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चाचा चौधरी

सूची चाचा चौधरी

चाचा चौधरी एक बेहद लोकप्रिय भारतीय कॉमिक्स पुस्तक के चरित्र हैं, जिसकी रचना दिवंगत कार्टूनिस्ट प्राण कुमार शर्मा ने की थी। उनकी कॉमिक्स हिंदी एवं अंग्रेज़ी समेत अन्य दस भारतीय भाषाओं के साथ प्रकाशित होती है और दस करोड़ से अधिक प्रतियों की बिक्री होती है। "चाचा चौधरी" आधारित बने दूरदर्शन धारावाहिक पर इसके ६०० से अधिक एपीसोड तक एक प्रमुख चैनल पर दिखाए गए, जिसे अभिनेता रघुवीर यादव ने इसकी शीर्षक भूमिका को चरितार्थ किया था। .

7 संबंधों: डायमण्ड कॉमिक्स, पिंकी, प्राण कुमार शर्मा, बिल्लू, भारतीय कॉमिक्स, रघुवीर यादव, लोटपोट

डायमण्ड कॉमिक्स

डायमण्ड काॅमिक्स प्राइवेट लिमिटेड (अंग्रेजी; Diamond Comics Pvt. Ltd.) भारत स्थित एक काॅमिक्स पुस्तक वितरक एवं प्रकाशक विभाग है। .

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पिंकी

पिंकी (अंग्रेजी; Pinki) भारत के सबसे लोकप्रिय कार्टून चरित्रो मे से एक हैं। इनके रचियता हैं कार्टूनिस्ट प्राण कुमार शर्मा जिन्हें प्राण के नाम से जाना जाता है, जो डायमण्ड कॉमिक्स प्रकाशन से प्रकाशित होती है। श्रेणी:भारतीय काॅमिक्स श्रेणी:भारतीय कार्टून श्रेणी:डायमण्ड कॉमिक्स के पात्र श्रेणी:कॉमिक्स के पात्र.

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प्राण कुमार शर्मा

प्राण द्वारा रचित कॉमिक पात्र चाचा चौधरी कार्टूनिस्ट प्राण कुमार शर्मा (१५ अगस्त १९३८ – ६ अगस्त २०१४) जिन्हें प्राण के नाम से भी जाना जाता है। भारतीय कॉमिक जगत के सबसे सफल और लोकप्रिय कार्टूनिस्ट प्राण ने १९६० से कार्टून बनाने की शुरुआत की। प्राण को सबसे ज्यादा लोकप्रिय उनके पात्र चाचा चौधरी और साबू ने बनाया। सर्वप्रथम लोटपोट के लिए बनाये उनके ये कार्टून पात्र बेहद लोकप्रिय हुए और आगे चलकर प्राण ने चाचा चौधरी और साबू को केन्द्र में रखकर स्वतंत्र कॉमिक पत्रिकाएं प्रकाशित की। उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित होने वाले समाचार पत्र मिलाप से कार्टून बनाने की शुरुआत की थी। ६ अगस्त २०१४ को उनका कैंसर से निधन हो गया। .

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बिल्लू

बिल्लू (अंग्रेजी; Billoo) एक भारतीय काॅमिक्स पात्र है जिसकी रचना भारतीय कार्टूनिस्ट प्राण कुमार शर्मा ने सन् १९७३ में किया था। इसकी प्रकाशन डायमण्ड पब्लिकेशन करती है। इसकी कहानियों की पृष्ठभूमि में दिल्ली की बीते सत्तर व अस्सी के दशक की झलक देखने मिलती है। बिल्लू एक आम स्कूली किशोर ही है। जिसकी आंशिक समानता अमेरिकी काॅमिक्स के पात्र आर्ची से की जाती है, बिल्लू को शरारती है, लड़कियाँ उसे पसंद करती है हालाँकि वह आर्ची के समान "दोस्ताना कैसानोवा" या रसिक मिजाज का कतई नहीं है, अन्य भारतीय किशोरों की तरह उसे भी क्रिकेट खेलना पसंद है। बिल्लू की पहचान अक्सर उसकी आँखों तक फैले बालों से ढकी रहती या पूरे माथे को घेरती। अक्सर उसकी मसखरेपन और शरारतों से उसे मुसीबतें झेलनी पड़ती, मगर हर बार वह उन पड़ोसियों की आंटियों और बदमाशों से बच निकलता। बिल्लू के पास "मोती" नाम का एक पालतू पिल्ला है। उसकी टोली में उसके बचपन के दोस्त जैसे गब्दू, जोज़ी, मोनू, बिशम्बर और ऐसे कई साथी हैं। उसका अक्सर बजरंगी नामक पहलवान और उसके चेले ढक्कन से नोक-झोंक चलती है। वहीं जोज़ी के पिता कर्नल थ्री नाॅट थ्री कभी भी बिल्लू को पसंद नहीं करते। १९७३ में, कार्टूनिस्ट प्राण साहब किसी स्कूली किशोर पर अपने काॅमिक्स स्ट्रिप बनाना चाहते थे। इस तरह उन्होंने एक बच्चे को रचा जिसकि लंबे बालों उसकी आँखों को ढके रहे और उसका नाम रखा "बिल्लू"। पाठकों के बीच इस दुबले-पतले किरदार को बहुत सराहा गया जिससे संपादक ने प्राण साहब से एक पन्नों से लेकर दो पन्नों की कहानियाँ रचने को कहा। बिल्लू को कई बार अपने पालतू पिल्ले - मोती साथ सड़कों पर घुमते देखा जा सकता है। जब वह घर पर हो, तो वह टीवी देखने बैठ जाता। बिल्लू और उसकी दोस्तों की टोली जिनमें गब्दू, जोज़ी, मोनू व बिशम्बर शामिल हैं; अक्सर पहलवान बजरंगी और उसके साथी ढक्कन को चकमा दे जाते हैं। वे हमेशा इसी तरह एक-दूसरे को नीचा दिखाने की जुगत करते हैं। जोज़ी की बिल्लू से दोस्ती पर, जोज़ी के पिता कर्नल थ्री नाॅट थ्री हमेशा नापसंदगी जताते और हरपल उसपर अपनी राईफ़ल ताने रहते। बिल्लू व उसके दोस्तों को हमेशा पड़ोसियों के अहाते पर क्रिकेट खेलते देखा जाता रहा है, और कभी-कभार वह गलती से उसके पड़ोसियों की ही खिड़कियाँ तोड़ देता है(विशेषकर बजरंगी की खिड़कियाँ।) हरेक काॅमिक्स पुस्तक में कहानियों की सेट हुआ करती थी। आरंभिक कहानियों में बिल्लू और जोज़ी बच्चे हुआ करते थे, बाद कहानियों में उनके किशोरवय रूप में दिखाया जाता है। बचपन में जोज़ी जहाँ उसकी दोस्त थी अब बड़े होने पर वह उसकी गर्लफ्रैंड बनती है। .

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भारतीय कॉमिक्स

भारतीय कॉमिक्स अथवा भारतीय चित्रकथा (अंग्रेजी; Indian comics) वह कॉमिक्स पुस्तकें एवं ग्राफिक उपन्यास जिनका सांस्कृतिक संबंध भारत द्वारा प्रकाशन से जुड़ा हो जिन्हें अंग्रेज़ी अथवा विभिन्न भारतीय भाषाओं में जारी करता है। भारत में कॉमिक्स पठन एवं उसके प्रसंगों को लेकर एक लंबी परंपरा जुड़ी हुई हैं जहाँ व्यापक पैमाने पर दशकों से लोककथाएं एवं पौराणिक गाथाओं को बाल चित्रकथाओं के शक्ल में पहुँचाया जा रहा है। भारतीय कॉमिक्स बहुतायत संख्या में देश में प्रकाशित होती है। लगभग बीते १९८० से १९९० के दशक तक, जब कॉमिक्स उद्योग का दौर काफी शीर्ष पर था तब उस वक्त की कई लोकप्रिय कॉमिक्स की ५००,००० लाख से अधिक प्रतियाँ एक हफ्तें में बिक जाती थी लेकिन समय गुजरने के बाद अब बमुश्किल ५०,००० हजार प्रतियाँ ही बिक पाती हैं। कभी भारतीय कॉमिक्स उद्योग का रहा स्वर्णकालिक दौर, आज की बढ़ती सैटेलाइट टेलीविजन (विशेषकर बच्चों पर बनने वाले चैनलों) एवं विडियो गेम उद्योगों की बढ़ती प्रतिस्पर्धा से आज पतन के दौर में संघर्ष कर रहा है। मगर आज भी विगत तीन दशकों से title.

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रघुवीर यादव

रघुवीर यादव हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता हैं। .

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लोटपोट

लोटपोट हिन्दी मे प्रकाशित होने वाली एक लोकप्रिय बाल पत्रिका है। यह मुख्यत: कार्टून पत्रिका है लेकिन इसमें कहानी कविताएं आदि भी प्रकाशित होते हैं। यह A-5, मायापुरी, नई दिल्ली से 1969 से निरंतर प्रकाशित हो रही है। लोटपोट के प्रकाशक फ़िल्मी साप्ताहिक पत्रिका मायापुरी भी प्रकाशित करते आए हैं जो एक समय भारत की सर्वाधिक बिकने वाली साप्ताहिकी थी। मोटू-पतलू-घसीटा आदि लोटपोट के लोकप्रिय व नियमित कार्टून चरित्र हैं। एक समय इसमें साबू व चाचा-चौधरी भी छपते थे किन्तु 1982 के आस-पास ये चरित्र इसमें आने बंद हो गए। इसी समय चिंप्पू व मिन्नी चरित्र लोटपोट में प्रकाशित होने लगे जो लगभग 25 साल तक इसमें लगातार छपते रहे.

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