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सिंध के राज्यपाल

सूची सिंध के राज्यपाल

सिंध के राज्यपाल पाकिस्तान के प्रांत, सिंध की प्रांतीय सरकार का प्रमुख होते हैं। इनकी नियुक्ति पाकिस्तान के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री की परामर्श पर करते हैं और, पाकिस्तान के अन्य प्रांतीय राज्यपाल पदों के समान ही, आमतौर पर यह भी एक औपचारिक पद है, यानी राज्यपाल पास बहुत अधिक अधिकार नहीं होते हैं। हालाँकि इतिहास में कई बार ऐसे अवसर आए हैं जब प्रांतीय गवर्नरों को अतिरिक्त व पूर्ण कार्याधिकार मिला है, खासकर इस मामले में जब प्रांतीय विधायिका भंग कर दी गई हो, तब प्रशासनिक विकल्प सीधे राज्यपाल के अधिकार-अंतर्गत आ जाते हैं। 1958 से 1972 और 1977 से 1985 तक सैन्य शासन और 1999 से 2002 के राज्यपाल शासन के दौरान राज्यपालों को जबरदस्त प्रशासनिक शक्ति मिलते रहे हैं। सिंध में दो बार सीधे राज्यपाल शासन रहा है जिनके दौरान 1951 से 1953 के दौरान मियां अमीन दीन और 1988 में रहीम दीन खान राज्यपाल थे। .

40 संबंधों: एक इकाई व्यवस्था, नवाब इफ़तिख़ार हुसैन, पश्चिमी पाकिस्तान, पाकिस्तान, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री, पाकिस्तान के राष्ट्रपति, ममनून हुसैन, महमूद हारून, मियाँ मुहम्मद सूम्रो, मियां अमीनुद्दीन, मुमताज़ भुट्टो, मुहम्मद दिलावर खानजी, मुहम्मद अब्बासी, मोइनुद्दीन हैदर, मीर रसूल बख्श टालपुर, रहमान गुल, रहीमुद्दीन खान, राना लियाक़त अली ख़ान, शेख दीन मुहम्मद, सिंध, सिंध के मुख्यमंत्री, हबीब इब्राहिम रहमतुल्ला, हकीम मोहम्मद सईद, जहाँदाद खान, जॉर्ज बक्संडाॅल कौंसटन्टीन, गुलाम हुसैन हिदायतुल्लाह, इशरतुलअबाद ख़ान, कमालुद्दीन अज़्फ़र, क़दीरुद्दीन अहमद, अब्दुल क़ादिर शेख, अज़ीम दाऊदपोता, १९५१, १९५३, १९५८, १९७२, १९७७, १९८५, १९८८, १९९९, २००२

एक इकाई व्यवस्था

एक इकाई व्यवस्था या नीति, (अथवा वन-यूनिट् सिस्टम्), पाकिस्तान की एक पुर्वतः परवर्तित प्रशासनिक व्यवस्था थी, जिसके अंतर्गत, तत्कालीन पाकिस्तानी भूमि के दोनों भिन्न टुकड़ों को "एक प्रशासनिक इकाई" के रूप में ही शासित किये जाने की योजना रखी गई थी। इस तरह की प्रशासनिक नीति को अपनाने का मुख्य कारण, सर्कार द्वारा, पाकिस्तानी अधिराज्य के दो विभक्त एवं पृथक भौगोलिक आंचलों की एक ही केंद्रीय व्यवस्था के अंतर्गत शासन में आने वाली घोर प्रशासनिक असुविधाएँ, एवं भौगोलिक कठिनाईयाँ बताई गई थी। अतः इस भौगोलिक व प्रशासनिक विषय के समाधान के रूप में, सरकार ने इन दो भौगोलीय हिस्सों को ही, एक महासंघीय ढांचे के अंतर्गत, पाकिस्तान के दो वाहिद प्रशासनिक इकाइयों के रूप में स्थापित करने की नीति बनाई गई। इस्के तहत, तत्कालीन मुमलिकात-ए-पाकिस्तान के, पूर्वी भाग में मौजूद स्थिति के अनुसार ही, पश्चिमी भाग के पाँचों प्रांतों व उनकी प्रांतीय सरकारों को भंग कर, एक प्रांत, पश्चिमी पाकिस्तान गठित किया गया, वहीं पूर्वी भाग (जो अब बांग्लादेश है) को पूर्वी पाकिस्तान कह कर गठित किया गया। तत्प्रकार, पाकिस्तान, एक इकाई योजना के तहत, महज दो प्रांतों में विभाजित एक राज्य बन गया। वन यूनिट योजना की घोषणा प्रधानमंत्री मोहम्मद अली बोगरा के शासनकाल के दौरान 22 नवंबर 1954 को की गई, और 14 अक्टूबर 1955 को देश के पश्चिमी भाग के सभी प्रांतों को एकीकृत कर, पश्चिमी पाकिस्तान प्रांत गठित किया गया, जिसमें, सभी प्रांतों के अलावा तत्कालीन, राजशाहियों और कबाइली इलाके भी शामिल थे। इस प्रांत में 12 प्रमंडल थे, और इसकी राजधानी लाहौर थी। दूसरी ओर पूर्वी बंगाल के प्रांत को पूर्वी पाकिस्तान का नाम दिया गया, जिसकी राजधानी ढाका थी। संघीय राजधानी(कार्यपालिका) को वर्ष 1959 में कराँची से रावलपिंडी स्थानांतरित किया गया, जहां सेना मुख्यालय था, और नई राजधानी, इस्लामाबाद के पूरा होने तक यहां मौजूद रहा जबकि संघीय विधानपालिका को ढाका में स्थापित किया गया। इस नीति का उद्देश्य बज़ाहिर प्रशासनिक सुधार लाना था लेकिन कई लिहाज से यह बहुत विनाशकारी कदम था। पश्चिमी पाकिस्तान में मौजूद बहुत सारी राज्यों ने इस आश्वासन पर विभाजन के समय पाकिस्तान में शामिल हो गए थे कि उनकी स्वायत्तता कायम रखी जाएगी लेकिन वन इकाई बना देने के फैसले से सभी स्थानीय राज्यों का अंत हो गया। इस संबंध में बहावलपुर, खीरिपोर और कलात के राज्य विशेषकर उल्लेखनीय हैं। मामले इस समय अधिक गंभीर समय 1958 ई। के तख्तापलट के बाद मुख्यमंत्री का पद समाप्त कर दिया गया और राष्ट्रपति ने पश्चिमी पाकिस्तान के विकल्प अपने पास रख लिए। राजनीतिक विशेषज्ञों यह भी समझते हैं कि पश्चिमी पाकिस्तान के सभी प्रांतों को एकजुट करने के उद्देश्य पूर्वी पाकिस्तान की भाषाई और राजनीतिक इकाई का जोर तोड़ना था। अंततः एक जुलाई 1970 को राष्ट्रपति याह्या खान ने एक इकाई का सफाया करते हुए पश्चिमी पाकिस्तान के सभी प्रांतों बहाल कर दिया। .

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नवाब इफ़तिख़ार हुसैन

पाकिस्तानी राजनेता और पाकिस्तान के प्रांत, सिंध के पूर्व राज्यपाल। .

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पश्चिमी पाकिस्तान

पश्चिमी पाकिस्तान(مغربی پاکستان, मग़रिबी पाकिस्तान, পশ্চিম পাকিস্তান, पोश्चिम पाकिस्तान), एक इकाई व्यवस्था के तहत, तत्कालीन पाकिस्तान (पाकिस्तान अधिराज्य) की पश्चिमी इकाई थी, जो अब, (बांग्लादेश के अलग होने के बाद से) वर्तमान पाकिस्तान है। .

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पाकिस्तान

इस्लामी जम्हूरिया पाकिस्तान या पाकिस्तान इस्लामी गणतंत्र या सिर्फ़ पाकिस्तान भारत के पश्चिम में स्थित एक इस्लामी गणराज्य है। 20 करोड़ की आबादी के साथ ये दुनिया का छठा बड़ी आबादी वाला देश है। यहाँ की प्रमुख भाषाएँ उर्दू, पंजाबी, सिंधी, बलूची और पश्तो हैं। पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद और अन्य महत्वपूर्ण नगर कराची व लाहौर रावलपिंडी हैं। पाकिस्तान के चार सूबे हैं: पंजाब, सिंध, बलोचिस्तान और ख़ैबर​-पख़्तूनख़्वा। क़बाइली इलाक़े और इस्लामाबाद भी पाकिस्तान में शामिल हैं। इन के अलावा पाक अधिकृत कश्मीर (तथाकथित आज़ाद कश्मीर) और गिलगित-बल्तिस्तान भी पाकिस्तान द्वारा नियंत्रित हैं हालाँकि भारत इन्हें अपना भाग मानता है। पाकिस्तान का जन्म सन् 1947 में भारत के विभाजन के फलस्वरूप हुआ था। सर्वप्रथम सन् 1930 में कवि (शायर) मुहम्मद इक़बाल ने द्विराष्ट्र सिद्धान्त का ज़िक्र किया था। उन्होंने भारत के उत्तर-पश्चिम में सिंध, बलूचिस्तान, पंजाब तथा अफ़गान (सूबा-ए-सरहद) को मिलाकर एक नया राष्ट्र बनाने की बात की थी। सन् 1933 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के छात्र चौधरी रहमत अली ने पंजाब, सिन्ध, कश्मीर तथा बलोचिस्तान के लोगों के लिए पाक्स्तान (जो बाद में पाकिस्तान बना) शब्द का सृजन किया। सन् 1947 से 1970 तक पाकिस्तान दो भागों में बंटा रहा - पूर्वी पाकिस्तान और पश्चिमी पाकिस्तान। दिसम्बर, सन् 1971 में भारत के साथ हुई लड़ाई के फलस्वरूप पूर्वी पाकिस्तान बांग्लादेश बना और पश्चिमी पाकिस्तान पाकिस्तान रह गया। .

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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री

पाकिस्तान के प्रधान मंत्री (وزیر اعظم پاکستان —) इस्लामी गणतंत्र पाकिस्तान की सरकार का मुखिया होता है। राष्ट्रीय विधानसभा के सदस्यों द्वारा प्रधानमंत्री का चयन किया जाता है। प्रधानमंत्री का ये पद पाँच वर्षके लिए होता है। प्रधानमंत्री अपनी सहायता के लिए मंत्रियों का चयन करता है। .

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पाकिस्तान के राष्ट्रपति

पाकिस्तान के राष्ट्रपति (صدر مملكت —) पाकिस्तान इस्लामिक गणतंत्र के सर्वेसर्वा का पद है। .

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ममनून हुसैन

ममनून हुसैन (ممنون حسین (जन्म:2 मार्च 1940) एक पाकिस्तानी कपड़ा व्यापारी और राजनेता हैं, जिन्हें जुलाई 2013 में पाकिस्तान का राष्ट्रपति चुना गया। हुसैन 1999 में छोटे समय के लिए सिंध के राज्यपाल बने। राज्यपाल के रूप में उनका कार्यकाल सैन्य तख्तापलट के कारण अक्टूबर 1999 तक ही सीमित रहा। 30 जुलाई 2013 को उन्हें पाकिस्तान के 12वें राष्ट्रपति के रूप में निर्वाचित किया गया, अथवा वह 8 सितम्बर 2013 को अपने पूर्ववर्ती आसिफ अली जरदारी को प्रतिस्थापित करते हुए शपथ ग्रहण करेंगे। .

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महमूद हारून

पाकिस्तानी राजनेता और पाकिस्तान के प्रांत, सिंध के पूर्व दो-दफाई राज्यपाल। .

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मियाँ मुहम्मद सूम्रो

मियां मोहम्मद सूम्रो या मियाँ मोहम्मद सोम्रो ने 16 नवंबर 2007 को पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री के शपथ ली। इससे पहले कि आप पाकिस्तानी सेनेट के अध्यक्ष थे। पेशे के आधार पर बैंकों रहे हैं। बैंकिंग ही के दौरान कुछ समाचार पत्रों के अनुसार उन पर धोखाधड़ी का आरोप भी लगा था। श्री के पहले कदम में बुलेटप्रूफ वाहनों की देश में आयात पर चुंगी की छूट की घोषणा की है। इससे पहले जब वह कार्यवाहक राष्ट्रपति बने थे तो उन्होंने सीनेट के अध्यक्ष और उनके पूरे परिवार के लिए विशेष प्रोत्साहन पारित थीं। जिसमें आजीवन प्रोटोकॉल और राजनयिक पासपोर्ट थे। मियां मोहम्मद सोमरो ने 18 अगस्त 2008 को पाकिस्तान के कार्यवाहक अध्यक्ष का पद संभाल लिया। .

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मियां अमीनुद्दीन

पाकिस्तानी राजनेता और पाकिस्तान के प्रांत, सिंध के पूर्व राज्यपाल। .

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मुमताज़ भुट्टो

मुमताज़ अली खान भुट्टो (28 नवंबर 1933 ई।) घड़ी ख़दाबख़श, जिला लरकाना जुल्फिकार अली भुट्टो के चचेरे भाई थे। 1 मई 1972 से 20 दिसंबर 1972 तक वे सिंध प्रांत के आठवें मुख्यमंत्री रहे थे। उनका संबंध पूर्वतः, राजनीतिक दल पाकिस्तान पीपल्स पार्टी से था और उसके शीर्ष नेताओं में से थे लेकिन अब वे अपनी राजनीतिक दल सिंध नेशनल फ्रंट के नेतृत्व करते हैं वे एक केंद्रीय मंत्री एवं सिंध के पूर्व राज्यपाल भी रह चुके है। .

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मुहम्मद दिलावर खानजी

पाकिस्तानी राजनेता और पाकिस्तान के प्रांत, सिंध के पूर्व राज्यपाल। .

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मुहम्मद अब्बासी

पाकिस्तानी जनरल राजनेता और पाकिस्तान के प्रांत, सिंध के पूर्व राज्यपाल। .

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मोइनुद्दीन हैदर

पाकिस्तानी राजनेता और पाकिस्तान के प्रांत, सिंध के पूर्व राज्यपाल। .

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मीर रसूल बख्श टालपुर

पाकिस्तानी राजनेता और पाकिस्तान के प्रांत, सिंध के पूर्व राज्यपाल। .

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रहमान गुल

पाकिस्तानी राजनेता और पाकिस्तान के प्रांत, सिंध के पूर्व राज्यपाल। .

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रहीमुद्दीन खान

जनरल राहीमुद्दीन खान, एक पाकिस्तानी जनरल, राजनेता और पाकिस्तान के प्रांत, सिंध और बलोचिस्तान के पूर्व राज्यपाल थे। तथा, वे जुलाई १९७७ से अप्रैल १९८५ के बीच, बलोचिस्त के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। उन्हें अपने कार्यकाल के दौरान, बलोचिस्तान में राजनैतिक संकट व अराजकता एवं विद्रोह को दबाने के लिए जाना जाता है। .

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राना लियाक़त अली ख़ान

बेगम रआना की एक तस्वीर, 1961 बेगम र'आना लियाक़त अली ख़ान (जन्म का नाम: शीला आइरीन पंत), पाकिस्तान की प्रथम महिला, पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री लियाक़त अली ख़ान की बेगम, पाकिस्तान आंदोलन के सदस्य और सिंध की पहली महिला राज्यपाल थीं। .

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शेख दीन मुहम्मद

पाकिस्तानी राजनेता और पाकिस्तान के प्रांत, सिंध के पूर्व राज्यपाल। .

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सिंध

सिंध सिंध पाकिस्तान के चार प्रान्तों में से एक है। यह देश के दक्षिण-पूर्व में बसा हुआ है जिसके दक्षिण में अरब की खाड़ी है। सिन्ध का सबसे बड़ा शहर कराँची है और यहाँ देश की 15 प्रतिशत जनता वास करती है। यह सिन्धियों का मूल स्थान है साथ ही यहाँ विभाजन के दौरान आकर बसे मोहाज़िरों की भी बहुतायात है। .

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सिंध के मुख्यमंत्री

सिंध के मुख्यमंत्री, पाकिस्तान के प्रांत सिंध की प्रांतीय सरकार का प्रमुख होता है। उनका चयन सिंध विधानसभा करती है। पाकिस्तान पाकिस्तान की प्रशासन व्यवस्था वेस्टमिंस्टर प्रणाली पर आधारित है अतः राज्य के राज्यपाल, जिन्हें कथास्वरूप राज्य का प्रमुख होने का सौभाग्य प्राप्त है, को केवल पारंपरिक एवं नाममात्र की संवैधानिक अधिकार है जबकि आसल कार्यप्रणाली मुख्यमंत्री के नियंत्रण में होती है। .

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हबीब इब्राहिम रहमतुल्ला

पाकिस्तानी राजनेता और पाकिस्तान के प्रांत, सिंध के पूर्व राज्यपाल। .

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हकीम मोहम्मद सईद

पाकिस्तानी राजनेता और पाकिस्तान के प्रांत, सिंध के पूर्व राज्यपाल। .

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जहाँदाद खान

पाकिस्तानी राजनेता और पाकिस्तान के प्रांत, सिंध के पूर्व राज्यपाल। .

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जॉर्ज बक्संडाॅल कौंसटन्टीन

पाकिस्तानी राजनेता और पाकिस्तान के प्रांत, सिंध के पूर्व राज्यपाल। .

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गुलाम हुसैन हिदायतुल्लाह

गुलाम हुसैन हिदायतुल्लाह (1879 -1948) सिंध प्रांत के पूर्व दो-बार निर्वाचित मुख्यमंत्री और मुस्लिम पीपल्स पार्टी के सक्रिय राजनीतिक कार्यकर्ता थे। उन्होंने यह पद 18 अप्रैल 1940 के बाद से 7 मार्च 1941 ई। जबकि दूसरी बार 14 अक्टूबर 1942 के बाद से 14 अगस्त 1947 तक सनखबाला। तथा वे सिंध के राज्यपाल के पद पर भी रह चुके हैं। .

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इशरतुलअबाद ख़ान

डॉक्टर इशरत ऐबाद खान प्रांत सिंध, पाकिस्तान के 30 वें राज्यपाल हैं। उनका संबंध मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट है। .

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कमालुद्दीन अज़्फ़र

पाकिस्तानी राजनेता और पाकिस्तान के प्रांत, सिंध के पूर्व राज्यपाल। .

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क़दीरुद्दीन अहमद

पाकिस्तानी राजनेता और पाकिस्तान के प्रांत, सिंध के पूर्व राज्यपाल। .

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अब्दुल क़ादिर शेख

पाकिस्तानी राजनेता और पाकिस्तान के प्रांत, सिंध के पूर्व राज्यपाल। .

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अज़ीम दाऊदपोता

पाकिस्तानी राजनेता और पाकिस्तान के प्रांत, सिंध के पूर्व राज्यपाल। .

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१९५१

१९५१ ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१९५३

1953 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१९५८

1958 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१९७२

१९७२ ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१९७७

1977 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१९८५

1985 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१९८८

1988 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१९९९

१९९९ ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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२००२

2002 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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राज्यपाल (सिंध)

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