लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
डाउनलोड
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

३१ जनवरी

सूची ३१ जनवरी

31 जनवरी ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 31वाँ दिन है। साल में अभी और 334 दिन बाकी हैं (लीप वर्ष में 335)। .

21 संबंधों: एक कहानी यह भी, नाउरु, बरमूडा त्रिभुज, बांग्लादेश के राष्ट्रपति, बांग्लादेश के राष्ट्रपतिगण की सूची, बिहार के राज्यपालों की सूची, रतन नवल टाटा, रामस्वामी वेंकटरमण, राष्ट्रमण्डल बैंक शृंखला २००७-०८, राष्ट्रीय दिवस, राजेश विवेक, वेन ब्लैक, कुट्टी, अमृता अरोड़ा, उत्तरी सागर बाढ़ १९५३, उपग्रह, १९१९, १९४७, १९७५, १९८१, २०१२

एक कहानी यह भी

एक कहानी यह भी पुस्तक में लेखिका मन्नू भंडारी ने अपने लेखकीय जीवन की कहानी उतार दी हैं। यह उनकी आत्मकथा तो नहीं है, लेकिन इसमें उनके भावात्मक और सांसारिक जीवन के उन पहलुओं पर भरपूर प्रकाश पड़ता है जो उनकी रचना-यात्रा में निर्णायक रहे। एक ख्यातनामा लेखक की जीवन-संगिनी होने का रोमांच और एक जिद्दी पति की पत्नी होने की बाधाएँ, एक तरफ अपनी लेखकीय जरूरतें (महत्त्वाकांक्षाएँ नहीं) और दूसरी तरफ एक घर को सँभालने का बोझिल दायित्व, एक मधुर आम आदमी की तरह जीवन की चाह और महान उपल्ब्धियों के लिए ललकता, आसपास का साहित्यिक वातावरण—ऐसा कई-कई विरोधाभासों के बीच से मन्नूजी लगातार गुजरती रहीं, लेकिन उन्होंने अपनी जिजीविषा, अपनी सादगी, आदमीयत और रचना-संकल्प को नहीं टूटने दिया। आज भी जब वे उतनी मात्रा में नहीं लिख रही हैं, ये चीजें उनके साथ हैं, उनकी सम्पत्ति हैं। यह आत्मस्मरण मन्नूजी की जीवन-स्थितियों के साथ-साथ उनके दौर की कई साहित्यिक-सामाजिक और राजनीतिक परिस्थितियों पर भी रोशनी डालता है और नई कहानी दौर की रचनात्मक बेकली और तत्कालीन लेखकों की ऊँचाइयों-नीचाइयों से भी परिचित करता है। साथ ही उन परिवेशगत स्थितियों को भी पाठक के सामने रखता है जिन्होंने उनकी संवेदना को झकझोरा। मन्नू जी की यह कहानी, उनकी लेखकीय यात्रा के कोई छोटे मोटे उतार चढ़ावों की ही कहानी नहीं है, अपितु जीवन के उन बेरहम झंझावातों और भूकम्पों की कहानी भी है, जिनका एक झोंका, एक झटका ही व्यक्ति को तहस नहस कर देने के लिए काफ़ी होता है। मन्नू जी उन्हें भी झेल गईं। कुछ तड़की, कुछ भड़की -फिर सहज और शान्त बन गईं। आज उन्हीं संघर्षों के बल पर वे उस तटस्थ स्थिति में पहुँच गई हैं, जहाँ उन्हें न दुख सताता है, न सुख ! एक शाश्वत सात्विक भाव में बनीं रहती हैं और शायद इसी कारण वे फिर से लेखन के क्षेत्र में सक्रिय हो गई हैं। .

नई!!: ३१ जनवरी और एक कहानी यह भी · और देखें »

नाउरु

नाउरु, आधिकारिक तौर पर नाउरु गणराज्य, मैक्रोनेशियाई दक्षिण प्रशांत महासागर में स्थित एक द्वीप राष्ट्र है। इसका निकटतम पड़ोसी बनावा द्वीप जो किरिबाती गणराज्य का भाग है, इसके पूर्व मे 300 किमी पर स्थित है। नौरू दुनिया का सबसे छोटा द्वीप राष्ट्र है, इसका क्षेत्रफल केवल 21 किमी² (8.1 वर्ग मील) है, यह विश्व का सबसे छोटा स्वतंत्र गणराज्य और दुनिया में सिर्फ एकमात्र ऐसा गणतांत्रिक राष्ट्र है जिसकी कोई राजधानी नहीं है। URL accessed 2006-05-02.

नई!!: ३१ जनवरी और नाउरु · और देखें »

बरमूडा त्रिभुज

यह, जिसे शैतान के त्रिकोण के रूप में भी जाना जाता है, उत्तर पश्चिम अटलांटिक महासागर का एक क्षेत्र है जिसमे कुछ विमान और सतही त्रुटि (human error) या प्रकृति के कृत्यों (acts of nature) की सीमाओं के परे है। लोकप्रिय संस्कृति ने गायब होने की कुछ घटनाओं को अपसामान्य (paranormal), भौतिकी के नियमों (laws of physics) के निलंबन, या भूमि से परे की जीवित वस्तुओं (extraterrestrial beings)। की गतिविधियों से सम्बद्ध बताया। हालांकि बाद के लेखकों द्वारा अस्पष्ट रूप से सूचित या सृजित अनेक घटनाओं को प्रदर्शित करते हुए वास्तविक दस्तावेज उपलब्ध हैं और अनेक सरकारी एजेंसियों ने समुद्र के अन्य क्षेत्र के समान गायब होने की प्रकृति और उल्लेखित संख्या और दस्तावेजों पर कार्य किया है, परन्तु यथोचित जांच के बाद भी अनेक अवर्णित रह गए हैं। .

नई!!: ३१ जनवरी और बरमूडा त्रिभुज · और देखें »

बांग्लादेश के राष्ट्रपति

बांग्लादेश के राष्ट्रपति का पद गणप्रजातंत्री बांग्लादेश का सर्वोच्च संवैधानिक पद है। वर्तमान नियमों के अनुसार, राष्ट्रपति को बांग्लादेश की राष्ट्रीय संसद द्वारा, खुले चुनाव प्रक्रिया द्वारा निर्वाचित होते हैं। राष्ट्रपति, बांग्लादेश की कार्यपालिका न्यायपालिका एवं विधानपालिका के सर्व शाखाओं के, पारंपरिक, प्रमुख एवं बांग्लादेश के सारे सशस्त्र बलों के सर्वादिनायक हैं। इस पद पर नियुक्त प्रत्येक राष्ट्रपति का कार्यकाल 5 वर्ष होता है। संसदीय बहुमत द्वारा निर्वाचित होने के कारण इस पद पर साधारण तौर पर शासक दल के प्रतिनिधि ही चुने जाते हैं। हालाँकि, एक बार निर्वाचित हो चुके पदाधिकारी चुनाव में पुनः खड़े होने के लिए मुक्त होते हैं। वर्ष 1991 में संसदीय गणतंत्र की शुरुआत से पूर्व, राष्ट्रपति का चुनाव जनता के मतों द्वारा होता था। संसदीय प्रणाली के पुनर्स्थापन के पश्चात से यह पद मूलतः एक पारंपरिक पद रह गया है, जिसकी, विशेषतः कोई सार्थक कार्यकारी शक्तियाँ नहीं हैं। प्रत्येक संसदीय साधारण चुनाव के पश्चात संसद की प्रथम अधिवेशन में राष्ट्रपति अपना उद्घाधाटनी अभिभाषण देते हैं। प्रत्येक वर्ष के प्रथम संसदीय अधिवेशन में भी राष्ट्रपति अपना उद्घाटनी अभिभाषण देते हैं। इसके अतिरिक्त, संसद में पारित हुई किसी भी अधिनियम को कानून बनने के लिए राष्ट्रपति की स्वीकृति प्राप्त करना आवश्यक होता है। इसके अलावा राष्ट्रपति अपने विवेक पर क्षमादान भी दे सकते हैं। सन 1956 में संसद में नए कानून पारित किए, जिनके द्वारा राष्ट्रपति की, संसद के भंग होने के बाद की कार्यकारी शक्तियों को, संवैधानिक प्रावधानों के अंतर्गत बढ़ाया गया था। बांग्लादेश के राष्ट्रपति आधिकारिक तौर पर ढाका के बंगभवन में निवास करते हैं। कार्यकाल समाप्त होने के बाद भी वह अपने पद पर तब तक विराजमान रहते हैं जब तक उनका उत्तराधिकारी पद पर स्थापित नहीं हो जाता। .

नई!!: ३१ जनवरी और बांग्लादेश के राष्ट्रपति · और देखें »

बांग्लादेश के राष्ट्रपतिगण की सूची

बांग्लादेश के राष्ट्रपतियों की सूची .

नई!!: ३१ जनवरी और बांग्लादेश के राष्ट्रपतिगण की सूची · और देखें »

बिहार के राज्यपालों की सूची

कोई विवरण नहीं।

नई!!: ३१ जनवरी और बिहार के राज्यपालों की सूची · और देखें »

रतन नवल टाटा

रतन नवल टाटा (28 दिसंबर 1937, को मुम्बई, में जन्मे) टाटा समुह के वर्तमान अध्यक्ष, जो भारत की सबसे बड़ी व्यापारिक समूह है, जिसकी स्थापना जमशेदजी टाटा ने की और उनके परिवार की पीढियों ने इसका विस्तार किया और इसे दृढ़ बनाया। 1971 में रतन टाटा को राष्ट्रीय रेडियो और इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी लिमिटेड (नेल्को) का डाईरेक्टर-इन-चार्ज नियुक्त किया गया, एक कंपनी जो कि सख्त वित्तीय कठिनाई की स्थिति में थी। रतन ने सुझाव दिया कि कम्पनी को उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स के बजाय उच्च-प्रौद्योगिकी उत्पादों के विकास में निवेश करना चाहिए जेआरडी नेल्को के ऐतिहासिक वित्तीय प्रदर्शन की वजह से अनिच्छुक थे, क्यों कि इसने पहले कभी नियमित रूप से लाभांश का भुगतान नहीं किया था। इसके अलावा, जब रतन ने कार्य भार संभाला, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स नेल्को की बाज़ार में हिस्सेदारी २% थी और घाटा बिक्री का ४०% था। फिर भी, जेआरडी ने रतन के सुझाव का अनुसरण किया। 1972 से 1975 तक, अंततः नेल्को ने अपनी बाज़ार में हिस्सेदारी २०% तक बढ़ा ली और अपना घाटा भी पूरा कर लिया। लेकिन 1975 में, भारत की प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी ने आपात स्थिति घोषित कर दी, जिसकी वजह से आर्थिक मंदी आ गई। इसके बाद 1977 में यूनियन की समस्यायें हुईं, इसलिए मांग के बढ़ जाने पर भी उत्पादन में सुधार नहीं हो पाया। अंततः, टाटा ने यूनियन की हड़ताल का सामना किया, सात माह के लिए तालाबंदी (lockout) कर दी गई। रतन ने हमेशा नेल्को की मौलिक दृढ़ता में विश्वास रखा, लेकिन उद्यम आगे और न रह सका। 1977 में रतन को Empress Mills सोंपा गया, यह टाटा नियंत्रित कपड़ा मिल थी। जब उन्होंने कम्पनी का कार्य भार संभाला, यह टाटा समुह की बीमार इकाइयों में से एक थी। रतन ने इसे संभाला और यहाँ तक की एक लाभांश की घोषणा कर दी। चूँकि कम श्रम गहन उद्यमों की प्रतियोगिता ने इम्प्रेस जैसी कई उन कंपनियों को अलाभकारी बना दिया, जिनकी श्रमिक संख्या बहुत ज्यादा थी और जिन्होंने आधुनिकीकरण पर बहुत कम खर्च किया था रतन के आग्रह पर, कुछ निवेश किया गया, लेकिन यह पर्याप्त नहीं था। चूंकि मोटे और मध्यम सूती कपड़े के लिए बाजार प्रतिकूल था (जो कि एम्प्रेस का कुल उत्पादन था), एम्प्रेस को भारी नुकसान होने लगा। बॉम्बे हाउस, टाटा मुख्यालय, अन्य ग्रुप कंपनिओं से फंड को हटाकर ऐसे उपक्रम में लगाने का इच्छुक नहीं था, जिसे लंबे समय तक देखभाल की आवश्यकता हो। इसलिए, कुछ टाटा निर्देशकों, मुख्यतः नानी पालखीवाला (Nani Palkhivala) ने ये फैसला लिया कि टाटा को मिल समाप्त कर देनी चाहिए, जिसे अंत में 1986 में बंद कर दिया गया। रतन इस फैसले से बेहद निराश थे और बाद में हिन्दुस्तान टाईम्स के साथ एक साक्षात्कार में उन्होंने दावा किया कि एम्प्रेस को मिल जारी रखने के लिए सिर्फ़ ५० लाख रुपये की जरुरत थी। वर्ष 1981 में, रतन टाटा इंडस्ट्री््ज और समूह की अन्य होल्डिंग कंपनियों के अध्यक्ष बनाए गए, जहाँ वे समूह के कार्यनीतिक विचार समूह को रूपांतरित करने के लिए उत्तरदायी तथा उच्च प्रौद्योगिकी व्यापारों में नए उद्यमों के प्रवर्तक थे। 1991 में उन्होंने जेआरडी से ग्रुप चेयर मेन का कार्य भार संभाला.

नई!!: ३१ जनवरी और रतन नवल टाटा · और देखें »

रामस्वामी वेंकटरमण

रामस्वामी वेंकटरमण, (रामास्वामी वेंकटरमन, रामास्वामी वेंकटरामण या रामास्वामी वेंकटरमण)(४ दिसंबर १९१०-२७ जनवरी २००९) भारत के ८वें राष्ट्रपति थे। वे १९८७ से १९९२ तक इस पद पर रहे। राष्ट्रपति बनने के पहले वे ४ वर्षों तक भारत के उपराष्ट्रपति रहे। मंगलवार को २७ जनवरी को लंबी बीमारी के बाद उनका निधन हो गया। वे ९८ वर्ष के थे। राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री समेत देश भर के अनेक राजनेताओं ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने २:३० बजे दिल्ली में सेना के रिसर्च एंड रेफरल हॉस्पिटल में अंतिम साँस ली। उन्हें मूत्राशय में संक्रमण (यूरोसेप्सिस) की शिकायत के बाद विगत १२ जनवरी को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वे साँस संबंधी बीमारी से भी पीड़ित थे। उनका कार्यकाल १९८७ से १९९२ तक रहा। राष्ट्रपति पद पर आसीन होने से पूर्व वेंकटरमन करीब चार साल तक देश के उपराष्ट्रपति भी रहे। .

नई!!: ३१ जनवरी और रामस्वामी वेंकटरमण · और देखें »

राष्ट्रमण्डल बैंक शृंखला २००७-०८

राष्ट्रमण्डल बैंक शृंखला का चिन्ह् राष्ट्रमण्डल बैंक श्रंखला एक दिनी अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट प्रतियोगिता है, जिसका आयोजन ऑस्ट्रेलिया में २००७-२००८ के दौरान किया गया। इस महत्वपूर्ण प्रतियोगिता मैं तीन देश भाग लिया- (१) ऑस्ट्रेलिया, (२) भारत और (३) श्रीलंका। .

नई!!: ३१ जनवरी और राष्ट्रमण्डल बैंक शृंखला २००७-०८ · और देखें »

राष्ट्रीय दिवस

ब्राजील की स्वतन्त्रता मनाने के लिये ''आजादी या मौत'' नामक प्रसिद्ध पेंटिंग राष्ट्रीय दिवस किसी देश द्वारा घोषित वह दिन या तिथि होती है जिस दिन कोई भूभाग राष्ट्र के रूप में उदित हुआ। प्रायः इस दिन सार्वजनिक छुट्टी होती है। .

नई!!: ३१ जनवरी और राष्ट्रीय दिवस · और देखें »

राजेश विवेक

राजेश विवेक (३१ जनवरी, १९४९ से १४ जनवरी, २०१६)भारतीय नाटक अभिनेता थे जो लगान नामक फ़िल्म में अपने ज्योतिषी गुरन अथवा स्वदेश में डाकिये के अभिनय के लिए जाने जाते हैं। इसके अतिरिक्त लोकप्रिय भारतीय धारावाहिक महाभारत में उन्होंने महाभारत के रचयिता वेदव्यास का अभिनय किया था। उन्होंने वीराना और जोशीले जैसी फ़िल्मों में खलनायक की भूमिका में भी अभिनय किया। इसके अतिरिक्त उन्होंने मुझसे शादी करोगी, वॉट्स यॉर राशी? और बंटी और बबली जैसी फ़िल्मों में अभिनय किया। राजेश ने टीवी धारावाहिक भारत एक खोज में भी उल्लेखनीय अभिनय किया। .

नई!!: ३१ जनवरी और राजेश विवेक · और देखें »

वेन ब्लैक

श्रेणी:टेनिस खिलाड़ी श्रेणी:पुरुष टेनिस खिलाड़ी.

नई!!: ३१ जनवरी और वेन ब्लैक · और देखें »

कुट्टी

चित्रकार कार्टूनिस्ट कुट्टी का जन्म १९२१ में केरल में हुआ। अपनी पढ़ाई के दौरान ही कुट्टी को राजनीतिक कार्टूनों में रूचि पैदा हो गई थी। कुट्टी उस समय के अंग्रेज़़ी शासन में उपलब्ध पत्र पत्रिकाओं में छापे कार्टूनों को बड़े चाव से देखते थे और उन्हें दोबारा बनाकर अपने साथियों का मनोरन्जन भी करते थे। इसी तरह कार्टून बनाते हुए कुट्टी इस काम में माहिर हो गए। .

नई!!: ३१ जनवरी और कुट्टी · और देखें »

अमृता अरोड़ा

अमृता अरोरा हिन्दी फिल्मों की एक अभिनेत्री हैं। इनका जन्म 31 जनवरी 1981 को हुआ था। 2004 मे गर्लफ्रेन्ड फिल्म मे काम किया। .

नई!!: ३१ जनवरी और अमृता अरोड़ा · और देखें »

उत्तरी सागर बाढ़ १९५३

उत्तरी सागर बाढ़, ३१ जनवरी से १ फरवरी, १९५३ को आया एक विनाशकारी तूफ़ान है जिससे तटीय यूरोपीय देशों जैसे इंग्लैंड, नीदरलैंड और बेल्जियम में हजारों लोग बाढ़ की चपेट में आकर मारे गए। डेनमार्क और फ्रांस में भी बाढ़ का प्रभाव देखा गया। ज्वार भाटे और तेज़ हवाओं के चलते समुद्र में ५.६ मीटर ऊँची लहरें उठीं जो तटीय देशों के सभी बाढ़ सुरक्षा प्रबंधों को तोड़ती हुई भीतर तक घुस गयी। आधिकारिक आँकड़ों के अनुसार नीदरलैंड में १,८३५ और ब्रिटेन में ३०७ लोग मारे गए। २८ पश्चिमी फ़्लैंडर्स, बेल्जियम में मारे गए थे। २३० से अधिक की क्षति उत्तरी यूरोपीय तटों के सामानांतर वाटरक्राफ्ट पर हुई और साथ ही उत्तरी सागर के गहरे जल में भी जब फैरी एम वी प्रिंसेस विक्टोरिया बेलफास्ट के पूर्व में स्थित उत्तरी चैनल में डूब गयी जिसमे १३३ लोग मारे गए और बहुत से जालदार जहाज़ भी डूब गए। .

नई!!: ३१ जनवरी और उत्तरी सागर बाढ़ १९५३ · और देखें »

उपग्रह

ERS 2) अन्तरिक्ष उड़ान (spaceflight) के संदर्भ में, उपग्रह एक वस्तु है जिसे मानव (USA 193) .

नई!!: ३१ जनवरी और उपग्रह · और देखें »

१९१९

1919 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

नई!!: ३१ जनवरी और १९१९ · और देखें »

१९४७

1947 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

नई!!: ३१ जनवरी और १९४७ · और देखें »

१९७५

१९७५ ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

नई!!: ३१ जनवरी और १९७५ · और देखें »

१९८१

1981 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

नई!!: ३१ जनवरी और १९८१ · और देखें »

२०१२

२०१२ (MMXII) ग्रेगोरियन कैलेंडर के रविवार को शुरू होने वाला एक अधिवर्ष अथवा लीप ईयर होगा। इस वर्ष को गणितज्ञ ट्यूरिंग, कंप्यूटर के अग्र-दूत और कोड -भंजक, की याद में उनकी सौवीं वर्षगांठ पर एलन ट्यूरिंग वर्ष नामित किया गया है। .

नई!!: ३१ जनवरी और २०१२ · और देखें »

यहां पुनर्निर्देश करता है:

31 जनवरी

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »