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चिआकी मुकाई

सूची चिआकी मुकाई

चिआकी मुकाई एक जापानी डॉक्टर, और जक्स़ा की अंतरिक्ष यात्री है। वह अंतरिक्ष में जाने वाली पहली जापानी महिला थी जिन्होंने दो अंतरिक्ष उड़ानें भरी थीं। उनकी दोनों उड़ने अंतरिक्ष शटल मिशन थी। उनकी पहली उड़ान १९९४ जुलाई में अंतरिक्ष शटल कोलंबिया पर एसटीएस -65 स्पैकेलाब मिशन की थी। उनकी दूसरी अंतरिक्ष उड़ान १९९८ में अंतरिक्ष शटल डिस्कवरी पर एसटीएस -95 की थी। उन्होंने अंतरिक्ष में कुल २३ दिन बिताए हैं। उनका जन्म ६ मई १९५२ को तेटबायशी, गुनमा, जापान में हुआ था। उन्होंने अपनी स्कूल की शिक्षा १९७१ में टोक्यों के कीओ गर्ल्स सीनियर हाई स्कूल से प्राप्त की। उन्होंने चिकित्सा में अपनी डॉक्टरेट प्राप्त की कैओ यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिनस से १९७७ में, फिजियोलॉजी में डॉक्टरेट, केओ यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन से १९८८ में और वह बोर्ड कार्डियोवास्कुलर सर्जन के रूप में प्रमाणित जापान सर्जिकल सोसायटी से १९८९ में हुई। .

सामग्री की तालिका

  1. 3 संबंधों: वैज्ञानिक, खगोलयात्री, अंतरिक्ष शटल

  2. महिला अंतरिक्ष यात्री

वैज्ञानिक

रूस शोधकर्ता नई पृथ्वी की खाड़ी में प्रयोगशाला अनुसंधान के लिए सामग्री इकट्ठा। कोई भी व्यक्ति जो ज्ञान प्राप्ति के लिये विधिवत (systematic) रूप से कार्यरत हो उसे वैज्ञानिक (scientist) कहते हैं। किन्तु एक सीमित परिभाषा के अनुसार वैज्ञानिक विधि का अनुसरण करते हुए किसी क्षेत्र में ज्ञानार्जन करने वाले व्यक्ति को वैज्ञानिक कहते हैं। .

देखें चिआकी मुकाई और वैज्ञानिक

खगोलयात्री

खगोलयात्री या अंतरिक्षयात्री या खगोलबाज़ ऐसे व्यक्ति को कहते हैं जो पृथ्वी के वायुमंडल से ऊपर जाकर अंतरिक्ष में प्रवेश करे। वर्तमान काल में यह अधिकतर विश्व की कुछ सरकारों द्वारा चलाए जा रहे अंतरिक्ष शोध कार्यक्रमों के अंतर्गत अंतरिक्ष-यानों में सवार यात्रियों को कहा जाता है, हालाँकि हाल में कुछ निजी कम्पनियाँ भी अंतरिक्ष-यान में पर्यटकों को वायुमंडल से ऊपर ले जाने वाले यानों के विकास में जुटी हुई हैं। .

देखें चिआकी मुकाई और खगोलयात्री

अंतरिक्ष शटल

अंतरिक्ष शटल संयुक्त राज्य अमरीका में नासा द्वारा मानव सहित या रहित उपग्रह यातायात प्रणाली को कहा जाता है। यह शटल पुन: प्रयोगनीय यान होता है और इसमें कंप्यूटर डाटा एकत्र करने और संचार के तमाम यंत्र लगे होते हैं।|हिन्दुस्तान लाइव|२७ दिसम्बर २००९ इसमें सवार होकर ही वैज्ञानिक अंतरिक्ष में पहुंचते हैं। अंतरिक्ष यात्रियों के खाने-पीने और यहां तक कि मनोरंजन के साजो-सामान और व्यायाम के उपकरण भी लगे होते हैं। अंतरिक्ष शटल को स्पेस क्राफ्ट भी कहा जाता है, किन्तु ये अंतरिक्ष यान से भिन्न होते हैं। इसे एक रॉकेट के साथ जोड़कर अंतरिक्ष में भेजा जाता है, लेकिन प्रायः यह सामान्य विमानों की तरह धरती पर लौट आता है। इसे अंतरिक्ष कार्यक्रमों के लिए कई बार प्रयोग किया जा सकता है, तभी ये पुनःप्रयोगनीय होता है। इसे ले जाने वाले रॉकेट ही अंतरिक्ष यान होते हैं। आरंभिक एयरक्राफ्ट एक बार ही प्रयोग हो पाया करते थे। शटल के ऊपर एक विशेष प्रकार की तापरोधी चादर होती है। यह चादर पृथ्वी की कक्षा में उसे घर्षण से पैदा होने वाली ऊष्मा से बचाती है। इसलिए इस चादर को बचाकर रखा जाता है। यदि यह चादर न हो या किसी कारणवश टूट जाए, तो पूरा यान मिनटों में जलकर खाक हो जाता है। चंद्रमा पर कदम रखने वाले अभियान के अलावा, ग्रहों की जानकारी एकत्र करने के लिए जितने भी स्पेसक्राफ्ट भेजे जाते है, वे रोबोट क्राफ्ट होते है। कंप्यूटर और रोबोट के द्वारा धरती से इनका स्वचालित संचालन होता है। चूंकि इन्हें धरती पर वापस लाना कठिन होता है, इसलिए इनका संचालन स्वचालित रखा जाता है। चंद्रमा के अलावा अभी तक अन्य ग्रहों पर भेजे गये शटल इतने लंबे अंतराल के लिये जाते हैं, कि उनके वापस आने की संभावना बहुत कम या नहीं होती है। इस श्रेणी का शटल वॉयेजर १ एवं वॉयेजर २ रहे हैं। स्पेस शटल डिस्कवरी कई वैज्ञानिकों के साथ अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की मरम्मत करने और अध्ययन के लिए अंतरिक्ष में गया था। .

देखें चिआकी मुकाई और अंतरिक्ष शटल

यह भी देखें

महिला अंतरिक्ष यात्री