सामग्री की तालिका
19 संबंधों: चम्बल नदी, चौहान, ध्वज, पश्चिम मध्य रेलवे, बिग एफएम (रेडियो), भारतीय रेल, भित्तिचित्र कला, माय एफएम, राजधानी, राजपूत, राजस्थान, रेडियो सिटी, हड़ौती, हाड़ा चौहान, जयपुर, वंश, आवृत्ति मॉड्यूलेशन, आकाशवाणी, कोटा जिला।
- भारत के महानगर
चम्बल नदी
चंबल नदी मध्य भारत में यमुना नदी की सहायक नदी है। यह नदी "जानापाव पर्वत " महू से निकलती है। इसका प्राचीन नाम "चरमवाती " है। इसकी सहायक नदिया शिप्रा, सिंध, कलिसिन्ध, ओर कुननों नदी है। यह नदी भारत में उत्तर तथा उत्तर-मध्य भाग में राजस्थान तथा मध्य प्रदेश के धार,उज्जैन,रतलाम, मन्दसौर भीँड मुरैनाआदि जिलो से होकर बहती है। यह नदी दक्षिण मोड़ को उत्तर प्रदेश राज्य में यमुना में शामिल होने के पहले राजस्थान और मध्य प्रदेश के बीच सीमा बनाती है। इस नदी पर चार जल विधुत परियोजना चल रही है। 01 गांधी सागर 02 राणा सागर 03 जवाहर सागर 04 कोटा वेराज (कोटा)। प्रसिद्ध चूलीय जल प्रपातचंबल नदी (कोटा) मे है। यह एक बारहमासी नदी है। इसका उद्गम स्थल जानापाव की पहाडी(मध्य प्रदेश) है। यह दक्षिण में महू शहर के, इंदौर के पास, विंध्य रेंज में मध्य प्रदेश में दक्षिण ढलान से होकर गुजरती है। चंबल और उसकी सहायक नदियां उत्तर पश्चिमी मध्य प्रदेश के मालवा क्षेत्र के नाले, जबकि इसकी सहायक नदी, बनास, जो अरावली पर्वतों से शुरू होती है इसमें मिल जाती है। चंबल, कावेरी, यमुना, सिन्धु, पहुज भरेह के पास पचनदा में, उत्तर प्रदेश राज्य में भिंड और इटावा जिले की सीमा पर शामिल पांच नदियों के संगम समाप्त होता है। .
देखें कोटा और चम्बल नदी
चौहान
चौहान या चव्हाण एक वंश है। चौहान गुर्जर तथा राजपूतों में आता है।विद्वानो का कहना है कि चौहान मुल से राजपूत थे तथा १० वी शदी तक गुर्जर प्रतिहारो के अधीन थे। चौहान साम्भर झील और पुष्कर, आमेर और वर्तमान जयपुर, राजस्थान में भी होते थे, जो अब सारे उत्तर भारत में फैले हुए हैं। इसके अलावा मैनपुरी उत्तर प्रदेश एवं नीमराना, राजस्थान के अलवर जिले में भी पाये जाते हैं। .
देखें कोटा और चौहान
ध्वज
भारत का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा ध्वज या झण्डा अथवा पताका (अंग्रेज़ी:Flag) सामान्यतः कपड़े का बना एक संकेत है जो प्राय: एक दण्ड के शीर्ष पर लगाया जाता है। यह प्राय: किसी देश, सेना, संस्था अथवा समूह का प्रतीक होता है। सभी राष्ट्रों के अपने अद्वितीय झण्डे हैं जो उस देश के संकेत के रूप में प्रयोग किये जाते हैं। भारत का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा है जो केसरिया, सफ़ेद और हरे रंग की तीन पट्टियों और बीच की सफ़ेद पट्टी पर अशोक चक्र के चिह्नांकन के साथ व्यवहृत होता है। .
देखें कोटा और ध्वज
पश्चिम मध्य रेलवे
पश्चिम मध्य रेलवे भारतीय रेल की एक इकाई है। इसे लघुरूप में पमरे कहा जाता है। इसकी स्थापना 1 अप्रैल 2003 में हुई थी। इसका मुख्यालय जबलपुर में स्थित है। .
देखें कोटा और पश्चिम मध्य रेलवे
बिग एफएम (रेडियो)
150px बिग एफएम (रेडियो), एक राष्ट्रव्यापी निजी एफएम रेडियो स्टेशन है। इस रेडियो स्टेशन के मालिक प्रसिद्द भारतीय व्यवसायी अनिल अम्बानी हैं। यह रेडियो स्टेशन ९२.७ मेगाहर्ट्स एफएम बैंड फ्रिकुएंसी पर प्रसारित होता है। वर्तमान में यह स्टेशन ४४ विभिन्न शहरों में प्रसारित होता है। यह एकमात्र ऐसा रेडियो स्टेशन है जो कि जम्मू और कश्मीर में भी प्रसारित होता है। १ जुलाई २००८ से बिग एफएम सिंगापूर में भी अपना प्रसारण शुरू कर दिया। सिंगापूर में यह सुबह ५ बजे से रत ८ बजे तक हर रोज़ ९६.३ मेगाहर्ट्स पर प्रसारित होता है। बिग एफएम रेडियो का टैगलाइन है - "सुनो सुनाओ, लाइफ बनाओ" .
देखें कोटा और बिग एफएम (रेडियो)
भारतीय रेल
यार्ड में खड़ी एक जनशताब्दी रेल। भारतीय रेल (आईआर) एशिया का सबसे बड़ा रेल नेटवर्क तथा एकल सरकारी स्वामित्व वाला विश्व का दूसरा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है। यह १६० वर्षों से भी अधिक समय तक भारत के परिवहन क्षेत्र का मुख्य घटक रहा है। यह विश्व का सबसे बड़ा नियोक्ता है, जिसके १३ लाख से भी अधिक कर्मचारी हैं। यह न केवल देश की मूल संरचनात्मक आवश्यकताओं को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है अपितु बिखरे हुए क्षेत्रों को एक साथ जोड़ने में और देश राष्ट्रीय अखंडता का भी संवर्धन करता है। राष्ट्रीय आपात स्थिति के दौरान आपदाग्रस्त क्षेत्रों में राहत सामग्री पहुंचाने में भारतीय रेलवे अग्रणी रहा है। अर्थव्यस्था में अंतर्देशीय परिवहन का रेल मुख्य माध्यम है। यह ऊर्जा सक्षम परिवहन मोड, जो बड़ी मात्रा में जनशक्ति के आवागमन के लिए बड़ा ही आदर्श एवं उपयुक्त है, बड़ी मात्रा में वस्तुओं को लाने ले जाने तथा लंबी दूरी की यात्रा के लिए अत्यन्त उपयुक्त है। यह देश की जीवनधारा है और इसके सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए इनका महत्वपूर्ण स्थान है। सुस्थापित रेल प्रणाली देश के दूरतम स्थानों से लोगों को एक साथ मिलाती है और व्यापार करना, दृश्य दर्शन, तीर्थ और शिक्षा संभव बनाती है। यह जीवन स्तर सुधारती है और इस प्रकार से उद्योग और कृषि का विकासशील त्वरित करने में सहायता करता है। .
देखें कोटा और भारतीय रेल
भित्तिचित्र कला
अजन्ता की गुफा में जातक कथा का चित्रण; ७वीं शताब्दी भित्तिचित्र कला, सरगुजा, छत्तीसगढ़ भित्तिचित्र कला (Mural) सबसे पुरानी चित्रकला है। प्रागैतिहासिक युग के ऐतिहासिक रिकॉर्ड में पहले मिट्टी के बर्तन बनाये जाते थे, लेकिन कुछ समय बाद लोगों ने मिट्टी का प्रयोग दीवरों पर चित्र बनाने के लिये करने लगे। भित्तिचित्र कला में दीवारों पर ज्यामितिक आकार, कलापूर्ण अभिप्राय, पारंपरिक आकल्पन, सहज बनावट और अनुकरणमूलक सरल आकृतियों में निहित स्वच्छंद आकल्पन, उन्मुक्त आवेग और रेखिक ऊर्जा, अनूठी ताजगी और चाक्षुष सौंदर्य सृष्टि करती है। .
देखें कोटा और भित्तिचित्र कला
माय एफएम
150px माय एफएम, एक राष्ट्रव्यापी निजी एफएम रेडियो स्टेशन है| यह रेडियो दैनिक भास्कर समूह द्वारा चलाया जा रहा है | यह रेडियो स्टेशन ९४.३ मेगाहर्ट्स एफएम बैंड फ्रिकुएंसी पर प्रसारित होता है| वर्तमान में यह स्टेशन १७ विभिन्न शहरों में प्रसारित होता है | माय एफएम का टैगलाइन है - "जियो दिल से" | .
देखें कोटा और माय एफएम
राजधानी
राजधानी वह नगरपालिका होती है, जिसे किसी देश, प्रदेश, प्रान्त या अन्य प्रशासनिक ईकाई अथवा क्षेत्र में सरकार की गद्दी होने का प्राथमिक दर्जा हासिल होता है। राजधानी मिसाली तौर पर एक शहर होता है, जहाँ संबंधित सरकार के दफ़्तर और सम्मेलन -टिकाने स्थित होते हैं और आम तौर पर अपने क़ानून या संविधान द्वारा निर्धारित होती है। .
देखें कोटा और राजधानी
राजपूत
राजपूत उत्तर भारत का एक क्षत्रिय कुल माना जाता है।जो कि राजपुत्र का अपभ्रंश है। राजस्थान को ब्रिटिशकाल मे राजपूताना भी कहा गया है। पुराने समय में आर्य जाति में केवल चार वर्णों की व्यवस्था थी। राजपूत काल में प्राचीन वर्ण व्यवस्था समाप्त हो गयी थी तथा वर्ण के स्थान पर कई जातियाँ व उप जातियाँ बन गईं थीं। कवि चंदबरदाई के कथनानुसार राजपूतों की 36 जातियाँ थी। उस समय में क्षत्रिय वर्ण के अंतर्गत सूर्यवंश और चंद्रवंश के राजघरानों का बहुत विस्तार हुआ। .
देखें कोटा और राजपूत
राजस्थान
राजस्थान भारत गणराज्य का क्षेत्रफल के आधार पर सबसे बड़ा राज्य है। इसके पश्चिम में पाकिस्तान, दक्षिण-पश्चिम में गुजरात, दक्षिण-पूर्व में मध्यप्रदेश, उत्तर में पंजाब (भारत), उत्तर-पूर्व में उत्तरप्रदेश और हरियाणा है। राज्य का क्षेत्रफल 3,42,239 वर्ग कि॰मी॰ (132139 वर्ग मील) है। 2011 की गणना के अनुसार राजस्थान की साक्षरता दर 66.11% हैं। जयपुर राज्य की राजधानी है। भौगोलिक विशेषताओं में पश्चिम में थार मरुस्थल और घग्गर नदी का अंतिम छोर है। विश्व की पुरातन श्रेणियों में प्रमुख अरावली श्रेणी राजस्थान की एक मात्र पर्वत श्रेणी है, जो कि पर्यटन का केन्द्र है, माउंट आबू और विश्वविख्यात दिलवाड़ा मंदिर सम्मिलित करती है। पूर्वी राजस्थान में दो बाघ अभयारण्य, रणथम्भौर एवं सरिस्का हैं और भरतपुर के समीप केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान है, जो सुदूर साइबेरिया से आने वाले सारसों और बड़ी संख्या में स्थानीय प्रजाति के अनेकानेक पक्षियों के संरक्षित-आवास के रूप में विकसित किया गया है। .
देखें कोटा और राजस्थान
रेडियो सिटी
150px रेडियो सिटी भारत का एक गैर शासकीय रेडियो स्टेशन है। इसका प्रसारण ९१.१ मेगाहर्ट्ज़ पर होता है। इस रेडियो स्टेशन कि शुरुआत सबसे पहले मुंबई से २००४ में हुई। अब यह भारत के कई शहरों और महानगरों में एक प्रचलित रेडियो स्टेशन है। इसकीं मुख्य कार्यकारी अधिकारी मिस.
देखें कोटा और रेडियो सिटी
हड़ौती
हाड़ौती (जिसे हाड़ौली, हाड़ावली, इत्यादि नाम से भी जाना जाता है) बूंदी राज्य था। यह पूर्वी राजस्थान में स्थित है। इसके बड़े शहरों में बूंदी और कोटा हैं। इसमें सम्मिलित जिले हैं.
देखें कोटा और हड़ौती
हाड़ा चौहान
हाड़ा चौहान राजपूत हैं। वे अग्निकुल के वंशज कहे जाते हैं। किसी समय वे बूँदी और कोटा के शासक थे। हाड़ा, हड़ौती के निवासी हैं। .
देखें कोटा और हाड़ा चौहान
जयपुर
जयपुर जिसे गुलाबी नगर के नाम से भी जाना जाता है, भारत में राजस्थान राज्य की राजधानी है। आमेर के तौर पर यह जयपुर नाम से प्रसिद्ध प्राचीन रजवाड़े की भी राजधानी रहा है। इस शहर की स्थापना १७२८ में आमेर के महाराजा जयसिंह द्वितीय ने की थी। जयपुर अपनी समृद्ध भवन निर्माण-परंपरा, सरस-संस्कृति और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। यह शहर तीन ओर से अरावली पर्वतमाला से घिरा हुआ है। जयपुर शहर की पहचान यहाँ के महलों और पुराने घरों में लगे गुलाबी धौलपुरी पत्थरों से होती है जो यहाँ के स्थापत्य की खूबी है। १८७६ में तत्कालीन महाराज सवाई रामसिंह ने इंग्लैंड की महारानी एलिज़ाबेथ प्रिंस ऑफ वेल्स युवराज अल्बर्ट के स्वागत में पूरे शहर को गुलाबी रंग से आच्छादित करवा दिया था। तभी से शहर का नाम गुलाबी नगरी पड़ा है। 2011 की जनगणना के अनुसार जयपुर भारत का दसवां सबसे अधिक जनसंख्या वाला शहर है। राजा जयसिंह द्वितीय के नाम पर ही इस शहर का नाम जयपुर पड़ा। जयपुर भारत के टूरिस्ट सर्किट गोल्डन ट्रायंगल (India's Golden Triangle) का हिस्सा भी है। इस गोल्डन ट्रायंगल में दिल्ली,आगरा और जयपुर आते हैं भारत के मानचित्र में उनकी स्थिति अर्थात लोकेशन को देखने पर यह एक त्रिभुज (Triangle) का आकार लेते हैं। इस कारण इन्हें भारत का स्वर्णिम त्रिभुज इंडियन गोल्डन ट्रायंगल कहते हैं। भारत की राजधानी दिल्ली से जयपुर की दूरी 280 किलोमीटर है। शहर चारों ओर से दीवारों और परकोटों से घिरा हुआ है, जिसमें प्रवेश के लिए सात दरवाजे हैं। बाद में एक और द्वार भी बना जो 'न्यू गेट' कहलाया। पूरा शहर करीब छह भागों में बँटा है और यह १११ फुट (३४ मी.) चौड़ी सड़कों से विभाजित है। पाँच भाग मध्य प्रासाद भाग को पूर्वी, दक्षिणी एवं पश्चिमी ओर से घेरे हुए हैं और छठा भाग एकदम पूर्व में स्थित है। प्रासाद भाग में हवा महल परिसर, व्यवस्थित उद्यान एवं एक छोटी झील हैं। पुराने शह के उत्तर-पश्चिमी ओर पहाड़ी पर नाहरगढ़ दुर्ग शहर के मुकुट के समान दिखता है। इसके अलावा यहां मध्य भाग में ही सवाई जयसिंह द्वारा बनावायी गईं वेधशाला, जंतर मंतर, जयपुर भी हैं। जयपुर को आधुनिक शहरी योजनाकारों द्वारा सबसे नियोजित और व्यवस्थित शहरों में से गिना जाता है। देश के सबसे प्रतिभाशाली वास्तुकारों में इस शहर के वास्तुकार विद्याधर भट्टाचार्य का नाम सम्मान से लिया जाता है। ब्रिटिश शासन के दौरान इस पर कछवाहा समुदाय के राजपूत शासकों का शासन था। १९वीं सदी में इस शहर का विस्तार शुरु हुआ तब इसकी जनसंख्या १,६०,००० थी जो अब बढ़ कर २००१ के आंकड़ों के अनुसार २३,३४,३१९ और २०१२ के बाद ३५ लाख हो चुकी है। यहाँ के मुख्य उद्योगों में धातु, संगमरमर, वस्त्र-छपाई, हस्त-कला, रत्न व आभूषण का आयात-निर्यात तथा पर्यटन-उद्योग आदि शामिल हैं। जयपुर को भारत का पेरिस भी कहा जाता है। इस शहर के वास्तु के बारे में कहा जाता है कि शहर को सूत से नाप लीजिये, नाप-जोख में एक बाल के बराबर भी फ़र्क नहीं मिलेगा। .
देखें कोटा और जयपुर
वंश
Tutankhamun was a member of the Eighteenth dynasty of Egypt. किसी एक ही परिवार से एक के बाद एक शासन करने वाले व्यक्तियों को वंश (dynasty) कहते हैं। .
देखें कोटा और वंश
आवृत्ति मॉड्यूलेशन
आवृत्ति मॉड्यूलेशन आवृत्ति मॉड्यूलेशन (फ़्रिक्वेंसी मॉडुलन) मॉडुलन का एक प्रकार जहाँ के वाहक की आवृत्ति के अनुसार इस मॉड्यूलेटिंग संकेत के साथ विविध है। इस वाहक का आयाम स्थिर बनी हुई है। यह जानकारी संकेत (इस मॉड्यूलेटिंग संकेत) असर को वाहक के तात्कालिक आवृत्ति परिवर्तन.
देखें कोटा और आवृत्ति मॉड्यूलेशन
आकाशवाणी
आकाशवाणी (All India Radio) भारत के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अधीन संचालित सार्वजनिक क्षेत्र की रेडियो प्रसारण सेवा है। भारत में रेडियो प्रसारण की शुरुआत मुंबई और कोलकाता में सन १९२७ में दो निजी ट्रांसमीटरों से हुई। १९३० में इसका राष्ट्रीयकरण हुआ और तब इसका नाम भारतीय प्रसारण सेवा या (इंडियन ब्राडकास्टिंग कारपोरेशन) रखा गया। बाद में १९५७ में इसका नाम बदल कर आकाशवाणी रखा गया। .
देखें कोटा और आकाशवाणी
कोटा जिला
कोटा भारतीय राज्य राजस्थान का एक जिला है। जिले का मुख्यालय कोटा है। क्षेत्रफल - १२,४३६ (12,436) वर्ग कि॰मी॰ जनसंख्या - १,५६८,५२५ (1,568,525) (2001 जनगणना) साक्षरता - पुरुष - ७८%, महिला - ६३% एस॰टी॰डी॰ कोड - ०७४४ जिलाधिकारी - (जुलाई 200८ में) अभय कुमार समुद्र तल से उचाई - २७१(271) m (889 ft) अक्षांश - उत्तर देशांतर - पूर्व औसत वर्षा - मि॰मी॰ कोटा शहर भारत के राजस्थान प्रदेश मे आता है। यह चम्बल नदी के किनारे बसा हुआ है। यहा कई प्रकार की कारखाने है, जिनमे रसायन तथा प्रोध्योगिकी सम्बन्धित कारखाने प्रमुख है। यह कई प्रमुख शहरो से रैल व सडक से जुडा हुआ है।देश की ईमानदार टॉप 10 सूची मे भी कोटा शहर के पुलिसकर्मी कमलेश बिशनोई का नाम पहले नम्बर पर है 2015 मे ईमानदारी हेतु माननीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी ने राष्ट्रपति भवन में इसे सम्मानित किया .
देखें कोटा और कोटा जिला
यह भी देखें
भारत के महानगर
- अमृतसर
- अहमदाबाद
- आगरा
- आसनसोल
- इन्दौर
- औरंगाबाद, महाराष्ट्र
- कन्नूर
- कानपुर
- कोच्चि
- कोटा
- कोयंबतूर
- कोलकाता
- कोल्लम
- ग़ाज़ियाबाद
- ग्वालियर
- चेन्नई
- जबलपुर
- जमशेदपुर
- जयपुर
- जोधपुर
- तिरुचिरापल्ली
- तिरुवनन्तपुरम
- त्रिस्सूर
- दिल्ली
- धनबाद
- नागपुर
- नाशिक
- पटना
- पुणे
- फरीदाबाद
- बेंगलुरु
- भिलाई
- भोपाल
- मदुरई
- मलप्पुरम
- मुम्बई
- मेरठ
- राँची
- राजकोट
- रायपुर
- लखनऊ
- लुधियाना
- वडोदरा
- वाराणसी
- विजयवाड़ा
- श्रीनगर, जम्मू और कश्मीर
- सूरत
- हैदराबाद
कोटा, राजस्थान के रूप में भी जाना जाता है।