सामग्री की तालिका
7 संबंधों: द्राखेन्सबर्ग, नामीब मरुस्थल, महाद्वीप, लिसूतू, आरेंज नदी, कालाहारी मरुस्थल, अफ़्रीका।
- अफ़्रीका के पारिक्षेत्र
- दक्षिण अफ़्रीका की पर्वतमालाएँ
- दक्षिण अफ़्रीका में विश्व धरोहर स्थल
- लिसूतू की पर्वतमालाएँ
- लिसूतू-दक्षिण अफ़्रीका सीमा
द्राखेन्सबर्ग
अफ्रीका महाद्वीप के पूर्व एवं दक्षिण में उच्च पठारहैं। पठार के पूर्वी किनारे पर ड्रेकेन्सबर्ग पर्वत है जो समुद्र तट की ओर एक दीवाल की भाँति खड़ा है। ड्रेकेन्सबर्ग का स्थानीय नाम क्वाथालम्बा है। केप प्रान्त में यह पठार दक्षिण की ओर चबूतरे के रूप में समुद्र तक नीचे उतरता है। इन चबूतरों को कारू कहते हैं। इनमें उत्तरी चबूतरे को महान कारू तथा दक्षिणी चबूतरे को लघू कारू कहते हैं। दक्षिणी-पश्चिमी भाग में कालाहारी का मरूस्थल है। यह दक्षिण अफ्रीका के पूर्वी तट पर स्थित 2000 से 3000 मीटर ऊँची पहाड़ियाँ है।यह लेसोथो से पूर्वी केप तक फैला हुआ है। सबसे ऊँची चोटी 3482 मीटर है।इससे ऑरेंज नदी लिम्पोपो आदि नदियाँ निकलती है। यह नामीब मरुस्थल, कालाहारी रेगिस्तान और हिन्द महासागर से घिरा है। यह पूर्वी नम हवाओं को पश्चिम की ओर बढ़ने से रोकता है जिससे नामीब रेगिस्तान अधिक शुष्क हो गया है। श्रेणी:अफ़्रीका की पर्वतमालाएँ श्रेणी:दक्षिण अफ़्रीका की पर्वतमालाएँ श्रेणी:लिसूतू की पर्वतमालाएँ.
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नामीब मरुस्थल
नामीब रेगिस्तान नामीबिया में स्थित है। यह दक्षिणी अफ्रीका का तटीय मरुस्थल है।नामीब नाम की उत्पत्ति नामा शब्द से हुई है जिसका अर्थ है बहुत बड़ा स्थान। यह रेगिस्तान काफ़ी गर्म और शुष्क है। यह अंगोला नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका के अटलांटिक तट पर 2000 किमी से ज्यादा फैला हुआ है। इसका विस्तार अंगोला के करुजन्बा नदी से लेकर ओलिफ़न्त्स नदी तक हुआ है। यह बोत्सवाना, नामीबिया तथा दक्षिण अफ़्रीका का उत्तरी भाग है, जो 1,35,000 वर्ग कि॰मी॰ के क्षेत्र में फैला हुआ है। इस मरुस्थल का दक्षिणी हिस्सा कालाहारी मरुस्थल से मिल जाता है। बर्षा 2 मिमी से 200 मिमी तक हो जाती है।यह संसार का सबसे पुराना रेगिस्तान है। यहाँ की चट्टानों में विभिन्न रंग के शैवाल उगते हैं। .
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महाद्वीप
महाद्वीपों को समाहित या विभाजित किया जा सकता है, उदाहरणतः यूरेशिया को प्रायः यूरोप तथा एशिया में विभाजित किया जाता है लाल रंग में। बक्मिन्स्टर फुलर द्वारा डायमैक्सियम नक्शा जो दर्शित करता है भूमिखण्ड कम से कम विरूपण समेत, एक एक लगातार महाद्वीप में बंटे हुए विश्व के महाद्वीप महाद्वीप (en:Continent) एक विस्तृत ज़मीन का फैलाव है जो पृथ्वी पर समुद्र से अलग दिखाई देतै हैं। महाद्वीप को व्यक्त करने के कोई स्पष्ट मापदण्ड नहीं है। अलग-अलग सभ्यताओं और वैज्ञानिकों नें महाद्वीप की अलग परिभाषा दी है। पर आम राय ये है कि एक महाद्वीप धरती बहुत बड़ा का विस्तृत क्षेत्र होता है जिसकी सीमाएं स्पष्ट पहचानी जा सके.
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लिसूतू
लिसूतू या लेसोथो (Lesotho, उच्चारण: लिसूतू) (आधिकारिक तौर पर 'लिसूतू किंगडम') एक लैंडलॉक और दक्षिण अफ्रीका गणतंत्र से चारों तरफ से घिरा हुआ देश है। महज 30,000 वर्ग किमी क्षेत्रफल वाले इस देस की अनुमानित जनसंख्या 1,800,000 है। देश की राजधानी और सबसे बड़ा शहर मासेरु है। यह राष्ट्रमंडल का सदस्य है। लेसोथो का अर्थ मोटे तौर पर 'सेसोथो बोलने वाले लोगों का देश" है। देश की 40% जनसंख्या अंतर्राष्ट्रीय गरीबी रेखा से नीचे 1.25 अमेरिकी डॉलर प्रतिदिन से कम आमदनी में गुजारा करती है। इसके पश्चिम और उत्तर में ऑरेंज फ्री स्टेट, पूर्व में नेटाल तथा पूर्वी ग्रीक्वालैंड तथा दक्षिण में केप प्रॉविंस हैं। यहाँ का औसत ताप लगभ १५.५ डिग्री सेल्सियस तथा जलवायु शुष्क है। लगभग ३० इंच वर्षा हाती हे। यहाँ बाँटू जाति के बासूतो लोग रहते हैं। इसकी पूर्वी सीमा पर १०,००० फुट ऊँचा 'द्राखेन्सबर्ग' नामक पठार है। ऑरेंज प्रमुख नदी है। मुख्यत: गेहूँ, मक्का, सोरघम, जौ, जई, फलियों (बीन), मटर एवं सब्जियों की उपज है। घोड़े, बंदर, भेड़, बकरे, खच्चर आदि प्रमुख पशु हैं। मसेरू यहाँ की राजधानी तथा रेलवे स्टेशन है। श्रेणी:लिसूतू श्रेणी:देश श्रेणी:अफ़्रीका श्रेणी:स्थलरुद्ध देश.
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आरेंज नदी
आरेंज नदी (Orange river) दक्षिण अफ़्रीका की सबसे लम्बी नदी है। यह लिसूतू देश में द्राखेन्सबर्ग पहाड़ियों से आरम्भ होती है और पश्चिमी दिशा में बहकर अटलांटिक महासागर में विलय हो जाती है। .
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कालाहारी मरुस्थल
कालाहारी मरुस्थल तथा इसको आवृत करने वाली कालाहारी घाटी का क्षेत्र कालाहारी विश्व का एक विशाल मरूस्थल है। कालाहारी मरुस्थल का क्षेत्र दक्षिणवर्ती अफ़्रीका के बोत्सवाना, नामीबिया तथा दक्षिण अफ़्रीका देशों की सीमा में लगभग 9 लाख वर्गकिलोमीटर में विस्तृत है। इसको आवृत करने वाली कालाहारी घाटी कोई 25 लाख वर्ग किलोमीटर में फैली है। मरुस्थल में सालाना 8-19 सेमी वर्षा होती है। इसके कुछ हिस्सों में साल में तीन महीने वर्षा होती है जिसकी वजह से यहाँ पशुओं की आबादी भी देखने को मिलती है। यहाँ रहने वाली जनजातियों को बुशमैन कहा जाता है। 1980 के दशक में यहाँ के वन्य जीव संरक्षण के कई उपाय हुए। यह एक उष्ण कटिबंधीय मरुस्थल है। इसके पश्चिम में नामीब मरुस्थल है। कालाहारी में दो बड़े नमक के मैदान भी है। इसके उत्तर पश्चिम में ओकावंगो नदी डेल्टा बनाती है जो वन्यजीवन से भरपूर है। इस रेगिस्तान में पाई जाने वाली रेत भी स्थान-स्थान पर भिन्न रंग की होती है। कुछ लोग कालाहारी को रेगिस्तान नहीं मानते, क्योंकि यहाँ पर वर्षा का स्तर काफ़ी अच्छा है। जाड़े के दिनों में यहाँ का तापमान जमाव बिन्दु से नीचे चला जाता है। इस रेगिस्तान में जीव-जंतुओं और वनस्पतियों की विभिन्न प्रजातियाँ पाई जाती हैं।यह रेगिस्तान अपने खनिजों के लिए बहुत प्रसिद्ध है, यहाँ हीरा,निकल तथा यूरेनियम आदि के पर्याप्त भण्डार मौजूद हैं।यह रेगिस्तान दक्षिण में 'ओरेंज नदी तथा उत्तर में जाम्बेजी नदी के बीच स्थित है।'कालाहारी' शब्द संभवतः 'कीर' से बना है, जिसका अर्थ होता है-'बेहद प्यास'। यह भी कहा जाता है कि कालाहारी एक विशेष जनजातीय शब्द है,जो 'कालागारी' अथवा 'कालागारे' से उत्पन्न हुआ है, जिसका अर्थ होता है-'जलविहीन स्थान'। अन्य रेगिस्तानों की भांति इस स्थान पर भी रेत के टीले व बजरी के समतल क्षेत्र हैं। यहाँ के टीले लगभग स्थिर रहते हैं। कालाहारी रेगिस्तान में अधिकतर रेत बहुत महीन तथा कहीं-कहीं पर लाल रंग तो कहीं पर स्लेटी रंग की होती है। यह विवाद का विषय है कि क्या कालाहारी वास्तविक रूप में एक रेगिस्तान हैं? कुछ लोगों का यह मानना है कि कालाहारी को रेगिस्तान की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता।इसका कारण यह है,क्योंकि यहाँ पर वर्षा का स्तर 250 से.मी.
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अफ़्रीका
अफ़्रीका वा कालद्वीप, एशिया के बाद विश्व का सबसे बड़ा महाद्वीप है। यह 37°14' उत्तरी अक्षांश से 34°50' दक्षिणी अक्षांश एवं 17°33' पश्चिमी देशान्तर से 51°23' पूर्वी देशान्तर के मध्य स्थित है। अफ्रीका के उत्तर में भूमध्यसागर एवं यूरोप महाद्वीप, पश्चिम में अंध महासागर, दक्षिण में दक्षिण महासागर तथा पूर्व में अरब सागर एवं हिन्द महासागर हैं। पूर्व में स्वेज भूडमरूमध्य इसे एशिया से जोड़ता है तथा स्वेज नहर इसे एशिया से अलग करती है। जिब्राल्टर जलडमरूमध्य इसे उत्तर में यूरोप महाद्वीप से अलग करता है। इस महाद्वीप में विशाल मरुस्थल, अत्यन्त घने वन, विस्तृत घास के मैदान, बड़ी-बड़ी नदियाँ व झीलें तथा विचित्र जंगली जानवर हैं। मुख्य मध्याह्न रेखा (0°) अफ्रीका महाद्वीप के घाना देश की राजधानी अक्रा शहर से होकर गुजरती है। यहाँ सेरेनगेती और क्रुजर राष्ट्रीय उद्यान है तो जलप्रपात और वर्षावन भी हैं। एक ओर सहारा मरुस्थल है तो दूसरी ओर किलिमंजारो पर्वत भी है और सुषुप्त ज्वालामुखी भी है। युगांडा, तंजानिया और केन्या की सीमा पर स्थित विक्टोरिया झील अफ्रीका की सबसे बड़ी तथा सम्पूर्ण पृथ्वी पर मीठे पानी की दूसरी सबसे बड़ी झीलहै। यह झील दुनिया की सबसे लम्बी नदी नील के पानी का स्रोत भी है। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि इसी महाद्वीप में सबसे पहले मानव का जन्म व विकास हुआ और यहीं से जाकर वे दूसरे महाद्वीपों में बसे, इसलिए इसे मानव सभ्यता की जन्मभूमि माना जाता है। यहाँ विश्व की दो प्राचीन सभ्यताओं (मिस्र एवं कार्थेज) का भी विकास हुआ था। अफ्रीका के बहुत से देश द्वितीय विश्व युद्ध के बाद स्वतंत्र हुए हैं एवं सभी अपने आर्थिक विकास में लगे हुए हैं। अफ़्रीका अपनी बहुरंगी संस्कृति और जमीन से जुड़े साहित्य के कारण भी विश्व में जाना जाता है। .
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यह भी देखें
अफ़्रीका के पारिक्षेत्र
- अबीसीनिया का पठार
- चाड झील
- द्राखेन्सबर्ग
- भूमध्यसागरीय वन
- सहेल
दक्षिण अफ़्रीका की पर्वतमालाएँ
- द्राखेन्सबर्ग
दक्षिण अफ़्रीका में विश्व धरोहर स्थल
- केप फ्लोरल संरक्षित क्षेत्र
- दक्षिण अफ़्रीका में विश्व धरोहर स्थलों की सूची
- द्राखेन्सबर्ग
- द्रेकंस्बर्ग उद्यान
- रिक्टरअसवेल्ड क्षेत्र
- रोबेन द्वीप
- व्रेडेफोर्ट गुम्बज
लिसूतू की पर्वतमालाएँ
- द्राखेन्सबर्ग
लिसूतू-दक्षिण अफ़्रीका सीमा
- आरेंज नदी
- द्राखेन्सबर्ग
ड्रेकिन्सवर्ग पर्वत, द्राख़ेन्सबर्ग, क्वाथालम्बा के रूप में भी जाना जाता है।