सामग्री की तालिका
40 संबंधों: एक इकाई व्यवस्था, एॅम्ब्रोज़् फ़्लक्स् डन्डस्, नसीर अल्लाह बाबर, पश्चिमी पाकिस्तान, पाकिस्तान, पाकिस्तान आंदोलन, पाकिस्तान का संविधान, पेशावर, फ़ज़ल हक़, फिदा मोहम्मद खान, ब्रिटिश राज, मियां गुल औरंगजेब, मुहम्मद शफीक़, मेहताब अहमद ख़ानअब्बासी, मोहम्मद इब्राहिम खान झगड़ा, रॉल्फ गर्फथ, शौकतुल्लाह खान, साहिबज़ादा मोहम्मद खुर्शीद, सैयद मसूद कौसर, सैयद ग़ौस, सैयद उस्मान अली शाह, हयात शियरपाउ, जॉर्ज कनंघम, ख़लीलुर रहमन, ख़्वाजा शहाबुद्दीन, ख़ैबर पख़्तूनख़्वा, ख़ैबर पख़्तूनख़्वा के मुख्यमंत्री, खुर्शीद अली खान, ख्वाजा मोहम्मद अज़्हर खान, ओवैस अहमद गनी, आमिर गुलिस्तान जनजूआ, आरिफ बनगश, इफ्तिख़ार हुसैन शाह, इब्राहिम इस्माइल चुंदरीगर, कुर्बान अली शाह, अब्दुल हक़ीम खान, अब्दुल ग़फ़ूर ख़ान होती, अर्बाब सिकंदर खान, अली जान ओरकज़ई, असलम खान खटक।
- पाकिस्तानी प्रांतों के राज्यपाल
एक इकाई व्यवस्था
एक इकाई व्यवस्था या नीति, (अथवा वन-यूनिट् सिस्टम्), पाकिस्तान की एक पुर्वतः परवर्तित प्रशासनिक व्यवस्था थी, जिसके अंतर्गत, तत्कालीन पाकिस्तानी भूमि के दोनों भिन्न टुकड़ों को "एक प्रशासनिक इकाई" के रूप में ही शासित किये जाने की योजना रखी गई थी। इस तरह की प्रशासनिक नीति को अपनाने का मुख्य कारण, सर्कार द्वारा, पाकिस्तानी अधिराज्य के दो विभक्त एवं पृथक भौगोलिक आंचलों की एक ही केंद्रीय व्यवस्था के अंतर्गत शासन में आने वाली घोर प्रशासनिक असुविधाएँ, एवं भौगोलिक कठिनाईयाँ बताई गई थी। अतः इस भौगोलिक व प्रशासनिक विषय के समाधान के रूप में, सरकार ने इन दो भौगोलीय हिस्सों को ही, एक महासंघीय ढांचे के अंतर्गत, पाकिस्तान के दो वाहिद प्रशासनिक इकाइयों के रूप में स्थापित करने की नीति बनाई गई। इस्के तहत, तत्कालीन मुमलिकात-ए-पाकिस्तान के, पूर्वी भाग में मौजूद स्थिति के अनुसार ही, पश्चिमी भाग के पाँचों प्रांतों व उनकी प्रांतीय सरकारों को भंग कर, एक प्रांत, पश्चिमी पाकिस्तान गठित किया गया, वहीं पूर्वी भाग (जो अब बांग्लादेश है) को पूर्वी पाकिस्तान कह कर गठित किया गया। तत्प्रकार, पाकिस्तान, एक इकाई योजना के तहत, महज दो प्रांतों में विभाजित एक राज्य बन गया। वन यूनिट योजना की घोषणा प्रधानमंत्री मोहम्मद अली बोगरा के शासनकाल के दौरान 22 नवंबर 1954 को की गई, और 14 अक्टूबर 1955 को देश के पश्चिमी भाग के सभी प्रांतों को एकीकृत कर, पश्चिमी पाकिस्तान प्रांत गठित किया गया, जिसमें, सभी प्रांतों के अलावा तत्कालीन, राजशाहियों और कबाइली इलाके भी शामिल थे। इस प्रांत में 12 प्रमंडल थे, और इसकी राजधानी लाहौर थी। दूसरी ओर पूर्वी बंगाल के प्रांत को पूर्वी पाकिस्तान का नाम दिया गया, जिसकी राजधानी ढाका थी। संघीय राजधानी(कार्यपालिका) को वर्ष 1959 में कराँची से रावलपिंडी स्थानांतरित किया गया, जहां सेना मुख्यालय था, और नई राजधानी, इस्लामाबाद के पूरा होने तक यहां मौजूद रहा जबकि संघीय विधानपालिका को ढाका में स्थापित किया गया। इस नीति का उद्देश्य बज़ाहिर प्रशासनिक सुधार लाना था लेकिन कई लिहाज से यह बहुत विनाशकारी कदम था। पश्चिमी पाकिस्तान में मौजूद बहुत सारी राज्यों ने इस आश्वासन पर विभाजन के समय पाकिस्तान में शामिल हो गए थे कि उनकी स्वायत्तता कायम रखी जाएगी लेकिन वन इकाई बना देने के फैसले से सभी स्थानीय राज्यों का अंत हो गया। इस संबंध में बहावलपुर, खीरिपोर और कलात के राज्य विशेषकर उल्लेखनीय हैं। मामले इस समय अधिक गंभीर समय 1958 ई। के तख्तापलट के बाद मुख्यमंत्री का पद समाप्त कर दिया गया और राष्ट्रपति ने पश्चिमी पाकिस्तान के विकल्प अपने पास रख लिए। राजनीतिक विशेषज्ञों यह भी समझते हैं कि पश्चिमी पाकिस्तान के सभी प्रांतों को एकजुट करने के उद्देश्य पूर्वी पाकिस्तान की भाषाई और राजनीतिक इकाई का जोर तोड़ना था। अंततः एक जुलाई 1970 को राष्ट्रपति याह्या खान ने एक इकाई का सफाया करते हुए पश्चिमी पाकिस्तान के सभी प्रांतों बहाल कर दिया। .
देखें ख़ैबर पख़्तूनख़्वा के राज्यपाल और एक इकाई व्यवस्था
एॅम्ब्रोज़् फ़्लक्स् डन्डस्
एॅम्ब्रोज़ फ्लक्स् डन्डस्, एक ब्रिटिश अधिकारी और पाकिस्तान के प्रांत, ख़ैबर पख़्तूनख़्वा के पूर्व राज्यपाल थे। .
देखें ख़ैबर पख़्तूनख़्वा के राज्यपाल और एॅम्ब्रोज़् फ़्लक्स् डन्डस्
नसीर अल्लाह बाबर
वे एक पाकिस्तानी जनरल, राजनीतिज्ञ और पाकिस्तान के प्रांत, ख़ैबर पख़्तूनख़्वा के पूर्व राज्यपाल थे। .
देखें ख़ैबर पख़्तूनख़्वा के राज्यपाल और नसीर अल्लाह बाबर
पश्चिमी पाकिस्तान
पश्चिमी पाकिस्तान(مغربی پاکستان, मग़रिबी पाकिस्तान, পশ্চিম পাকিস্তান, पोश्चिम पाकिस्तान), एक इकाई व्यवस्था के तहत, तत्कालीन पाकिस्तान (पाकिस्तान अधिराज्य) की पश्चिमी इकाई थी, जो अब, (बांग्लादेश के अलग होने के बाद से) वर्तमान पाकिस्तान है। .
देखें ख़ैबर पख़्तूनख़्वा के राज्यपाल और पश्चिमी पाकिस्तान
पाकिस्तान
इस्लामी जम्हूरिया पाकिस्तान या पाकिस्तान इस्लामी गणतंत्र या सिर्फ़ पाकिस्तान भारत के पश्चिम में स्थित एक इस्लामी गणराज्य है। 20 करोड़ की आबादी के साथ ये दुनिया का छठा बड़ी आबादी वाला देश है। यहाँ की प्रमुख भाषाएँ उर्दू, पंजाबी, सिंधी, बलूची और पश्तो हैं। पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद और अन्य महत्वपूर्ण नगर कराची व लाहौर रावलपिंडी हैं। पाकिस्तान के चार सूबे हैं: पंजाब, सिंध, बलोचिस्तान और ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा। क़बाइली इलाक़े और इस्लामाबाद भी पाकिस्तान में शामिल हैं। इन के अलावा पाक अधिकृत कश्मीर (तथाकथित आज़ाद कश्मीर) और गिलगित-बल्तिस्तान भी पाकिस्तान द्वारा नियंत्रित हैं हालाँकि भारत इन्हें अपना भाग मानता है। पाकिस्तान का जन्म सन् 1947 में भारत के विभाजन के फलस्वरूप हुआ था। सर्वप्रथम सन् 1930 में कवि (शायर) मुहम्मद इक़बाल ने द्विराष्ट्र सिद्धान्त का ज़िक्र किया था। उन्होंने भारत के उत्तर-पश्चिम में सिंध, बलूचिस्तान, पंजाब तथा अफ़गान (सूबा-ए-सरहद) को मिलाकर एक नया राष्ट्र बनाने की बात की थी। सन् 1933 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के छात्र चौधरी रहमत अली ने पंजाब, सिन्ध, कश्मीर तथा बलोचिस्तान के लोगों के लिए पाक्स्तान (जो बाद में पाकिस्तान बना) शब्द का सृजन किया। सन् 1947 से 1970 तक पाकिस्तान दो भागों में बंटा रहा - पूर्वी पाकिस्तान और पश्चिमी पाकिस्तान। दिसम्बर, सन् 1971 में भारत के साथ हुई लड़ाई के फलस्वरूप पूर्वी पाकिस्तान बांग्लादेश बना और पश्चिमी पाकिस्तान पाकिस्तान रह गया। .
देखें ख़ैबर पख़्तूनख़्वा के राज्यपाल और पाकिस्तान
पाकिस्तान आंदोलन
पाकिस्तान आन्दोलन या तहरीकए पाकिस्तान (تحریک پاکستان) २०वीं सदी के भारतीय उपमहाद्वीप में हुए एक राजनीतिक आंदोलन का नाम था, जिसने अंत्यतः भारतवर्ष को धार्मिक आधार पर विभाजित कर दिया। इसके परिणाम स्वरूप उपमहाद्वीप के भारतीय ब्रिटिश साम्रराज्य के उत्तर पश्चिमी के चार प्रांतों व पूर्व में पूर्वी बंगाल की स्वतंत्रता संयोजन से स्थापना हुई पाकिस्तान नामक एक स्वतंत्र इस्लामिक गणरज्य की। यह आन्दोलन भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के समानांतर ही चला था। हालांकि, दोनो आंदोलनो का उद्देश्य एक ही था, परन्तु, पाकिस्तान आंदोलन का मुख्य उद्देश्य "भारतीय उपमहाद्वीप के मुसलमानों की धार्मिक पहचान और राजनीतिक हितों का संरक्षित व सुरक्षा था।" इस प्रसंग का पहला संगठित आंदोलन सैय्यद अहमद खान द्वारा अलीगढ़ में हुआ था, जिसे अलीगढ़ आंदोलन के रूप में जाना जाने लगा था। यह आन्दोलन पाकिस्तान आंदोलन का आधार था। १९०६ में, एक शैक्षिक सम्मेलन आयोजित किया गया जो धीरे धीरे मुस्लिम सुधारकों के आंदोलन से राजनीतिक चरण में तब्दील हो गया। इस बीच में, ऑल इंडिया मुस्लिम लीग का गठन किया गया था। गुरुत्वपूर्ण मुसलिम नेताओं द्वारा इसके गठन के पीछे का मूल उद्देश्य ब्रिटिश भारत में मुसलमानों के मौलिक अधिकारों की रक्षा करना था। आंदोलन के प्रारंभिक दौर में मुस्लिम लीग के वार्षिक सत्रों ने अल्लामा इकबाल की दार्शनिक दृष्टिकोण व नेतृत्व में आंदोलन को आगे बढ़ाया। जिस्के पश्चात मुहम्मद अली जिन्ना के संवैधानिक प्रयासों ने आंदोलन के लिए जनसमर्थन बनाने के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया। उर्दू शायर इकबाल और फैज के साहित्य, कविता एवं भाषणों ने भी राजनीतिक चेतना के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इनके अलावा बेगम राणा लियाकत अली खान और फातिमा जिन्नाह जैसी महिलाओं ने भी अपनी भूमिका निभाई थी। नौकरीपेशे वाले लोगों ने भी पाकिस्तान आंदोलन में भाग लिया था। बाद में, भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम, १९४७ पारित किया गया, जिसके अंतर्गत भारत अधिराज्य और पाकिस्तान अधिराज्य नामक दो स्वतंत्र स्वायत्य-उपनिवेश(डोमीनियन) की स्थापना की गई। पाकिस्तान आंदोलन कई माएनों में, सामाजिक, राजनैतिक एवं बौद्धिक प्रक्रिया का परिणाम था। इसके बाद पाकिस्तान के संस्थापकों ने एक मजबूत सरकार बनाने की प्रयास की जो की नवस्थापित देश के दोनों खंडों पर सफल नियंत्रण बनाए रख सके। १९५८ में बाद में, पाकिस्तान में सैन्य तख्तापलट हुआ और राजनीतिक एवं आर्थिक भेदभाव, एवं अन्य कई मसलों के परिणामस्वरूप बांग्लादेश १९७१ में एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में उभरा जो की उस समय तक पूर्वी पाकिस्तान था। .
देखें ख़ैबर पख़्तूनख़्वा के राज्यपाल और पाकिस्तान आंदोलन
पाकिस्तान का संविधान
पाकिस्तान का संविधान (آئین پاکستان;आईन(ए) पाकिस्तान) या दस्तूरे पाकिस्तान دستور پاکستان) को १९७३ का क़ानून भी कहते हैं। यह पाकिस्तान का सर्वोच्च दस्तूर है। पाकिस्तान का संविधान संविधान सभा द्वारा १० अप्रैल १९७३ को पारित हुआ तथा 14 अगस्त 1973 से प्रभावी हुआ। इस का प्रारूप ज़ुल्फ़िक़ार अली भुट्टो की सरकार और विपक्ष ने मिल कर तैयार किया। ये पाकिस्तान का तीसरा दस्तूर है और इस में कई बार रद्दोबदल की जा चुकी है। .
देखें ख़ैबर पख़्तूनख़्वा के राज्यपाल और पाकिस्तान का संविधान
पेशावर
पेशावर पाकिस्तान का एक शहर है। यह ख़ैबर पख़्तूनख़्वा प्रान्त की राजधानी है। पेशावर उल्लेख पुराने पुस्तकों में "पुरुषपुर" के नाम से मिलता है। इस उपमहाद्वीप के प्राचीन शहरों में से एक है। पेशावर पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत और कबायली इलाकों के वाणिज्यिक केंद्र है। पेशावर में पश्तो भाषा बोली जाती है लेकिन जब उर्दू पाकिस्तान की राष्ट्रीय भाषा है इसलिए उर्दू भी माना जाता है। .
देखें ख़ैबर पख़्तूनख़्वा के राज्यपाल और पेशावर
फ़ज़ल हक़
वे एक पाकिस्तानी जनरल, राजनीतिज्ञ और पाकिस्तान के प्रांत, ख़ैबर पख़्तूनख़्वा के पूर्व राज्यपाल थे। .
देखें ख़ैबर पख़्तूनख़्वा के राज्यपाल और फ़ज़ल हक़
फिदा मोहम्मद खान
वे एक पाकिस्तानी राजनीतिज्ञ और पाकिस्तान के प्रांत, ख़ैबर पख़्तूनख़्वा के पूर्व राज्यपाल थे। .
देखें ख़ैबर पख़्तूनख़्वा के राज्यपाल और फिदा मोहम्मद खान
ब्रिटिश राज
ब्रिटिश राज 1858 और 1947 के बीच भारतीय उपमहाद्वीप पर ब्रिटिश द्वारा शासन था। क्षेत्र जो सीधे ब्रिटेन के नियंत्रण में था जिसे आम तौर पर समकालीन उपयोग में "इंडिया" कहा जाता था- उसमें वो क्षेत्र शामिल थे जिन पर ब्रिटेन का सीधा प्रशासन था (समकालीन, "ब्रिटिश इंडिया") और वो रियासतें जिन पर व्यक्तिगत शासक राज करते थे पर उन पर ब्रिटिश क्राउन की सर्वोपरिता थी। .
देखें ख़ैबर पख़्तूनख़्वा के राज्यपाल और ब्रिटिश राज
मियां गुल औरंगजेब
वे एक पाकिस्तानी राजनेता और पाकिस्तान के प्रांत, बलोचिस्तान और ख़ैबर पख़्तूनख़्वा के पूर्व राज्यपाल थे। .
देखें ख़ैबर पख़्तूनख़्वा के राज्यपाल और मियां गुल औरंगजेब
मुहम्मद शफीक़
वे एक पाकिस्तानी राजनेता और पाकिस्तान के प्रांत, ख़ैबर पख़्तूनख़्वा के पूर्व राज्यपाल थे। .
देखें ख़ैबर पख़्तूनख़्वा के राज्यपाल और मुहम्मद शफीक़
मेहताब अहमद ख़ानअब्बासी
सरदार मेहताब अहमद खानअब्बासी एक पाकिस्तानी राजनीतिज्ञ हैं, एवं वे ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा के राज्यपाल भी रह चुके हैं। वे पाकिस्तान के राष्ट्रीय विधानसभा में वे NA-17 निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया करते थे, जोकी पाकिस्तान का उत्तर पश्चिम सीमांत प्रान्त मैं है। - पाकिस्तान के राष्ट्रीय विधानसभा इसके अलावा वे 1997 से 1999 तक ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा के मुख्यमंत्री के पद पर भी रह चुके हैं। .
देखें ख़ैबर पख़्तूनख़्वा के राज्यपाल और मेहताब अहमद ख़ानअब्बासी
मोहम्मद इब्राहिम खान झगड़ा
वे एक पाकिस्तानी न्यायाधीश और पाकिस्तान के प्रांत, ख़ैबर पख़्तूनख़्वा के पूर्व कार्यवाहक राज्यपाल थे। .
देखें ख़ैबर पख़्तूनख़्वा के राज्यपाल और मोहम्मद इब्राहिम खान झगड़ा
रॉल्फ गर्फथ
वे एक ब्रिटिश अधिकारी थे और पाकिस्तान के प्रांत, ख़ैबर पख़्तूनख़्वा के पूर्व कार्यवाहक राज्यपाल थे। .
देखें ख़ैबर पख़्तूनख़्वा के राज्यपाल और रॉल्फ गर्फथ
शौकतुल्लाह खान
वे एक पाकिस्तानी राजनेता और पाकिस्तान के प्रांत, ख़ैबर पख़्तूनख़्वा के पूर्व राज्यपाल थे। .
देखें ख़ैबर पख़्तूनख़्वा के राज्यपाल और शौकतुल्लाह खान
साहिबज़ादा मोहम्मद खुर्शीद
वे एक पाकिस्तानी राजनेता और पाकिस्तान के प्रांत, ख़ैबर पख़्तूनख़्वा के पूर्व राज्यपाल थे। .
देखें ख़ैबर पख़्तूनख़्वा के राज्यपाल और साहिबज़ादा मोहम्मद खुर्शीद
सैयद मसूद कौसर
वे एक पाकिस्तानी राजनेता और पाकिस्तान के प्रांत, ख़ैबर पख़्तूनख़्वा के पूर्व राज्यपाल थे। .
देखें ख़ैबर पख़्तूनख़्वा के राज्यपाल और सैयद मसूद कौसर
सैयद ग़ौस
वे एक पाकिस्तानी जनरल, राजनीतिज्ञ और पाकिस्तान के प्रांत, ख़ैबर पख़्तूनख़्वा के पूर्व राज्यपाल थे। .
देखें ख़ैबर पख़्तूनख़्वा के राज्यपाल और सैयद ग़ौस
सैयद उस्मान अली शाह
वे एक पाकिस्तानी न्यायाधीश और पाकिस्तान के प्रांत, ख़ैबर पख़्तूनख़्वा के पूर्व कार्यवाहक राज्यपाल थे। .
देखें ख़ैबर पख़्तूनख़्वा के राज्यपाल और सैयद उस्मान अली शाह
हयात शियरपाउ
वे एक पाकिस्तानी राजनीतिज्ञ और पाकिस्तान के प्रांत, ख़ैबर पख़्तूनख़्वा के पूर्व राज्यपाल थे। .
देखें ख़ैबर पख़्तूनख़्वा के राज्यपाल और हयात शियरपाउ
जॉर्ज कनंघम
जाॅर्ज कनिंघम, एक ब्रिटिश प्रशासक थे, वे ब्रिटिश भारतीय प्रांत(एवं तत्पश्चात, पाकिस्तानी प्रंत), ख़ैबर पख़्तूनख़्वा के पूर्व कार्यवाहक राज्यपाल थे। तत्पूर्व, वे एक विशिष्ट रग्बी खिलाड़ी एवं, स्काॅटिश राष्ट्रीय रग्बी टीम के सदस्य व कप्तान भी रह चुके थे। .
देखें ख़ैबर पख़्तूनख़्वा के राज्यपाल और जॉर्ज कनंघम
ख़लीलुर रहमन
वे एक पाकिस्तानी राजनेता और पाकिस्तान के प्रांत, ख़ैबर पख़्तूनख़्वा के पूर्व राज्यपाल थे। .
देखें ख़ैबर पख़्तूनख़्वा के राज्यपाल और ख़लीलुर रहमन
ख़्वाजा शहाबुद्दीन
वे एक पाकिस्तानी राजनेता और पाकिस्तान के प्रांत, ख़ैबर पख़्तूनख़्वा के पूर्व राज्यपाल थे। .
देखें ख़ैबर पख़्तूनख़्वा के राज्यपाल और ख़्वाजा शहाबुद्दीन
ख़ैबर पख़्तूनख़्वा
मकरा चोटी ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा (पहले:उत्तर पश्चिम सीमांत प्रान्त) पाकिस्तान का एक प्रान्त या सूबा है। इसे सूबा-ए-सरहद के नाम से भी जाना जाता है जो अफ़ग़ानिस्तान की सीमा पर स्थित है। यहाँ पर पश्तूनों की आबादी अधिक है जिन्हें स्थानीय रूप से पख़्तून भी कहते हैं। इनकी मातृभाषा पश्तो है। इस प्रांत की जनसंख्या करीब 2 करोड़ है जिसमें अफ़ग़ानिस्तान से आए शरणार्थियों की 15 लाख की आबादी सम्मिलित नहीं है। .
देखें ख़ैबर पख़्तूनख़्वा के राज्यपाल और ख़ैबर पख़्तूनख़्वा
ख़ैबर पख़्तूनख़्वा के मुख्यमंत्री
पाकिस्तान के सूबा सरहद के मुख्यमंत्री का चयन सीमा प्रांतीय विधानसभा करती है जो राज्य सरकार के प्रमुख के रूप में कार्य करता है। सीमा के मौजूदा मुख्यमंत्री अमीर हैदर खान होती है, जिनका संबंध राष्ट्रवादी अवामी नेशनल पार्टी से है। प्रांत और देश की प्रमुख राजनीतिक दल होने के बावजूद यह पहला मौका है कि अवामी नेशनल पार्टी को सीमा में बाहरी उच्च नसीब हुई है। .
देखें ख़ैबर पख़्तूनख़्वा के राज्यपाल और ख़ैबर पख़्तूनख़्वा के मुख्यमंत्री
खुर्शीद अली खान
वे एक पाकिस्तानी जनरल, राजनीतिज्ञ और पाकिस्तान के प्रांत, ख़ैबर पख़्तूनख़्वा के पूर्व राज्यपाल थे। .
देखें ख़ैबर पख़्तूनख़्वा के राज्यपाल और खुर्शीद अली खान
ख्वाजा मोहम्मद अज़्हर खान
वे एक पाकिस्तानी जनरल, राजनीतिज्ञ और पाकिस्तान के प्रांत, ख़ैबर पख़्तूनख़्वा के पूर्व राज्यपाल थे। .
देखें ख़ैबर पख़्तूनख़्वा के राज्यपाल और ख्वाजा मोहम्मद अज़्हर खान
ओवैस अहमद गनी
पाकिस्तानी राजनेता और पाकिस्तान के प्रांत, बलोचिस्तान एवं गिलगित-बल्तिस्तान के पूर्व राज्यपाल। .
देखें ख़ैबर पख़्तूनख़्वा के राज्यपाल और ओवैस अहमद गनी
आमिर गुलिस्तान जनजूआ
वे एक पाकिस्तानी जनरल, राजनीतिज्ञ और पाकिस्तान के प्रांत, ख़ैबर पख़्तूनख़्वा के पूर्व राज्यपाल थे। .
देखें ख़ैबर पख़्तूनख़्वा के राज्यपाल और आमिर गुलिस्तान जनजूआ
आरिफ बनगश
वे एक पाकिस्तानी जनरल, राजनीतिज्ञ और पाकिस्तान के प्रांत, ख़ैबर पख़्तूनख़्वा के पूर्व राज्यपाल थे। .
देखें ख़ैबर पख़्तूनख़्वा के राज्यपाल और आरिफ बनगश
इफ्तिख़ार हुसैन शाह
वे एक पाकिस्तानी राजनेता और पाकिस्तान के प्रांत, ख़ैबर पख़्तूनख़्वा के पूर्व राज्यपाल थे। .
देखें ख़ैबर पख़्तूनख़्वा के राज्यपाल और इफ्तिख़ार हुसैन शाह
इब्राहिम इस्माइल चुंदरीगर
इब्राहिम इस्माइल चनदरीगर, एक पाकिस्तानी राजनीतिज्ञ एवं पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री थे। वे 1897 में अहमदाबाद में पैदा हुए थे। उन्होंने मुंबई विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री हासिल की और तत्पश्चात अहमदाबाद में उन्होंने पेशेवर वकालत शुरू की। वे 1924 में अहमदाबाद नगर निगम के सदस्य हुए और 1937 में बम्बई विधानसभा के सदस्य चुने गए। अगले साल बम्बई विधानसभा में मुस्लिम लीग पार्टी के उप नेता चुने गए। 1940 से 1945 ई तक वे बम्बई मुस्लिम लीग के अध्यक्ष भी रहे। 1947 में जब मुस्लिम लीग भारत की अंतरिम सरकार में शामिल हुई तो लीग के प्रतिनिधि के रूप में वाणिज्य मंत्रालय का कलमदान उनके सौंपा गया। उसी साल जेनोवा में सहयोगी राष्ट्रों की वाणिज्यिक सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व भी किया। विभाजन के बाद पाकिस्तान की केंद्रीय मंत्रिमंडल में अगस्त 1947 से मई 1948 और अगस्त 1955 ताकि अगस्त 1956 मंत्री रहे। .
देखें ख़ैबर पख़्तूनख़्वा के राज्यपाल और इब्राहिम इस्माइल चुंदरीगर
कुर्बान अली शाह
वे एक पाकिस्तानी राजनेता और पाकिस्तान के प्रांत, ख़ैबर पख़्तूनख़्वा के पूर्व राज्यपाल थे। .
देखें ख़ैबर पख़्तूनख़्वा के राज्यपाल और कुर्बान अली शाह
अब्दुल हक़ीम खान
वे एक पाकिस्तानी न्यायाधीश और पाकिस्तान के प्रांत, ख़ैबर पख़्तूनख़्वा के पूर्व कार्यवाहक राज्यपाल थे। .
देखें ख़ैबर पख़्तूनख़्वा के राज्यपाल और अब्दुल हक़ीम खान
अब्दुल ग़फ़ूर ख़ान होती
वे एक पाकिस्तानी राजनीतिज्ञ और पाकिस्तान के प्रांत, ख़ैबर पख़्तूनख़्वा के पूर्व राज्यपाल थे। .
देखें ख़ैबर पख़्तूनख़्वा के राज्यपाल और अब्दुल ग़फ़ूर ख़ान होती
अर्बाब सिकंदर खान
वे एक पाकिस्तानी राजनीतिज्ञ और पाकिस्तान के प्रांत, ख़ैबर पख़्तूनख़्वा के पूर्व राज्यपाल थे। .
देखें ख़ैबर पख़्तूनख़्वा के राज्यपाल और अर्बाब सिकंदर खान
अली जान ओरकज़ई
वे एक पाकिस्तानी राजनेता और पाकिस्तान के प्रांत, ख़ैबर पख़्तूनख़्वा के पूर्व राज्यपाल थे। .
देखें ख़ैबर पख़्तूनख़्वा के राज्यपाल और अली जान ओरकज़ई
असलम खान खटक
वे एक पाकिस्तानी राजनीतिज्ञ और पाकिस्तान के प्रांत, ख़ैबर पख़्तूनख़्वा के पूर्व राज्यपाल थे। .
देखें ख़ैबर पख़्तूनख़्वा के राज्यपाल और असलम खान खटक
यह भी देखें
पाकिस्तानी प्रांतों के राज्यपाल
- ख़ैबर पख़्तूनख़्वा के राज्यपाल
- गिलगित-बल्तिस्तान के राज्यपाल
- पंजाब के राज्यपाल (पाकिस्तान)
- पाकिस्तान के वर्तमान राज्यपालों की सूची
- सिंध के राज्यपाल
राज्यपाल (ख़ैबर पख़्तूनख़्वा), ख़ैबर पख़तूनख़्वा के राज्यपाल, ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा के राज्यपाल के रूप में भी जाना जाता है।