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आयरिश भाषा

सूची आयरिश भाषा

आयरिश (अंग्रेज़ी: Irish) (मूल नाम: Gaeilge, teanga na Gaeilge, Ghaelacha) भारोपीय परिवार की एक गोइदेलिक भाषा है, जिसका उद्भव आयरलैंड में हुआ और आयरिश लोगों द्वारा बोली जाती है। आज आयरिश भले ही केवल आयरिश जनसंख्या के एक छोटे समुदाय द्वारा बोली जाती हो, लेकिन यह आयरिश राज्य के निवासियों के जीवन में एक महत्वपूर्ण प्रतीकात्मक भूमिका अदा करता है, जिसका इस्तेमाल देश भर में मीडिया, निजी संदर्भों और सामाजिक स्थितियों में किया जाता है। इसे आयरलैंड गणतंत्र की राष्ट्रीय और पहली आधिकारिक भाषा के रूप में संवैधानिक दर्जा प्राप्त है, इसके अलावा इसे यूरोपीय संघ के एक आधिकारिक भाषा के रूप में दर्जा प्राप्त है। आयरिश को उत्तरी आयरलैंड में भी आधिकारिक तौर पर अल्पसंख्यक भाषा का दर्जा प्राप्त है। .

6 संबंधों: यूरोपीय संघ, हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार, आयरलैण्ड, आयरिश लोग, आंग्ल-आयरी साहित्य, अंग्रेज़ी भाषा

यूरोपीय संघ

यूरोपियन संघ (यूरोपियन यूनियन) मुख्यत: यूरोप में स्थित 28 देशों का एक राजनैतिक एवं आर्थिक मंच है जिनमें आपस में प्रशासकीय साझेदारी होती है जो संघ के कई या सभी राष्ट्रो पर लागू होती है। इसका अभ्युदय 1957 में रोम की संधि द्वारा यूरोपिय आर्थिक परिषद के माध्यम से छह यूरोपिय देशों की आर्थिक भागीदारी से हुआ था। तब से इसमें सदस्य देशों की संख्या में लगातार बढोत्तरी होती रही और इसकी नीतियों में बहुत से परिवर्तन भी शामिल किये गये। 1993 में मास्त्रिख संधि द्वारा इसके आधुनिक वैधानिक स्वरूप की नींव रखी गयी। दिसम्बर 2007 में लिस्बन समझौता जिसके द्वारा इसमें और व्यापक सुधारों की प्रक्रिया 1 जनवरी 2008 से शुरु की गयी है। यूरोपिय संघ सदस्य राष्ट्रों को एकल बाजार के रूप में मान्यता देता है एवं इसके कानून सभी सदस्य राष्ट्रों पर लागू होता है जो सदस्य राष्ट्र के नागरिकों की चार तरह की स्वतंत्रताएँ सुनिश्चित करता है:- लोगों, सामान, सेवाएँ एवं पूँजी का स्वतंत्र आदान-प्रदान.

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हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार

हिन्द - यूरोपीय भाषाओं देश बोल रही हूँ. गाढ़े हरे रंग के देश में जो बहुमत भाषा हिन्द - यूरोपीय परिवार हैं, लाइट ग्रीन एक देश वह जिसका आधिकारिक भाषा हिंद- यूरोपीय है, लेकिन अल्पसंख्यकों में है। हिन्द-यूरोपीय (या भारोपीय) भाषा-परिवार संसार का सबसे बड़ा भाषा परिवार (यानी कि सम्बंधित भाषाओं का समूह) हैं। हिन्द-यूरोपीय (या भारोपीय) भाषा परिवार में विश्व की सैंकड़ों भाषाएँ और बोलियाँ सम्मिलित हैं। आधुनिक हिन्द यूरोपीय भाषाओं में से कुछ हैं: हिन्दी, उर्दू, अंग्रेज़ी, फ़्रांसिसी, जर्मन, पुर्तगाली, स्पैनिश, डच, फ़ारसी, बांग्ला, पंजाबी, रूसी, इत्यादि। ये सभी भाषाएँ एक ही आदिम भाषा से निकली है, उसे आदिम-हिन्द-यूरोपीय भाषा का नाम दे सकता है। यह संस्कृत से बहुत मिलती-जुलती थी, जैसे कि वह सांस्कृत का ही आदिम रूप हो। .

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आयरलैण्ड

आयरलैण्ड (Éire एक द्वीप है उत्तर पश्चिम यूरोप में। यूरोप का तीसरा सबसे बड़ा द्वीप है और दुनिया में बीसवां सबसे बड़ा द्वीप है। पुर्व में संजयुक्त राजशाही है। .

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आयरिश लोग

आयरलैण्ड के लोगों को आयरिश लोग कहा जाता है। श्रेणी:आयरिश लोग श्रेणी:कैथोलिक लोग.

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आंग्ल-आयरी साहित्य

अंग्रेजों द्वारा आयरलैंड विजय करने का कार्य हेनरी द्वितीय द्वारा 12वीं शताब्दी (1171) में आरंभ हुआ और हेनरी अष्टम द्वारा 16वीं शताब्दी (1541) में पूर्ण हुआ। चार सौ वर्षों के संघर्ष के पश्चात् वह 20वीं शताब्दी (1922) में स्वतंत्र हुआ। इस दीर्घकाल में अंग्रेजों का प्रयत्न रहा कि आयरलैंड को पूरी तरह इंग्लैंड के रंग में रंग दें, उसकी राष्ट्रभाषा गैलिक को दबाकर उसे अंग्रेजीभाषी बनाएँ। इस कार्य में वे बहुत अंशों में सफल भी हुए। आँग्ल-आयरी साहित्य से तात्पर्य उस साहित्य से है जो अंग्रेजीभाषी आयरवासियों द्वारा रचा गया है और जिसमें आयर की निजी सभ्यता, संस्कृति और प्रकृति की विशेष छाप है। गैलिक अपने अस्तित्व के लिए 17वीं शताब्दी तक संघर्ष करती रही और स्वतंत्र होने के बाद आयर ने उसे अपनी राष्ट्रभाषा माना। फिर भी लगभग चार सौ वर्षों तक आयरवासियों ने जिस विदेशी माध्यम से अपने को व्यक्त किया है वह पैतृक दाय के रूप में उनकी अपनी राष्ट्रीय संपत्ति है। इसमें से बहुत कुछ इस कोटि का है कि वह अंग्रेजी साहित्य का अविभाज्य अंग बन गया है और उसने अंग्रेजी साहित्य को प्रभावित भी किया है, पर बहुत कम ऐसा है जिसमें आयर के हृदय की अपनी खास धड़कन नहीं सुनाई देती। इस साहित्य के लेखकों में हमें तीन प्रकार के लोग मिलते हैं: एक वे जो इंग्लैंड से जाकर आयर में बस गए पर वे अपने संस्कार से पूरे अंग्रेज बने रहे, दूसरे वे जो आयर से आकर इंग्लैंड में बस गए और जिन्होंने अपने राष्ट्रीय संस्कारों को भूलकर अंग्रेजी संस्कारों को अपना लिया, तीसरे वे जो मूलत: चाहे अंग्रेज हों चाहे आयरी, पर जिन्होंने आयर की आत्मा से अपने को एकात्म करके साहित्यरचना की। मुख्यत: इस तीसरी श्रेणी के लोग ही आँग्ल-आयरी साहित्य को वह विशिष्टता प्रदान करते हैं जिससे भाषा की एकता के बावजूद अंग्रेजी साहित्य में उसको अलग स्थान दिया जाता है। यह विशिष्टता उसकी संगीतमयता, भावाकुलता, प्रतीकात्मकता, काल्पनिकता, अतिमानव और अतिप्रकृति के प्रति आस्था और कभी-कभी बलात् इन सबसे विमुख एक ऐसी बौद्धिकता और तार्किकता में है जो उद्धत और क्रांतिकारिणी प्रतीत होती है। यही है जो एक युग में विलियम बटलर यीट्स को भी जन्म देती है और जार्ज बरनार्ड शा को भी। आँग्ल-आयरी साहित्य का आरंभ संभवत: लियोनेल पावर के संगीत-विषयक लेख से होता है जो 1395 में लिखा गया था; पर साहित्यिक महत्व का प्रथम लेख शायद रिचर्ड स्टैनीहर्स्ट (1547-1618) का माना जाएगा जो आयर के इतिहास के संबंध में हालिनशेड के क्रानिकिल (1578) में सम्मिलित किया गया था। 17वीं शताब्दी के कवियों में डेनहम, रासकामन, टेट; नाट्यकारों में ओरेनी और इतिहासकारों में सर जान टेंपिल के नाम लिए जाएँगे। 18वीं शताब्दी इंग्लैंड में गद्य के चरम विकास के लिए प्रसिद्ध है। वाग्मिता, नाटक, उपन्यास, दर्शन, निबंध सबमें अद्भुत उन्नति हुई। इसमें आयरियों का योगदान अंग्रेजों से किसी भी दशा में कम नहीं माना जाएगा। पार्लियामेंट में बोलनेवालों में एडमंड बर्क (1729-97) का नाम सर्वप्रथम लिया जाएगा। "इंपीचमेंट ऑव वारेन हेस्टिंग्ज़" की प्रत्याशा किसी अंग्रेज से नहीं की जा सकती थी; उसमें अंग्रजों के आत्मनियंत्रण का भी प्रभाव है। पार्लियामेंट के अन्य वक्ताओं में फ़िलपाट क्यरन (1750-1817) और हेनरी ग्राटन (1746-1820) के नाम भी सम्मानपूर्वक लिए जाएँगे, यद्यपि उनके विषय प्राय: आयर से संबद्ध और सीमित होते थे। 18वीं शताब्दी उपन्यासों के उद्भव का काल है। सेंट्सबरी ने जिन चार लेखकों को उपन्यास के रथ का चार पहिया कहा है, उनमें एक स्टर्न (1713-68) हैं। ये आयरमूलक थे और यद्यपि ये आजीवन इंग्लैंड में ही रहे, उनके उपन्यास ने इस प्रकार के चरित्र को जन्म दिया जो भावना के उद्वेग में पूरी तरह बहता है। दूसरे उपन्यासकार गोल्डस्मिथ (1728-74) ने उपन्यास में सामान्य घरेलू जीवन की स्थापना की। जोनाथान स्विफ़्ट (1667-1745) ने सरल शैली में व्यंग्य लिखने में प्रसिद्धि प्राप्त की। उनका ग्रंथ "गलिवर्स ट्रैवेल" मानवता पर सबसे बड़ा व्यंग है। उसे बालविनोद बनाकर लेखक ने मानवता पर व्यंग्य किया है। जार्ज बर्कले (1685-1753) ने यूरोपीय दर्शनशास्त्र में विचार के सूक्ष्म आधारों का सूत्रपात किया। नाट्यकारों में विलियम कांग्रीव (1670-1729), शेरिडन (1751-1816) और जार्ज फ़रकुहर (1668-1707) के नाम उल्लेखनीय हैं। इस शताब्दी में कोई प्रसिद्ध कवि नहीं हुआ। आयर के इतिहास में 19वीं सदी राष्ट्रीयता, उदार मनोवृत्ति, क्रांति की विचारधारा, रूमानी उद्भावना और पुरातन के प्रति अनुराग के लिए प्रसिद्ध है। काव्य के क्षेत्र में, शारलट ब्रुक (1740-93) ने गैलिक कविताओं के अनुवाद अंग्रेजी में किए थे; जे.

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अंग्रेज़ी भाषा

अंग्रेज़ी भाषा (अंग्रेज़ी: English हिन्दी उच्चारण: इंग्लिश) हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार में आती है और इस दृष्टि से हिंदी, उर्दू, फ़ारसी आदि के साथ इसका दूर का संबंध बनता है। ये इस परिवार की जर्मनिक शाखा में रखी जाती है। इसे दुनिया की सर्वप्रथम अन्तरराष्ट्रीय भाषा माना जाता है। ये दुनिया के कई देशों की मुख्य राजभाषा है और आज के दौर में कई देशों में (मुख्यतः भूतपूर्व ब्रिटिश उपनिवेशों में) विज्ञान, कम्प्यूटर, साहित्य, राजनीति और उच्च शिक्षा की भी मुख्य भाषा है। अंग्रेज़ी भाषा रोमन लिपि में लिखी जाती है। यह एक पश्चिम जर्मेनिक भाषा है जिसकी उत्पत्ति एंग्लो-सेक्सन इंग्लैंड में हुई थी। संयुक्त राज्य अमेरिका के 19 वीं शताब्दी के पूर्वार्ध और ब्रिटिश साम्राज्य के 18 वीं, 19 वीं और 20 वीं शताब्दी के सैन्य, वैज्ञानिक, राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक प्रभाव के परिणाम स्वरूप यह दुनिया के कई भागों में सामान्य (बोलचाल की) भाषा बन गई है। कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों और राष्ट्रमंडल देशों में बड़े पैमाने पर इसका इस्तेमाल एक द्वितीय भाषा और अधिकारिक भाषा के रूप में होता है। ऐतिहासिक दृष्टि से, अंग्रेजी भाषा की उत्पत्ति ५वीं शताब्दी की शुरुआत से इंग्लैंड में बसने वाले एंग्लो-सेक्सन लोगों द्वारा लायी गयी अनेक बोलियों, जिन्हें अब पुरानी अंग्रेजी कहा जाता है, से हुई है। वाइकिंग हमलावरों की प्राचीन नोर्स भाषा का अंग्रेजी भाषा पर गहरा प्रभाव पड़ा है। नॉर्मन विजय के बाद पुरानी अंग्रेजी का विकास मध्य अंग्रेजी के रूप में हुआ, इसके लिए नॉर्मन शब्दावली और वर्तनी के नियमों का भारी मात्र में उपयोग हुआ। वहां से आधुनिक अंग्रेजी का विकास हुआ और अभी भी इसमें अनेक भाषाओँ से विदेशी शब्दों को अपनाने और साथ ही साथ नए शब्दों को गढ़ने की प्रक्रिया निरंतर जारी है। एक बड़ी मात्र में अंग्रेजी के शब्दों, खासकर तकनीकी शब्दों, का गठन प्राचीन ग्रीक और लैटिन की जड़ों पर आधारित है। .

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