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तापदीप्त लैम्प

सूची तापदीप्त लैम्प

एक उद्दीपत दीपक तापदीप्त लैम्प या इन्कैंडिसेंट लैम्प (incandescent lamp) को बोलचाल में बल्ब कहते हैं। यह तापदीप्ति के द्वारा प्रकाश उत्पन्न करता है। गरम होने के कारण प्रकाश का उत्सर्जन, तापदीप्ति (incandescence) कहलाता है। इसमें एक पतला फिलामेन्ट (तार) होता है जिससे होकर जब धारा बहती है तब यह गरम होकर प्रकाश देने लगता है। फिलामेन्ट को काँच के बल्ब के अन्दर इसलिये रखा जाता है ताकि अति तप्त फिलामेन्ट तक वायुमण्डलीय आक्सीजन न पहुँच पाये और इस तरह क्रिया करके फिलामेन्ट को कमजोर न कर सके। .

13 संबंधों: एलईडी लैम्प, एसी, तापदीप्ति, दिष्ट धारा, धारा, प्रदीप्त बत्ती, प्रकाश, प्रकाश स्रोतों की सूची, प्रकाशसंदीप्ति, पृथ्वी का वायुमण्डल, शक्ति, संदीप्ति, ऑक्सीजन

एलईडी लैम्प

विविध प्रकार के एलईडी लैम्प 17 वाट की एलईडी ट्यूब जिसके प्रकाश की तीव्रता 45 वाट के प्रम्परागत ट्यूबलाइट के बराबर है। एलईडी बल्ब के विभिन्न भाग एलईडी लैम्प (LED lamp) का निर्माण एक या कई एल ई डी को श्रेणीक्रम में (कभी कभी श्रेणीक्रम और समान्तर क्रम दोनों में) जोडकर किया जाता है। इनका जीवनकाल एवं प्रकाश दक्षता अन्य लैम्पों की अपेक्षा अधिक होती है। अतः आजकल इनका प्रचलन बढ़ रहा है। .

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एसी

कोई विवरण नहीं।

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तापदीप्ति

गरम करने के कारण धातु से बनी वस्तु से प्रकाश निकल रहा है किसी गरम वस्तु से, उसके अधिक ताप के कारण दृश्य प्रकाश का निकलना तापदीप्ति (Incandescence) कहलाता है। उदाहरण के लिये साधारण बल्ब से निकलने वाला प्रकाश तापदीप्ति के कारण होता है। .

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दिष्ट धारा

दिष्ट धारा वह धारा हैं जो सदैव एक ही दिशा में बहती हैं व जिसकी ध्रुवीयता नियत रहती हैं। इसकी तुलना प्रत्यावर्ती धारा से की जा सकती है जो अपनी ध्रुवीयता (जो कि धारा की दिशा से संबंधित है) निश्चित कालक्रम में बदलती रहती है। इन दोनों ही धाराओं का परिमाण निश्चित रहता है। श्रेणी:भौतिकी श्रेणी:भौतिक शब्दावली.

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धारा

धारा भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के एटा जिले के अलीगंज प्रखण्ड का एक गाँव है। धारा एक मध्यम आकार का गांव है जो उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद जिले में स्थित है, जिसमें कुल ३१५ परिवार रहते हैं। धरारा गांव की आबादी १८६० है, जिसमें ९६५ पुरुष हैं जबकि ८९५ जनसंख्या जनगणना २०११ के अनुसार महिलाएं हैं। धरारा गांव में ०-६ साल के बच्चों की जनसंख्या ३५० है जो गांव की कुल आबादी का १८।८२ प्रतिशत है। धारा गांव का औसत लिंग अनुपात ९२७ है जो उत्तर प्रदेश राज्य की औसत ९१२ से अधिक है। जनगणना के अनुसार धारा के लिए बाल लिंग अनुपात ७२४ है, उत्तर प्रदेश की औसत ९०२ से कम है। धरारा गांव में उत्तर प्रदेश की तुलना में कम साक्षरता दर है। २०११ में, उत्तर प्रदेश के ६७।६८ प्रतिशत की तुलना में धारा गांव की साक्षरता दर ६५।५० प्रतिशत थी। धारा पुरुष साक्षरता में ७७।९५ प्रतिशत है जबकि महिला साक्षरता दर ५२।८१ प्रतिशत है। भारत और पंचायत राज अधिनियम के संविधान के अनुसार, धरा गांव को सरपंच (ग्राम प्रमुख) द्वारा प्रशासित किया जाता है, जो गांव के प्रतिनिधि चुने जाते हैं। .

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प्रदीप्त बत्ती

जगमगाते हुए प्रदीप्त लैम्प तरह-तरह की प्रदीप्त बत्तियाँ प्रदीप्त बत्ती या प्रदीप्त नलिका या फ्लोरिसेण्ट लैम्प एक 'गैस-डिस्चार्ज बत्ती' (gas-discharge lamp) है जिसमें पारे के वाष्प को इक्साइट (excite) करने के लिये विद्युत विभव का उपयोग किया जाता है। यह समान मात्रा में प्रकाश पैदा करने के लिये साधारण बल्ब (इन्कैण्डिसेन्ट लैम्प) की तुलना में कम बिजली खाता है। किन्तु इन्का आकार बड़ा होता है, इन पर शुरुआत में अधिक पैसा खर्च करना पड़ता है तथा इनमें पारा मर्करी की एक सूक्ष्म मात्रा भी होती है जो पर्यावरण को नुकसान पहुँचाती है। .

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प्रकाश

सूर्य के प्रकाश से प्रकाशित एक मेघ प्रकाश एक विद्युतचुम्बकीय विकिरण है, जिसकी तरंगदैर्ध्य दृश्य सीमा के भीतर होती है। तकनीकी या वैज्ञानिक संदर्भ में किसी भी तरंगदैर्घ्य के विकिरण को प्रकाश कहते हैं। प्रकाश का मूल कण फ़ोटान होता है। प्रकाश की तीन प्रमुख विमायें निम्नवत है।.

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प्रकाश स्रोतों की सूची

सामान्यत: प्रयुक्त प्रकाश बल्ब यहाँ पर विविध प्रकार के प्रकाश स्रोतों की सूची दी गयी है जिसमें प्राकृतिक व कृत्रिम स्रोत दोनो ही सम्मिलित हैं। साथ ही इसमें प्रकाश उत्पन्न करने की प्रक्रमों (processes) एवं प्रकाश की युक्तियों (devices) दोनो को ही स्थान दिया गया है। .

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प्रकाशसंदीप्ति

तंतुवाले दीपक तथा गैस के मैंटल बत्तीवाले दीपक आदि इस कारण प्रकाश उत्सर्जित करते हैं कि उच्च ताप पर तंतु तथा मैंटल में तापदीप्ति (incandescence) उत्पन्न हो जाती है। पर कुछ अन्य विधियाँ भी हैं जिनसे वस्तुएँ प्रकाश उत्सर्जित कर सकती हैं। उदाहरणस्वरूप, कुछ पदार्थो पर अदृश्य पराबैंगनी किरणों के, अदृश्य कैथोड किरणों के, अदृश्य एक्स किरणों के अथवा अदृश्य रेडियोऐक्टिव विकिरण के पड़ने से वे प्रकाश उत्सर्जित करने लगते हैं। कुछ रासायनिक अभिक्रियाओं में भी प्रकाश निकलता है। इस सब प्रभावों को प्रकाशसंदीप्ति के लिये प्राथमिक उत्तेजन कई स्रोतों, जैसे प्रकाश, यांत्रिक तनाव, रासायनिक अभिक्रिया, ऊष्मा, विद्युत्‌ ऊर्जा, नाभिकीय विकिरण आदि, से प्राप्त हो सकता है। नाभिकीय विकिरण द्वारा उत्सर्जित संदीप्ति पदार्थो में उत्तेजन तथा आयनीकरण की क्रिया द्वारा होती है। .

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पृथ्वी का वायुमण्डल

अंतरिक्ष से पृथ्वी का दृश्य: वायुमंडल नीला दिख रहा है। पृथ्वी को घेरती हुई जितने स्थान में वायु रहती है उसे वायुमंडल कहते हैं। वायुमंडल के अतिरिक्त पृथ्वी का स्थलमंडल ठोस पदार्थों से बना और जलमंडल जल से बने हैं। वायुमंडल कितनी दूर तक फैला हुआ है, इसका ठीक ठीक पता हमें नहीं है, पर यह निश्चित है कि पृथ्वी के चतुर्दिक् कई सौ मीलों तक यह फैला हुआ है। वायुमंडल के निचले भाग को (जो प्राय: चार से आठ मील तक फैला हुआ है) क्षोभमंडल, उसके ऊपर के भाग को समतापमंडल और उसके और ऊपर के भाग को मध्य मण्डलऔर उसके ऊपर के भाग को आयनमंडल कहते हैं। क्षोभमंडल और समतापमंडल के बीच के बीच के भाग को "शांतमंडल" और समतापमंडल और आयनमंडल के बीच को स्ट्रैटोपॉज़ कहते हैं। साधारणतया ऊपर के तल बिलकुल शांत रहते हैं। प्राणियों और पादपों के जीवनपोषण के लिए वायु अत्यावश्यक है। पृथ्वीतल के अपक्षय पर भी इसका गहरा प्रभाव पड़ता है। नाना प्रकार की भौतिक और रासायनिक क्रियाएँ वायुमंडल की वायु के कारण ही संपन्न होती हैं। वायुमंडल के अनेक दृश्य, जैसे इंद्रधनुष, बिजली का चमकना और कड़कना, उत्तर ध्रुवीय ज्योति, दक्षिण ध्रुवीय ज्योति, प्रभामंडल, किरीट, मरीचिका इत्यादि प्रकाश या विद्युत के कारण उत्पन्न होते हैं। वायुमंडल का घनत्व एक सा नहीं रहता। समुद्रतल पर वायु का दबाव 760 मिलीमीटर पारे के स्तंभ के दाब के बराबर होता है। ऊपर उठने से दबाव में कमी होती जाती है। ताप या स्थान के परिवर्तन से भी दबाव में अंतर आ जाता है। सूर्य की लघुतरंग विकिरण ऊर्जा से पृथ्वी गरम होती है। पृथ्वी से दीर्घतरंग भौमिक ऊर्जा का विकिरण वायुमंडल में अवशोषित होता है। इससे वायुमंडल का ताप - 68 डिग्री सेल्सियस से 55 डिग्री सेल्सियस के बीच ही रहता है। 100 किमी के ऊपर पराबैंगनी प्रकाश से आक्सीजन अणु आयनों में परिणत हो जाते हैं और परमाणु इलेक्ट्रॉनों में। इसी से इस मंडल को आयनमंडल कहते हैं। रात्रि में ये आयन या इलेक्ट्रॉन फिर परस्पर मिलकर अणु या परमाणु में परिणत हो जाते हैं जिससे रात्रि के प्रकाश के वर्णपट में हरी और लाल रेखाएँ दिखाई पड़ती हैं। .

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शक्ति

भौतिकी में कार्य करने की दर को शक्ति (पावर/Power) कहते हैं। इसकी इकाई वाट होती है जो १ जूल प्रति सेकेण्ड के बराबर होती है। इसके अलावा 'शक्ति' शब्द का अन्य अर्थों में भी उपयोग होता है, जैसे 'देवी', राजनीतिक शक्ति, सैन्य शक्ति आदि। .

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संदीप्ति

लुमिनॉल (Luminol) एवं हीमोग्लोबिन(hemoglobin) - रासायनिकसंदीप्ति के उदाहरण कम तापमान पर उत्सर्जित होने वाले प्रकाश को संदीप्ति (Luminescence) कहते हैं। यह वस्तुतः 'शीत वस्तु विकिरण' (cold body radiation) का एक प्रकार है। .

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ऑक्सीजन

ऑक्सीजन या प्राणवायु या जारक (Oxygen) रंगहीन, स्वादहीन तथा गंधरहित गैस है। इसकी खोज, प्राप्ति अथवा प्रारंभिक अध्ययन में जे.

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

बल्ब, विद्युत बल्ब, इन्कैंडिसेंट लैम्प, उद्दीप्त दीपक

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