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1 संबंध: दीर्घवृत्त।
- कक्षाएँ (भौतिकी)
दीर्घवृत्त
कार्तीय निर्देशांक पद्धति में '''दीर्घवृत्त''' गणित में दीर्घवृत्त एक ऐसा शांकव होता है जिसकी उत्केन्द्रता इकाई से कम होती है। एक अन्य परिभाषा के अनुसार, दीर्घवृत्त ऐसे बिन्दुओं का बिन्दुपथ है जिनकी दो निश्चित बिन्दुओं से दूरी का योग सदैव अचर रहता है। इन निश्चित बिन्दुओं को दीर्घवृत्त की नाभियाँ (Focus) कहते हैं। माना जाता है कि पृथ्वी सहित कई ग्रह सूर्य के चारों ओर एक दीर्घवृत्तीय कक्षा में घूमते हैं और इस दीर्घवृत्त की एक नाभि पर सूर्य अवस्थित होता है। दीर्घवृत्त इस प्रकार, यह एक वृत्त का सामान्यीकृत रूप होता है। वृत्त एक विशेष प्रकार का दीर्घवृत्त होता है जिसमें दोनों नाभियाँ एक ही स्थान पर होती हैं। एक दीर्घवृत्त का आकार इसकी उत्केन्द्रता से दर्शाया जाता है, जिसका मान दीर्घवृत्त के लिए 0 से लेकर 1 के मध्य होता है। यदि किसी दीर्घवृत्त की उत्केन्द्रता 0 हो तो वह दीर्घवृत्त, एक वृत्त होता है। .
देखें अर्ध दीर्घ अक्ष और दीर्घवृत्त
यह भी देखें
कक्षाएँ (भौतिकी)
- आरोही ताख का रेखांश
- उपमन्द कोणांक
- औसत अनियमितता
- कक्षा (भौतिकी)
- कक्षीय अवधि
- कक्षीय झुकाव
- कक्षीय राशियाँ
- कक्षीय विकेन्द्रता
- केप्लर के ग्रहीय गति के नियम
- जड़त्वीय फ्रेम
- ज्वारबंधन
- दीर्घवृत्त कक्षा
- दो-वस्तु समस्या
- परिक्रमण गति
- पलायन वेग
- प्रतिगामी चाल
- मन्द
- रेडियल वेग
- वृत्ताकार कक्षा
- सन्दर्भ समतल
- समकालिक कक्षा
अर्ध-दीर्घ-अक्ष, अर्ध्य-मुख्य अक्ष के रूप में भी जाना जाता है।