सामग्री की तालिका
10 संबंधों: तुझे मेरी कसम (2003 फ़िल्म), दिलजीत दोसांझ, रितेश देशमुख, श्रेया घोषाल, सुनिधि चौहान, हिन्दी, जेनेलिया डिसूज़ा, ओम पुरी, आतिफ़ असलम, कैलाश खेर।
तुझे मेरी कसम (2003 फ़िल्म)
तुझे मेरी कसम 2003 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें तेरे नाल लव हो गया और तुझे मेरी कसम (2003 फ़िल्म)
दिलजीत दोसांझ
दिलजीत सिंह दोसांझ (जन्म 6 जनवरी 1984), पंजाबी फ़िल्म इंडस्ट्री के सुपरस्टार एवं गायक है। उन्हें उनके मंच नाम 'दिलजीत' से ही जाना जाता है। उन्होंने बहुचर्चित हिंदी फिल्म 'उड़ता पंजाब' एवं ब्लॉकबस्टर पंजाबी फिल्म 'जट्ट एंड जूलिएट' (भाग १ और २), 'पंजाब 1984', 'सरदार जी' (भाग १ और २), 'सुपर सिंह', 'अंबरसरीया' जैसी सुपरहिट फिल्मों में भूमिका निभायी। दिलजीत ने कई संगीत एल्बम एवं फिल्मों में गीत गाएं, विशेषत: उनके 'बैक टू बेसिक' एल्बम को बहुत लोकप्रियता हासिल हुयी। उनके द्वारा हिंदी फिल्म 'उड़ता पंजाब' में गाये गए 'इक कुड़ी' गाने ने दर्शकों का दिल जीत लिया। साथ ही उन्होंने अन्य कई हिंदी एवं पंजाबी फिल्मों में गीत गाये, जैसे की 'तेरे नाल लव हो गया', 'मेरे डैड की मारूती', 'यमला पगला दिवाना २', 'राबता', 'जब हैरी मेट सेजल' इत्यादि। राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार प्राप्त एवं ऐतिहासिक तथ्य दर्शानेवाली दिग्दर्शक अनुराग सिंह की पंजाबी फ़िल्म 'पंजाब 1984' में किये उमदा अभिनय की वजह से दिलजीत के लिए हिन्दी फ़िल्मों के रास्ते खुल गए। निर्देशक अभिषेक चौबे की बहुचर्चित हिंदी फ़िल्म 'उड़ता पंजाब' में प्रमुख भुमिका द्वारा दिलजीत ने बॉलिवूड में कदम रखा, इस फिल्म में दिलजीत द्वारा किये गए अभिनय को काफी नवाज़ा गया, उन्हें इस किरदार के लिए फिल्मफेअर एवं आईफा एवार्ड के 'बेस्ट डेब्यू एक्टर' का पुरस्कार प्राप्त हुवा। साथ ही उन्होंने अनुष्का शर्मा के साथ हिन्दी फ़िल्म 'फिल्लौरी' में अभिनय किया। .
देखें तेरे नाल लव हो गया और दिलजीत दोसांझ
रितेश देशमुख
ऋतेश देशमुख (कई स्थानों पर 'रितेश') हिन्दी फ़िल्मों के एक प्रसिद्ध अभिनेता हैं। .
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श्रेया घोषाल
श्रेया घोषाल (जन्म तारीख़: 12 मार्च 1984) एक भारतीय पार्श्व गायिका है। उन्होंने बॉलीवुड में, क्षेत्रीय फिल्मों बहुत सारे गाने गाए और कस्तूरी जैसे भारतीय धारावाहिकों के लिए भी गाया है। हिंदी के अलावा, उन्होंने असमिया, बंगाली, कन्नड़, मलयालम, मराठी, पंजाबी, तमिल और तेलुगु में भी गाने गाए हैं। .
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सुनिधि चौहान
सुनिधि चौहान (जन्म निधी चौहान, १४ अगस्त १९८३) एक भारतीय पार्श्वगायिका है जो हिन्दी गीतों को गाने के लिए लोकप्रिय है। उन्होंने मराठी, कन्नड़, तमिल, तेलुगु, बंगाली, असमिया और गुजराती फ़िल्मों में भी २००० से अधिक गीत गाए हैं। चौहान ने गायन की शुरुआत चार वर्ष की आयु से की और एक स्थानीय टीवी मेज़बान ने उनकी इस प्रतिभा को देखा। उन्हें प्रसिद्धी टेलिविज़न गायन प्रतियोगिता मेरी आवाज़ सुनो से मिली जिसमे जित के बाद उन्होंने पार्श्वगायन क्षेत्र में शस्त्र फ़िल्म से पदार्पण किया। उन्हें लोकप्रियता राम गोपाल वर्मा की फ़िल्म मस्त से मिली जिसमे उन्होंने "रुकी रुकी सी ज़िंदगी" गीत गाया जो एक हीट गीत साबित हुआ। उन्हें कुल चौदह फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कारों का नामांकन और तीन में जित हासिल हुई। उन्होंने दो स्टार स्क्रीन पुरस्कार, दो आइफा पुरस्कार और एक ज़ी सिने पुरस्कार जीते हैं। .
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हिन्दी
हिन्दी या भारतीय विश्व की एक प्रमुख भाषा है एवं भारत की राजभाषा है। केंद्रीय स्तर पर दूसरी आधिकारिक भाषा अंग्रेजी है। यह हिन्दुस्तानी भाषा की एक मानकीकृत रूप है जिसमें संस्कृत के तत्सम तथा तद्भव शब्द का प्रयोग अधिक हैं और अरबी-फ़ारसी शब्द कम हैं। हिन्दी संवैधानिक रूप से भारत की प्रथम राजभाषा और भारत की सबसे अधिक बोली और समझी जाने वाली भाषा है। हालांकि, हिन्दी भारत की राष्ट्रभाषा नहीं है क्योंकि भारत का संविधान में कोई भी भाषा को ऐसा दर्जा नहीं दिया गया था। चीनी के बाद यह विश्व में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा भी है। विश्व आर्थिक मंच की गणना के अनुसार यह विश्व की दस शक्तिशाली भाषाओं में से एक है। हिन्दी और इसकी बोलियाँ सम्पूर्ण भारत के विविध राज्यों में बोली जाती हैं। भारत और अन्य देशों में भी लोग हिन्दी बोलते, पढ़ते और लिखते हैं। फ़िजी, मॉरिशस, गयाना, सूरीनाम की और नेपाल की जनता भी हिन्दी बोलती है।http://www.ethnologue.com/language/hin 2001 की भारतीय जनगणना में भारत में ४२ करोड़ २० लाख लोगों ने हिन्दी को अपनी मूल भाषा बताया। भारत के बाहर, हिन्दी बोलने वाले संयुक्त राज्य अमेरिका में 648,983; मॉरीशस में ६,८५,१७०; दक्षिण अफ्रीका में ८,९०,२९२; यमन में २,३२,७६०; युगांडा में १,४७,०००; सिंगापुर में ५,०००; नेपाल में ८ लाख; जर्मनी में ३०,००० हैं। न्यूजीलैंड में हिन्दी चौथी सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है। इसके अलावा भारत, पाकिस्तान और अन्य देशों में १४ करोड़ १० लाख लोगों द्वारा बोली जाने वाली उर्दू, मौखिक रूप से हिन्दी के काफी सामान है। लोगों का एक विशाल बहुमत हिन्दी और उर्दू दोनों को ही समझता है। भारत में हिन्दी, विभिन्न भारतीय राज्यों की १४ आधिकारिक भाषाओं और क्षेत्र की बोलियों का उपयोग करने वाले लगभग १ अरब लोगों में से अधिकांश की दूसरी भाषा है। हिंदी हिंदी बेल्ट का लिंगुआ फ़्रैंका है, और कुछ हद तक पूरे भारत (आमतौर पर एक सरल या पिज्जाइज्ड किस्म जैसे बाजार हिंदुस्तान या हाफ्लोंग हिंदी में)। भाषा विकास क्षेत्र से जुड़े वैज्ञानिकों की भविष्यवाणी हिन्दी प्रेमियों के लिए बड़ी सन्तोषजनक है कि आने वाले समय में विश्वस्तर पर अन्तर्राष्ट्रीय महत्त्व की जो चन्द भाषाएँ होंगी उनमें हिन्दी भी प्रमुख होगी। 'देशी', 'भाखा' (भाषा), 'देशना वचन' (विद्यापति), 'हिन्दवी', 'दक्खिनी', 'रेखता', 'आर्यभाषा' (स्वामी दयानन्द सरस्वती), 'हिन्दुस्तानी', 'खड़ी बोली', 'भारती' आदि हिन्दी के अन्य नाम हैं जो विभिन्न ऐतिहासिक कालखण्डों में एवं विभिन्न सन्दर्भों में प्रयुक्त हुए हैं। .
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जेनेलिया डिसूज़ा
जेनेलिया डिसूज़ा (Genelia D'Souza, जन्म ५ अगस्त १९८७), एक भारतीय फ़िल्म अभिनेत्री है। उन्होंने कई तेलगु, हिन्दी, तमिल, कन्नड़ व मलयालम फ़िल्मों में अभिनय किया है। पार्कर पेन के विज्ञापन में अमिताभ बच्चन के साथ अभिनय के चलते मिली प्रसिद्धि के बाद उन्होंने अपने फ़िल्मी करियर की शुरुआत तुझे मेरी कसम (२००३) से की थी। उसके बाद उन्हें अपनी फ़िल्म बॉयज़ के ज़रिए लोकप्रियता हासिल हुई और उन्होंने तेलगु सिनेमा में अपने कदम बढ़ाए। जेनेलिया ने अपना पहला फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार (तेलगु) २००६ में बनी रोमांस फ़िल्म बोमरिलू में अपने अभिनय से प्राप्त किया और उनकी इस भूमिका को समीक्षकों ने भी काफ़ी सराहा। २००८ में उन्होंने संतोष सुब्रमनियम जो बोमरिलू की तमिल पुनार्निर्मिति थी और बॉलीवुड फ़िल्म जाने तू या जाने ना में भूमिका अदा की। अभिनय के साथ ही उन्होंने टेलिविज़न शो बिग स्विच की भी मेज़बानी की है व साथ ही साथ वे फैंटा, वर्जिन मोबाइल इण्डिया, फास्टट्रैक, एलजी मोबाइल, गार्नियर लाइट, मार्गो व पर्क इण्डिया की ब्रैंड अम्बैसिडर भी है। .
देखें तेरे नाल लव हो गया और जेनेलिया डिसूज़ा
ओम पुरी
ओम पुरी हिन्दी फिल्मों के एक प्रसिद्ध अभिनेता थे। इनका जन्म 18 अक्टूबर 1950 में अम्बाला, पंजाब (अब हरियाणा) में हुआ। इन्होने ब्रिटिश तथा अमेरिकी सिनेमा में भी योगदान किया है। ये पद्मश्री पुरस्कार विजेता भी हैं, जोकि भारत के नागरिक पुरस्कारों के पदानुक्रम में चौथा पुरस्कार है। दिल का दौरा पड़ने के कारण 6 जनवरी 2017 को 66 साल की उम्र में इनका निधन हो गया। - नवभारत टाइम्स - 6 जनवरी 2016 .
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आतिफ़ असलम
आतिफ अस्लम या मोहम्मद आतिफ अस्लम १२ मार्च १९८३ को पाकिस्तान के वज़ीराबाद, गुजरानवाला इलाके में जन्में एक जाने-माने गायक हैं। अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर ये सामान्यत: हिन्दी-ऊर्दू गायक के रूप में जाने जाते हैं। इन्होंने हिन्दी गानों के गायन में ख्याति अर्जित करनी शुरू की। २००८ में पाकिस्तान सरकार द्वारा इन्हें तम्गा-ऐ-इम्तियाज़ की उपाधि से पुरस्कृत किया गया। .
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कैलाश खेर
कैलाश खेर (जन्म ७ जुलाई १९७३) को उत्तर प्रदेश में हुआ वे एक भारतीय पॉप-रॉक गायक है जिनकी शैली भारतीय लोक संगीत से प्रभावित है। कैलाश खेर ने अबतक १८ भाषाओं में गाने गाया है और ३०० से अधिक गीत बॉलीवुड में गाये है। संगीत सीखने के लिए घर से की बगावत कैलाश जब 13 साल के थे तभी वो संगीत की बेहतर शिक्षा लेने के लिए घरवालों से लड़कर दिल्ली आ गए थे। यहां आकर उन्होंने संगीत की शिक्षा तो लेनी शुरू कर दी लेकिन साथ में पैसे कमाने के लिए छोटा सा काम शुरू कर दिया। साथ में विदेशी लोगों को संगीत भी सिखाकर पैसे कमाते थे। बिजनेस में घाटे के करना चाहते थे सुसाइड दिल्ली में रहते हुए 1999 तक कैलाश खेर ने अपने एक फैमिली फ्रेंड के साथ एक्सपोर्ट का बिजनेस करने लगे थे। इसी साल उन्हें इस कारोबार में इतना बड़ा घाटा हुआ जिसमें वह अपनी सारी जमा पूंजी गंवा चुके थे। इसी वक्त कैलाश इतने डिप्रेशन में चले गए थे कि वो जिंदगी से तंग आकर सुसाइड करना चाहते थे। इन सब से किसी तरह से निकलने के बाद कैलाश पैसे कमाने के लिए सिंगापुर और थाइलैंड चले गए। जहां 6 महीने रहने के बाद वो वापस भारत आकर ऋषिकेश चले गए और कुछ दिनों तक वहीं रहे। वहां वे साधू-संतो के लिए गाना गाया करते थे। कैलाश के गाने को सुनकर बड़ा से बड़ा संत झूम उठता था, इससे कैलाश का खोया विश्वास वापस आया और वह मुंबई चले गए। मुंबई आने के बाद कैलाश ने काफी गरीबी में दिन गुजारें। घर में नहीं बल्कि कैलाश वहां चॉल में रहते थे। उनके हालत कैसे थे वो इसी बात से पता चलता है कि उनके पास पहनने के लिए एक सही चप्पल भी नहीं थी। वह एक टूटी चप्पल ले 24 घंटे स्टूडियो के चक्कर लगाते रहते ताकि कोई तो उनकी आवाज को सुन उनको गाने का मौका दे दे। एक दिन उन्हें राम संपत ने एक ऐड का जिंगल गाने के लिए बुलाया, जिसके लिए उन्हें 5000 रुपए मिले। तब पांच हजार रुपए भी कैलाश को बहुत ज्यादा लगे और इनसे उनका कुछ दिन का काम चल गया। 'अल्ला के बंदे हम' ने दिलाई एक अलग पहचान दिलाई। कैलाश ने मुंबई में कई सालों तक स्ट्रगल करने के बाद फिल्म अंदाज से उन्हें ब्रेक मिला। इस फिल्म में कैलाश ने 'रब्बा इश्क ना होवे' में अपनी आवाज दी। लेकिन कैलाश के किस्मत का तारा तब चमका जब उन्होंने फिल्म वैसा भी होता है में 'अल्ला के बंदे हम' गाने में अपनी आवाज दी। ये गाना आजतक कैलाश के हिट गानों में से एक है। 18 भाषाओं में गया गाना कैलाश खेर ने अबतक 18 भाषाओं में गाने गा चुके हैं। 300 से अधिक गाने कैलाश ने सिर्फ बॉलीवुड में गाए हैं। कैलाश को अपने गानों के लिए दर्जनों अवार्ड मिल चुके हैं। कैलाश खेर 2009 में मुंबई बेस्ड शीतल से शादी की। उनका एक चार साल का बेटा है, जिसका नाम कबीर है। .