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छेरा रोग

सूची छेरा रोग

फैसिओला हेपाटिका (Fasciola hepatica) नामक परजीवी छेरा रोग (Fasciolosis) पशुओं की यह एक परजीवी बीमारी है। यह बीमारी पशुओं में एक प्रकार के परजीवी (लिवर-फ्लूक तथा फैसिओला/Fasciola gigantica) से होती है। ये दोनों परजीवी अपने जीवन का कुछ समय नदी, तलाब, पोखर आदि में पाये जाने वाले घोंघा में व्यतीत करते है और शेष समय पशुओं के शरीर (यकृत) में। घोंघा से निकलकर इस परजीवी के अवस्यक र्लावा नदी, पोखर, तालाब के किनारे वाले घास की पत्तियों पर लटके रहते है। पशु जब इस घास के संपर्क में आते है, तो ये परजीवी पशुआें के शरीर में प्रवेश कर जाते है। शरीर के विभिन्न आंतरिक अंगों में भ्रमण करते हुए अंततः ये अपना स्थान पशु के यकृत (लीवर) तथा पीत की थैली (पित्ताशय) में बना लेते हैं। पशुओं का यकृत जैसे-जैसे प्रभावित होता है, वैसे-वैसे रोग के लक्षण प्रकट होते जाते है। बीमारी की तीव्रता यकृत के नुकासान की व्यापकता पर निर्भर करती है। .

4 संबंधों: परजीवी, पित्ताशय, यकृत, स्थलीय घोंघा

परजीवी

परजीवी का मतलब होता है दूसरे जीवो पर आश्रित जीव.

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पित्ताशय

पित्ताशय एक लघु ग़ैर-महत्वपूर्ण अंग है जो पाचन क्रिया में सहायता करता है और यकृत में उत्पन्न पित्त का भंडारण करता है। .

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यकृत

यकृत की स्थिति (4) यकृत या जिगर या कलेजा (Liver) शरीर की सबसे बड़ी ग्रंथि है, जो पित्त (Bile) का निर्माण करती है। पित्त, यकृती वाहिनी उपतंत्र (Hepatic duct system) तथा पित्तवाहिनी (Bile duct) द्वारा ग्रहणी (Duodenum), तथा पित्ताशय (Gall bladder) में चला जाता है। पाचन क्षेत्र में अवशोषित आंत्ररस के उपापचय (metabolism) का यह मुख्य स्थान है। .

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स्थलीय घोंघा

स्थलीय घोंघा स्थलीय घोंघा एक अमेरूदण्डीय प्राणी है जो नमी युक्त घास के मैदान तथा बगीचों में पाया जाता है। यह स्वभाव से एक निशाचार प्राणी है और चट्टानों तथा लकड़ी के लठ्ठों के नीचे आराम करता है। यह एक शाकाहारी प्राणी है। इसका का शरीर नरम होता है जो एक घुमावदार एवं कड़े खोल में बन्द रहता है। खोल में एक बड़ा छिद्र होता है जो एक ढक्कन के द्वारा बन्द रहता है। ढक्कन के खुलने से मांसल पाद बाहर निकलकर चलने लगता है। ज्यों ही किसी आघात का आभास होता है, पाद अन्दर चला जाता है एवं ढक्कन बन्द हो जाता है। सिर पर एक मुख और दो जोड़े बड़े एवं छोटे टेन्टाकिल्स होते हैं। बड़े टेन्टाकिल्स पर एक-एक आँखें पायी जाती हैं। .

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