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कोटा

सूची कोटा

कोटा राजस्थान का एक प्रमुख औद्योगिक एवं शैक्षणिक शहर है। यह चम्बल नदी के तट पर बसा हुआ है। कोटा राजधानी जयपुर से सडक एवं रेलमार्ग से लगभग २४० किलोमीटर की दूरी पर है। यह नगर जयपुर-जबलपुर राष्ट्रीय राजमार्ग १२ पर स्थित है। दक्षिण राजस्थान में चंबल नदी के पूर्वी किनारे पर स्थित कोटा उन शहरों में है जहां औद्योगीकरण बड़े पैमाने पर हुआ है। कोटा अनेक किलों, महलों, संग्रहालयों, मंदिरों और बगीचों के लिए लोकप्रिय है। यह शहर नवीनता और प्राचीनता का अनूठा मिश्रण है। जहां एक तरफ शहर के स्मारक प्राचीनता का बोध कराते हैं वहीं चंबल नदी पर बना हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्लान्ट और न्यूक्लियर पावर प्लान्ट आधुनिकता का एहसास कराता है। .

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चम्बल फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स लिमिटेड

चम्बल फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स लिमिटेड भारत में निजी क्षेत्र में के. के. बिड़ला समूह की एक बड़ी व उत्कृष्ट उर्वरक कम्पनी है। यह राज्स्थान के कोटा जिले के गडेपान नामक स्थान पर स्थित है। सी.एफ.सी.एल.

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चौथ का बरवाड़ा

चौथ का बरवाड़ा राजस्थान राज्य में सवाई माधोपुर जिले का एक छोटा सा शहर है और इसी नाम से तहसील मुख्यालय है। यह शहर राजस्थान के टोंक-सवाई माधोपुर लोकसभा क्षेत्र में आता है एवं इस शहर का विधान सभा क्षेत्र खण्डार लगता है। यहाँ का चौथ माता का मंदिर पूरे राजस्थान में प्रसिद्ध है ! चौथ का बरवाड़ा शहर अरावली पर्वत श़ृंखला की गोद में बसा हुआ मीणा व गुर्जर बाहुल्य क्षेत्र है ! बरवाड़ा के नाम से मशहूर यह छोटा सा शहर संवत 1451 में चौथ माता के नाम पर चौथ का बरवाड़ा के नाम से प्रसिद्ध हो गया जो वर्तमान तक बना हुआ है ! चौथ माता मंदिर के अलावा इस शहर में मीन भगवान का भव्य मंदिर है ! वहीं चौथ माता ट्रस्ट धर्मशाला सभी धर्मावलंबियों के लिए ठहरने का महत्वपूर्ण स्थान है ! चौथ का बरवाड़ा तहसील में पड़ने वाले बड़े गाँव इस प्रकार है:- चौथ का बरवाड़ा भगवतगढ़ शिवाड़ झोंपड़ा ईसरदा सारसोपआदि.

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चौदहवीं लोकसभा

भारत में चौदहवीं लोकसभा का गठन अप्रैल-मई 2004 में होनेवाले आमचुनावोंके बाद हुआ था। .

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चूड़ी

भारत में चूड़ियों का प्रदर्शन करती एक दुकान चूड़ियाँ (Bangles) एक पारम्परिक गहना है जिसे भारत सहित दक्षिण एशिया में महिलाएँ कलाई में पहनती हैं। चूड़ियाँ वृत्त के आकार की होती हैं। चूड़ी नारी के हाथ का प्रमुख अलंकरण है, भारतीय सभ्यता और समाज में चूड़ियों का महत्वपूर्ण स्थान है। हिंदू समाज में यह सुहाग का चिह्न मानी जाती है। भारत में जीवितपतिका नारी का हाथ चूड़ी से रिक्त नहीं मिलेगा। भारत के विभिन्न प्रांतों में विविध प्रकार की चूड़ी पहनने की प्रथा है। कहीं हाथीदाँत की, कहीं लाख की, कहीं पीतल की, कहीं प्लास्टिक की, कहीं काच की, आदि। आजकल सोने चाँदी की चूड़ी पहनने की प्रथा भी बढ़ रही है। इन सभी प्रकार की चूड़ियों में अपने विविध रंग रूपों और चमक दमक के कारण काच की चूड़ियों का महत्वपूर्ण स्थान है। सभी धर्मों एवं संप्रदायों की स्त्रियाँ काच की चूड़ियों का अधिक प्रयोग करने लगी हैं। .

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चेतन चीता

चेतन चीता सीआरपीएफ कीर्ति चक्र विजेता केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल के कमांडिंग ऑफिसर है जो कश्मीर में बांदीपुरा में हुई मुठभेड़ में गंभीर रूप से घायल हुए थे, एनकाउंटर में एक आतंकवादी ढेर हुआ था और सेना के तीन जवान शहीद हुए थे । दो महीने कोमा में रहने के बाद स्‍वस्‍थ हुए। चेतन चीता कोटा के रहने वाले हैं। उनके पिता रिटायर्ड आरएएस अफसर हैं, जो कोटा में ही रहते हैं। चेतन की पत्नी और दोनों बच्चें दिल्ली रहते हैं। .

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झालावाड़

झालावाड राजस्थान राज्य के दक्षिण-पूर्व में स्थित झालावाड़ जिला का मुख्यालय है। यह झालावाड के हाडौती क्षेत्र का हिस्सा है। झालावाड के अलावा कोटा, बारां एवं बूंदी हाडौती क्षेत्र में आते हैं। राजस्थान के झालावाड़ ने पर्यटन के लिहाज से अपनी एक अलग पहचान बनाई है। राजस्थान की कला और संस्कृति को संजोए यह शहर अपने खूबसूरत सरोवरों, किला और मंदिरों के लिए जाना जाता है। झालावाड़ की नदियां और सरोवर इस क्षेत्र की दृश्यावली को भव्यता प्रदान करते हैं। यहां अनेक ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल भी हैं, जो पर्यटकों को अपनी ओर खींचने में कामयाब होते हैं। झालावाड़ मालवा के पठार के एक छोर पर बसा जनपद है। इस जनपद के अंदर झालावाड़ और झालरापाटन नामक दो पर्यटन स्थल है। इन दोनों शहरों की स्थापना 18वीं शताब्दी के अन्त में झाला राजपूतों द्वारा की गई थी। इसलिए इन्हें 'जुड़वा शहर' भी कहा जाता है। इन दोनों शहरों के बीच 7 किमी की दूरी है। यह दोनों शहर झाला वंश के राजाओं की समृद्ध रियासत का हिस्सा था। .

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थैलासीमिया

थेलेसीमिया (अंग्रेज़ी:Thalassemia) बच्चों को माता-पिता से अनुवांशिक तौर पर मिलने वाला रक्त-रोग है। इस रोग के होने पर शरीर की हीमोग्लोबिन निर्माण प्रक्रिया में गड़बड़ी हो जाती है जिसके कारण रक्तक्षीणता के लक्षण प्रकट होते हैं। इसकी पहचान तीन माह की आयु के बाद ही होती है। इसमें रोगी बच्चे के शरीर में रक्त की भारी कमी होने लगती है जिसके कारण उसे बार-बार बाहरी खून चढ़ाने की आवश्यकता होती है। .

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दर्राह राष्ट्रीय उद्यान

दर्राह राष्ट्रीय उद्यान या राष्ट्रीय चम्बल वन्य जीव अभयारण्य भारत के राजस्थान राज्य में कोटा से 50 कि॰मी॰ दूर है जो घड़ियालों (पतले मुंह वाले मगरमच्छ) के लिए बहुत लोकप्रिय है। यहां जंगली सुअर, तेंदुए और हिरन पाए जाते हैं। बहुत कम जगह दिखाई देने वाला दुर्लभ कराकल यहां देखा जा सकता है। .

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दलवीर भंडारी

दलवीर भंडारी वर्तमान में अन्तरराष्ट्रीय न्यायालय के न्यायाधीश हैं। भारत की ओर से वे अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में न्यायाधीश के तौर पर 27 अप्रैल 2012 को निर्वाचित हुए थे। नवम्बर 2017 में वे इस पद पर दूसरे कार्यकाल के लिए भी चुन लिए गये हैं। न्यायमूर्ति दलवीर भंडारी वर्ष 2005 में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश बने थे। .

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दसलाखी नगर

जो शहर मोटे अक्षरों में लिखे हैं वो अपने राज्य या केंद्रशासित प्रदेश की राजधानी भी हैं .

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दिवाकर शर्मा

राजास्थान विश्वविद्यालय् दिवाकर शर्मा (१९३३ चूरु,राजस्थान-२००९) संस्कृत, हिंदी तथा राजस्थानी भाषाओं के विद्वान थे। आपने संस्कृत की कलाधिस्नातक परीक्षा कोटा में उत्तीर्ण की थी तथा पीएच.

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दैनिक नवज्योति

राजस्थान के स्वाधीनता सेनानी कप्तान दुर्गाप्रसाद चौधरी द्वारा संस्थापित दैनिक नवज्योति जयपुर, जोधपुर, अजमेर और कोटा, राजस्थान से प्रकाशित होने वाला एक दैनिक हिन्दी समाचार पत्र है। इसका प्रथम संस्करण १९३६ में प्रकाशित हुआ। .

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नदियों पर बसे भारतीय शहर

नदियों के तट पर बसे भारतीय शहरों की सूची श्रेणी:भारत के नगर.

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नवलगढ

नवलगढ (राजस्थानी: नौलगढ) राजस्थान में झुन्झुनू जिले की तहसील है। यह मुकुंदगढ़ के दक्षिण में और डुण्डलोद से दूर पड़ता है। नवलगढ के सीमावर्ती गाँव उत्तर में मोहब्बतसर,चेलासी,चेलासी ढ़हर,नवलड़ी,पूर्व में सैनीनगर,बिरोल दक्षिण में झाझड़,बेरीऔर पश्चिम में बिडो़दी बड़ी हैं तथा कस्बा उत्तर में डुण्डलोद, है। नवलगढ़ यह एक रेलवे-स्टेशन भी है। .

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प्रतापसिंह बारहठ

प्रतापसिंह बारहठ (२४ मई १८९३ - २७ मई १९१८) भारत के स्वतंत्रता संग्राम के एक क्रांतिवीर थे। .

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प्रभु लाल भटनागर

प्रभुलाल भटनागर, (8 अगस्त, 1912 - 5 अक्टूबर, 1976) विश्वप्रसिद्ध भारतीय गणितज्ञ थे। इन्हें गणित के लैटिस-बोल्ट्ज़मैन मैथड में प्रयोग किये गए भटनागर-ग्रॉस-क्रूक (बी.जी.के) कोलीज़न मॉडल के लिये जाना जाता है।। इंडियन मैथ सोसायटी। ऑब्सोल्यूट एस्ट्रॉनोमी .

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पैलेस ऑन व्हील्स

पैलेस ऑन व्हील्स भारत की एक विलासदायी रेलगाड़ी है। इसको भारतीय रेल द्वारा राजस्थान राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से चलाया गया था। इस रेल सेवा को अगस्त २००९ में नवीनीकृत कर पुनः लॉन्च किया गया था, जिसमें पहले से अलग नयी सजावट, यात्रा कार्यक्रम एवं भोजन सूची थी। वर्ष २०१० में इसे विश्व की सबसे विलासदायी रेलगाड़ियों की सूची में चौथा स्थान दिया गया था। .

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पीपाजी

पीपाजी (१४वीं-१५वीं शताब्दी) गागरोन के शाक्त राजा एवं सन्त कवि थे। वे भक्ति आंदोलन के प्रमुख संतों में से एक थे। गुरु ग्रंथ साहिब के अलावा २७ पद, १५४ साखियां, चितावणि व क-कहारा जोग ग्रंथ इनके द्वारा रचित संत साहित्य की अमूल्य निधियां हैं। .

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फतहसिंह

डॉ फतहसिंह (१३ जुलाई १९१३ - ६ फ़रवरी २००८) एक आर्यसमाजी थे जिन्होने वेदों का भाषावैज्ञानिक अध्ययन किया एवं 'वैदिक इटिमोलॉजी' नामक महान ग्रंथ की रचना की। .

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बाल विद्यालय (कोटा)

बाल विद्यालय कोटा का एक निजी स्कूल है जहाँ पर लगभग तीन हजार से ज्यादा विद्यार्थी अध्ययनरत है यह उच्च माध्यमिक विद्यालय है यह कोटा के नामी विद्यालयोँ में से एक है यह कोटा में राष्ट्रीय राजमार्ग 76 पर पुलिस लाइन तथा आर्मी एरिया के पास स्थित है इस विद्यालय में पांच होस्टल है जिसमें 800 से अधिक छात्र छात्राएँ रहते हैं बाल विद्यालय के वार्षिकोत्सव में उपराष्ट्रपति मोहम्मद हामिद अंसारी के पहुंचने पर आयोजित कार्यक्रम की तस्वीर ऊपर प्रदर्शित की गई है विद्यालय की ओर से प्रति वर्ष एक पांच दिवसीय वन शिविर का आयोजन किया जाता है .

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बालदड़ा

बालदड़ा एक गांव है जो कि पश्चिमी भारत के राजस्थान राज्य के बारा जिले में बसा हुआ है यहाँ आसपास के कई क्षेत्रोँ का ग्राम पंचायत का हेड ऑफिस स्थित है। .

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बिग एफएम (रेडियो)

150px बिग एफएम (रेडियो), एक राष्ट्रव्यापी निजी एफएम रेडियो स्टेशन है। इस रेडियो स्टेशन के मालिक प्रसिद्द भारतीय व्यवसायी अनिल अम्बानी हैं। यह रेडियो स्टेशन ९२.७ मेगाहर्ट्स एफएम बैंड फ्रिकुएंसी पर प्रसारित होता है। वर्तमान में यह स्टेशन ४४ विभिन्न शहरों में प्रसारित होता है। यह एकमात्र ऐसा रेडियो स्टेशन है जो कि जम्मू और कश्मीर में भी प्रसारित होता है। १ जुलाई २००८ से बिग एफएम सिंगापूर में भी अपना प्रसारण शुरू कर दिया। सिंगापूर में यह सुबह ५ बजे से रत ८ बजे तक हर रोज़ ९६.३ मेगाहर्ट्स पर प्रसारित होता है। बिग एफएम रेडियो का टैगलाइन है - "सुनो सुनाओ, लाइफ बनाओ" .

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भारत में दशलक्ष-अधिक शहरी संकुलनों की सूची

भारत दक्षिण एशिया में एक देश है। भौगोलिक क्षेत्र के अनुसार, वह सातवाँ सबसे बड़ा देश है, और १.२ अरब से अधिक लोगों के साथ, वह दूसरा सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश है। भारत में उनतीस राज्य और सात संघ राज्यक्षेत्र हैं। वह विश्व की जनसंख्या के १७.५ प्रतिशत का घर हैं। .

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भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों की सूची - प्रदेश अनुसार

भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों का संजाल भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों की सूची भारतीय राजमार्ग के क्षेत्र में एक व्यापक सूची देता है, द्वारा अनुरक्षित सड़कों के एक वर्ग भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण। ये लंबे मुख्य में दूरी roadways हैं भारत और के अत्यधिक उपयोग का मतलब है एक परिवहन भारत में। वे में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा भारतीय अर्थव्यवस्था। राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 2 laned (प्रत्येक दिशा में एक), के बारे में 65,000 किमी की एक कुल, जिनमें से 5,840 किमी बदल सकता है गठन में "स्वर्ण Chathuspatha" या स्वर्णिम चतुर्भुज, एक प्रतिष्ठित परियोजना राजग सरकार द्वारा शुरू की श्री अटल बिहारी वाजपेयी.

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भारत में रेलवे स्टेशनों की सूची

शिकोहाबाद तहसील के ग्राम नगला भाट में श्री मुकुट सिंह यादव जो ग्राम पंचायत रूपसपुर से प्रधान भी रहे हैं उनके तीन पुत्र हैं गजेंद्र यादव नगेन्द्र यादव पुष्पेंद्र यादव प्रधान जी का जन्म सन १९५० में हुआ था उन्होंने अपना सारा जीवन ग़रीबों के लिए क़ुर्बान कर दिया था और वो ५ भाईओ में सबसे छोटे थे और अपने परिवार को बाँधे रखा ११ मार्च २०१५ को उनका देहावसान हो गया ! वो आज भी हमारे दिलों में ज़िंदा हैं इस लेख में भारत में रेलवे स्टेशनों की सूची है। भारत में रेलवे स्टेशनों की कुल संख्या 7,000 और 8,500 के बीच अनुमानित है। भारतीय रेलवे एक लाख से अधिक लोगों को रोजगार देने के साथ दुनिया में चौथा सबसे बड़ा नियोक्ता है। सूची तस्वीर गैलरी निम्नानुसार है। .

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भारत में सर्वाधिक जनसंख्या वाले महानगरों की सूची

इस लेख में भारत के सर्वोच्च सौ महानगरीय क्षेत्रों की सूची (२००८ अनुसार) है। इन सौ महानगरों की संयुक्त जनसंख्या राष्ट्र की कुल जनसंख्या का सातवां भाग बनाती है। .

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भारत में स्मार्ट नगर

भारत में स्मार्ट नगर की कल्पना प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की है जिन्होंने देश के १०० नगरों को स्मार्ट नगरों के रूप में विकसित करने का संकल्प किया है। सरकार ने २७ अगस्त २०१५ को ९८ प्रस्तावित स्मार्ट नगरों की सूची जारी कर दी। .

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भारत में विश्वविद्यालयों की सूची

यहाँ भारत में विश्वविद्यालयों की सूची दी गई है। भारत में सार्वजनिक और निजी, दोनों विश्वविद्यालय हैं जिनमें से कई भारत सरकार और राज्य सरकार द्वारा समर्थित हैं। इनके अलावा निजी विश्वविद्यालय भी मौजूद हैं, जो विभिन्न निकायों और समितियों द्वारा समर्थित हैं। शीर्ष दक्षिण एशियाई विश्वविद्यालयों के तहत सूचीबद्ध विश्वविद्यालयों में से अधिकांश भारत में स्थित हैं। .

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भारत का भूगोल

भारत का भूगोल या भारत का भौगोलिक स्वरूप से आशय भारत में भौगोलिक तत्वों के वितरण और इसके प्रतिरूप से है जो लगभग हर दृष्टि से काफ़ी विविधतापूर्ण है। दक्षिण एशिया के तीन प्रायद्वीपों में से मध्यवर्ती प्रायद्वीप पर स्थित यह देश अपने ३२,८७,२६३ वर्ग किमी क्षेत्रफल के साथ विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा देश है। साथ ही लगभग १.३ अरब जनसंख्या के साथ यह पूरे विश्व में चीन के बाद दूसरा सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश भी है। भारत की भौगोलिक संरचना में लगभग सभी प्रकार के स्थलरूप पाए जाते हैं। एक ओर इसके उत्तर में विशाल हिमालय की पर्वतमालायें हैं तो दूसरी ओर और दक्षिण में विस्तृत हिंद महासागर, एक ओर ऊँचा-नीचा और कटा-फटा दक्कन का पठार है तो वहीं विशाल और समतल सिन्धु-गंगा-ब्रह्मपुत्र का मैदान भी, थार के विस्तृत मरुस्थल में जहाँ विविध मरुस्थलीय स्थलरुप पाए जाते हैं तो दूसरी ओर समुद्र तटीय भाग भी हैं। कर्क रेखा इसके लगभग बीच से गुजरती है और यहाँ लगभग हर प्रकार की जलवायु भी पायी जाती है। मिट्टी, वनस्पति और प्राकृतिक संसाधनो की दृष्टि से भी भारत में काफ़ी भौगोलिक विविधता है। प्राकृतिक विविधता ने यहाँ की नृजातीय विविधता और जनसंख्या के असमान वितरण के साथ मिलकर इसे आर्थिक, सामजिक और सांस्कृतिक विविधता प्रदान की है। इन सबके बावजूद यहाँ की ऐतिहासिक-सांस्कृतिक एकता इसे एक राष्ट्र के रूप में परिभाषित करती है। हिमालय द्वारा उत्तर में सुरक्षित और लगभग ७ हज़ार किलोमीटर लम्बी समुद्री सीमा के साथ हिन्द महासागर के उत्तरी शीर्ष पर स्थित भारत का भू-राजनैतिक महत्व भी बहुत बढ़ जाता है और इसे एक प्रमुख क्षेत्रीय शक्ति के रूप में स्थापित करता है। .

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भारत के प्रमुख हिन्दू तीर्थ

भारत अनादि काल से संस्कृति, आस्था, आस्तिकता और धर्म का महादेश रहा है। इसके हर भाग और प्रान्त में विभिन्न देवी-देवताओं से सम्बद्ध कुछ ऐसे अनेकानेक प्राचीन और (अपेक्षाकृत नए) धार्मिक स्थान (तीर्थ) हैं, जिनकी यात्रा के प्रति एक आम भारतीय नागरिक पर्यटन और धर्म-अध्यात्म दोनों ही आकर्षणों से बंधा इन तीर्थस्थलों की यात्रा के लिए सदैव से उत्सुक रहा है। .

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भारत के राष्ट्रीय राजमार्गों की सूची - संख्या अनुसार

भारत के राष्ट्रीय राजमार्गों की सूची (संख्या के क्रम में) भारत के राजमार्गो की एक सूची है। .

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भारत के राष्ट्रीय उद्यान

नीचे दी गयी सूची भारत के राष्ट्रीय उद्यानों की है। 1936 में भारत का पहला राष्ट्रीय उद्यान था- हेली नेशनल पार्क, जिसे अब जिम कोर्बेट राष्ट्रीय उद्यान के रूप में जाना जाता है। १९७० तक भारत में केवल ५ राष्ट्रीय उद्यान थे। १९८० के दशक में वन्यजीव संरक्षण अधिनियम और प्रोजेक्ट टाइगर योजना के अलावा वन्य जीवों की सुरक्षार्थ कई अन्य वैधानिक प्रावधान लागू हुए.

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भारत के शहरों की सूची

कोई विवरण नहीं।

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भारत के सर्वाधिक जनसंख्या वाले शहरों की सूची

यह सूचियों भारत के सबसे बड़े शहरों पर है। .

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भारत के हवाई अड्डे

यह सूची भारत के हवाई यातायात है। .

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भारतीय थलसेना

भारतीय थलसेना, सेना की भूमि-आधारित दल की शाखा है और यह भारतीय सशस्त्र बल का सबसे बड़ा अंग है। भारत का राष्ट्रपति, थलसेना का प्रधान सेनापति होता है, और इसकी कमान भारतीय थलसेनाध्यक्ष के हाथों में होती है जो कि चार-सितारा जनरल स्तर के अधिकारी होते हैं। पांच-सितारा रैंक के साथ फील्ड मार्शल की रैंक भारतीय सेना में श्रेष्ठतम सम्मान की औपचारिक स्थिति है, आजतक मात्र दो अधिकारियों को इससे सम्मानित किया गया है। भारतीय सेना का उद्भव ईस्ट इण्डिया कम्पनी, जो कि ब्रिटिश भारतीय सेना के रूप में परिवर्तित हुई थी, और भारतीय राज्यों की सेना से हुआ, जो स्वतंत्रता के पश्चात राष्ट्रीय सेना के रूप में परिणत हुई। भारतीय सेना की टुकड़ी और रेजिमेंट का विविध इतिहास रहा हैं इसने दुनिया भर में कई लड़ाई और अभियानों में हिस्सा लिया है, तथा आजादी से पहले और बाद में बड़ी संख्या में युद्ध सम्मान अर्जित किये। भारतीय सेना का प्राथमिक उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा और राष्ट्रवाद की एकता सुनिश्चित करना, राष्ट्र को बाहरी आक्रमण और आंतरिक खतरों से बचाव, और अपनी सीमाओं पर शांति और सुरक्षा को बनाए रखना हैं। यह प्राकृतिक आपदाओं और अन्य गड़बड़ी के दौरान मानवीय बचाव अभियान भी चलाते है, जैसे ऑपरेशन सूर्य आशा, और आंतरिक खतरों से निपटने के लिए सरकार द्वारा भी सहायता हेतु अनुरोध किया जा सकता है। यह भारतीय नौसेना और भारतीय वायुसेना के साथ राष्ट्रीय शक्ति का एक प्रमुख अंग है। सेना अब तक पड़ोसी देश पाकिस्तान के साथ चार युद्धों तथा चीन के साथ एक युद्ध लड़ चुकी है। सेना द्वारा किए गए अन्य प्रमुख अभियानों में ऑपरेशन विजय, ऑपरेशन मेघदूत और ऑपरेशन कैक्टस शामिल हैं। संघर्षों के अलावा, सेना ने शांति के समय कई बड़े अभियानों, जैसे ऑपरेशन ब्रासस्टैक्स और युद्ध-अभ्यास शूरवीर का संचालन किया है। सेना ने कई देशो में संयुक्त राष्ट्र के शांति मिशनों में एक सक्रिय प्रतिभागी भी रहा है जिनमे साइप्रस, लेबनान, कांगो, अंगोला, कंबोडिया, वियतनाम, नामीबिया, एल साल्वाडोर, लाइबेरिया, मोज़ाम्बिक और सोमालिया आदि सम्मलित हैं। भारतीय सेना में एक सैन्य-दल (रेजिमेंट) प्रणाली है, लेकिन यह बुनियादी क्षेत्र गठन विभाजन के साथ संचालन और भौगोलिक रूप से सात कमान में विभाजित है। यह एक सर्व-स्वयंसेवी बल है और इसमें देश के सक्रिय रक्षा कर्मियों का 80% से अधिक हिस्सा है। यह 1,200,255 सक्रिय सैनिकों और 909,60 आरक्षित सैनिकों के साथ दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी स्थायी सेना है। सेना ने सैनिको के आधुनिकीकरण कार्यक्रम की शुरुआत की है, जिसे "फ्यूचरिस्टिक इन्फैंट्री सैनिक एक प्रणाली के रूप में" के नाम से जाना जाता है इसके साथ ही यह अपने बख़्तरबंद, तोपखाने और उड्डयन शाखाओं के लिए नए संसाधनों का संग्रह एवं सुधार भी कर रहा है।.

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भारतीय दुर्गों की सूची

यहाँ भारत स्थित दुर्गों की सूची दी गयी है। .

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भारतीय किसान संघ

भारतीय किसान संघ भरतीय किसानों का संघ है जिसका लक्ष्य भारतीय किसानों का समग्र विकास है। इसके संस्थापक दत्तोपन्त ठेंगड़ी थे। .

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भंवर लाल शर्मा

पं.

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भुवनेश चतुर्वेदी

भुवनेश चतुर्वेदी (२२ जून १९३१ - २ मार्च २०१४) एक भारतीय राजनीतिज्ञ थे। वो भारत सरकार में १९९३ से १९९६ तक राज्यमंत्री रहे। वो कोटा से १९७८ से १९९६ तक सांसद और कोटा से ही १९७२ से १९७७ तक विधायक रहे। .

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भूमंडलीय ऊष्मीकरण

वैश्‍विक माध्‍य सतह का ताप 1961-1990 के सापेक्ष से भिन्‍न है 1995 से 2004 के दौरान औसत धरातलीय तापमान 1940 से 1980 तक के औसत तापमान से भिन्‍न है भूमंडलीय ऊष्मीकरण (या ग्‍लोबल वॉर्मिंग) का अर्थ पृथ्वी की निकटस्‍थ-सतह वायु और महासागर के औसत तापमान में 20वीं शताब्‍दी से हो रही वृद्धि और उसकी अनुमानित निरंतरता है। पृथ्‍वी की सतह के निकट विश्व की वायु के औसत तापमान में 2005 तक 100 वर्षों के दौरान 0.74 ± 0.18 °C (1.33 ± 0.32 °F) की वृद्धि हुई है। जलवायु परिवर्तन पर बैठे अंतर-सरकार पैनल ने निष्कर्ष निकाला है कि "२० वीं शताब्दी के मध्य से संसार के औसत तापमान में जो वृद्धि हुई है उसका मुख्य कारण मनुष्य द्वारा निर्मित ग्रीनहाउस गैसें हैं। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, धरती के वातावरण के तापमान में लगातार हो रही विश्वव्यापी बढ़ोतरी को 'ग्लोबल वार्मिंग' कहा जा रहा है। हमारी धरती सूर्य की किरणों से उष्मा प्राप्त करती है। ये किरणें वायुमंडल से गुजरती हुईं धरती की सतह से टकराती हैं और फिर वहीं से परावर्तित होकर पुन: लौट जाती हैं। धरती का वायुमंडल कई गैसों से मिलकर बना है जिनमें कुछ ग्रीनहाउस गैसें भी शामिल हैं। इनमें से अधिकांश धरती के ऊपर एक प्रकार से एक प्राकृतिक आवरण बना लेती हैं जो लौटती किरणों के एक हिस्से को रोक लेता है और इस प्रकार धरती के वातावरण को गर्म बनाए रखता है। गौरतलब है कि मनुष्यों, प्राणियों और पौधों के जीवित रहने के लिए कम से कम 16 डिग्री सेल्शियस तापमान आवश्यक होता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि ग्रीनहाउस गैसों में बढ़ोतरी होने पर यह आवरण और भी सघन या मोटा होता जाता है। ऐसे में यह आवरण सूर्य की अधिक किरणों को रोकने लगता है और फिर यहीं से शुरू हो जाते हैं ग्लोबल वार्मिंग के दुष्प्रभाव। आईपीसीसी द्वारा दिये गये जलवायु परिवर्तन के मॉडल इंगित करते हैं कि धरातल का औसत ग्लोबल तापमान 21वीं शताब्दी के दौरान और अधिक बढ़ सकता है। सारे संसार के तापमान में होने वाली इस वृद्धि से समुद्र के स्तर में वृद्धि, चरम मौसम (extreme weather) में वृद्धि तथा वर्षा की मात्रा और रचना में महत्वपूर्ण बदलाव आ सकता है। ग्लोबल वार्मिंग के अन्य प्रभावों में कृषि उपज में परिवर्तन, व्यापार मार्गों में संशोधन, ग्लेशियर का पीछे हटना, प्रजातियों के विलुप्त होने का खतरा आदि शामिल हैं। .

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मनोहरथाना

मनोहरथाना राजस्थान के दक्षिण पूर्व में स्थित झालावाड जिले का एक कस्बा है। यह राजस्थान-मध्यप्रदेश सीमा से कुछ ही दुरी पर स्थित है और कस्बे से मध्यप्रदेश सीमा करीब १२ किलोमीटर है। मनोहर थाना ग्राम पंचायत एवं पंचायत समिती है, तहसील मनोहर थाना लगती है। यह ग्राम तीन और से नदियों से घिरा हुआ है। दो तरफ़ से इसे मध्य प्रदेश से आने वाली घोडापछाड नदी (यहाँ इसे कालीखाड नदी भी कहते हैं) घेरती है एवं एक और से परवन नदी। गांव के बाहर ही कालीखाड परवन नदी में मिलती है, जिसे संगम स्थल कहा जाता है। गांव के चारों तरफ़ परकोटा है जिसे प्राचीन काल में मनोहर भील नामक राजा ने बनवाया था। किले में आज भी राजाओं के समय के खण्डर हुए कक्ष, स्नानागार आदि देखे जा सकते हैं। कुछ वर्ष पहले तक आसपास घने वन भी हुआ करते थे लेकिन अब सब काटे जा चुके हैं। यह कस्बा आस पास के करीब ५० गाँवों के लिये व्यापार का केन्द्र है। कृषि उपज मंडी भी है जहाँ काश्तकार अपनी फसल बेचने आते हैं। .

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महाराजा जसवंत सिंह (मारवाड़)

महाराजा जसवंत सिंह (26 दिसम्बर 1629 – 28 दिसम्बर 1678) मारवाड़ के शासक थे। वे राठौर राजपूत थे। वे एक अच्छे लेखक थे जिन्होने 'सिद्धान्त-बोध', 'आनन्दविलास' तथा 'भाषाभूषण' नामक ग्रंथों की रचना की। .

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महाराजा ईश्वरीसिंह

इनकी असामयिक मृत्यु मात्र ३० साल की उम्र में दिनांक 12.12.

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माय एफएम

150px माय एफएम, एक राष्ट्रव्यापी निजी एफएम रेडियो स्टेशन है| यह रेडियो दैनिक भास्कर समूह द्वारा चलाया जा रहा है | यह रेडियो स्टेशन ९४.३ मेगाहर्ट्स एफएम बैंड फ्रिकुएंसी पर प्रसारित होता है| वर्तमान में यह स्टेशन १७ विभिन्न शहरों में प्रसारित होता है | माय एफएम का टैगलाइन है - "जियो दिल से" | .

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मेवाड़ एक्सप्रेस

मेवाड़ एक्सप्रेस (The Mewar Express) (१२९६३/१२९६४) एक रेल है जो निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन,दिल्ली से उदयपुर के बीच चलती है। यह रेल दिल्ली से उदयपुर की दूरी लगभग ७४४ किलोमीटर १२ घण्टे और २० मिनटों में तय करती है। यह उदयपुर में काफी लोकप्रिय है इसलिए इसका नाम मेवाड़ एक्सप्रेस रखा गया है। यह रेल हज़रत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन,बल्लबगढ़,मथुरा,भरतपुर,बयाना,हिण्डौन,श्री महाबीरजी,गंगापुर सिटी रेलवे स्टेशन,सवाई माधोपुर,कोटा,बूंदी,मांडलगढ़,चंदेरिया,चित्तौड़गढ़,कपासन,मावली,राणा प्रताप नगर और उदयपुर स्टेशनों पर रुकती है। .

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रणथम्भोर राष्ट्रीय उद्यान

रणथंबोर राष्ट्रीय उद्यान उत्तर भारत के बड़े उद्यानों में से एक है। यह जयपुर से १३० किलोमीटर दक्षिण और कोटा से ११० किलोमीटर उत्तर-पूर्व में राजस्थान के दक्षिणी जिले सवाई माधोपुर में स्थित है। इसका निकटतम रेलवे स्टेशन और कस्बा सवाई माधोपुर यहाँ से ११ किलोमीटर दूरी पर स्थित है। .

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राष्ट्रीय चम्बल वन्य जीव अभयारण्य

चंबल वन्य जीव अभयारण्य भारत देश में राजस्थान प्रान्त में सवाई माधोपुर, कोटा, बूँदी, धौलपुर एवं करौली जिलों के अंतर्गत आता है। इसका क्षेत्रफल २८० वर्ग किमी है। इसे राजस्थान राज्य सरकार ने 1983 ईस्वी में वन्य जीव अभयारण्य घोषित किया था। यह घड़ियालों के लिए मुख्य रूप से जाना जाता है। इसका वानिक मुख्यालय रणथम्भौर से संचालित होता है। इसकी प्रसाशन व्यवस्था तीन राज्य उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश और राजस्थान के हाथों में है। १९७९ में स्थापित इस अभयारण्य के कोर क्षेत्र में ४०० किमी लंबी चंबल नदी आती है। .

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राष्ट्रीय राजमार्ग १२

राष्ट्रीय राजमार्ग १२ भारत का एक प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्ग है। यह राजस्थान के जयपुर शहर को मध्यप्रदेश के जबलपुर शहर से जोड़ता है।;बीच में पडने वाले मुख्य नगर व कस्बे.

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राजस्थान

राजस्थान भारत गणराज्य का क्षेत्रफल के आधार पर सबसे बड़ा राज्य है। इसके पश्चिम में पाकिस्तान, दक्षिण-पश्चिम में गुजरात, दक्षिण-पूर्व में मध्यप्रदेश, उत्तर में पंजाब (भारत), उत्तर-पूर्व में उत्तरप्रदेश और हरियाणा है। राज्य का क्षेत्रफल 3,42,239 वर्ग कि॰मी॰ (132139 वर्ग मील) है। 2011 की गणना के अनुसार राजस्थान की साक्षरता दर 66.11% हैं। जयपुर राज्य की राजधानी है। भौगोलिक विशेषताओं में पश्चिम में थार मरुस्थल और घग्गर नदी का अंतिम छोर है। विश्व की पुरातन श्रेणियों में प्रमुख अरावली श्रेणी राजस्थान की एक मात्र पर्वत श्रेणी है, जो कि पर्यटन का केन्द्र है, माउंट आबू और विश्वविख्यात दिलवाड़ा मंदिर सम्मिलित करती है। पूर्वी राजस्थान में दो बाघ अभयारण्य, रणथम्भौर एवं सरिस्का हैं और भरतपुर के समीप केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान है, जो सुदूर साइबेरिया से आने वाले सारसों और बड़ी संख्या में स्थानीय प्रजाति के अनेकानेक पक्षियों के संरक्षित-आवास के रूप में विकसित किया गया है। .

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राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय

राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय (Rajasthan Technical University, लघु: आरटीयू या RTU) भारत के पश्चिमी प्रान्त राजस्थान के कोटा में स्थित मान्यताप्राप्त तकनीकी विश्वविद्यालय है जिसकी स्थापना 2006 में हुई थी। इससे पूर्व यहाँ अभियान्त्रिकी कॉलेज, कोटा ही था। राजस्थान के सभी अभियान्त्रिकी और एम॰बी॰ए॰ से सम्बन्धित परीक्षा कार्यक्रम यहीं से संचालित होते हैं। .

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राजस्थान पत्रिका

राजस्थान पत्रिका हिन्दी भाषा में प्रकाशित होने वाला एक भारतीय समाचार पत्र है। यह अखबार भारत के सात राज्यों से प्रकाशित हो रहा है। यह जयपुर, जोधपुर, बीकानेर, उदयपुर, कोटा और सीकर सहित कई अन्य क्षेत्रों से राजस्थान से प्रकाशित होता है और राजस्थान के अलावा भोपाल, इन्दौर, जबलपुर, रायपुर, अहमदाबाद, ग्वालियर, कोलकाता, चेन्नई, नई दिल्ली और बंगलौर से प्रकाशित होता है। .

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राजस्थान के शहर

* अजमेर,.

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राजस्थान के जिले

राजस्थान के ७ मंडलों में ३३ जिले हैं जो इस प्रकार हैं।- श्रेणी:राजस्थान से सम्बन्धित सूचियाँ.

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राजस्थान के वन्य-जीव अभयारण्य

देश का सबसे अधिक दुर्लभ पक्षी गोडावण है जो राजस्थान के बीकानेर, बाड़मेर और जैसलमेर जिले में अधिक संख्या में मिलता है राजस्थान में तीन राष्ट्रीय उद्यान, २५ वन्य जीव अभ्यारण्य एवं ३३ आखेट निषेद क्षेत्र घोषित किए जा चुके हैं। भारतीय वन्यजीव कानून १९७२ देश के सभी राज्यों में लागू है। राज्य में वन्य प्राणियों के प्राकृतिक आवास को जानने के लिए भू-संरचना के अनुसार प्रदेश को चार मुख्य भागों में बांटा जा सकता है- १ मरुस्थलीय क्षेत्र, २ पर्वतीय क्षेत्र, ३ पूर्वी तथा मैदानी क्षेत्र और ४ दक्षिणी क्षेत्र। केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान जो कि भरतपुर में स्थित है यह एक राष्ट्रीय उद्यान है अर्थात एक अंतर्राष्ट्रीय पार्क जिसे पक्षियों का स्वर्ग भी कहा जाता है। धार्मिक स्थलों के साथ जुड़े ओरण सदैव ही पशुओं के शरणस्थल रहे हैं केंद्र सरकार द्वारा स्थापित पशु-पक्षियों का स्थल राष्ट्रीय उद्यान व राज्य सरकार द्वारा स्थापित स्थल अभ्यारण्य कहलाता है। .

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राजस्थान की मिट्टियाँ

साधारणतया जिसे हम मिट्टी कहते हैं, वह चट्टानों का चूरा होता है। ये चट्टानें मुख्यतया तीन प्रकार की होती हैं - स्तरीकृत, आग्नेय और परिवर्तित। क्षरण या नमीकरण के अभिकर्त्ता तापमान,वर्षा,हवा,हिमानी,बर्फ व नदियों द्वाया ये चट्टाने टुकड़ों में विभाजित होती हैं जो अंत में हमें के रूप में दिखाई देती हैं। .

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राजस्थान की जलवायु

उत्तर-पश्चिमी भारत में राजस्थान का जलवायु आम तौर पर शुष्क या अर्ध-शुष्क है और वर्ष भर में काफी गर्म तापमान पेश करता है, साथ ही गर्मी और सर्दियों दोनों में चरम तापमान होते हैं। भारत का यह राज्य राजस्थान उत्तरी अक्षांश एवं पूर्वी देशांतर पर स्थित है। उत्तरी ध्रुव को दक्षिणी ध्रुव से मिलाने वाली रेखाएं देशांतर रेखाएं तथा देशांतर रेखाओं के अक्षीय कोण अथवा पृथ्वी के मानचित्र में पश्चिम से पूर्व अथवा भूमध्य रेखा के समानांतर रेखाएं खींची जाती हैं उन्हें अक्षांश रेखाएं कहा जाता है। राजस्थान का अक्षांशीय विस्तार २३°३ उत्तरी अक्षांश से ३०°१२ उत्तरी अक्षांश तक है तथा देशांतरीय विस्तार ६०°३० पूर्वी देशांतर से ७८°१७ पूर्वी देशांतर तक है। कर्क रेखा राजस्थान के दक्षिण अर्थात बांसवाड़ा जिले के मध्य (कुशलगढ़) से होकर गुजरती है इसलिए हर साल २१ जून को राजस्थान के बांसवाड़ा जिले पर सूर्य सीधा चमकता है। राज्य का सबसे गर्म जिला चुरु जबकि राज्य का सबसे गर्म स्थल जोधपुर जिले में स्थित फलोदी है। इसी प्रकार राज्य में गर्मियों में सबसे ठंडा स्थल सिरोही जिले में स्थित माउंट आबू है इसलिए माउंट आबू को राजस्थान का शिमला कहा जाता है। पृथ्वी के धरातल से क्षोभ मंडल में जैसे-जैसे ऊंचाई की ओर बढ़ते हैं तापमान कम होता है तथा प्रति १६५ मीटर की ऊंचाई पर तापमान १ डिग्री सेल्सियस कम हो जाता है। राजस्थान का गर्मियों में सर्वाधिक दैनिक तापांतर वाला जिला जैसलमेर है जबकि राज्य में गर्मियों में सबसे ज्यादा धूल भरी आंधियां श्रीगंगानगर जिले में चलती है राज्य में विशेषकर पश्चिमी रेगिस्तान में चलने वाली गर्म हवाओं को लू कहा जाता है। राजस्थान में गर्मियों में स्थानीय चक्रवात के कारण जो धूल भरे बवंडर बनते हैं उन्हें भभुल्या कहा जाता है गर्मियों में राज्य के दक्षिण पश्चिम तथा दक्षिणी भागों में अरब सागर में चक्रवात के कारण तेज हवाओं के साथ चक्रवाती वर्षा भी होती है राजस्थान के पश्चिमी रेगिस्तान में गर्मियों में निम्न वायुदाब की स्थिति उत्पन्न होती है फलस्वरूप महासागरीय उच्च वायुदाब की मानसूनी पवने आकर्षित होती है तथा भारतीय उपमहाद्वीप के ऋतु चक्र को नियमित करने में योगदान देती है। राजस्थान में मानसून की सर्वप्रथम दक्षिण पश्चिम शाखा का प्रवेश करती है अरावली पर्वतमाला के मानसून की समानांतर होने के कारण राजस्थान में कम तथा अनियमित वर्षा होती है। राज्य का सबसे आर्द्र जिला झालावाड़ है जबकि राज्य का सबसे आर्द्र स्थल सिरोही जिले में स्थित माउंट आबू है जबकि सबसे शुष्क जिला जैसलमेर है। राज्य का दक्षिण पश्चिम दक्षिण तथा दक्षिणी पूर्वी भाग सामान्यतया आर्द्र कहलाता है। जबकि पूर्वी भाग सामान्यतया उप आर्द्र कहलाता है जबकि पश्चिमी भाग शुष्क प्रदेश में आता है इसके अलावा राजस्थान का उत्तर तथा उत्तर पूर्वी भाग सामान्यतया अर्ध अर्ध शुष्क प्रदेश में आता है। .

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राव गोपाल सिंह खरवा

राव गोपालसिंह खरवा (1872–1939), राजपुताना की खरवा रियासत के शासक थे। अंग्रेजों के विरुद्ध विद्रोह करने के आरोप में उन्हें टोडगढ़ दुर्ग में ४ वर्ष का कारावास दिया गया था। .

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रावतभाटा

रावतभाटा भारतीय राज्य राजस्थान के चितौड़गढ़ जिले का एक कस्बा एवं नगरपालिका क्षेत्र है। इसका निकटतम नगर कोटा, यहाँ से ५० किलोमीटर दूरी पर स्थित है। रावतभाटा, देश के अधिकतर हिस्सों से कोटा के माध्यम से ही जुड़ता है। .

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लाला जयदयाल

लाला जयदयाल १८५७ के भारतीय स्वतंत्रता के प्रथम संग्राम के एक प्रसिद्ध क्रांतिकारी थे। 15 अक्टूबर 1857 को कोटा राज्य में अंग्रेजों के विरुद्ध क्रांति का नेतृत्व किया था। इसमें मेजर बर्टन मारा गया था और रेजिडेंसी पर क्रांतिकारियों का अधिकार हो गया था। .

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लक्ष्मणगढ़

लक्ष्मणगढ़ भारत के राजस्थान राज्य के सीकर जिले में एक शहर है। सीकर जिले में लक्ष्मणगढ़ उप प्रभाग में उप प्रभागीय मुख्यालय है। लक्ष्मणगढ़ सीकर जिले में तहसील मुख्यालय भी है। लक्ष्मणगढ़ पंचायत समिति सीकर जिले में लक्ष्मणगढ़ पंचायत समिति का मुख्यालय भी है। यह राष्ट्रीय राजमार्ग 11 के उत्तर में, सीकर से 24 किमी की दूरी पर स्थित है। .

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श्रेया घोषाल

श्रेया घोषाल (जन्म तारीख़: 12 मार्च 1984) एक भारतीय पार्श्व गायिका है। उन्होंने बॉलीवुड में, क्षेत्रीय फिल्मों बहुत सारे गाने गाए और कस्तूरी जैसे भारतीय धारावाहिकों के लिए भी गाया है। हिंदी के अलावा, उन्होंने असमिया, बंगाली, कन्नड़, मलयालम, मराठी, पंजाबी, तमिल और तेलुगु में भी गाने गाए हैं। .

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हड़ौती

हाड़ौती (जिसे हाड़ौली, हाड़ावली, इत्यादि नाम से भी जाना जाता है) बूंदी राज्य था। यह पूर्वी राजस्थान में स्थित है। इसके बड़े शहरों में बूंदी और कोटा हैं। इसमें सम्मिलित जिले हैं.

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हम्मीर चौहान

हम्मीर देव चौहान, पृथ्वीराज चौहान के वंशज थे। उन्होने रणथंभोर पर १२८२ से १३०१ तक राज्य किया। वे रणथम्भौर के सबसे महान शासकों में सम्मिलित हैं। हम्मीर देव का कालजयी शासन चौहान काल का अमर वीरगाथा इतिहास माना जाता है। हम्मीर देव चौहान को चौहान काल का 'कर्ण' भी कहा जाता है। पृथ्वीराज चौहान के बाद इनका ही नाम भारतीय इतिहास में अपने हठ के कारण अत्यंत महत्व रखता है। राजस्थान के रणथम्भौर साम्राज्य का सर्वाधिक शक्तिशाली एवं प्रतिभा सम्पन शासक हम्मीर देव को ही माना जाता है। इस शासक को चौहान वंश का उदित नक्षत्र कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा। डॉ॰ हरविलास शारदा के अनुसार हम्मीर देव जैत्रसिंह का प्रथम पुत्र था और इनके दो भाई थे जिनके नाम सूरताना देव व बीरमा देव थे। डॉक्टर दशरथ शर्मा के अनुसार हम्मीर देव जैत्रसिंह का तीसरा पुत्र था वहीं गोपीनाथ शर्मा के अनुसार सभी पुत्रों में योग्यतम होने के कारण जैत्रसिंह को हम्मीर देव अत्यंत प्रिय था। हम्मीर देव के पिता का नाम जैत्रसिंह चौहान एवं माता का नाम हीरा देवी था। यह महाराजा जैत्रसिंह चौहान के लाडले एवं वीर बेटे थे। .

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हाड़ा चौहान

हाड़ा चौहान राजपूत हैं। वे अग्निकुल के वंशज कहे जाते हैं। किसी समय वे बूँदी और कोटा के शासक थे। हाड़ा, हड़ौती के निवासी हैं। .

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जय सिंह द्वितीय

सवाई जयसिंह या द्वितीय जयसिंह (०३ नवम्बर १६८८ - २१ सितम्बर १७४३) अठारहवीं सदी में भारत में राजस्थान प्रान्त के नगर/राज्य आमेर के कछवाहा वंश के सर्वाधिक प्रतापी शासक थे। सन १७२७ में आमेर से दक्षिण छः मील दूर एक बेहद सुन्दर, सुव्यवस्थित, सुविधापूर्ण और शिल्पशास्त्र के सिद्धांतों के आधार पर आकल्पित नया शहर 'सवाई जयनगर', जयपुर बसाने वाले नगर-नियोजक के बतौर उनकी ख्याति भारतीय-इतिहास में अमर है। काशी, दिल्ली, उज्जैन, मथुरा और जयपुर में, अतुलनीय और अपने समय की सर्वाधिक सटीक गणनाओं के लिए जानी गयी वेधशालाओं के निर्माता, सवाई जयसिह एक नीति-कुशल महाराजा और वीर सेनापति ही नहीं, जाने-माने खगोल वैज्ञानिक और विद्याव्यसनी विद्वान भी थे। उनका संस्कृत, मराठी, तुर्की, फ़ारसी, अरबी, आदि कई भाषाओं पर गंभीर अधिकार था। भारतीय ग्रंथों के अलावा गणित, रेखागणित, खगोल और ज्योतिष में उन्होंने अनेकानेक विदेशी ग्रंथों में वर्णित वैज्ञानिक पद्धतियों का विधिपूर्वक अध्ययन किया था और स्वयं परीक्षण के बाद, कुछ को अपनाया भी था। देश-विदेश से उन्होंने बड़े बड़े विद्वानों और खगोलशास्त्र के विषय-विशेषज्ञों को जयपुर बुलाया, सम्मानित किया और यहाँ सम्मान दे कर बसाया। .

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जोधपुर

जोधपुर भारत के राज्य राजस्थान का दूसरा सबसे बड़ा नगर है। इसकी जनसंख्या १० लाख के पार हो जाने के बाद इसे राजस्थान का दूसरा "महानगर " घोषित कर दिया गया था। यह यहां के ऐतिहासिक रजवाड़े मारवाड़ की इसी नाम की राजधानी भी हुआ करता था। जोधपुर थार के रेगिस्तान के बीच अपने ढेरों शानदार महलों, दुर्गों और मन्दिरों वाला प्रसिद्ध पर्यटन स्थल भी है। वर्ष पर्यन्त चमकते सूर्य वाले मौसम के कारण इसे "सूर्य नगरी" भी कहा जाता है। यहां स्थित मेहरानगढ़ दुर्ग को घेरे हुए हजारों नीले मकानों के कारण इसे "नीली नगरी" के नाम से भी जाना जाता था। यहां के पुराने शहर का अधिकांश भाग इस दुर्ग को घेरे हुए बसा है, जिसकी प्रहरी दीवार में कई द्वार बने हुए हैं, हालांकि पिछले कुछ दशकों में इस दीवार के बाहर भी नगर का वृहत प्रसार हुआ है। जोधपुर की भौगोलिक स्थिति राजस्थान के भौगोलिक केन्द्र के निकट ही है, जिसके कारण ये नगर पर्यटकों के लिये राज्य भर में भ्रमण के लिये उपयुक्त आधार केन्द्र का कार्य करता है। वर्ष २०१४ के विश्व के अति विशेष आवास स्थानों (मोस्ट एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी प्लेसेज़ ऑफ़ द वर्ल्ड) की सूची में प्रथम स्थान पाया था। एक तमिल फ़िल्म, आई, जो कि अब तक की भारतीय सिनेमा की सबसे महंगी फ़िल्मशोगी, की शूटिंग भी यहां हुई थी। .

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वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय

वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय, कोटा का प्रतीक चिह्न वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय कोटा राजस्थान का खुला विश्वविद्यालय है। इसकी स्थापना 23 जुलाई 1987 को हुई थी। इस विश्वविद्यालय का पाठ्यक्रम विशेष रूप से मानविकी, वाणिज्य, पुस्तकालय विज्ञान तथा सूचना विज्ञान (informatics) पर केंद्रित है। इस विश्वविद्यालय का लक्ष्य पारम्परिक शिक्षा से वंचित लोगों को शिक्षित करना है। इस विश्वविद्यालय के छः केन्द्र हैं जो पूरे राजस्थान में फैले हुए हैं। यह विश्वविद्यालय लगभग दस हजार लोगों को शिक्षित करता है। .

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विमानक्षेत्रों की सूची ICAO कोड अनुसार: V

प्रविष्टियों का प्रारूप है.

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गुना

गुना भारत के मध्य प्रदेश प्रान्त का एक शहर है। यह शहर मध्य प्रदेश के उत्तर में स्थित है। ३५ किलोमीटर दूर राजस्थान सीमा है, पार्वती नदी मध्य प्रदेश और राजस्थान को अलग करती है। गुना मालवा का प्रवेश द्वार कहा जाता है और ग्वालियर संभाग में आता है। गुना शहर ७७' देशांतर तथा २५' अक्षांश तथा राष्ट्रीय राजमार्ग ३ (आगरा-मुम्बई) पर स्थित है। कोटा और बीना शहर से रेल मार्ग द्वारा भी यहाँ पहुँचा जा सकता है। शहर में मुख्यतः हिन्दू, मुस्लिम तथा जैन समुदाय के लोग निवास करते हैं।। खेती यहाँ का मुख्य कार्य है। गुना (ग्वालियर संयुक्त राष्ट्र सेना, डॉ राजीव दुआ) प्राचीन अवंती किंगडम चंद Pradyota Mahesena द्वारा स्थापित का हिस्सा था। बाद में Shishusangh अवंत का राज्य है, जो मगध के बढ़ते साम्राज्य के गुना शामिल जोड़ा। 18 वीं सदी में, गुना मराठा नेता रामोजी राव सिंधिया ने विजय प्राप्त की, और शीघ्र ही भारत की आजादी के बाद जब तक ग्वालियर के राज्य का हिस्सा बना रहा था। गुना राज्य के ईसागढ़ जिले के हिस्से के रूप में दिलाई। 1897 में भारतीय रेलवे मिडलैंड एक रेल मार्ग गुना से गुजर निर्माण किया। भारत की स्वतंत्रता प्राप्ति, गुना अपने 16 जिलों में से एक के रूप में 28 मई 1948 को मध्य भारत के नए राज्य का हिस्सा बन गया। 1 नवंबर, 1956 को मध्य भारत मध्य प्रदेश राज्य में विलय कर दिया गया था। गुना के पास बजरंगढ नामक ऐतिहासिक स्थान है। यहाँ महावीर भगवान की प्राचीन मूर्ति है। स्वतंत्रता से पहले गुना ग्वालियर राज घराने का हिस्सा था। जिस पर सिन्धिया वंश का अधिकार था। कुल क्षेत्रफल ६४८४.६३ वर्ग कि॰मी॰ तथा जनसंख्या ८३८०२६ है। .

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ओम बिड़ला

ओम कृष्ण बिरला (4 दिसम्बर 1962) भारत के राजस्थान से एक राजनीतिज्ञ और वर्तमान में कोटा लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र से १६वीं लोकसभा के सांसद हैं। वे 2008 में तेहरवीं राजस्थान विधान सभा हेतु कोटा दक्षिण से विधायक भी रह चुके हैं। .

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औधोगिक नगर

राजस्थान में बहुत से शहरो में अनेकों कम्पनिया हैं इस द्रष्टि से राजस्थान मे प्रमुख औधोगिक नगर निम्न हैं १. भिवाडी़ (अलवर) २. नीमराणा (अलवर) ३. कोटा ४. भीलवाडा ५. अलवर ६. जयपुर ७. जोधपुर ८. किशनगढ़ (अजमेर) ९. पाली १०.

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इमरान खान (वेब विकासक)

इमरान खान अलवर, राजस्थान से एक भारतीय वेब विकासक है। वह संस्कृत शिक्षा विभाग में गणित के शिक्षक है, और एक आत्म-शिक्षित कंप्यूटर प्रोग्रामर है। उन्होंने बावन शैक्षिक मोबाइल अनुप्रयोगों और सौ से अधिक वेबसाइट विकसित किये है। वह नवंबर २०१५ में वेम्बली स्टेडियम, लंदन में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उनके भाषण में उल्लेखित होने के बाद प्रसिद्ध हुए। मोदी ने कहा, "मेरा भारत अलवर के इमरान खान में है।" .

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कन्हैयालाल शर्मा

डॉ कन्हैयालाल शर्मा (24 जनवरी सन् 1924 ई. -) हिन्दी के कवि, हिन्दी-विभागाध्यक्ष एवं भाषा-शोधक थे। उनका जन्म राजस्थान के कोटा जिले के कनवास नामक ग्राम में एक अल्प-मध्यवर्गीय परिवार में हुआ था। .

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केन्द्रीय रेल विद्युतीकरण संगठन

केन्द्रीय रेल विद्युतीकरण संगठन (अंग्रेज़ी: Central Organisation for Railway Electrification) पूरे भारतीय रेल नेटवर्क की विद्युतीकरण करने का प्रभारी है। इसका मुख्यालय इलाहाबाद में स्थित है। यह संगठन साल 1961 से एक महाप्रबंधक के नेतृत्व में काम कर रहा है। अंबाला, भुवनेश्वर, चेन्नई, बंगलौर, सिकंदराबाद, लखनऊ, कोटा, कोलकाता, गोरखपुर और न्यू जलपाईगुड़ी में इसकी इकाइयाँ हैं। श्रेणी:भारतीय रेल श्रेणी:चित्र जोड़ें.

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कोटा जिला

कोटा भारतीय राज्य राजस्थान का एक जिला है। जिले का मुख्यालय कोटा है। क्षेत्रफल - १२,४३६ (12,436) वर्ग कि॰मी॰ जनसंख्या - १,५६८,५२५ (1,568,525) (2001 जनगणना) साक्षरता - पुरुष - ७८%, महिला - ६३% एस॰टी॰डी॰ कोड - ०७४४ जिलाधिकारी - (जुलाई 200८ में) अभय कुमार समुद्र तल से उचाई - २७१(271) m (889 ft) अक्षांश - उत्तर देशांतर - पूर्व औसत वर्षा - मि॰मी॰ कोटा शहर भारत के राजस्थान प्रदेश मे आता है। यह चम्बल नदी के किनारे बसा हुआ है। यहा कई प्रकार की कारखाने है, जिनमे रसायन तथा प्रोध्योगिकी सम्बन्धित कारखाने प्रमुख है। यह कई प्रमुख शहरो से रैल व सडक से जुडा हुआ है।देश की ईमानदार टॉप 10 सूची मे भी कोटा शहर के पुलिसकर्मी कमलेश बिशनोई का नाम पहले नम्बर पर है 2015 मे ईमानदारी हेतु माननीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी ने राष्ट्रपति भवन में इसे सम्मानित किया .

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कोटा विमानक्षेत्र

कोटा विमानक्षेत्र जिसका अन्तर्राष्ट्रीय वायु यातायात संघ - विमानक्षेत्र कोड/(IATA) (KTU) है जबकि इसका अन्तर्राष्ट्रीय नागर विमानन संगठन विमानक्षेत्र कोड/(ICAO) VIKO है,जो भारतीय राज्य राजस्थान के कोटा ज़िले का एक विमानक्षेत्र है। .

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कोटा विश्वविद्यालय

कोटा विश्वविद्यालय राजस्थान के कोटा जिले में स्थित एक सार्वजनिक विश्वविद्यालय है। .

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कीप सेफ डिस्टेंस

कीप सेफ डिस्टेंस बॉलीवुड की आने वाली हिंदी फिल्म है जिसके निर्देशक रमा मेहरा एवं निर्माता विष्णु धनराज शर्मा व महेश शर्मा हैं। फिल्म का निर्माण रमा धनराज प्रोडक्शन के बैनर टेल हो रहा है।.

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कीर्ति कुमारी

कीर्ति कुमारी (13 अगस्त 1967 - 28 अगस्त 2017) भारतीय जनता पार्टी से एक भारतीय राजनीतिज्ञ और राजस्थान विधानसभा की सदस्य थी, जो राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के मांडलगढ़ विधानसभा क्षेत्र में प्रतिनिधित्व करती थी। 28 अगस्त 2017 को कुमारी की मृत्यु स्वाइन फ्लू से हुई थी। वह पचास वर्ष की थी | .

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अखिल भारतीय साहित्य परिषद

अखिल भारतीय साहित्य परिषद् भारतीय भाषाओं का एक देशव्यापी संगठन है। इसकी स्थापना २७ अक्टूबर १९६६ को दिल्ली में हुई थी। उसी वर्ष इसका राष्ट्रीय अधिवेशन प्रसिद्ध साहित्यकार जैनेन्द्र कुमार की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ था। सरदार जीतसिंह 'जीत' को इसके संगठन का दायित्व दिया गया था। वर्तमान में इसके अध्यक्ष त्रिभुवन नाथ शुक्ल हैं। जबकि संगठन का कार्य श्रीधर पराडकर देखते हैं। सम्पूर्ण भारतवर्ष के २१ प्रान्तों में इसका कार्य चल रहा है। .

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अखिल भारतीय हिंदी साहित्य सम्मेलन

अखिल भारतीय हिन्दी साहित्य सम्मेलन, हिन्दी भाषा एवं साहित्य तथा देवनागरी का प्रचार-प्रसार को समर्पित एक प्रमुख सार्वजनिक संस्था है। इसका मुख्यालय प्रयाग (इलाहाबाद) में है जिसमें छापाखाना, पुस्तकालय, संग्रहालय एवं प्रशासनिक भवन हैं। हिंदी साहित्य सम्मेलन ने ही सर्वप्रथम हिंदी लेखकों को प्रोत्साहित करने के लिए उनकी रचनाओं पर पुरस्कारों आदि की योजना चलाई। उसके मंगलाप्रसाद पारितोषिक की हिंदी जगत् में पर्याप्त प्रतिष्ठा है। सम्मेलन द्वारा महिला लेखकों के प्रोत्साहन का भी कार्य हुआ। इसके लिए उसने सेकसरिया महिला पारितोषिक चलाया। सम्मेलन के द्वारा हिंदी की अनेक उच्च कोटि की पाठ्य एवं साहित्यिक पुस्तकों, पारिभाषिक शब्दकोशों एवं संदर्भग्रंथों का भी प्रकाशन हुआ है जिनकी संख्या डेढ़-दो सौ के करीब है। सम्मेलन के हिंदी संग्रहालय में हिंदी की हस्तलिखित पांडुलिपियों का भी संग्रह है। इतिहास के विद्वान् मेजर वामनदास वसु की बहुमूल्य पुस्तकों का संग्रह भी सम्मेलन के संग्रहालय में है, जिसमें पाँच हजार के करीब दुर्लभ पुस्तकें संगृहीत हैं। .

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अकलेरा

अकलेरा कस्बा राजस्थान के झालावाड जिले में स्थित है। यह तहसील मुख्यालय है। जिला मुख्यालय झालावाड से लगभग ५५ किलोमीटर दूर है। विधानसभा क्षेत्र मनोहरथाना लगता है। रेलवे लाइन अभी नहीं है लेकिन कार्य चल रहा है और २०१० तक पूर्ण होना संभावित है। प्राचीनकाल में अमीर अली ठग ने इस कस्बे को बसाया था। भीमगड, काकोनी यहाँ के मुख्य पर्यटन स्थल है। .

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उम्मेद सिंह

(१)कोटा (राजस्थान) के राजा। इनके पिता का नाम गुमानसिंह था। 1827 ई. में गुमानसिंह की मृत्यु हुई तो उम्मेदसिंह मात्र 10 वर्ष के थे। अत: कोटा राज्य के प्रधान मंत्री जालिमसिंह के संरक्षण में इन्होंने राजगद्दी सँभाली। जालिमसिंह ने मराठों के उत्पात से कोटा राज्य को बचाए रखने के लिए अंग्रेजों से मित्रता की। 1860 ई. में कर्नल मानसन, युद्ध में होल्कर से हारकर, कोटा चले गए तो जालिमसिंह ने उनकी पूरी सहायता की, लेकिन होल्कर के नाराज हो जाने के डर से उन्हें नगर से दूर ही रखा। 1874 ई. में अंग्रेजी सरकार ने होल्कर के राज्य के चार परगने जालिमसिंह को पुरस्कारस्वरूप देने चाहे, परंतु उन्होंने उक्त परगने स्वयं न लेकर अपने स्वामी उम्मेदसिंह को दिलवा दिए। (२) बूँदी (राजस्थान) के राजा। 1800 ई. में अपने पिता बुधसिंह की मृत्यु हो जाने पर इन्होंने बूँदी पर कब्जा कर लिया लेकिन अंबर के तत्कालीन महाराजा ईश्वरीसिंह ने इनपर चढ़ाई की और इन्हें मार भगाया। उम्मेदसिंह ने 1806 ई. में होल्कर की सहायता से ईश्वरसिंह को हराकर बूँदी पर पुन: अधिकार कर लिया। 1813 ई. में ये अपने पुत्र अजीतसिंह को शासनभार सौंपकर तीर्थाटन के लिए चले गए। (३) शाहपुरा (राजस्थान) के राजा। ये राजाधिराज नाहरसिंह के ज्येष्ठ पुत्र थे। इनका विवाह खेतड़ी नरेश अजीतसिंह की पुत्री सूर्यकुमारी से हुआ था। सूर्यकुमारी से उत्पन्न इनका कोई भी संतान जीवित न रही, परंतु इन्होंने अपनी पत्नी के रहते दूसरा विवाह न किया। उनकी मृत्यु के बाद कृष्णगढ़ की राजकुमारी से इनका दूसरा विवाह हुआ जिससे इन्हें सुदर्शनदेव नामक पुत्र की प्राप्ति हुई। उम्मेदसिंह ने अपनी पहली पत्नी की स्मृति में उनके नाम पर नागरीप्रचारिणी सभा, काशी को 20 हजार रुपए देकर 'सूर्यकुमारी पुस्तकमाला' के प्रकाशन की व्यवस्था को जिसके अंतर्गत सभा अनेक आकर ग्रंथ छाप चुकी है। इसके अतिरिक्त इन्होंने 30 हजार रुपए के दान से गुरुकुल विश्वविद्यालय, कांगड़ी (हरिद्वार) में सूर्यकुमारी आर्यभाषा गद्दी (चेयर) तथा पाँच हजार रुपए देकर वहीं से 'सूर्यकुमारी ग्रंथावली' के प्रकाशन की व्यवस्था भी की। सन्‌ 1954ई.

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उम्मेद सिंह द्वितीय

उम्मेद सिंह द्वितीय (15 सितम्बर 1873 – 27 दिसम्बर 1940) कोटा रियासत के महाराजा थे जिन्होने १८८९ से १९४० तक शासन किया।। .

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छतरी (स्मारक)

राजाओं के मरणोंपरान्त उनकी याद में स्थापत्य की दृष्टि से विशिष्ट स्मारक बनाये गए, जिन्हें छतरियां तथा देवल के नाम से जाना जाता है। छतरियां ज्यादातर भारतीय राज्य राजस्थान में देखने को मिलती है। जिसमें जयपुर की गैटोर, जोधपुर की जसवंत थड़ा,कोटा का छत्र विलास बाग़, जैसलमेर का बड़ा बाग़ तो इस दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण है। जैसलमेर के पीले पत्थर से बनी छतरियां सुंदर है। छतरियों में हिन्दू और मुस्लिम दोनों शैलियों का मिश्रण पाया जाता है। सबसे नीचे चौकोर अथवा आठ कोनों का चबूतरा बनाया जाता है। इन चबूतरों के ऊपर दूसरा गोल चबूतरा बनाया जाता है। .

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२०१४ में निधन

निम्नलिखित सूची २०१४ में निधन हो गये लोगों की है। यहाँ पर सभी दिनांक के क्रमानुसार हैं और एक दिन की दो या अधिक प्रविष्टियाँ होने पर उनके मूल नाम को वर्णक्रमानुसार में दिया गया है। यहाँ लिखने का अनुक्रम निम्न है.

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

कोटा, राजस्थान

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