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नबरंगपुर जिला

सूची नबरंगपुर जिला

नबरंगपुर भारतीय राज्य ओड़िशा का एक जिला है। इसका मुख्यालय नवरंगपुर हैं। समुद्र तल से 2000 फीट की ऊंचाई पर स्थित नवरंगपुर पूर्व में कलाहांडी, दक्षिण में कोरापुट और पश्चिम व उत्तर दिशा में छत्तीसगढ़ से घिरा हुआ है। 5135 वर्ग किलोमीटर में फैला यह जिला 1992 में गठित हुआ था। यहां से बहने वाली इन्द्रवती नदी नवरंगपुर और कोरापुट जिले को अलग करती है। यह जिला भरपूर खनिजों के साथ-साथ वन्यजीवों के लिए भी प्रसिद्ध है। पेंथर, तेंदुए, टाईगर, हेना, भैंस, काला भालू, बिसन, सांभर और बार्किंग डीयर जैसे पशुओं को यहां देखा जा सकता है। यहां के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में मां पेन्द्रानी मंदिर, शहिद मीनार, खटिगुडा बांध, मां भंडाराघरानी मंदिर और भगवान जगन्नाथ मंदिर शामिल हैं। साथ ही यहां का रथयात्रा पर्व सैलानियों को खूब लुभाता है। .

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सामग्री की तालिका

  1. 3 संबंधों: नबरंगपुर, ज़िला, ओडिशा

  2. ओड़िशा के जिले
  3. नबरंगपुर ज़िला

नबरंगपुर

नवरंगपुर भारत के उड़ीसा राज्य का एक शहर है। यह नबरंगपुर जिला मुख्यालय है। समुद्र तल से 2000 फीट की ऊंचाई पर स्थित नवरंगपुर पूर्व में कालाहांडी, दक्षिण में कोरापुट और पश्चिम व उत्तर दिशा में छत्तीसगढ़ से घिरा हुआ है। 5135 वर्ग किलोमीटर में फैला यह जिला 1992 में गठित हुआ था। यहां से बहने वाली इन्द्रवती नदी नवरंगपुर और कोरापुट जिले को अलग करती है। यह जिला भरपूर खनिजों के साथ-साथ वन्यजीवों के लिए भी प्रसिद्ध है। पेंथर, तेंदुए, टाईगर, हेना, भैंस, काला भालू, बिसन, सांभर और बार्किंग डीयर जैसे पशुओं को यहां देखा जा सकता है। यहां के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में मां पेन्द्रानी मंदिर, शहिद मीनार, खटिगुडा बांध, मां भंडाराघरानी मंदिर और भगवान जगन्नाथ मंदिर शामिल हैं। साथ ही यहां का रथयात्रा पर्व सैलानियों को खूब लुभाता है। .

देखें नबरंगपुर जिला और नबरंगपुर

ज़िला

भारत के नागालैंड राज्य के ज़िले ज़िला (district, डिस्ट्रिक्ट​) कई देशों में पाई जाने वाली एक प्रशासनिक ईकाई होती है। ज़िलों के आकार में जगह-जगह का भारी अंतर होता है - कहीं तो कुछ गाँव जोड़कर ही ज़िला बनता है जबकि अन्य स्थानों पर विशाल भूक्षेत्र एक ही ज़िले में सम्मिलित होते हैं। भारत में हर ज़िला कई तालुकाओं, तहसीलों या प्रखण्डों को जोड़कर बनता है और कई ज़िलों को जोड़कर एक राज्य बनता है।, United Nations Human Settlements Programme, pp.

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ओडिशा

ओड़िशा, (ओड़िआ: ଓଡ଼ିଶା) जिसे पहले उड़ीसा के नाम से जाना जाता था, भारत के पूर्वी तट पर स्थित एक राज्य है। ओड़िशा उत्तर में झारखंड, उत्तर पूर्व में पश्चिम बंगाल दक्षिण में आंध्र प्रदेश और पश्चिम में छत्तीसगढ से घिरा है तथा पूर्व में बंगाल की खाड़ी है। यह उसी प्राचीन राष्ट्र कलिंग का आधुनिक नाम है जिसपर 261 ईसा पूर्व में मौर्य सम्राट अशोक ने आक्रमण किया था और युद्ध में हुये भयानक रक्तपात से व्यथित हो अंतत: बौद्ध धर्म अंगीकार किया था। आधुनिक ओड़िशा राज्य की स्थापना 1 अप्रैल 1936 को कटक के कनिका पैलेस में भारत के एक राज्य के रूप में हुई थी और इस नये राज्य के अधिकांश नागरिक ओड़िआ भाषी थे। राज्य में 1 अप्रैल को उत्कल दिवस (ओड़िशा दिवस) के रूप में मनाया जाता है। क्षेत्रफल के अनुसार ओड़िशा भारत का नौवां और जनसंख्या के हिसाब से ग्यारहवां सबसे बड़ा राज्य है। ओड़िआ भाषा राज्य की अधिकारिक और सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। भाषाई सर्वेक्षण के अनुसार ओड़िशा की 93.33% जनसंख्या ओड़िआ भाषी है। पाराद्वीप को छोड़कर राज्य की अपेक्षाकृत सपाट तटरेखा (लगभग 480 किमी लंबी) के कारण अच्छे बंदरगाहों का अभाव है। संकीर्ण और अपेक्षाकृत समतल तटीय पट्टी जिसमें महानदी का डेल्टा क्षेत्र शामिल है, राज्य की अधिकांश जनसंख्या का घर है। भौगोलिक लिहाज से इसके उत्तर में छोटानागपुर का पठार है जो अपेक्षाकृत कम उपजाऊ है लेकिन दक्षिण में महानदी, ब्राह्मणी, सालंदी और बैतरणी नदियों का उपजाऊ मैदान है। यह पूरा क्षेत्र मुख्य रूप से चावल उत्पादक क्षेत्र है। राज्य के आंतरिक भाग और कम आबादी वाले पहाड़ी क्षेत्र हैं। 1672 मीटर ऊँचा देवमाली, राज्य का सबसे ऊँचा स्थान है। ओड़िशा में तीव्र चक्रवात आते रहते हैं और सबसे तीव्र चक्रवात उष्णकटिबंधीय चक्रवात 05बी, 1 अक्टूबर 1999 को आया था, जिसके कारण जानमाल का गंभीर नुकसान हुआ और लगभग 10000 लोग मृत्यु का शिकार बन गये। ओड़िशा के संबलपुर के पास स्थित हीराकुंड बांध विश्व का सबसे लंबा मिट्टी का बांध है। ओड़िशा में कई लोकप्रिय पर्यटक स्थल स्थित हैं जिनमें, पुरी, कोणार्क और भुवनेश्वर सबसे प्रमुख हैं और जिन्हें पूर्वी भारत का सुनहरा त्रिकोण पुकारा जाता है। पुरी के जगन्नाथ मंदिर जिसकी रथयात्रा विश्व प्रसिद्ध है और कोणार्क के सूर्य मंदिर को देखने प्रतिवर्ष लाखों पर्यटक आते हैं। ब्रह्मपुर के पास जौगदा में स्थित अशोक का प्रसिद्ध शिलालेख और कटक का बारबाटी किला भारत के पुरातात्विक इतिहास में महत्वपूर्ण हैं। .

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यह भी देखें

ओड़िशा के जिले

नबरंगपुर ज़िला