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द्विघात इंजन

सूची द्विघात इंजन

द्विघात इंजन का चलित (एनिमेटेड) स्वरूप द्विघात इंजन (two-stroke engine) एक प्रकार का अन्तर्दहन इंजन है जो क्रैंकशाफ्ट के एक ही चक्कर (अर्थात, पिस्टन के दो चक्कर) में ही उर्जा-परिवर्तन का पूरा चक्र (thermodynamic cycle) पूरा कर लेता है। अर्थात दो-घाती इंजन अपने ऊष्मागतिकी चक्र को पिस्टन के दो चक्रों में पूरा करता है। चतुर्घात इंजन में उर्जा-परिवर्तन का चक्र पिस्टन के चार चक्करों में पूरा होता है। .

7 संबंधों: ऊर्जा, ऊष्मागतिक चक्र, पिस्टन, फोर स्ट्रोक इंजन, इंजन, अन्तर्दहन इंजन, उष्मागतिकी

ऊर्जा

दीप्तिमान (प्रकाश) ऊर्जा छोड़ता हैं। भौतिकी में, ऊर्जा वस्तुओं का एक गुण है, जो अन्य वस्तुओं को स्थानांतरित किया जा सकता है या विभिन्न रूपों में रूपांतरित किया जा सकता हैं। किसी भी कार्यकर्ता के कार्य करने की क्षमता को ऊर्जा (Energy) कहते हैं। ऊँचाई से गिरते हुए जल में ऊर्जा है क्योंकि उससे एक पहिये को घुमाया जा सकता है जिससे बिजली पैदा की जा सकती है। ऊर्जा की सरल परिभाषा देना कठिन है। ऊर्जा वस्तु नहीं है। इसको हम देख नहीं सकते, यह कोई जगह नहीं घेरती, न इसकी कोई छाया ही पड़ती है। संक्षेप में, अन्य वस्तुओं की भाँति यह द्रव्य नहीं है, यद्यापि बहुधा द्रव्य से इसका घनिष्ठ संबंध रहता है। फिर भी इसका अस्तित्व उतना ही वास्तविक है जितना किसी अन्य वस्तु का और इस कारण कि किसी पिंड समुदाय में, जिसके ऊपर किसी बाहरी बल का प्रभाव नहीं रहता, इसकी मात्रा में कमी बेशी नहीं होती। .

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ऊष्मागतिक चक्र

एक ऊष्मागतिक चक्र का P-V आरेख एक आदर्श ऊष्मागतिक चक्र का P-V आरेख ऊष्मागतिक चक्र (thermodynamic cycle) कई ऊष्मागतिक प्रक्रमों से मिलकर बनता है। प्रत्येक ऊष्मागतिक प्रक्रम में निकाय के दाब, ताप, तथा अन्य प्रावस्था चर (स्टॅट वैरिएबुल्स) बदलते हुए ऊष्मा और कार्य का विनिमय हो सकता है। इन सारे परिवर्तनों के होते हुए निकार अपनी प्रारम्भिक अवस्था (स्टेट) में आता है और यही चक्र बार-बार होता रहता है। ऊष्मा इंजन तथा ऊष्मा पम्प में तरह-तरह के ऊष्मागतिक चक्र अपनाये जाते हैं। कुछ प्रमुख ऊष्मागतिक चक्र निम्नलिखित हैं-.

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पिस्टन

एक ठेठ, चार स्ट्रोक साइकिल, DOHC पिस्टन इंजन के घटक. (E) निकास कैमशाफ़्ट, (I) इंटेक कैमशाफ्ट, (S) स्पार्क प्लग, (V) वाल्व, (P) पिस्टन, (R) कनेक्टिंग रॉड, (C) क्रेंकशाफ्ट, (W) शीतलक प्रवाह के लिए पानी की जैकेट. पिस्टन, प्रत्यागामी इंजन, प्रत्यागामी पंप, गैस कम्प्रेसर और वायवीय सिलेंडर का एक घटक है। यह गतिशील घटक है जो एक सिलेंडर द्वारा अन्तर्विष्ट होता है और इसे पिस्टन रिंग द्वारा गैस-टाईट बनाया जाता है। एक इंजन में, इसका उद्देश्य होता है सिलेंडर में विस्तारित होती गैस के बल को एक पिस्टन रॉड और/या कनेक्टिंग रॉड के माध्यम से क्रैंकशाफ्ट में स्थानांतरित करना.

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फोर स्ट्रोक इंजन

वर्तमान युग में कारों, ट्रकों, मोटरसाइकिलों व वायुयानों आदि में प्रयोग होने वाले अन्तर्दहन इंजन प्रायः फोर स्ट्रोक इंजन होते हैं। 'चार स्ट्रोक' का मतलब है कि ईंधन से यांत्रिक उर्जा में परिवर्तन का चक्र कुल चार चरणों में पूरा होता है। इन चरणों या स्ट्रोकों को क्रमश: इनटेक, संपीडन (कम्प्रेशन), ज्वलन (combustion), एवं उत्सर्जन (exhaust) कहते हैं। ध्यान देने की बात है कि इन चार चरणों (स्ट्रोकों) को पूरा करने में क्रैंकसाशाफ्ट को दो चक्कर लगाने पड़ते हैं। वर्तमान में गाड़ियों में सामान्यत: फोर स्ट्रोक इंजन का प्रयोग ज्यादा होता है।। हिन्दुस्तान लाइव। ७ जनवरी २०१० इससे पहले गाड़ियों में टू स्ट्रोक इंजन का प्रयोग हुआ करता था, लेकिन कम माइलेज और जीवन अवधि कम होने के कारण इसका स्थान फोर स्ट्रोक इंजन ने ले लिया। .

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इंजन

चार-स्ट्रोक वाला आन्तरिक दहन इंजन आजकल अधिकांश कामों में इस्तेमाल होता है इंजन या मोटर उस यंत्र या मशीन (या उसके भाग) को कहते हैं जिसकी सहायता से किसी भी प्रकार की ऊर्जा का यांत्रिक ऊर्जा में रूपांतरण होता है। इंजन की इस यांत्रिक ऊर्जा का उपयोग, कार्य करने के लिए किया जाता है। अर्थात् इंजन रासायनिक ऊर्जा, विद्युत ऊर्जा, गतिज ऊर्जा या ऊष्मीय ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में बदलने का कार्य करता है। वर्तमान युग में अंतर्दहन इंजन तथा विद्युत मोटरों का अत्यन्त महत्व है। .

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अन्तर्दहन इंजन

42-सिलिण्डर वाला JSC Zvezda M503 डीजल इंजन, 2940 kW अन्तर्दहन इंजन (अन्तः दहन इंजन या आन्तरिक दहन इंजन या internal combustion engine) ऐसा इंजन है जिसमें ईंधन एवं आक्सीकारक सभी तरफ से बन्द एक बेलानाकार दहन कक्ष में जलते हैं। दहन की इस क्रिया में प्रायः हवा ही आक्सीकारक का काम करती है। जिस बन्द कक्ष में दहन होता है उसे दहन कक्ष (कम्बशन चैम्बर) कहते हैं। दहन की यह अभिक्रिया ऊष्माक्षेपी (exothermic reaction) होती है जो उच्च ताप एवं दाब वाली गैसें उत्पन्न करती है। ये गैसें दहन कक्ष में लगे हुए एक पिस्टन को धकेलती हुए फैलतीं है। पिस्टन एक कनेक्टिंग रॉड के माध्यम से एक क्रेंक शाफ्ट(घुमने वाली छड़) से जुड़ा होता है, इस प्रकार जब पिस्टन नीचे की तरफ जाता है तो कनेक्टिंग रॉड से जुड़ी क्रेंक शाफ्ट घुमने लगती है, इस प्रकार ईंधन की रासायनिक ऊर्जा पहले ऊष्मीय ऊर्जा में बदलती है और फिर ऊष्मीय ऊर्जा यांत्रिक उर्जा में बदल जाती है। अन्तर्दहन इंजन के विपरीत बहिर्दहन इंजन, (जैसे, वाष्प इंजन) में कार्य करने वाला तरल (जैसे वाष्प) किसी अन्य कक्ष में किसी तरल को गरम करके प्राप्त किया जाता है। प्रायः पिस्टनयुक्त प्रत्यागामी इंजन, जिसमें कुछ-कुछ समयान्तराल के बाद दहन होता है (लगातार नहीं), को ही अन्तर्दहन इंजन कहा जाता है किन्तु जेट इंजन, अधिकांश रॉकेट एवं अनेक गैस टर्बाइनें भी अन्तर्दहन इंजन की श्रेणी में आती हैं जिनमें दहन की क्रिया अनवरत रूप से चलती रहती है। .

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उष्मागतिकी

भौतिकी में उष्मागतिकी (उष्मा+गतिकी .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

टू स्ट्रोक इंजन

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