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संभार-तंत्र

सूची संभार-तंत्र

वस्तुओं, सूचना, उर्जा एवं अन्य संसाधनों को उनके उत्पत्ति-स्थान से लेकर उनके उपभोग के स्थान तक के प्रवाह (आवागमन) का प्रबन्धन करने वाली प्रणाली को संभार-तंत्र (Logistics) कहते हैं। संभार तंत्र में सूचना, यातायात, इन्वेन्टरी, गोदाम, वस्तुओं की उतारना-चढ़ाना (हैडिलिंग), उनकी पैकेजिंग करना एवं उनकी सुरक्षा आदि सम्मिलित है। आधुनिक युद्धकला का वह अंग भी संभार-तंत्र या लॉजिस्टिक्स कहलाता है जिसमें सेना के संचालन, निवास आदि और सैनिको को उनकी आवश्यक सामग्री पहुँचाने की व्यवस्था होती है। .

4 संबंधों: ऊर्जा, प्रबन्धन, सामग्री प्रबंधन, केंद्रीय भंडारण निगम (भारत)

ऊर्जा

दीप्तिमान (प्रकाश) ऊर्जा छोड़ता हैं। भौतिकी में, ऊर्जा वस्तुओं का एक गुण है, जो अन्य वस्तुओं को स्थानांतरित किया जा सकता है या विभिन्न रूपों में रूपांतरित किया जा सकता हैं। किसी भी कार्यकर्ता के कार्य करने की क्षमता को ऊर्जा (Energy) कहते हैं। ऊँचाई से गिरते हुए जल में ऊर्जा है क्योंकि उससे एक पहिये को घुमाया जा सकता है जिससे बिजली पैदा की जा सकती है। ऊर्जा की सरल परिभाषा देना कठिन है। ऊर्जा वस्तु नहीं है। इसको हम देख नहीं सकते, यह कोई जगह नहीं घेरती, न इसकी कोई छाया ही पड़ती है। संक्षेप में, अन्य वस्तुओं की भाँति यह द्रव्य नहीं है, यद्यापि बहुधा द्रव्य से इसका घनिष्ठ संबंध रहता है। फिर भी इसका अस्तित्व उतना ही वास्तविक है जितना किसी अन्य वस्तु का और इस कारण कि किसी पिंड समुदाय में, जिसके ऊपर किसी बाहरी बल का प्रभाव नहीं रहता, इसकी मात्रा में कमी बेशी नहीं होती। .

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प्रबन्धन

व्यवसाय एवं संगठन के सन्दर्भ में प्रबन्धन (Management) का अर्थ है - उपलब्ध संसाधनों का दक्षतापूर्वक तथा प्रभावपूर्ण तरीके से उपयोग करते हुए लोगों के कार्यों में समन्वय करना ताकि लक्ष्यों की प्राप्ति सुनिश्चित की जा सके। प्रबन्धन के अन्तर्गत आयोजन (planning), संगठन-निर्माण (organizing), स्टाफिंग (staffing), नेतृत्व करना (leading या directing), तथा संगठन अथवा पहल का नियंत्रण करना आदि आते हैं। संगठन भले ही बड़ा हो या छोटा, लाभ के लिए हो अथवा गैर-लाभ वाला, सेवा प्रदान करता हो अथवा विनिर्माणकर्ता, प्रबंध सभी के लिए आवश्यक है। प्रबंध इसलिए आवश्यक है कि व्यक्ति सामूहिक उद्देश्यों की पूर्ति में अपना श्रेष्ठतम योगदान दे सकें। प्रबंध में पारस्परिक रूप से संबंधित वह कार्य सम्मिलित हैं जिन्हें सभी प्रबंधक करते हैं। प्रबंधक अलग-अलग कार्यों पर भिन्न समय लगाते हैं। संगठन के उच्चस्तर पर बैठे प्रबंधक नियोजन एवं संगठन पर नीचे स्तर के प्रबंधकों की तुलना में अधिक समय लगाते हैं। kisi bhi business ko start krne se phle prabandh yaani ke managements ki jaroort hoti h .

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सामग्री प्रबंधन

सामग्री प्रबंधन (Materials management) में स्पेयर पार्ट्स का प्रापण (acquision), खराब हुए अवयवों के प्रतिस्थापन, क्रय का गुणवत्ता नियंत्रण तथा क्रयादेश, शिपिंग एवं भंडारण के मानकों का निर्धारण आदि से संबन्धित विषय है। यह लॉजिस्टिक्स का वह भाग है जो आपूर्ति शृंखला (सप्लाई चेन) के अदृष्य अवयवों से संबन्धित है। .

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केंद्रीय भंडारण निगम (भारत)

केन्द्रीय भण्डारण निगम (Central Warehousing Corporation) भारत की प्रमुख भण्डारण एजेन्सी तथा भारत में सार्वजनिक वेअरहाउस चलाने वाली सबसे बडी संस्था है जो कृषि क्षेत्र सहित विभिन्न प्रकार के ग्राहकों को भण्डारण के क्षेत्र में लॉजिस्टिक सेवाएं प्रदान करती है। केन्द्रीय भण्डारण निगम देश में विभिन्न स्थानों पर 11.5 मिलियन टन भण्डारण क्षमता के 465 वेअरहाउस चला रहा है जिनमें कृषि उत्पादों से लेकर अत्यन्त परिष्कृत औद्योगिक उत्पादों के लिए भण्डारण सेवाएं उपलब्ध कराई जाती है। इसकी स्थापना सन् १९५७ में हुई थी। केन्द्रीय भण्डारण निगम की वेअरहाउसिंग गतिविधियों में खाद्यान्न वेअरहाउस, औद्योगिक वेअरहाउस, कस्टम बांडेड वेअरहाउस, कन्टेनर फ्रेट स्टेशन, अन्तर्देशीय क्लीअरेंस डिपो तथा एअर कार्गो कॉम्पलैक्स शामिल हैं। भण्डारण एवं रख-रखाव के अलावा केन्द्रीय भण्डारण निगम क्लीअरिंग एवं फारवर्डिंग, हैंडलिंग एवं ट्रांसपोर्ट, अधिप्राप्ति एवं वितरण, कीटनाशन सेवाएं, प्रधूमन सेवाएं एवं अन्य अनुषंगी सेवाएं प्रदान करता है। केन्द्रीय भण्डारण निगम परामर्शदात्री सेवाएं, तथा विभिन्न एजेन्सियों को वेअरहाउसिंग अवसंरचना निर्माण के लिए प्रशिक्षण भी उपलब्ध कराता है। .

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