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जीसैट

सूची जीसैट

जीसैट उपग्रह, भारत की स्वदेशी रूप से विकसित संचार उपग्रहों की तकनीक है जो डिजिटल ऑडियो, डेटा और वीडियो के प्रसारण के लिए प्रयोग की जाती है। नवंबर 2015 तक, 13 जीसैट उपग्रहों को इसरो द्वारा प्रक्षेपित किया जा चुका है। .

30 संबंधों: एरियन 5, दक्षिण एशिया उपग्रह, ध्रुवीय उपग्रह प्रमोचन वाहन, भारत, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान, भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान संस्करण 3, संचार उपग्रह, जीपीएस ऐडेड जियो ऑगमेंटिड नैविगेशन, जीसैट-1, जीसैट-10, जीसैट-11, जीसैट-12, जीसैट-14, जीसैट-15, जीसैट-16, जीसैट-17, जीसैट-18, जीसैट-19, जीसैट-2, जीसैट-3, जीसैट-4, जीसैट-5पी, जीसैट-6ए, जीसैट-7, जीसैट-7ए, जीसैट-8, इनसैट-3ई, इनसैट-4ई, उपग्रह

एरियन 5

एरियन 5 (Ariane 5) एक यूरोपीय प्रक्षेपण यान रॉकेट है। यह एरियन रॉकेट परिवार का हिस्सा है। एरियन-5 रॉकेट यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) और सिनेस के अधिकार के तहत निर्मित किये जाते हैं। एयरबस रक्षा और अंतरिक्ष एरियन 5 के लिए मुख्य ठेकेदार है। एरियन-5 का संचालन और व्यापार एरियन स्पेस द्वारा किया जाता है। एयरबस रक्षा और अंतरिक्ष यूरोप में रॉकेट बनाता है। तथा एरियन स्पेस उन्हें फ्रेंच गुयाना में गुयाना अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपण करता है। .

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दक्षिण एशिया उपग्रह

दक्षिण एशिया उपग्रह (इंग्लिश: South Asia Satellite) जिसका नाम पहले सार्क उपग्रह (SAARC Satellite) था, दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) क्षेत्र के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा बनाया गया भू-समकालिक संचार और मौसम विज्ञान उपग्रह है। २०१४ में नेपाल में आयोजित १८वें सार्क शिखर सम्मेलन के दौरान, भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक उपग्रह सार्क के सदस्य देशों की आवश्यकताओं की सेवा का विचार रखा था। जो उनकी 'पहले पड़ोस' नीति का हिस्सा था। हालांकि उपग्रह सार्क क्षेत्र में सेवा करने का इरादा है, पाकिस्तान कार्यक्रम से बाहर निकल गया, जबकि अफगानिस्तान और बांग्लादेश ने अपनी वचनबद्धता देने का वायदा नहीं किया था।, Economic Times .

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ध्रुवीय उपग्रह प्रमोचन वाहन

'''पी.एस.एल.वी सी8''' इटली के एक उपग्रह को लेकर सतीश धवन अन्तरिक्ष केन्द्र से उड़ान भरते समय ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान या पी.एस.एल.वी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन द्वारा संचालित एक उपभोजित प्रक्षेपण प्रणाली है। भारत ने इसे अपने सुदूर संवेदी उपग्रह को सूर्य समकालिक कक्षा में प्रक्षेपित करने के लिये विकसित किया है। पीएसएलवी के विकास से पूर्व यह सुविधा केवल रूस के पास थी। पीएसएलवी छोटे आकार के उपग्रहों को भू-स्थिर कक्षा में भी भेजने में सक्षम है। अब तक पीएसएलवी की सहायता से 70 अन्तरिक्षयान (30 भारतीय + 40 अन्तरराष्ट्रीय) विभिन्न कक्षाओं में प्रक्षेपित किये जा चुके हैं। इससे इस की विश्वसनीयता एवं विविध कार्य करने की क्षमता सिद्ध हो चुकी है। २२ जून, २०१६ में इस यान ने अपनी क्षमता की चरम सीमा को छुआ जब पीएसएलवी सी-34 के माध्यम से रिकॉर्ड २० उपग्रह एक साथ छोड़े गए।http://khabar.ndtv.com/news/file-facts/in-record-launch-isro-flies-20-satellites-into-space-10-facts-1421899?pfrom.

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भारत

भारत (आधिकारिक नाम: भारत गणराज्य, Republic of India) दक्षिण एशिया में स्थित भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा देश है। पूर्ण रूप से उत्तरी गोलार्ध में स्थित भारत, भौगोलिक दृष्टि से विश्व में सातवाँ सबसे बड़ा और जनसंख्या के दृष्टिकोण से दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत के पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर-पूर्व में चीन, नेपाल और भूटान, पूर्व में बांग्लादेश और म्यान्मार स्थित हैं। हिन्द महासागर में इसके दक्षिण पश्चिम में मालदीव, दक्षिण में श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व में इंडोनेशिया से भारत की सामुद्रिक सीमा लगती है। इसके उत्तर की भौतिक सीमा हिमालय पर्वत से और दक्षिण में हिन्द महासागर से लगी हुई है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी है तथा पश्चिम में अरब सागर हैं। प्राचीन सिन्धु घाटी सभ्यता, व्यापार मार्गों और बड़े-बड़े साम्राज्यों का विकास-स्थान रहे भारतीय उपमहाद्वीप को इसके सांस्कृतिक और आर्थिक सफलता के लंबे इतिहास के लिये जाना जाता रहा है। चार प्रमुख संप्रदायों: हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख धर्मों का यहां उदय हुआ, पारसी, यहूदी, ईसाई, और मुस्लिम धर्म प्रथम सहस्राब्दी में यहां पहुचे और यहां की विविध संस्कृति को नया रूप दिया। क्रमिक विजयों के परिणामस्वरूप ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कंपनी ने १८वीं और १९वीं सदी में भारत के ज़्यादतर हिस्सों को अपने राज्य में मिला लिया। १८५७ के विफल विद्रोह के बाद भारत के प्रशासन का भार ब्रिटिश सरकार ने अपने ऊपर ले लिया। ब्रिटिश भारत के रूप में ब्रिटिश साम्राज्य के प्रमुख अंग भारत ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में एक लम्बे और मुख्य रूप से अहिंसक स्वतन्त्रता संग्राम के बाद १५ अगस्त १९४७ को आज़ादी पाई। १९५० में लागू हुए नये संविधान में इसे सार्वजनिक वयस्क मताधिकार के आधार पर स्थापित संवैधानिक लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित कर दिया गया और युनाईटेड किंगडम की तर्ज़ पर वेस्टमिंस्टर शैली की संसदीय सरकार स्थापित की गयी। एक संघीय राष्ट्र, भारत को २९ राज्यों और ७ संघ शासित प्रदेशों में गठित किया गया है। लम्बे समय तक समाजवादी आर्थिक नीतियों का पालन करने के बाद 1991 के पश्चात् भारत ने उदारीकरण और वैश्वीकरण की नयी नीतियों के आधार पर सार्थक आर्थिक और सामाजिक प्रगति की है। ३३ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ भारत भौगोलिक क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा राष्ट्र है। वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था क्रय शक्ति समता के आधार पर विश्व की तीसरी और मानक मूल्यों के आधार पर विश्व की दसवीं सबसे बडी अर्थव्यवस्था है। १९९१ के बाज़ार-आधारित सुधारों के बाद भारत विश्व की सबसे तेज़ विकसित होती बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक हो गया है और इसे एक नव-औद्योगिकृत राष्ट्र माना जाता है। परंतु भारत के सामने अभी भी गरीबी, भ्रष्टाचार, कुपोषण, अपर्याप्त सार्वजनिक स्वास्थ्य-सेवा और आतंकवाद की चुनौतियां हैं। आज भारत एक विविध, बहुभाषी, और बहु-जातीय समाज है और भारतीय सेना एक क्षेत्रीय शक्ति है। .

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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, (संक्षेप में- इसरो) (Indian Space Research Organisation, ISRO) भारत का राष्ट्रीय अंतरिक्ष संस्थान है जिसका मुख्यालय बेंगलुरू कर्नाटक में है। संस्थान में लगभग सत्रह हजार कर्मचारी एवं वैज्ञानिक कार्यरत हैं। संस्थान का मुख्य कार्य भारत के लिये अंतरिक्ष संबधी तकनीक उपलब्ध करवाना है। अन्तरिक्ष कार्यक्रम के मुख्य उद्देश्यों में उपग्रहों, प्रमोचक यानों, परिज्ञापी राकेटों और भू-प्रणालियों का विकास शामिल है। 1969 में स्थापित, इसरो अंतरिक्ष अनुसंधान के लिए तत्कालीन भारतीय राष्ट्रीय समिति (INCOSPAR) स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और उनके करीबी सहयोगी और वैज्ञानिक विक्रम साराभाई के प्रयासों से 1962 में स्थापित किया गया। भारत का पहला उपग्रह, आर्यभट्ट, जो 19 अप्रैल 1975 सोवियत संघ द्वारा शुरू किया गया था यह गणितज्ञ आर्यभट्ट के नाम पर रखा गया था बनाया।इसने 5 दिन बाद काम करना बंद कर दिया था। लेकिन ये अपने आप में भारत के लिये एक बड़ी उपलब्धि थी। 7 जून 1979 को भारत ने दूसरा उपग्रह भास्कर 445 किलो का था, पृथ्वी की कक्षा में स्थापित किया गया। 1980 में रोहिणी उपग्रह पहला भारतीय-निर्मित प्रक्षेपण यान एसएलवी -3 बन गया जिस्से कक्षा में स्थापित किया गया। इसरो ने बाद में दो अन्य रॉकेट विकसित किये। ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान उपग्रहों शुरू करने के लिए ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी),भूस्थिर कक्षा में उपग्रहों को रखने के लिए ध्रुवीय कक्षाओं और भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान (जीएसएलवी) भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान। ये रॉकेट कई संचार उपग्रहों और पृथ्वी अवलोकन गगन और आईआरएनएसएस तरह सैटेलाइट नेविगेशन सिस्टम तैनात किया उपग्रह का शुभारंभ किया।जनवरी 2014 में इसरो सफलतापूर्वक जीसैट -14 का एक जीएसएलवी-डी 5 प्रक्षेपण में एक स्वदेशी क्रायोजेनिक इंजन का इस्तेमाल किया गया। इसरो के वर्तमान निदेशक ए एस किरण कुमार हैं। आज भारत न सिर्फ अपने अंतरिक्ष संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति करने में सक्षम है बल्कि दुनिया के बहुत से देशों को अपनी अंतरिक्ष क्षमता से व्यापारिक और अन्य स्तरों पर सहयोग कर रहा है। इसरो एक चंद्रमा की परिक्रमा, चंद्रयान -1 भेजा, 22 अक्टूबर 2008 और एक मंगल ग्रह की परिक्रमा, मंगलयान (मंगल आर्बिटर मिशन) है, जो सफलतापूर्वक मंगल ग्रह की कक्षा में प्रवेश पर 24 सितंबर 2014 को भारत ने अपने पहले ही प्रयास में सफल होने के लिए पहला राष्ट्र बना। दुनिया के साथ ही एशिया में पहली बार अंतरिक्ष एजेंसी में एजेंसी को सफलतापूर्वक मंगल ग्रह की कक्षा तक पहुंचने के लिए इसरो चौथे स्थान पर रहा। भविष्य की योजनाओं मे शामिल जीएसएलवी एमके III के विकास (भारी उपग्रहों के प्रक्षेपण के लिए) ULV, एक पुन: प्रयोज्य प्रक्षेपण यान, मानव अंतरिक्ष, आगे चंद्र अन्वेषण, ग्रहों के बीच जांच, एक सौर मिशन अंतरिक्ष यान के विकास आदि। इसरो को शांति, निरस्त्रीकरण और विकास के लिए साल 2014 के इंदिरा गांधी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। मंगलयान के सफल प्रक्षेपण के लगभग एक वर्ष बाद इसने 29 सितंबर 2015 को एस्ट्रोसैट के रूप में भारत की पहली अंतरिक्ष वेधशाला स्थापित किया। जून 2016 तक इसरो लगभग 20 अलग-अलग देशों के 57 उपग्रहों को लॉन्च कर चुका है, और इसके द्वारा उसने अब तक 10 करोड़ अमेरिकी डॉलर कमाए हैं।http://khabar.ndtv.com/news/file-facts/in-record-launch-isro-flies-20-satellites-into-space-10-facts-1421899?pfrom.

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भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान

भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान (अंग्रेज़ी:जियोस्टेशनरी सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल, लघु: जी.एस.एल.वी) अंतरिक्ष में उपग्रह के प्रक्षेपण में सहायक यान है। जीएसएलवी का इस्तेमाल अब तक बारह लॉन्च में किया गया है, 2001 में पहली बार लॉन्च होने के बाद से 29 मार्च, 2018 को जीएसएटी -6 ए संचार उपग्रह ले जाया गया था। ये यान उपग्रह को पृथ्वी की भूस्थिर कक्षा में स्थापित करने में मदद करता है। जीएसएलवी ऐसा बहुचरण रॉकेट होता है जो दो टन से अधिक भार के उपग्रह को पृथ्वी से 36000 कि॰मी॰ की ऊंचाई पर भू-स्थिर कक्षा में स्थापित कर देता है जो विषुवत वृत्त या भूमध्य रेखा की सीध में होता है। ये रॉकेट अपना कार्य तीन चरण में पूरा करते हैं। इनके तीसरे यानी अंतिम चरण में सबसे अधिक बल की आवश्यकता होती है। रॉकेट की यह आवश्यकता केवल क्रायोजेनिक इंजन ही पूरा कर सकते हैं। इसलिए बिना क्रायोजेनिक इंजन के जीएसएलवी रॉकेट का निर्माण मुश्किल होता है। अधिकतर काम के उपग्रह दो टन से अधिक के ही होते हैं। इसलिए विश्व भर में छोड़े जाने वाले 50 प्रतिशत उपग्रह इसी वर्ग में आते हैं। जीएसएलवी रॉकेट इस भार वर्ग के दो तीन उपग्रहों को एक साथ अंतरिक्ष में ले जाकर निश्चित कि॰मी॰ की ऊंचाई पर भू-स्थिर कक्षा में स्थापित कर देता है। यही इसकी की प्रमुख विशेषता है।|हिन्दुस्तान लाईव। १८ अप्रैल २०१०। अनुराग मिश्र हालांकि भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान संस्करण 3 (जीएसएलवी मार्क 3) नाम साझा करता है, यह एक पूरी तरह से अलग लॉन्चर है। .

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भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान संस्करण 3

भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान संस्करण 3 (Geosynchronous Satellite Launch Vehicle mark 3, or GSLV Mk3, जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लाँच वहीकल मार्क 3, या जीएसएलवी मार्क 3, या जीएसएलवी-3), जिसे लॉन्च वाहन मार्क 3 (LVM 3) भी कहा जाता है, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा विकसित एक प्रक्षेपण वाहन (लॉन्च व्हीकल) है। इसे भू-स्थिर कक्षा (जियो-स्टेशनरी ऑर्बिट) में उपग्रहों और भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को प्रक्षेपित करने के लिये विकसित किया गया है। जीएसएलवी-III में एक भारतीय तुषारजनिक (क्रायोजेनिक) रॉकेट इंजन की तीसरे चरण की भी सुविधा के अलावा वर्तमान भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान की तुलना में अधिक पेलोड (भार) ले जाने क्षमता भी है। | फ्रंटलाइन| ७ फरवरी २०१४ .

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संचार उपग्रह

U.स सैन्य MILSTAR संचार उपग्रह दूरसंचार के प्रयोजनों के लिए संचार उपग्रह (कभी-कभी संक्षेप में SATCOM प्रयुक्त) अंतरिक्ष में तैनात एक कृत्रिम उपग्रह है। आधुनिक संचार उपग्रह भू-स्थिर कक्ष, मोलनीय कक्ष, अन्य दीर्घवृत्ताकार कक्ष और पृथ्वी के निचले (ध्रुवीय और ग़ैर-ध्रुवीय) कक्ष सहित विभिन्न प्रकार के परिक्रमा-पथों का उपयोग करते हैं। निश्चित (बिंदु-दर-बिंदु) सेवाओं के लिए, संचार उपग्रह पनडुब्बी संचार केबल के पूरक माइक्रोवेव रेडियो प्रसारण तकनीक उपलब्ध कराते हैं। उनका इस्तेमाल मोबाइल अनुप्रयोगों, जैसे जहाज, वाहनों, विमानों और हस्तचालित टर्मिनलों तथा टी.वी.

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जीपीएस ऐडेड जियो ऑगमेंटिड नैविगेशन

गगन के नाम से जाना जाने वाला यह भारत का उपग्रह आधारित हवाई यातायात संचालन तंत्र है। अमेरिका, रूस और यूरोप के बाद 10 अगस्त 2010 को इस सुविधा को प्राप्त करने वाला भारत विश्व का चौथा देश बन गया। .

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जीसैट-1

जीसैट-१ जीएसएलवी रॉकेट की पहली उडान द्वारा प्रक्षेपित एक प्रयोगधर्मी संचार उपग्रह था। यह अंतरिक्ष यान एस बैंड आवृति और सीबैंड के तीन प्रेषानुकरों (ट्रांसपौंडरों) द्वारा छोडे जा रहे स्पदंन स्वर परिवर्तन (पल्स कोड मॉड्युलेशन) नापने वाले उपकरणों से सुसज्जित था। इस उपग्रह पर सुधारित प्रतिक्रिया नियंत्रण थ्रस्टर, त्वरित पुनःप्राप्ति तारा संवेदक और ऊष्मा प्रवाहिका रेडियेटर पैनल जैसे कई नए अंतरिक्ष यान अवयवों का परीक्षण भी किया गया। जीसैट-1 का उपयोग डिजीटल ऑडियो प्रसारण, इंटरनेट सेवाएँ और संपीडित डिजीटल टी.वी.

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जीसैट-10

जीसैट-10 (GSAT-10) एक भारतीय संचार उपग्रह है। जिसे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन द्वारा विकसित किया गया है। यह अपने साथ 12 केयू-बैंड, 12 सी-बैंड, 6 कम विस्तारित सी-बैंड और गगन के लिए नेविगेशन पेलोड ले गया है। इसका प्रक्षेपण 29 सितंबर 2012 को गुयाना अंतरिक्ष केंद्र, फ्रांस से हुआ था। .

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जीसैट-11

जीसैट-11 (GSAT-11) एक भारतीय संचार उपग्रह है। जिसे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन द्वारा विकसित तथा भारतीय राष्ट्रीय उपग्रह द्वारा संचालित किया जायेगा। यह उपग्रह देश में उन्नत दूरसंचार और डीटीएच सेवाएं प्रदान करेगा। जीसैट-11 पूरे देश के लिए प्रति सेकंड 10 गीगाबाइट की गति से डाटा संचारित कर सकता है। इसका प्रक्षेपण एरियन 5 राकेट से 2017 को गयाना अंतरिक्ष केंद्र, फ्रांस से होना है। .

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जीसैट-12

जीसैट-12 (GSAT-12) भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन द्वारा विकसित किया गया उपग्रह है। इसका प्रक्षेपण 25 दिसंबर 2013, 01:49:32 यु.टी.सी को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से हुआ था। .

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जीसैट-14

जीसैट-14 एक भारतीय संचार उपग्रह है जिसे जनवरी 2014 में सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित किया गया। माना जा रही है कि यह उपग्रह वर्ष 2004 में प्रक्षेपित जीसैट-3 का स्थान लेगा। जीसैट -14 को जीएसएलवी डी 5 द्वारा प्रमोचित किया गया जिसके तीसरे चरण में भारत में निर्मित क्रायोजेनिक इंजन का इस्तेमाल हुआ था। .

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जीसैट-15

जीसैट-15 (GSAT-15) एक भारतीय संचार उपग्रह है। जिसे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन द्वारा विकसित किया गया है। यह अपने साथ 24 केयू-बैंड ले गया है। जीसैट-15 उपग्रह जीसैट-10 के सामान है। इसका प्रक्षेपण 10 नवंबर 2015, 21:34:07 यु.टी.सी को गयाना अंतरिक्ष केंद्र, फ्रांस से हुआ था। .

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जीसैट-16

जीसैट-16 (GSAT-16) एक भारतीय संचार उपग्रह है। जिसे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन द्वारा विकसित किया गया है। यह अपने साथ 12 केयू-बैंड, 24 सी-बैंड और 12 विस्तृत सी-बैंड ले गया है। इसका प्रक्षेपण 6 दिसंबर 2014, 20:40 यु.टी.सी को गयाना अंतरिक्ष केंद्र, फ्रांस से हुआ था। .

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जीसैट-17

जीसैट-17 (GSAT-17) एक भारतीय संचार उपग्रह है। जिसे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन द्वारा विकसित तथा भारतीय राष्ट्रीय उपग्रह द्वारा संचालित किया जायेगा। यह अपने साथ 24 सी बैंड, 2 निम्न सी बैंड, 12 ऊपरी सी बैंड, 2 सीxएस बैंड, 2 एसxसी बैंड, 1 डीआरटी और खोज एवं बचाव पेलोड ले जायेगा। इसका प्रक्षेपण 2016-17 की समय सीमा में गयाना अंतरिक्ष केंद्र, फ्रांस से होना है। .

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जीसैट-18

जीसैट-18 (GSAT-18) एक भारतीय संचार उपग्रह है। जिसे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन द्वारा विकसित तथा भारतीय राष्ट्रीय उपग्रह द्वारा संचालित किया जायेगा। यह अपने साथ 24 सी बैंड, 12 विस्तृत सी बैंड, 12 केयू बैंड, 2 केयू प्रकाश स्तम्भ ले जायेगा। इसका प्रक्षेपण एरियन 5 रॉकेट द्वारा 5 अक्टूबर 2016 20:30 को गयाना अंतरिक्ष केंद्र, फ्रांस से हुआ। .

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जीसैट-19

जीसैट-19 (GSAT-19) एक भारतीय संचार उपग्रह है जिसका भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान संस्करण 3 डी1 यान द्वारा ५ जून २०१७ १७:२८ बजे प्रक्षेपण किया। .

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जीसैट-2

जीसैट-2 was an experimental communication satellite built by the भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन द्वारा विकसित एक प्रयोगधर्मी संचार उपग्रह था जिसे पहले जीएसएलवी प्रमोचन यान से १८ मई २००३ को प्रक्षेपित किया गया था। उपग्रह को 48° पूर्व देशांतर पर भू-स्थैतिक कक्षा में भेजा गया था। u बैंड ट्रॉन्सपौंडर और एक चलित उपग्रह सेवा and a Mobile Satellite Service (MSS) payload operating in S-band forward link and C-band return link.

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जीसैट-3

जीसैट-3, जिसे एजूसेट (यानी एजुकेशनल सेटेलाइट; अनुवाद: शैक्षणिक उपग्रह) के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन द्वारा सितम्बर २००4 में स्थापित एक कृत्रिम उपग्रह है। इसका प्रक्षेपण शिक्षण-सेवा प्रदान करने के उद्देश्य से किया गया है। इससे भारत में दूरस्थ शिक्षा प्रणाली को प्रभावी ढंग से चलाने में मदद होगी तथा दूरदराज एवं ग्रामीण क्षेत्रों के लिये शिक्षा का एक वैकल्पिक माध्यम मिलेगा। .

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जीसैट-4

जीसैट-4 (GSAT-4) को हेल्थसैट के रूप में भी जाना जाता है। यह एक प्रयोगात्मक संचार और नेविगेशन उपग्रह था। इसे भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान मार्क 2 की प्रथम प्रयोगिक उड़ान में भेजा गया था। लेकिन भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान मार्क 2 के तीसरे चरण की विफलता के कारण यह कक्षा तक नहीं पंहुचा। और वायुमंडल में ही नष्ट हो गया। .

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जीसैट-5पी

जीसैट-5पी (GSAT-5P) या जीसैट-5प्राइम (GSAT-5 Prime) एक प्रयोगात्मक संचार उपग्रह था। इसे भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान मार्क 1 एफ06 की उड़ान में भेजा गया था। लेकिन भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान मार्क 1 के बूस्टर की विफलता के कारण यह कक्षा तक नहीं पंहुचा। उड़ान भरने के कुछ समय बाद बूस्टर विफल हो गए और राकेट निर्धारित पथ से भटक गया। इसको देखते हुए उड़ान के 63 सेकंड बाद सीमा सुरक्षा अधिकारी ने राकेट को बंगाल की खाड़ी में नष्ट करने का आदेश दिया और उपग्रह राकेट के साथ नष्ट हो गया। .

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जीसैट-6ए

जीसैट-6ए (GSAT-6A) भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन द्वारा संचालित एक संचार उपग्रह है। इसमें जीसैट-6 पर इस्तेमाल किए गए 6 मीटर (20 फीट) एस-बैंड एंटीना की सुविधा है। लिफ्ट-ऑफ के लगभग 17 मिनट बाद, जीएसएलवी एमके 2 रॉकेट की जीएसएलवी एफ08 मिशन उड़ान ने सफलतापूर्वक उपग्रह को भू-समकालिक स्थानांतरण कक्षा में छोड़ा। .

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जीसैट-7

जीसैट-7 (GSAT-7) या इनसैट-4एफ (INSAT-4F) भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन द्वारा विकसित एक बहु बैंड उपग्रह है। भारतीय नौसेना देश में निर्मित बहु बैंड संचार अंतरिक्ष यान की उपयोगकर्ता है। जो सितंबर 2013 से परिचालन में है। रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, उपग्रह भारतीय नौसेना को नयी क्षमताओं को हासिल करने के लिए सहायता करेगा। और विदेशी उपग्रह से जो संचार के लिए इस्तेमाल होते हैं उनसे मुक्ति दिलायेगा। इसका प्रक्षेपण 7 नवंबर 2013, 23:12:49 यु.टी.सी को गयाना अंतरिक्ष केंद्र, फ्रांस से हुआ था। .

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जीसैट-7ए

जीसैट-7ए (GSAT-7A) भारतीय वायु सेना के लिए एक उन्नत संचार उपग्रह है। यह वर्तमान में इसरो उपग्रह केंद्र में विकसित किया जा रहा है। जीसैट-7ए भारतीय नौसेना के जीसैट-7 उपग्रह के समान होगा। भारतीय वायु सेना इसकी एकमात्र ऑपरेटर होगी। जीसैट-7ए भारतीय वायु सेना के लिए अलग-अलग जमीन राडार स्टेशन को जोड़ने में सक्षम होगा। .

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जीसैट-8

जीसैट-8 (GSAT-8) एक भारतीय संचार उपग्रह है। जिसे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन द्वारा विकसित किया गया है। यह अपने साथ 24 केयू-बैंड ले गया है। इसका प्रक्षेपण 20 मई 2011, 20:38 यु.टी.सी को गुयाना अंतरिक्ष केंद्र, फ्रांस से हुआ था। .

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इनसैट-3ई

इनसैट-3ई (INSAT-3E) भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन द्वारा निर्मित एक अप्रचलित संचार उपग्रह है। यह 28 सितंबर, 2003 को फ्रेंच स्पेस एजेंसी के स्पेसपोर्ट फ्रेंच गयाना से एरियन 5 रॉकेट पर लांच किया गया था। सैटेलाइट का प्रक्षेपण वजन 2750 किलोग्राम का था। यह इसरो के इनसैट-3 श्रृंखला में लांच किया गया चौथा उपग्रह है। यह उच्च गति संचार, टेलीविजन, वीएसएटी और टेली-शिक्षा सेवाएं प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया था और भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर था। अप्रैल 2014 में, लांच होने के लगभग 11 साल बाद उपग्रह ऑक्सीडिजर से बाहर हो गया और कुछ दिन बाद इसरो ने इसे निष्क्रिय कर दिया। कुछ दिनों के समय के बाद यह एक अनुउपयोगी कक्षा में ले चला गया।http://www.thehindu.com/sci-tech/technology/after-10-years-in-orbit-insat3e-expires/article5859974.ece .

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इनसैट-4ई

इनसैट-4ई (INSAT 4E) जिसे जीसैट-6 (GSAT-6) के नाम से भी जाना जाता है एक मल्टीमीडिया संचार उपग्रह है। यह भारतीय राष्ट्रीय उपग्रह का सदस्य उपग्रह है। यह उपग्रह अन्य सामाजिक और सामरिक अनुप्रयोगों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। उपग्रह का जीवन काल 9 साल होगा। इसका प्रक्षेपण भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान मार्क 2 द्वारा 27 अगस्त 2015, 11:22 यु.टी.सी हुआ था। .

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उपग्रह

ERS 2) अन्तरिक्ष उड़ान (spaceflight) के संदर्भ में, उपग्रह एक वस्तु है जिसे मानव (USA 193) .

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GSAT

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