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4 संबंधों: योनिच्छद पुनर्निर्माण शल्य चिकित्सा (ह्य्मेनोप्लास्टी), सम्भोग, विवाह उत्सव, कौमार्य परीक्षण।
योनिच्छद पुनर्निर्माण शल्य चिकित्सा (ह्य्मेनोप्लास्टी)
ह्य्मेनोप्लास्टी या योनिच्छद पुनर्निर्माण सर्जरी, एक ऐसी शल्य चिकित्सा प्रकिया है जिसमें योनिद्वार की झिल्ली की शल्य चिकित्सा द्वारा फिर से बहाली की जाती है। पुरुषों की रूढिवादी सोच के चलते फिर से कौमार्य को जरूरत मानने वाली लड़कियां हाइम्नोप्लास्टी करा रही हैं। कॉस्मेटिक (सौंदर्य प्रसाधन) सर्जन (शल्य - चिकित्सक) ऐसी सर्जरी (शल्य चिकित्सा) करते हैं। इस प्रकिया के बाद पूरी तरह से सामान्य होने में कम से कम छह सप्ताह का समय लगता है। .
देखें कौमार्य और योनिच्छद पुनर्निर्माण शल्य चिकित्सा (ह्य्मेनोप्लास्टी)
सम्भोग
सम्भोग (अंग्रेजी: Sexual intercourse या सेक्सुअल इन्टरकोर्स) मैथुन या सेक्स की उस क्रिया को कहते हैं जिसमे नर का लिंग मादा की योनि में प्रवेश करता हैं। सम्भोग अलग अलग जीवित प्रजातियों के हिसाब से अलग अलग प्रकार से हो सकता हैं। सम्भोग को योनि मैथुन, काम-क्रीड़ा, रति-क्रीड़ा भी कहते हैं। संभोग की क्रिया केवल पति-पत्नी के बीच ही हो सकती है । यदि कोई महिला या पुरुष अपने पति-पत्नी के अलावा किसी और से संबंध बनाता है । तो वह अपराध की श्रेणी में आता है। इस अपराध की सजा भारत मे 30 साल की उम्रकैद है। यदि कोई स्त्री पुरुष अपने पति पत्नी को छोड़कर किसी अन्य से संबंध बनाता बनाती है । तो उस स्त्री अथवा पुरुष का उसकी पति अथवा पत्नी से तलाक हो जाता है । तथा उस स्त्री अथवा पुरुष को 30 साल की जेल होती है। विवाह से पूर्व संभोग करने भी अपराध की श्रेणी में आता है । इसकी दज यह है कि उस उन दोनों का विवाह करना अनिवार्य हो जाता है । तथा वे एक-दूसरे से जीवन भर तलाक नही ले सकते है । और किसी अन्य से संभोग भी नही कर सकते है । सृष्टि में आदि काल से सम्भोग का मुख्य काम वंश को आगे चलाना व बच्चे पैदा करना है। जहाँ कई जानवर व पक्षी सिर्फ अपने बच्चे पैदा करने के लिए उपयुक्त मौसम में ही सम्भोग करते हैं वहीं इंसानों में सम्भोग इस वजह के बिना भी हो सकता हैं। सम्भोग इंसानों में सुख प्राप्ति या प्यार या जज्बात दिखाने का भी एक रूप हैं। सम्भोग अथवा मैथुन से पूर्व की क्रिया, जजिसे अंग्रेजी में फ़ोर प्ले कहते हैं, के दौरान हर प्राणी के शरीर से कुछ विशेष प्रकार की गन्ध (फ़ीरोमंस) उत्सर्जित होती है जो विषमलिंगी को मैथुन के लिये अभिप्रेरित व उत्तेजित करती है। कुछ प्राणियों में यह मौसम के अनुसार भी पाया जाता है। वस्तुत: फ़ोर प्ले से लेकर चरमोत्कर्ष की प्राप्ति तक की सम्पूर्ण प्रक्रिया ही सम्भोग कहलाती है बशर्ते कि लिंग व्यवहार का यह कार्य विषमलिंगियों के बीच हो रहा हो। कई ऐसे प्रकार के सम्भोग भी हैं जिसमें लिंग का उपयोग नर और मादा के बीच नहीं होता जैसे मुख मैथुन, हस्तमैथुन अथवा गुदा मैथुन उन्हें मैथुन तो कहा जा सकता है परन्तु सम्भोग कदापि नहीं। उपरोक्त प्रकार के मैथुन अस्वाभाविक अथवा अप्राकृतिक व्यवहार के अन्तर्गत आते हैं या फिर सम्भोग के साधनों के अभाव में उन्हें केवल मनुष्य की स्वाभाविक आत्मतुष्टि का उपाय ही कहा जा सकता है, सम्भोग नहीं। .
देखें कौमार्य और सम्भोग
विवाह उत्सव
विवाह उत्सव या शादी (Wedding) वह समारोह है जहाँ दो लोग या एक युगल वैवाहिक सम्बन्ध में जुड़ते हैं। विवाह की परंपराएँ और प्रथाएँ संस्कृतियों, संजातीय समूहों, धर्मों, देशों और सामाजिक वर्गों के बीच बहुत भिन्न होती हैं। .
देखें कौमार्य और विवाह उत्सव
कौमार्य परीक्षण
योनिच्छद की विभिन्न स्थितियाँ कौमार्य परीक्षण यह निर्धारित करने की प्रक्रिया है कि क्या कोई महिला कुंवारी है या नहीं, यानी कि क्या उसने कभी भी संभोग किया है या नहीं? इस परीक्षण में महिला की योनिद्वार की झिल्ली (अर्थात् योनिच्छद / hymen) का परीक्षण इस धारणा पर किया जाता है कि उसकी योनिद्वार की झिल्ली केवल संभोग के परिणामस्वरूप ही फट सकती है। इस परीक्षण को सामान्यतः दो उँगली परीक्षण (Two Finger Test) के नाम से भी जाना जाता है। जे॰एन॰यू॰ के सेंटर फॉर लॉ ऐंड गवर्नेंस में प्राध्यापक प्रतीक्षा बख्शी के अनुसार फ्रांसीसी मेडिकल विधिवेत्ता एल॰ थोइनॉट ने 1898 के आसपास नकली और असली कुंआरी लड़कियों में फर्क करने वाली जाँच के लिए इस तरह का टेस्ट ईजाद किया था। नकली कुंआरी उस महिला को कहा जाता था, जिसकी हाइमन लचीलेपन के कारण सेक्स के बाद भी नहीं टूटती है। भारत में मेडिकल विधिशास्त्र की लगभग हर पुस्तक में टी॰एफ॰टी॰ को बढ़ावा दिया गया है, जिनमें जयसिंह पी॰ मोदी की लिखी किताब ए टेक्स्ट बुक ऑफ मेडिकल ज्यूरिसप्रूडेंस ऐंड टॉक्सीकोलॉजी भी शामिल है। लड़कियों के लिए इसके विपरीत प्रभाव और इस जाँच में प्रमाणिकता एवं सटीकता का अभाव होने के कारण कौमार्य परीक्षण एक बहुत ही विवादास्पद जाँच है।.