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आयरलैंड राजशाही

सूची आयरलैंड राजशाही

आयरलैंड राजशाही(शास्त्रीय आयरिश:Ríoghacht Éireann; आधुनिक आयरिश:Ríocht Éireann), आयरलैंड द्वीप पर १५४२ से १८०० के बीच विद्यमान अंग्रेज़ी राजशाही का एक कठपुतली राज्य था। यह तब अस्तित्व में आई जब १५४२ में आयरलैंड की संसद ने क्राउन ऑफ़ आयरलैंड ऍक्ट पारित कर इंग्लैंड के राजा हेनरी अष्टम् को आयरलैंड का राजा घोषित कर दिया। राजतंत्र घोषित होने से पहले, इस राज्य को इंग्लैण्ड रियासत की एक जागीर(लॉर्डशिप) होने का पद प्राप्त था। इस राज्य की स्थापन के प्रारंभिक वर्षों में आयरिश राजतन्त्र को अन्य यूरोपीय राज्यों द्वारा मान्यता प्राप्त नहीं थी। हालाँकि, कुछ प्रोटोस्टेंट राज्यों ने इसे मान्यता दी थी, परंतु किसी भी कैथोलिक राज्य ने आयरलैंड को एक वाजिब राजतंत्र और इंग्लैंड के शासक को आयरिश सिंघासन का वैधिक वारिस मानने से इनकार कर दिया था। वर्ष १९५५ में पोप पॉल चतुर्थ ने रजा हेनरी की बेटी और उत्तराधिकारी, रानी मैरी प्र॰ को आयरलैंड की रानी होने की मान्यता प्रदान की। वर्ष १८०० में ग्रेट ब्रिटेन और आयरलैंड की सांसदों में एक्ट्स ऑफ़ यूनियन के पारित होने के कारण इसका विलय ग्रेट ब्रिटेन राजशाही के साथ होगया, और आयरलैंड की सरकार, प्रशासन तथा राजमुकुट को ग्रेट ब्रिटेन के साथ मिला कर एक संयुक्त रियासत को स्थापित किया गया। इस संयुक्त राज्य का नाम ग्रेट ब्रिटेन और आयरलैंड की संयुक्त राजशाही(उनिदेत किंगडम ऑफ़ ग्रेट ब्रिटेन एण्ड आयरलैंड) रखा गया, जिसमे से आयरलैंड के पांच-छ्याई भाग १९२२ में ब्रिटेन से आयरिश मुक्त राज्य के रूप में स्वतंत्र होगया। .

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सामग्री की तालिका

  1. 24 संबंधों: डबलिन, ब्रिटिश राजतंत्र, ब्रिटेन के शासक, भारतीय संसद, यहूदी धर्म, यूनाइटेड किंगडम का इतिहास, राष्ट्रमंडल (बहुविकल्पी शब्द), राजतन्त्र, राजमुकुट, स्कॉट्लैण्ड राज्य, हाउस ऑफ कॉमन्स, हाउस ऑफ़ लॉर्ड्स, विलय के अधिनियम, १८००, ग्रेट ब्रिटेन, ग्रेट ब्रिटेन राजशाही, ग्रेट ब्रिटेन और आयरलैंड की संयुक्त राजशाही, आयरलैण्ड, आयरलैंड की जागीरदारी, आयरिश भाषा, आयरिश मुक्त राज्य, इंग्लैण्ड राज्य, इंग्लैंड का गिरिजाघर, कैथोलिक धर्म, अंग्रेज़ी भाषा

  2. यूरोप के पूर्व देश

डबलिन

डबलिन आयरलैंड की राजधानी, सबसे बड़ा शहर तथा मुख्य बन्दरगाह है। .

देखें आयरलैंड राजशाही और डबलिन

ब्रिटिश राजतंत्र

ब्रिटिश एकराट्तंत्र अथवा ब्रिटिश राजतंत्र(British Monarchy, ब्रिटिश मोनार्की, ब्रिटिश उच्चारण:ब्रिठिश मॉंनाऱ्क़़ी), वृहत् ब्रिटेन और उत्तरी आयरलैंड की संयुक्त राजशाही की संवैधानिक राजतंत्र है। ब्रिटिश एकाधिदारुक को संयुक्त राजशाही समेत कुल १५ राष्ट्रमण्डल प्रदेशों, मुकुटिया निर्भर्ताओं और समुद्रपार प्रदेशों के राजमुकुटों सत्ताधारक एकराजीय संप्रभु होने का गौरव प्राप्त है। वर्तमान सत्ता-विद्यमान शासक, ६ फरवरी वर्ष १९५२ से महारानी एलिजाबेथ द्वितीय हैं जब उन्होंने अपने पिता जॉर्ज षष्ठम् से राजगद्दी उत्तराधिकृत की थी। संप्रभु और उसके तत्काल परिवार के सदस्य देश के विभिन्न आधिकारिक, औपचारिक और प्रतिनिधि कार्यों का निर्वाह करते हैं। सत्ताधारी रानी/राजा पर सैद्धांतिक रूप से एक संवैधानिक शासक के अधिकार निहित है, परंतु सदियों पुराने आम कानून के कारण संप्रभु अपने अधिकतर शक्तियों का अभ्यास केवल संसद और सरकार के विनिर्देशों के अनुसार ही कार्यान्वित करने के लिए बाध्य हैं। इस कारण से, इसे वास्तविक तौर पर एक संसदीय सम्राज्ञता मानी जाता है। संसदीय शासक होने के नाते, शासक के अधिकतर अधिकार, निष्पक्ष तथा गैर-राजनैतिक कार्यों तक सीमित हैं। सम्राट, शासक और राष्ट्रप्रमुख होने के नाते उनके अधिकतर संवैधानिक शासन तथा राजनैतिक-शक्तियों का अभ्यय वे सरकार और अपने मंत्रियों की सलाह और विनिर्देशों पर ही करते हैं। परंपरानुसार शासक, ब्रिटेन के सशस्त्र बाल के अधिपति होते हैं। हालाँकि, संप्रभु के समस्त कार्य-अधिकारों का अभ्यय शासक के राज-परमाधिकार द्वारा होता है। वर्ष १००० के आसपास, इंग्लैंड और स्कॉटलैंड के राज्यों में कई छोटे प्रारंभिक मध्ययुगीन राज्य विकसित हुए थे। इस क्षेत्र में आंग्ल-सैक्सन लोगों का वर्चस्व इंग्लैंड पर नॉर्मन विजय के दौरान १०६६ में समाप्त हो गया, जब अंतिम आंग्ल-सैक्सन राजा हैरल्ड द्वितीय की मृतु हो गयी थी और अंग्रेज़ी सत्ता विजई सेना के नेता, विलियम द कॉंकरर और उनके वंशजों के हाथों में चली गयी। १३वीं सदी में इंग्लैंड ने वेल्स की रियासत को अवशोषित किया तथा मैग्ना कार्टा द्वारा संप्रभु के क्रमिक निःशक्तकरण की प्रक्रिया शुरू हुई। १६०३ में स्कॉटलैंड के राजा जेम्स चतुर्थ, अंग्रेजी सिंहासन पर जेम्स प्रथम के नाम से विराजमान होकर जो दोनों राज्यों को एक व्यक्तिगत संघ की स्थिति में ला खड़ा किया। १६४९ से १६६० के लिए अंग्रेज़ी राष्ट्रमंडल के नाम से एक क्षणिक गणतांत्रिक काल चला, जो तीन राज्यों के युद्ध के बाद अस्तिव में आया, परंतु १६६० के बाद राजशाही को पुनर्स्थापित कर दिया गया। १७०७ में परवर्तित एक्ट ऑफ़ सेटलमेंट, १७०१, जो आज भी परवर्तित है, कॅथॉलिक व्यक्तियों तथा कैथोलिक व्यक्ति संग विवाहित व्यक्तियों को अंग्रज़ी राजसत्ता पर काबिज़ होने से निष्कर्षित करता है। १७०७ में अंग्रेज़ी और स्कॉटियाई राजशाहियों के विलय से ग्रेट ब्रिटेन राजशही की साथपना हुई और इसी के साथ अंग्रज़ी और स्कोटिश मुकुटों का भी विलय हो गया और संयुक्त "ब्रिटिश एकराट्तंत्र" स्थापित हुई। आयरिश राजशही ने १८०१ में ग्रेट ब्रिटेन राजशाही के साथ जुड़ कर ग्रेट ब्रिटेन और आयरलैंड की संयुक्त राजशाही की स्थापना की। ब्रिटिश एकराट्, विशाल ब्रिटिश साम्राज्य के नाममात्र प्रमुख थे, जो १९२१ में अपने वृहत्तम् विस्तार के समय विष के चौथाई भू-भाग पर राज करता था। १९२२ में आयरलैंड का पाँच-छ्याई हिस्सा आयरिश मुक्त राज्य के नाम से, संघ से बहार निकल गया। बॅल्फोर घोषणा, १९२६ ने ब्रिटिश डोमिनिओनों के औपनिवेशिक पद से राष्ट्रमंडल के भीतर ही विभक्त, स्वशासित, सार्वभौमिक देशों के रूप में परिवर्तन को मान्य करार दिया। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद ब्रिटिश साम्राज्य सिमटता गया, और ब्रिटिश साम्राज्य के अधिकतर पूर्व उपनिवेश व प्रदेश स्वतंत्र हो गए। जो पूर्व उपनिवेश, ब्रिटिश शासक को अपना शासक मानते है, उन देशों को ब्रिटिश राष्ट्रमण्डल प्रमंडल या राष्ट्रमण्डल प्रदेश कहा जाता है। इन अनेक राष्ट्रों के चिन्हात्मक समानांतर प्रमुख होने के नाते, ब्रिटिश एकराट् स्वयं को राष्ट्रमण्डल के प्रमुख के ख़िताब से भी नवाज़ते हैं। हालांकि की शासक को ब्रिटिश शासक के नाम से ही संबोधित किया जाता है, परंतु सैद्धान्तिक तौर पर सारे राष्ट्रों का संप्रभु पर सामान अधिकार है, तथा राष्ट्रमण्डल के तमाम देश एक-दुसरे से पूर्णतः स्वतंत्र और स्वायत्त हैं। .

देखें आयरलैंड राजशाही और ब्रिटिश राजतंत्र

ब्रिटेन के शासक

जेम्स द्वितीय और सातवीं (१४ अक्टूबर १६३३ -16 सितम्बर १७०१) था आयरलैंड और इंग्लैंड के राजा जेम्स द्वितीय और स्कॉटलैंड के राजा के रूप में जेम्स VII, के रूप में जब तक वह 1688 की गौरवशाली क्रांति में अपदस्थ किया गया 6 फरवरी 1685 से। वह के राज्यों इंग्लैंड, स्कॉटलैंड और आयरलैंड पर राज करने के लिए अंतिम रोमन कैथोलिक सम्राट था। चार्ल्स का दूसरा जीवित बेटा मैं, वह अपने भाई, चार्ल्स द्वितीय की मौत पर सिंहासन चढ़ा। ब्रिटेन के कट्टर राजनीतिक अभिजात वर्ग के सदस्यों के तेजी से उसे समर्थक फ्रेंच और समर्थक कैथोलिक होने और एक सिंगे बनने पर डिजाइन होने का संदेह है। जब वह एक कैथोलिक वारिस का उत्पादन किया, अग्रणी रईसों पर अपने कट्टर दामाद और भतीजे विलियम ऑरेंज नीदरलैंड, जो उसने 1688 की गौरवशाली क्रांति में से एक आक्रमण सेना देश के लिए कहा जाता है। जेम्स इंग्लैंड भाग गया (और इस प्रकार छोड़ा है करने के लिए आयोजित किया गया था)। उन्होंने अपने ज्येष्ठ, कट्टर बेटी मरियम और उनके पति विलियम ऑरेंज के द्वारा प्रतिस्थापित किया गया था। जेम्स को पुनर्प्राप्त करने के लिए एक गंभीर प्रयास किया अपने मुकुट से विलियम और मरियम जब वह 1689 में आयरलैंड में उतरा। जुलाई 1690 में बलों के बोय्ने की लड़ाई में विलियम द्वारा जेकोबीन की हार के बाद, जेम्स फ्रांस करने के लिए लौट आए। वह बाहर एक भिखारी के रूप में अपने जीवन के बाकी रहते थे उनके चचेरे भाई और सहयोगी, राजा लुई XIV द्वारा प्रायोजित एक कोर्ट में। जेम्स अंग्रेजी संसद और हिंदी रोमन कैथोलिक और प्रोटेस्टेंट, अंगरेज़ी स्थापना की इच्छाओं के खिलाफ के लिए धार्मिक स्वतंत्रता बनाने के लिए अपने प्रयास के साथ अपने संघर्ष के लिए सबसे अच्छा जाना जाता है। हालांकि, वह भी स्कॉटलैंड में प्रेस्बिटेरियन का उत्पीड़न जारी रखा। संसद अन्य यूरोपीय देशों में होने वाली थी के विकास के लिए, साथ ही इंग्लैंड के चर्च की कानूनी सर्वोच्चता के नुकसान का विरोध किया, उनकी विपक्ष क्या वे माना जाता है के रूप में पारंपरिक अंग्रेजी स्वतंत्रताओं की रक्षा करने के लिए एक मार्ग के रूप में देखा। यह तनाव बनाया जेम्स के चार-वर्षीय शासनकाल एक अंग्रेजी संसद और मुकुट, उसके बयान, अधिकार का विधेयक के पारित होने, और उसकी बेटी और उसके पति राजा और रानी के रूप में के विलय में जिसके परिणामस्वरूप के बीच वर्चस्व के लिए संघर्ष। .

देखें आयरलैंड राजशाही और ब्रिटेन के शासक

भारतीय संसद

संसद भवन संसद (पार्लियामेंट) भारत का सर्वोच्च विधायी निकाय है। यह द्विसदनीय व्यवस्था है। भारतीय संसद में राष्ट्रपति तथा दो सदन- लोकसभा (लोगों का सदन) एवं राज्यसभा (राज्यों की परिषद) होते हैं। राष्ट्रपति के पास संसद के दोनों में से किसी भी सदन को बुलाने या स्थगित करने अथवा लोकसभा को भंग करने की शक्ति है। भारतीय संसद का संचालन 'संसद भवन' में होता है। जो कि नई दिल्ली में स्थित है। लोक सभा में राष्ट्र की जनता द्वारा चुने हुए प्रतिनिधि होते हैं जिनकी अधिकतम संख्या ५५२ है। राज्य सभा एक स्थायी सदन है जिसमें सदस्य संख्या २५० है। राज्य सभा के सदस्यों का निर्वाचन / मनोनयन ६ वर्ष के लिए होता है। जिसके १/३ सदस्य प्रत्येक २ वर्ष में सेवानिवृत्त होते है। .

देखें आयरलैंड राजशाही और भारतीय संसद

यहूदी धर्म

यहूदी धर्म इस्राइल और हिब्रू भाषियों का राजधर्म है और इसका पवित्र ग्रंथ तनख़ बाईबल का प्राचीन भाग माना जाता है। धार्मिक पैग़म्बरी मान्यता मानने वाले धर्म इस्लाम और ईसाई धर्म का आधार इसी परम्परा और विचारधारा को माना जाता है। इस धर्म में एकेश्वरवाद और ईश्वर के दूत यानि पैग़म्बर की मान्यता प्रधान है। अपने लिखित इतिहास की वजह से ये कम से कम ३००० साल पुराना माना जाता है। यहूदी धर्म को माननेवाले विश्व में करीब १.४३ करोड़ है, जो विश्व की जनसंख्या में ०.2% है। .

देखें आयरलैंड राजशाही और यहूदी धर्म

यूनाइटेड किंगडम का इतिहास

कुल ब्रिटेन आप्रवास निकालना।.

देखें आयरलैंड राजशाही और यूनाइटेड किंगडम का इतिहास

राष्ट्रमंडल (बहुविकल्पी शब्द)

"राष्ट्रमंडल" एक पद है जिसका अर्थ है एक राजनैतिक समुदाय राष्ट्रमंडल बह्विकल्पी शब्द है, जिसका अर्थ विशेषतया हो सकता है.

देखें आयरलैंड राजशाही और राष्ट्रमंडल (बहुविकल्पी शब्द)

राजतन्त्र

राजतन्त्र (मोनार्की / monarchy) शासन की वह प्रणाली है जिसमें एक व्यक्ति (राजा) शासन का सर्वेसर्वा होता है। राजा, शासित जनता द्वारा चुना हुआ नहीं होता बल्कि वंशगत होता है या किसी दूसरे राजा को युद्ध में पराजित करके राजा बनता है। राजतन्त्र, संसार की सबसे पुरानी एवं स्वाभाविक शासन प्रणाली है। .

देखें आयरलैंड राजशाही और राजतन्त्र

राजमुकुट

राजमुकुट अथवा द क्राउन(The Crown La Couronne, ला कोहुन्न्/लॅ कोऱुन) (अन्यथा "ताज" या सासामान्यतः "मुकुट"), एक विशेष राजनीतिक संकल्पना है, जिसकी ब्रिटेन तथा अन्य राष्ट्रमण्डल प्रदेशों के विधीशास्त्र तथा राजतांत्रिक व्यवस्था में अतिमहत्वपूर्ण भूमिका है। इस सोच का विकास इंग्लैण्ड राज्य में सामंतवादी काल के दौरान शाब्दिक मुकुट तथा राष्ट्रीय संपदाओं को संप्रभु(नरेश) तथा उनके/उनकी व्यक्तिगत संपत्ति से विभक्त कर संबोधित करने हेतु हुआ था। इस सोच के अनुसार राजमुकुट को प्रशासन के समस्त अंगों तथा हर आयाम में राज्य तथा शासन के प्रतीक के रूप में देखा जाता है, तथा ब्रिटिश संप्रभु को राजमुकुट के सतत अवतार के रूप में देखा जाता है। अतः ब्रिटेन तथा राष्ट्रमण्डल प्रदेशों मे इस शब्दावली को शासन अथवा सर्कार के लिए एक उपलक्षण(उपशब्द) के रूप में भी उपयोग किया जाता है, या सीधे-सीधे ऐसा भी कहा जा सकता है की यह राजतंत्र को ही संबोधित करने का एक दूसरा तरीका है। विधिक रूप से "राजमुकुट" को एक एकव्यक्ती संस्थान के रूप में परिभाषित किया जा सकता है जो कि विधानपालिका, कार्यपालिका तथा न्यायपालिका के संपूर्ण समुच्च न्यायिक अवतार है। अतः इस संदर्भ में इस शब्द को किसी शाही पोशाक के वास्तविक मुकुट के साथ संभ्रमित नहीं करना चाहिए। एक संस्थान के रूप में, राजमुकुट, ब्रिटेन की राजनीतिकव्यवस्था का सबसे पुराना कार्यशील संस्थान है। बीती सदियों के दौरान, क्रमशः पहले अंग्रेज़ी तथा तत्पश्चात् ब्रिटिश औपनिवेशिक विस्तार द्वारा यह संकल्पना विश्व के अन्य अनेक कोनों तक पहुची, और आज यह यूनाइटेड किंगडम के अतिरिक्त, अन्य 15 स्वतंत्र राष्ट्रों और तीन भिक्त मुकुटीय निर्भरताओं की प्रशासनिक प्रणाली तथा विधिकीय व्यवस्था के मूल आधारभूतियों में जड़ा हुआ है। इनमें से प्रत्येक राष्ट्र के शासन एक-दूसरे से पूर्णतः विभक्त हैं, परंतु सारे के सारे समान रूप से एक ही राजपरिवार को साझा करते हैं। अतः एक नरेश होने के बावजूद इन सारे राष्ट्रों के "राजमुकुट" एक-दूसरे से स्वतंत्र हैं। इस शब्द को और भी कई आधिकारिक शब्दों में देखा जा सकता है, उदाहरणस्वरूप:मुकुट के मंत्री, मुकुटीय भूमि(क्राउन लैण्ड), इत्यादि। .

देखें आयरलैंड राजशाही और राजमुकुट

स्कॉट्लैण्ड राज्य

स्कॉटलैण्ड राजशाही(Kinrick o Scotland; Rìoghachd na h-Alba), सामान्यतः स्कॉटलैंड पश्चिमोत्तर यूरोप खण्ड पर स्थित एक पूर्व ऐतिहासिक राज्य था, परंपरानुसार कहा जाता है की उसकी स्थापना सन् ८४३ में हुई थी। १७०७ में स्कॉटलैंड ने इंग्लैण्ड राज्य के साथ सम्मिलित होकर संयुक्त, ग्रेट ब्रिटेन राज्य स्थापित किया। ९वीं शताब्दी में स्थापना से १८वीं शताब्दी में इंग्लैण्ड के साथ विलय के बीच, स्कॉटलैंड की अधिकारभूमि बढ़ती-घटती रही परंतु प्रभावी रूप से यह राज्य, अपनी अस्तित्व के दौरान, मूलतः ग्रेट ब्रिटेन द्वीप की उत्तरी तियाही भाग पर अवस्थित था। यह पूर्व, पश्चिम और उत्तर दिशा में समुद्र तट से घिरा था और दक्षिण में इसकी इंग्लैण्ड के साथ भूमिगत सीमा थी। ऐतिहासिक रूप से स्कॉटलैंड ने इंग्लैण्ड द्वारा अनेक आक्रमण झेले थे, परंतु रोबर्ट प्र॰ के नेतृत्व में स्कॉटलैंड ने एक सफल स्वतंत्रता युद्ध लड़ा और पूरे उत्तर मध्यकाल के दौरान एक विभक्त राज्य के रूप में स्थापित रहा। वर्ष १६०३ में, इंग्लैंड की रानी एलिज़ाबेथ प्रथम के निधन पश्चात, स्कॉटलैंड के राजा जेम्स प्रथम, इंग्लैंड के सिंघासन के भी वारिस बने, तथा स्कॉटलैंड, इंग्लैंड के साथ एक व्यक्तिगत संयुक्ति की स्थिति में आगयी। वर्ष १७०७ में इन दोनों देशों ने सम्मिलित रूप से आपस में विलय कर संयुक्त ग्रेट ब्रिटेन राज्य स्थापित किया। १४८२ में इंग्लैण्ड द्वारा बर्विक के क़िले पर अंग्रेज़ी कब्ज़े के बाद से, इस राज्य की सीमाएँ वर्त्तमान स्कॉटलैंड की सीमाओं के समान था। .

देखें आयरलैंड राजशाही और स्कॉट्लैण्ड राज्य

हाउस ऑफ कॉमन्स

हाउस ऑफ कॉमन्स ब्रिटेन की संसद का निचला सदन है। इसकी बैठकें वेस्टमिंस्टर, लंदन में होती है। श्रेणी:यूनाइटेड किंगडम की सरकार.

देखें आयरलैंड राजशाही और हाउस ऑफ कॉमन्स

हाउस ऑफ़ लॉर्ड्स

लॉर्ड्स सभा (House of Lords of the United Kingdom या House of Peers) संयुक्त राजशाही (यूके) की पार्लियामेन्ट का ऊपरी सदन है। कॉमन्स सभा की भांति लॉर्ड्स सभा की बैठकें भी वेस्टमिन्स्टर महल में होतीं हैं। .

देखें आयरलैंड राजशाही और हाउस ऑफ़ लॉर्ड्स

विलय के अधिनियम, १८००

विलय के अधिनियम, १८०० यानि ऍक्ट्स ऑफ़ यूनियन, १८००, आयरलैंड और ग्रेट ब्रिटेन की संसद द्वारा पारित दो अधिनियमों का संयुक्त नाम है, जिनके परिणामस्वरूप, १ जनवरी १८०१ से आयरलैंड राजशाही और ग्रेट ब्रिटेन राजशाही, जोकि पूर्वतः व्यक्तिगत विलय की स्थिति में थे, का पूर्णतः, एक राज्य के रूप में विलय हो गया। यह दोनों दोनों अधिनियम (संशोधनों के साथ) आज भी यूनाइटेड किंगडम में लागू है, परंतु आयरलैंड गणराज्य में इन्हें पूर्ववत कर दिया गया है। इस विलय के बाद दोनों राज्यों के विलय से ग्रेट ब्रिटेन और आयरलैंड की संयुक्त राजशाही की स्थापना हुई, और साथ ही दोनों देशों के सांसदों का भी विलय हो गया, जिसकी राजधानी लंदन का वेस्टमिंस्टर शहर था। .

देखें आयरलैंड राजशाही और विलय के अधिनियम, १८००

ग्रेट ब्रिटेन

ग्रेट ब्रिटेन (अंग्रेज़ी: Great Britain ब्रिटन्) अथवा ब्रिटेन यूरोप में स्थित एक द्वीप है। यह द्वीप, संयुक्त राजशाही देश का सबसे बड़ा हिस्सा है। इंग्लैंड, स्कॉटलैंड और वेल्स इसी द्वीप पर स्थित हैं। ग्रेट ब्रिटेन यूरोप महाद्वीप के उत्तर-पश्चिम स्थित यह बृहत्‌ द्वीप है जिसमें स्कॉटलैंड, वेल्स तथा इंग्लैंड संम्मिलित हैं। 1282 ई.

देखें आयरलैंड राजशाही और ग्रेट ब्रिटेन

ग्रेट ब्रिटेन राजशाही

ग्रेट ब्रिटेन राजशाही या ग्रेट ब्रिटेन राजतंत्र, आधिकारिक रूपसे:ग्रेट ब्रिटेन, पश्चिमी यूरोप में १ मई १७०७ से १३ दिसंबर १८०० तक विद्यमान, यूनाइटेड किंगडम का पूरक राज्य था। ग्रेट ब्रिटेन की स्थापना १७०६ को अंग्रेज़ी राजशाही और स्कोटियाई राजशाही के बीच तय किये गए विलयके समझौतेका १७०७में विलय के अधिनियमों के रूपमें पारित होनेके कारण हुआ था। इन अधिनोइयमोंके कारण, पूर्व आंग्ल राजतंत्र और स्कॉट राजतंत्रका एक शासक, एक संसद तथा एक व्यवस्था के साथ, एकही राजतांत्रिक इकाईके रूपमें विलय होगया, जिसका विस्तार पूरे ग्रेट ब्रिटेन और उसके निकट के द्वीपों पर अधिपत्य था। इस राजतंत्र का अधिआसन, लंदन का वेस्टमिंस्टर शहर था। यह एक पूर्णतः एकात्मक राज्य राज्य था, और इसकी राजनीतिक व्यवस्था में स्कॉटलैंड और इंग्लैंड के बीच किसी प्रकार का संघीय या महासंघिया संबंध नहीं था। इंग्लैंड और स्कॉटलैंड (और आयरलैंड) सन् १६०३ में एलिज़ाबेथ प्र॰ के देहांत पश्चात् जेम्स प्रथम की सिंघासन-उत्तराधिकृति से एक व्यक्तिगत विलय की स्थिती में थे। हालाँकि, इंग्लैंड और आयरलैंड का विलय हो गया था, परंतु आईरिस राज्य, ग्रेट ब्रिटेन का हिस्सा नहीं था, और वह एक स्वतंत्र प्रदेश था। १ जनवरी १८०१, को ग्रेट ब्रिटेन राजशाही का आयरिश राजशाही के साथ विलय होगया और ग्रेट ब्रिटेन और आयरलैंड की संयुक्त राजशाही की स्थापना हुई। १९२२ में, आयरलैंड का पांच-छ्याई भाग, इस संयुक्त राजशाही से निकल गया और इस राज्य का पुनःनामकरण कर, इसका नाम ग्रेट ब्रिटेन और उत्तरी आयरलैंड की संयुक्त राजशाही कर दिया गया, जोकि आज विद्यमान है। इस संयुक्त राज्य के शुरूआती वर्ष, जकॉबियाइ जागरणों से भरे थे, जो १७४६ में स्टुअर्टवंशी चार्ल्स एडवर्ड स्टुअर्ट की हार के साथ समाप्त हुए। तत्पश्चात् १७६३ में सप्तवर्षीय युद्ध में विजय ने सर्वप्रथम वैश्विक शक्ति के रूप में स्थापित कर दिया, जोकि अगले १०० वर्षों में इतिहास के बृहत्तम् साम्राज्य के रूप में विकसित हुई। .

देखें आयरलैंड राजशाही और ग्रेट ब्रिटेन राजशाही

ग्रेट ब्रिटेन और आयरलैंड की संयुक्त राजशाही

ग्रेट ब्रिटेन और उत्तरी आयरलैंड की संयुक्त राजशाही, १ जनवरी वर्ष १८०१ में स्थापित, वर्त्तमान संयुक्त राजशाही और आयरिश गणराज्य का पुरख राज्य था। इसकी स्थापना ऍक्ट्स ऑफ़ यूनियन, १८०० द्वारा हुआ था। ततन्तर्गत, आयरिश राजशही का ग्रेट ब्रिटेन राजशाही के साथ विलय होगया तथा ग्रेट ब्रिटेन और आयरलैंड की संयुक्त राजशाही की स्थापना हुई। वर्ष १९२२ में, आयरलैंड का पाँच-छ्याई हिस्सा आयरिश मुक्त राज्य के नाम से, इस संयुक्त राजशाही से बहार निकल गया, जबकि आयरलैंड द्वीप का पूर्वोत्तर स्थित छायाही भाग, उत्तरी आयरलैंड के नाम से, संयुक्त राज में ही रहा। परिणामस्वरूप, इस राज्य को तथा "ग्रेट ब्रिटेन और उत्तरी आयरलैंड की संयुक्त राजशाही" नाम देदिया गया। .

देखें आयरलैंड राजशाही और ग्रेट ब्रिटेन और आयरलैंड की संयुक्त राजशाही

आयरलैण्ड

आयरलैण्ड (Éire एक द्वीप है उत्तर पश्चिम यूरोप में। यूरोप का तीसरा सबसे बड़ा द्वीप है और दुनिया में बीसवां सबसे बड़ा द्वीप है। पुर्व में संजयुक्त राजशाही है। .

देखें आयरलैंड राजशाही और आयरलैण्ड

आयरलैंड की जागीरदारी

आयरलैंड की जागीरदारी(आयरिश:Tiarnas na hÉireann) ११७७ से १५४२ के बीच आयरलैंड में विद्यमान सामंतवादी काल था, जोकि आयरलैंड पर नोएमन आक्रमण के बाद इंग्लैण्ड के राजा के अंदर शुरू हुआ था। इस काल के दौरान इंग्लैण्ड के राजा को आयरलैंड के अधिपति का दर्ज प्राप्त था, और आयरलैंड की ज़मीन पर इंग्लैंड के राजा के अधीन अनेक नॉर्मन सामंतों और जागीरदारों का कब्ज़ा था। आधिकारिक रूप से इस जागीरदारी को एक पेपल संपदा के रूप में, इंग्लैंड के राजा के अंतर्गत आधिकारित किया गया था। हालाँकि, सैद्धान्तिक रूप से इस जागीर की भूमि पूरे आयरलैंड द्वीप पर थी, परंतु वास्तविक रूप से पूरे द्वीप पर राजा का संपूर्ण कब्ज़ा नहीं था, और ऐसे अनेक क्षेत्र थे, जिनपर स्थानीय गैलिक सरदारों और अधिपतिगण का कब्ज़ा था। अंग्रेज़ी हुकूमत के अधीन क्षेत्र का आकार अनेकों बार घटता-बढ़ता था, तथा कई क्षेत्र अंग्रेजों की पहुँच से पूर्णतः बहार थे। सामंतवाद की ढीली व्यवस्था के कारण नॉर्मन सामंतों को काफी कार्यकारी स्वतंत्रता प्राप्त थी, और कई सामंतों ने स्वयं के लिए ज़मींदारी सामान अधिकार जमा लिया था। और स्थानीय गैलिक राजाओं की सामान शक्ति हासिल कर ली थी। .

देखें आयरलैंड राजशाही और आयरलैंड की जागीरदारी

आयरिश भाषा

आयरिश (अंग्रेज़ी: Irish) (मूल नाम: Gaeilge, teanga na Gaeilge, Ghaelacha) भारोपीय परिवार की एक गोइदेलिक भाषा है, जिसका उद्भव आयरलैंड में हुआ और आयरिश लोगों द्वारा बोली जाती है। आज आयरिश भले ही केवल आयरिश जनसंख्या के एक छोटे समुदाय द्वारा बोली जाती हो, लेकिन यह आयरिश राज्य के निवासियों के जीवन में एक महत्वपूर्ण प्रतीकात्मक भूमिका अदा करता है, जिसका इस्तेमाल देश भर में मीडिया, निजी संदर्भों और सामाजिक स्थितियों में किया जाता है। इसे आयरलैंड गणतंत्र की राष्ट्रीय और पहली आधिकारिक भाषा के रूप में संवैधानिक दर्जा प्राप्त है, इसके अलावा इसे यूरोपीय संघ के एक आधिकारिक भाषा के रूप में दर्जा प्राप्त है। आयरिश को उत्तरी आयरलैंड में भी आधिकारिक तौर पर अल्पसंख्यक भाषा का दर्जा प्राप्त है। .

देखें आयरलैंड राजशाही और आयरिश भाषा

आयरिश मुक्त राज्य

आयरिश मुक्त राज्य (Saorstát Éireann, वर्ष १९२२ में, ब्रिटिश राष्ट्रमण्डल के एक परिराज्य(डोमिनियन) के रूप में स्थापित एक स्वतंत्र राज्य था। इसे दिसंबर १९२१ के आंग्ल-आयरिश संधिके तहत स्थापित किया गया था। इस समझौते ने पिछले तीन वर्षों से, सवोऽद्घोषित आयरिश गणराज्य और ब्रिटिश मुकुट के बलों के बीच चली आ रही आयरिश स्वतंत्रता युद्ध को समाप्त कर दिया। दिसंबर १९३७ में आयरलैण्ड के नए संविधान के परवर्तन, तथा गणराज्य की घोषण के बाद यह विस्थापित होगया। प्रारंभिक समय में आयरलैण्ड की तमाम ३२ काउण्टियाँ, मुक्त राज्य के अधिकार में थीं, परंतु बाद में पूर्वोत्तर की ६ कॉउंटियों ने समझौते के अंतर्गत, मुक्त राज्य से बहार निकल कर पुनः संयुक्त राजशाही में शामिल होने का निर्णय किया। परिराज्य (डोमिनियन) होने के नाते, आयरलैंड, इस व्यवस्था के अंतर्गत, ब्रिटेन की सरकार से स्वतंत्र तो था, परंतु देश के नाममात्र राष्ट्रप्रमुख, ब्रिटिश संप्रभु थे, तथा इसकी सरकार, कार्यकारी परिषद् तथा, संप्रभु के प्रतिनिधि के रूप में, गवर्नर-जनरल द्वारा रचित थी। साथ ही एक द्विसदनीय विधायिक भी थी। सरकारी अधिकारियों को शासक के प्रति वफ़ादारी की शपथ लेने की भी अनिवार्यता थी। मुक्त राज्य के प्राथमिक महीने, आयरिश गृहयुद्ध से पस्त थे। यह युद्ध नवस्थापित सरकार की सेना और समझौता-विरोधी आयरिश रिपब्लिकन आर्मी के बीच छिड़ा था, जोकि एक गणराज्य स्थापित करने की इच्छुक थी। यह गृहयुद्ध सरकारी बालों की विजय के साथ समाप्त हुआ, संधि-विरोधी बालों ने मई १९२२ में अपने शास्त्र त्याग दिए और शांतिपूर्ण मार्ग अपनाने का निर्णय किया। संधि तथा राजतंत्र-विरोधी दाल, सिन् फेइन् ने अपने नेता डी वालेरा के नेतृत्व में १९२७ का आम चुनाव लड़ कर राष्ट्रीय विधायक में पहले बार स्थान ग्रहण किया, और १९३२ के चुनाव् के बाद सबसे बड़ी दल के रूप में उबरी। डी वालेरा ने वफादारी की शपथ को बर्खास्त कर दिया, और १९३७ में एक नए गणतांत्रिक संविधान का मसौदा तैयार किया। इस संविधान को तत्वर्ष जुलाई मास में जनमत-संग्रह द्वारा पारित कर दिया गया। २९ दिसंबर १९३७ में नए संविधान के परवर्तन के साथ ही आयरिश मुक्त राज्य का अंत हो गया, और नए संविधान के तहत इस आयरिश राज्य को आयरलैंड का नाम दिया गया। साथ ही शासक और गवर्नर जनरल के पद को समाप्त कर लोकतांत्रिक मूल्यों के आधार पर निर्वाचित राष्ट्रपति के पद से परिवर्तित कर दिया दया। .

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इंग्लैण्ड राज्य

इंग्लैण्ड राजशाही(Kingdom of England) यानि आंग्ल राजतांत्रिक राज्य, जिसे आम वार्ता में केवल इंग्लैण्ड(ब्रिटिश उच्चारण:इंग्लॆन्ड्) कहा जाता था, ग्रेट ब्रिटेन द्वीप पर स्थित एक पूर्व सार्वभौमिक एकराष्टिय राजतांत्रिक राज्य था। इंग्लैंड का उदय १०वीं शताब्दी में विभिन्न आंग्ल-सैक्सन रजवाड़ों में से हुआ था, यह १७०७ में स्कॉटलैंड राजशाही के साथ विलय तथा ग्रेट ब्रिटेन राजशाही की स्थापना तक असतित्व में रहा। ११वीं सदी में वर्त्तमान फ्रांस के नॉरमेंडी के तट से नार्मन लोगों ने आक्रमण कर इंग्लैंड पर विजय प्राप्त कर लिया था, जिस समय इंग्लैंड की राजधानी को विंचेस्टर से लंदन हस्तांतरित कर दिया गया था। अपने इतिहास के दौरान, इंग्लैंड पर चार विभिन्न वंशों का राज रहा था:नॉर्मन वंश १०६६-११५४, प्लैंटेजेनट वंश ११५४-१४८५, ट्यूडर वंश १४८५-१६०३ और स्टुअर्ट वंश १६०३-१७१४, हालाँकि इन सब को विभक्त राजवंश माना जाता है, परंतु ये सारे घराने, अंत्यतः नॉर्मनों के ही वंशज हैं। नार्मन शासन की शुरुआत के बाद से एंग्लो-सैक्सन भाषा(पुरानी अंग्रेज़ी) में फ़्रांसिस भाषा का प्रभाव अत्यंत बढ़ गया और आधुनिक अंग्रेज़ी विकसित हुई। १३वीं सदी के अंत तक इंग्लैंड ने वेल्स रियासत पर अपना अधिकार जमा लिया और १६वीं सदी में वेल्स को इंग्लैंड में पूर्णतः विलीन कर लिया गया। वेल्स पर अधिक्रमण ने इंग्लैंड को यूरोप के एक प्रमुख सैन्य शक्ति के रूप में स्थापित कर दिया। ट्यूडर काल ने अंग्रेज़ी नवजागरण के काल को देखा, जोकि अंग्रेज़ी भाषा और संस्कृति के लिहाज़ से सबसे महत्वपूर्ण काल था। राजा हेनरी अष्टम् के राज ने अंग्रेज़ी पुनःस्थापन के काल को देखा, और तत्पश्चात उनकी पुत्री एलिज़ाबेथ प्र॰ के राज में पारित एलिज़ाबेथन धार्मिक समाधान ने चर्च ऑफ़ इंग्लैंड की स्वायत्तता पुनःस्थापि की, और इसने इंग्लैंड को एक प्राथमिक यूरोपीय महाशक्ति के रूप में स्थापित कर दिया। एलिज़ाबेथन युग में इंग्लैंड ने नई दुनिया(अमरीकी महाद्वीप) के बड़े हिस्से पर अपना अधिकार स्थापित किया और अपने उपनिवेश स्थापित किये, जिसके साथ आगामी ब्रिटिश साम्राज्य की नीव पड़ी। इंग्लैंड में मैग्ना कार्टा और बिल ऑफ़ राइट्स, १६८९ जैसे ऐतिहासिक विधान पारित हुए, जिसके बदौलत संसद की शक्ति बढ़ती गयी, और शासक की शक्तियों व अधिकारों पर अनेक सीमाएँ और अंकुश लगाए गए, जोकि आगे जाकर एक विशेष प्रशासनिक व्यवस्था के रूप में विकसित हुई, जिसे वेस्टमिंस्टर प्रणाली कहा जाता है। १६०३ में रानी एलिज़ाबेथ के निधन के पश्चात स्कॉटलैंड के राजा जेम्स षष्टम् ने इंग्लैंड के सिंघासन को उत्तराधिकृत किया, और इस के साथ इंग्लैंड, स्कॉटलैंड और आयरलैंड के साथ व्यक्तिगत विलय की स्थिति में आ गया, तथा स्टुअर्ट वंश के राज का प्रारम्भ हुआ। स्टुअर्ट काल में, अंग्रेज़ी गृह युद्ध हुआ, जोकि चार्ल्स प्रथम के प्राणदंड के साथ समाप्त हुआ, परंतु इस गृहयुद्ध ने शासक के शासनाधिकार पर अनेक अंकुश लगा दिए, और शासक को संसद की स्वीकृति के बिना शासन करने से वंचित कर दिया। १ मई १७०७ को, विलय के अधिनियमों के तहत इंग्लैंड का स्कॉटलैंड के साथ विलय होगया और संयुक्त ग्रेट ब्रिटेन राजशाही की स्थापम हुई। .

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इंग्लैंड का गिरिजाघर

चर्च ऑफ इंग्लैंड (Church of England) इंग्लैंड में आधिकारिक तौर पर स्थापित ईसाई चर्च है और विश्वव्यापी ऐग्लिकन कॉमयूनियन का मातृ चर्च है। चर्च स्वयं को पश्चिमी ईसाइयत की परंपरा के अंतर्गत समझता है और अपनी औपचारिक स्थापना सेंट ऍगस्टीन ऑफ कैंटरबरी द्वारा 597 ई.

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कैथोलिक धर्म

"बिशप" नामक उच्च पद पर नियुक्त एक कैथोलिक पादरी स्पेन में चलती दो ननें कैथोलिक धर्म या रोमन कैथोलिक धर्म ईसाई धर्म की एक मुख्य शाखा है जिसके अनुयायी रोम के वैटिकन नगर में स्थित पोप को अपना धर्माध्यक्ष मानते हैं। ईसाई धर्म की दूसरी मुख्य शाखा प्रोटेस्टैंट कहलाती है और उसके अनुयायी पोप के धार्मिक नेतृत्व को नहीं स्वीकारते। कैथोलिकों और प्रोटेस्टैंटों की धार्मिक मान्यताओं में और भी बड़े अंतर हैं। .

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अंग्रेज़ी भाषा

अंग्रेज़ी भाषा (अंग्रेज़ी: English हिन्दी उच्चारण: इंग्लिश) हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार में आती है और इस दृष्टि से हिंदी, उर्दू, फ़ारसी आदि के साथ इसका दूर का संबंध बनता है। ये इस परिवार की जर्मनिक शाखा में रखी जाती है। इसे दुनिया की सर्वप्रथम अन्तरराष्ट्रीय भाषा माना जाता है। ये दुनिया के कई देशों की मुख्य राजभाषा है और आज के दौर में कई देशों में (मुख्यतः भूतपूर्व ब्रिटिश उपनिवेशों में) विज्ञान, कम्प्यूटर, साहित्य, राजनीति और उच्च शिक्षा की भी मुख्य भाषा है। अंग्रेज़ी भाषा रोमन लिपि में लिखी जाती है। यह एक पश्चिम जर्मेनिक भाषा है जिसकी उत्पत्ति एंग्लो-सेक्सन इंग्लैंड में हुई थी। संयुक्त राज्य अमेरिका के 19 वीं शताब्दी के पूर्वार्ध और ब्रिटिश साम्राज्य के 18 वीं, 19 वीं और 20 वीं शताब्दी के सैन्य, वैज्ञानिक, राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक प्रभाव के परिणाम स्वरूप यह दुनिया के कई भागों में सामान्य (बोलचाल की) भाषा बन गई है। कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों और राष्ट्रमंडल देशों में बड़े पैमाने पर इसका इस्तेमाल एक द्वितीय भाषा और अधिकारिक भाषा के रूप में होता है। ऐतिहासिक दृष्टि से, अंग्रेजी भाषा की उत्पत्ति ५वीं शताब्दी की शुरुआत से इंग्लैंड में बसने वाले एंग्लो-सेक्सन लोगों द्वारा लायी गयी अनेक बोलियों, जिन्हें अब पुरानी अंग्रेजी कहा जाता है, से हुई है। वाइकिंग हमलावरों की प्राचीन नोर्स भाषा का अंग्रेजी भाषा पर गहरा प्रभाव पड़ा है। नॉर्मन विजय के बाद पुरानी अंग्रेजी का विकास मध्य अंग्रेजी के रूप में हुआ, इसके लिए नॉर्मन शब्दावली और वर्तनी के नियमों का भारी मात्र में उपयोग हुआ। वहां से आधुनिक अंग्रेजी का विकास हुआ और अभी भी इसमें अनेक भाषाओँ से विदेशी शब्दों को अपनाने और साथ ही साथ नए शब्दों को गढ़ने की प्रक्रिया निरंतर जारी है। एक बड़ी मात्र में अंग्रेजी के शब्दों, खासकर तकनीकी शब्दों, का गठन प्राचीन ग्रीक और लैटिन की जड़ों पर आधारित है। .

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यह भी देखें

यूरोप के पूर्व देश

आयरिश राजशही के रूप में भी जाना जाता है।