सामग्री की तालिका
प्रबन्धन
व्यवसाय एवं संगठन के सन्दर्भ में प्रबन्धन (Management) का अर्थ है - उपलब्ध संसाधनों का दक्षतापूर्वक तथा प्रभावपूर्ण तरीके से उपयोग करते हुए लोगों के कार्यों में समन्वय करना ताकि लक्ष्यों की प्राप्ति सुनिश्चित की जा सके। प्रबन्धन के अन्तर्गत आयोजन (planning), संगठन-निर्माण (organizing), स्टाफिंग (staffing), नेतृत्व करना (leading या directing), तथा संगठन अथवा पहल का नियंत्रण करना आदि आते हैं। संगठन भले ही बड़ा हो या छोटा, लाभ के लिए हो अथवा गैर-लाभ वाला, सेवा प्रदान करता हो अथवा विनिर्माणकर्ता, प्रबंध सभी के लिए आवश्यक है। प्रबंध इसलिए आवश्यक है कि व्यक्ति सामूहिक उद्देश्यों की पूर्ति में अपना श्रेष्ठतम योगदान दे सकें। प्रबंध में पारस्परिक रूप से संबंधित वह कार्य सम्मिलित हैं जिन्हें सभी प्रबंधक करते हैं। प्रबंधक अलग-अलग कार्यों पर भिन्न समय लगाते हैं। संगठन के उच्चस्तर पर बैठे प्रबंधक नियोजन एवं संगठन पर नीचे स्तर के प्रबंधकों की तुलना में अधिक समय लगाते हैं। kisi bhi business ko start krne se phle prabandh yaani ke managements ki jaroort hoti h .
देखें आयोजन और प्रबन्धन
अवसरवाद
अवसरवाद या मौक़ापरस्ती असूलों के खिलाफ जाकर या दूसरों की परवाह किये बिना परिस्थितियों का लाभ उठाकर स्वार्थी निर्णय लेना होता है। अवसरवाद या "अवसरवादिता" जीव विज्ञान, खेल सिद्धांत, नैतिकता, मनोविज्ञान, समाजशास्त्र और राजनीति के अध्ययन के क्षेत्रों में एक महत्वपूर्ण अवधारणा है। .
देखें आयोजन और अवसरवाद
यह भी देखें
तन्त्रीय अभियान्त्रिकी
- अनुक्रम आरेख (Sequence diagram)
- आयोजन
- उद्यम संरचना
- गतिक क्रमादेशन
- जोखिम प्रबंधन
- तंत्र अभिनिर्धारण
- तन्त्र अभियान्त्रिकी
- तन्त्र एकीकरण
- तन्त्र एकीकर्ता
- नियंत्रण प्रणाली
- नियंत्रण प्रौद्योगिकी
- विश्वसनीयता इंजीनियरी
- संभार-तंत्र
- सिस्टम डेवलपमेंट लाइफ साइकल
नियोजन
नियोजन, योजनाकरण के रूप में भी जाना जाता है।