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आइएनएस किलतान

सूची आइएनएस किलतान

आइ॰एन॰एस किलतान (P30) भारतीय नौसेना  का एक पनडुब्बी रोधी लघु युद्धपोत (कार्वेट) है, जिसे परियोजना 28 के तहत बनाया गया है। यह भारतीय नौसेना द्वारा अन्तर्ग्रहण के विभिन्न चरणों में कमोर्ता श्रेणी के चार युद्धपोतों में से तीसरा है। यह पोत गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स, कोलकाता द्वारा बनाया गया है, तथा 26 मार्च 2013 को इसका जलावतरण किया गया था। किलतान भारतीय नौसेना द्वारा किया जाने वाला स्थानीयकरण का प्रतिनिधि प्रयास है जिसमें प्रयुक्त 90% सामग्री भारत में ही तैयार की गई है। .

14 संबंधों: टॉरपीडो, द्वीपसमूह, देवेन्द्र कुमार जोशी, परियोजना 28- पनडुब्‍बीरोधी युद्धक कॉर्वेट, प्रवाल द्वीप, भारतीय नौसेना, युद्धपोत, रॉकेट, लक्षद्वीप, शस्त्र, गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एण्ड इंजीनियर्स लिमिटेड, आईएनएस कदमट्ट, आईएनएस कमोर्टा, कॉर्वेट

टॉरपीडो

तॉरपीडो तारपीडो (Toropedo) एक स्वचलित विस्पोटक प्रक्षेपास्त्र है जिसे किसी पोत से जल की सतह के ऊपर या नीचे दागा जा सकता है। यह प्रक्षेपास्त्र जल सतह के नीचे ही चलता है। लक्ष्य से टकराने से अथवा समीप आने पर इसमे विस्पोट हो जाता है। तारपीडो अंतर्जलीय (.

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द्वीपसमूह

भारत के पड़ौसी देश बर्मा में स्थित मेरगुई द्वीपसमूह द्वीपसमूह किसी सागर, महासागर या झील में स्थित द्वीपों की शृंखला को कहते हैं। भारत के अण्डमान, निकोबार और लक्षद्वीप द्वीपसमूहों के उदहारण हैं। .

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देवेन्द्र कुमार जोशी

एडमिरल देवेन्द्र कुमार जोशी(जन्म: 4 जुलाई 1954) भारत के २१वें नौसेनाध्यक्ष थे। वे 31 अगस्त 2012 से 26 फ़रवरी 2014 तक इस पद रहे। उन्होंने एडमिरल निर्मल वर्मा से यह पदभार ग्रहण किया था तथा उनके त्यागपत्र के पश्चात् वाइस एडमिरल रॉबिन धवन इस पद पर आए। .

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परियोजना 28- पनडुब्‍बीरोधी युद्धक कॉर्वेट

परियोजना 28 भारतीय नौसेना की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक है जिसके अंतर्गत 4 स्‍टेल्‍थ पनडुब्‍बीरोधी (एंटी-सबमरीन) युद्धक कॉर्वेट्स बनाए जाएंगे। इस परियोजना के अंतर्गत निर्मित प्रथम पोत आईएनएस कामोर्ता को 23 अगस्त 2014 को नौसेना में शामिल किया गया। 7852 करोड़ रु० की लागत वाली इस परियोजना का संचालन भारतीय नौसेना के नौसेना डिज़ाइन निदेशालय द्वारा किया जा रहा है तथा पोतों का निर्माण गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एण्ड इंजीनियर्स लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है। .

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प्रवाल द्वीप

प्रशांत महासागर में टोकेलाऊ में https://www.google.co.in/maps/place/%E0%A4%9F%E0%A5%8B%E0%A4%95%E0%A5%87%E0%A4%B2%E0%A4%BE%E0%A4%8A/@-9.166827,-171.8882544,12z/data.

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भारतीय नौसेना

भारतीय नौसेना(Indian Navy) भारतीय सेना का सामुद्रिक अंग है जो कि ५६०० वर्षों के अपने गौरवशाली इतिहास के साथ न केवल भारतीय सामुद्रिक सीमाओं अपितु भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति की भी रक्षक है। ५५,००० नौसेनिकों से लैस यह विश्व की पाँचवी सबसे बड़ी नौसेना भारतीय सीमा की सुरक्षा को प्रमुखता से निभाते हुए विश्व के अन्य प्रमुख मित्र राष्ट्रों के साथ सैन्य अभ्यास में भी सम्मिलित होती है। पिछले कुछ वर्षों से लागातार आधुनिकीकरण के अपने प्रयास से यह विश्व की एक प्रमुख शक्ति बनने की भारत की महत्त्वाकांक्षा को सफल बनाने की दिशा में है। जून २०१६ से एडमिरल सुनील लांबा भारत के नौसेनाध्यक्ष हैं। .

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युद्धपोत

विलियम वैन डे वेल्डे द यंगर द्वारा कैनन शॉट 17 वीं सदी के लाइन के डच जहाज़ को प्रदशित कर रहा है युद्धपोत एक ऐसा जलयान है जिसका निर्माण युद्ध करने के लिए किया गया हो। युद्धपोतों का निर्माण आमतौर पर व्यापारिक जलयानों से पूर्णतया भिन्न रूप से होता है। सशस्त्र होने के साथ ही साथ युद्धपोत की रचना उसको होने वाली क्षति को सहने के लिए भी की जाती है, साथ ही वे व्यापारिक जलयानों की तुलना में अधिक तेज तथा आसानी से मुड़ सकने वाले होते हैं। एक व्यापारिक जलयान के विपरीत, एक युद्धपोत आमतौर पर केवल अपने स्वयं के चालक दल के लिए हथियार, गोला बारूद, तथा आपूर्ति को ढोता है (न कि व्यापारिक माल).

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रॉकेट

अपोलो १५ अंतरिक्ष यान का प्रक्षेपण रॉकेट एक प्रकार का वाहन है जिसके उड़ने का सिद्धान्त न्यूटन के गति के तीसरे नियम क्रिया तथा बराबर एवं विपरीत प्रतिक्रिया पर आधारित है। तेज गति से गर्म वायु को पीछे की ओर फेंकने पर रॉकेट को आगे की दिशा में समान अनुपात का बल मिलता है। इसी सिद्धांत पर कार्य करने वाले जेट विमान, अंतरिक्ष यान एवं प्रक्षेपास्त्र विभिन्न प्रकार के राकेटों के उदाहरण हैं। रॉकेट के भीतर एक कक्ष में ठोस या तरल ईंधन को आक्सीजन की उपस्थिति में जलाया जाता है जिससे उच्च दाब पर गैस उत्पन्न होती है। यह गैस पीछे की ओर एक संकरे मुँह से अत्यन्त वेग के साथ बाहर निकलती है। इसके फलस्वरूप जो प्रतिक्रिया उत्पन्न होती है वह रॉकेट को तीव्र वेग से आगे की ओर ले जाती है। अंतरिक्ष यानों को वायुमंडल से ऊपर उड़ना होता है इसलिए वे अपना ईंधन एवं आक्सीजन लेकर उड़ते हैं। जेट विमान में केवल ईँधन रहता है। जब विमान चलना प्रारम्भ करता है तो विमान के सिरे पर बने छिद्र से बाहर की वायु इंजन में प्रवेश करती है। वायु के आक्सीजन के साथ मिलकर ईँधन अत्यधिक दबाव पर जलता है। जलने से उत्पन्न गैस का दाब बहुत अधिक होता है। यह गैस वायु के साथ मिलकर पीछे की ओर के जेट से तीव्र वेग से बाहर निकलती है। यद्यपि गैस का द्रव्यमान बहुत कम होता है किन्तु तीव्र वेग के कारण संवेग और प्रतिक्रिया बल बहुत अधिक होता है। इसलिए जेट विमान आगे की ओर तीव्र वेग से गतिमान होता है। रॉकेट का इतिहास १३वी सदी से प्रारंभ होता है। चीन में राकेट विद्या का विकास बहुत तेज़ी से हुआ और जल्दी ही इसका प्रयोग अस्त्र के रूप में किया जाने लगा। मंगोल लड़ाकों के द्वारा रॉकेट तकनीक यूरोप पहुँची और फिर विभिन्न शासकों द्वारा यूरोप और एशिया के अन्य भागों में प्रचलित हुई। सन १७९२ में मैसूर के शासक टीपू सुल्तान ने अंग्रेज सेना के विरुद्ध लोहे के बने रॉकेटों का प्रयोग किया। इस युद्ध के बाद अंग्रेज सेना ने रॉकेट के महत्त्व को समझा और इसकी तकनीक को विकसित कर विश्व भर में इसका प्रचार किया। स्पेस टुडे पर--> .

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लक्षद्वीप

कोई विवरण नहीं।

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शस्त्र

भारत में प्रयुक्त मध्ययुगीन हथियार कोई भी उपकरण जिसका प्रयोग अपने शत्रु को चोट पहुँचाने, वश में करने या हत्या करने के लिये किया जाता है, शस्त्र या आयुध (weapon) कहलाता है। शस्त्र का प्रयोग आक्रमण करने, बचाव करने अथवा डराने-धमकाने के लिये किया जा सकता है। शस्त्र एक तरफ लाठी जितना सरल हो सकता है तो दूसरी तरफ बैलिस्टिक प्रक्षेपास्त्र जितना जटिल भी। .

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गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एण्ड इंजीनियर्स लिमिटेड

गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एण्ड इंजीनियर्स लिमिटेड का यार्ड में एक नया जहाझ। गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एण्ड इंजीनियर्स लिमिटेड (Garden Reach Shipbuilders and Engineers / GRSE)) भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के नियंत्रणाधीन एक सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम है। यह कोलकाता में स्थित है। यह भारतीय नौसेना के पोतों से लेकर व्यापारिक जलपोतों तक का निर्माण एवं मरम्मत करते हैं। 20 हैक्टेयर के क्षेत्र में फैले जीआरएसई का अगला भाग करीब 1 किलोमीटर तक नदी से घिरा हुआ है। .

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आईएनएस कदमट्ट

आईएनएस कदमट्ट भारतीय नौसेना का एक पनडुब्बी निरोधी युद्धपोत है जिसका जलावतरण 7 जनवरी 2016 को किया गया। यह परियोजना 28 (प्रोजेक्ट 28, पी28) के अंतर्गत दूसरा पोत है। http://pib.nic.in/newsite/hindirelease.aspx?relid.

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आईएनएस कमोर्टा

आईएनएस कमोर्टा भारतीय नौसेना का स्‍टेल्‍थ पनडुब्‍बीरोधी कॉर्वेट युद्धपोत है जिसे 23 अगस्त 2014 को नौसेना में शामिल किया गया। .

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कॉर्वेट

कॉर्वेट (corvette) एक छोटे आकार की युद्धपोत (नौका) को बोलते हैं। यह युद्धपोतों की (आकार में) सबसे छोटी श्रेणी मानी जाती है। इस से बड़ी युद्धपोतों को फ़्रिगट (frigate) बोलते हैं। आधुनिक काल में कॉर्वेटें ५०० से २००० टन के बीच के आकार की होती हैं। .

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