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चंडीप्रसाद भट्ट

सूची चंडीप्रसाद भट्ट

चंडीप्रसाद भट्ट (जन्म: सन् १९३४) भारत के गांधीवादी पर्यावरणवादी और समाजिक कार्यकर्ता हैं। उन्होने सन् १९६४ में गोपेश्वर में 'दशोली ग्राम स्वराज्य संघ' की स्थापना की जो कालान्तर में चिपको आंदोलन की मातृ-संस्था बनी। वे इस कार्य के लिये वे १९८२ में रेमन मैगसेसे पुरस्कार से सम्मानित हुए तथा वर्ष २००५ में उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्मभूषण पुरस्कार दिया गया।भारत सरकार द्वारा साल २०१३ में उन्हें गांधी शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। अद्भुत जीवट को समर्पित चंडी प्रसाद भट्ट गांधी के विचार को व्यावहारिक रूप में आगे बढ़ाने में एक सफल जन नेता के रूप में उभरे हैं। ‘चिपको आंदोलन’ के रूप में सौम्यतम अहिंसक प्रतिकार के द्वारा वृक्षों एवं पर्यावरण के अंतर्संबंधों को सशक्तता से उभार कर उन्होंने संपूर्ण विश्व को जहां एक ओर पर्यावरण के प्रति सचेत एवं संवेदनशील बनाने का अभिनव प्रयोग किया, वहीं प्रतिकार की सौम्यतम पद्धति को सफलता पूर्वक व्यवहार में उतार कर दिखाया भी है। ‘पर्वत पर्वत, बस्ती बस्ती’ चंडी प्रसाद भट्ट की बेहतरीन यात्राओं का संग्रह है। .

सामग्री की तालिका

  1. 12 संबंधों: चमोली जिला, चिपको आन्दोलन, पद्म भूषण, भारत, भारत सरकार, रेमन मैगसेसे पुरस्कार, सर्वोदय, जयप्रकाश नारायण, विनोबा भावे, गांधी शांति पुरस्कार, गांधीवाद, उत्तराखण्ड

  2. गांधी पुरस्कार प्राप्तकर्ता
  3. भारतीय योजना आयोग के सदस्य
  4. सामाजिक कार्य में पद्मश्री प्राप्तकर्ता

चमोली जिला

चमोली भारतीय राज्य उत्तरांचल का एक जिला है। बर्फ से ढके पर्वतों के बीच स्थित यह जगह काफी खूबसूरत है। चमोली अलकनंदा नदी के समीप बद्रीनाथ मार्ग पर स्थित है। यह उत्तराचंल राज्य का एक जिला है। यह प्रमुख धार्मिल स्थानों में से एक है। काफी संख्या में पर्यटक यहां आते हैं। चमोली की प्राकृतिक सुंदरता पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है। पूरे चमोली जिले में कई ऐसे मंदिर है जो हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। चमोली में ऐसे कई बड़े और छोटे मंदिर है तथा ऐसे कई स्थान है जो रहने की सुविधा प्रदान करते हैं। इस जगह को चाती कहा जाता है। चाती एक प्रकार की झोपड़ी है जो अलकनंदा नदी के तट पर स्थित है। चमोली मध्य हिमालय के बीच में स्थित है। अलकनंदा नदी यहाँ की प्रसिद्ध नदी है जो तिब्बत की जासकर श्रेणी से निकलती है। चमोली का क्षेत्रफल 3,525 वर्ग मील है। .

देखें चंडीप्रसाद भट्ट और चमोली जिला

चिपको आन्दोलन

पेड को काटने से बचाने के लिये उससे चिपकी ग्रामीण महिलाएँ चिपको आन्दोलन एक पर्यावरण-रक्षा का आन्दोलन है। यह भारत के उत्तराखण्ड राज्य (तब उत्तर प्रदेश का भाग) में किसानो ने वृक्षों की कटाई का विरोध करने के लिए किया था। वे राज्य के वन विभाग के ठेकेदारों द्वारा वनों की कटाई का विरोध कर रहे थे और उन पर अपना परम्परागत अधिकार जता रहे थे। यह आन्दोलन तत्कालीन उत्तर प्रदेश के चमोली जिले में सन १९७३ में प्रारम्भ हुआ। एक दशक के अन्दर यह पूरे उत्तराखण्ड क्षेत्र में फैल गया। चिपको आन्दोलन की एक मुख्य बात थी कि इसमें स्त्रियों ने भारी संख्या में भाग लिया था। इस आन्दोलन की शुरुवात १९७३ में भारत के प्रसिद्ध पर्यावरणविद् सुन्दरलाल बहुगुणा, कामरेड गोविन्द सिंह रावत, चण्डीप्रसाद भट्ट तथा श्रीमती गौरादेवी के नेत्रत्व मे हुई थी। यह भी कहा जाता है कि कामरेड गोविन्द सिंह रावत ही चिपको आन्दोलन के व्यावहारिक पक्ष थे, जब चिपको की मार व्यापक प्रतिबंधों के रूप में स्वयं चिपको की जन्मस्थली की घाटी पर पड़ी तब कामरेड गोविन्द सिंह रावत ने झपटो-छीनो आन्दोलन को दिशा प्रदान की। चिपको आंदोलन वनों का अव्यावहारिक कटान रोकने और वनों पर आश्रित लोगों के वनाधिकारों की रक्षा का आंदोलन था रेणी में 24 सौ से अधिक पेड़ों को काटा जाना था, इसलिए इस पर वन विभाग और ठेकेदार जान लडाने को तैयार बैठे थे जिसे गौरा देवी जी के नेतृत्व में रेणी गांव की 27 महिलाओं ने प्राणों की बाजी लगाकर असफल कर दिया था। 'चिपको आन्दोलन' का घोषवाक्य है- सन १९८७ में इस आन्दोलन को सम्यक जीविका पुरस्कार (Right Livelihood Award) से सम्मानित किया गया था। .

देखें चंडीप्रसाद भट्ट और चिपको आन्दोलन

पद्म भूषण

पद्म भूषण सम्मान भारत सरकार द्वारा दिया जाने वाला तीसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान है, जो देश के लिये बहुमूल्य योगदान के लिये दिया जाता है। भारत सरकार द्वारा दिए जाने वाले अन्य प्रतिष्ठित पुरस्कारों में भारत रत्न, पद्म विभूषण और पद्मश्री का नाम लिया जा सकता है। पद्म भूषण रिबन .

देखें चंडीप्रसाद भट्ट और पद्म भूषण

भारत

भारत (आधिकारिक नाम: भारत गणराज्य, Republic of India) दक्षिण एशिया में स्थित भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा देश है। पूर्ण रूप से उत्तरी गोलार्ध में स्थित भारत, भौगोलिक दृष्टि से विश्व में सातवाँ सबसे बड़ा और जनसंख्या के दृष्टिकोण से दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत के पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर-पूर्व में चीन, नेपाल और भूटान, पूर्व में बांग्लादेश और म्यान्मार स्थित हैं। हिन्द महासागर में इसके दक्षिण पश्चिम में मालदीव, दक्षिण में श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व में इंडोनेशिया से भारत की सामुद्रिक सीमा लगती है। इसके उत्तर की भौतिक सीमा हिमालय पर्वत से और दक्षिण में हिन्द महासागर से लगी हुई है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी है तथा पश्चिम में अरब सागर हैं। प्राचीन सिन्धु घाटी सभ्यता, व्यापार मार्गों और बड़े-बड़े साम्राज्यों का विकास-स्थान रहे भारतीय उपमहाद्वीप को इसके सांस्कृतिक और आर्थिक सफलता के लंबे इतिहास के लिये जाना जाता रहा है। चार प्रमुख संप्रदायों: हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख धर्मों का यहां उदय हुआ, पारसी, यहूदी, ईसाई, और मुस्लिम धर्म प्रथम सहस्राब्दी में यहां पहुचे और यहां की विविध संस्कृति को नया रूप दिया। क्रमिक विजयों के परिणामस्वरूप ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कंपनी ने १८वीं और १९वीं सदी में भारत के ज़्यादतर हिस्सों को अपने राज्य में मिला लिया। १८५७ के विफल विद्रोह के बाद भारत के प्रशासन का भार ब्रिटिश सरकार ने अपने ऊपर ले लिया। ब्रिटिश भारत के रूप में ब्रिटिश साम्राज्य के प्रमुख अंग भारत ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में एक लम्बे और मुख्य रूप से अहिंसक स्वतन्त्रता संग्राम के बाद १५ अगस्त १९४७ को आज़ादी पाई। १९५० में लागू हुए नये संविधान में इसे सार्वजनिक वयस्क मताधिकार के आधार पर स्थापित संवैधानिक लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित कर दिया गया और युनाईटेड किंगडम की तर्ज़ पर वेस्टमिंस्टर शैली की संसदीय सरकार स्थापित की गयी। एक संघीय राष्ट्र, भारत को २९ राज्यों और ७ संघ शासित प्रदेशों में गठित किया गया है। लम्बे समय तक समाजवादी आर्थिक नीतियों का पालन करने के बाद 1991 के पश्चात् भारत ने उदारीकरण और वैश्वीकरण की नयी नीतियों के आधार पर सार्थक आर्थिक और सामाजिक प्रगति की है। ३३ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ भारत भौगोलिक क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा राष्ट्र है। वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था क्रय शक्ति समता के आधार पर विश्व की तीसरी और मानक मूल्यों के आधार पर विश्व की दसवीं सबसे बडी अर्थव्यवस्था है। १९९१ के बाज़ार-आधारित सुधारों के बाद भारत विश्व की सबसे तेज़ विकसित होती बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक हो गया है और इसे एक नव-औद्योगिकृत राष्ट्र माना जाता है। परंतु भारत के सामने अभी भी गरीबी, भ्रष्टाचार, कुपोषण, अपर्याप्त सार्वजनिक स्वास्थ्य-सेवा और आतंकवाद की चुनौतियां हैं। आज भारत एक विविध, बहुभाषी, और बहु-जातीय समाज है और भारतीय सेना एक क्षेत्रीय शक्ति है। .

देखें चंडीप्रसाद भट्ट और भारत

भारत सरकार

भारत सरकार, जो आधिकारिक तौर से संघीय सरकार व आमतौर से केन्द्रीय सरकार के नाम से जाना जाता है, 29 राज्यों तथा सात केन्द्र शासित प्रदेशों के संघीय इकाई जो संयुक्त रूप से भारतीय गणराज्य कहलाता है, की नियंत्रक प्राधिकारी है। भारतीय संविधान द्वारा स्थापित भारत सरकार नई दिल्ली, दिल्ली से कार्य करती है। भारत के नागरिकों से संबंधित बुनियादी दीवानी और फौजदारी कानून जैसे नागरिक प्रक्रिया संहिता, भारतीय दंड संहिता, अपराध प्रक्रिया संहिता, आदि मुख्यतः संसद द्वारा बनाया जाता है। संघ और हरेक राज्य सरकार तीन अंगो कार्यपालिका, विधायिका व न्यायपालिका के अन्तर्गत काम करती है। संघीय और राज्य सरकारों पर लागू कानूनी प्रणाली मुख्यतः अंग्रेजी साझा और वैधानिक कानून (English Common and Statutory Law) पर आधारित है। भारत कुछ अपवादों के साथ अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के न्याय अधिकारिता को स्वीकार करता है। स्थानीय स्तर पर पंचायती राज प्रणाली द्वारा शासन का विकेन्द्रीकरण किया गया है। भारत का संविधान भारत को एक सार्वभौमिक, समाजवादी गणराज्य की उपाधि देता है। भारत एक लोकतांत्रिक गणराज्य है, जिसका द्विसदनात्मक संसद वेस्टमिन्स्टर शैली के संसदीय प्रणाली द्वारा संचालित है। इसके शासन में तीन मुख्य अंग हैं: न्यायपालिका, कार्यपालिका और व्यवस्थापिका। .

देखें चंडीप्रसाद भट्ट और भारत सरकार

रेमन मैगसेसे पुरस्कार

रमन मैगसेसे पुरस्कार (Ramon Magsaysay Award) एशिया के व्यक्तियों एवं संस्थाओं को उनके अपने क्षेत्र में विशेष रूप से उल्लेखनीय कार्य करने के लिये प्रदान किया जाता है। इसे प्राय: एशिया का नोबेल पुरस्कार भी कहा जाता है। यह रमन मैगसेसे पुरस्कार फाउन्डेशन द्वारा फ़िलीपीन्स के भूतपूर्व राष्ट्रपति रमन मैगसेसे की याद में दिया जाता है। .

देखें चंडीप्रसाद भट्ट और रेमन मैगसेसे पुरस्कार

सर्वोदय

सर्वोदय, अंग्रेज लेखक रस्किन की एक पुस्तक अनटू दिस लास्ट का गांधी जी द्वारा गुजराती में अनूदित एक पुस्तक है। 'अन्टू द लास्ट' का अर्थ है - इस अंतवाले को भी। सर्वोदय का अर्थ है - सबका उदय, सबका विकास। सर्वोदय भारत का पुराना आदर्श है। हमारे ऋषियों ने गाया है-"सर्वेपि सुखिन: संतु"। सर्वोदय शब्द भी नया नहीं है। जैन मुनि समंतभद्र कहते हैं - सर्वापदामंतकरं निरंतं सर्वोदयं तीर्थमिदं तवैव। "सर्व खल्विदं ब्रह्म", "वसुधैव कुटुंबकं", अथवा "सोऽहम्" और "तत्त्वमसि" के हमारे पुरातन आदर्शों में "सर्वोदय" के सिद्धांत अंतर्निहित हैं। सर्वोदय समाज गांधी के कल्पनाओ का समाज था, जिसके केन्द्र मे भारतीय ग्राम व्यवस्था थी। विनोबा जी ने कहा है, सर्वोदय का अर्थ है - सर्वसेवा के माध्यम से समस्त प्राणियो की उन्नति। सर्वोदय के व्यवहारिक स्वरुप को हम बहुत ह्द तक विनोबा जी के भूदान आन्दोलन मे देख सकते है। सुबहवाले को जितना, शामवाले को भी उतना ही-प्रथम व्यक्ति को जितना, अंतिम व्यक्ति को भी उतना ही, इसमें समानता और अद्वैत का वह तत्व समाया है, जिसपर सर्वोदय का विशाल प्रासाद खड़ा है। (दादा धर्माधिकारी - "सर्वोदय दर्शन") .

देखें चंडीप्रसाद भट्ट और सर्वोदय

जयप्रकाश नारायण

जयप्रकाश नारायण (11 अक्टूबर, 1902 - 8 अक्टूबर, 1979) (संक्षेप में जेपी) भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और राजनेता थे। उन्हें 1970 में इंदिरा गांधी के विरुद्ध विपक्ष का नेतृत्व करने के लिए जाना जाता है। इन्दिरा गांधी को पदच्युत करने के लिये उन्होने 'सम्पूर्ण क्रांति' नामक आन्दोलन चलाया। वे समाज-सेवक थे, जिन्हें 'लोकनायक' के नाम से भी जाना जाता है। 1999 में उन्हें मरणोपरान्त भारत रत्न से सम्मनित किया गया। इसके अतिरिक्त उन्हें समाजसेवा के लिए १९६५ में मैगससे पुरस्कार प्रदान किया गया था। पटना के हवाई अड्डे का नाम उनके नाम पर रखा गया है। दिल्ली सरकार का सबसे बड़ा अस्पताल 'लोक नायक जयप्रकाश अस्पताल' भी उनके नाम पर है। .

देखें चंडीप्रसाद भट्ट और जयप्रकाश नारायण

विनोबा भावे

आचार्य विनोबा भावे (11 सितम्बर 1895 - 15 नवम्बर 1982) भारत के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, सामाजिक कार्यकर्ता तथा प्रसिद्ध गांधीवादी नेता थे। उनका मूल नाम विनायक नरहरी भावे था। उन्हे भारत का राष्ट्रीय आध्यापक और महात्मा गांधी का आध्यातमिक उत्तराधीकारी समझा जाता है। उन्होने अपने जीवन के आखरी वर्ष पोनार, महाराष्ट्र के आश्रम में गुजारे। उन्होंने भूदान आन्दोलन चलाया। इंदिरा गांधी द्वारा घोषित आपातकाल को 'अनुशासन पर्व' कहने के कारण वे विवाद में भी थे। .

देखें चंडीप्रसाद भट्ट और विनोबा भावे

गांधी शांति पुरस्कार

भारत सरकार द्वारा अंतर्राष्ट्रीय गाँधी शांति पुरस्कार भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के नाम पर दिया जाने वाला वार्षिक पुरस्कार है। गांधी जी के शांति सिद्धांतों को श्रद्धांजलि स्वरूप, भारत सरकार ने यह पुरस्कार १९९५ में उनके १२५वें जन्म-दिवस पर आरंभ किया था। यह वार्षिक पुरस्कार उन व्यक्तियों या संस्थाओं को दिया जाता है, जिन्होंने सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक बदलावों को अहिंसा एवं अन्य गांधीवादी तरीकों द्वारा प्राप्त किया है। पुरस्कार में १ करोड़ रुपये की धनराशि, प्रशस्तिपत्र और एक उत्तरीय दी जाती है। यह सभी राष्ट्रों, जातियों, लिंग के लोगों के लिए खुला है। प्रथम गाँधी शांति पुरस्कार १९९५ में तंजानिया के प्रथम राष्ट्रपति के जूलियस नायरेरे को प्रदान किया गया था। २००९ में यह पुरस्कार द चिल्ड्रेन्स लीगल सेंटर को दुनिया भर में बाल मानवाधिकार को बढ़ावा देने के लिए दिया गया। .

देखें चंडीप्रसाद भट्ट और गांधी शांति पुरस्कार

गांधीवाद

गांधीवाद मोहनदास करमचंद गांधी (जिन्हे ज्यादातर महात्मा गांधी के नाम से जाना जाता है) के आदर्शों, विश्वासों एवं दर्शन से उदभूत विचारों के संग्रह को कहा जाता है, जो स्वतंत्रता संग्राम के सबसे बड़े राजनैतिक एवं आध्यात्मिक नेताओं में से थे। यह ऐसे उन सभी विचारों का एक समेकित रूप है जो गांधीजी ने जीवन पर्यंत जिया एवं किया था। जब किसी व्यक्ति या संस्थान को गांधीवादी कहकर संबोधित करते हैं तो उसका तात्पर्य होता है गांधीजी द्वारा स्थापित मूल्यों एवं आदर्शों का अनुपालन करनेवाला होता है। .

देखें चंडीप्रसाद भट्ट और गांधीवाद

उत्तराखण्ड

उत्तराखण्ड (पूर्व नाम उत्तरांचल), उत्तर भारत में स्थित एक राज्य है जिसका निर्माण ९ नवम्बर २००० को कई वर्षों के आन्दोलन के पश्चात भारत गणराज्य के सत्ताइसवें राज्य के रूप में किया गया था। सन २००० से २००६ तक यह उत्तरांचल के नाम से जाना जाता था। जनवरी २००७ में स्थानीय लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए राज्य का आधिकारिक नाम बदलकर उत्तराखण्ड कर दिया गया। राज्य की सीमाएँ उत्तर में तिब्बत और पूर्व में नेपाल से लगी हैं। पश्चिम में हिमाचल प्रदेश और दक्षिण में उत्तर प्रदेश इसकी सीमा से लगे राज्य हैं। सन २००० में अपने गठन से पूर्व यह उत्तर प्रदेश का एक भाग था। पारम्परिक हिन्दू ग्रन्थों और प्राचीन साहित्य में इस क्षेत्र का उल्लेख उत्तराखण्ड के रूप में किया गया है। हिन्दी और संस्कृत में उत्तराखण्ड का अर्थ उत्तरी क्षेत्र या भाग होता है। राज्य में हिन्दू धर्म की पवित्रतम और भारत की सबसे बड़ी नदियों गंगा और यमुना के उद्गम स्थल क्रमशः गंगोत्री और यमुनोत्री तथा इनके तटों पर बसे वैदिक संस्कृति के कई महत्त्वपूर्ण तीर्थस्थान हैं। देहरादून, उत्तराखण्ड की अन्तरिम राजधानी होने के साथ इस राज्य का सबसे बड़ा नगर है। गैरसैण नामक एक छोटे से कस्बे को इसकी भौगोलिक स्थिति को देखते हुए भविष्य की राजधानी के रूप में प्रस्तावित किया गया है किन्तु विवादों और संसाधनों के अभाव के चलते अभी भी देहरादून अस्थाई राजधानी बना हुआ है। राज्य का उच्च न्यायालय नैनीताल में है। राज्य सरकार ने हाल ही में हस्तशिल्प और हथकरघा उद्योगों को बढ़ावा देने के लिये कुछ पहल की हैं। साथ ही बढ़ते पर्यटन व्यापार तथा उच्च तकनीकी वाले उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिए आकर्षक कर योजनायें प्रस्तुत की हैं। राज्य में कुछ विवादास्पद किन्तु वृहत बाँध परियोजनाएँ भी हैं जिनकी पूरे देश में कई बार आलोचनाएँ भी की जाती रही हैं, जिनमें विशेष है भागीरथी-भीलांगना नदियों पर बनने वाली टिहरी बाँध परियोजना। इस परियोजना की कल्पना १९५३ मे की गई थी और यह अन्ततः २००७ में बनकर तैयार हुआ। उत्तराखण्ड, चिपको आन्दोलन के जन्मस्थान के नाम से भी जाना जाता है। .

देखें चंडीप्रसाद भट्ट और उत्तराखण्ड

यह भी देखें

गांधी पुरस्कार प्राप्तकर्ता

भारतीय योजना आयोग के सदस्य

सामाजिक कार्य में पद्मश्री प्राप्तकर्ता

चंडी प्रसाद भट्ट के रूप में भी जाना जाता है।