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नेपाल के हस्पताल

सूची नेपाल के हस्पताल

नेपालमे हाल बहुत से प्राइभेट, सामुदायीक तथा सरकारी हस्पताल (नेपाली में अस्पताल काहाजाता है) हे लेकिन इस पृष्ठपर सरकारी, सामुदायीक तथा मिसन हस्पतालोकी नामावली संकलन किया गया है। .

13 संबंधों: त्रिभुवननगर, त्रियुगा, धरान, नेपाल, पाटन, पोखरा, भरतपुर, भक्तपुर, ललितपुर, वीरेन्द्रनगर, गोरखा, कमलामाई, काठमाण्डु

त्रिभुवननगर

परीचय त्रिभुवननगर (Tribhuvannagar) मध्यपस्चिम नेपालके राप्ती अन्चलका प्रमुख वाणीज्य तथा शिक्षा श्वास्थका केन्द्र है। त्रिभुवननगर सहर दागं उपत्यकाकाके दांग जिलामे पडताहै पर्दछ। याँहा पे सत्य साइ व श्रृडी साइके प्रशिद्ध मन्दीर है। प्रिशद्ध बाह्रकुने झिल त्रिभुवनगर मे ही पडता है शिक्षा, श्वास्थ, यातायात, संचार लमही से फेडर रोडसे जुडाहुवा त्रिभुवन नगर राप्ती अन्चलके पाहडी क्षेत्रका प्रमुख पैठारीकर्ता है महेन्द्र संस्कृत विस्वबिधालय, महेन्द्र बहुमुखी क्यम्पस (त्रि.वि.), भरतपुर क्याम्पस, संस्कृत क्याम्पस लगायतके उच्चशिक्षा केन्द्र त्रिभुवननगरपे संचालीत है, साथमे बहुतसे प्राइभेट तथा सामुदायीक क्याम्पस तथा बिधालय भि याहां पेहै, श्वास्थमे महेन्द्र अस्पताल, आंखाउपचार केन्द्र के साथ साथ कुछ प्राइभेट श्वास्थ संस्था भि संचालीत है, अभी अभी एक बाल तथा हाडजोर्नी का अस्पातल यांहा पे बनराहा है। त्रिभुवननगर मे आधुनीक संचार सुविधा इमेल, इन्टरनेट, प्रीपेड, पोष्टपेड मोवाइल, लोकल एस टि डि, आइ एस डि फोन सुविधा के साथ प्राइभेट एफ एम रेडीयो भि संचालित है, देशके अन्य हिस्सो से त्रिभुवननगरको लमहीसे दांग भ्याली जानेवाला एक साहायकमार्ग जोडता है, साथ मे वीरेन्द्रनगर से सल्यान होकर एक कच्ची सडक भि त्रिभुवननगरकोको जोडताहै उसी तरह रोल्पा रूकुम लगायतके जिलोंसे त्रिभुवन नगर कच्ची सडकसे जुडाहुवाहै। जनसंख्या त्रिभुवननगर शहरमे लगभग ५५ हजार लोग रहतेहै। त्रिभुवननगरका टेलीफोन कोड नं.

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त्रियुगा

त्रियुगा नेपाल का एक शहर तथा नगरपालिका है, जो प्रदेश संख्या १ के उदयपुर जिले में आता है। इसे गाइघाट नाम से भी जाना जाता है। १९९१ के जनगणना के अनुसार यहां की जनसंख्या ५५,२९१ थी। २०११ के जनगणना के अनुसार त्रियुगा की जनसंख्या ७१,४०५ थी। यह १७ वार्डों में विभाजित है। इस शहर में अस्पताल तथा क्लिनिक की सुविधाएं उपलब्ध है। शहर में ६ पुलिस इकाई और आर्मी बल हैं और एक आर्मी बैरक भी है। .

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धरान

धरान नेपाल के कोशी जिले का एक प्रमुख नगर है। पूर्वी नेपाल के पाहड़ और तराइ के बिच स्थित यह नगर शिक्षा तथा स्वास्थ्य का प्रमुख केन्द्र है। यहाँ के वि पि कोइराला श्वास्थ बिज्ञान प्रतिस्ठान, पुर्वान्चल इन्जीनियरीङ क्याम्पस, खाध्य प्रविधी क्याम्पस, महेन्द्र क्याम्पस जैसे बहुत से उच्च शिक्षा संस्थान के साथ साथ बहुत से अस्पताल भि याँहा पे है यह सहर नेपाल के प्रमुख महेन्द्र राजमार्ग से बिस कीलोमीटर उत्तर कि दुरी पे है। धनकुटा व पाहडी क्षेत्र जाने वाले प्रमुख राजमार्ग इसी सहर से होकर जाता है। श्रेणी:नेपाल के शहर श्रेणी:कोशी प्रान्त.

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नेपाल

नेपाल, (आधिकारिक रूप में, संघीय लोकतान्त्रिक गणराज्य नेपाल) भारतीय उपमहाद्वीप में स्थित एक दक्षिण एशियाई स्थलरुद्ध हिमालयी राष्ट्र है। नेपाल के उत्तर मे चीन का स्वायत्तशासी प्रदेश तिब्बत है और दक्षिण, पूर्व व पश्चिम में भारत अवस्थित है। नेपाल के ८१ प्रतिशत नागरिक हिन्दू धर्मावलम्बी हैं। नेपाल विश्व का प्रतिशत आधार पर सबसे बड़ा हिन्दू धर्मावलम्बी राष्ट्र है। नेपाल की राजभाषा नेपाली है और नेपाल के लोगों को भी नेपाली कहा जाता है। एक छोटे से क्षेत्र के लिए नेपाल की भौगोलिक विविधता बहुत उल्लेखनीय है। यहाँ तराई के उष्ण फाँट से लेकर ठण्डे हिमालय की श्रृंखलाएं अवस्थित हैं। संसार का सबसे ऊँची १४ हिम श्रृंखलाओं में से आठ नेपाल में हैं जिसमें संसार का सर्वोच्च शिखर सागरमाथा एवरेस्ट (नेपाल और चीन की सीमा पर) भी एक है। नेपाल की राजधानी और सबसे बड़ा नगर काठमांडू है। काठमांडू उपत्यका के अन्दर ललीतपुर (पाटन), भक्तपुर, मध्यपुर और किर्तीपुर नाम के नगर भी हैं अन्य प्रमुख नगरों में पोखरा, विराटनगर, धरान, भरतपुर, वीरगंज, महेन्द्रनगर, बुटवल, हेटौडा, भैरहवा, जनकपुर, नेपालगंज, वीरेन्द्रनगर, त्रिभुवननगर आदि है। वर्तमान नेपाली भूभाग अठारहवीं सदी में गोरखा के शाह वंशीय राजा पृथ्वी नारायण शाह द्वारा संगठित नेपाल राज्य का एक अंश है। अंग्रेज़ों के साथ हुई संधियों में नेपाल को उस समय (१८१४ में) एक तिहाई नेपाली क्षेत्र ब्रिटिश इंडिया को देने पड़े, जो आज भारतीय राज्य हिमाचल प्रदेश, उत्तराखण्ड तथा पश्चिम बंगाल में विलय हो गये हैं। बींसवीं सदी में प्रारंभ हुए जनतांत्रिक आन्दोलनों में कई बार विराम आया जब राजशाही ने जनता और उनके प्रतिनिधियों को अधिकाधिक अधिकार दिए। अंततः २००८ में जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधि माओवादी नेता प्रचण्ड के प्रधानमंत्री बनने से यह आन्दोलन समाप्त हुआ। लेकिन सेना अध्यक्ष के निष्कासन को लेकर राष्ट्रपति से हुए मतभेद और टीवी पर सेना में माओवादियों की नियुक्ति को लेकर वीडियो फुटेज के प्रसारण के बाद सरकार से सहयोगी दलों द्वारा समर्थन वापस लेने के बाद प्रचण्ड को इस्तीफा देना पड़ा। गौरतलब है कि माओवादियों के सत्ता में आने से पहले सन् २००६ में राजा के अधिकारों को अत्यंत सीमित कर दिया गया था। दक्षिण एशिया में नेपाल की सेना पांचवीं सबसे बड़ी सेना है और विशेषकर विश्व युद्धों के दौरान, अपने गोरखा इतिहास के लिए उल्लेखनीय रहे हैं और संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों के लिए महत्वपूर्ण योगदानकर्ता रही है। .

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पाटन

पाटन का प्राचीन शाही महल एवं मन्दिर पाटन (नेपाल भाषा:यल) नेपाल का प्रमुख शहर है। इसे ललितपुर भी कहा जाता है। ललितपुर जिला मे अवस्थित यह शहर काठमाडौं घाटी के तीन शहरो मे से सबसे पुराना तथा रमणीय माना जाता है। पाटन अपनी सांस्कृतिक सम्पदा के लिए प्रसिद्ध है। पाटन को नेपाल (नेवारी) भाषा में 'यल' नाम से जाना जाता है। राजा यलम्बर के नाम से यह नाम आया हुआ विश्वास किया जाता है। .

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पोखरा

पोखरा घाट स्तिथ बहुत ही सुंधर नेपाल में एक जगह है। पोखरा नेपाल के पश्चिमांचल विकास क्षेत्र मैं अवस्थित एक नगर है। यह नगर गण्डकी अंचल का कास्की जिला के पोखरा घाटी मैं स्थित है। यह नेपाल का दूसरा बडा शहर है। पोखरा नेपाल के पश्चिमांचल विकास क्षेत्र, गण्डकी अंचल और कास्की जिला का सदरमुकाम है। .

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भरतपुर

भरतपुर राजस्थान का एक प्रमुख शहर होने के साथ-साथ देश का सबसे प्रसिद्ध पक्षी उद्यान भी है। 29 वर्ग कि॰मी॰ में फैला यह उद्यान पक्षी प्रेमियों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है। विश्‍व धरोहर सूची में शामिल यह स्थान प्रवासी पक्षियों का भी बसेरा है। भरतपुर शहर की बात की जाए तो इसकी स्थापना जाट शासक राजा सूरजमल ने की थी और यह अपने समय में जाटों का गढ़ हुआ करता था। यहाँ के मंदिर, महल व किले जाटों के कला कौशल की गवाही देते हैं। राष्ट्रीय उद्यान के अलावा भी देखने के लिए यहाँ अनेक जगह हैं इसका नामकरण राम के भाई भरत के नाम पर किया गया है। लक्ष्मण इस राज परिवार के कुलदेव माने गये हैं। इसके पूर्व यह जगह सोगडिया जाट सरदार रुस्तम के अधिकार में था जिसको महाराजा सूरजमल ने जीता और 1733 में भरतपुर नगर की नींव डाली .

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भक्तपुर

भक्तपुर में सूर्योदय के पूर्व का दृष्य भक्तपुर नेपाल का एक प्राचीन नगर एवं पर्यटनस्थल है। यह काठमाण्डू घाटी के पूर्वी कोने पर काठमाण्डू से १३ किमी की दूरी पर स्थित है। इसे 'भादगाँउ' भी काहा जाता है। यह नेपाल के प्रमुख शहरों में गिना जाता है। भक्तपुर जिले में अवस्थित यह शहर काठमाडौं घाटी के तीन शहरों मे से सबसे संरक्षित सांस्कृतिक नगर माना जाता है। घाटी के अन्य शहरों की तरह यह नगर भी अपनी सांस्कृतिक सम्पदा के लिए प्रसिद्ध है। काठमाण्डौ शहर से पुर्व मे पडाहुवा शहर है यहाँकी जनसंख्या करिब ७५०००० है, भक्तपुरर शहर एक एतिहासीक शहरहै बिश्वसंपदा सुचीमे सुचिकृत भक्तपुर दरवार इसी शहरमा पडता है दुसरा विश्वसंपदा सुचिकृत चाँगनारायण मन्दीर भि इस सहर के बहुत हि करीव है। नेपालके कुछ सरकारी केन्द्रीय कार्यलय, ब्यापार गृह तथा आवास क्षेत्र रहाहुवा इस शहर मे प्रसिद्ध न्यातपोला मन्दीर, नवदुर्गा मन्दीर, कमलविनायक एवं सुर्य विनायक मन्दीर आदी भिहै। पोखरा विश्वविधालय की ख्वप इन्जीनियरीङ क्याम्पस के साथ भक्तपुर क्यामस, नवदुर्गा क्याम्पस, विरेन्द्र सैनीक माहाविधालय, नेपाली सैनीक स्टाफ कलेज व बहुत से क्यामपस तथा बिधालय इस शहरमे है। उसीतरह केन्द्रीय स्तरका भक्तपुर अस्पताल, भक्तपुर क्यान्सर अस्पताल के साथ प्राइभेट व सरकारी, सामुदायीक तथा निजी अस्पताल यांहा पे है, अन्य कइ उत्पादन कारखानाके साथ भक्तपुर औधोगीक क्षेत्र भि यही शहरमा पडता है। भक्तपुरका सिटी टेलीफोन कोडभि काठमाण्डौ जैसेही ०१ है। श्रेणी:नेपाल के शहर.

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ललितपुर

ललितपुर उत्तर प्रदेश राज्य प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध एक शहर है। यह ललितपुर जिला का मुख्यालय है। यह उत्तर में झांसी, दक्षिण में सागर, पूर्व में मघ्‍यप्रदेश के टिकमगढ़, छतरपुर एवं शिवपुरी तथा पश्‍िचम गुना से सटा हुआ है। बेतवा, धसन और जमनी यहां की प्रमुख नदियां है। यहां के प्रमुख पर्यटन स्थलों में देवगढ़, नीलकंठेश्‍ववर त्रिमूर्ति, रंछोरजी, माताटीला बांध और महावीर स्वामी अभ्यारण विशेष रूप से प्रसिद्ध है। इस जिले की स्थापना सत्रहवीं शताब्दी में बुंदेल राजपूत द्वारा की गई थी। 1891 से 1974 ई. तक ललितपुर जिला झांसी जिले का ही एक हिस्सा था। .

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वीरेन्द्रनगर

परीचय वीरेन्द्रनगर (Birendranagar) नेपालके सुर्खेत उपत्यकास्थीत सुर्खेत जीले पडनेवाल एक सहरहै, वीरेन्द्रनगर सहर मध्यपस्चीमांचल बिकास क्षेत्रका सदरमुकाम तथा सुर्खेत जीलाका भि सदरमुकाम है इस नगरका नामाकरण स्वर्गीय राजा वीरेन्द्रके नामसे संबन्धीत है राजा बिरेन्द्रने ही सुर्खेत उपत्यकामे मलेरीयाका उन्मुलन बाद वीरेन्द्रनगर सहरका परिकल्पना कियाथा। हाल बिरेन्द्रनगर पस्चीम नेपालका प्रमुख वाणिज्य केन्द्र तथा शिक्षा श्वास्थको केन्द्र भि है। बिरेन्द्रनगर नगरपालीकामे हाल लगभग पचासहजार के नजदीक लोग बसोबास करते है साथमे नेपालमे फैलि गृहयुद्दने बिरेन्द्रनगरको आप्रवासीयों का सहर बनादीयाहै। करीबके पाहाडी जिलोंसे मावोवादी युध्दपिडीतलोग याँहा आकार बैठ गएहै। शिक्षा श्वास्थ वीरेन्द्रनगरमे एक मध्यपस्चीमान्चल क्षेत्रीय अस्पताल और एक जीला अस्पताल व एक नेत्र उपचारकेन्द्र सरकारी नियन्त्रणपर संचालीत है साथमे कइ प्राइभेट श्वास्थ संस्था भि याहां संचालीत है, बहुतसे माध्यामीक तथा प्राथमीक विधालय रहाहुवा वीरेन्द्रनगरमे सुर्खेत बहुमुखी क्याम्पस, वीरेन्द्रनगर बहुमुखी क्याम्पस तथा सामुदायीक चिकीत्सा क्याम्पस मुख्य शैक्षीक उच्च शिक्षा संस्था है। बिरेन्द्रनगरकी मुख्य कारोबार ब्यापार, नोकरी तथा कृषी राहाहै। यातायात संचार वीरेन्द्रनगर मे आधुनीक संचार सुविधा इमेल, इन्टरनेट, प्रीपेड, पोष्टपेड मोवाइल, लोकल एस टि डि, आइ एस डि फोन सुविधा के साथ साथ रेडीयो नेपालका मध्यपस्चीमान्चल प्रसारण केन्द्र, तिन प्राइभेट एफ एम रेडीयो भि संचालित है, देशके अन्य हिस्सो से वीरेन्द्र नगरको रत्नराजमार्ग जोडता है, साथ मे त्रिभुवन नगर से सल्यान होकर एक कच्ची सडक भि वीरेन्द्रनगरको जोडताहै उसी तरह अभी कर्णाली राजमार्ग वीरेन्द्रनगरको दैलेख, कालीकोट एवं जुम्ला जिले से जोडता है। जनसंख्या नेपालकी सन् २००१के जनगणना अनुसार वीरेन्द्रनगर न.पा.का जनसंख्या ४९,३८१ है। यस मध्य पुरुष ५१%, र महिला ४९% छन्। --रवीन्द्र बराल ०७:५९, २७ नवम्बर २००७ (UTC) श्रेणी:नेपाल के शहर श्रेणी:चित्र जोड़ें.

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गोरखा

इंग्लैण्ड के रक्षा मंत्रालय के बाहर स्थापित एक गोरखा की मूर्ति,हॉर्स गार्डस अवेन्यु, वेस्टमिन्सटर शहर, लण्डन. गोरखा (नेपाली: गोरखाली) नेपाल के लोग हैं। जिन्होने ये नाम 8 वीं शताब्दी के हिन्दू योद्धा संत श्री गुरु गोरखनाथ से प्राप्त किया था। उनके शिष्य बप्पा रावल ने राजकुमार कलभोज/राजकुमार शैलाधिश को जन्माया था, जिनका घर मेवाड़, राजस्थान (राजपुताना) में पाया गया था। बाद में बप्पा रावल के वंश सुदूर पूर्व के तरफ बढ़ें और गोरखा में अपना राज्य स्थापित किया और बाद में उन्होने नेपाल अधिराज्य को स्थापित किया। उस वंश में चितौड़गढ़ के मनमथ राणाजी राव के पुत्र भूपाल राणाजी राव नेपाल के रिडी पहुंचे। गोरखा जिला आधुनिक नेपाल के 75 जिलों में से एक है। खास्तोर्पे नेपाल के मध्य पश्चिम के पहाडी लडाकु जातिया जैसे कि मगर, गुरुंग, सुदुरपश्चिम के लडाकु जातिया जो कि खस/क्षेत्री और ठकुरी और पूर्व से किरात जातिया होति हैं। गोरखाली लोग अपने साहस और हिम्मत के लिए विख्यात हैं और वे नेपाली आर्मी और भारतीय आर्मी के गोरखा रेजिमेन्ट और ब्रिटिश आर्मी के गोरखा ब्रिगेज के लिए भी खुब जाने जाते हैं। गोरखालीयों को ब्रिटिश भारत के अधिकारियों ने मार्शल रेस की उपाधि दी थी। उनके अनुसार गोरखाली प्राकृतिक रूप से ही योद्धा होते हैं और युद्ध में आक्रामक होते हैं, वफादारी और साहस का गुण रखते हैं, आत्म निर्भर होते हैं, भौतिक रूप से मजबूत और फुर्तीले, सुव्यवस्थित होते हैं, लम्बे समय तक कड़ी मेहनत करने वाले, हठी लड़ाकू, मिलेट्री रणनीतिके होते हैं। ब्रिटिश भारतीय आर्मी में इन "मार्शल रेसेज़" को भारी मात्रा में भर्ती किया गया था। भारतीय आर्मी के भूतपूर्व चीफ ऑफ स्टाफ जनरल सैम मानेकशॉ ने एक बार प्रख्यात रूप से कहा था:- अर्थात: "यदि कोई कहता है कि मुझे मौत से डर नहीं लगता, वह या तो झूठ बोल रहा है या गोरखा है।" अंग्रेजों ने अपनी फौज में 1857 से पहले ही गोरखा सैनिकों को रखना आरम्भ कर दिया था। 1857 के भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में इन्होंने ब्रिटिश सेना का साथ दिया था क्योंकि उस समय वे ईस्ट इंडिया कम्पनी के लिए अनुबंध पर काम करते थे। महाराजा रणजीत सिंह ने भी इन्हें अपनी सेना में स्थान दिया। अंग्रेजों के लिए गोरखों ने दोनों विश्वयुद्धों में अपने अप्रतिम साहस और युद्ध कौशल का परिचय दिया। पहले विश्व युद्ध में दो लाख गोरखा सैनिकों ने हिस्सा लिया था, जिनमें से लगभग 20 हजार ने रणभूमि में वीरगति प्राप्त की। दूसरे विश्वयुद्ध में लगभग ढाई लाख गोरखा जवान सीरिया, उत्तर अफ्रीका, इटली, ग्रीस व बर्मा भी भेजे गए थे। उस विश्वयुद्ध में 32 हजार से अधिक गोरखों ने शहादत दी थी। भारत के लिए भी गोरखा जवानों ने पाकिस्तान और चीन के खिलाफ हुई सभी लड़ाइयों में शत्रु के सामने अपनी बहादुरी का लोहा मनवाया था। गोरखा रेजिमेंट को इन युद्धों में अनेक पदको़ व सम्मानों से अलंकृत किया गया, जिनमें महावीर चक्र और परम वीर चक्र भी शामिल हैं। वर्तमान में हर वर्ष लगभग 1200-1300 नेपाली गोरखे भारतीय सेना में शामिल होते है। गोरखा राइफल्स में लगभग 80 हजार नेपाली गोरखा सैनिक हैं, जो कुल संख्या का लगभग 70 प्रतिशत है। शेष 30 प्रतिशत में देहरादून, दार्जिलिंग और धर्मशाला असम आदि के स्थानीय भारतीय गोरखे शामिल हैं। इसके अतिरिक्त रिटायर्ड गोरखा जवानों और असम राइफल्स में गोरखों की संख्या करीब एक लाख है। .

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कमलामाई

कमलामाई नगरपालीका नेपालके सिन्धुली जिलेमे पडता है यह सहरको सिन्धुली माढी भि काहाजाता है। यह सहर सिन्धुली जिलेका मुख्यालय है याहापर जिल्ला स्तरिय सरकारी यवंगैर सरकारी कार्यलय व ब्यावसायीक फर्म है। श्रेणी:नेपाल के शहर.

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काठमाण्डु

काठमांडू (नेपालभाषा:येँ देय्, प्राचीन नेपालभाषा:ञे देय्, संस्कृत:कान्तिपुर नगर, नेपाली:काठमाडौँ), नेपाल की राजधानी है। यह नगर, समुद्रतल से 1300 मीटर की ऊंचाई पर स्थित हैं, और 50.8 वर्ग किमी में फैला हुआ हैं। काठमांडू नेपाल का सबसे बड़ा शहर है, जहां पर्यटक का सबसे ज्यादा आगमन होता हैं। चार ओर से पहाड़ियों से घिरा काठमांडू उपत्यका के पश्चिमी क्षेत्र में अवस्थित यह नगर, यूनेस्को की विश्‍व धरोहरों में शामिल हैं। यहाँ की रंगीन संस्कृति और परंपराओं के अलावा विशिष्ट शैली में बने शानदार घर सैलानियों को आकर्षिक करते हैं। यहाँ के विश्वप्रसिद्ध मंदिर, पूरी दुनिया में अपनी अलग पहचान रखते हैं। साथ ही यहां के प्राचीन बाजारों की रौनक भी देखते ही बनती है। .

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