सामग्री की तालिका
21 संबंधों: झूम, ढाका, तिब्बती भाषा, परिवार, बाँस, बांग्लादेश, भारत, मद्यव्यसनिता, मातृतंत्र, मछली, मुर्गी, म्यान्मार, मेघालय, राभा, जनजाति, ईसाई, विवाह, गारो पहाड़ियाँ, आदिवासी, कामरूप, असम।
- बांग्लादेश की मानव जातियाँ
झूम
झूम एक खेती के लिए प्रचलित शब्द है जिसका प्रयोग खेती के लिए किया जाता है। श्रेणी:कृषि के प्रकार.
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ढाका
ढाका (बांग्ला: ঢাকা) बांग्लादेश की राजधानी है। बूढ़ी गंगा नदी के तट पर स्थित यह देश का सबसे बड़ा शहर है। राजधानी होने के अलावा यह बांग्लादेश का औद्यौगिक और प्रशासनिक केन्द्र भी है। यहाँ पर धान, गन्ना और चाय का व्यापार होता है। ढाका की जनसंख्या लगभग 1.1 करोड़ है (२००१ की जनसंख्या: ९,०००,०२)) जो इसे दुनिया के ग्यारहवें सबसे बड़ी जनसंख्या वाले शहर का दर्जा भी दिलाता है। ढाका का अपना इतिहास रहा है और इसे दुनिया में मस्जिदों के शहर के नाम से जाना जाता है। मुगल सल्तनत के दौरान इस शहर को १७ वीं सदी में जहांगीर नगर के नाम से भी जाना जाता था, यह न सिर्फ प्रादेशिक राजधानी हुआ करती थी बल्कि यहाँ पर निर्मित होने वाले मलमल के व्यापार में इस शहर का पूरी दुनिया में दबदबा था। आधुनिक ढाका का निर्माण एवं विकास ब्रिटिश शासन के दौरान उन्नीसवीं शताब्दी में हुआ और जल्द ही यह कोलकाता के बाद पूरे बंगाल का दूसरा सबसे बड़ा शहर बन गया। भारत विभाजन के बाद १९४७ में ढाका पूर्वी पाकिस्तान की प्रशासनिक राजधानी बना तथा १९७२ में बांग्लादेश के स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में अस्तित्व में आने पर यह राष्ट्रीय राजधानी घोषित हुआ। आधुनिक ढाका देश की राजनीति, अर्थव्यवस्था, एवं संस्कृति का मुख्य केन्द्र है। ढाका न सिर्फ देश का सबसे साक्षर (६३%) शहर है- - बल्कि बांग्लादेश के शहरों में सबसे ज्यादा विविधता वाला शहर भी है। हालांकि आधुनिक ढाका का शहरी आधारभूत ढांचा देश में सबसे ज्यादा विकसित है परंतु प्रदूषण, यातायात कुव्यवस्था, गरीबी, अपराध जैसी समस्यायें इस शहर के लिए बड़ी चुनौतियां हैं। सारे देश से लोगों का ढाका की ओर पलायन भी सरकार के लिए एक बड़ी समस्या का रूप लेता जा रहा है। .
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तिब्बती भाषा
तिब्बती भाषा (तिब्बती लिपि में: བོད་སྐད་, ü kä), तिब्बत के लोगों की भाषा है और वहाँ की राजभाषा भी है। यह तिब्बती लिपि में लिखी जाती है। ल्हासा में बोली जाने वाली भाषा को मानक तिब्बती माना जाता है। .
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परिवार
सन् 1880 का एक मराठा परिवार परिवार (family) साधारणतया पति, पत्नी और बच्चों के समूह को कहते हैं, किंतु दुनिया के अधिकांश भागों में वह सम्मिलित वासवाले रक्त संबंधियों का समूह है जिसमें विवाह और दत्तक प्रथा द्वारा स्वीकृत व्यक्ति भी सम्मिलित हैं। .
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बाँस
बाँस, ग्रामिनीई (Gramineae) कुल की एक अत्यंत उपयोगी घास है, जो भारत के प्रत्येक क्षेत्र में पाई जाती है। बाँस एक सामूहिक शब्द है, जिसमें अनेक जातियाँ सम्मिलित हैं। मुख्य जातियाँ, बैंब्यूसा (Bambusa), डेंड्रोकेलैमस (नर बाँस) (Dendrocalamus) आदि हैं। बैंब्यूसा शब्द मराठी बैंबू का लैटिन नाम है। इसके लगभग २४ वंश भारत में पाए जाते हैं। बाँस एक सपुष्पक, आवृतबीजी, एक बीजपत्री पोएसी कुल का पादप है। इसके परिवार के अन्य महत्वपूर्ण सदस्य दूब, गेहूँ, मक्का, जौ और धान हैं। यह पृथ्वी पर सबसे तेज बढ़ने वाला काष्ठीय पौधा है। इसकी कुछ प्रजातियाँ एक दिन (२४ घंटे) में १२१ सेंटीमीटर (४७.६ इंच) तक बढ़ जाती हैं। थोड़े समय के लिए ही सही पर कभी-कभी तो इसके बढ़ने की रफ्तार १ मीटर (३९ मीटर) प्रति घंटा तक पहुँच जाती है। इसका तना, लम्बा, पर्वसन्धि युक्त, प्रायः खोखला एवं शाखान्वित होता है। तने को निचले गांठों से अपस्थानिक जड़े निकलती है। तने पर स्पष्ट पर्व एवं पर्वसन्धियाँ रहती हैं। पर्वसन्धियाँ ठोस एवं खोखली होती हैं। इस प्रकार के तने को सन्धि-स्तम्भ कहते हैं। इसकी जड़े अस्थानिक एवं रेशेदार होती है। इसकी पत्तियाँ सरल होती हैं, इनके शीर्ष भाग भाले के समान नुकीले होते हैं। पत्तियाँ वृन्त युक्त होती हैं तथा इनमें सामानान्तर विन्यास होता है। यह पौधा अपने जीवन में एक बार ही फल धारण करता है। फूल सफेद आता है। पश्चिमी एशिया एवं दक्षिण-पश्चिमी एशिया में बाँस एक महत्वपूर्ण पौधा है। इसका आर्थिक एवं सांस्कृतिक महत्व है। इससे घर तो बनाए ही जाते हैं, यह भोजन का भी स्रोत है। सौ ग्राम बाँस के बीज में ६०.३६ ग्राम कार्बोहाइड्रेट और २६५.६ किलो कैलोरी ऊर्जा रहती है। इतने अधिक कार्बोहाइड्रेट और इतनी अधिक ऊर्जा वाला कोई भी पदार्थ स्वास्थ्यवर्धक अवश्य होगा। ७० से अधिक वंशो वाले बाँस की १००० से अधिक प्रजातियाँ है। ठंडे पहाड़ी प्रदेशों से लेकर उष्ण कटिबंधों तक, संपूर्ण पूर्वी एशिया में, ५०० उत्तरी अक्षांश से लेकर उत्तरी आस्ट्रेलिया तथा पश्चिम में, भारत तथा हिमालय में, अफ्रीका के उपसहारा क्षेत्रों तथा अमेरिका में दक्षिण-पूर्व अमेरिका से लेकर अर्जेन्टीना एवं चिली में (४७० दक्षिण अक्षांश) तक बाँस के वन पाए जाते हैं। बाँस की खेती कर कोई भी व्यक्ति लखपति बन सकता है। एक बार बाँस खेत में लगा दिया जायें तो ५ साल बाद वह उपज देने लगता है। अन्य फसलों पर सूखे एवं कीट बीमारियो का प्रकोप हो सकता है। जिसके कारण किसान को आर्थिक हानि उठानी पड़ती है। लेकिन बाँस एक ऐसी फसल है जिस पर सूखे एवं वर्षा का अधिक प्रभाव नहीं पड़ता है। बाँस का पेड़ अन्य पेड़ों की अपेक्षा ३० प्रतिशत अधिक ऑक्सीजन छोड़ता और कार्बन डाईऑक्साइड खींचता है साथ ही यह पीपल के पेड़ की तरह दिन में कार्बन डाईऑक्साइड खींचता है और रात में आक्सीजन छोड़ता है। .
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बांग्लादेश
बांग्लादेश गणतन्त्र (बांग्ला) ("गणप्रजातन्त्री बांग्लादेश") दक्षिण जंबूद्वीप का एक राष्ट्र है। देश की उत्तर, पूर्व और पश्चिम सीमाएँ भारत और दक्षिणपूर्व सीमा म्यान्मार देशों से मिलती है; दक्षिण में बंगाल की खाड़ी है। बांग्लादेश और भारतीय राज्य पश्चिम बंगाल एक बांग्लाभाषी अंचल, बंगाल हैं, जिसका ऐतिहासिक नाम “বঙ্গ” बंग या “বাংলা” बांग्ला है। इसकी सीमारेखा उस समय निर्धारित हुई जब 1947 में भारत के विभाजन के समय इसे पूर्वी पाकिस्तान के नाम से पाकिस्तान का पूर्वी भाग घोषित किया गया। पूर्व और पश्चिम पाकिस्तान के मध्य लगभग 1600 किमी (1000 मील) की भौगोलिक दूरी थी। पाकिस्तान के दोनों भागों की जनता का धर्म (इस्लाम) एक था, पर उनके बीच जाति और भाषागत काफ़ी दूरियाँ थीं। पश्चिम पाकिस्तान की तत्कालीन सरकार के अन्याय के विरुद्ध 1971 में भारत के सहयोग से एक रक्तरंजित युद्ध के बाद स्वाधीन राष्ट्र बांग्लादेश का उदभव हुआ। स्वाधीनता के बाद बांग्लादेश के कुछ प्रारंभिक वर्ष राजनैतिक अस्थिरता से परिपूर्ण थे, देश में 13 राष्ट्रशासक बदले गए और 4 सैन्य बगावतें हुई। विश्व के सबसे जनबहुल देशों में बांग्लादेश का स्थान आठवां है। किन्तु क्षेत्रफल की दृष्टि से बांग्लादेश विश्व में 93वाँ है। फलस्वरूप बांग्लादेश विश्व की सबसे घनी आबादी वाले देशों में से एक है। मुसलमान- सघन जनसंख्या वाले देशों में बांग्लादेश का स्थान 4था है, जबकि बांग्लादेश के मुसलमानों की संख्या भारत के अल्पसंख्यक मुसलमानों की संख्या से कम है। गंगा-ब्रह्मपुत्र के मुहाने पर स्थित यह देश, प्रतिवर्ष मौसमी उत्पात का शिकार होता है और चक्रवात भी बहुत सामान्य हैं। बांग्लादेश दक्षिण एशियाई आंचलिक सहयोग संस्था, सार्क और बिम्सटेक का प्रतिष्ठित सदस्य है। यह ओआइसी और डी-8 का भी सदस्य है।.
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भारत
भारत (आधिकारिक नाम: भारत गणराज्य, Republic of India) दक्षिण एशिया में स्थित भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा देश है। पूर्ण रूप से उत्तरी गोलार्ध में स्थित भारत, भौगोलिक दृष्टि से विश्व में सातवाँ सबसे बड़ा और जनसंख्या के दृष्टिकोण से दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत के पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर-पूर्व में चीन, नेपाल और भूटान, पूर्व में बांग्लादेश और म्यान्मार स्थित हैं। हिन्द महासागर में इसके दक्षिण पश्चिम में मालदीव, दक्षिण में श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व में इंडोनेशिया से भारत की सामुद्रिक सीमा लगती है। इसके उत्तर की भौतिक सीमा हिमालय पर्वत से और दक्षिण में हिन्द महासागर से लगी हुई है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी है तथा पश्चिम में अरब सागर हैं। प्राचीन सिन्धु घाटी सभ्यता, व्यापार मार्गों और बड़े-बड़े साम्राज्यों का विकास-स्थान रहे भारतीय उपमहाद्वीप को इसके सांस्कृतिक और आर्थिक सफलता के लंबे इतिहास के लिये जाना जाता रहा है। चार प्रमुख संप्रदायों: हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख धर्मों का यहां उदय हुआ, पारसी, यहूदी, ईसाई, और मुस्लिम धर्म प्रथम सहस्राब्दी में यहां पहुचे और यहां की विविध संस्कृति को नया रूप दिया। क्रमिक विजयों के परिणामस्वरूप ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कंपनी ने १८वीं और १९वीं सदी में भारत के ज़्यादतर हिस्सों को अपने राज्य में मिला लिया। १८५७ के विफल विद्रोह के बाद भारत के प्रशासन का भार ब्रिटिश सरकार ने अपने ऊपर ले लिया। ब्रिटिश भारत के रूप में ब्रिटिश साम्राज्य के प्रमुख अंग भारत ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में एक लम्बे और मुख्य रूप से अहिंसक स्वतन्त्रता संग्राम के बाद १५ अगस्त १९४७ को आज़ादी पाई। १९५० में लागू हुए नये संविधान में इसे सार्वजनिक वयस्क मताधिकार के आधार पर स्थापित संवैधानिक लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित कर दिया गया और युनाईटेड किंगडम की तर्ज़ पर वेस्टमिंस्टर शैली की संसदीय सरकार स्थापित की गयी। एक संघीय राष्ट्र, भारत को २९ राज्यों और ७ संघ शासित प्रदेशों में गठित किया गया है। लम्बे समय तक समाजवादी आर्थिक नीतियों का पालन करने के बाद 1991 के पश्चात् भारत ने उदारीकरण और वैश्वीकरण की नयी नीतियों के आधार पर सार्थक आर्थिक और सामाजिक प्रगति की है। ३३ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ भारत भौगोलिक क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा राष्ट्र है। वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था क्रय शक्ति समता के आधार पर विश्व की तीसरी और मानक मूल्यों के आधार पर विश्व की दसवीं सबसे बडी अर्थव्यवस्था है। १९९१ के बाज़ार-आधारित सुधारों के बाद भारत विश्व की सबसे तेज़ विकसित होती बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक हो गया है और इसे एक नव-औद्योगिकृत राष्ट्र माना जाता है। परंतु भारत के सामने अभी भी गरीबी, भ्रष्टाचार, कुपोषण, अपर्याप्त सार्वजनिक स्वास्थ्य-सेवा और आतंकवाद की चुनौतियां हैं। आज भारत एक विविध, बहुभाषी, और बहु-जातीय समाज है और भारतीय सेना एक क्षेत्रीय शक्ति है। .
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मद्यव्यसनिता
मद्यव्यसनिता को मद्य निर्भरता के रूप में भी जाना जाता है, जो निर्योग्यकारी व्यसनकारी विकार है। शराब अर्थात अल्कोहल पीनेवाले की सेहत, संबंधों और सामाजिक हैसियत पर इसके नकारात्मक प्रभाव के बावजूद जबरदस्त और अनियंत्रित शराब सेवन द्वारा इसकी चारित्रिक विशेषता बतायी गयी है। अन्य मादक पदार्थों की लत की तरह, चिकित्साशास्त्र में मद्यव्यसनिता को चिकित्सा योग्य बीमारी के रूप परिभाषित किया गया है। "मद्यव्यसनिता" शब्द का प्रयोग व्यापक रूप से 1849 में मैग्नस हस द्वारा किया गया है, लेकिन औषधिशास्त्र में 1960 के दशक में डीएसएम III (DSM III) में इस शब्द की जगह "शराब का अपप्रयोग" और शराब पर निर्भरता" जैसी शब्दावली का प्रयोग किया गया है। इसी प्रकार 1979 में विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक विशेषज्ञ समिति ने इसकी नैदानिक स्थिति को देखते हुए मद्यव्यसनिता शब्द के उपयोग को पसंद नहीं किया और इसे "शराब निर्भरता सिंड्रोम" की श्रेणी में रखे जाने को वरीयता दी.
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मातृतंत्र
मातृतंत्र (Matriarchy) से अभिप्राय ऐसे समाज से है जिसमें स्त्रियों (मुख्यतः माताओं) की केन्द्रीय भूमिका हो। ऐसे समाज का राजनैतिक नेतृत्व, नैतिक प्राधिकार एवं सम्पत्ति का अधिकार आदि स्त्रियों के पास होता है। कभी-कभी इसे 'स्त्रीतंत्र' (gynarchy) भी कहते हैं। .
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मछली
अमरीकी प्रान्त जॉर्जिया के मछलीघर में एक विशालकाय ग्रूपर अन्य मछलियों के साथ तिरती हुई। मछली शल्कों वाला एक जलचर है जो कि कम से कम एक जोडा़ पंखों से युक्त होती है। मछलियाँ मीठे पानी के स्त्रोतों और समुद्र में बहुतायत में पाई जाती हैं। समुद्र तट के आसपास के इलाकों में मछलियाँ खाने और पोषण का एक प्रमुख स्रोत हैं। कई सभ्यताओं के साहित्य, इतिहास एवं उनकी संस्कृति में मछलियों का विशेष स्थान है। इस दुनिया में मछलियों की कम से कम 28,500 प्रजातियां पाई जाती हैं जिन्हें अलग अलग स्थानों पर कोई 2,18,000 भिन्न नामों से जाना जाता है। इसकी परिभाषा कई मछलियों को अन्य जलीय प्रणी से अलग करती है, यथा ह्वेल एक मछली नहीं है। परिभाषा के मुताबिक़, मछली एक ऐसी जलीय प्राणी है जिसकी रीढ़ की हड्डी होती है (कशेरुकी जन्तु), तथा आजीवन गलफड़े (गिल्स) से युक्त होती हैं तथा अगर कोई डालीनुमा अंग होते हैं (लिंब) तो वे फ़िन के रूप में होते हैं। alt.
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मुर्गी
मुर्गा मुर्गी मुर्गी (पुलिंग: मुर्गा) एक पक्षी श्रेणी का मेरूदंडी प्राणी है। .
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म्यान्मार
म्यांमार यो ब्रह्मदेश दक्षिण एशिया का एक देश है। इसका आधुनिक बर्मी नाम 'मयन्मा' (မြန်မာ .
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मेघालय
मेघालय पूर्वोत्तर भारत का एक राज्य है। इसका अर्थ है बादलों का घर। २०१६ के अनुसार यहां की जनसंख्या ३२,११,४७४ है। मेघालय का विस्तार २२,४३० वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में है, जिसका लम्बाई से चौडाई अनुपात लगभग ३:१ का है। IBEF, India (2013) राज्य का दक्षिणी छोर मयमनसिंह एवं सिलहट बांग्लादेशी विभागों से लगता है, पश्चिमी ओर रंगपुर बांग्लादेशी भाग तथा उत्तर एवं पूर्वी ओर भारतीय राज्य असम से घिरा हुआ है। राज्य की राजधानी शिलांग है। भारत में ब्रिटिश राज के समय तत्कालीन ब्रिटिश शाही अधिकारियों द्वारा इसे "पूर्व का स्काटलैण्ड" की संज्ञा दी थी।Arnold P.
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राभा
जलपाईगुड़ी के एक गाँव में अपने घर के सामने खड़े एक राभा सज्जन राभा भारत के पश्चिम बंगाल तथा असम में रहने वाली एक जनजाति है जिसके बारे में लोगों को बहुत कम पता है। ये लोग जिस भाषा का प्रयोग करते हैं उसे भी 'राभा' ही कहा जाता है। पश्चिम बंगाल में राभा लोग प्रायः जलपाईगुड़ी तथा कूच बिहार में निवास करते हैं। असम के गोयालपाड़ा और कामरूप जिलों में राभा पाए जाते हैं। राभा लोग अपने को 'कोच' कहते हैं तथा ऐतिहासिक कोच राज्य से अपना सम्बन्ध बताते हैं। श्रेणी:भारत की जनजातियाँ श्रेणी:असम के सामाजिक समुदाय राभा जनजाति राभा पश्चिम बंगाल और असम के एक अल्पज्ञात अनुसूचित जनजाति समुदाय है। राभा लोगों द्वारा बोली जाने वाली भाषा / बोली में एक ही नाम की भी है। पश्चिम बंगाल में राभा लोग मुख्य रूप से जलपाईगुड़ी जिले और कूचबिहार में रहते हैं। इसके अलावा, लगभग, उनमें से 70 फीसदी जलपाईगुड़ी जिले में रहते हैं। असम में राभा कामरूप जिलों में ज्यादातर रहते हैं। पूर्वी और पश्चिमी दोअर, के पूरे क्षेत्र राभा के पालने भूमि के रूप में कहा जा सकता है। राभा कोच के रूप में खुद को देखें और ऐतिहासिक कोच किंगडम के लिए एक कनेक्शन पर जोर है। नस्ल और भाषा राभा लोगों की इंडो मंगोल समूह के हैं और इस तरह के गारोस, कछारी, मैक्, कोच,हजोग और दोअर भि राभा के हे। ज्यादातर रूप में बोडो समूह के अन्य सदस्यों के साथ समानता है राभा के रूप में खुद को देखें, लेकिन उनमें से कुछ अक्सर कोचा के रूप में स्वयं की घोषणा। डॉ फ्रांसिस बुकानन-हैमिल्टन के अनुसार, राभा के सामाजिक-धार्मिक और भौतिक जीवन के पहलुओं पाणि-कॉख के उन लोगों के साथ समानता है। दूसरी ओर ई डाल्टन, राभा कछारी जाति की शाखाएं हैं और गारो के साथ जुड़ा हुआ है कि तर्क है। हॉजसन के अनुसार राभा ग्रेट बोडो या मैक् फुट पानी-कोच के हैं और राभा एक ही वंश है और बाद गारो के साथ उनके संबंध नहीं है। एक प्लेफेयर्(1909) भी राभा और गारो के बीच कुछ भाषाई और सांस्कृतिक समानताएं बाहर बताया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि तोग भाषा और रगदानिया (राभा) बोलियों के बीच एक हड़ताली भाषाई समानता है कि वहां मौजूद टिप्पणी। इस समय के कुछ बिंदु पर वे एक दूसरे के साथ संपर्क में रहते थे, को लगता है कि उसे नेतृत्व किया। पश्चिम बंगाल और असम के राभा आम तौर पर स्थानीय बंगाली और असमिया बोलियां बोलते हैं। वन ग्रामों में रहने वाले राभा काफी हद तक उनके मूल राभा बोली बरकरार रखा है। राभा बोली, जॉर्ज अब्राहम ने कहा कि असम-बर्मी शाखा की भाषाओं के समूह बोडो के अंतर्गत आता है। अर्थव्यवस्था और समाज सामान्य रूप में राभा के परंपरागत अर्थव्यवस्था, कृषि, वन आधारित गतिविधियों और बुनाई पर आधारित है। अतीत में, राभा खेती स्थानांतरण अभ्यास करने के लिए प्रयोग किया जाता है। वे गोगो या बिल-हुक के साथ जमीन पर खेती करने के लिए जारी रखा। बाद में वे बसे खेती का काम हाथ में लिया और हल के साथ खेती शुरू कर दिया। खेती के अलावा, शिकार भी राभा लोगों की एक पुरानी प्रथा थी। बुन राभा महिलाओं के एक पारंपरिक व्यवसाय था। एक बार जंगल और व्यवहार बदलता खेती में रहते थे जो राभा, वन सीमाओं की खेती और सीमांकन स्थानांतरण पर प्रतिबंध लगाने, वन विभाग के गठन के बाद से, औपनिवेशिक शासकों द्वारा जंगल में उनके अधिकारों से वंचित थे। नतीजतन, औपनिवेशिक भूमि निपटान प्रणाली के साथ, या तो अपनाया विस्थापित राभा के सबसे खेती बसे या बागान मजदूरों के रूप में वन गांवों में शरण ली। आजादी के बाद भारत सरकार ने और अधिक या कम राभा जैसे समुदायों के जंगल में उनके अधिकार हासिल नहीं कर सका है, जहां वन प्रबंधन, का एक ही औपनिवेशिक प्रणाली जारी रखा। सफेद कॉलर नौकरियों में उनकी संख्या बहुत अधिक नहीं होगा हालांकि आज, एक, स्कूल के शिक्षकों और सरकारी पदाधिकारियों आदि जैसे सभी आधुनिक व्यवसायों के लिए वन श्रमिकों और किसानों से विविध व्यवसायों में राभा पाता है। धर्म और संस्कृति राभा लोग पारंपरिक रूप से कुछ पशु अनुष्ठानों का अभ्यास करेंगे। बहरहाल, आज वे अधिक बार कुछ हिंदू और कुछ जानवर अनुष्ठानों का एक मिश्रण है, जो एक विश्वास है, का पालन करें। अभी भी किसान के रूप में गांवों में रहते हैं कि जंगल के गांवों और राभा में रहने वाले वन राभा के बीच पूजा पद्धतियों में काफी मतभेद हैं। वन राभा मुख्यधारा हिंदू धर्म के कुछ अनुष्ठानों के साथ मिश्रित परंपरागत पशु प्रथाओं का पालन करें। दूसरी ओर गांव पर राभा के रूप में अभी तक उनकी धार्मिक प्रथाओं का संबंध है स्थानीय हिंदुओं के साथ विलय कर दिया है। राभा लोगों की धार्मिक दुनिया विभिन्न आत्माओं और प्राकृतिक वस्तुओं के साथ व्याप्त है। राभा के मुख्य देवता ऋषि कहा जाता है। ऋषि, वन राभा के साथ ही गांव राभा के लिए, एक पुरुष देवता है। उन्होंने यह भी महाकाल के रूप में जाना जाता है। वन राभा सभी महत्वपूर्ण सामाजिक और धार्मिक अनुष्ठानों में उसे पूजा करते हैं। दुकान के उत्तरी किनारे पर रखा चावल की दो मिट्टी के बर्तन के प्रतिनिधित्व वाले देवताओं रुगतुक और बासेक, वहाँ रहे हैं। इन दो देवताओं ऋषि या महाकाल की बेटियों के रूप में माना जाता है। रुगतुक और बासेक घर के देवताओं और हिंदू देवी लक्ष्मी की तरह धन की देवी-देवताओं के रूप में माना जाता है। रुगतुक और बासेक, परिवार की उत्तराधिकारिणी से विरासत में मिला रहे हैं। अपने पारंपरिक पुजारी डीओसी, इन देवताओं की नींव के लिए शुभ दिन गिना जाता है। वे रखा जाता है, जहां कमरे में परिवार के मुखिया के कब्जे में है। देवताओं किसी भी मूर्तियों के लिए नहीं है। चावल के साथ भरा एक लाल रंग का मिट्टी का घड़ा देवता रुगतुक का प्रतिनिधित्व करता है। एक अंडा घड़े की गर्दन पर रखा जाता है। जैसे अधिकांश आदिवासी समुदायों, नृत्य और संगीत में राभा के जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हर रस्म के बाद वे अपने देवताओं अनुग्रहभाजन करने के लिए विभिन्न नृत्यों प्रदर्शन करते हैं। राभा ज्यादातर महिलाएं गाना और नृत्य कर सकते हैं दोनों। सबसे जनजातीय नृत्यों की तरह, राभा के उन कुछ दैनिक कृषि गतिविधि से जुड़े हैं। वे जंगल नाले में मछली पकड़ने का जश्न मनाने के लिए "नाकचुग रेनी" नाम की एक अनोखी नृत्य शैली है। सभी उम्र के राभा महिलाओं को इस नृत्य पूरे दिल में भाग लेते हैं। आज हिंदू धर्म और ईसाई धर्म राभा समुदाय के आकार का है कि दो अन्य प्रमुख धार्मिक ताकतों हैं। ईसाई धर्म के प्रभाव शायद अधिक है। हाल के वर्षों में राभा मिशनरियों के माध्यम से शिक्षा प्राप्त की है लेकिन शायद उनकी स्वदेशी संस्कृति और मान्यताओं से दूर चले गए हैं। लेकिन उत्तर बंगाल राभा के कुछ इलाकों में अभी भी जीवन के अपने पारंपरिक तरीकों से संरक्षित करने के लिए कोशिश कर रहे हैं। यह आधुनिकता के फल से दूर मोड़ के बिना उनके पूर्वजों की सदियों पुरानी प्रथाओं को बनाए रखने के लिए एक संघर्ष है। केवल समय ही उत्तर बंगाल के आदिवासी गढ़ में इस सामाजिक कायापलट-जगह लेने के परिणाम को प्रकट कर सकते हैं। en.wikipedia.org/wiki/Rabha_tribe#mediaviewer/File:Crafts_Museum_New_Delhi_3_Sep_2010-14.JPG.
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जनजाति
जनजाति (tribe) वह सामाजिक समुदाय है जो राज्य के विकास के पूर्व अस्तित्व में था या जो अब भी राज्य के बाहर हैं। जनजाति वास्तव में भारत के आदिवासियों के लिए इस्तेमाल होने वाला एक वैधानिक पद है। भारत के संविधान में अनुसूचित जनजाति पद का प्रयोग हुआ है और इनके लिए विशेष प्रावधान लागू किये गए हैं। .
देखें गारो और जनजाति
ईसाई
ईसाई वो व्यक्ति है जो ईसाई धर्म को मानता है। ईसाइयों कई साम्प्रदायों में बटे हैं, जैसे रोमन कैथोलिक, प्रोटेस्टेंट और ऑर्थोडॉक्स। देखिये: ईसाई धर्म। श्रेणी:ईसाई धर्म.
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विवाह
हिन्दू विवाह का सांकेतिक चित्रण विवाह, जिसे शादी भी कहा जाता है, दो लोगों के बीच एक सामाजिक या धार्मिक मान्यता प्राप्त मिलन है जो उन लोगों के बीच, साथ ही उनके और किसी भी परिणामी जैविक या दत्तक बच्चों तथा समधियों के बीच अधिकारों और दायित्वों को स्थापित करता है। विवाह की परिभाषा न केवल संस्कृतियों और धर्मों के बीच, बल्कि किसी भी संस्कृति और धर्म के इतिहास में भी दुनिया भर में बदलती है। आमतौर पर, यह मुख्य रूप से एक संस्थान है जिसमें पारस्परिक संबंध, आमतौर पर यौन, स्वीकार किए जाते हैं या संस्वीकृत होते हैं। एक विवाह के समारोह को विवाह उत्सव (वेडिंग) कहते है। विवाह मानव-समाज की अत्यंत महत्वपूर्ण प्रथा या समाजशास्त्रीय संस्था है। यह समाज का निर्माण करने वाली सबसे छोटी इकाई- परिवार-का मूल है। यह मानव प्रजाति के सातत्य को बनाए रखने का प्रधान जीवशास्त्री माध्यम भी है। .
देखें गारो और विवाह
गारो पहाड़ियाँ
गारो पर्वत भारत के मेघालय राज्य में छोटे पहाड़ों की श्रंखला है जिसके अंतर्गत मेघालय के तीन ज़िले आते हैं, पूर्वी, पश्चिमी और दक्षिणी गारो हिल्स। यह मेघालय में गारो-खासी श्रंखला का हिस्सा हैं। यहाँ मुख्य रूप से आदिवासी बसते हैं, जिनमें से मुख्यत: गारो लोग हैं। शिलांग, मेघालय की राजधानी, इन्ही पर्वतों में स्थित है। यह दुनिया में सबसे नम स्थानों में से एक है। यह श्रंखला मेघालय उपोष्णकटिबंधीय जंगल पारिस्थितिक तंत्र का हिस्सा है। श्रेणी:मेघालय.
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आदिवासी
ब्राजील के कयोपो (Kayapo tribe) आदिवासियों के मुखिया सामान्यत: "आदिवासी" (ऐबोरिजिनल) शब्द का प्रयोग किसी भौगोलिक क्षेत्र के उन निवासियों के लिए किया जाता है जिनका उस भौगोलिक क्षेत्र से ज्ञात इतिहास में सबसे पुराना सम्बन्ध रहा हो। परन्तु संसार के विभिन्न भूभागों में जहाँ अलग-अलग धाराओं में अलग-अलग क्षेत्रों से आकर लोग बसे हों उस विशिष्ट भाग के प्राचीनतम अथवा प्राचीन निवासियों के लिए भी इस शब्द का उपयोग किया जाता है। उदाहरणार्थ, "इंडियन" अमरीका के आदिवासी कहे जाते हैं और प्राचीन साहित्य में दस्यु, निषाद आदि के रूप में जिन विभिन्न प्रजातियों समूहों का उल्लेख किया गया है उनके वंशज समसामयिक भारत में आदिवासी माने जाते हैं। आदिवासी के समानार्थी शब्दों में ऐबोरिजिनल, इंडिजिनस, देशज, मूल निवासी, जनजाति, वनवासी, जंगली, गिरिजन, बर्बर आदि प्रचलित हैं। इनमें से हर एक शब्द के पीछे सामाजिक व राजनीतिक संदर्भ हैं। अधिकांश आदिवासी संस्कृति के प्राथमिक धरातल पर जीवनयापन करते हैं। वे सामन्यत: क्षेत्रीय समूहों में रहते हैं और उनकी संस्कृति अनेक दृष्टियों से स्वयंपूर्ण रहती है। इन संस्कृतियों में ऐतिहासिक जिज्ञासा का अभाव रहता है तथा ऊपर की थोड़ी ही पीढ़ियों का यथार्थ इतिहास क्रमश: किंवदंतियों और पौराणिक कथाओं में घुल मिल जाता है। सीमित परिधि तथा लघु जनसंख्या के कारण इन संस्कृतियों के रूप में स्थिरता रहती है, किसी एक काल में होनेवाले सांस्कृतिक परिवर्तन अपने प्रभाव एवं व्यापकता में अपेक्षाकृत सीमित होते हैं। परंपराकेंद्रित आदिवासी संस्कृतियाँ इसी कारण अपने अनेक पक्षों में रूढ़िवादी सी दीख पड़ती हैं। उत्तर और दक्षिण अमरीका, अफ्रीका, आस्ट्रेलिया, एशिया तथा अनेक द्वीपों और द्वीपसमूहों में आज भी आदिवासी संस्कृतियों के अनेक रूप देखे जा सकते हैं। .
देखें गारो और आदिवासी
कामरूप
प्राचीन कामरुप कामरुप, (प्राग्ज्योतिच्हा पौराणिक कथा मे), असम का पहला ऐतिहासिक राज्य है जो कि लगभग 800 वर्षों के लिए- 350 और 1140 CE के बीच अस्तित्व में था। वर्तमान दिन गुवाहाटी और तेजपुर में उनकी राजधानियों से तीन राजवंशों द्वारा शासित थे। यह पूरे ब्रह्मपुत्र नदी घाटी में और उत्तरी बंगाल और बांग्लादेश के कुछ हिस्सों में व्याप्त था। हालाँकि यह ऐतिहासिक राज्य 12 वीं सदी मे गायब हो कर छोटे राजनीतिक संस्थाओं मे बदल गया। कामरूप की धारणा बनी और प्राचीन और मध्ययुगीन इतिवृत्त इस नाम से इस क्षेत्र को संदर्भित करना जारी रखा। अलाउद्दीन हुसैन शाह, जो काम्ता राज्य पर 15 वीं सदी मे आक्रमण किया, उसके सिक्के इस क्षेत्र को कम्रु या कम्रुद् कहा। कामरूप आज असम का एक जीला मात्र रह गया है। .
देखें गारो और कामरूप
असम
असम या आसाम उत्तर पूर्वी भारत में एक राज्य है। असम अन्य उत्तर पूर्वी भारतीय राज्यों से घिरा हुआ है। असम भारत का एक सीमांत राज्य है जो चतुर्दिक, सुरम्य पर्वतश्रेणियों से घिरा है। यह भारत की पूर्वोत्तर सीमा २४° १' उ॰अ॰-२७° ५५' उ॰अ॰ तथा ८९° ४४' पू॰दे॰-९६° २' पू॰दे॰) पर स्थित है। संपूर्ण राज्य का क्षेत्रफल ७८,४६६ वर्ग कि॰मी॰ है। भारत - भूटान तथा भारत - बांग्लादेश सीमा कुछ भागो में असम से जुडी है। इस राज्य के उत्तर में अरुणाचल प्रदेश, पूर्व में नागालैंड तथा मणिपुर, दक्षिण में मिजोरम तथा मेघालय एवं पश्चिम में बंग्लादेश स्थित है। .
देखें गारो और असम
यह भी देखें
बांग्लादेश की मानव जातियाँ
- उराँव
- कुकी जनजाति
- कोच राजबोंग्शी लोग
- खासी
- खियांग
- गारो
- चकमा लोग
- तन्चंग्या लोग
- त्रिपुरी लोग
- बंगाली लोग
- मिज़ो लोग
- मुण्डा
- रोहिंग्या लोग
- सांथाल जनजाति
- हो (जनजाति)
- ह्मार लोग