्रेट) शामिल हैं। इनका इस संघ मे शामित होना इस आधार पर सिद्ध होता है कि यह जीवन चक्र मे कभी न कभी निम्न संरचनाओं को धारण करते हैं जो हैं, एक पृष्ठ‍रज्जु (नोटोकॉर्ड), एक खोखला पृष्ठीय तंत्रिका कॉर्ड, फैरेंजियल स्लिट एक एंडोस्टाइल और एक पोस्ट-एनल पूंछ। संघ कॉर्डेटा तीन उपसंघों मे विभाजित है: यूरोकॉर्डेटा, जिसका प्रतिनिधित्व ट्युनिकेट्स द्वारा किया जाता है; सेफालोकॉर्डेटा, जिसका प्रतिनिधित्व लैंसलेट्स द्वारा किया जाता है और क्रेनिएटा, जिसमे वर्टिब्रेटा शामिल हैं। हेमीकॉर्डेटा को चौथे उपसंघ के रूप मे प्रस्तुत किया जाता है पर अब इसे आम तौर पर एक अलग संघ के रूप में जाना जाता है। यूरोकॉर्डेट के लार्वा में एक नोटॉकॉर्ड और एक तंत्रिका कॉर्ड पायी जाती है पर वयस्क होने पर यह लुप्त हो जातीं हैं। सेफालोकॉर्डेट एक नोटॉकॉर्ड और एक तंत्रिका कॉर्ड पायी जाती है लेकिन कोई मस्तिष्क या विशेष संवेदना अंग नहीं होता और इनका एक बहुत ही सरल परिसंचरण तंत्र होता है। क्रेनिएट ही वह उपसंघ है जिसके सदस्यों में खोपड़ी मिलती है। इनमे वास्तविक देहगुहा पाई जाती है। इनमे जनन स्तर सदैव त्री स्तरीय पाया जाता है। सामान्यत लैंगिक जनन पाया जाता है। सामान्यत प्रत्यक्ष विकास होता है। इनमे RBC उपस्थित होती है। इनमे द्वीपार्शविय सममिती पाई जाती है। इसके जंतु अधिक विकसित होते है। श्रेणी:जीव विज्ञान *.

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लूटजैनिडाए

स्नैपर (Snapper), जो जीववैज्ञानिक रूप से लूटजैनिडाए (Lutjanidae) कहलाता है, हड्डीदार मछलियों के पर्सिफ़ोर्मेज़ गण का एक कुल है। इस कुल की जातियाँ अधिकतर सागर में रहती हैं लेकिन कुछ आहार पाने के लिए ज्वारनदीमुखों (एस्चुएरियों) में भी जाती हैं। लूटजैनिडाए कुल में ११३ ज्ञात जातियाँ हैं, जिनमें से लाल स्नैपर सबसे अधिक जानी जाती है और मत्स्योद्योग में एक महत्वपूर्ण मछली है। .

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स्पारिडाए

स्पारिडाए (Sparidae), जिन्हें समुद्री ब्रीम (sea bream) और पोर्गी (porgy) भी कहते हैं, हड्डीदार मछलियों के पर्सिफ़ोर्मेज़ गण का एक कुल है। इनके चौड़े, पिचके शरीर होते हैं, जिसमें एक छोटा मुँह और उस से कुछ दूर पर आँख स्थित होती है। पीठ पर एक पृष्ठीय फ़िन और बदन पर बड़े आकार के शल्क होते हैं। इस कुल की मछलियाँ कम गहराई वाले उपोष्णकटिबन्धीय और समशीतोष्णीय सागरों व महासागरों में सागरतह के पास मिलती हैं। यह अन्य मछलियाँ और क्रस्टेशियाई खाते हैं और इनकी अधिकतर जातियों के मुँह में खाना पीसने के लिए दाढ़-जैसे दाँत होते हैं। Eating the head is known to cause hallucinations, lasting many days.

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वंश (जीवविज्ञान)

एक कूबड़ वाला ड्रोमेडरी ऊँट और दो कूबड़ो वाला बैक्ट्रियाई ऊँट दो बिलकुल अलग जातियाँ (स्पीशीज़) हैं लेकिन दोनों कैमेलस​ (Camelus) वंश में आती हैं जातियाँ आती हैं वंश (लैटिन: genus, जीनस; बहुवाची: genera, जेनेरा) जीववैज्ञानिक वर्गीकरण में जीवों के वर्गीकरण की एक श्रेणी होती है। एक वंश में एक-दूसरे से समानताएँ रखने वाले कई सारे जीवों की जातियाँ आती हैं। ध्यान दें कि वंश वर्गीकरण के लिए मानकों को सख्ती से संहिताबद्ध नहीं किया गया है और इसलिए अलग अलग वर्गीकरण कर्ता वंशानुसार विभिन्न वर्गीकरण प्रस्तुत करते हैं।, David E. Fastovsky, David B. Weishampel, pp.

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गण (जीवविज्ञान)

कुल आते हैं गण (अंग्रेज़ी: order, ऑर्डर; लातिनी: ordo, ओर्दो) जीववैज्ञानिक वर्गीकरण में जीवों के वर्गीकरण की एक श्रेणी होती है। एक गण में एक-दुसरे से समानताएँ रखने वाले कई सारे जीवों के कुल आते हैं। ध्यान दें कि हर जीववैज्ञानिक कुल में बहुत सी भिन्न जीवों की जातियाँ-प्रजातियाँ सम्मिलित होती हैं।, David E. Fastovsky, David B. Weishampel, pp.

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ग्रूपर मछली

ग्रूपर (Grouper) हड्डीदार मछलियों के पर्सिफ़ोर्मेज़ गण के सेरानिडाए कुल के एपिनेफ़ेलिनाए (Epinephelinae) उपकुल के सदस्य होते हैं। .

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ओस्टीइक्थीज़​

ओस्टीइक्थीज़​ (Osteichthyes) या हड्डीदार मछलियाँ (bony fish) ऐसी मछलियों की वह श्रेणी होती है जिनके अंदरूनी ढाँचे (सख़्त) हड्डी के बने होते हैं। इनसे विपरीत वह मछलियाँ होती हैं जिनके भीतरी ढाँचे हड्डियों की बजाय उपास्थि (कार्टिलेज) के बने होते हैं, यानि उपास्थिदार मछलियाँ। दुनिया के अधिकतर मछलियाँ ओस्टीइक्थीज़​ हैं और इस विस्तृत और विविध श्रेणी में २९,००० से ज़्यादा जातियाँ आती हैं। अगर रज्जुकी (रीढ़ की हड्डी वाले) जानवरों का पूरा संघ देखा जाए तो हड्डीदार मछलियाँ उसकी सबसे बड़ी श्रेणी है। इनके सबसे प्राचीन मिले जीवाश्म (फ़ॉसिल​) ४२ करोड़ वर्ष पुराने हैं और वे शार्कों (हाँगरों) और हड्डीदार मछलियों दोनों के दन्त-ढांचों के पहलु दिखाते हैं जिस से हड्डीदार मछलियों के क्रम-विकास (एवोल्यूशन) के बारे में भी संकेत मिलता है। .

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करैंजिडाए

करैंजिडाए (Carangidae) हड्डीदार मछलियों के पर्सिफ़ोर्मेज़ गण का एक कुल है जिसमें जैक मछलियाँ (Jacks) शामिल हैं। इस कुल में पोम्पानो, जैक मैकरल और स्कैड मछलियाँ भी सम्मिलित हैं। यह समुद्री मछलियाँ हैं जो अटलांटिक, प्रशांत और हिन्द महासागरों में पाई जाती हैं। करैंजिडाए कुल की मछलियाँ तेज़ तैरने वाली परभक्षी जातियाँ होती हैं जो रीफ़ों के ऊपर और खुले सागर में शिकार करती हैं और कुछ सागरतह में रेत में छुपे अकशेरुकों को खोदकर निकालती और खाती हैं। .

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कुल (जीवविज्ञान)

वंश आते हैं कुल (अंग्रेज़ी: family, फ़ैमिली; लातिनी: familia, फ़ामिलिया) जीववैज्ञानिक वर्गीकरण में प्राणियों के वर्गीकरण की एक श्रेणी होती है। एक कुल में एक-दुसरे से समानताएँ रखने वाले कई सारे जीवों के वंश आते हैं। ध्यान दें कि हर प्राणी वंश में बहुत-सी भिन्न प्राणियों की जातियाँ सम्मिलित होती हैं।, David E. Fastovsky, David B. Weishampel, pp.

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